NIOS Class 12 Home Science Chapter 8 भोजन तैयार करना

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NIOS Class 12 Home Science Chapter 8 भोजन तैयार करना

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Chapter: 8

मॉड्यूल – 2 खाद्य व पोषण

पाठगत प्रश्न 8.1

1. निम्नांकित के बीच एक समानता एवं एक भेद बतायें:

(i) स्ट्यू करना और खदकाना ______________।

उत्तर: स्ट्यू करना और खदकना-दोनों धीमी आँच पर और कम पानी में पकाये जाते हैं स्ट्यू करने में ढक कर परन्तु खदकाने में बर्तन को खुला रख कर पकाते हैं।

(ii) छीलना और ब्लान्च करना ______________।

उत्तर: 

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छीलनाब्लान्च करना
चाकू की सहायता
से छिलका उतारना
दोनों में छिलका उतारा जाता है।
पहले गर्म पानी फिर ठंडे पानी में
डुबोकर छिलका उतारना

(iii) श्रेडिंग और कद्दूकस करना _______________।

उत्तर: कद्दूकस करना: भोजन को बहुत बरीक टुकड़ों में बदलना।

श्रेडिंग करना: चाकू की सहायता से किया जाता है और कद्दूकस मशीन की सहायता से किया जाता है।

(iv) पीसना और मसलना ________________।

उत्तर: पीसना और मसलना: भोजन को लेई या पेस्ट जैसा बनाना, पिसाई, ग्राइन्डर/मशीन द्वारा की जाती है। 

मसलना: भोजन को मुलायम बनाकर दबाब से पेस्ट बनाते हैं।

2. भोजन पकाने के कोई पाँच कारण बताएँ।

उत्तर: स्वाद, सुरक्षा, मुलायम बनाना, विविधता, आकर्षक और स्वाद/गन्ध।

पाठगत प्रश्न 8.2

1. निम्नलिखित के पकाने की विधियों का नाम लिखें:

(i) सींक कबाब _______________।

उत्तर: स्पिट रोस्टिंग।

(ii) बिस्कुट और केक ______________।

उत्तर: भट्टी में पकाना।

(iii) भूरा टोस्ट ________________।

उत्तर: टोस्टिंग करना।

(iv) पॉप कार्न _______________।

उत्तर: पैन/बर्तन में रोस्ट करना।

2. बताइये कि निम्नांकित कथन सत्य हैं अथवा असत्य।

(i) ग्रिल करना या सेंकना भोजन को शुष्क ताप द्वारा पकाने की विधि है।

उत्तर: सत्य।

(ii) भोजन को वाष्प द्वारा पकाना केवल प्रत्यक्ष विधि द्वारा ही संभव है।

उत्तर: सत्य।

(iii) बेक करते समय भोजन गर्म हवा द्वारा पकता है।

उत्तर: सत्य।

(iv) भोजन को उबालने के लिए पानी का हमेशा उबलते रहना आवश्यक है।

उत्तर: सत्य।

(v) खदकाना कम तापमान पर किया जाता है।

उत्तर: सत्य।

(vi) टोस्टिंग का अर्थ है भोजन को सब ओर से भूरा करना।

उत्तर: सत्य।

(vii) जब भोजन की सीधे आँच पर पकाते हैं तो इसे भूनना कहते हैं।

उत्तर: सत्य।

पाठगत प्रश्न 8.3

1. निम्नलिखित कथनों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

(i) जब भोजन को दो गर्म एलीमेन्ट के बीच रखकर पकाया जाता है तो इस पद्धति को ___________ कहते हैं।

उत्तर: जब भोजन को दो गर्म एलीमेन्ट के बीच रखकर पकाया जाता है तो इस पद्धति को टोस्टिंग कहते हैं।

(ii) जब भोजन को एक गर्म कोष्ठ (चैम्बर) के अन्दर रखकर पकाते हैं तो इसे ____________ कहते हैं। 

उत्तर: जब भोजन को एक गर्म कोष्ठ (चैम्बर) के अन्दर रखकर पकाते हैं तो इसे बेकिंग/भट्टी में पकाना कहते हैं।

(iii) जब भोजन को गर्म पानी में डुबोकर पकाते हैं तो इसे ____________ कहते हैं।

उत्तर: जब भोजन को गर्म पानी में डुबोकर पकाते हैं तो इसे उबालना कहते हैं।

(iv) जब भोजन को गर्म तेल में डुबा कर पकाते हैं तो इसे ___________ कहते हैं।

उत्तर: जब भोजन को गर्म तेल में डुबा कर पकाते हैं तो इसे गहरा तलना कहते हैं। 

(v) जब भोजन को चिकनाई युक्त पैन में पकाते हैं तो इस विधि को ___________ कहते हैं।

उत्तर: जब भोजन को चिकनाई युक्त पैन में पकाते हैं तो इस विधि को उथली विधि से तलना कहते हैं।

(vi) जब भोजन को गर्म भाप द्वारा पकाते हैं तो इसे ____________ कहते हैं।

उत्तर: जब भोजन को गर्म भाप द्वारा पकाते हैं तो इसे भाप द्वारा पकाना कहते हैं।

(vii) जब भोजन को गर्म आँच पर पकाते हैं तो इस विधि को ____________ कहते हैं।

उत्तर: जब भोजन को गर्म आँच पर पकाते हैं तो इस विधि को अंगीठी पर सेंकना/ग्रिलिंग कहते हैं।

(viii) जब भोजन को पकाने के लिए गर्म बालू/राख का उपयोग करते हैं तो इसे ___________ कहते हैं।

उत्तर: जब भोजन को पकाने के लिए गर्म बालू/राख का उपयोग करते हैं तो इसे रोस्ट करना/भूनना कहते हैं।

(ix) जब भोजन को गर्म सूर्य की किरणों के सामने रखकर पकाते हैं तो इसे ____________ कहते हैं।

उत्तर: जब भोजन को गर्म सूर्य की किरणों के सामने रखकर पकाते हैं तो इसे सौर ऊर्जा द्वारा पकाना कहते हैं।

(x) जब भोजन को सील किये हुए बर्त्तन में रखकर पकाते हैं तो इस प्रक्रिाया को ___________ कहते हैं।

उत्तर: जब भोजन को सील किये हुए बर्त्तन में रखकर पकाते हैं तो इस प्रक्रिाया को प्रेशर कुकिंग कहते हैं।

2. गहरी व उथली विधि द्वारा तलने में अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: गहरी विधि से तलना (Deep Frying): इस विधि में भोजन को कड़ाही या गहरे फ्राइंग पैन में गर्म तेल में सुनहरा भूरा होने तक डुबोया जाता है। यह विधि तब उपयोगी साबित होती है जब अधिक मात्रा में भोजन पकाना हो। इस विधि में भोजन को आंशिक रूप से नहीं, बल्कि पूर्ण रूप से गर्म वसा में डुबोया जाता है। स्वादिष्ट समोसे, कटलेट और पूरी जैसे व्यंजन इस विधि द्वारा तले जाते हैं।

उथली विधि से तलना (Shallow Frying): इस विधि में भोजन को उथले बरतन जैसे तवा या फ्राइंग पैन में पकाते हैं। भोजन को आंशिक रूप से तेल में डुबोया जाता है या केवल बाहरी हिस्सा ही तेल के संपर्क में आता है। डोसा, परांठा, और टिक्की जैसे व्यंजन उथली विधि से पकाए जाते हैं।

3. नूडल्स की एक स्वादिष्ट प्लेट तैयार करने में विक्रेता पकाने की किस पद्धति का उपयोग करता है?

उत्तर: नूडल्स (noodles) को तैयार करने में विक्रेता सामान्यतः सॉटे करना (Sautéing) पद्धति का उपयोग करता है। सॉटे करने की विधि में केवल बरतन को चिकना करने के लिए कम से कम तेल का उपयोग किया जाता है। भोजन को एकसार पकाने के लिए समय-समय पर पलटा जाता है। यह एक लाभदायक विधि है जिसमें भोजन के पोषक तत्व और स्वाद बना रहता है।

4. भोजन को तलते समय सावधानियों की सूची बनायें।

उत्तर: भोजन को तलते समय निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए-

(i) कड़ाही को दो तिहाई भाग से अधिक न भरें।

(ii) तेल में धुंआ उठने पर तुरंत आँच धीमी कर दें।

(iii) भोजन को सावधानी से कड़ाही में पलटना चाहिए ताकि गर्म तेल के छींटे न पड़ें।

(iv) तलने के बाद भोजन से अतिरिक्त चिकनाई को पौनी की सहायता से निकाल दें।

(v) भोजन को अधिक न तलें।

(vi) एक ही तेल/घी का बार-बार प्रयोग स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है।

5. सही उत्तर पर निशान (√) लगायें।

(क) माइक्रोवेव द्वारा भोजन पकाने में प्रयुक्त होती है उच्च आवृत्ति वाली

(i) विद्युत चुम्बकीय किरणें।

(ii) विद्युत किरणें।

(iii) इन्फ्रारेड किरणें।

(iv) पराबैंगनी किरणें।

उत्तर: (i) विद्युत चुम्बकीय किरणें।

(ख) सौर ऊर्जा द्वारा भोजन पकाने में, भोजन को डिब्बों में बंद करके रखते हैं. जिनका रंग होता है-

(i) लाल।

(ii) काला।

(iii) सफेद

(iv) पीला।

उत्तर: (ii) काला।

पाठगत प्रश्न 8.4

1. सही उत्तर पर (√) निशान लगायें:

(i) हरी पत्तेदार सब्जियों का पकाते समय (विटामिन C/लौह तत्त्व) नष्ट हो जाता है।

उत्तर: हरी पत्तेदार सब्जियों का पकाते समय विटामिन C नष्ट हो जाता है।

(ⅱ) आलू को उबालने से पहले (छीलना/धोना) चाहिए।

उत्तर: आलू को उबालने से पहले धोना चाहिए।

(iii) (खुले/बन्द) बर्तन में भोजन पकाने से पोषक तत्त्व सुरक्षित रहते हैं।

उत्तर: बन्द बर्तन में भोजन पकाने से पोषक तत्त्व सुरक्षित रहते हैं।

(iv) जिस पानी में चावल भिगोया गया हो उसे (फेंक देना चाहिये/प्रयोग करना चाहिये)।

उत्तर: जिस पानी में चावल भिगोया गया हो उसे प्रयोग करना चाहिये।

(v) पोषक तत्त्वों को सुरक्षित रखने के लिए सब्जियों के (बड़े/ छोटे) टुकड़े काटने चाहिये।

उत्तर: पोषक तत्त्वों को सुरक्षित रखने के लिए सब्जियों के बड़े टुकड़े काटने चाहिये।

पाठगत प्रश्न 8.5

1. कॉलम A व B के कथनों में मिलान कीजिये:

(i) दूध और अनाज(a) पालक की खिचड़ी
(ii) दाल और अनाज(b) फलों का कस्टर्ड
(iii) दाल और सब्जी(c) चावल की खीर।
(iv) अनाज और सब्जी(d) डोसा
(v) दाल, अनाज और सब्जी(e) पौष्टिक नमकीन दलिया
(vi) दूध और फल(f) सब्जियों का भरवाँ चीला

उत्तर:

(i) दूध और अनाज(c) चावल की खीर।
(ii) दाल और अनाज(d) डोसा
(iii) दाल और सब्जी(f) सब्जियों का भरवाँ चीला
(iv) अनाज और सब्जी(e) पौष्टिक नमकीन दलिया
(v) दाल, अनाज और सब्जी(a) पालक की खिचड़ी
(vi) दूध और फल(b) फलों का कस्टर्ड

2. निम्नांकित पदार्थों में पोषणात्मक वृद्धि की विधि का नाम बताइये:

(क) मुलायम स्पंजी ढोकला _________________।

उत्तर: मुलायम स्पंजी ढोकला: खमीरीकरण।

(ख) आयोडीन युक्त नमक _________________।

उत्तर: आयोडीन युक्त नमक: संवृद्धि।

(ग) अंकुरित दाल की चाट _________________।

उत्तर: अंकुरित दाल की चाट: अंकुरण।

(घ) सब्जी वाली खिचड़ी __________________।

उत्तर: सब्जी वाली खिचड़ी: सम्मिश्रण।

3. निम्नांकित खाद्य पदार्थों में भोजन को पकाने के फलस्वरूप उत्पन्न हुए दो-दो परिवर्तनों के नाम लिखिये।

(क) चावल।

उत्तर: मुलायम और सफेद फूले हुए।

(ख) मछली।

उत्तर: मुलायम कम गंध वाले।

(ग) गेहूँ की रोटी।

उत्तर: रंग-गहरा, स्पर्श-कुरकुरा स्वाद पहले से ज्यादा मीठा।

(घ) सेब।

उत्तर: मुलायम और गहरा।

(ङ) धुली मूंगदाल उबालने पर।

उत्तर: मुलायम और गाढ़ा।

पाठान्त प्रश्न

1. भोजन के पोषक मूल्यों में घरेलू स्तर और औद्योगिक स्तर पर वृद्धि करने की विभिन्न विधियों को उदाहरण सहित समझाइये।

उत्तर: भोजन के पोषक मूल्यों की क्षति को कम किया जा सकता है, और वास्तव में, कुछ विधियों का उपयोग करके उनके पोषक मूल्यों में वृद्धि भी की जा सकती है। यह वृद्धि घरेलू स्तर पर और औद्योगिक स्तर पर की जाती है।

घरेलू स्तर पर पोषक मूल्यों में वृद्धि करने की विधियाँ:

ये विधियाँ सदियों पुरानी हैं और इन्हें निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:

(i) अंकुरण (Sprouting): यह विधि साबुत दालों (जैसे साबुत मूँग, चना, मोठ) और साबुत अनाजों (जैसे गेहूँ के दाने) के लिए उपयोग की जाती है।

प्रभाव: यह विटामिन C और विटामिन B कॉम्प्लेक्स में बढ़ोत्तरी करता है। इसके अलावा, लौह तत्व शरीर के उपयोग के लिए अधिक उपलब्ध हो जाता है, भोजन सुपाच्य बनता है, और पकाना आसान हो जाता है।

(ii) खमीरीकरण (Fermentation): इस विधि में गूँथा हुआ आटा/मैदा, दही, अनाज और दाल का संयोजन, और पेय पदार्थ शामिल हैं।

प्रभाव: यह विटामिन B कॉम्प्लेक्स और विटामिन C में वृद्धि करता है। यह भोजन को अधिक पाचक बनाता है क्योंकि प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट सरल रूपों में विखंडित हो जाते हैं। यह एक विशेष प्रकार का स्वाद भी देता है और लौह तत्व एवं कैल्शियम की उपलब्धता में वृद्धि करता है।

(iii) सम्मिश्रण (Blending/Combination): यह विधि खाद्य पदार्थों के सम्मिश्रण का परिणाम है। उदाहरण: अनाज और दालें, अनाज और दूध, दाल और दूध का संयोजन।

उदाहरण व्यंजन: खीर, हलवा, खिचड़ी, इडली, डोसा।

प्रभाव: विभिन्न खाद्य वर्गों के खाद्य पदार्थों के मिलने से भोजन के कुल पोषण मूल्यात्मक मूल्य में वृद्धि होती है। (नोट: अंकुरण और खमीरीकरण विधियों द्वारा बिना किसी अतिरिक्त व्यय के पोषक मूल्यों में वृद्धि होती है, जबकि सम्मिश्रण संतुलित आहार प्राप्त करने का सस्ता तरीका है)।

औद्योगिक स्तर पर पोषक मूल्यों में वृद्धि करने की विधियाँ:

(i) संवृद्धि करना (Fortification): यह वह प्रक्रिया है जिसमें वनस्पति तेलों को विटामिन A और D द्वारा संवृद्ध किया जाता है, और नमक को आयोडीन द्वारा संवृद्ध किया जाता है।

(ii) गुणवत्ता वृद्धि (Enrichment): यह विनिर्मित खाद्य उत्पादों द्वारा किया जाता है।

2. भोजन पकाने की निम्नांकित विधियों पर उदाहरण सहित संक्षिप्त टिप्पणी लिखियेः

(क) उबालना।

उत्तर: उबालना (Boiling): इस विधि में, खाद्य पदार्थ को गर्म पानी की पर्याप्त मात्रा में डुबोकर, क्वथनांक ताप (100°C या 212°F) पर उबाला जाता है। यह तापमान भोजन के पकने तक बनाए रखा जाता है। उदाहरण: आलू उबालना।

विशेषता: यह किसी भी कड़े/सख्त भोज्य पदार्थ को मुलायम बना सकता है। पोषक तत्वों की क्षति से बचने के लिए, भोजन को छिलके सहित उबालना चाहिए और वाष्पन से होने वाली हानि से बचने के लिए ढके हुए बर्तनों में उबालना चाहिए।

(ख) स्ड्यू करना।

उत्तर: स्ड्यू करना (Stewing): यह ढक्कनदार बर्तन में भोजन पकाने की एक सरल विधि है। भोज्य पदार्थ को थोड़े पानी में, धीमी आँच पर (लगभग 98°C) पकाया जाता है। बर्तन में उत्पन्न होने वाली भाप भोजन को मुलायम बनाने और पकाने में सहायक होती है। उदाहरण: मांस के नरम टुकड़ों, सब्जियों, और फलों जैसे सेब और आड़ू को पकाने में इसका उपयोग किया जाता है।

सावधानी: स्ट्यू करते समय भोजन को उबालना नहीं चाहिए, क्योंकि यह भोजन को नष्ट कर देता है।

(ग) खदकाना।

उत्तर: खदकाना (Simmering): इस विधि में, भोज्य पदार्थ को क्वथनांक ताप (100°C) से कम तापमान पर (95°–98°F) पानी के माध्यम से पकाते हैं। इसमें आँच धीमी रखी जाती है, इसलिए अधिक मात्रा में पानी की आवश्यकता नहीं होती है, और बर्तन को ढँकना नहीं चाहिए ताकि तापमान बढ़ न सके। उदाहरण: कढ़ी और खीर बनाने में इस विधि का प्रयोग होता है।

(घ) भाप द्वारा पकाना।

उत्तर: भाप द्वारा पकाना (Steaming): इस विधि में, पानी द्वारा उत्पन्न भाप ही भोजन को पकाने के माध्यम के रूप में कार्य करती है, और भोजन सीधे पानी के संपर्क में नहीं आता।

इसकी तीन विधियाँ हैं-

(i) अप्रत्यक्ष विधि: भोज्य पदार्थ को छोटे बर्तन में ढक्कन बंद करके, बड़े बर्तन में उबलते पानी के ऊपर रखा जाता है। भोजन अपनी ही जल में पक जाता है।

(ii) प्रत्यक्ष विधि: एक बड़े, खौलते हुए पानी के बर्तन के मुँह पर छलनी (जाली) या मलमल का कपड़ा बाँधकर खाद्य पदार्थ को उस पर रखकर ढक्कन से ढँक दिया जाता है।

(iii) प्रेशर कुकिंग: भाप का दबाव बढ़ने से ताप में वृद्धि होती है और खाद्य पदार्थ जल्दी पकते हैं। यह ईंधन, समय, और श्रम की बचत करता है, और पोषक तत्वों को सुरक्षित रखने का एक आदर्श तरीका है। उदाहरण: मटर, इडली, मछली, और नरम सब्जियाँ।

3. निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को पकाने के लिए की गयी पूर्व तैयारी के क्रियाकलापों की सूची बनाइयेः

(क) पालक पकौड़ा।

उत्तर: पालक पकौड़ा:

(i) धोना: पालक की पत्तियों को चुनकर और साफ़ करके धोना।

(ii) काटना/कतरस काटना: पालक की पत्तियों को बारीक टुकड़ों में काटना।

(iii) मिश्रण करना: बेसन और मसालों के साथ पालक को मिलाना।

(ख) मूली का पराँठा।

उत्तर: मूली का पराँठा:

(i) धोना: मूली को पानी से धोना।

(ii) छीलना: चाकू या पिलर की सहायता से मूली के छिलके उतारना।

(iii) कद्दूकस करना: मूली को कद्दूकस की सहायता से छोटी कतरनें या लच्छे निकालना।

(iv) पीसना/मिश्रण करना: कद्दूकस की हुई मूली और मसालों को गूँथे हुए आटे में मिश्रण करना।

(ग) मटर का पुलाव।

उत्तर: मटर का पुलाव:

(i) धोना: चावल और मटर को पानी से धोना।

(ii) भिगोना: चावल को पकाने से पहले भिगोना।

(iii) छानना: भिगोने के बाद चावल से अतिरिक्त पानी को अलग करना (या पकाने के लिए उसी पानी का उपयोग करना)।

4. समोसा बनाने हेतु आवश्यक सामग्री की सूची बनाते हुए विभिन्न परिवर्तनों की व्याख्या कीजिये जो इसे पकाने के दौरान इसके प्रत्येक कच्ची सामग्री में होते हैं।

उत्तर: समोसा गहरी विधि से तलने द्वारा पकाया जाता है।

समोसा बनाने हेतु आवश्यक सामग्री (सामान्य श्रेणी):

(i) मैदा/आटा (बाहरी परत के लिए)।

(ii) आलू, मटर, मसाले (भरने/अंदर की सामग्री के लिए)।

(iii) तेल/वसा (तलने के लिए)।

पकाने के दौरान कच्ची सामग्री में होने वाले परिवर्तन:

कच्ची सामग्रीहोने वाले परिवर्तन (ताप का प्रभाव)
मैदा/आटा (बाहरी परत)1. रंग परिवर्तन: बाहरी परत सुनहरी भूरी हो जाती है। 2. बनावट परिवर्तन: यह कुरकुरी (crisp) और सख्त हो जाती है।
आलू/भरने की सामग्री1. स्टार्च का परिवर्तन (कार्बोहाइड्रेट): स्टार्च के कण फूलकर मोटे हो जाते हैं; अत्यधिक पकाने पर अणु फट जाते हैं। 2. बनावट परिवर्तन: यदि आलू उबालने के बाद इस्तेमाल किया गया है, तो यह नरम हो जाता है। 3. गंध परिवर्तन: मसाले भूनने पर अधिक सुगंधित हो जाते हैं।
तेल/वसा1. तापमान: वसा बहुत गर्म हो जाती है। 2. विखंडन: अत्यधिक गर्म करने पर वसा फैटी अम्लों और ग्लिसरॉल में विखंडित हो जाती है।

5. सब्जियों का मिला-जुला पुलाव बनाते समय पोषक तत्त्वों को क्षति को बचाने हेतु आप कौन-सी सावधानियाँ बरतेंगे?

उत्तर: सब्जियों का मिला-जुला पुलाव बनाते समय अनाज (चावल) और सब्जियों दोनों के पोषक तत्वों को संरक्षित करना आवश्यक है।

निम्नलिखित सावधानियाँ बरतनी चाहिए-

सब्जियों के संबंध में सावधानियाँ:

(i) धोना और काटना: सब्जियों को छीलने और काटने से पहले ही धोना चाहिए, जिससे पानी में घुलनशील विटामिन और खनिज लवण नष्ट नहीं होंगे।

(ii) समय पर तैयारी: भोजन पकाने के बहुत पहले से ही सब्जियों को छीलकर या काटकर नहीं रखना चाहिए।

(iii) टुकड़ों का आकार: पोषक तत्वों को बचाने हेतु सब्जियों के बड़े टुकड़े काटने चाहिए।

(iv) पानी का उपयोग: सब्जियों को न्यूनतम जल में पकाना चाहिए, या अतिरिक्त पानी को सूप, दाल, या पुलाव बनाने में उपयोग कर लेना चाहिए।

(v) ढककर पकाना: भोजन को कम समय में ढककर पकाने से विटामिन C संरक्षित रह सकता है।

(vi) ओवर-कुकिंग से बचाव: सब्जियों को केवल नरम होने तक पकाना चाहिए, न कि जरूरत से ज्यादा।

चावल/अनाज के संबंध में सावधानियाँ:

(i) धोना: दालों व चावल को रगड-रगड़ कर या बहुत बार नहीं धोना चाहिए, जिससे विटामिन B कॉम्प्लेक्स की क्षति से बचा जा सकता है।

(ii) भिगोना और पानी का प्रयोग: पकाने से पहले दाल एवं चावल को भिगोना चाहिए, और इसी पानी का प्रयोग भोजन पकाने में करना चाहिए ताकि पानी में घुलनशील विटामिन और खनिज लवणों को बचाया जा सके।

(iii) प्रेशर कुकिंग: पोषक तत्वों को सुरक्षित रखने के लिए प्रेशर कुकिंग (दबाव द्वारा पकाना) का उपयोग करना चाहिए, क्योंकि इससे भोजन शीघ्र पकता है।

6. अध्ययन सामग्री में दिये गये व्यंजनों के अलावा किन्हीं पाँच व्यंजनों को बताइये जो बचे हुए भोजन की सहायता से बनाये जा सकते हैं।

उत्तर: अध्ययन सामग्री में दाल के पराँठे, सब्जी के कटलेट, पाव भाजी, और उबले चावल की खीर को बचे हुए भोजन से बनने वाले व्यंजनों के रूप में बताया गया है।

इनके अलावा, बचे हुए भोजन की सहायता से निम्नलिखित व्यंजन बनाए जा सकते हैं-

(i) कोफ्ता: सब्जियों वाले पुलाव को उबले आलू के साथ मिलाकर बनाया जा सकता है।

(ii) कढ़ी: बचे हुए खट्टे दही का उपयोग कढ़ी बनाने में किया जा सकता है।

(iii) भरवाँ आम्लेट (Stuffed Omelet): बचे हुए टमाटर-प्याज के सलाद का उपयोग किया जा सकता है।

(iv) भटूरा: बचे हुए दही को मैदे में मिलाकर बनाया जा सकता है।

(v) पूरी: बची हुई हरी पत्तीदार सब्जियों को आटे में गूँथकर पराँठे या पूरी बनाए जा सकते हैं।

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