NIOS Class 12 Home Science Chapter 28 गृह व्यवस्था एक परिचय, कशीदाकारी (हाथ की कढ़ाई)

NIOS Class 12 Home Science Chapter 28 गृह व्यवस्था एक परिचय, कशीदाकारी (हाथ की कढ़ाई) Solutions Hindi Medium to each chapter is provided in the list so that you can easily browse throughout different chapters NIOS Class 12 Home Science Chapter 28 गृह व्यवस्था एक परिचय, कशीदाकारी (हाथ की कढ़ाई) Notes and select need one. NIOS Class 12 Home Science Chapter 28 गृह व्यवस्था एक परिचय, कशीदाकारी (हाथ की कढ़ाई) Question Answers Download PDF. NIOS Study Material of Class 12 Home Science Notes Paper 321.

NIOS Class 12 Home Science Chapter 28 गृह व्यवस्था एक परिचय, कशीदाकारी (हाथ की कढ़ाई)

Join Telegram channel

Table of Contents

Also, you can read the NIOS book online in these sections Solutions by Expert Teachers as per National Institute of Open Schooling (NIOS) Book guidelines. These solutions are part of NIOS All Subject Solutions. Here we have given NIOS Class 12 Home Science Chapter 28 गृह व्यवस्था एक परिचय, कशीदाकारी (हाथ की कढ़ाई), NIOS Senior Secondary Course Home Science Solutions in Hindi Medium for All Chapter, You can practice these here.

Chapter: 28

मॉडयूल – 6A गृह व्यवस्था

पाठगत प्रश्न 28.1

1. निम्न वक्तव्यों को सही करिये-

(a) गृह व्यवस्था का अर्थ है अपने परिवार को पोषक आहार देना।

उत्तर: गृह व्यवस्था का अर्थ किसी स्थान को स्वच्छ, सुन्दर और सुव्यवस्थित रखना है।

(b) गृह व्यवस्था का अर्थ केवल आवासीय भवन से है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Join Now

उत्तर: गृह व्यवस्था व्यावसायिक और आवासीय प्रतिष्ठानों दोनों पर लागू होती है।

(c) गृह व्यवस्थापक घर की व्यवस्था करने वाला व्यक्ति है।

उत्तर: गृह व्यवस्थापक वह व्यक्ति है जो प्रतिष्ठानों को स्वच्छ व व्यवस्थित रखता है।

(d) घर में गृह व्यवस्था नौकरानी करती है।

उत्तर: घर पर गृह व्यवस्था गृहणी, घर के अन्य सदस्यों और सहायकों द्वारा की जाती है।

(e) बड़े होटल में गृह व्यवस्था एक ही व्यक्ति द्वारा की जाती है।

उत्तर: बड़े होटलों में गृह व्यवस्था प्रशिक्षित कारीगरों के समूह द्वारा की जाती है।

2. नीचे कुछ क्षेत्रों/उपकरणों की सूची दी गयी है। इनके देखभाल संबंधी सुझाव दीजिये-

आइये अब देखें, लिखित मत्तिविधियों को करने की जिम्मेदारी किसकी है।

(i) पंखा।

उत्तर: तेल डालें, वियरिंग बदल दें।

(ii) नल।

उत्तर: रबर के वॉशर बदलें, पेंच कसें।

(iii) गैस का चूल्हा।

उत्तर: गैस के बटन/ट्यूब बदल दें. चूल्हे की सफाई करें।

(iv) मिक्सी।

उत्तर: ब्लेड पर धार रखवाएं, चिकनाई साफ करें।

(v) पाईप।

उत्तर: छेदों की मरम्मत करें।

(vi) दीवारें।

उत्तर: दुबारा पेंट करें, वॉल पेपर को बदल दें या दोबारा चिपका दें।

(vii) खिडकिया।

उत्तर: टूटे हुये कांच बदल दें. कब्जों के पंच कसे।

(viii) एयर कंडीशनर।

उत्तर:  गैस भरें, फिल्टर की सफाई करें।

(ix) लॉन।

उत्तर: खाद दे, कटाई करें और खरपतवार साफ करें।

(x) चादरे।

उत्तर: दाग धब्बे छुड़ा दें, धुलाई करें व इस्त्री करें।

पाठगत प्रश्न 28.2

आपके रिश्तेदार अस्पताल में भर्ती हैं। लिखिये कि निम्न परिस्थितियों में आप किन-किन कर्मचारियों से संपर्क करेंगे-

1. कमरे की चादरें व तकिये बदलने हैं।

उत्तर: लिनन कक्ष सुपरवाइजर।

2. पहली मंजिल पर आपके कमरे के बाहर गलियारे का बल्ब खराब हो गया है।

उत्तर: फ्लोर सुपरवाइजर।

3. लॉबी में रखे सोफे पर खाना गिर गया है।

उत्तर: सार्वजनिक क्षेत्र सुपरवाइजर।

4. क्लॉक रूम के शौचालय गदे हैं।

उत्तर: क्लॉक रूम सहायक।

5. बगीचे के पौधे सूख गये हैं।

उत्तर: उद्यान विशेषज्ञ।

6. सामान्य प्रबन्धन की शिकायत दर्ज करना चाहते हैं।

उत्तर: कंट्रोल डेस्क सुपरवाइजर।

7. आप पूरे भवन की देखभाल के लिये जिम्मेदार व्यक्ति की शिकायत दर्ज करवाना चाहते हैं।

उत्तर: गृहव्यवस्थापक।

पाठगत प्रश्न 28.3

1. यात्रा करते समय आप सड़क के पास वाले किसी रेस्तरां या मोटल पर रुके होंगे। वहीं के कर्मचारियों द्वारा अपनाई जाने चाली आठ अस्वस्थ आदतों पर (जो आपने देखी हों) प्रकाश डालिये।

उत्तर: (i) अस्वच्छ व्यक्तित्व।

(ii) नाक कुरेदना।

(iii) अंगूठियां पहनना।

(iv) उनींदा होना (चुस्त न होना)।

(v) गंदे वस्त्र।

(vi) लम्बे नाखून।

(vi) नाखून पर नेल पॉलिश लगी हुई।

(vi) ऊची एडी वाले जूते या चप्पले।

(ix) खुले बाल।

पाठान्त प्रश्न

1. गृह व्यवस्था शब्द से आप क्या समझते हैं? यह क्यों महत्त्वपूर्ण है?

उत्तर: साधारण शब्दों में, गृह व्यवस्था का अर्थ है घर का रखरखाव। यह किसी स्थान को सुचारु रूप से चलाने के लिए उसकी स्वच्छता, उचित रखरखाव व व्यवस्था की देखरेख है। दूसरे शब्दों में, गृह व्यवस्था वह प्रक्रिया है जो किसी स्थान को स्वच्छ, सुंदर और व्यवस्थित रखती है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि स्थान प्रसन्नतादायक दिखे और सभी को आमंत्रित करता हुआ लगे, चाहे वह व्यक्ति वहाँ रह रहा हो, मिलने आया हो या कार्य कर रहा हो।

गृह व्यवस्था के तहत घर की प्रत्येक वस्तु को ठीक और व्यवस्थित रखने की विभिन्न प्रक्रियाएँ सामूहिक रूप से शामिल होती हैं। यह अवधारणा घरेलू स्वच्छता घरेलू से शुरू हुई और आज व्यावसायिक स्तर पर स्वच्छता के ऊँचे मानदंडों को कायम रखने तक आ पहुँची है।

गृह व्यवस्था का महत्व:

गृह व्यवस्था अत्यंत महत्वपूर्ण क्रियाकलाप है। यह हर भवन (जैसे- व्यक्तिगत घर, ऑफिस, दुकान, होटल, अस्पताल या क्लब) को स्वच्छ और व्यवस्थित रखने के लिए आवश्यक है ताकि वे आमंत्रित लगें।

इसका महत्व निम्नलिखित कारणों से है-

(i) सकारात्मक वातावरण: अच्छी गृह व्यवस्था एक स्वच्छ और आरामदायक वातावरण सुनिश्चित करती है, जिसमें व्यक्ति प्रसन्न व शांत रहता है।

(ii) मानसिक और भावनात्मक लाभ: खराब व्यवस्था से होने वाली परेशानी, अवसाद, निराशा या हीन भावना से बचाव होता है।

(iii) उपकरणों का सुचारु कार्य: यह सभी उपकरणों की सुचारु कार्यप्रणाली को सुनिश्चित करती है।

(iv) समय पर समस्या निवारण: गृह व्यवस्था का अर्थ है छोटे-छोटे कार्यों को समय रहते ही निपटा लेना (जैसे टपकते नल को ठीक करवाना या टूटी कुर्सी की मरम्मत करवाना)।

(v) लागत में बचत: गृह व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जिससे किसी भी संस्थान में श्रम, सफाई सामग्री, उपकरण और फर्निशिंग इत्यादि में बचत संभव हो सके।

(vi) आवश्यक क्रियाकलाप: यह प्रत्येक प्रतिष्ठान के लिए नियमित व अत्यावश्यक क्रियाकलाप है।

2. आपके घर के रसोई, बरामदे और लॉन के रखरखाव के लिए गृह व्यवस्था की क्रियाओं की सूची तैयार कीजिए।

उत्तर: गृह व्यवस्था में, रखरखाव की क्रियाएँ वस्तुओं को कार्यरत स्थिति में रखने और उनकी सुंदरता बनाए रखने पर केंद्रित होती हैं।

आपके घर के रसोई, सामान्य क्षेत्र (बरामदा/दीवारें/पंखा), और लॉन के रखरखाव के लिए निम्नलिखित क्रियाएँ की जा सकती हैं:

क्षेत्रगृह व्यवस्था की क्रियाएँ (रखरखाव संबंधी सुझाव)
रसोई घर1. गैस का चूल्हा: गैस के बटन/ट्यूब बदल दें। चूल्हे की सफाई करें। 2. मिक्सर ग्राइंडर: ब्लेड पर धार रखवाएँ। चिकनाई साफ करें। 3. पाइप: छेदों की मरम्मत करें। 4. दरवाजे: उखड़े दरवाजों की मरम्मत की आवश्यकता हो सकती है।
बरामदा और कमरे के सामान्य उपकरण1. दीवारें: दोबारा पेंट करें। वॉल पेपर को बदल दें या दोबारा चिपका दें। 2. पंखा: तेल डालें। बियरिंग बदल दें। 3. खिड़की के कांच: टूटे हुए कांच बदल दें। कब्जों के पेंच कसें।
लॉन1. घास की देखभाल: खाद दें। कटाई करें। 2. खरपतवार: खरपतवार साफ करें। 3. पौधे/झाड़ियाँ: पौधों और झाड़ियों की देखभाल करना।

3. होटल के शयनकक्ष, गालियारों लॉबी और शौचालयों के रखरखाव में गृहव्यवस्थापक द्वारा प्रयुक्त पाँच तरीके बताइये।

उत्तर: गृहव्यवस्थापक गृह व्यवस्था का कर्ता-धर्ता होता है और सीधे तौर पर सभी कर्मचारियों और गृह व्यवस्था के हर पहलू को नियंत्रित करता है। वह प्रतिष्ठानों के भवनों की देखभाल और रखरखाव के लिए उत्तरदायी है।

होटल के शयनकक्ष, गलियारों, लॉबी और शौचालयों के रखरखाव में गृहव्यवस्थापक द्वारा सुनिश्चित किए जाने वाले पाँच प्रमुख तरीके/प्रक्रियाएँ निम्नलिखित हैं:

(i) स्वच्छता, सौंदर्य और व्यवस्था सुनिश्चित करना: गृहव्यवस्थापक यह सुनिश्चित करता है कि प्रतिष्ठान के सभी क्षेत्र (शयनकक्ष, गलियारे, लॉबी, शौचालय) स्वच्छ, सुंदर और व्यवस्थित रहें।

(ii) उपकरणों और फर्निशिंग का रखरखाव: यह सुनिश्चित करना कि कमरे और सार्वजनिक क्षेत्रों में बिजली के स्विच, सॉकेट, पंखे, एयर कंडीशनर, ताले, चाबियाँ, बिस्तर, कालीन, परदे, सोफा आदि सभी आकर्षक और कार्यरत स्थिति में हों।

(iii) जल आपूर्ति और स्वच्छता प्रणाली की निगरानी: शौचालयों में यह सुनिश्चित करना कि नल, सिंक, शौचालय, गीजर, जल आपूर्ति और अन्य सुविधाएं (जैसे तौलिये, साबुन, टॉयलेट पेपर) भली-भाँति कार्य कर रहे हों। यह सुनिश्चित करना कि पानी कहीं टपक न रहा हो और नालियाँ न रुकी हों।

(iv) लिनन का प्रबंधन और आदान-प्रदान: यह सुनिश्चित करना कि शयनकक्षों के लिए चादरें, बेड कवर, तकियों के गिलाफ, कंबल तथा गलियारों और लॉबी के लिए आवश्यक अन्य वस्त्र (जैसे परदे) स्वच्छ, इस्त्री किए हुए और उपलब्ध हों।

(v) विभागों में समन्वय और निरीक्षण: बहुमंजिला इमारतों में, गृहव्यवस्थापक कंट्रोल डेस्क सुपरवाइजर, फ्लोर सुपरवाइजर (जो मंज़िल, कमरों और गलियारों की देखरेख करता है), और सार्वजनिक क्षेत्र निरीक्षक (जो लॉबी की देखरेख करता है) के माध्यम से तालमेल स्थापित करके सभी कार्यों की देखरेख करता है। छोटी-मोटी मरम्मत के लिए प्रशिक्षित कारीगरों (नळसाज, इलेक्ट्रीशियन) के साथ भी समन्वय बनाए रखा जाता है।

4. रीमा की नियुक्ति एक गृहव्यवस्थापक के रूप में हुयी है। उसे दस व्यक्तिगत स्वच्छता की आदतों के बारे में बताइए।

उत्तर: एक अच्छी सज्जा और वेशभूषा वाला व्यक्ति स्वच्छता और दक्षता का परिचय देता है।

रीमा को गृह व्यवस्थापक के रूप में निम्नलिखित दस व्यक्तिगत स्वच्छता और सज्जा की आदतों का ध्यान रखना चाहिए:

(i) दैनिक स्नान: उसे प्रतिदिन स्नान करना चाहिए।

(ii) स्वच्छ रूप: उसे तरोताज़ा, अच्छी वेशभूषा में, सुसज्जित व स्वच्छ लगना चाहिए, न कि ऊनींदा या मैला।

(iii) बालों का रख-रखाव: बाल अच्छी तरह से संवारने चाहिए और यदि वह महिला है, तो बालों को अच्छी तरह से बाँधना चाहिए।

(iv) नाखूनों की देखभाल: नाखून ढंग से तराशने चाहिए। (नाखून लंबे नहीं होने चाहिए, और यदि महिला है तो नाखूनों पर नेल पॉलिश लगी नहीं होनी चाहिए)।

(v) स्वच्छ वर्दी: उसे इस्त्री की हुई स्वच्छ वर्दी पहननी चाहिए। (गंदे वस्त्रों से बचना चाहिए)।

(vi) आभूषणों से बचाव: उसे अंगूठियाँ या अन्य आभूषण पहनने से बचना चाहिए।

(vii) मेकअप (महिलाओं के लिए): महिलाओं को हल्का मेकअप ही करना चाहिए।

(viii) जूते: उसे कम एड़ी वाले हल्के, आरामदायक जूते पहनने चाहिए। (ऊँची एड़ी वाले जूते या चप्पलों से बचना चाहिए)।

(ix) स्वास्थ्य: उसे सभी चर्म रोग, जुकाम इत्यादि से मुक्त रहना चाहिए।

(x) बुरी आदतों से दूरी: उसे नाखून काटने, नाक कुरेदने, पैर हिलाने, मेज पर बैठने, थूकने, पान चबाने और सिगरेट पीने जैसी आदतों से दूर रहना चाहिए।

मॉडयूल – 6B कशीदाकारी

पाठगत प्रश्न 28.1

1. निम्न का मिलान करिये:

कॉलम ।कॉलम II
(i) कढ़ाई की कैची(a) अंगुलियों की सुरक्षा के लिये धातु का टुकड़ा
(ii) अँगुस्ताना/थिम्बल(b) महीन कपड़े की कढ़ाई के लिये प्रयुक्त सुझ्या
(iii) फ्रेम(c) धागा काटने के लिये चिमटियों जैसे तेज उपकरण
(iv) बारीक सुई(d) मोटे कपड़े पर कढ़ाई करने के लिये सुई
(v) पट/रेशम का धागा(e) सूती धागे से कम मजबूत
(vi) धागा काटने वाले क्लिपर्स(f) कढ़ाई करने वाले कपडे को पकड़ने वाला लकड़ी का छल्ला
(vi) रेशम का धागा(g) काटने के लिये तेज और नुकीली धार
(v) मोटी सुई(h) चमकदार रेशमी धागा
(i) अत्यंत मजबूत कढ़ाई का धागा

उत्तर: 

कॉलम ।कॉलम II
(i) कढ़ाई की कैची(g) काटने के लिये तेज और नुकीली धार
(ii) अँगुस्ताना/थिम्बल(a) अंगुलियों की सुरक्षा के लिये धातु का टुकड़ा
(iii) फ्रेम(f) कढ़ाई करने वाले कपडे को पकड़ने वाला लकड़ी का छल्ला
(iv) बारीक सुई(b) महीन कपड़े की कढ़ाई के लिये प्रयुक्त सुझ्या
(v) पट/रेशम का धागा(h) चमकदार रेशमी धागा
(vi) धागा काटने वाले क्लिपर्स(c) धागा काटने के लिये चिमटियों जैसे तेज उपकरण
(vi) रेशम का धागा(e) सूती धागे से कम मजबूत
(v) मोटी सुई(d) मोटे कपड़े पर कढ़ाई करने के लिये सुई

2. सही उत्तर का चुनाव करके निम्न वक्तव्यों को पूरा करिये। अपने उत्तर के लिये स्पष्टीकरण भी दीजिये।

1. सुई का आकार निम्न के अनुरूप चुना जाता है।

(a) कपड़े की मोटाई।

(b) कपड़े की बनावट।

(c) कपडे का रंग।

(d) कपड़े की बुनाई।

स्पष्टीकरण: _____________________________।

उत्तर: (a) कपड़े की मोटाई।

स्पष्टीकरण: सही सुई का चुनाव करने के लिए, महीन कपड़े के लिए बारीक सुई और मोटे कपड़े के लिए मोटी सुई का ही प्रयोग करना चाहिए।

2. अंगुस्ताना/थिम्बल रक्षा करता है ____________।

(a) धागे की।

(b) सुई की।

(c) अंगुली की।

(d) अंगूठे की।

स्पष्टीकरण ___________________________।

उत्तर: (c) अंगुली की।

स्पष्टीकरण: अँगुस्ताना/थिम्बल एक हल्का धातु का टोपीनुमा टुकड़ा होता है जिसे मध्यमा या बीच की अंगुली पर पहना जाता है। इसका प्रयोग इसलिए किया जाता है ताकि सुई को कपड़े में डालते समय अंगुली जख्मी न हो।

3. निम्न का प्रयोग कर के अच्छी कढ़ाई की संरचना की जा सकती है _______________।

(a) सूती धागे।

(b) पट/रेशम का धागा।

(c) रेशमी धागा।

स्पष्टीकरण _____________________________।

उत्तर: (a) सूती धागे।

स्पष्टीकरण: सूती धागे रेशमी धागों की तुलना में अधिक मजबूत होते हैं, जो अच्छी और टिकाऊ कढ़ाई संरचना के लिए उपयुक्त होते हैं।

4. कढ़ाई की कैंची में निम्न का होना आवश्यक है __________।

(a) लम्बी व तेज ब्लेड।

(b) नुकीली तेज ब्लेड।

(c) लम्बी व नुकीली ब्लेड।

(d) लम्बी, नुकीली और तेज ब्लेड।

स्पष्टीकरण ____________________________।

उत्तर: (b) नुकीली तेज ब्लेड।

स्पष्टीकरण: कढ़ाई की कैंची छोटी होती है और इसमें तेज व संकरे, नुकीले सिरे वाली धार होती है, जिसका उपयोग धागे के खुले किनारों को सफाई से काटने के लिए किया जाता है। इसलिए, नुकीली और तेज ब्लेड आवश्यक है।

5. महीन कपड़े पर कढ़ाई करते समय:

(a) छल्लों के बीच में कपड़े को कसकर लगायें।

(b) अंदर वाले छल्ले को पतले कपडे से लपेटें।

(c) धातु का छल्ला प्रयोग करें।

(d) लकड़ी का छल्ला प्रयोग करें।

स्पष्टीकरण _____________________________।

उत्तर: (b) अंदर वाले छल्ले को पतले कपडे से लपेटें।

स्पष्टीकरण: यदि आप बेहद महीन कपड़े को फ्रेम पर रख रहे हैं, तो अंदर वाले फ्रेम पर टिशू पेपर अवश्य रखें या उसे किसी पतले कपड़े से लपेट लें । यह सुनिश्चित करता है कि फ्रेम पर लगाने पर महीन कपड़ा खिंचे नहीं।

पाठान्त प्रश्न

1. कशीदाकार/कढाई शब्द की परिभाषा लिखें।

उत्तर: कढ़ाई कपड़े की सतह पर सजावटी प्रभाव उत्पन्न करने की कला है। यह प्रभाव सुई और धागे की सहायता से पैदा किया जाता है। इसे सुई और धागे से बनाई गई एक पेंटिंग भी कहा जा सकता है।

ऐतिहासिक रूप से, कढ़ाई भारतीय लोगों के जीवन में हमेशा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है। यह एक ऐसी कला है जिसे महिलाओं और पुरुषों दोनों ने अपनी रचनात्मकता को संतुष्ट करने के साथ-साथ अपनी आजीविका कमाने के लिए भी अपनाया है। इसका उपयोग रुमाल जैसी छोटी व्यक्तिगत चीजों से लेकर कुशन, पर्दे, वॉल हैंगिंग, चादरें, मेजपोश और विभिन्न प्रकार के वस्त्रों को सजाने के लिए किया जाता है।

2. कढ़ाई के लिये आवश्यक उपकरणों की सूची बनाइये।

उत्तर: अच्छे परिणाम और सर्वोत्तम कार्य सुनिश्चित करने के लिए उचित सामग्री और उपकरणों को इकट्ठा करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

कढ़ाई के लिए आवश्यक उपकरण और सामग्री की सूची:

उपकरण:

(i) सुई: कढ़ाई के लिए एक अच्छी सुई होना सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।

(ii) अंगुस्ताना/थिम्बल: यह उंगली को सुई से सुरक्षित रखने के लिए प्रयोग होता है।

(iii) कैंची: धागे के खुले किनारों को सफाई से काटने के लिए छोटी, तेज और नुकीले सिरे वाली कैंची।

(iv) धागा काटने वाले क्लिपर्स: ये चिमटियों की भांति तेज धार वाले होते हैं और धागे को सफाई से काटने में मदद करते हैं।

(v) कढ़ाई के फ्रेम: फ्रेम कपड़े को कसकर और समान रूप से खींचकर रखते हैं।

ये दो मुख्य प्रकार के होते हैं:

(i) गोल फ्रेम या छल्ले/हूप।

(ii) चौकोर या आयताकार फ्रेम।

सामग्री:

(i) कढ़ाई के धागे: यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण वस्तु है।

(ii) कपड़ा: जिस पर कढ़ाई की जानी है।

(iii) डिज़ाइन: अच्छी कशीदाकारी के लिए आवश्यक है।

(iv) डिज़ाइन बनाने के लिए आवश्यक सामग्री: कार्बन पेपर, मोमी कागज, ट्रेसिंग पेपर, पेंसिल, रबर (इरेज़र), मिट्टी का तेल, और रुई।

3. कशीदाकारी की सुइयां खरीदते समय आप किन बातों का ध्यान रखेंगे? आप इन सुइयों की देखभाल किस प्रकार करेंगे?

उत्तर: कशीदाकारी की सुइयां खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें:

(i) सही आकार का चुनाव: सुइयों का आकार मोटे से लेकर बहुत पतले तक होता है।

(ii) कपड़े से मिलान: सही कपड़े के लिए सही सुई का चुनाव करना चाहिए। महीन कपड़े के लिए बारीक सुई और मोटे कपड़े के लिए मोटी सुई का ही प्रयोग करना चाहिए।

(iii) धागे के साथ संबंध: सुई को धागे से थोड़ा मोटा लेना चाहिए ताकि कपड़े पर थोड़ा बड़ा छेद बन जाए और धागा उस छेद से आसानी से निकल सके।

(iv) नोक की गुणवत्ता: सुई की नोक सदैव पतली होनी चाहिए ताकि यह कपड़े में से आसानी से अंदर और बाहर जा सके।

सुइयों की देखभाल (देखभाल का तरीका):

(i) जंग लगी, मुड़ी हुई या बिना नोक वाली सुइयों का उपयोग न करें।

(ii) यदि ऐसी सुई का प्रयोग किया जाता है, तो इससे काम की एकरूपता और सफाई प्रभावित होगी।

(iii) अपनी सुइयों को हमेशा सुई के डिब्बे में ही रखें।

4. कढ़ाई के लिये प्रयुक्त विभिन्न प्रकार के धागों की सूची बनाइये।

उत्तर: कढ़ाई के लिए बाजार में अनेक प्रकार के धागे उपलब्ध हैं। धागे का चुनाव इस बात पर निर्भर करता है कि कढ़ाई किस वस्तु पर की जाएगी, कौन-सी कढ़ाई की जा रही है, और कशीदाकार किस प्रकार का प्रभाव उत्पन्न करना चाहता है।

कढ़ाई के लिए प्रयुक्त विभिन्न प्रकार के धागे निम्नलिखित हैं:

1. सूती धागे: ये रेशमी धागों की तुलना में कम चमक वाले पर अधिक मजबूत होते हैं।

2. रेशमी धागे: ये धागे कम ऐंठन वाले होते हैं और बेहद चमकदार होते हैं, परन्तु ये सूती धागों से कमजोर होते हैं।

3. ऊनी धागे: इनका प्रयोग मोटी कढ़ाई के लिए किया जा सकता है।

4. सिंथेटिक धागे।

विशेष जानकारी:

कुछ कढ़ाई के धागे प्लाई में भी उपलब्ध होते हैं, जिसका अर्थ है कि कई सूत्रों को ऐंठकर धागा बनाया गया है। यदि आप पूरा छह-प्लाई का धागा प्रयोग करें तो काफी स्पष्ट कशीदा बनता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This will close in 0 seconds

This will close in 0 seconds

error: Content is protected !!
Scroll to Top