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NIOS Class 12 Home Science Chapter 24 वस्त्र निर्माण
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वस्त्र निर्माण
Chapter: 24
| मॉडयूल – 5 वस्त्र एवं परिधान |
पाठगत प्रश्न 24.1
1. वस्त्र बनाने की निम्न विधियों को पहचानें।

चित्र 24.6 __________________।
उत्तर: बुनाई।

चित्र 24.7 __________________।
उत्तर: लेस।

चित्र 24.8 _____________________।
उत्तर: नेट।

चित्र 24.9 ____________________।
उत्तर: वीविंग।
पाठगत प्रश्न 24.2
1. निम्न के लिये एक शब्द दीजिये-
(i) सूतों के दो समूहों का समकोण पर अंर्तगर्चन।
उत्तर: वीविंग।
(ii) केवल एक सूत से बनाया गया फंदेदार वस्त्र।
उत्तर: निटिंग।
(iii) वस्त्र के एक वर्ग इच में सूतों की संख्या।
उत्तर: सूत गणना।
(iv) लम्बे फंदे डालकर की गई बुनाई जिससे सतह पर चमकदार प्रभाव आता है।
उत्तर: सांटिन बुनाई।
2. मोटे अक्षरों में लिखे गये वाक्य के लिये एक शब्द लिखिये। इन शब्दों के लिये पूरे पाठ को ध्यानपूर्वक पढ़िये।
(i) मुन्नी की फ्रॉक बनाने के लिये प्रयुक्त खुली जालीदार, ज्यामितीय आकार वाला वस्त्र _______________।
उत्तर: नेट।
(ii) हमने हरे रंग का सूत के दो समूहों से तैयार वस्त्र खरीदा। ______________।
उत्तर: वीविंग।
(iii) आप अपनी कमीज पर जटिल डिजाइन बनाने के लिये टेड़े-मेढ़े सूत क्यों नहीं लगाते। ________________
उत्तर: लेस।
(iv) उसने प्रमुख तिरछी रेखाओं वाली पेन्ट खरीदी। ______________
उत्तर: ट्रिवल बुनाई।
(v) रेखा ने एक कपड़े पर क्रॉस स्टिच से दो या अधिक बाने, उतने ही तानों के साथ वाले कपड़े से एक वॉल हैंगिग बनाई। ______________
उत्तर: बास्केट बुनाई।
पाठान्त प्रश्न
1. वस्त्र बनाने की विभिन्न विधियों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर: वस्त्र कई प्रकार की तकनीकों से बनाए जाते हैं।
मुख्य विधियाँ निम्नलिखित हैं:
(i) वीविंग (Weaving): यह वस्त्र बनाने का सबसे साधारण तरीका है। इसमें सूत के दो समूह समकोण पर अंतर्गर्चित (interlace) होते हैं। वीविंग से दृढ़ वस्त्र प्राप्त होते हैं, जैसे पॉप्लिन, डेनिम और कैम्ब्रिक।
(ii) निटिंग (Knitting) या बुनाई: यह ऊन के एक ही गोले से फंदों को आपस में गूंथकर वस्त्र बनाने की प्रक्रिया है। इससे बने वस्त्र में काफी लचीलापन आता है। इसका उपयोग मुख्य रूप से हौजरी के लिए होता है, जैसे अंतर्वस्त्र, टी-शर्ट या मोजे।
(iii) बिना बुने वस्त्र (Non-woven): ये वस्त्र बुनाई या निटिंग के बिना सीधे तंतुओं से तैयार किए जाते हैं। तंतुओं को यांत्रिक बल, गोंद या ताप से आपस में जोड़ा जाता है। उदाहरण के लिए, नमदा (felt) इसका एक पारंपरिक कश्मीरी कला का नमूना है।
(iv) ब्रेडड वस्त्र (Braided): ये वस्त्र उसी प्रकार बनाए जाते हैं जिस प्रकार बालों की चोटी गूंथी जाती है। इनका उपयोग सिले सिलाए वस्त्रों को संवारने और जूतों की लेस बनाने के लिए किया जाता है।
(v) नेट (Net): यह ज्यामितीय आकार वाले छिद्रदार वस्त्र है। जिस स्थान पर सूत एक दूसरे को काटते हैं, उस स्थान पर सूत की गाँठ लगा दी जाती है। इसका उपयोग आमतौर पर मच्छरदानी में होता है।
(vi) लेस (Lace): सूतों को आड़ा तिरछा रखकर जटिल डिजाइन बनाए जाते हैं। खुली जालीदार संरचना देने के लिए सूतों को फंदे डालकर या गाँठ लगाकर अंतर्गर्चित किया जाता है। लेस का महत्वपूर्ण प्रयोग पोशाकों की सुंदरता बढ़ाने के लिए किया जाता है।
2. विस्तार से बताएँ कि बुनाई (वीविंग) से डिजाइन किस प्रकार बनाये जाते हैं।
उत्तर: बुनाई (वीविंग) से डिजाइन मुख्य रूप से दो तरीकों से बनाए जाते हैं:
(i) विभिन्न प्रकार के सूतों का प्रयोग करके: जैसे साधारण सूत, जटिल सूत और प्रकाशित सूतों (fancy yarns) का उपयोग करके।
(ii) ताने और बाने को भिन्न-भिन्न तरीकों से अंतर्गर्चित करके: ताना (warp) और बाना (weft) सूतों को अंतर्गर्चित करने के विभिन्न तरीकों से आधारभूत बुनाइयाँ बनती हैं जो वस्त्र में डिजाइन का निर्माण करती हैं।
ये आधारभूत बुनाइयाँ हैं:
साधारण बुनाई (Plain Weave): इसमें प्रत्येक बाना सूत बारी-बारी से प्रत्येक ताना सूत के ऊपर और नीचे जाता है।
ट्विल बुनाई (Twill Weave): यह वस्त्र पर एक तिरछी रेखा (diagonal line) बनाती है।
साटिन बुनाई (Satin Weave): यह लंबे फंदों (long floats) के कारण चमकीली सतह प्रदान करती है।
इन आधारभूत बुनाइयों के अतिरिक्त, विशिष्ट हथकरघों और तकनीकों का उपयोग करके सजावटी डिजाइन (decorative designs) बनाए जाते हैं, जैसे वस्त्र में बुना हुआ बूटीदार डिजाइन, या कॉरडरॉय जिसमें उभरी हुई समानांतर लंबी रेखाएं होती हैं।
3. बुनाई व निटिंग की तुलना करिये और उनमें भेद स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: बुनाई और निटिंग दोनों ही वस्त्र बनाने की प्रचलित विधियाँ हैं, जिनमें निम्नलिखित अंतर हैं:
| गुण | वीविंग | निटिंग |
| सूत संख्या | समकोण पर दो सूत गूंथे होते हैं। | एक ही सूत से फंदे बनाए जाते हैं। |
| उपकरण | हथकरघा या स्वचालित लूम (loom)। | सलाईयां (हाथ से बुनने वाली) या मशीन। |
| वस्त्र के गुण | दृढ़ (firm), चिकने, स्थायी, और अपनी आकृति बनाए रखते हैं। | लचीले (flexible), खिंचावदार, सलवट प्रतिरोधी, और शरीर पर फिट होते हैं। |
| देखभाल | धुलाई और इस्त्री की आवश्यकता होती है। | धुलाई के बाद इस्त्री की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन समतल जमीन पर सुखाना चाहिए। |
| उपयोग | परिधान, पर्दे, चादर, टेबल लिनन और अन्य कपड़ों के लिए। | अंतर्वस्त्र, हौजरी, स्वेटर, टी-शर्ट, मोजे। |
4. सर्दियों में पहनने के लिये निटेड या बुने हुये कपडे क्यों उपयुक्त होते हैं?
उत्तर: निटेड (बुने हुए) कपड़े सर्दियों में पहनने के लिए विशेष रूप से उपयोगी होते हैं क्योंकि ऊनी वस्त्रों में कई रिक्त स्थान (empty spaces) होते हैं। ये रिक्त स्थान शरीर की ऊष्मा को कैद (trap body heat) कर लेते हैं और गर्माहट प्रदान करते हैं।
5. सादी और ट्विल बुनाई की अपेक्षा साटिन वीव में मजबूती क्यों नहीं होती?
उत्तर: साटिन बुनाई (Satin Weave) साधारण और ट्विल बुनाई जितनी मजबूत नहीं होती। इसका मुख्य कारण यह है कि साटिन बुनाई में वस्त्र की सतह पर ताना सूत के लंबे फंदे (long floats) होते हैं। चूँकि ये लंबे फंदे आसानी से उलझ जाते हैं, इसलिए साटिन बुनाई कम मजबूत होती है।
6. जीन्स के लिये ट्विल वीव क्यों उपयोग की जाती है?
उत्तर: जीन्स के लिए ट्विल बुनाई (Twill Weave) का उपयोग किया जाता है क्योंकि यह बुनाई बहुत मजबूत और टिकाऊ होती है। इसके टिकाऊपन के कारण यह पुरुषों के सूट, कोट और जीन्स जैसे कपड़ों में उपयोग की जाती है। ट्विल बुनाई का एक अतिरिक्त लाभ यह है कि इस पर साधारण बुनाई की अपेक्षा धूल कम दिखाई पड़ती है।

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