NIOS Class 12 Home Science Chapter 23 सूत व इसका निर्माण

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NIOS Class 12 Home Science Chapter 23 सूत व इसका निर्माण

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Chapter: 23

मॉडयूल – 5 वस्त्र एवं परिधान

पाठगत प्रश्न 23.1

1. शब्द पिटारे में दिये गये अक्षरों की मदद से रिक्त स्थानों की पूर्ति करिये। एक अक्षर एक से अधिक बार प्रयोग किया जा सकता है।

(i) रासायनिक कताई की प्रक्रिया के अंतर्गत ____________ को घोल बनाया जाता है, घोल को ___________ से निकाल कर _____________ तन्तु का रूप दे दिया जाता है।

उत्तर: रासायनिक कताई की प्रक्रिया के अंतर्गत कताई को घोल बनाया जाता है, घोल को छन्नी से निकाल कर ठोस तन्तु का रूप दे दिया जाता है।

(ii) कताई तकली से ____________ और ____________ के द्वारा की जाती है।

उत्तर: कताई तकली से चरखे और कताई मशीन के द्वारा की जाती है।

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(iii) कता सूत (स्पन सूत) ____________ तन्तु और दीर्घाकार सूत _____________ तन्तुओं से मिलकर बना है।

उत्तर: कता सूत (स्पन सूत) लघु तन्तु और दीर्घाकार सूत दीर्घाकार तन्तुओं से मिलकर बना है।

(iv) दो प्रकार के मिश्रित सूत ____________ और ___________ है।

उत्तर: दो प्रकार के मिश्रित सूत कॉट्सबुल और टेरीकॉट है।

पाठगत प्रश्न 23.2

1. निम्न में अंतर बताइये-

(i) इकहरा सूत व प्लाई सूत।

उत्तर: इकहरा सूत: यह उन तन्तुओं का समूह है जिसके सभी भागों में एक समान ऐंठन होती है।

प्लाई सूत: इसे दो या दो से अधिक इकहरे सूतों को समान रूप से ऐंठकर बनाया जाता है। यदि प्लाई में दो इकहरे सूत हों तो इसे दोहरा प्लाई या 2 प्लाई कहा जाता है।

(ii) कॉर्ड सूत व कोर सूत।

उत्तर: कॉर्ड सूत: यह एक साधारण कॉर्ड सूत दो या अधिक प्लाई सूतों को एक साथ ऐंठकर बनाया जाता है।

कोर सूत: इस प्रकार के सूत में, इलास्टिक या कोर के ऊपर सूती या नायलॉन का सूत लपेटा हुआ होता है। इसका वर्गीकरण नॉवलटी (जटिल) सूत के अंतर्गत किया गया है।

(iii) जटिल सूत और प्रकाचित (Textured) सूत।

उत्तर:

विशेषताजटिल सूत (Novelty Yarn)प्रकाचित सूत (Textured Yarn)
संरचनायह असमान (vleman) होता है, जो कहीं मोटा तो कहीं पतला हो सकता है। यह घुंघराले, फंदेदार, ऐंठदार और रंग की विभिन्नता लिए हो सकता है।यह मानव निर्मित दीर्घाकार तन्तुओं (जैसे नायलॉन, पॉलिएस्टर) को दिया जाने वाला एक विशेष प्रभाव (ट्रीटमेंट) है।
उद्देश्यइसका उपयोग वस्त्रों में सुन्दर और नवीन प्रभाव उत्पन्न करने के लिए किया जाता है।इसका उद्देश्य चिकने दीर्घाकार तन्तुओं में घुंघरालापन, फंदेदार या लहरदार प्रभाव उत्पन्न करना है, जिससे वे आरामदायक बन सकें।
उदाहरणस्लब, स्पाइरल/जिम्प, बॉक्ले, लूप, स्नार्ल, नॉपी और शैनिल सूत।गोलाकार (coiled), पीक्ड क्रिम्प्ड, राउंडेड क्रिम्प्ड, घुंघराले (curled) सूत।

(iv) धागा और सूत।

उत्तर: सूत: सूत ऐंठन देकर मिलाए गए तन्तुओं का एक समूह है।

धागा: धागा सूत पर और अधिक क्रिया करने के बाद बनाया जाता है। यह साधारणतया प्लाई सूत से बना होता है। धागा सूत से ज्यादा बारीक, एक समान और दृढ़ होता है।

2. निम्न वक्तव्यों को जहाँ भी आवश्यक हो, उदाहरण देकर समझाइये।

(i) बहुत अधिक ऐंठन सूत में घुंघरालापन या क्रिंकल प्रभाव देती है।

उत्तर: यह वक्तव्य सही है। यदि सूत में बहुत अधिक ऐंठन दी जाए, तो वस्त्र में सिलवट वाला प्रभाव (घुंघरालापन या क्रिंकल प्रभाव) उत्पन्न हो जाता है। ऐसे सूत को क्रेप सूत कहा जाता है। इसका मुख्य उपयोग दुपट्टे बनाने के वस्त्रों में किया जाता है।

(ⅱ) जटिल सूत का प्रयोग वस्त्रों में सुन्दर प्रभाव उत्पन्न करता है।

उत्तर: यह वक्तव्य सही है। जटिल सूत (नॉवलटी सूत) स्वयं असमान होते हैं, जो कहीं मोटे और कहीं पतले हो सकते हैं, साथ ही ये घुंघराले, फंदेदार या गांठदार भी हो सकते हैं। धागे की इसी सुंदरता के कारण, इन जटिल धागों को वस्त्रों में सुंदर और नवीन प्रभाव (novel effect) के लिए प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, जटिल प्लाई सूत एक दूसरे के चारों ओर लिपटकर फंदे, छल्ले या गांठें बनाते हैं, जिससे सुंदर प्रभाव उत्पन्न होते हैं।

(iii) जटिल सूत का व्यास असमान होता है।

उत्तर: यह वक्तव्य सही है। जटिल या नॉवलटी सूत असमान होते हैं। आप एक खादी वस्त्र को उधेड़कर उसके सूत को देखेंगे तो पाएंगे कि यह सूत एक समान न होकर कहीं पतला तो कहीं मोटा होता है। स्लब सूत इसका एक उदाहरण है, जो जगह-जगह पर असमान रूप से ऐंठन देकर मोटा या पतला किया जाता है।

(iv) धागा और सूत एक नहीं है।

उत्तर: यह वक्तव्य सही है। हालांकि हम अक्सर धागा और सूत शब्द का प्रयोग एक दूसरे के स्थान पर करते हैं, लेकिन वे एक नहीं हैं। सूत पर कुछ अतिरिक्त क्रिया (processing) करने के बाद ही उसे धागे का रूप दिया जाता है। धागा सूत से अधिक बारीक, समान और दृढ़ (मजबूत) होता है।

पाठान्त प्रश्न

1. सूत शब्द को परिभाषित कीजिये।

उत्तर: सूत (यार्न) ऐंठन देकर मिलाए गए तन्तुओं का एक समूह है। यह एक लंबा धागा होता है जो छोटे तन्तुओं को मिलाकर बनाया जाता है। कताई (Spinning) के समय दी गई ऐंठन तन्तुओं को लंबाई और दृढ़ता प्रदान करती है।

2. लघु तन्तु से सूत बनाने की प्रक्रिया समझाइये।

उत्तर: लघु तन्तुओं (स्टैपल तन्तुओं) से सूत बनाने की प्रक्रिया को यांत्रिक कताई (Mechanical Spinning) कहते हैं। इस प्रक्रिया के चरण निम्नलिखित हैं:

(i) सफाई और सीधा करना: तन्तुओं का एक गुच्छा लेकर सबसे पहले उसे साफ और सीधा किया जाता है।

(ii) खींचना और ऐंठन देना: तत्पश्चात तन्तुओं को खींचकर (Drafting) उन्हें एकजुट रखने के लिए ऐंठन (Twist) दी जाती है।

(iii) परिणामी सूत: इस प्रक्रिया से प्राप्त सूत को कता सूत (Spun Yarn) कहा जाता है। यह प्रक्रिया कपास और ऊन जैसे प्राकृतिक तन्तुओं पर की जाती है।

3. प्रकाचित सूत से बने कपड़े पहनने में ज्यादा आरामदायक क्यों होते हैं?

उत्तर: प्रकाचित सूत (Textured Yarn) मुख्य रूप से मानव निर्मित दीर्घाकार तन्तुओं (जैसे नायलॉन, पॉलिएस्टर) को दिए गए ट्रीटमेंट से बनते हैं। सामान्य दीर्घाकार तन्तु चिकने, हल्के, फिसलने वाले और नमी को कम अवशोषित करने वाले होते हैं, इसलिए उनसे बने वस्त्र पहनने में असुविधाजनक होते हैं।

जब इन तन्तुओं को टेक्सचर दिया जाता है, तो वे निम्नलिखित कारणों से अधिक आरामदायक हो जाते हैं:

(i) बदलाव: ये तन्तु घने, भारी और ज्यादा लचीले हो जाते हैं।

(ii) रिक्ति स्थान: परिवर्तित बुनावट या टेक्सचर के कारण सूतों के बीच रिक्त स्थान बन जाते हैं।

(iii) गुणों में सुधार: इन रिक्त स्थानों के कारण वस्त्र ज्यादा नमी सोखने वाले बन जाते हैं, और हवा का अच्छा आदान-प्रदान होता है, जिससे वे अधिक आरामदेह हो जाते हैं।

4. किन अतिरिक्त गुणों के कारण सूत, धागा बनता है?

उत्तर: सूत पर और अधिक प्रक्रिया (क्रिया) करने के बाद उसे धागे का रूप दिया जाता है।

धागे में सूत की तुलना में निम्नलिखित अतिरिक्त गुण होते हैं, जो उसे विशेष बनाते हैं-

(i) अधिक बारीक (Finer)।

(ii) एक समान (More uniform)।

(iii) अधिक दृढ़ (Stronger/Durable)।

5. टेरीवुल वस्त्र खरीदते समय आप किन गुणों को देखते हैं?

उत्तर: टेरीवुल एक मिश्रित वस्त्र है जो टेरीलीन (पॉलिएस्टर) और ऊन के तन्तुओं को मिलाकर बनाया जाता है। जब तन्तुओं को मिलाया जाता है, तो दोनों के अच्छे गुण एक ही वस्त्र में प्राप्त किए जाते हैं।

इसलिए, टेरीवुल वस्त्र खरीदते समय आप निम्नलिखित गुणों की अपेक्षा करेंगे:

(i) ऊन के गुण: ऊन की गर्माहट और सहजता।

(ii) टेरीलीन (पॉलिएस्टर) के गुण: वस्त्र का आसान रखरखाव (रखरखाव में सुविधा) का गुण।

यह वस्त्र ऊन के आराम के साथ-साथ पॉलिएस्टर की दृढ़ता और कम सिलवट वाले (आसान रखरखाव) गुणों को मिलाकर बेहतर प्रदर्शन करता है।

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