NIOS Class 12 Home Science Chapter 30 भवन का रखरखाव, रंग

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NIOS Class 12 Home Science Chapter 30 भवन का रखरखाव, रंग

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Chapter: 30

मॉडयूल – 6A गृह व्यवस्था

पाठगत प्रश्न 30.1

1. राधा परेशान है। निम्न सतहों की सफाई (कॉलम I में) के लिये प्रयुक्त पदार्थों (कॉलम II में) का मिलान करके उसकी सहायता करिये।

कॉलम Iकॉलम II
(a) काँच पर चिकनाई के धब्बे(i) अलसी का तेल
(b) लकड़ी पर पानी के निशान(ii) मिट्टी का तेल
(c) लिनोलियम(iii) सोडा और उबलता पानी
(d) प्लास्टिक पर पड़े जिद्दी दाग धब्बे(iv) अमोनिया
(e) चादी पर पड़े चाय के धब्बे(v) क्षार/ऍल्कली
(vi) हल्के डिटर्जेंट

उत्तर:

कॉलम Iकॉलम II
(a) काँच पर चिकनाई के धब्बे(iv) अमोनिया
(b) लकड़ी पर पानी के निशान(ii) मिट्टी का तेल
(c) लिनोलियम(vi) हल्के डिटर्जेंट
(d) प्लास्टिक पर पड़े जिद्दी दाग धब्बे(ii) मिट्टी का तेल
(e) चादी पर पड़े चाय के धब्बे(iii) सोडा और उबलता पानी

2. शीला के घर में सफाई से संबंधित निम्न समस्या है। उसकी सफाई से संबंधित कुछ तरीके सुझाइये।

(i) दीवार पर पड़े गंदगी के धब्बे।

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उत्तर: गर्म पानी और डिटर्जेंट से ऊपर से नीचे की ओर स्पंज की सहायता से धो दीजिये साफ पानी से धो डालें।

(ii) संगमरमर की स्लैब पर हल्दी के दाग।

उत्तर: गर्म पानी और डिटर्जेंट से घो दें। नींबू रगड़ें।

(iii) वॉलपेपर पर पड़े चिकनाई के धब्बे।

उत्तर: कोई भी चिकनाई अवशोषक (टैल्कम पाउडर, चोकर आदि) लगायें। कुछ समय बाद धो दें।

(iv) टाइल्स पर पड़े पानी के धब्बे।

उत्तर: पानी और डिटर्जेंट। यदि जरूरत हो तो रेगमाल या हल्के एसिड से साफ करें। तुरंत धोएं।

(v) लैमिनेटेड मेज पर ताप से पड़े धब्बे।

उत्तर: थोड़ी सी धातू की पॉलिश रगड़ें। हल्के डिटर्जेंट से धोएं।

पाठगत प्रश्न 30.2

1. गीता ने अपने उपकरणों में निम्न दोष पाये हैं। सही कारण ढूंढने में उसकी सहायता करिये।

(a) बिजली का फ्यूज।

उत्तर: तीव्र विद्युत प्रवाह के कारण कट आउट का तार पिघल जाता है।

(b) आवाज करता हुआ पखा।

उत्तर: घिसे बियरिंग।

(c) पंखा बहुत धीमा चलता है।

उत्तर: कैपेसिटर को बदलने की आवश्यकता है।

(d) टपकत्ता नल।

उत्तर: वॉशर को बदले जाने की आवश्यकता है।

(e) पानी के स्तर बढ़ने के सथ सिस्टर्न का बॉल वाल्व उठता नहीं है और पानी बहने लगता है।

उत्तर: बॉल वाल्व खराब या टूटा हो सकता है।

पाठात प्रश्न

1. घर पर निम्न के रखरखाव के लिये सुझाव दीजिये।

(a) कालीन।

उत्तर: कालीन के रखरखाव के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए गए हैं-

(i) कालीन की नियमित रूप से सफाई करें।

(ii) उन्हें लपेटकर नेफ्थलीन की गोलियाँ डालिए।

(iii) माह में एक बार कालीन को बाहर निकालें और उन्हें हवा दिखाएँ। उन्हें उलट कर झाड़िए ताकि ढीली धूल निकल जाए।

(iv) कभी-कभी वैक्यूम क्लीनर का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सकता है।

(v) पक्के रंगों के गंदे कालीनों को साबुन के पानी से धोएँ। साबुन का ढेर सारा झाग कालीन पर ब्रश की सहायता से लगाएँ और छोटी-छोटी जगह में गोल गोल ब्रश घुमाएँ।

(vi) स्पंज (sponge) की सहायता से अच्छी तरह धोएँ और धूप में सुखाएँ।

(vii) दाग धब्बों को तुरंत हटा देना चाहिए।

(viii) रोल करने से पहले उन्हें अच्छी तरह से सुखा लेना चाहिए।

(b) लकड़ी की सतह।

उत्तर: लकड़ी की सतहों के रखरखाव के लिए, सतह के प्रकार के अनुसार सुझाव दिए गए हैं-

(i) सादी लकड़ी: इसे हल्के साबुन और गर्म पानी से धोएँ और खुली हवा में सुखाएँ। लकड़ी के ग्रेन (grain) की दिशा में रगड़ें। बोर्ड पर चिपके हुए खाद्यान्न के टुकड़ों को चाकू के मोथरे भाग से साफ करें।

(ii) सावधानियाँ: पानी में न भिगोएँ और गर्म पानी का प्रयोग न करें, इससे लकड़ी फूल जाएगी। कठोर ब्रश या तेज सफाई सामग्री का प्रयोग न करें।

(iii) पॉलिश की हुई लकड़ी: फलालैन के कपड़े से झाड़ें और पोंछें। पानी के धब्बों को मिथाइलेटेड स्पिरिट, तारपीन के तेल या अमोनिया के हल्के घोल से रगड़ें। गिरे हुए पदार्थ तुरंत ही पोंछ दिए जाने चाहिए।

(iv) पेंट की हुई लकड़ी: हल्के साबुन और पानी से साफ करें। साबुन के सभी अंश सावधानीपूर्वक निकाल दिए गए हों, यह सुनिश्चित करें, अन्यथा दाग फिर सतह पर दिखाई देंगे। फलालैन के कपड़े से सुखाएँ ताकि लकड़ी में चमक आ जाए। अच्छी तरह सुरक्षित रखने के लिए समय-समय पर इसे दोबारा पेंट कर लें।

(c) पीतल।

उत्तर: पीतल की सतहों के रखरखाव के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए गए हैं-

(i) साबुन और सफाई वाले पाउडर को हल्के घर्षण के साथ प्रयोग करें।

(ii) नींबू का रस और नमक, सिरका, या इमली का गूदा बारीक स्टील वूल  के साथ साफ करने के लिए रगड़ें।

(iii) घर पर बर्तन साफ करने के लिए छनी हुई राख का प्रयोग करें।

(iv) नक्काशीदार पीतल को पुराने दाँतों के ब्रश से साफ करें।

(v) बहुत गंदी वस्तुओं को साफ करने के लिए ब्रासो या हाइड्रोक्लोरिक एसिड का प्रयोग करें।

सावधानियाँ: कभी भी ब्रासो या अन्य रसायनों का प्रयोग खाने के बर्तन साफ करने के लिए न करें, क्योंकि ये पदार्थ जहरीले होते हैं।

(d) काच की खिड़कियां।

उत्तर: काँच की सफाई और रखरखाव के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए गए हैं-

(i) अखबार के कागज़ और पानी से सफाई करें।

(ii) काँच चमकाने के लिए इसे सिरका मिले पानी से धोएँ।

(iii) चिकनाई के धब्बे हटाने के लिए अमोनिया और गर्म पानी से साफ करें।

(iv) मक्खियों के निशानों को मिथाइलेटेड स्पिरिट से रगड़ें।

सावधानियाँ: कठोर चूने या अपघर्षक का प्रयोग न करें क्योंकि ये काँच पर खरोंचें छोड़ते हैं।

(e) बेत की कुर्सी।

उत्तर: बेत की सफाई और रखरखाव के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए गए हैं-

(i) नियमित रूप से धूल और खटमलों, मकड़ियों और कोने में छुपे कॉकरोचों के लिए सफाई करें। कोनों की सफाई के लिए ब्रश का प्रयोग करें।

(ii) इसे नमक वाले पानी से धोएँ (1 बड़ा चम्मच नमक 1 लीटर पानी में घोलें)।

(iii) इसके बाद खुली हवा में भली-भाँति सुखाएँ।

(iv) धब्बों से बचाने के लिए बेत के फर्नीचर को पारदर्शी वार्निश की परत चढ़ाएँ। इसको वैक्स पॉलिश भी किया जा सकता है।

सावधानियाँ: पानी में न भिगोएँ।

(f) कॉयर का कालीन।

उत्तर: कॉयर कालीन के रखरखाव के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए गए हैं-

(i) इसे प्रतिदिन एक खुरदरे ब्रश या झाड़ू से साफ करें।

(ii) कभी-कभी कालीन को बाहर भी निकालें। इसे उल्टा करके झाड़ लें ताकि धूल निकल जाए।

(iii) यदि कालीन काफी गंदा हो जाए, तो साबुन के पानी से धो लें।

(iv) नमक के ठंडे पानी से धोकर खुली हवा में कालीन को सुखाएँ।

सावधानियाँ: कालीन को अधिक गंदा न होने दें। अच्छी तरह से सुखाएँ।

मॉडयूल – 6B कशीदाकारी

पाठगत प्रश्न 30.1

1. नीचे दिये गये समीकरण को पूरा करें-

(i) लाल + नीला = ______________।

उत्तर: बैंगनी।

(ii) पीला + ________ = पीला नारंगी।

उत्तर: नारंगी।

(iii) ________ + हरा = नीला हरा।

उत्तर: नीला।

पाठगत प्रश्न 30.2

1. निम्न के लिये एक शब्द लिखिये।

1. रंग के तेज और हल्कापन ________________।

उत्तर: इंटेन्सिटी।

2. रंग का हल्कापन और गहरापन _______________।

उत्तर: वैल्यू।

3. रंग का तकनीकी नाम ________________।

उत्तर: ड्यू।

4. एक ज्यादा हल्का रंग ________________।

उत्तर: टिन्ट।

5. एक ज्यादा गहरा रंग ________________।

उत्तर: शेड/टोन।

पाठगत प्रश्न 30.3

I. बताइये निम्न वक्तव्य सही है या गलत।

1. एक ही रंग के शेड और टिन्ट को मोनोक्रोमेटिक रंग योजना कहते हैं।

उत्तर: सही।

2. लाल, नीला हरा और पीला हरा त्रिकोणीय रंग योजना बनाते हैं।

उत्तर: गलत।

3. रंग चक्र में एक दूसरे के विपरीत स्थान पर स्थित रगों को पूरक रंग कहते है।

उत्तर: सही।

4. रंग चक्र में समभुज रखे गये रगों को विभक्त पूरक रंग योजना कहते हैं।

उत्तर: गलत।

5. एनालॉगस रंग योजना को समीप रंगों की योजना भी कहते हैं।

उत्तर: सही।

II. कॉलम A के बक्तव्यों का कॉलम B के वक्तव्यों से मिलान करिये।

कॉलम Aकोलम B
(1) पीला और वैजनी(a) विभक्त पूरक रंग योजना
(2) पीला, लाल वैजनी, नीला बैजनी(b) त्रिकोणीय रग योजना
(3) लाल, पीला, नीला(c) चतुर्भज रग योजना
(4) हरा. पीला नारगी, लाल, नीला बैजनी(d) पूरक रंग योजना
(e) मोनोक्रोमेटिक रंग योजना

उत्तर:

कॉलम Aकोलम B
(1) पीला और वैजनी(d) पूरक रंग योजना
(2) पीला, लाल वैजनी, नीला बैजनी(a) विभक्त पूरक रंग योजना
(3) लाल, पीला, नीला(b) त्रिकोणीय रग योजना
(4) हरा. पीला नारगी, लाल, नीला बैजनी(c) चतुर्भज रग योजना

पाठान्त प्रश्न

1. संबंधित रंग योजनाएं कौन सी हैं? रंग चक्र की सहायता से समझाइये।

उत्तर: संबंधित रंग योजनाएँ वे पैटर्न होते हैं जिनका उपयोग कपड़ों, कला, या सज्जा में सामंजस्य या विरोधाभास पैदा करने के लिए किया जाता है, और इन्हें समझने के लिए रंग चक्र का उपयोग किया जाता है।

प्रमुख संबंधित रंग योजनाएँ हैं:

(i) मोनोक्रोमेटिक रंग योजना: यह किसी एक रंग (जैसे नीला) के विभिन्न शेड्स, टिंट्स और टोन्स का उपयोग करती है। इस योजना में एक ही रंग का प्रयोग होता है, जिसमें केवल हल्कापन और गहरापन भिन्न होता है।

(ii) एनालॉगस रंग योजना: इस योजना में रंग चक्र पर एक दूसरे के समीप स्थित 3 से 5 रंगों का उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, नीला, नीला-हरा, और हरा।

(iii) पूरक रंग योजना: इस योजना में रंग चक्र पर एक दूसरे के ठीक विपरीत स्थित दो रंगों का उपयोग किया जाता है। ये रंग एक दूसरे के प्रभाव को बढ़ाते हुए मजबूत विरोधाभास उत्पन्न करते हैं।

(iv) विभक्त पूरक रंग योजना: इस योजना में एक रंग और उसके पूरक रंग के दोनों पड़ोसी रंगों का उपयोग किया जाता है।

2. रंगों के चुनाव को प्रभावित करने वाले कारकों की सूची बनाइये। उदाहरण देकर समझाइये।

उत्तर: रंगों के चुनाव को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक निम्नलिखित हैं-

(i) कमरे में प्रकाश: यह प्रभावित करता है कि रंग कैसे दिखेंगे।

(ii) वस्तु की बनावट: इसका अर्थ है कि कपड़े की बुनावट या सामग्री कैसी है।

(iii) कमरे का आकार: रंग कमरे के बड़े या छोटे दिखने को प्रभावित करते हैं।

(iv) कमरे की दिशा और खिड़की: कमरे में सूर्य का प्रकाश किस दिशा से आता है, यह रंगों के चुनाव को प्रभावित करता है।

(v) उपयोगकर्ता की आयु और सामाजिक प्रतिष्ठा: रंग व्यक्ति की उम्र और सामाजिक स्थिति के अनुसार चुने जाते हैं।

(vi) प्रचलित फैशन का पालन करना: वर्तमान फैशन के रुझान भी रंग चयन को प्रभावित करते हैं।

3. पूरक और विभक्त पूरक रंग योजना की समानताएं और भिन्नताओं की सूची बनाइये।

उत्तर: पूरक और विभक्त पूरक रंग योजनाओं की समानताएँ और भिन्नताएँ निम्नलिखित हैं:

  • पहलू।
  • पूरक रंग योजना।
  • विभक्त पूरक रंग योजना।

समानताएँ:

(i) दोनों योजनाएँ रंगों के बीच विरोधाभास स्थापित करने के लिए उपयोग की जाती हैं। दोनों ही रंग चक्र पर एक रंग के पूरक को आधार बनाकर शुरू होती हैं।

(ii) दोनों योजनाएँ रंगों के बीच विरोधाभास स्थापित करने के लिए उपयोग की जाती हैं। यह भी रंग चक्र पर एक रंग के पूरक को आधार बनाकर शुरू होती है।

भिन्नताएँ:

(i) यह रंग चक्र पर एक दूसरे के ठीक विपरीत स्थित दो रंगों का उपयोग करती है। यह योजना उच्च विरोधाभास प्रदान करती है।

(ii) यह एक रंग और उसके पूरक रंग के दोनों पड़ोसी रंगों का उपयोग करती है, इस प्रकार इसमें तीन रंगों का उपयोग होता है। यह पूरक योजना की तुलना में कम विरोधाभासी और अधिक कलात्मक रूप से मनभावन होती है।

4. दी गयी स्थिति के अनुसार निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिये:

स्थिति: एक प्रौढ़ व्यक्ति शाम की पार्टी के लिये नेवी ब्लू थी पीस सूट पहन रहा है।

(a) मोनोक्रोमेटिक रंग योजना और एनालॉगस रंग योजना में कमीज के लिये दो रंगों के नाम लिखिये।

उत्तर: मोनोक्रोमेटिक रंग योजना: चूंकि सूट नेवी ब्लू है (नीला का गहरा शेड), कमीज के लिए एक हल्का टोन चुना जाएगा।

  • हल्का नीला।
  • एनालॉगस रंग योजना: इसमें रंग चक्र पर नीले के पड़ोसी रंग चुने जाएंगे।
  • नीला-हरा।
  • नीला-बैंगनी।

(b) टाइ और जेबी रूमाल के लिये पूरक रंग का नाम लिखिये।

उत्तर: नेवी ब्लू (या नीला) का पूरक रंग वह होता है जो रंग चक्र पर उसके ठीक विपरीत स्थित होता है। नीले का पूरक रंग नारंगी है। इसलिए, टाई और जेबी रूमाल के लिए पूरक रंग नारंगी होगा।

5. प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक रंगों के बीच क्या संबंध है? रंग चक्र का उपयोग करते हुये बताइये। तृतीयक रंग किस प्रकार तैयार किये जाते हैं?

उत्तर: संबंध और रंग चक्र का उपयोग: प्राथमिक, द्वितीयक, और तृतीयक रंग मिलकर 12 रंगों का रंग चक्र बनाते हैं।

(i) प्राथमिक रंग: लाल, पीला, और नीला मूल रंग हैं और इन्हें किसी अन्य रंग को मिलाकर तैयार नहीं किया जा सकता।

(ii) द्वितीयक रंग: ये प्राथमिक रंगों से उत्पन्न होते हैं। दो प्राथमिक रंगों को समान मात्रा में मिलाने पर द्वितीयक रंग (नारंगी, हरा, बैंगनी) बनते हैं। रंग चक्र में द्वितीयक रंग उन दो प्राथमिक रंगों के बीच स्थित होते हैं जिनसे वे बने हैं।

(iii) तृतीयक रंग: ये रंग एक प्राथमिक रंग को उसके पड़ोसी द्वितीयक रंग के साथ मिलाकर तैयार किए जाते हैं। रंग चक्र में ये प्राथमिक और द्वितीयक रंगों के बीच स्थित होते हैं।

(iv) तृतीयक रंग तैयार करने की विधि: तृतीयक रंग एक प्राथमिक रंग (जैसे लाल) और उसके निकटतम द्वितीयक रंग (जैसे नारंगी) को मिलाकर तैयार किए जाते हैं।

(v) तृतीयक रंगों के उदाहरण हैं: लाल-नारंगी, पीला-नारंगी, पीला-हरा, नीला-हरा, नीला-बैंगनी, और लाल-बैंगनी।

6. 8″x8″ के वर्ग में भिन्न भिन्न ज्यामितीय आकार बनाइये। अब उरा नमूने को (a) प्राथमिक रंग (b) तृतीयक रंगों से रंगिये।

उत्तर: यह एक व्यावहारिक गतिविधि है जिसका उल्लेख स्रोतों में किया गया है। आपको 8″x8″ के वर्ग में विभिन्न ज्यामितीय आकार बनाने और उन्हें निर्दिष्ट रंग समूहों से रंगने का निर्देश दिया गया है।

(a) प्राथमिक रंग: नमूने को प्राथमिक रंगों का उपयोग करके रंगना है, जो हैं: लाल, पीला, नीला।

(b) तृतीयक रंग: नमूने को तृतीयक रंगों का उपयोग करके रंगना है, जिनमें शामिल हैं: लाल-नारंगी,पीला-नारंगी, पीला-हरा, नीला-हरा,नीला-बैंगनी, लाल-बैंगनी।

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