NIOS Class 12 Home Science Chapter 14 ऊर्जा संरक्षण

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NIOS Class 12 Home Science Chapter 14 ऊर्जा संरक्षण

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Chapter: 14

मॉडयूल – 3 संसाधन प्रबंधन

पाठगत प्रश्न 14.1

1. नीचे दी गयी सूची में से ऊर्जा के स्रोतों पर चिह्न लगाइये।

(i) पेट्रोल
(ii) एल. पी. जी.
(iii) तारपीन का तेल
(iv) मिट्टी का तेल
(v) इंजन का तेल
(vi) तालाब का पानी
(vii) नल का पानी
(viii) नदी का पानी
(ix) सूर्य का प्रकाश
(x) कोयला

उत्तर: ऊर्जा के स्रोत हैं-

(i) पेट्रोल।

(ii) एल.पी. जी.।

(iv) मिट्टी का तेल।

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(viii) नदी का पानी।

(ix) सूर्य का प्रकाश।

(x) कोयला।

2. बताइये निम्न वक्तव्य सही है या गलत और गलत तथ्यों को सही कीजिए:

(i) तालाब के पानी से बिजली उत्पन्न की जा सकती है।

उत्तर: गलत, नदी का पानी चाहिये।

(ii) वायु के दबाब में परिवर्तन से हवा पैदा होती है।

उत्तर: गलत, हवाएं वायु के ताप में परिवर्तन से बनती हैं।

(iii) भूगर्भीय ऊर्जा वस्तुतः प्रारम्भ में सौर ऊर्जा ही थी।

उत्तर: सही।

(iv) लकडी, कोयला और तेल आदि प्राकृतिक ईंधन है।

उत्तर: सही।

(v) बिजली केवल पानी, भाप, कोयला और तेल से ही उत्पन्न की जा सकती है।

उत्तर: गलत, परमाणु ईंधन और जल ऊर्जा का उपयोग हो सकता है।

पाठगत प्रश्न 14.2

1. नीचे दी गई सूची में से ऊर्जा के अक्षय तथा परंपरागत स्रोतों को छाँट कर अलग कीजिए।

(i) सूर्य का प्रकाश
(ii) पेट्रोलियम
(iii) भाप
(iv) कच्चा कोयला
(v) पानी
(vi) डीजल
(vii) लकड़ी
(viii) मिट्टी का तेल
(ix) परमाणु ईंधन
(x) बिजली
(xi) एल.पी.जी.
(xii) हवा

उत्तर: 

अक्षय उर्जा परंपरागत ऊर्जा 
(i) सूर्य का प्रकाश(ii) पेट्रोलियम
(xii) हवा(iii) भाप
(v) पानी(iv) कच्चा कोयला
(vi) डीजल
(vii) लकड़ी
(ix) परमाणु ईंधन
(x) बिजली
(xi) एल.पी.जी.

पाठगत प्रश्न 14.3

1. कॉलम A का कॉलम B से मिलान करिये:

(i) दो पकवान एक साथ पकाने से(1) अक्षय ऊर्जा का स्रोत है
(ii) बढ़ाते औद्योगीकरण का परिणाम(2) ऊर्जा का उत्पादन है
(iii) ऊर्जा की बचत ही(3) सीमित हैं
(iv) प्राकृतिक ईंधन(4) ऊर्जा की बढ़ती माँग है
(5) ऊर्जा का संरक्षण होता है
(6) जनसंख्या में बढ़ोत्तरी

उत्तर:

कॉलम Aकॉलम B 
(i) दो पकवान एक साथ पकाने से(5) ऊर्जा का संरक्षण होता है
(ii) बढ़ाते औद्योगीकरण का परिणाम(4) ऊर्जा की बढ़ती माँग है
(iii) ऊर्जा की बचत ही(2) ऊर्जा का उत्पादन है
(iv) प्राकृतिक ईंधन(3) सीमित हैं

2. आज ऊर्जा की मांग व आपूर्ति के बीच खाई बढ़ाने वाले चार कारकों की सूची बनाइये।

(i) __________________________________।

(ii) __________________________________।

(iii) __________________________________।

(iv) __________________________________।

उत्तर: ऊर्जा की माँग व आपूर्ति के बीच खाई बढ़ने का मुख्य कारण बढ़ती हुई माँग है।

ऊर्जा की माँग बढ़ने के प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं-

(i) बढ़ती हुई जनसंख्या।

(ii) औद्योगीकरण। 

(iii) सड़कों पर यातायात। 

(iv) घर, ऑफिस और खेत में स्वचालित यंत्रों का उपयोग।

(अंतर्दृष्टि): ऊर्जा की माँग और आपूर्ति के बीच खाई बढ़ने का कारण यह है कि पारंपरिक (गैर-अक्षय) ऊर्जा स्रोतों की आपूर्ति सीमित है, जबकि उपर्युक्त कारकों के कारण माँग लगातार बढ़ रही है। चूँकि ऊर्जा की आपूर्ति सीमित है, इसलिए ऊर्जा की कमी को दूर करने का एकमात्र विकल्प ऊर्जा की माँग को कम करना है, जिसे उपलब्ध ऊर्जा के चतुराईपूर्ण संरक्षण और उपयोग द्वारा किया जा सकता है।

पाठगत प्रश्न 14.4

1. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:

(i) __________ बल्ब की अपेक्षा अधिक ऊर्जा दक्ष होती है।

उत्तर: ट्यूब लाइट बल्ब की अपेक्षा अधिक ऊर्जा दक्ष होती है।

(ii) __________ चोक परम्परागत चोक की अपेक्षा एक तिहाई ऊर्जा की ही खपत करती है।

उत्तर: इलेक्ट्रॉनिक चोक परम्परागत चोक की अपेक्षा एक तिहाई ऊर्जा की ही खपत करती है।

(iii) __________ रंग की दीवारें कमरे में प्रकाश की आवश्यकता को कम करती हैं।

उत्तर: हल्के रंग की दीवारें कमरे में प्रकाश की आवश्यकता को कम करती हैं।

(iv) ___________ फ्रिज में अधिक विद्युत की खपत होती है।

उत्तर: बड़े आकार के फ्रिज में अधिक विद्युत की खपत होती है।

(v) ____________ चिह्न वाले उत्पादों से ऊर्जा की बचत की गांरटी दी जा सकती है।

उत्तर: आई. एस. आई चिह्न वाले उत्पादों से ऊर्जा की बचत की गांरटी दी जा सकती है।

2. निम्न वक्तव्य सही है या गलत लिखिये और गलत वक्तव्यों को सही करिये:

(i) लकड़ी के चूल्हे ताप दक्ष होते हैं।

उत्तर: गलत: लकड़ी के चूल्हे तापदक्ष नहीं होते। 

(ii) सौर ऊर्जा से चलने वाले कुकर ईंधन की काफी बचत करते हैं।

उत्तर: सही।

(iii) सैन्डविच तले वाले बर्तन गर्म होने में लम्बा समय लेते हैं।

उत्तर: गलत: वे जल्दी गर्म हो जाते हैं।

(iv) दुबारा खाना गर्म करने से बचने के लिये खाना पकाने के तुरंत बाद ही खाना खा लिया जाना चाहिये।

उत्तर: सही।

(v) सही गियर पर गाडी चलाने से कार्य क्षमता 50% बढ़ जाती है।

उत्तर: सही।

(vi) इंजन की टूट-फूट वायु छन्नी की अवस्था पर निर्भर होती है।

उत्तर: सही।

(vii) दिन के समय कम्प्यूटर बंद नहीं किये जाने चहिये।

उत्तर: सही।

(viii) ऑफिस में ऊर्जा का दुरूपयोग आपको व्यक्तिगत रूप से हानि नहीं पहुंचाता।

उत्तर: गलत: यह आपको व्यक्तिगत रूप से प्रभावित करता है।

(ix) स्ट्रीट लाइटों के लिये प्रकाश संवेदी स्विचों की जरूरत होती है।

उत्तर: सही।

पाठगत प्रश्न 14.5

1. अक्षय ऊर्जा के स्रोतों के कम से कम चार लाभ बताइये।

उत्तर: अक्षय ऊर्जा के स्रोतों के कम से कम चार लाभ निम्नलिखित हैं-

(i) आपूर्ति की निरंतरता (Never-ending supply): इन स्रोतों की आपूर्ति कभी भी खत्म होने वाली नहीं है। (उदाहरण के लिए, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और जल ऊर्जा तब तक उपलब्ध रहेंगे जब तक सूर्य रहेगा)।

(ii) प्रदूषण मुक्त (Pollution-free): अक्षय ऊर्जा स्रोतों का प्रयोग सदैव प्रदूषण मुक्त होता है और यह वातावरण को स्वच्छ रखता है। उदाहरण के लिए, सौर ऊर्जा पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त है।

(iii) आसानी से उपलब्धता (Easy availability): ये स्रोत आसानी से उपलब्ध हैं।

(iv) कम लागत/विकेंद्रीकृत उत्पादन (Low Cost/Decentralized Production):

इनका उत्पादन स्थानीय होता है, इसलिए वितरण का मूल्य भी कम होता है।

ऊर्जा उत्पादन इकाइयों को छोटे पैमाने पर लगाया जा सकता है, इसलिए भारी निवेश की आवश्यकता नहीं होती है।

(v) रोजगार के अवसर (Employment Opportunities): स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुल जाते हैं। (जैसे बायोगैस संयंत्र लगाने से मजदूर और मिस्त्रियों को रोजगार मिलता है)।

अक्षय ऊर्जा के विशिष्ट उदाहरणों के लाभ: यदि हम विशिष्ट अक्षय ऊर्जा स्रोतों (जैसे सौर ऊर्जा या बायोगैस) को देखें, तो उनके अतिरिक्त लाभ भी हैं।

(क) बायोगैस के लाभ: यह घर के आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रखता है, और लकड़ी जलाने से होने वाली बीमारियों से आँखों और फेफड़ों को बचाता है।

(ख) सौर कुकर के लाभ: यह पूरी तरह से सुरक्षित है (न आग, न रिसाव वाली गैस, न बिजली के झटके), और ईंधन की कीमत कम हो जाती है (प्रतिदिन 2 कि.ग्रा. ईंधन की बचत होती है)।

2. बायोगैस के मुख्य घटक का नाम बताइये।

उत्तर: मीथेन।

3. बायोगैस के दो उपयोग लिखिये।

उत्तर: खाना पकाने के लिये, प्रकाश, पम्प करने के लिये मोटर चलाने के लिये।

4. दिन के प्रकाश को विद्युत प्रकाश में बदलने वाले यंत्र का नाम लिखिये।

उत्तर: सौर कोशिकाएं।

पाठगत प्रश्न 14.6

1. बड़ी जल विद्युत परियोजना और सूक्ष्म जल परियोजना में क्या अन्तर है?

उत्तर: बड़ी जल विद्युत परियोजनाएँ (जैसे- भाखड़ा नांगल परियोजना) और सूक्ष्म जल परियोजनाएँ उनके पैमाने, निवेश और स्थापना स्थल के आधार पर भिन्न होती हैं:

विशेषताबड़ी जल विद्युत परियोजनाएँसूक्ष्म जल परियोजनाएँ
पैमाना और लागतइन्हें करोड़ों रुपये की लागत से बनाया जाता है। इन्हें लगाने के लिए भारी निवेश की आवश्यकता होती है।इनकी स्थापना के लिए अधिक निवेश की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
उत्पादन क्षमताये बहुत अधिक मात्रा में विद्युत का उत्पादन करती हैं।ये छोटे पैमाने पर स्थानीय विद्युत आपूर्ति के लिए उपयोग होती हैं।
उपयोग स्थलये परियोजनाएँ बड़ी नदियों पर लगाई जाती हैं। देश के अधिकांश संभावित स्थानों पर बड़ी परियोजनाएँ पहले ही स्थापित हो चुकी हैं।ये छोटी नदियों के लिए उपयोग की जा सकती हैं। इनमें कम मात्रा का पानी बहुत अधिक ऊँचाई से गिराकर बिजली पैदा की जाती है।
उद्देश्यराष्ट्रीय विद्युत ग्रिड (national grid) को बिजली प्रदान करना।दूर दराज के इलाकों में स्थानीय विद्युत आपूर्ति के लिए उपयोगी होती हैं, जहाँ राष्ट्रीय विद्युत तंत्र से बिजली नहीं पहुंचाई जा सकती है।

2. सूक्ष्म जल परियोजना के पाँच लाभ बताइये।

उत्तर: सूक्ष्म जल परियोजनाओं (Micro Hydro Projects) के पाँच लाभ निम्नलिखित हैं-

(i) इनकी स्थापना के लिए अधिक निवेश की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

(ii) इनका रखरखाव अपेक्षाकृत रूप से सरल होता है।

(iii) इनको भौगोलिक दृष्टि से उन दूर दराज इलाकों में स्थानीय विद्युत आपूर्ति के लिए प्रयोग किया जा सकता है, जहाँ राष्ट्रीय विद्युत तंत्र से बिजली नहीं पहुंचाई जा सकती है।

(iv) विद्युत उत्पादन का विकेंद्रीकरण (decentralization) बड़ी विद्युत परियोजनाओं पर दबाव कम कर देता है।

(v) बिजली की स्थानीय आपूर्ति वितरण के मूल्य को कम कर देती है।

3. ऊर्जा के गैर परम्परागत स्रोतों के उपयोग के लाभ बताइये।

उत्तर: ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्रोतों (Non-Conventional Sources), जिन्हें अक्षय या नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत भी कहा जाता है, के उपयोग के निम्नलिखित लाभ हैं:

(i) इनकी आपूर्ति कभी भी खत्म होने वाली नहीं है।

(ii) ये स्रोत आसानी से उपलब्ध हैं।

(iii) ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्रोतों का प्रयोग सदैव प्रदूषण मुक्त होता है और यह वातावरण को स्वच्छ रखता है।

(iv) इनका उत्पादन स्थानीय होता है, अतः वितरण का मूल्य भी कम होता है।

(v) ऊर्जा उत्पादन इकाइयों को छोटे पैमाने पर लगाया जा सकता है, अतः भारी निवेश की आवश्यकता नहीं होती है।

(iv) स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुल जाते हैं।

पाठान्त प्रश्न

1. उदाहरण देकर समझाइये कि ऊर्जा शब्द से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: ऊर्जा (Energy) को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है कि ऊर्जा कार्य करने की क्षमता (capacity to do work) है।

जब ऊर्जा का प्रयोग होता है, तो सदैव कुछ परिवर्तन आते हैं। जो कारक कार्य करने की क्षमता उपलब्ध कराता है, वह ऊर्जा कहलाता है।

उदाहरण (Examples): आप ऊर्जा के प्रयोग से होने वाले कई परिवर्तन देख सकते हैं:

(i) पंखा चलता है।

(ii) स्टोव जलता है।

(iii) टॉर्च से प्रकाश होता है।

(iv) प्रकाश पड़ने पर सौर कैलकुलेटर कार्य करने लगता है।

(v) पंप से पानी आता है।

(vi) आपके अंदर कार्य करने के लिए ऊर्जा उस भोजन से आती है, जो हम खाते हैं।

(vii) खाना पकाने के लिए प्रयुक्त ऊर्जा लकड़ियों, कोयले, उपलों, मिट्टी के तेल, गैस और बिजली से आती है।

2. अपने इलाके के अक्षय ऊर्जा व परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के दो-दो उदाहरण लिखिये।

उत्तर: स्रोतों में ऊर्जा को दो मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है— अक्षय और परंपरागत।

अक्षय ऊर्जा के दो उदाहरण: अक्षय ऊर्जा वह है जिसे लगातार प्राप्त किया जा सकता है और जिसकी आपूर्ति कभी खत्म नहीं होती है।

(i) सौर ऊर्जा। (यह तब तक रहेगी जब तक सूर्य रहेगा)।

(ii) पवन ऊर्जा। (यह तब तक रहेगी जब तक सूर्य रहेगा)। (अन्य उदाहरण: जल ऊर्जा, भूगर्भीय ऊर्जा) परंपरागत ऊर्जा के दो उदाहरण: परंपरागत ऊर्जा वह है जो सीमित समय तक तो प्राप्त की जा सकती है, लेकिन कुछ समय बाद इसकी आपूर्ति खत्म हो जाती है।

जीवाश्म ईंधन: जैसे कोयला और तेल/पेट्रोलियम। (ये सीमित भंडार हैं)।

लकड़ी। (अन्य उदाहरण: परमाणु ईंधन, बिजली)

3. एक घरेलू स्त्री को उसके घर पर ऊर्जा संरक्षण के लिये पांच सुझाव लिखिये।

उत्तर: एक घरेलू स्त्री को उसके घर पर ऊर्जा संरक्षण के लिए निम्नलिखित पाँच सुझाव दिए जा सकते हैं, जो बिजली और ईंधन की बचत से संबंधित हैं:

(i) कमरे से निकलते समय पंखा व बत्ती बंद कर दें। थोड़ी सी सावधानी से काफी बचत हो सकती है।

(ii) खाना पकाने के लिए खुले बर्तनों में खाना न पकाएँ। इसके बजाय, प्रेशर कुकर का प्रयोग करके ईंधन में कटौती करें।

(iii) एक ही समय पर एक से अधिक पकवानों को पकाने के लिए प्रेशर कुकर के सेपरेटर या डिब्बे प्रयोग करें।

(iv) ज्यादा बिजली खर्च करने वाले साधारण बल्बों के स्थान पर ऊर्जा बचाने वाली ट्यूब लाइट लगाएँ। एक 40 वाट की ट्यूब लाइट 100 वाट के बल्ब से दुगुना प्रकाश देती है और 60% बिजली की बचत करती है।

(v) खाना पकने के तुरंत बाद ही उसे परोस दें ताकि उसे दोबारा गर्म न करना पड़े। (अथवा, फ़्रिज के दरवाज़े को बार-बार न खोलें और फ़्रिज को नियमित रूप से डीफ्रॉस्ट करें।)

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