NIOS Class 12 Home Science Chapter 11 समय और ऊर्जा प्रबंधन

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NIOS Class 12 Home Science Chapter 11 समय और ऊर्जा प्रबंधन

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Chapter: 11

मॉडयूल – 3 संसाधन प्रबंधन

पाठगत प्रश्न 11.1

1. बताइये कि निम्न कथन सही है अथवा गलत:

(i) अपना सारा कार्य समय पर समाप्त करने के लिए यह आवश्यक है कि व्यक्ति सारा दिन कार्य करता रहे।

उत्तर: गलत।

(ii) सभी प्रकार के कार्यों का ज्ञान समय योजना तैयार करने में सहायक होता है।

उत्तर: सही।

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(iii) समय योजना वर्तमान के लिए बनाई जाती है।

उत्तर: गलत।

(iv) समय योजना को वास्तविक तथा व्यावहारिक होना चाहिए।

उत्तर: सही।

(v) कार्य, आराम तथा मनोरंजन, सभी के लिए समय निकालने के लिए समय योजना तैयार की जाती है।

उत्तर: सही।

पाठगत प्रश्न 11.2

1. खाली स्थान भरोः

(i) समय की बचत के साथ आप ____________ बचा सकते हैं।

उत्तर: समय की बचत के साथ आप उर्जा बचा सकते हैं।

(ii) कार्य व्यवस्था से आप समय और ऊर्जा ही नहीं बचाते बल्कि ____________ भी कम करते हैं। 

उत्तर: कार्य व्यवस्था से आप समय और ऊर्जा ही नहीं बचाते बल्कि तनाव भी कम करते हैं।

(iii) हल्के काम को करने में माध्यम कार्य की अपेक्षा ____________ ऊर्जा लगती है।

उत्तर: हल्के काम को करने में माध्यम कार्य की अपेक्षा कम ऊर्जा लगती है।

(iv) ____________ कार्य को करने में सर्वाधिक ऊर्जा लगती है।

उत्तर: भारी कार्य को करने में सर्वाधिक ऊर्जा लगती है।

2. निम्नलिखित को हल्के, माध्यम व भारी कार्य में वर्गीकृत करो:

(i) बागवानी करना(v) पोंछा लगाना(ix) पढ़ाई करना
(ⅱ) तेज़ चलना(vi) रंगोली बनाना(x) हॉकी खेलना
(ⅲ) शतरंज खेलना(vii) दरवाजा रगना
(iv) खुदाई करना(viii) सिलाई करना

उत्तर: 

(i) बागवानी करनामध्यम
(ⅱ) तेज़ चलनामध्यम 
(ⅲ) शतरंज खेलनाहल्का
(iv) खुदाई करनाभारी 
(v) पोंछा लगानाभारी 
(vi) रंगोली बनानामध्यम 
(vii) दरवाजा रगनामध्यम 
(viii) सिलाई करनाहल्का 
(ix) पढ़ाई करनाहल्का 
(x) हॉकी खेलनाभारी 

पाठगत प्रश्न 11.3

1. सही उत्तर पर चिह्न लगाइये:

(क) कार्य सरलीकरण से:

(i) पैसा ज्यादा खर्च होता है।

(ii) कार्य स्थल की ऊँचाई कम होती है।

(iii) समय और ऊर्जा की बचत होती है।

(iv) उपकरणों का प्रयोग होता है।

उत्तर: (iii) समय और ऊर्जा की बचत होती है।

(ख) कार्यसंधि का तात्पर्य है-

(i) दूसरे कार्य शुरू करने से पहले, पहला कार्य खत्म करना।

(ii) दो या उसे से अधिक कार्य एक समय में करना।

(iii) सही ऊँचाई पर काम करना।

(iv) श्रम बचाऊ मशीन का प्रयोग करना।

उत्तर: (ii) दो या उसे से अधिक कार्य एक समय में करना।

(ग) सही मुद्रा मदद करती है-

(i) समय पर काम करने में।

(ii) पर्याप्त आराम करने में।

(iii) दो कार्य एक साथ करने में।

(iv) ऊर्जा बचाने में।

उत्तर: (iv) ऊर्जा बचाने में।

पाठगत प्रश्न 11.4

1. नीचे दिए गए मिल-जुले शब्दों को सुधार कर उचित शब्द बनाएं:

(i) कार्य बंद करने की इच्छाका थ न
(ii) ऊब के कारण कार्य बंद करनज्ञा क नो वै नि म
(iii) माँसपेशियों में व्यर्थ पदार्थ एकत्रित होनाक री रि शा
(iv) कार्य की प्रशंसा न होनाशा नि रा

उत्तर:

(i) कार्य बंद करने की इच्छाथकान 
(ii) ऊब के कारण कार्य बंद करनथकान 
(iii) माँसपेशियों में व्यर्थ पदार्थ एकत्रित होनाथकान
(iv) कार्य की प्रशंसा न होनानिराशा 

पाठात प्रश्न

1. यदि आपके पड़ौसी सदैव समय पर काम पूर्ण न करने की शिकायत करते हैं, तो आप उन्हें क्या सुझाव देंगे?

उत्तर: यदि मेरे पड़ोसी समय पर अपना काम पूरा न कर पाने की शिकायत करते हैं, तो मैं उन्हें समय और ऊर्जा प्रबंधन अपनाने की सलाह दूँगा।

मैं उन्हें निम्नलिखित सुझाव दूँगा—

(i) कुशल कार्य व्यवस्था अपनाएँ: मैं अपने पड़ोसी से कहूँगा कि वे अपने सभी कार्य पहले से योजनाबद्ध और व्यवस्थित करें, ताकि समय का सही उपयोग हो सके।

(ii) समय नियोजन करें: मैं उन्हें सुझाव दूँगा कि वे अपने दिन की छोटी-छोटी योजनाएँ बनाकर काम करें। इससे समय की बचत होगी और कार्य समय पर पूरे होंगे।

(iii) सहयोग और सामंजस्य बनाएँ: यदि उनके पास किसी दिन बहुत काम हो, तो वे परिवार के सदस्यों की मदद लें या आवश्यक हो तो बाहरी सहायता भी लें, ताकि तनाव कम हो सके।

(iv) कार्य सरलीकरण अपनाएँ: मैं उन्हें कहूँगा कि काम को सरल बनाकर अनावश्यक चरणों को हटाएँ, जिससे कम समय में अधिक कार्य हो सके।

(v) व्यवस्थित कार्यस्थल बनाए रखें: मैं उन्हें सलाह दूँगा कि घर का सामान तय स्थान पर रखें। जैसे— बच्चों की यूनिफॉर्म, जूते, बस्ता आदि रात में ही तैयार रख दें, ताकि सुबह की भाग-दौड़ कम हो और काम समय पर पूरे हो सकें।

2. समय योजना के विभिन्न सोपान लिखिये।

उत्तर: समय नियोजन (Time Planning) विभिन्न गतिविधियों को एक निर्धारित समय में करने की अग्रिम योजना है।

समय योजना तैयार करने के निम्नलिखित सोपान (चरण) हैं-

(i) कार्यों की सूची बनाना: निर्धारित समय पर होने वाले सभी कार्यों की सूची बनानी चाहिए।

(ii) समयबद्ध कार्यों को रेखांकित करना: सूची में उन कार्यों को रेखांकित करना चाहिए जो निश्चित समय पर पूरे किए जाने हैं (जैसे ऑफिस पहुँचना या बच्चों को बस स्टॉप पर छोड़ना)।

(iii) समय का अनुमान लगाना: विभिन्न कार्यों को पूरा करने के लिए लगने वाले समय का अनुमान लगाना चाहिए (जैसे खाना पकाने में 45 मिनट, तैयार होने में 20 मिनट)।

(iv) कार्यों को क्रम में व्यवस्थित करना: सभी कार्यों को एक क्रम में व्यवस्थित किया जाना चाहिए।

(v) पारिवारिक सामंजस्य: परिवार के अन्य सदस्यों के कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए सामंजस्य बैठाना चाहिए।

(vi) समान गतिविधियों को एक साथ सूचीबद्ध करना: गतिविधियों को क्रम में लगाते समय, एक समान गतिविधियों या एक ही कार्यक्षेत्र में होने वाली क्रियाओं की सूची एक साथ बनानी चाहिए (जैसे सुबह का नाश्ता और दोपहर का खाना एक साथ तैयार करना)।

(vii) अंतिम योजना लिखना: उपरोक्त सभी चरणों का पालन करने के बाद, अंतिम योजना लिखनी चाहिए।

महत्वपूर्ण: यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बनाई गई योजना व्यावहारिक, लचीली और वास्तविक हो। यदि योजना लंबी अवधि की है, तो उसमें विश्राम और मनोरंजन का प्रावधान रखना आवश्यक है।

3. कार्य सरलीकरण के विभिन्न तरीके बताइये।

उत्तर: कार्य सरलीकरण का अर्थ है किसी भी कार्य को सरल तरीके से, समय व ऊर्जा की बचत करके करना।

कार्य सरलीकरण के विभिन्न तरीके (methods) निम्नलिखित हैं-

(i) कार्य स्थल को व्यवस्थित रखना: कार्य के लिए आवश्यक वस्तुएँ उपयुक्त स्थान व सही ऊँचाई पर रखी होनी चाहिए, ताकि काम जल्दी और कम ऊर्जा में पूरा हो सके। समान को ढूँढ़ने में समय बर्बाद न हो, इसके लिए पारदर्शी डिब्बों पर चिपिपी लगाकर सामान रखना चाहिए।

(ii) श्रम बचाऊ उपकरणों का प्रयोग: वॉशिंग मशीन, मिक्सी, फूड प्रोसेसर, प्रेशर कुकर, सब्जी छीलने का चाकू, या वैक्यूम क्लीनर जैसे उपकरणों का उपयोग करना। सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए ट्रॉली या ट्रे का प्रयोग करके समय और ऊर्जा बचाई जा सकती है।

(iii) उपयुक्त कार्य विधियों का प्रयोग: कार्य करते समय एक-सी चाल रखना और अतिरिक्त आने-जाने को कम करना। उदाहरण के लिए, एक कमरे के सभी कार्य एक साथ करना।

(iv) कार्य का क्रम बदलकर: कार्य को उचित क्रम से करने पर सरलीकरण होता है। जैसे, कपड़ों पर इस्त्री करते समय पहले सब पर पानी छिड़क कर रख लेना और फिर लगातार इस्त्री करना।

(v) उपयुक्त मुद्रा में रहना: सही मुद्रा में कार्य करने से समय और ऊर्जा दोनों की बचत होती है (जैसे खड़े होकर खाना पकाना, या लंबे हत्थे वाली झाड़ू का प्रयोग करना)।

(vi) उपयुक्त ऊँचाई पर काम करना: कार्य करने की ऊँचाई ऐसी होनी चाहिए कि बार-बार झुकना या उचकना न पड़े (जैसे इस्त्री मेज पर खड़े होकर करना)।

(vii) कार्यसंधि (Work Combination): दो या दो से अधिक कार्यों को एक साथ करना। उदाहरण के लिए, चाय बनाते समय, पानी खौलने के दौरान आटा गूंथना या सब्जी काटना।

(viii) तुरंत-उपयोग के सामान का प्रयोग: अदरक लहसुन के ताज़े मसाले पीसने के बजाय उनके पेस्ट या पाउडर का उपयोग करना, या पहले से तैयार खाद्य पदार्थों का उपयोग करना। कागज की प्लेट (पेपर प्लेट) का इस्तेमाल भी समय और ऊर्जा बचाता है।

(ix) आकर्षक कार्य स्थल: कार्य स्थल को साफ और व्यवस्थित रखकर, सुंदर क्रॉकरी व रंग बिरंगे डिब्बों का उपयोग करके, तथा उचित संवातन और प्रकाश का ध्यान रखकर कार्य स्थल को आकर्षक बनाया जा सकता है।

(x) कार्य कुशलता बढ़ा कर: किसी कार्य का अभ्यास करके उसमें निपुणता हासिल करना।

4. थकान के विभिन्न प्रकार बताकर उसे दूर करने के तरीके बताइये।

उत्तर: थकान (Fatigue) एक थकावट की अनुभूति है, जिसके कारण व्यक्ति की अपनी इच्छा से काम रोक देने की इच्छा होती है। यह बहुत अधिक काम करने या अपना काम समय पर पूरा न कर पाने के कारण हो सकती है।

थकान मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है-

1. शारीरिक थकान (Physical Fatigue):

(i) यह शारीरिक श्रम जैसे झाड़ू लगाना, पोंछा लगाना, दौड़ना, आदि से होती है।

(ii) जब व्यक्ति अपनी पूरी ऊर्जा खर्च कर देता है, तो वह शारीरिक रूप से थक जाता है।

(iii) यह तब होती है जब कार्य करते समय कुछ व्यर्थ पदार्थ माँसपेशियों में जमा हो जाते हैं, और आराम करने पर ये पदार्थ माँसपेशियों से बाहर निकल जाते हैं।

2. मनोवैज्ञानिक थकान (Psychological Fatigue):

(i) यह कम काम करने या बिना काम किए भी महसूस हो सकती है।

(ii) यह थकान ऊब (Boredom) और निराशा (Frustration) की वजह से होती है।

ऊब से थकान: इसमें जम्हाई आना, बेचैन होना, और कार्य बंद करने की इच्छा होती है, क्योंकि काम उकताहट भरा, एकरस और अरुचिकर होता है।

निराशाजनक थकान: इसमें शारीरिक कष्ट, तनाव, असंतोषजनक परिणाम महसूस होते हैं और परिस्थिति से भागने की इच्छा होती है। यह तब होती है जब कार्य करने वाले व्यक्ति के कार्य की प्रशंसा न की जा रही हो, या वह चिंतित/परेशान हो।

थकान को कम करने या दूर करने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जा सकते हैं-

(i) बीच-बीच में आराम करें।

(ii) बारी-बारी से हल्का व भारी कार्य करें।

(iii) श्रम बचाऊ उपकरणों का प्रयोग करें।

(iv) कार्य का सही आबंटन करें।

(v) काम को रुचिपूर्ण बनाएँ।

(vi) अकेले न रहकर समूह में काम करें।

(vii) कार्य स्थल सही बनाएँ।

(viii) सही उपकरण प्रयोग करें।

(ix) कार्य कुशलता बढ़ाएँ।

(x) वातावरण खुशनुमा रखें।

(xi) मानसिक तनाव कम रखें।

(xii) कार्य करने वाले की तारीफ करें।

(xiii) अच्छे कार्य के लिए पुरस्कार देकर प्रोत्साहित करें।

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