NIOS Class 12 Home Science Chapter 18 अभिव द्धि और विकास (0-5 वर्ष)

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Chapter: 18

मॉडयूल – 4 मानव विकास

पाठगत प्रश्न 18.1

1. निम्न में विकास की अवस्थाओं और नमूनों का उनके विवरण के साथ मिलान कीजिए।

I (अवस्था व नमूने)II (विवरण)
(i) नवजात(a) 18/19 साल से 40 साल
(ii) किशोरावस्था(b) 2 से 6 साल
(iii) प्रारंभिक प्रौढ़ावस्था(c) कद में व’द्धि
(iv) प्रांरभिक बाल्यावस्था(d) मित्र बनाना
(v) संज्ञानात्मक प्रक्रिया(e) जन्म – 1 माह
(vi) सामाजिक प्रक्रिया(f) रंग बिरंगे झुनझुने को ध्यानपूर्वक देखना
(vii) जैविक प्रक्रिया(g) 11/12 साल से 18/19 साल
(h) प्रसन्नता व्यक्त करना
(i) वजन में वोद्धि
(j) मित्रों के साथ झगडा

उत्तर: 

I (अवस्था व नमूने)II (विवरण)
(i) नवजात(e) जन्म – 1 माह
(ii) किशोरावस्था(g) 11/12 साल से 18/19 साल
(iii) प्रारंभिक प्रौढ़ावस्था(c) कद में व’द्धि
(iv) प्रांरभिक बाल्यावस्था(b) 2 से 6 साल
(v) संज्ञानात्मक प्रक्रिया(f) रंग बिरंगे झुनझुने को ध्यानपूर्वक देखना
(vi) सामाजिक प्रक्रिया(d) मित्र बनाना
(vii) जैविक प्रक्रिया(a) 18/19 साल से 40 साल

2. उपरोक्त प्रश्न में से विकास की अवस्थाओं को छाँट कर यहाँ लिखिए।

उत्तर: विकास की अवस्थाएं- (i) नवजात, (ii) किशोरावस्था, (iii) पूर्व प्रौढावस्था, (iv) पूर्व बाल्यावस्था। 

3. उपरोक्त प्रश्न में विकास के नमूनों को छाँटकर यहाँ लिखिए।

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उत्तर: विकास के नमूने- (i) सज्ञानात्मक प्रक्रिया, (ii) सामाजिक प्रक्रिया, (iii) जैविक प्रक्रिया।

पाठगत प्रश्न 18.2

अपनी शब्दाबली परखें:

मानव विकास आपके लिये एक नयी परिकल्पना है और आपको इसे पढ़ते हुए कई नये शब्द मिले होंगे। इन शब्दों के सबसे नजदीकी अर्थ वाले शब्द का चुनाव करिये। आप सही उत्तर पाठ के अंत में देख सकते हैं।

(i) शारीरिक बनावटः (a) कलासंग्रह की बनावट (b) भवन की संरचना (c) डील-डौल।

उत्तर: (c) डील-डौल।

(ii) बौद्धिक क्षमताः (a) दिलचस्प वक्ता (b) तर्कपूर्ण चिंतन (c) चतुर।

उत्तर: (b) तर्कपूर्ण चिंतन।

(iii) अनुवांशिक संरचनाः (a) जींस पहनना (b) किसी विशेष बनावट या लक्षण के साथ जन्म लेना (c) उदारता पूर्वक देना।

उत्तर: (b) किसी विशेष बनावट या लक्षण के साथ जन्म लेना।

(iv) अंतःस्रावी प्रक्रिया: (a) कोई महत्त्वपूर्ण कार्य आयोजित करने की प्रक्रिया (b) अपराध में कमी करना (c) हॉरमॉन स्रावित करने वाली ग्रंथियों की प्रक्रिया।

उत्तर: (b) अपराध में कमी करना।

(v) जन्म पूर्व का वातावरणः (a) गर्भ में भ्रूण का वातावरण (b) घर का वातावरण (c) स्वस्थ वातावरण।

उत्तर: (a) गर्भ में भ्रूण का वातावरण।

(vi) घर का भावनात्मक स्तरः (a) घर में प्रसन्नता का माहौल (b) घर में डर का माहौल (c) घर में भावुकता का माहौल।

उत्तर: (c) घर में भावुकता का माहौल।

पाठगत प्रश्न 18.3

1. कॉलम A में दिए गए गत्यात्मक और सामाजिक कौशलों का, जो एक बच्चा 3 वर्ष की आयु में सीखता है, कॉलम B से मिलान करिये। कॉलम B में कुछ उत्तर एक से अधिक बार प्रयोग किए जा सकते हैं।

कॉलम Aकॉलम B
(i) बिना सहारे के चलना(a) 1 से 2 साल में
(ii) बिना सहारे के बैठना(b) 3 साल में
(iii) सीढ़ी चढ़ना(c) 2-3 साल में
(iv) मलमूत्र पर नियन्त्रण(d) 5 से 6 माह
(v) अजनबियों को देखकर शर्माना(e) 6 माह में
(vi) साधारण खेलों में सहयोग(f) 1 साल में
(vii) सहयोगात्मक खेल(g) 8-10 माह में
(viii) जान पहचान वाले और अजनबी में मेद कर पाना(h) 2 साल में
(ix) 2 या 3 शब्दों के वाक्य बोलना(i) 6 से 8 माह
(x) बबलाना(j) डेढ साल
(xi) किसी चलते फिरते व्यक्ति का आंखों से पीछा करना(k) 2-4 माह में

उत्तर:

कॉलम Aकॉलम B
(i) बिना सहारे के चलना(a) 1 से 2 साल में
(ii) बिना सहारे के बैठना(d) 5 से 6 माह
(iii) सीढ़ी चढ़ना(a) 1 से 2 साल में
(iv) मलमूत्र पर नियन्त्रण(a) 1 से 2 साल में
(v) अजनबियों को देखकर शर्माना(b) 3 साल में
(vi) साधारण खेलों में सहयोग(a) 1 से 2 साल में
(vii) सहयोगात्मक खेल(f) 1 साल में
(viii) जान पहचान वाले और अजनबी में मेद कर पाना(b) 3 साल में
(ix) 2 या 3 शब्दों के वाक्य बोलना(d) 5 से 6 माह
(x) बबलाना(h) 2 साल में
(xi) किसी चलते फिरते व्यक्ति का आंखों से पीछा करना(g) 8-10 माह में

2. गत्यात्मक विकास की परिभाषा दीजिये।

उत्तर: स्रोत सामग्री में गत्यात्मक विकास की कोई सीधी या औपचारिक परिभाषा नहीं दी गई है। हालांकि, विकास की सामान्य प्रक्रिया के तहत जैविक प्रक्रियाएँ शामिल हैं जो शारीरिक होती हैं, जैसे कि शारीरिक अंगों का विकास। गत्यात्मक विकास (मोटर विकास) शारीरिक विकास के मील के पत्थरों से संबंधित है। गत्यात्मक विकास (Motor Development) विकास के उन चरणों को संदर्भित करता है जो बच्चे की मांसपेशियों पर नियन्त्रण और गतिविधियों को सीखने की क्षमता से संबंधित हैं।

3. दो प्रकार के गत्यात्मक विकासों के नाम लिखिये।

उत्तर: स्रोत सामग्री में, विकास की गति की मुख्य रूप से दो शृंखलाएँ बताई गई हैं, जो गत्यात्मक विकास के प्रकार या दिशा को दर्शाती हैं:

(i) सिफायलोकाडल (Cephalocaudal): इसका अर्थ है कि विकास सिर से पाँव की ओर अग्रसर होता है। पहले सिर और मस्तिष्क विकसित होते हैं, फिर गर्दन और धड़ आदि। उदाहरण के लिए, एक बच्चा तभी बैठ पाता है जब उसकी पीठ की मांसपेशियां उसे सहारा देने के लिए तैयार होती हैं, और खड़े होने से पहले उसका धड़ मजबूत होना चाहिए।

(ii) प्रॉक्सीमोडिस्टल (Proximodistal): इसका अर्थ है कि विकास केन्द्र से पोरों की ओर (अंगों के छोरों की ओर) अग्रसर होता है। यानी, बच्चा पहले अपनी रीढ़ की हड्डी पर नियन्त्रण प्राप्त करता है, फिर बाहों पर, और अंत में उंगलियों पर। यह इस बात को भी दर्शाता है कि पीठ और धड़ की मांसपेशियों पर नियन्त्रण सबसे पहले आता है, फिर बाहों में, और अंत में उंगलियों पर।

पाठगत प्रश्न 18.4

1. निम्न सूची में से संज्ञानात्मक कौशलों पर चिह्न (✓) लगाइये। अपने चयन के कारण दीजिए।

(i) तर्कपूर्ण ढंग से सोचना
(ii) काल्पनिक दुनिया में रहना
(iii) हिलती वस्तुओं का आंखों से पीछा करना
(iv) कारण – संबंध के विषय में भ्रांति
(v) रंगों की पहचान
(vi) चमच्च से खाना खाना
(vii) जिज्ञासा
(viii) ऊपरी बनावट से भ्रमित होना
(ix) अपने दातों में ब्रश व बालों में कधी करना
(x) सीमित स्मरण शक्ति

उत्तर: 

(i) तर्कपूर्ण ढंग से सोचना
(ii) काल्पनिक दुनिया में रहना
(iv) कारण – संबंध के विषय में भ्रांति
(v) रंगों की पहचान
(vii) जिज्ञासा
(viii) ऊपरी बनावट से भ्रमित होना
(x) सीमित स्मरण शक्ति

पाठगत प्रश्न 18.5

1. सही उत्तर चुनें व अपने उत्तर के तर्क बताएं।

(i) यदि बच्चे का वातावरण ____________ हो तो उसका व्यवहार अनुचित हो जाता है।

(क) कठोर।

(ख) स्वतंत्र।

(ग) कठोर व स्वतन्त्र।

(घ) इनमें से कोई नहीं।

तर्क ____________________।

उत्तर: (क) कठोर।

तर्क: वह वातावरण जिसमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता न हो (जो कठोरता को दर्शाता है), वहाँ बच्चे अनुचित व्यवहार विकसित कर लेते हैं।

(ii) बच्चा अर्गेठा चूसता है क्योंकि वह-

(क) ऊबा हुआ है।

(ख) असुरक्षित है।

(ग) भयभीत है।

(घ) ध्यान आकर्षित करना चाहता है।

तर्क _____________________।

उत्तर: (क) ऊबा हुआ है।

तर्क: जो बच्चा ऊबा रहता है वह अक्सर अंगूठा चूसता है। अंगूठा चूसने के अन्य कारणों में चूसने की आवश्यकता की संतुष्टि, प्रेम व आश्वासन की आवश्यकता, थकावट, या असंतुष्टि भी शामिल है।

(iii) बच्चा बिस्तर गीला करता है क्योंकि वह-

(क) ऊबा हुआ है।

(ख) असुरक्षित है।

(ग) भयभीत है।

(घ) ध्यान आकर्षित करना चाहता है

तर्क ____________________।

उत्तर: (ख) असुरक्षित है।

तर्क: असुरक्षित और भयभीत बच्चे बिस्तर गीला करते हैं। अन्य कारण यह भी हो सकता है कि बच्चा प्रशिक्षण के लिए तैयार नहीं है।

(iv) बच्चा झूठ बोलता है क्योंकि वह-

(क) ऊबा हुआ है।

(ख) असुरक्षित है।

(ग) ईर्ष्यालु है।

(घ) ध्यान आकर्षित करना चाहता है।

तर्क __________________।

उत्तर: (घ) ध्यान आकर्षित करना चाहता है।

तर्क: बच्चा झूठ बोलता है क्योंकि वह ध्यान आकर्षित करना चाहता है। झूठ बोलने के अन्य कारणों में सजा का भय, अतिशयोक्ति, या अत्यधिक काल्पनिक होना भी शामिल है।

पाठान्त प्रश्न

1. गत्यात्मक विकास के मील के पत्थरों की सूची बनाइये।

उत्तर: गत्यात्मक विकास (Motor Development) के मील के पत्थर (Milestones) निम्नलिखित हैं, जो आयु के अनुसार सूचीबद्ध हैं:

आयुगत्यात्मक विकास के मील के पत्थर (मुख्य बिन्दु)
0–2 माहअंगड़ाई लेता है, पैर मारता है, मुट्ठी बांधे रहता है।
2–4 माहचलते हुए व्यक्ति का अपनी आँखों से पीछा करता है। पेट के बल लिटाने पर सिर उठाता है और पीठ के बल लिटाने पर करवट लेता है।
4–6 माहगोदी में लेने पर गर्दन स्थिर रखता है। सिर और कंधे उठाता है और पलट सकता है। सहारे से बैठाने पर बैठ भी जाता है।
6–8 माहसिर उठा सकता है और बिना सहारे के सीधा बैठ सकता है। वस्तुएं उठाने के लिए पूरे हाथ का प्रयोग करना सीख चुका होता है।
8–10 माहघुटनों चलना प्रारम्भ कर देता है। फर्नीचर का सहारा लेकर खड़ा होने का प्रयास करता है। अंगूठे और उंगली से छोटी वस्तुएं (जैसे बटन) उठाता है।
10–12 माहहल्के सहारे से खड़ा हो जाता है। सहारे से चलता है। छोटी व बड़ी वस्तुएं उठाकर उनका निरीक्षण करता है।
1 से 2 सालबिना सहारे चलता है। कप से कुछ भी पी सकता है। सीढ़ी चढ़ व उतर सकता है।
2 से 3 सालखेलता हुआ थकता नहीं है। मलमूत्र पर नियन्त्रण हो जाता है। बालों में कंघी व दांतों को ब्रश कर सकता है। साधारण निर्देशों को समझ सकता है।
3 से 5 सालअपने कपड़ों के बटन लगा व खोल सकता है। बिना सहायता के कपड़े पहन सकता है। शौच जाने व हाथ धोने जैसी ज़रूरतों को पूरा कर सकता है।

2. 4 वर्ष के बालक की संज्ञानात्मक विशेषताएं बताइये।

उत्तर: 4 वर्ष की आयु प्रारंभिक बाल्यावस्था (2 से 6 वर्ष) में आती है, और इस आयु वर्ग के बालक में संज्ञानात्मक विकास (Cognitive Development) की निम्नलिखित विशेषताएँ देखी जाती हैं:

(i) वस्तु स्थायित्व (Object Permanence): बच्चा संसार का अस्तित्व मानता है, चाहे वह उसे देख पाए या नहीं।

(ii) आत्मकेन्द्रित (Egocentric): वह दूसरों का दृष्टिकोण नहीं समझ पाता है।

(iii) तर्क: वह तर्कपूर्ण ढंग से नहीं सोच पाता है।

(iv) जीववाद (Animism): वह विश्वास करता है कि सभी चीजें (जीवित व मृत) जीवंत होती हैं और उनमें भावनाएँ भी होती हैं।

(v) काल्पनिक खेल: वह काल्पनिक खेलों में लिप्त रहता है।

(vi) सतही दिखावट: वह ऊपरी दिखावट से धोखा खा जाता है।

(vii) स्मरण शक्ति: उसकी स्मरण शक्ति सीमित होती है।

(viii) कारण-संबंध: वह कारण-संबंधों को समझ नहीं पाता है।

(ix) अवधारणाएँ: वह रंग, आकार, संख्या, दिनों आदि की अवधारणाएँ समझने लगता है।

(x) जिज्ञासा: उसमें बहुत ज्यादा जिज्ञासा होती है।

3. कुछ लोग बायें हाथ का अधिक प्रयोग क्यों करते हैं? यदि उन्हें दायां हाथ अधिक प्रयोग करने पर जोर दिया जाये तब क्या होता है?

उत्तर: स्रोत सामग्री यह बताती है कि कुछ बच्चे अपना बायाँ हाथ अपने मुख्य हाथ की तरह प्रयोग करते हैं, लेकिन यह नहीं बताती कि यह व्यवहार क्यों उत्पन्न होता है; यह केवल मस्तिष्क के नियंत्रण केंद्रों की भिन्नता का उल्लेख करती है।

दायां हाथ प्रयोग करने पर जोर देने का परिणाम: बच्चों पर दायां हाथ प्रयोग करने के लिए बल नहीं डालना चाहिए। ऐसा करने से उनके मस्तिष्क पर और उनके अन्य विकास पर प्रतिकूल प्रभाव (Adverse effect) पड़ता है।

भाषा संबंधी समस्याएँ: इससे बच्चे में भाषा संबंधी समस्याएँ विकसित हो सकती हैं।

मस्तिष्क पर भार: दायाँ हाथ प्रयोग करने वालों में हाथ के प्रयोग का नियंत्रण केंद्र मस्तिष्क के बायीं ओर होता है और वाणी (speech) का केंद्र दायीं ओर होता है। लेकिन बायाँ हाथ प्रयोग करने वालों में यह विपरीत होता है (वाणी का केंद्र बायीं ओर, हाथ के प्रयोग का नियंत्रण केंद्र दायीं ओर)। जब बच्चे को बायाँ हाथ छोड़कर दायाँ हाथ प्रयोग करने के लिए बाध्य किया जाता है, तब वाणी का केंद्र हाथ प्रयोग के नियंत्रण केंद्र का कार्यभार भी ले लेता है।

परिणाम: वाणी के केंद्र पर अत्यधिक भार पड़ता है, जिससे बोलचाल व हाथ प्रयोग दोनों ही कार्यों पर प्रभाव पड़ता है। इसके परिणामस्वरूप बोलचाल संबंधी समस्याएँ, लिखावट खराब होना, और सामंजस्य संबंधी समस्याएँ पैदा हो जाती हैं।

4. बच्चों के वस्त्रों के चुनाव के समय कौन से बिंदुओं पर ध्यान दिया जाना चाहिये?

उत्तर: बच्चों के वस्त्रों के चुनाव के समय निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए:

(i) आराम और सामग्री: वस्त्र आरामदेह (comfortable), मुलायम (soft) और अवशोषक (absorbent) कपड़ों (जैसे सूती) के बने होने चाहिए।

(ii) डिज़ाइन और रंग: उनके डिज़ाइन सरल (simple) होने चाहिए, रंग चमकीले (bright) होने चाहिए, और वे आसानी से धुलने वाले होने चाहिए।

(iii) सजावट: वस्त्रों में अत्यधिक झालर, डोरियाँ, रिबन या बटन नहीं लगे होने चाहिए, क्योंकि ये उन्हें चुभ सकते हैं या गर्दन में लिपटने का खतरा पैदा कर सकते हैं।

(iv) मात्रा और लागत: चूँकि बच्चे तीव्रता से बढ़ते हैं, अतः उनके कपड़े न तो बहुत सारे होने चाहिए और न ही अत्यंत महंगे।

(v) लंगोट (Nappy): त्रिकोणी लंगोट हल्के, मुलायम, अवशोषक और शीघ्र सूखने वाले कपड़े की बनी होनी चाहिए।

5. प्रतिरक्षण सारणी लिखिये।

उत्तर: संक्रमित रोगों से सुरक्षा के लिए दी जाने वाली प्रतिरक्षण (Immunization) सारणी (तालिका 18.4) निम्नलिखित है:

1 साल से अधिक

किसके लिएटीका/दवाकब क्यों (किस रोग से बचाव)
गर्भवती स्त्री टिटनस टॉक्साइड (टी.टी.)गर्भावस्था के प्रारम्भ मेंटिटनस से रक्षा करता है।
टिटनस टॉक्साइड (टी.टी.)पहले टीके के एक माह बादटिटनस से रक्षा करता है।
शिशु (< 1 साल)बी.सी.जी. (बेसिलस कैलेमेट ग्वैरिन) वैक्सीनजन्म के समयक्षय रोग (ट्यूबरकुलोसिस) से बचाव।
पोलियो की पीने वाली दवा (0)जन्म के समयपोलियो से बचाव।
डी.पी.टी. – 16 सप्ताह मेंडिप्थीरिया, काली खांसी और टिटनस से बचाव।
पोलियो की पीने वाली दवा (1)6 सप्ताह में
पोलियो से बचाव।
डी.पी.टी. – 210 सप्ताह मेंडिप्थीरिया, काली खांसी और टिटनस से बचाव।
पोलियो की पीने वाली दवा (2)10 सप्ताह मेंपोलियो से बचाव।
डी.पी.टी. – 314 सप्ताह मेंडिप्थीरिया, काली खांसी और टिटनस से बचाव।
पोलियो की पीने वाली दवा (3)14 सप्ताह मेंपोलियो से बचाव।
खसरा
9 महीने मेंखसरे से बचाव।
एम.एम.आर.15 महीने मेंखसरा, गलसुआ (mumps) व रूबेला से बचाव।
डी.पी.टी. (बूस्टर)16 से 24 महीने मेंडिप्थीरिया, काली खांसी और टिटनस से बचाव।
पोलियो की पीने वाली दवा (बूस्टर)16 से 24 महीने मेंपोलियो से बचाव।
डी.टी.5वें या 6वें वर्ष मेंडिप्थीरिया और टिटनस से बचाव।
टिटनस टॉक्साइड10वें वर्ष मेंटिटनस से बचाव।
टिटनस टॉक्साइड16वें वर्ष मेंटिटनस से बचाव।
(नोट: चेचक (Small Pox) का उल्लेख 9 महीने में किया गया है, लेकिन तालिका में यह “छोटी माता” के रूप में लिखा गया है। चेचक का टीका अब आमतौर पर नहीं दिया जाता है, लेकिन स्रोत सामग्री में यह उल्लिखित है)।

6. बच्चों में व्यवहारंगत समस्यायों के विषय में लिखिये। इसके कारण लिखिये और उनमें से किन्हीं पांच के समाधान की विधियां लिखिये।

उत्तर: बच्चों में व्यवहारगत समस्याएँ (Behavioural Problems): छोटे बच्चे अक्सर अनुचित व्यवहार का प्रदर्शन करते हैं, जैसे किसी को मारना, तोड़-फोड़ करना, गाली-गलौज करना, या झूठ बोलना। ये व्यवहार न केवल बच्चों को शारीरिक क्षति पहुँचाते हैं, बल्कि दूसरे बच्चों में उनकी लोकप्रियता भी कम करते हैं।

इन अनुचित व्यवहारों के विकसित होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं:

(i) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अभाव: जब बच्चे ऐसे वातावरण में रहते हैं जहाँ उन्हें स्वयं को अभिव्यक्त करने की आजादी नहीं होती, तब वे अस्वीकृत व्यवहार करने लगते हैं।

(ii) अत्यधिक अपेक्षाएँ: जब माता-पिता और शिक्षक बच्चों से अत्यधिक अपेक्षाएँ रखते हैं और बच्चे उन पर खरे नहीं उतरते, तब वे अनुचित व्यवहार दिखाते हैं।

(iii) ध्यान आकर्षित करना: जब बच्चों को पता चल जाता है कि मनचाही चीज़ प्राप्त करने के लिए अनुचित व्यवहार ही एकमात्र साधन है (जैसे, रोना या ज़मीन पर लोटना), तब वे इसका प्रयोग करते हैं।

(iv) पारिवारिक माहौल का बिगड़ना: जब पारिवारिक माहौल बिगड़ जाता है, जैसे माता-पिता का आपस में झगड़ना या मार-पिटाई करना, तब बच्चे अनुचित व्यवहार करने लगते हैं।

(v) जीवन में संकट: जब बच्चे के जीवन में कोई संकट आता है (जैसे छोटे भाई या बहन का जन्म या किसी प्रियजन की मृत्यु), तब भी वे अनुचित व्यवहार दिखाते हैं।

(vi) शारीरिक अक्षमता/बीमारी: जब बच्चे शारीरिक तौर पर सक्षम नहीं होते, जैसे लंबी बीमारी से उठे हों या जल्दी-जल्दी बीमार पड़ते हों, तब भी वे अनुचित व्यवहार दिखा सकते हैं। किन्हीं पांच व्यवहारगत समस्याओं के समाधान की विधियां बच्चों की व्यवहारगत समस्याओं के समाधान के लिए सजा देने, डांटने, या मजाक उड़ाने से फायदा नहीं होगा। 

यहाँ तालिका 18.5 से किन्हीं पाँच समस्याओं के समाधान की विधियाँ दी गई हैं:

व्यवहारगत समस्यासमाधान की विधियाँ (क्या करें)
1. दूसरों को मारनाबच्चे का ध्यान भटका दें और उसे प्रेम का एहसास कराएँ। भावनाओं को व्यक्त करने का अवसर दें।
2. चीज़ों की तोड़-फोड़बच्चे का ध्यान भटकाएँ और उसे अन्य क्रियाकलापों में लगाएँ। उसे खेलने के लिए स्थान दें और कुछ सस्ते खिलौने दें।
3. अंगूठा चूसनाउसे चूसने की संतुष्टि दें। बच्चे को प्रेम, स्नेह और आश्वासन दें। उसे आनंददायी क्रियाकलापों में लगाएँ।
4. बिस्तर गीला करनाबच्चे को स्वीकार करें। मान कर चलें कि बच्चा अनायास ही बिस्तर गीला कर सकता है। बच्चे को आत्मविश्वास (self-confident) बनाएँ।
5. झूठ बोलनाझूठ बोलने का कारण समझें। आवश्यकतानुसार ही उस पर ध्यान दें। बच्चे की काल्पनिकता बढ़ाने के अवसर प्रदान करें।
6. चोरी करनाबच्चे को उसकी अपनी चीजें दें और उन पर स्वामित्व की भावना आने दें। उदार और समझदार बनें, बच्चे को रचनात्मक अभिव्यक्ति के साधन उपलब्ध कराएँ।

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