NIOS Class 10 Hindi Chapter 14 बूढ़ी पृथ्वी का दुख

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NIOS Class 10 Hindi Chapter 14 बूढ़ी पृथ्वी का दुख

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Chapter: 14

पाठगत प्रश्न – 14.1

सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

1. मानवीकरण का अर्थ है।

(क) जो मानव नहीं, उसे मानव के रूप में कल्पित करना।

(ख) दूसरों के सुख-दुख को अपना सुख-दुख मानना।

(ग) पेड़, पहाड़, नदी आदि के प्रति चिंता प्रकट करना।

(घ) सच्चा मनुष्य बनने की क्रिया।

उत्तर: (क) जो मानव नहीं, उसे मानव के रूप में कल्पित करना।

2. पर्यावरण का अर्थ है।

(क) मनुष्य के लिए अनिवार्य आस-पास की प्राकृतिक स्थिति।

(ख) प्राकृतिक आपदाएँ, जैसे भूकंप, बाढ़, सूखा आदि।

(ग) वृक्षों, नदियों, पहाड़ों को मनुष्य के रूप में चित्रित करना।

(घ) प्रकृति को सूक्ष्मता के साथ देखने की क्षमता।

उत्तर: (ख) प्राकृतिक आपदाएँ, जैसे भूकंप, बाढ़, सूखा आदि।

3. कविता में पेड़ों के हजारों हतार हाथों के हिलने से अभिप्राय है-

(क) खुशी से झूम उठना।

(ख) रक्षा की गुहार लगाना।

(ग) तूफान से काँपना

(घ) हवा से थिरकना।

उत्तर: (ख) रक्षा की गुहार लगाना।

4. निम्नलिखित कथनों में से सही के आगे (✔) और गलत के आगे (x) का निशान लगाइए:

(क) ‘नदियाँ मुँह ढौंपकर रोती है’ का अर्थ है- उनकी पीड़ा को कोई समझ नहीं रहा।

उत्तर: सही।

(ख) ‘नदियाँ मुँह डाँपकर रोती है’ में मानवीकरण है।

उत्तर: सही।

(ग) प्राकृतिक संसाधनों का मनमाना उपयोग हमारा अधिकार है।

उत्तर: गलत।

(घ) ‘सोचा है कभी कि उस घाट…’ प्रश्न के द्वारा कवयित्री घाट की सराहना करना चाहती है।

उत्तर: गलत।

पाठगत प्रश्न – 14.2

सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

1. हृदय विदारक का अर्थ देने वाला मुहावरा कौन-सा है।

(क) सीने पर पहाड़ रखा होना।

(ख) छाती पर साँप लोटना।

(ग) दिल दहलना।

(घ) कलेजे पर पत्थर रखना।

उत्तर: (क) सीने पर पहाड़ रखा होना।

2. ‘खून को उल्टियाँ करते… अपने घर के पिछवाड़’ पंक्तियों के माध्यम से कवयित्री

(क) चंद लोगों के विकास की यातना झेलने वाले वर्ग की पीड़ा का संकेत करती है।

(ख) घर के पिछले भागों को साफ-सुथरा रखने का आग्रह करती है।

(ग) प्रकृति पर मनुष्य की विजय का उद्घोष करती है।

(घ) (क) और (ग) दोनों।

उत्तर: (क) चंद लोगों के विकास की यातना झेलने वाले वर्ग की पीड़ा का संकेत करती है।

3. निम्नलिखित कथनों में से सही के आगे (✔) और गलत के आगे (x) का निशान लगाइए:

(क) हमें जल का उपयोग करते हुए भावी पीढ़ी का ध्यान रखना चाहिए।

उत्तर: सही।

(ख) कवयित्री ने विकास के लिए पहाड़ों को विस्फोट से उड़ाना मनुष्य की मजबूरी बताया है।

उत्तर: गलत।

(ग) पहाड़ पृथ्वी की रक्षा के लिए आवश्यक है, इसलिए इन्हें ‘भूधर’ भी कहते है।

उत्तर: सही।

(घ) व्यक्तिगत स्वार्थ प्राकृतिक संसाधनों का सबसे बड़ा दुश्मन है।

उत्तर: सही।

पाठगत प्रश्न – 14.3

सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

1. ‘चूड़ी पृथ्वी का दुख’ कविता में कौन-सी विशेषता नहीं मिलती?

(क) मानवीकरण।

(ख) प्रश्न शैली।

(ग) दृश्यात्मकता।

(घ) ओजस्विता।

उत्तर: (घ) ओजस्विता।

2. मानवीकरण नहीं है।

(क) पेड़ों का चीत्कार।

(ख) नदियों का रोना।

(ग) मौन समाधि लिए बैठा पहाड़।

(घ) पेड़ की हिलती टहनियाँ।

उत्तर: (घ) पेड़ की हिलती टहनियाँ।

पाठांत प्रश्न

1. पर्यावरण का अर्थ लिखिए। हमें पर्यावरण की रक्षा करने का दायित्व क्यों निभाना चाहिए?

उत्तर: पर्यावरण अर्थ हमारे आस-पास का वातावरण है। हमें पर्यावरण की रक्षा करने का दायित्व इसलिए निभाना चाहिए क्योंकी पेड़-पौधों, नदियों, पर्वतों और हवा को नष्ट एवं प्रदूषित होने से बचाना मनुष्य का कर्तव्य है। इस कर्तव्य का पालन करके ही मानव सहित सभी प्राणियों की रक्षा की जा सकती है और पृथ्वी के सौंदर्य को बचाया जा सकता है।

2. प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक उपयोग से होने वाली हानियों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर: प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक उपयोग से कई हानियाँ हो सकती हैं, जैसे कि बड़े-बड़े कारखाने, उनमें बड़ी-बड़ी मशीनें विकास के नाम पर पृथ्वी पर आज जिस प्रकार प्राकृतिक संसाधनों का अपव्यय किया जा रहा है, उसके कारण न केवल इन संसाधनों के स्रोत समाप्त हो रहे हैं बल्कि प्रदूषण में वृद्धि, प्रदूषण-जनित बीमारियों का प्रसार, सूखा पड़ने, मरुस्थलों का विस्तार, प्राकृतिक असन्तुलन बिभिन्न समस्याएं।

3. संवेदनशीलता का विस्तार करने में कवियों की क्या भूमिका है ‘बूढ़ी पृथ्वी का दुख’ कविता के आर्धार पर स्पष्ट कीजिए। आप किस माध्यम से यह कार्य कर सकते है यह भी लिखिए।

उत्तर: कवि अपनी रचनाओं के माध्यम से संवेदनशीलता का विस्तार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो भावनाओं को जगा सकता है, सहानुभूति जगा सकता है और सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ा सकता है। कविता “बूढ़ी धरती का दुख” इसका एक सशक्त उदाहरण है। इस कविता के माध्यम से कवि धरती की दुर्दशा को उजागर करता है, इसे एक बूढ़ी, पीड़ित माँ के रूप में चित्रित करता है, और पाठकों की भावनाओं को कार्रवाई करने के लिए अपील करता है। संवेदनशीलता को और बढ़ाने और पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए कवि विभिन्न माध्यमों का उपयोग कर सकते हैं, जैसे: 

(i) प्रदर्शन कविता: दर्शकों को जोड़ने और कार्रवाई को प्रेरित करने के लिए सार्वजनिक स्थानों, आयोजनों और समारोहों में कविताएँ सुनाना। 

(ii) सहयोग: कलाकारों, संगीतकारों और फिल्म निर्माताओं के साथ मिलकर मल्टीमीडिया प्रस्तुतियाँ बनाना जो व्यापक दर्शकों तक पहुँचती हैं। 

(iii) कार्यशालाएँ और वाचन: लोगों को जोड़ने और उन्हें अपने अनुभव और दृष्टिकोण साझा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कार्यशालाएँ, वाचन और चर्चाएँ आयोजित करना।

(iv) सोशल मीडिया: कविताओं, लेखों और सूचनाओं को साझा करने और व्यापक दर्शकों से जुड़ने के लिए ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करना।

(v) शैक्षणिक संस्थान: युवा मन में संवेदनशीलता और जागरूकता पैदा करने के लिए स्कूल के पाठ्यक्रम और कार्यशालाओं में पर्यावरण संबंधी कविता को शामिल करना।

4. पानी के प्रदूषण के प्रमुख कारणों का उल्लेख कीजिए। उन कारणों के निदान के बारे में टिप्पणी कीजिए।

उत्तर: कवयित्री ने नदी का रोना सुना है। नदी के साथ वह खुद भी रोती है। जिनका जीवन नदियों, पेड़ों और वनस्पतियों पर सीधे-सीधे निर्भर है, वे इनकी दुर्दशा पर दुःखी होते हैं। कवयित्री उसी दुख का बोध शहरी लोगों और शिक्षित नागरिकों को कराना चाहती है। यहाँ पर पेड़ की तरह नदी का भी मानवीकरण किया गया है। मनुष्य जब किसी गहरी पीड़ा से ग्रस्त होता है और उसके दुख को समझने वाला कोई नहीं होता, तो वह एकांत में सिसक-सिसक कर रोता है। नदी भी ऐसा ही करती है। वह मुँह ढौंपकर धोते रोती है। नदी भी तो आंतरिक रूप से पीड़ित है। उसकी पीड़ा यह है कि वह हमें जीवन देने के लिए अपना जल हमें दे देती है और हम है कि उसे नष्ट करा रहे हैं। यहाँ पर नदियों के घटते पानी, उनमें बढ़ते प्रदूषण को लेकर दुख प्रकट किया है।

5. ‘बूढ़ी पृथ्वी का दुख’ कविता में मानवीकरण किस प्रकार किया गया है- उल्लेख कीजिए।

उत्तर: कवयित्री ने इन पंक्तियों में बहुत ही मार्मिक यानी मन को छू लेने वाली कल्पना की है। पेड़ कुल्हाड़ी की चोट की आशंका से भयभीत होकर बचाव के लिए पुकारने लगता है। पेड़ की काँपती हुई टहनियाँ मानो बचाव के लिए पुकारते उसके हजारों हाथ है। मानो वे हमारी ओर उठे हैं कि हम पेड़ को बचाएँ। कवयित्री चाहती है कि हम पेड़ों के प्रति संवदेनशील हों और उन्हें कटने से बचाएँ।

जब हमारा कोई आत्मीय छोड़कर चला जाता है तो बेहद पीड़ा होती है वैसी ही पीड़ा किसी पेड़ के कटने पर भी होनी चाहिए, क्योंकि उनपर हमारा जीवन निर्भर है, वे हमारी जीवनी शक्ति है। उनमें भी जीवन होता है। अतएव किसी पेड़ के कटकर धरती पर गिरने पर उसकी आवाज उसी तरह ठेस पहुँचाएगी, मानो हमारा ही कोई हिस्सा कटकर गिर गया हो।

6. मनुष्य के प्रकृति-विरोधी व्यवहार को मानव विरोधी व्यवहार क्यों कहा जा सकता है- उल्लेख कीजिए।

उत्तर: कवयित्री की इस सुंदर कल्पना को असुंदर बनाता है- मनुष्य का पहाड़ के साथ किया गया व्यवहार। मनुष्य एक तरफ निर्माण करता है, तो दूसरी तरफ विनाश भी करता है। मनुष्य ऊँची-ऊँची इमारतें बनाने के लिए पत्थर, सीमेंट आदि पाने को पहाड़ में डाइनामाइट लगाकर उसमें विस्फोट करता है। जब पहाड़ विस्फोट से टूटता है, तो ऐसा लगता है, मानो मनुष्य के इस व्यवहार से उसका सीना दहल गया हो। कोई ठोस चीज़ बहुत तेज़ आघात या चोट से टूटती है, तो उसके कुछ टुकड़े तेज गति से बहुत दूर तक इधर-उधर जा गिरते हैं। इसे इन टुकड़ों का छिटकना कहते हैं। पहाड़ के सीने पर मनुष्य तेज आघात करता है, इससे उसके पत्थर छिटककर दूर गिरते हैं। कविता की इन पंक्तियों में पहाड़ के प्रति मनुष्य के क्रूर व्यवहार को कहा जा सकता है।

7. ‘दिल दहलना’, ‘हृदय विदारक’ और ‘छिटकना’ का उचित प्रयोग करते हुए दो-दो वाक्य लिखिए।

उत्तर: ‘दिल दहलना’, ‘हृदय विदारक’ और ‘छिटकना’ का उचित प्रयोग करते हुए दो-दो वाक्य है-

दिल दहलना:

(i) उसकी माँ के निधन की खबर उसके लिए दिल दहलाने वाली थी। 

(ii) फिल्म का क्लाइमेक्स दिल दहलाने वाला था, जिसने दर्शकों को आँसू में डुबो दिया। 

हृदय विदारक

(i) बच्चे की अपने माता-पिता से विदाई का दिल दहलाने वाला दृश्य मेरी स्मृति में अंकित है। 

(ii) दिल दहलाने वाला संगीत हवा में भर गया, जिससे दुख और लालसा की भावनाएँ पैदा हो गईं। 

छिटकना: 

(i)  कविता के भावनात्मक शब्दों ने दर्शकों को छलनी कर दिया, जिससे कई लोगों की आँखों में आँसू आ गए।

(ii)  दुखद कहानी ने उसे छलनी कर दिया, और वह रोने से खुद को रोक नहीं पाई। 

8. उपयुक्त मिलान कीजिए:

सुननाबूढ़ी पृथ्वी का दुख
देखनाहवा का खून की उल्टियाँ करना
महसूस करनानदियों का मुँह ढाँपकर रोना
बतियानापहाड़ का सीना दहलना

उत्तर: 

सुननानदियों का मुँह ढाँपकर रोना
देखनाहवा का खून की उल्टियाँ करना
महसूस करनाबूढ़ी पृथ्वी का दुख
बतियानापहाड़ का सीना दहलना

9. संज्ञा शब्द वे शब्द हैं, जो किसी व्यक्ति, प्राणी, वस्तु, स्थान, भाव आदि के नाम के लिए प्रयुक्त होते हैं। संज्ञा की विशेषता बताने वाले रूप को विशेषण कहते हैं। क्रिया से किसी कार्य को करने का या किसी स्थिति में होने का बोध होता है। कभी-कभी कार्य अथवा कार्य करने की रीति भी संज्ञा के विशेषण के रूप में होती है। निम्नलिखित में से किस विकल्प में कार्य करने की रीति संज्ञा के विशेषण के रूप में नहीं है-

(क) कुल्हाड़ियों के वार सहते पेड़।

(ख) बचाव के लिए पुकारते हजारों-हजार हाथ।

(ग) मौन समाधि के लिए बैठे पहाड़ का सीना।

(घ) हवा घर के पिछवाड़े खून की उल्टियाँ करती है।

उत्तर: (घ) हवा घर के पिछवाड़े खून की उल्टियाँ करती है।

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