NIOS Class 10 Hindi Chapter 5 रॉबर्ट नर्सिंग होम में Solutions to each chapter is provided in the list so that you can easily browse throughout different chapters NIOS Class 10 Hindi Chapter 5 रॉबर्ट नर्सिंग होम में Notes and select need one. NIOS Class 10 Hindi Chapter 5 रॉबर्ट नर्सिंग होम में Question Answers Download PDF. NIOS Study Material of Class 10 Hindi Notes Paper 201.
NIOS Class 10 Hindi Chapter 5 रॉबर्ट नर्सिंग होम में
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रॉबर्ट नर्सिंग होम में
Chapter: 5
बोध प्रश्न |
सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
1. ‘देह उनकी कोई पैतालीस बसंत देखी के माध्यम से लेखक क्या बताना चाहता है।
(क) सौंदर्य।
(ख) मौसम।
(ग) उम्र।
(घ) चुस्ती-फुर्ती।
उत्तर: (घ) चुस्ती-फुर्ती।
2. हिटलर को मंदर ने नही कहा क्योंकि यह-
(क) फ्रांस को जीतना चाहता था।
(ख) नफरत फैला रहा था।
(ग) जर्मनी का रहनेवाला था।
(घ) स्त्री-विरोधी था।
उत्तर: (ग) जर्मनी का रहनेवाला था।
3. ‘काम यो कि मशीन मात माने का आशग है-
(क) सभी उपकरण चलाने का कौशल।
(ख) शीघ्रता से काम कर लेना।
(ग) मशीनों को बुरा मानना।
(घ) मशीनों से भी तेज काम करना।
उत्तर: (घ) मशीनों से भी तेज काम करना।
पाठगत प्रश्न – 5.1 |
सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
1. मदर टेरेसा का जीवन उददेश्य था-
(क) ईसाई धर्म का प्रचार करना।
(ख) महिलाओं को जागरूक बनाना।
(ग) भारत की संस्कृति को समझना।
(घ) रोगियों व जरूरतमंदों की सेवा करना।
उत्तर: (घ) रोगियों व जरूरतमंदों की सेवा करना।
2. हिटलर के लिए उपयुक्त विशेषणों का समूह है-
(क) वीर, विजेता, शासक।
(ख) संवेदनशील, सहदय, शासनाध्यक्ष।
(ग) क्रूर, निरंकुश तानाशाह।
(घ) निर्दय, साहसी, अधिनायक।
उत्तर: (ग) क्रूर, निरंकुश तानाशाह।
3. लेखक ने सबसे अधिक महत्त्व किल्ले दिया।
(क) रोगों को दूर करने को।
(ख) मावुकतापूर्ण आचरण को।
(ग) कठोरतापूर्ण व्यवहार को।
(घ) मानवता के प्रति समर्पण को।
उत्तर: (घ) मानवता के प्रति समर्पण को।
पाठगत प्रश्न – 5.2 |
सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
1. पर कष्ट क्या पात्र की क्षमता देखकर आता है? कहने का आराय है-
(क) अमीर लोगों पर कष्ट नहीं आना चाहिए।
(ख) सहने की क्षमता के अनुसार कष्ट आना चाहिए
(ग) कष्ट किसी भी व्यक्ति पर आ सकता है।
(घ) प्रत्येक व्यक्ति को कष्ट झेलना चाहिए।
उत्तर: (ग) कष्ट किसी भी व्यक्ति पर आ सकता है।
2. चीखते-तडपत्ते रोगी को मदर मार्गरेट ने कुछ नहीं, कुछ नहीं कहा क्योंकि वे
(क) उसके रोग को मामूली समझती थीं।
(ख) डॉक्टर पर विश्वास करती थीं।
(ग) रोग से लड़ने की हिम्मत देना चाहती थीं।
(घ) रोग का सही उपचार जानती थीं।
उत्तर: (ग) रोग से लड़ने की हिम्मत देना चाहती थीं।
3. पाठ की भाषा-शैली में कौन-सी विशेषता नहीं मिलती।
(क) आँखों देखा वर्णन।
(ख) छोटी-छोटी बातों की व्याख्या।
(ग) भावुकतापूर्ण उद्गार।
(घ) चित्रात्मकता।
उत्तर: (ख) छोटी-छोटी बातों की व्याख्या।
पाठांत प्रश्न |
1. रॉबर्ट नर्सिंग होम में जाना लेखक के लिए क्यों यादगार बन गया? अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर: रॉबर्ट नर्सिंग होम में जाना लेखक के लिए इसलिए यादगार बन गया क्योंकि लेखक कल तक जिनका अतिथि था, आज उनका परिचारक बन गया था, क्योंकि उसकी आतिथैया अचानक बीमार हो गईं और लेखक को उन्हें इन्दौर के रॉबर्ट नर्सिंग होम में भर्ती कराना पड़ा। नर्सिंग होम में लेखक की मुलाकात महिला नस से होती है, जो माँ के समान भावनाओं को अपने चेहरे एवं गतिविधियों में समाहित किए हुए हैं।
2. रॉबर्ट नर्सिंग होम के डॉक्टर ने कहा, भदर तुम हँसी बिखेरती जो हो। आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: मदर की निस्वार्थ सेवा भाव को देख कर रोबर्ट नर्सिंग होम के डॉक्टर ने कहा, ‘मदर तुम हँसी बिखेरती जो हो ने भदर से कहा है कि वह हंसी फैलाने में माहिर हैं। उनकी हंसी से लोग प्रसन्न होते हैं और वह लोगों के मनोबल को उठाती है। इस पंक्ति से यह सुझाव दिया जाता है कि भदर की प्रसन्नता और हंसी से लोगों को संतुष्टि मिलती है।
3. लेखक मदर टेरेसा के जाने के बाद किस प्रकार की दीवारों के बारे में सोचता रहा? आपकी दृष्टि में इन दीवारों को गिराना क्यों जरूरी है?
उत्तर: लेखक मदर टेरेसा के जाने के बाद, विशेषकर वे दीवारों के बारे में उभरती तरुणाई से उम्र के इस हालात तक रोगियों की सेवा में तल्लीन यही काम यहीं रहो यही चाव और बस यही सोचते रहे जो अलग-अलग समाजों और लोगों को बांट रही हैं। इन दीवारों के रूप में अलग-अलग संस्कृतियों, जातियों, धर्मों और राजनीतिक विचारधाराओं की भीड़ को स्वीकार किया जा सकता है। इन दीवारों को गिराने की जरूरत उनके लिए यह हो सकती है क्योंकि वे देखते हैं कि इन दीवारों के कारण समाज में समंदरों की तरह अलगाव और भेदभाव होता है।
4. मदर मार्गरेट का जादू किसे कहा गया है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: मदर मार्गरेट अपनी ममता, सेवा भावना से एक दीन-हीन निराश रोगी के जीवन में आशा का संचार करके उन्हें स्वस्थ्य, हँसता खेलता व्यक्ति बना देती। मदर की निस्वार्थ सेवा भाव को देख कर रोबर्ट नर्सिंग होम के डॉक्टर ने कहा, ‘मदर तुम हँसी बिखेरती जो हो।
5. फोटो किसी बात को अधिक प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करती है। आप इस विचार से कहाँ तक सहमत है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: तस्वीर न सिर्फ एक साक्ष्य का काम करता है बल्कि घटना को वास्तविकता के पटल पर रखकर उसे समझने मे हमारी मदद भी करता है। हम तस्वीर के माध्यम से बातों मे घटना कि सजीवता को स्पष्टतया देख और महसूस कर सकते हैं।
6. ‘रॉबर्ट नर्सिंग होम’ पाठ से हम अपने जीवन में क्या प्रेरणा ले सकते हैं, उल्लेख कीजिए।
उत्तर: रॉबर्ट नर्सिंग होम में पाठ से हम निस्वार्थ भाव से मानवता की सेवा की प्रेरणा ले सकते हैं मानवता की राह में स्थान, धर्म, जाति, भाषा के बंधन मायने नहीं रखते, केवल प्रेम और मानवता महत्वपर्ण होते हैं।
7. निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए:
(क) उभरती तरुणाई से उम्र के इस ढलाव तक रोगियों की सेवा में तल्लीन, यही काम, यही धाम, यही राग, यही चाव और बस यही, यही।
उत्तर: इसका आशय है कि उभरती युवा से लेकर उम्र के इस ढलाव तक, रोगियों की सेवा में समर्पित रहना ही उनका सतत कार्य, उनका धर्म, उनकी पसंद और उनकी आदत है।
(ख) फ्रांस की पुत्री मदर टेरेसा और जर्मनी की दुहिता क्रिस्ट हैल्ड एक साथ, एक रूप, एक ध्येय, एक रस।
उत्तर: इस दोहे में यह बताया गया है कि मदर टेरेसा और क्रिस्ट हैल्ड, जो फ्रांस की पुत्री और जर्मनी की बेटी हैं, एक साथ, एक रूप, एक ध्येय, एक रस में सेवा करती हैं।
(ग) कष्ट क्या पात्र की क्षमता देखकर आता है?
उत्तर: इस का आशय है कि कष्ट उस व्यक्ति की क्षमताओं को देखकर आता है जो समस्याओं का सामना करने में सक्षम होता है।
(घ) भाषा के भेद रहे हैं, रहेंगे भी, पर यह जोत विश्व की सर्वोत्तम जोत है।
उत्तर: भाषा के भेद हो सकते हैं या रह सकते हैं, लेकिन गीता जैसी ज्ञान की ज्योति सभी मानवों के लिए सर्वोत्तम है।
(ड) हम भारतवासी गीता को कंठ में रखकर धनी हुए, पर तुम उसे जीवन में ले कृतार्थ हुई।
उत्तर: हम भारतीय लोग गीता को अपने कंठ पर रखकर धनी हो गए हैं, लेकिन तुमने उसे अपने जीवन में लाने से अपने जीवन को सार्थक बना लिया है।
8. यदि मदर टेरेसा और क्रिस हैल्ड एक होकर कार्य न करतीं तो किसकी हानि होती और क्यों, उल्लेख कीजिए।
उत्तर: किसी बीमार व्यक्ति का इलाज अगर प्रेमपूर्वक और सम्पूर्ण प्रसन्नता से किया जाए तो उसके जल्दी ठीक होने कि उम्मीद बढ़ जाती है। मदर टेरेसा और क्रिस हैल्ड ये बात बहुत अच्छे से जानतीं थीं। यदि मदर टेरेसा और क्रिस हैल्ड मिलकर काम न करतीं तो मरीजों का देखभाल करने का कार्य मदर टेरेसा पर आ जाता।
9. निम्नलिखित अनुच्छेद को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिएः
परोपकार मानव जीवन का धर्म है। परोपकार की भावना के बिना मनुष्य और पशु में किंचित अंतर नहीं है। परोपकार करने से आत्मा को जिस सच्चे आनंद की प्राप्ति होती है, उसको शब्दों में नहीं बाँधा जा सकता। स्वयं भूखे-प्यासे रहकर किसी की भूख-प्यास को मिटाने से असीम आत्मिक आनंद की प्राप्ति होती है। परोपकार में ही जीवन की सार्थकता है। अपने जीवन को सफल बनाने के लिए हमें अपनी समस्त शक्तियों का प्रयोग परोपकार के लिए करना चाहिए। हमें अपनी धन-संपदा का प्रयोग दूसरों का हित-संपादन करने के लिए, अपनी शक्ति का प्रयोग अत्याचार तथा अन्याय के निवारण के लिए तथा अपनी बुद्धि का प्रयोग अज्ञान के अंधकार को दूर करने के लिए करना चाहिए। यदि जीवन में आप पुण्यशील बनकर पुण्य प्राप्त करने के इच्छुक है तो परोपकार कीजिए और यदि पापों का संचय करना चाहते हैं तो दूसरे प्राणियों को पीडा दीजिए। अतः हमें परोपकार की पवित्र भावना से प्रेरित होकर जहाँ तक संभव हो सके, दूसरों के कष्टों का निवारण करना चाहिए, क्योंकि जीवन में आनंद की प्राप्ति का यह एक सहज मार्ग है।
1. मनुष्य व पशु के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: मनुष्य और पशु में अंतर यह है कि मनुष्य में परोपकार की भावना होती है, जो पशुओं में नहीं होती।
2. हम आत्मिक आनंद की प्राप्ति किस प्रकार कर सकते हैं?
उत्तर: हम परोपकार के निस्वार्थ कार्यों में संलग्न होकर आध्यात्मिक आनंद प्राप्त कर सकते हैं, जैसे दूसरों के दुख को दूर करने के लिए अपने आराम और संसाधनों का त्याग करना।
3. हमें अपनी शक्ति व धन का प्रयोग कैसे करना चाहिए?
उत्तर: हमें अपनी शक्ति, धन और बुद्धि का उपयोग दूसरों के लाभ के लिए करना चाहिए, विशेष रूप से:
अन्याय और अत्याचार को रोकने के लिए हमारी शक्ति।
अज्ञानता और अंधकार को दूर करने के लिए हमारी बुद्धि।
4. इस अनुच्छेद का सार एक तिहाई शब्दों में लिखिए और एक उपयुक्त शीर्षक भी दीजिए।
उत्तर: परोपकार मानव जीवन के लिए आवश्यक है। इसके बिना, मनुष्य जानवरों से बेहतर नहीं है। दयालुता के निस्वार्थ कार्य अपार आध्यात्मिक आनंद लाते हैं, जिसे शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता है। हमें अपने संसाधनों, शक्ति और बुद्धि का उपयोग दूसरों की भलाई, दुखों को कम करने और अन्याय को रोकने के लिए करना चाहिए। ऐसा करके हम आध्यात्मिक आनंद प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं।