NIOS Class 10 Hindi Chapter 6 भारत की ये बहादुर बेटियाँ

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NIOS Class 10 Hindi Chapter 6 भारत की ये बहादुर बेटियाँ

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Chapter: 6

पाठगत-प्रश्न – 6.1

सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

1. जब पहली बार कल्पना चावला अंतरिक्ष में थी, तब भारत के प्रधानमंत्री नेI 

(क) उन्हें ऐसे खतरे न उठाने की सलाह दी।

(ख) उन्हें जल्दी से जल्दी पृथ्वी पर लौट आने को कहा।

(ग) उन्हें कहा कि महिलाओं के लिए ऐसे करतब ठीक नहीं।

(घ) उन्हें इस अंतरिक्ष अभियान के लिए बधाई दी।

उत्तर: (घ) उन्हें इस अंतरिक्ष अभियान के लिए बधाई दी।

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2. पढे हुए अश के आधार पर निम्नलिखित घटनाओं को सही क्रम में लिखिए:

(क) 16 जनवरी 2003 को ‘केनेडी अंतरिक्ष केंद्र’ से आसमान में उड़े अंतरिक्ष-यान में बैठे लोगों में से एक कल्पना चावला भी थीं।

(ख) कोलंबिया मिशन के लिए कल्पना भी चुन ली गई।

(ग) अपने सात साथियों के साथ 1 फरवरी, 2003 की शाम अंतरिक्ष की बेटी अंतरिक्ष में समा गई।

(घ) बोल्डर में कोलराडो विश्वविद्यालय से कल्पना चावला ने सन् 1988 में एअरोस्पेस में पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की।

(ङ) कल्पना चावला ने एअरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री चंडीगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज से ली। 

(च) हरियाणा राज्य के करनाल शहर के एक सामान्य व्यापारी बनवारी लाल के घर में एक साधारण गृहिणी संयोगिता ने सन् 1961 की पहली जुलाई को एक बिटिया को जन्म दिया, जो कल्पना कहलाई।

उत्तर: (च) हरियाणा राज्य के करनाल शहर के एक सामान्य व्यापारी बनवारी लाल के घर में एक साधारण गृहिणी संयोगिता ने सन् 1961 की पहली जुलाई को एक बिटिया को जन्म दिया, जो कल्पना कहलाई।

(ङ) कल्पना चावला ने एअरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री चंडीगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज से ली।

(घ) बोल्डर में कोलराडो विश्वविद्यालय से कल्पना चावला ने सन् 1988 में एअरोस्पेस में पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की।

(ख) कोलंबिया मिशन के लिए कल्पना भी चुन ली गई।

(क) 16 जनवरी 2003 को ‘केनेडी अंतरिक्ष केंद्र’ से आसमान में उड़े अंतरिक्ष-यान में बैठे लोगों में से एक कल्पना चावला भी थीं।

(ग) अपने सात साथियों के साथ 1 फरवरी, 2003 की शाम अंतरिक्ष की बेटी अंतरिक्ष में समा गई।

3. दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए:

कल्पना की दुखद मृत्यु के पश्चात् भारत के प्रधानमंत्री ने विशेष घोषणा की।

(क) कल्पना को सभी भारतीय वैज्ञानिक श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

(ख) मेट-सेट अब कल्पना-1 के नाम से जाना जाएगा।

(ग) हमें ऐसे खतरे आगे भी उठाते रहने होंगे।

(घ) अंतरिक्ष से जुड़े शोध-कार्य कभी भी रुकने नहीं चाहिए।

उत्तर: (ख) मेट-सेट अब कल्पना-1 के नाम से जाना जाएगा।

4. एजरोनॉटिकल इंजीनियरिंग को अपना विषय चुनने पर कल्पना चावला के सहपाठियों ने उसका मजाक उड़ाया। क्या आपके सही होने पर भी कभी आपके साथियों ने आपको गलत साबित करने की कोशिश की? तब आपने क्या किया?

(क) अपने साथियों की बात को मान लिया।

(ख) उस दिशा में आगे न बढ़ने का निश्चय किया।

(ग) साथियों से जानने का प्रयास किया कि सही क्या है।

(घ) अपने साथियों को अपनी बात समझाते हुए अपना कार्य जारी रखा।

उत्तर: (घ) अपने साथियों को अपनी बात समझाते हुए अपना कार्य जारी रखा।

पाठगत प्रश्न – 6.3

1. सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

(i) एवरेस्ट अभियान दल में बचेंद्री के साथ निम्न में से कौन था?

(क) तेनज़िंग।

(ख) हसा देई।

(ग) जुके ताबी।

(घ) अंग दोरजी।

उत्तर: (घ) अंग दोरजी।

(ii) बचेंद्री का पर्वतारोही बनने का संकल्प किस बात से मजबूत हुआ?

(क) पिता द्वारा पढ़ाई का खर्च न देने से।

(ख) लडकी होने के कारण उपेक्षा से।

(ग) सिलाई द्वारा प्राप्त आमदनी से।

(घ) उच्च शिक्षा से प्राप्त आत्मविश्वास से।

उत्तर: (ख) लडकी होने के कारण उपेक्षा से।

2. पाठ के आधार पर निम्नलिखित घटनाओं को सही क्रम में लिखिए:

(क) अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए बचेंद्री ने सिलाई का काम सीखा और कपड़े सिले।

(ख) बचद्री का जन्म सन 1954 में चमोली जिले के एक अत्यंत साधारण परिवार में हुआ।

(ग) 23 मई, 1984 को दिन के 1 बजकर 7 मिनट पर बचेंद्री ने माउंट एवरेस्ट पर भारतीय तिरंगा लहरा दिया।

(घ) बड़े भाई द्वारा तिरस्कार से बचेंदी का पर्वतारोहण का संकल्प और दृढ होता गया।

(ड) संसार के सर्वोच्च शिखर पर पहुँचने वाली वह प्रथम भारतीय महिला बन गई।

उत्तर: (ख) बचद्री का जन्म सन 1954 में चमोली जिले के एक अत्यंत साधारण परिवार में हुआ।

(क) अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए बचेंद्री ने सिलाई का काम सीखा और कपड़े सिले।

(घ) बड़े भाई द्वारा तिरस्कार से बचेंदी का पर्वतारोहण का संकल्प और दृढ होता गया।

(ग) 23 मई, 1984 को दिन के 1 बजकर 7 मिनट पर बचेंद्री ने माउंट एवरेस्ट पर भारतीय तिरंगा लहरा दिया।

(ड) संसार के सर्वोच्च शिखर पर पहुँचने वाली वह प्रथम भारतीय महिला बन गई।

पाठांत प्रश्न

1. कल्पना चावला को लोगों ने एअरोनॉटिकल इन्जीनियरिंग पढ़ने से क्यों मना किया? अगर आपके जीवन में ऐसी परिस्थिति आए, तो आप कल्पना चावला के जीवन से क्या प्रेरणा लेंगे?

उत्तर: अगर मेरे जीवन में भी ऐसी परिस्थिति आए, तो मुझे कल्पना चावला के जीवन से यह प्रेरणा मिलेगी कि मुझे अपने सपनों और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अपने आत्म-विश्वास में पूरी तरह से विश्वास करना चाहिए और उन्होंने अपने सपनों के लिए प्रतिरोध किया और अपने जीवन को एक स्वतंत्र और सकारात्मक दिशा में ले जाने के लिए प्रेरित किया। उनका उदाहरण मुझे यह शिक्षा देती है कि कोई भी परिस्थिति में, हमारे सपने और लक्ष्यों को हासिल करने के लिए हमें दृढ़ता से अपनी प्राथमिकताओं को स्थापित करना होगा।

2. बचेंद्री पाल ने सिलाई करके पढ़ाई जारी रखी। यदि आपके सामने भी इसी तरह की कोई आर्थिक या पारिवारिक समस्या आए, तो आप उसका हल किस प्रकार निकालेंगे? लिखिए।

उत्तर: बचेंद्री पाल ने सिलाई करके पढ़ाई जारी रखी। अगर मेरे पास भी कोई ऐसी आर्थिक या पारिवारिक समस्या आती, तो मैं उसे समझने की कोशिश करूंगी और समाधान तलाशने के लिए उचित कदम उठाऊंगी। मुझे उस समस्या का समाधान निकालने के लिए सभी संभावित विकल्पों को विचार करने की क्षमता होगी, साथ अपने से बड़े लोगो से सलाह लूंगी।

3. फीचर किसे कहते हैं? ‘भारत की ये बहादुर बेटियाँ एक फीचर है’। सिद्ध कीजिए।

उत्तर: फीचर भारत की बहादुर बेटियों को कहते है। नारी-शक्ति की दृष्टि से भारत किसी भी देश से पीछे नहीं है और इन्हीं बातों को इस फीचर में दो नारियों के माध्यम से बताया गया है। आधुनिक नारियाँ छुई मुई नहीं हैं, वे शक्ति-स्वरूपा है।

4. इस पाठ का शीर्षक आपको उचित लगता है या नहीं? यदि उचित लगता है तो क्यों?

उत्तर: इस पाठ का शार्षिक मुझे उचित लगता है क्योंकि इस पाठ में महिलाएँ को भी पुरुषों से कम नहीं कहा है। भारत की बेटियों ने अपने आत्मविश्वास, संकल्प और परिश्रम से ऐसी उपलब्धियाँ हासिल की है, जिससे भारत को पूरे संसार में सिर उठाने का मौका मिला है। नारियों में अदम्य शक्ति छिपी है। उन्हें उपयुक्त अवसर मिलना चाहिए। कलाना चावला, बचेंद्री पाल जैसी बहादुर बेटियों की जीवन-कथाएँ सभी को प्रेरित करेगी।

5. कल्पना चावला और बचेंद्री पाल अपने विषय में सोच-समझकर स्वयं फैसला लेने वाली, साहसी, दृढ निश्चयी, आत्म-विश्वासी महिलाएं हैं। इसीलिए वे आज इस रूप में याद की जाती हैं। इसी तरह की किसी एक महिला पर एक फीचर लिखिए।

उत्तर: झाँसी के महाराजा से शादी के बाद, चौदह वर्षीय मनु का जीवन मौलिक रूप से बदल गया। वह ऐसी रानी बन जाती है जो भारत में ब्रिटिश शासन से नफरत करती है और ब्रिटिश सेना के खिलाफ लड़ने के लिए यात्रा करती है। उनकी व्यक्तित्व आज सिर्फ महिलाओं के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत है। रानी लक्ष्मी बाई ग्वालियर में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ती हुई शहीद हुईं थी।

6. आज भी हमारे समाज के कुछ हिस्सों में लड़के और लड़की में भेद किया जाता है, क्या आपकी दृष्टि में यह उचित है-तर्कसहित लिखिए।

उत्तर: आज भी हमारे समाज के कुछ हिस्सों में लड़के और लड़कियों के बीच भेदभाव का कोई भी योग्य तर्क नहीं हो सकता। समाज में समानता, समर्थन और अवसर का अधिकार सभी को होना चाहिए, चाहे वह लड़का हो या लड़की। इस प्रकार के भेदभाव समाज की प्रगति और न्याय में बाधा डालते हैं, और इससे समाज में विभाजन और असमानता की स्थिति बढ़ती है। लिंग के आधार पर किए जाने वाले इस भेदभाव को समाज से हटाने की आवश्यकता है, क्योंकि हर व्यक्ति को उसके कार्यों और योग्यताओं के आधार पर मौके मिल सकें और समाज एक समृद्ध, समान और न्यायसंगत दिशा में अग्रसर हो सके।

7. निम्नलिखित अनुच्छेद पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

 तैराकी आनंद की बस्तु होने के साथ-साथ हमारी आवश्यकता भी है। नदियों के आसपास के गाँवों के लोग, सडक मार्ग न होने पर एक दूसरे से तभी मिल सकते है. जब उन्हें तैरना आता हो अथवा नदियों में नावे हो। प्राचीन काल में नावें कहाँ थीं? तब तो आदमी तो आदमी को तैरकर ही नदियों को पार करना पड़ता था। किंतु तैरने के लिए आदिम मनुष्य को निश्चय ही प्रयत्न और परिश्रम करना पड़ा होगा, क्योंकि उसमें अन्य प्राणियों की भाँति तेरने की जन्मजात क्षमता नहीं है। जल में मछली आदि जलजीवों को स्वच्छद विचरण करते देख मनुष्य ने उसी प्रकार तैरना सीखने का प्रयत्न किया और धीरे-धीरे उसने इस कार्य में इतनी निपुणता प्राप्त कर ली कि आज तैराकी एक कला के रूप में गिनी जाने लगी है। विश्व में जो खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है, उनमें तैराकी प्रतियोगिता अनिवार्य रूप से सम्मिलित की जाती है।

प्रश्न

1. प्राचीन काल में तैराकी मनुष्य की आवश्यकता क्यों थी?

उत्तर: प्राचीन काल में तैराकी की आवश्यकता थी इसलिए क्योंकि नदियों और समुद्रों को पार करने के लिए तैरना मनुष्य कठिन थी। यह उनके जलसंचार, व्यापार, और समुद्री यातायात के लिए महत्वपूर्ण था।

2. तैराकी व्यायाम है या खेल अथवा दोनों? सही तर्क देते हुए लिखिए।

उत्तर: तैराकी व्यायाम है खेल दोनो यह शारीरिक कुशलता और टोनिंग में मदद करता है, साथ ही आत्मसमर्थन और आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है।

3. इस अनुच्छेद का सार एक तिहाई शब्दों में लिखिए। अनुच्छेद का उचित शीर्षक लिखिए।

उत्तर: छात्र–छात्री खुद करे।

4. अनुच्छेद से जातिवाचक संज्ञा के पाँच उदाहरण छाँटकर लिखिए।

उत्तर: अनुच्छेद से जातिवाचक संज्ञा के पाँच उदाहरण है–

मनुष्य, जलस्थल, व्यायामी, समुद्री, प्रतियोगिता।

5. अनुच्छेद से ऐसे दो-दो शब्द छोटिए, जिनमें उपसर्ग या प्रत्यय हो। उन शब्दों में शामिल उपसर्ग तथा दो प्रत्ययों का भी उल्लेख कीजिए।

उत्तर: व्यायाम (व्य + आयाम)

उपसर्ग: व्य।

प्रत्यय: आयाम।

समुद्री (समुद्र + ई)

उपसर्ग: नहीं है।

प्रत्यय: ई।

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