NIOS Class 10 Hindi Chapter 4 आह्वान

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NIOS Class 10 Hindi Chapter 4 आह्वान

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Chapter: 4

पाठगत प्रश्न – 4.1

सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 

1. कवि ने किन्हें पौरुष का पाठ पढ़ने के लिए कहा है?

(क) आलसी लोगों को।

(ख) भाग्य का विरोध करने वालों को।

(ग) आगे बढ़ने वालों को।

(घ) ऊँचे चढ़ रहे लोगों को।

उत्तर: (क) आलसी लोगों को।

2. जो भाग्य के भरोसे रहता है उसे क्या कहते हैं?

(क) भाग्यहीन।

(ख) भाग्यवादी।

(ग) भाग्यवान।

(घ) भाग्यशाली।

उत्तर: (ख) भाग्यवादी।

3. कर्म के बारे में क्या सच नहीं है?

(क) स्वस्थ, चुस्त और सतर्क बनाता है।

(ख) आराम करने का अवसर प्रदान करता है।

(ग) कठिनाइयों से मुक्ति दिलाता है

(घ) एक सफल मनुष्य बनाता है।

उत्तर: (ख) आराम करने का अवसर प्रदान करता है।

पाठगत प्रश्न – 4.2

सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

1. जो लोग कभी पीछे थे वे कैसे आगे बढ़ गए?

(क) भाग्य के सहारे।

(ख) ईश्वर की कृपा से।

(ग) साँचे में ढलकर।

(घ) कठिन परिश्रम करके।

उत्तर:(घ) कठिन परिश्रम करके।

2. उपमेय कहा जाता है।

(क) जिसकी तुलना की जाए।

(ख) जिससे तुलना की जाए।

(ग) जिसका आरोप हो।

(घ) जो एकरूप हो।

उत्तर: (क) जिसकी तुलना की जाए।

3. नीचे लिखे वाक्यों के रिक्त स्थानों को उनके सामने कोष्ठक में दिये गए दो विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए।

(क) पश्चिम के लोग ___________ के बल पर ही हर क्षेत्र में विकास कर सके हैं। (परिश्रम/सुविधाओं)

उत्तर: पश्चिम के लोग परिश्रम के बल पर ही हर क्षेत्र में विकास कर सके हैं।

(ख) परिश्रम न करने पर यदि हम असफल हुए तो इसके लिए ___________ दोषी (भगवान/परिस्थितियाँ हम स्वयं)

उत्तर: परिश्रम न करने पर यदि हम असफल हुए तो इसके लिए हम स्वयं  दोषी।

(ग) कर्मरूपी __________ (भाग्य/तेल) के बिना भाग्यरूपी ___________  (दीप/भाग्य) नहीं जल सकता।

उत्तर: कर्मरूपी तेल के बिना भाग्यरूपी दीप नहीं जल सकता।

(घ) _________ बनाने की अपेक्षा ___________ बनाने में अधिक परिश्रम करना पड़ता है। (साँचा/मूर्ति)

उत्तर: मूर्ति बनाने की अपेक्षा साँचा बनाने में अधिक परिश्रम करना पड़ता है।

पाठगत प्रश्न – 4.3

सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

1. हमारे देश की क्या विशेषता है?

(क) यहाँ प्राचीन काल में औद्योगिक क्रांति हुई।

(ख) यहाँ अनेक धर्मो-संप्रदायों के लोग रहते हैं।

(ग) यहाँ के लोगों ने दूसरे देशों पर शासन किया।

(घ) यहाँ धर्म के आधार पर एकरूपता है।

उत्तर: (ख) यहाँ अनेक धर्मो-संप्रदायों के लोग रहते हैं।

2. सुख-शांतिमय उद्देश्य क्या है?

(क) आजादी और खुशहाली।

(ख) उद्यम और आराम।

(ग) घोर परिश्रम।

(घ) शांति के लिए प्रार्थना।

उत्तर: (क) आजादी और खुशहाली।

3. बनती नहीं क्या एक माला विविध सुमनों की कहो? पंक्ति का क्या आशय है?

(क) अनेक प्रकार के फूलों की माला बननी चाहिए।

(ख) अनेकता होने पर भी एकता हो सकती है।

(ग) विविधता एकता में बाधक है।

(घ) सभी को एक ही तरह से रहना चाहिए।

उत्तर: (ख) अनेकता होने पर भी एकता हो सकती है।

पाठांत प्रश्न

1. भाग्यवादी किसे कहते हैं? क्या मनुष्य को भाग्य के सहारे ही आगे बढ़ना चाहिए?

उत्तर: जो भाग्य के सहारे रहे उसे भाग्यवादी कहते हैं। अर्थात जो व्यक्ति यह सोच लेकर अपने जीवन में जो कुछ भी घटित हो रहा है वह पूर्व नियोजित था और यही उसके भाग्य में लिखा हुआ था और जो आगे होगा वह भी उसके भाग्य में लिखा हुआ ही है। मनुष्य को भाग्य के सहारे बिल्कुल भी आगे नहीं बढ़ना चाहिए। 

2. पिछड़े देश और समाज भी हमसे आगे निकल गए, आपके विचार से इसका क्या कारण हो सकता है?

उत्तर: पिछड़े देश और समाज जो आगे निकल गए हैं, इसके कई संभावित कारण हो सकते हैं। 

निम्नलिखित कुछ मुख्य कारण हैं जो इस परिवर्तन को समझाने में मदद कर सकते हैं:

शिक्षा और कौशल विकास: कई देशों ने शिक्षा में भारी निवेश किया है और अपने नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया है। इससे उनकी कार्यबल की दक्षता और उत्पादकता में वृद्धि हुई है।

प्रौद्योगिकी और नवाचार: प्रौद्योगिकी में तेजी से प्रगति और नवाचार को अपनाने ने देशों को आर्थिक और सामाजिक रूप से लाभान्वित किया है। उदाहरण के लिए, सूचना प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी, और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में निवेश ने इन देशों को प्रतिस्पर्धी बनाए रखा है।

अच्छा शासन और नीति: प्रभावी और पारदर्शी सरकार, मजबूत कानूनी ढांचे, और सही नीतियों ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित किया है। भ्रष्टाचार की कम दरें और राजनीतिक स्थिरता भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश: वैश्वीकरण के कारण, कई देशों ने वैश्विक बाजारों में प्रवेश किया है और विदेशी निवेश आकर्षित किया है। इससे आर्थिक विकास को गति मिली है और नई तकनीक और प्रथाओं को अपनाने का मौका मिला है।

सामाजिक सुधार: सामाजिक सुधारों के माध्यम से लैंगिक समानता, सामाजिक समावेशन, और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को बढ़ावा दिया गया है, जिससे समाज के सभी वर्गों को समान अवसर मिले हैं और उनकी सामर्थ्य का पूरा उपयोग हुआ है।

बुनियादी ढांचा विकास: उन्नत परिवहन, संचार, और ऊर्जा बुनियादी ढांचे ने आर्थिक गतिविधियों को सुगम बनाया है और व्यापार और उद्योग को फलने-फूलने का अवसर प्रदान किया है।

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं ने श्रम शक्ति की उत्पादकता में वृद्धि की है। स्वस्थ आबादी आर्थिक विकास और सामाजिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण होती है।

सामरिक योजना और दीर्घकालिक दृष्टिकोण: कई देशों ने दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाया है और समग्र विकास के लिए रणनीतिक योजनाएँ बनाई हैं।

3. पाठ पौरुष का पढ़ो कथन से कवि का क्या आशय है?

उत्तर: इससे कवि का आशय है कि आलस्य को त्यागकर बहादुरी के बारे में जानो और नई ऊर्जा का संचार करो।

4. कवि देशवासियों का आह्वान कर उनसे क्या आशा करता है?

उत्तर: कवि देशवासियों से यह आह्वान कर रहा है कि वे भारत में एकता स्थापित करके सुख-शांति से जीवन बिताएँ।

5. विविध सुमनों की एक माला से क्या तात्पर्य है और यह उदाहरण क्यों दिया गया है?

उत्तर: विविध सुमनों की एक माला” से तात्पर्य भारत में रह रहें अनेक धर्मों को मानने वाले एवं अनेक भाषा बोलने वाले लोगों के एक साथ बिना किसी द्वेष भावना के एक साथ मिलकर रहने से है। यह उदाहरण इसलिए दिया गया है क्योंकि यह एक प्रभावी और सुन्दर चित्रण है कि समृद्ध और विविधतापूर्ण वस्तुओं का संयोजन कितना मनमोहक और सुंदर हो सकता है। इसमें व्यक्ति को समझाया जाता है कि विभिन्न चीज़ों का संयोजन एक समृद्ध और संपन्न अनुभव पैदा कर सकता है।

6. काव्य-सौंदर्य स्पष्ट दीजिए:

पर कर्म-तैल बिना कभी विधि दीप जल सकता नहीं, है दैव क्या? सींचे बिना कुछ आप ढल सकता नहीं।।

उत्तर: प्रस्तुत पंक्तियों में उल्लेख किया गया हैं कि किसी कार्य को सही उपकरणों के बिना पूरा नहीं किया जा सकता। जिन लोगों में आलस होता हैं वे कभी कर्म नहीं करते और विपत्ति आने पर केवल अपने भाग्य को दोष देते हैं। ऐसे लोग ये नहीं जानते है कि कर्म रूपी तेल के बिना कभी भी वह भाग्यरूपी दीपक को नहीं जला सकता हैं। अर्थात् जिस तरह एक दीपक को जलाने के लिए उसमे तेल का होना आवश्यक है।

7. कवि देशवासियों को क्या आत्मबोध कराना चाहता है? क्या देश के प्रति हमारे भी कुछ कर्तव्य हैं? उल्लेख कीजिए।

उत्तर: कवि देशवासियों को जगाना चाहते हैं! एकता और भाईचारे का भाव जगाना चाहते हैं, ये बताना चाहते हैं कि हम सब एक हैं। देशभक्ति जगाना चाहते हैं, यह जगाना चाहते हैं कि अपना देश हमारा सम्मान है। वे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हैं, सबको समान अधिकार दिलाना चाहते हैं। वे हमें तरक्की करने के लिए कहते हैं, शिक्षा, विज्ञान, कला में आगे बढ़ने के लिए कहते हैं। मुश्किलों में हिम्मत न हारना, मिलकर हर चुनौती का सामना करना, यही कवि का संदेश ह।देश के लिए हमारे भी कर्तव्य हैं। संविधान का पालन करना हमारा कर्तव्य है, उसका आदर करना हमारा कर्तव्य है। राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। देश पर संकट आए तो उसकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। सार्वजनिक संपत्ति का ध्यान रखना और करों का भुगतान करना भी हमारा कर्तव्य है। बच्चों को शिक्षा दिलाना, पर्यावरण बचाना, महिलाओं और बच्चों का सम्मान करना, ये भी हमारे कर्तव्य हैं। समाज में भेदभाव नहीं करना और संविधान के मूल्यों का पालन करना, यही हमारा कर्तव्य है। याद रखना, ये कुछ ही कर्तव्य हैं, मिलजुलकर हम बेहतर देश बना सकते हैं!

8. देश के विविध धर्मों/संप्रदायों के बीच पारस्परिक एकता का महत्व समझाइए।

उत्तर: विविध धर्मों को मानने वाले लोगों में व्यापक स्तर पर विभिन्न मतों पर एकजुटता परिलक्षित है । धार्मिक एकजुटता की वजह से ही कोई सामाज प्रगति की राह पर चल सकने में समर्थ होता है । लोगों को संगठित रखने में धर्म की निश्चित रूप से महत्वपूर्ण भूमिका रही है।यहाँ पर अनेक धर्मो, संप्रदायों और जातियों के लोग रहते है, लेकिन इनकी अनेकता देश की एकता में बाधक नहीं। सभी लोग देश के लिए एक होकर उसका विकास कर सकते हैं।

9. सांप्रदायिक समस्या के समाधान के लिए कोई दो उपाय सुझाते हुए किसी प्रतिष्ठित दैनिक समाचारपत्र के संपादक को पत्र लिखिए।

उत्तर: महोदय, मैं आपके प्रतिष्ठित एवं लोकप्रिय ‘समाचार पत्र’ के माध्यम से बेंगलूरु महानगर पालिके का ध्यान मोहल्ले में जल भराव की समस्या की ओर आकृष्ट करना चाहता हूँ। आपसे अनुरोध है कि मेरे पत्र को समाचार पत्र में प्रकाशित करने का कष्ट करें। निवेदन है कि हलसूरु मोहल्ले में कई दिनों से सीवर बँद पड़े हैं।

10. मैथिलीशरण गुप्त की एक अन्य कविता की नीचे लिखी पंक्तियों का अर्थ लिखिए। बताइए ये पंक्तियाँ कविता की किन पंक्तियों से मिलती जुलती है?

नर हो न निराश करो मन को।

कुछ काम करो, कुछ काम करो।

जग में रहकर कुछ नाम करो ।।

यह जन्म हुआ किस अर्थ अहो,

समझो जिससे यह व्यर्थ न हो।

उत्तर: पंक्तियाँ कविता की पहली पंक्तियों से मिलती जुलती है।

11. निम्नलिखित पढ्यांश को पढ़कर उस पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए:

हिमालय के आँगन में उसे प्रथम किरणों का दे उपहार

उषा ने हँस अभिनंदन किया और पहनाया हीरक हार

जगे हम लगे जगाने विश्व लोकु में फैला फिर आलोक,

व्योम तम-पुज हुआ सब नष्ट, अखिल संसृति हो उठी अशोक।

(i) भारत का अभिनंदन किसने और कहाँ किया?

उत्तर: भारत का अभिनंदन उषा ने और हिमालय में किया।

(ii) जगे हम कथन में हम कौन है?

उत्तर: जगे हम कथन में हम विश्व है।

(iii) किस पंक्ति का आशय है कि भारत ने सारे संसार में ज्ञान का प्रकाश फैलाया।

उत्तर: भारत ने जगाने के लिए उठे हुए हैं और अपने ज्ञान का प्रकाश सारे विश्व में फैलाया है। यह व्यक्त करता है कि भारतीय संस्कृति और ज्ञान विश्व को प्रेरित करता है और साझा करता है।

(iv) ज्ञान का प्रकाश फैलने से संसार पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर: ज्ञान का प्रकाश फैलने से संसार पर यह प्रभाव पड़ा कि संसार में ज्ञान का प्रकाश फैलता है, तो अंधकार और अज्ञान पर जीत प्राप्त होती है। यह ज्ञान सभी को उत्तेजित करता है और संसार के विकास में योगदान करता है।

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