NIOS Class 10 Hindi Chapter 13 सुखी राजकुमार

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NIOS Class 10 Hindi Chapter 13 सुखी राजकुमार

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Chapter: 13

पाठगत प्रश्न – 13.1

सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

1. नगर के लोग राजकुमार की प्रतिमा की तारीफ करते थे, क्योंकि-

(क) जब वह जीवित था, तो लोगों की सहायता करता था।

(ख) उसकी प्रतिमा में बहुमूल्य वस्तुएँ लगी थीं।

(ग) मूर्ति बनने पर राजकुमार का आत्म-विस्तार हो गया था।

(घ) प्रतिमा में विश्व भर के कलाकारों की प्रतिभा लगी थी।

उत्तर: (ख) उसकी प्रतिमा में बहुमूल्य वस्तुएँ लगी थीं।

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2. मनुष्यों को नहीं, एक मूर्ति को दूसरों के दुख दिखते हैं इसमें क्या है?

(क) विडंबना।

(ख) मनुष्य का स्वभाव।

(ग) चमत्कार।

(घ) मनुष्य-विरोधी भाव।

उत्तर: (क) विडंबना।

पाठगत प्रश्न – 13.2

सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

1. सुखी राजकुमार का हृदय प‌ट्टी में न गलने का अभिप्राय है:

(क) भ्रष्ट अधिकारियों के कारण जस्ते में मिलावट होना।

(ख) दान करते हुए राजकुमार की संवेदनाओं का चुक जाना।

(ग) गौरैया का साथ पाने के लिए कूड़ेदान में फेंके जाने का यत्न।

(घ) संवेदनाओं को स्वार्थ सिद्धि का साधन न बनने देना।

उत्तर: (घ) संवेदनाओं को स्वार्थ सिद्धि का साधन न बनने देना।

2. गौरैया सुखी राजकुमार के सान्निध्य में क्या सीखती है?

(क) तरस खाना।

(ख) निस्वार्थ प्रेम।

(ग) दया करना।

(घ) आत्म-विश्लेषण।

उत्तर: (ख) निस्वार्थ प्रेम।

3. मिस्र देश का बार-बार जिक्र करने से गौरैया के चरित्र की किस बात का पता लगता है?

(क) बात को टालने की प्रवृत्ति का।

(ख) साथियों के प्रति अटूट लगाव का।

(ग) पर्यटन के प्रति उन्माद का।

(घ) अनोखेपन और ऐश्वर्य के प्रति लगाव का।

उत्तर: (घ) अनोखेपन और ऐश्वर्य के प्रति लगाव का।

पाठगत प्रश्न – 13.3

सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

1. निम्नलिखित में से मुहावरा कौन-सा है?

(क) बूँद टप-से गिरना।

(ख) विहार करना।

(ग) हाँ-में-हाँ मिलाना।

(घ) मार से बच जाना।

उत्तर: (ग) हाँ-में-हाँ मिलाना।

2. ‘में इसी जगह पर ठहरूंगी’ अर्थ को ठीक तरह से व्यक्त करने वाला उपयुक्त वाक्य है।

(क) में यहाँ ठहरूंगी।

(ख) मैं यहाँ ही ठहरूंगी।

(ग) में यहीं ही ठहरूंगी।

(घ) में यहीं ठहरूंगी।

उत्तर: (घ) में यहीं ठहरूंगी।

3. मानवीय गुणों को मानवेतर प्राणियों दवारा व्यक्त करने में है।

(क) चमत्कार।

(ख) विषमता।

(ग) विसंगति।

(घ) विडंबना।

उत्तर: (घ) विडंबना।

पाठांत प्रश्न

1. राजकुमार के जीवन-काल और प्रतिमा बनने के बाद के राजकुमार के व्यक्तित्व की तुलना कीजिए और बताइए कि आपको कौन-सा रूप पसंद है और क्यों?

उत्तर: राजकुमार अपना सपकुछ लुटाकर भी अपने नगर के लोगों को खुशी से भर देना चाहता था। दोनों में विस्तार का अंतर है एक का विस्तार महल तक है तो दूसरे का विस्तार पूरे नगर तक है। दोनों में प्रतिमा वाला राजकुमार मुझे निश्चय ही आकर्षित करेगा। राजकुमार अपने जीवनकाल में भोग-विलास में डूबा हुआ एक इंसान था।

2. गौरैया के व्यक्तित्व में आने वाले परिवर्तन पर अपनी टिप्पणी लिखिए।

उत्तर: गौरैया के व्यक्तित्व – परिवर्तन से हमें पता लगता है कि अच्छे लोगों की संगत से व्यक्तित्व उदार और अधिक सामाजिक बनता है और यह चिंतन दिलाता है कि अगर उसके पर्यावरण में परिवर्तन होता है, जैसे उसके आवास के निर्माण के क्षेत्र में, तो यह उसके व्यवहार और संवेदनशीलता पर प्रभाव डाल सकता है। 

3. ‘सुखी राजकुमार’ कहानी में चित्रित नगर से अपने परिवेश की तुलना कीजिए।

उत्तर: सूखी राजकुमार में जो नगर दिखाया गया है वो मेरे परिवेश से मिलता जुलता है क्योकि उस नगर में भी गरीबी है, दुःख है और अमीर लोग भी है। नगर गड़बड़ी और अस्तित्व की लड़ाई से भरा होता है, जबकि राजकुमार का परिवेश शांतिपूर्ण और प्राकृतिक होता है। ठीक उसी तरह  हमारे परिवेश में शांति, सहयोग, और समर्थन की भावना होती है जो सभी के विकास और सफलता को प्रोत्साहित करती है।

4. ‘सुखी राजकुमार’ कहानी में बच्चों की स्थिति का मूल्यांकन कीजिए और स्थिति को बेहतर बनाने के लिए अपने सुझाव लिखिए।

उत्तर: ‘सुखी राजकुमार’ कहानी में बच्चों की स्थिति का मूल्यांकन यह है कि जिनके चेहरे पीले पड़ गए हैं, जो वर्षा से बचने के लिए पुलिया के नीचे बैठे हैं, पर चौकीदार उन्हें वहाँ से भी भगा देता है। इन पात्रों की योजना व्यापक जनता के दुख-दर्दों की भयावहता को स्पष्ट करने और अभिजात वर्ग के लिए काम करने वाले मामूली आदमियों के भी असंवेदनशील बन जाने को उजागर करती है। इसके अतिरिक्त इनके जरिए राजकुमार की उदारता की चरम सीमा (स्वर्ण-पत्रों के रूप में अपनी खाल को भी उधड़वा देना) और गौरैया के अंदर समानुभुति का विकास (क्योंकि इनके विषय में राजकुमार ने नहीं, बल्कि खुद गौरैया ने महसूस किया है) भी सूचित होता है।

5. ‘सुखी राजकुमार’ कहानी का सबसे मार्मिक स्थल कौन-सा है और क्यों?

उत्तर: गौरैया जब नगर में आती है, तो मूर्ति को अपना आश्रय स्थल बनाती है, क्योंकि वह सोने की है और वहाँ साफ़ हवा आती है। मगर, जैसे ही पानी की बूँद उस पर गिरती है, तो वह उस स्थान को छोड़ने का फ़ैसला करती है। फिर राजकुमार की आँखों में आँसू और उसके चेहरे का भोलापन उसमें थोड़ी दया पैदा करते हैं।

6. ‘सुखी राजकुमार’ कहानी के संवादों की विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर: सुखी राजकुमार’ कहानी में भी कहानीकार वर्णन कम-से-कम करता है और संवादों तथा स्थितियों के माध्यम से कहानी कहता है। यानी, इस कहानी में नेरेशन (वर्णन) बहुत कम है। पूरी कहानी संवादों के ज़रिए आगे बढ़ती है। इस कारण कहानी के कथानक में बहुत चुस्ती आ गई है। एक भी शब्द हमें फालतू नहीं लगता। राजकुमार के आरंभिक संवाद से हमें उसके अतीत और वर्तमान की जीवन-स्थितियों, मनोदशा और वैचारिक परिवर्तन का पता कुछ ही वाक्यों में मिल जाता है। साथ ही, उसके विषय में यह भी पता लग जाता है कि वह सुखी समझा जाता है, पर सुखी है नहीं। इसके अलावा इसी संवाद से कहानी अपने मुख्य विषय पर आ जाती है।

7. कहानी में विरोधी स्थितियों के वर्णन के पीछे कहानीकार का क्या उद्देश्य है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: कहानी में विरोधी स्थितियों के वर्णन के पीछे कहानीकार का यह उद्देश्य है की  जिसमें समाज में विभेदों और असमानताओं को दर्शाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य होता है कि विशेष तरह के भोग-विलास में व्यस्त अमीर वर्ग और अधिकांश अमानवीय और अशिक्षित परिस्थितियों में बिना सुरक्षा के गरीब लोगों के बीच का अंतर दिखाना होता है। इस तरह, कहानी समाज की असमानताओं और संघर्षों को उजागर करती है और दर्शाती है कि अमीरी और गरीबी के बीच की दीवारें और अंसवेदनशीलता कैसे समाप्त हो सकती हैं।

8. ईश्व द्वारा राजकु‌मार और गौरैया को स्वर्ग में स्थान देने की बात से कहानीकार क्या संदेश देना चाहता है?

उत्तर: ईश्व द्वारा राजकु‌मार और गौरैया को स्वर्ग में स्थान देने की बात से कहानीकार यह संदेश देना चाहता है की जो कहानी के वास्तविक उद्देश्य को हमारे समक्ष रखते हैं। यह उद्देश्य है- मनुष्य के दुख-दर्दों के प्रति समानुभूति की भावना और उसके लिए कर्मशील होने की जरूरत। लेखक कहूँना चाहता है कि वास्तविक सौदर्य मनुष्यता की भावना और कर्मशीलता में निहित है।

9. राजकुमार की आँख का नीलम पाकर तरुण कलाकार कहता है- “ओह. मालूम होता है. लोग मेरा मोल आँक रहे हैं। यह शायद किसी बड़े भारी प्रशंसक ने भेजा है।” यदि आप इस कलाकार से कुछ कह पाते, तो क्या कहते और क्यों? विस्तार से लिखिए।

उत्तर: प्रिय कलाकार, आप नीलमणि के मूल्य के बारे में गलत हैं। यह आपके मूल्य का माप या आपकी कला के लिए किसी की सराहना का संकेत नहीं है। नीलमणि खुश राजकुमार की आंखों से निकले आंसू हैं, जो उसकी पीड़ा और करुणा का प्रतीक है।” दूसरों की पीड़ा यह याद दिलाती है कि सच्ची सुंदरता और मूल्य भौतिक संपत्ति या बाहरी मान्यता में निहित है। खुशी और सकारात्मकता फैलाने के लिए अपनी कला का उपयोग करें।”

मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि कलाकार ने नीलमणि के महत्व की गलत व्याख्या की है, इसे केवल अपने मूल्य के माप के रूप में देखा है। मैं उन्हें नीलम के पीछे के गहरे अर्थ और खुश राजकुमार की कहानी को समझने के लिए मार्गदर्शन करना चाहता हूं, और उन्हें दुनिया पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए अपनी कला का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहता हूं।

10. सरल संयुक्त और मिश्र वाक्यों का एक-एक उदाहरण लिखिए।

उत्तर: संयुक्त वाक्य दो समानांतर वाक्यों से बना होता है तथा वह समुच्चयबोधक अव्ययों और, तथा, एवं, परंतु आदि से जुड़ा होता है, जैसे-

(i) पिता जी घर आए और चाचा जी चले गए।

मिश्र वाक्य भी दो या दो से अधिक वाक्यों से बना होता है, लेकिन उसमें एक उप वाक्य प्रधान होता है तथा दूसरा आश्रित उप वाक्य होता है, जैसे-

(i) माँ ने कहा कि सोहन नहीं आएगा।

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