NCERT Class 7 Hindi Chapter 9 चिड़िया

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NCERT Class 7 Hindi Chapter 9 चिड़िया

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Chapter: 9

मल्हार

पाठ से

मेरी समझ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है?उसके सामने तारा (☆) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।

1. कविता के आधार पर बताइए कि इनमें से कौन-सा गुण पक्षियों के जीवन में नहीं पाया जाता है?

(i) प्रेम-प्रीति।

(ii) मिल-जुलकर रहना।

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(iii) लोभ और पाप।

(iv) निर्भय विचरण।

उत्तर: (iii) लोभ और पाप।

2. “सब मिल-जुलकर रहते हैं वे, सब मिल-जुलकर खाते हैं” कविता की यह पंक्ति किन भावों की ओर संकेत करती है?

(i) असमानता और विभाजन।

(ii) प्रतिस्पर्धा और संघर्ष।

(iii) समानता और एकता।

(iv) स्वार्थ और ईर्ष्या।

उत्तर: (iii) समानता और एकता।

3. “वे कहते हैं, मानव ! सीखो, तुम हमसे जीना जग में” कविता में पक्षी मनुष्य से कैसा जीवन जीने के लिए कहते हैं?

(i) आकाश में उड़ते रहना।

(ii) बंधन में रहना।

(iii) स्वच्छंद रहना।

(iv) संचय करना।

उत्तर: (iii) स्वच्छंद रहना।

(ख) अब अपने मित्रों के साथ मिलकर चर्चा कीजिए और कारण बताइए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?

उत्तर: (i) कविता में पक्षियों के जीवन को प्रेम, निर्भयता और एकता से भरा बताया गया है। वे किसी प्रकार का लोभ या पाप नहीं करते, बल्कि एक सादा और स्वतंत्र जीवन जीते हैं।

(ii) इस पंक्ति से स्पष्ट है कि पक्षी सभी के साथ मिलकर रहते और खाते हैं। उनमें आपसी भेदभाव या प्रतिस्पर्धा नहीं है। यह सामाजिक एकता और समानता का संदेश देती है।

(iii) पक्षी मनुष्य को यह सिखाते हैं कि जीवन को बंधनों से मुक्त रहकर, मिल-जुलकर और निर्भय होकर जीना चाहिए, जैसे कि वे जीते हैं।

मिलकर करें मिलान

कविता में से चुनकर कुछ संदर्भ नीचे दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर बातचीत कीजिए और इन्हें इनके सही भावों से मिलाइए। इनके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने परिजनों और शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।

संदर्भभाव 
1. चिड़िया की बोली1. बंधन और लालच
2. सोने की कड़ियाँ2. श्रम और संतोष
3. निर्भय विचरण3. बंधन से मुक्ति
4. मुक्ति-मंत्र4. स्वतंत्रता और निर्बाध जीवन
5. दिनभर काम5. प्रेम और स्वतंत्रता का संदेश

उत्तर:

संदर्भभाव 
1. चिड़िया की बोली5. प्रेम और स्वतंत्रता का संदेश
2. सोने की कड़ियाँ1. बंधन और लालच
3. निर्भय विचरण4. स्वतंत्रता और निर्बाध जीवन
4. मुक्ति-मंत्र3. बंधन से मुक्ति
5. दिनभर काम2. श्रम और संतोष
पंक्तियों पर चर्चा

कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं, इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार कक्षा में अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए।

(क) “चिड़िया बैठी प्रेम-प्रीति की 

रीति हमें सिखलाती है!”

उत्तर: इस पंक्ति का अर्थ है कि चिड़िया अपने व्यवहार और जीवनशैली के माध्यम से हमें प्रेम और आपसी सौहार्द का पाठ पढ़ाती है। वह न किसी से लड़ती है, न बैर रखती है। उसकी मीठी बोली और शांत स्वभाव हमें यह सिखाते हैं कि हमें भी सबके साथ प्रेम से रहना चाहिए, एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए और एकता बनाए रखनी चाहिए। यह पंक्ति हमें एक शांतिपूर्ण और प्रेमपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा देती है।

(ख) “उनके मन में लोभ नहीं है, 

पाप नहीं, परवाह नहीं”

उत्तर: यह पंक्ति पक्षियों के सरल और निस्वार्थ जीवन को दर्शाती है। वे किसी भी वस्तु के लालच में नहीं रहते, न ही वे कोई बुरा काम करते हैं। वे न अधिक संचय करते हैं और न ही भविष्य की चिंता करते हैं। उनका जीवन पूर्ण संतोष और स्वतंत्रता से भरा होता है। यह पंक्ति हमें यह सिखाती है कि हमें भी बिना लोभ और पाप के, सादा और सच्चा जीवन जीना चाहिए।

(ग) “सीमा-हीन गगन में उड़ते, 

निर्भय विचरण करते हैं”

उत्तर: इस पंक्ति में पक्षियों की स्वतंत्रता और निर्भयता को बहुत सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया है। वे खुले आकाश में बेखौफ उड़ते हैं, किसी बंधन या डर के बिना। उनके लिए न कोई सरहद होती है, न कोई रुकावट। यह पंक्ति हमें यह संदेश देती है कि जीवन को स्वतंत्रता और निडरता से जीना चाहिए। डर और सीमाएँ हमें रोकती हैं, जबकि पक्षियों की तरह स्वच्छंद जीवन प्रेरणादायक होता है।

सोच-विचार के लिए

नीचे कविता की कुछ पंक्तियाँ और उनसे संबंधित प्रश्न दिए गए हैं। कविता पढ़ने के बाद अपनी समझ के आधार पर प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

(क) “सब मिल-जुलकर रहते हैं वे, सब मिल-जुलकर खाते हैं” पक्षियों के आपसी सहयोग की यह भावना हमारे लिए किस प्रकार उपयोगी है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: पक्षियों का मिल-जुलकर रहना और खाना उनके आपसी सहयोग और प्रेमभाव को दर्शाता है। यह भावना हमारे लिए इसलिए उपयोगी है क्योंकि अगर हम भी आपसी सहयोग, समझदारी और एकता से रहें, तो समाज में तनाव, लड़ाई और असमानता कम होगी। हर कोई सुखी रहेगा और जरूरतमंद को मदद भी मिल सकेगी। मिल-जुलकर रहने से रिश्ते मजबूत होते हैं और समाज में शांति बनी रहती है।

(ख) “जो मिलता है, अपने श्रम से उतना भर ले लेते हैं” पक्षी अपनी आवश्यकता भर ही संचय करते हैं। मनुष्य का स्वभाव इससे भिन्न कैसे है?

उत्तर: पक्षी मेहनत करके सिर्फ उतना ही लेते हैं, जितना उन्हें ज़रूरत हो — न ज़्यादा, न कम। लेकिन मनुष्य अक्सर अपनी आवश्यकता से अधिक वस्तुओं का संग्रह करता है, कभी-कभी दूसरों की कीमत पर भी। यह लालच पर्यावरण को नुकसान पहुँचाता है और समाज में असमानता बढ़ाता है। पक्षियों से हमें यह सीखना चाहिए कि संतोष और संयम से जीने में ही सच्ची खुशी है।

(ग) “हम स्वच्छंद और क्यों तुमने, डाली है बेड़ी पग में?” पक्षी को स्वच्छंद और मनुष्य को बेड़ियों में क्यों बताया गया है?

उत्तर: इस पंक्ति में पक्षी अपने स्वतंत्र और निडर जीवन की तुलना मनुष्य के जीवन से करते हैं। पक्षी खुले आकाश में उन्मुक्त उड़ते हैं, जबकि मनुष्य ने खुद को लालच, ईर्ष्या, डर, और सामाजिक बंधनों की बेड़ियों में बाँध लिया है। मनुष्य अपने ही बनाए नियमों और इच्छाओं में फँस गया है, जिससे उसका जीवन बंधनमय हो गया है। इसलिए पक्षी को स्वच्छंद और मनुष्य को बेड़ियों में बताया गया है।

अनुमान और कल्पना से

अपने समूह में मिलकर संवाद कीजिए-

1. चिड़िया मनुष्य को स्वतंत्रता का संदेश देती है, आपके अनुसार मनुष्य के पास किन कार्यों को करने की स्वतंत्रता है और किन कार्यों को करने की स्वतंत्रता नहीं है?

उत्तर: मनुष्य के पास सोचने, अपनी बात कहने, शिक्षा पाने, अपने जीवन के निर्णय लेने और अपनी पसंद के अनुसार कार्य करने की स्वतंत्रता होती है। लेकिन उसे ऐसे कार्य करने की स्वतंत्रता नहीं है जो दूसरों को नुकसान पहुँचाए, जैसे किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाना, प्रकृति को हानि पहुँचाना या समाज में डर और अशांति फैलाना। सच्ची स्वतंत्रता वही है जिसमें व्यक्ति अपनी आज़ादी का उपयोग जिम्मेदारी के साथ करे।

2. चिड़िया और मनुष्य का जीवन एक-दूसरे से कैसे भिन्न है?

उत्तर: चिड़िया का जीवन सरल, स्वच्छंद और प्राकृतिक होता है। वह किसी बंधन में नहीं रहती, न किसी लालच में फँसी होती है। वह जहाँ चाहे उड़ सकती है, अपने लिए भोजन खोजती है और पेड़ों पर अपना घोंसला बनाती है। वहीं मनुष्य का जीवन जटिल है। वह कई प्रकार के सामाजिक, मानसिक और आर्थिक बंधनों में बँधा होता है। मनुष्य अक्सर भौतिक चीज़ों के पीछे भागता है जबकि चिड़िया संतोष और स्वतंत्रता में जीती है।

3. चिड़िया कहीं भी अपना घर बना सकती है, यदि आपके पास चिड़िया जैसी सुविधा हो तो आप अपना घर कहाँ बनाना चाहेंगे और क्यों?

उत्तर: यदि मेरे पास चिड़िया जैसी सुविधा हो, तो मैं पहाड़ों के बीच या किसी शांत झील के किनारे अपना घर बनाना चाहूँगा। वहाँ ताज़ी हवा, हरियाली और शांति होती है। वहाँ प्रकृति के साथ जुड़कर मैं भी चिड़िया की तरह स्वतंत्र और सादा जीवन जी सकता हूँ, जहाँ कोई शोर-शराबा या तनाव नहीं हो।

4. यदि आप चिड़िया की भाषा समझ सकते तो आप चिड़िया से क्या बातें करते?

उत्तर: अगर मैं चिड़िया की भाषा समझ सकता तो मैं उससे पूछता कि वह हर दिन क्या महसूस करती है जब वह खुले आकाश में उड़ती है। मैं उससे उसके सफर, उसके दोस्त पक्षियों, और उसके पसंदीदा स्थानों के बारे में बात करता। साथ ही, मैं यह भी जानना चाहता कि वह मानव समाज को कैसे देखती है— क्या वह हमें दोस्त मानती है या डरती है? मैं उसके जीवन के रहस्य और गीत भी सीखना चाहता।

कविता की रचना

“सब मिल-जुलकर रहते हैं वे

सब मिल-जुलकर खाते हैं”

रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए। ये शब्द लिखने-बोलने में एक जैसे हैं। इस तरह की शैली प्रायः कविता में आती है। अब आप सब मिल-जुलकर नीचे दी गई कविता को आगे बढ़ाइए-

संकेत – सब मिल-जुलकर हँसते हैं वे 

सब मिल-जुलकर गाते हैं……………

……………………………….

………………………………..

उत्तर: सब मिल-जुलकर हँसते हैं वे

सब मिल-जुलकर गाते हैं।

सब मिल-जुलकर उड़ते हैं वे

सब मिल-जुलकर आते हैं।

ना करते कोई झगड़ा वे,

ना किसी से डर खाते हैं।

सब मिल-जुलकर रहते हैं वे,

प्रेम-प्रीति ही लुटाते हैं।

भाषा की बात

“पीपल की ऊँची डाली पर 

बैठी चिड़िया गाती है! 

तुम्हें ज्ञात क्या अपनी 

बोली में संदेश सुनाती है?”

रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए। ‘गाती’ और ‘सुनाती’ रेखांकित शब्दों से चिड़िया के गाने और सुनाने के कार्य का बोध होता है। वे शब्द जिनसे कार्य करने या होने का बोध होता है, उन्हें क्रिया कहते हैं। कविता में ऐसे क्रिया शब्दों को ढूँढ़कर लिखिए और उनसे नए वाक्य बनाइए।

उत्तर: कविता से लिए गए क्रिया शब्द:

(i) बैठी।

(ii) गाती।

(iii) सुनाती।

(iv) सीखो।

(v) रहते।

(vi) खाते।

(vii) लेते।

(viii) उड़ते।

(ix) करते।

क्रिया शब्दों से बने नए वाक्य:

(i) बैठी – रीमा बगीचे में पेड़ के नीचे बैठी है।

(ii) गाती – वह रोज़ सुबह मधुर भजन गाती है।

(iii) सुनाती – दादी रोज़ रात को हमें कहानी सुनाती हैं।

(iv) सीखो – हमें अपने अनुभवों से कुछ नया सीखो।

(v) रहते – हम सब एक ही कॉलोनी में रहते हैं।

(vi) खाते – पक्षी दाने चुगते हैं और खुशी से खाते हैं।

(vii) लेते – बच्चे दुकान से टॉफी लेते हैं।

(viii) उड़ते – पतंगे आकाश में ऊँचाई तक उड़ते हैं।

(ix) करते – हम हर काम पूरे मन से करते।

पाठ से आगे

भावों की बात

(क) जब आप नीचे दिए गए दृश्य देखते हैं तो आपको कैसा महसूस होता है? अपने उत्तर के कारण भी सोचिए और बताइए। आप नीचे दिए गए भावों में से शब्द चुन सकते हैं। आप किसी भी दृश्य के लिए एक से अधिक शब्द भी चुन सकते हैं।

प्रेम, वीरता, दया, करुणा, क्रोध, हँसी, आनंद, डर, घृणा, आश्चर्य, ममता, शांति, सुख, दुख, ईर्ष्या, गर्व, निराशा, आभार, उत्साह, चिंता, आत्मविश्वास, सहानुभूति, उदासीनता, शंका
दृश्यभाव
1.आपको कहीं से किसी पक्षी के चहचहाने की आवाज सुनाई देती है।
2. शाम के समय किसी पेड़ पर अनगिनत पक्षी एक साथ चहचहा रहे हैं।
3. कोई गाय अपने बच्चे को दूध पिला रही है।
4.कोई व्यक्ति अपने वाहन की खिड़की से कूड़ा बाहर फेंक देता है।
5.कोई बच्चा किसी व्यर्थ कागज को कूड़ेदान में डाल देता है।
6. कोई व्यक्ति बिना हेलमेट पहने बहुत तेज बाइक चला रहा है।
7. दो प्राणी किसी कारण लड़ रहे हैं।
8. एक व्यक्ति जिसके पैर नहीं हैं, वह विशेष रूप से बनाई गई तिपहिया गाड़ी पर यात्रा कर रहा है।
9. किसी स्थान पर नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए भारती (ब्रेल) लिपि में सूचनाओं के बोर्ड लगे हैं।
10. कोई व्यक्ति किसी को अपशब्द कह रहा है।
11. कोई व्यक्ति किसी जरूरतमंद भूखे को भोजन दे रहा है।
12. कोई लड़का स्वादिष्ट भोजन बनाकर अपनी बहन को खिला रहा है।

उत्तर:

दृश्यभाव
1.आपको कहीं से किसी पक्षी के चहचहाने की आवाज सुनाई देती है।भावः आनंद, शांति, प्रेम कारणः पक्षियों की चहचहाहट सुनकर मन प्रसन्न और शांत हो जाता है।
2. शाम के समय किसी पेड़ पर अनगिनत पक्षी एक साथ चहचहा रहे हैं।भावः आश्चर्य, आनंद, शांति कारणः इतनी सारी चहचहाहट एक साथ सुनना आश्चर्यजनक और सुखद अनुभव होता है।
3. कोई गाय अपने बच्चे को दूध पिला रही है।भावः ममता, करुणा, प्रेमकारणः माँ की अपने बच्चे के प्रति ममता और स्नेह भाव को देखकर मन को छू जाती है।
4.कोई व्यक्ति अपने वाहन की खिड़की से कूड़ा बाहर फेंक देता है।भावः क्रोध, घृणा, चिंताकारणः यह पर्यावरण के प्रति लापरवाही और सामाजिक गैर-जिम्मेदारी को दर्शाता है।
5. कोई बच्चा किसी व्यर्थ कागज को कूड़ेदान में डाल देता है।भावः आभार, आत्मविश्वास, गर्व कारणः यह बच्चे की समझदारी और सफाई के प्रति जागरूकता को दिखाता है।
6. कोई व्यक्ति बिना हेलमेट पहने बहुत तेज बाइक चला रहा है।भावः चिंता, शंका, डर कारणः ऐसा कार्य जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है, जिससे चिंता और डर होता है।
7. दो प्राणी किसी कारण लड़ रहे हैं।भावः क्रोध, दुख, ईर्ष्या कारणः लड़ाई से नकारात्मक भाव उत्पन्न होते हैं और वातावरण अशांत होता है।
8. एक व्यक्ति जिसके पैर नहीं हैं, वह विशेष रूप से बनाई गई तिपहिया गाड़ी पर यात्रा कर रहा है।भावः आत्मविश्वास, वीरता, प्रेरणा कारणः कठिनाइयों के बावजूद आत्मनिर्भर होकर जीवन जीना प्रेरणादायक होता है।
9. किसी स्थान पर नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए भारती (ब्रेल) लिपि में सूचनाओं के बोर्ड लगे हैं।भावः सहानुभूति, करुणा, आभार कारणः यह समाज में सबकी समावेशिता और समानता की भावना को दर्शाता है।
10. कोई व्यक्ति किसी को अपशब्द कह रहा है।भावः घृणा, दुख, निराशा कारणः अपशब्द कहना असभ्य व्यवहार है और दूसरों को ठेस पहुँचा सकता है।
11. कोई व्यक्ति किसी जरूरतमंद भूखे को भोजन दे रहा है।भावः दया, करुणा, आभार, प्रेमकारणः यह सेवा और मानवीयता का सुंदर उदाहरण है।
12. कोई लड़का स्वादिष्ट भोजन बनाकर अपनी बहन को खिला रहा है।भावः प्रेम, ममता, आनंदकारणः यह पारिवारिक स्नेह और आपसी प्रेम को दर्शाता है।

(ख) उपर्युक्त भावों में से आप कौन-से भाव कब-कब अनुभव करते हैं? भावों के नाम लिखकर उन स्थितियों के लिए एक-एक वाक्य लिखिए।

(संकेत – आत्मविश्वास- जब मैं अकेले पड़ोस की दुकान से कुछ खरीदकर ले आता हूँ।)

उत्तर: (i) आत्मविश्वास – जब मैं अकेले मंच पर कविता सुनाता हूँ।

वाक्य: मैं मंच पर निडर होकर कविता सुनाता हूँ, जिससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ता है।

(ii) प्रेम – जब मैं अपने छोटे भाई को कहानी सुनाता हूँ।

वाक्य: मैं अपने भाई से बहुत प्रेम करता हूँ, इसलिए हर रात उसे कहानी सुनाता हूँ।

(iii) आनंद – जब मैं अपने दोस्तों के साथ खेलता हूँ।

वाक्य: दोस्तों के साथ खेलने में मुझे बहुत आनंद आता है।

(iv) करुणा – जब मैं घायल जानवर को देखकर उसकी मदद करता हूँ।

वाक्य: घायल कुत्ते को देखकर मेरे मन में करुणा जागी और मैंने उसे पानी दिया।

(v) गर्व – जब मेरी चित्रकला स्कूल में प्रदर्शित की जाती है।

वाक्य: मेरी पेंटिंग स्कूल की दीवार पर लगी देख मुझे बहुत गर्व हुआ।

(vi) शांति – जब मैं पेड़ के नीचे बैठकर किताब पढ़ता हूँ।

वाक्य: हरियाली में बैठकर पढ़ाई करने से मन को बहुत शांति मिलती है।

(vii) उत्साह – जब हमें स्कूल पिकनिक पर ले जाया जाता है।

वाक्य: स्कूल पिकनिक की खबर सुनते ही मैं उत्साह से भर गया।

(viii) दया – जब मैं किसी गरीब को खाना देता हूँ।

वाक्य: भूखे बच्चे को खाना देते समय मेरे मन में दया का भाव आया।

(ix) चिंता – जब मेरा दोस्त बीमार होता है।

वाक्य: जब राहुल स्कूल नहीं आया, तो मुझे उसकी तबीयत की चिंता हुई।

(x) हँसी – जब कोई मजेदार कहानी सुनाता है।

वाक्य: दादी की मजेदार कहानी सुनकर मेरी हँसी नहीं रुकी।

आज की पहेली

कविता में आपने कई पक्षियों के नाम पढ़े। अब आपके सामने पक्षियों से जुड़ी कुछ पहेलियाँ दी गई हैं। पक्षियों को पहचानकर सही चित्रों के साथ रेखा खींचकर जोड़िए-

1. दिखने में हूँ हरा-हरा कहता हूँ सब खरा-खरा खाता हूँ मैं मिर्ची लाल कहते सब मुझे मिडूलाल।

उत्तर: तोता।

2. सुंदर काले मेरे नैन श्वेत श्याम है मेरे डैन उड़ता रहता हूँ दिन-रैन खेलूँ पानी में तो आए चैन।

उत्तर: चकवा।

3. संदेश पहुँचाना मेरा काम देता हूँ शांति का पैगाम करता हूँ मैं गूटर-गूँ आओगे पास तो हो जाऊँगा छू।

उत्तर: कबूतर।

4. पीता हूँ बारिश की बूँदें रखता हूँ फिर आँखें मूँदे देखो चकोर है मेरी साथी बिन उसके घूमें ऊँधें ऊँधें।

उत्तर: चातक।

5. रहता है घर के आस-पास रंग है उसका काला खास जो भी दोगे खाता है वो झुंड में आ जाता है वो।

उत्तर: कौवा।

6. कुहू कुहू मधुर आवाज सुनाती घर अपना मैं कहाँ बनाती काली हूँ पर काक नहीं बतलाओ मैं क्या कहलाती।

उत्तर: कोयल।

7. तन मेरा सफेद गर्दन मेरी लंबी नाम बताओ सच्ची-सच्ची कहलाता हूँ मैं जलपक्षी।

उत्तर: हंस।

चित्र की बात

इन तीनों चित्रों को ध्यान से देखिए और बताइए–

आप पक्षियों को इनमें से कहाँ देखना पसंद करेंगे और क्यों?

उत्तर: मैं पक्षियों को तीसरे चित्र में यानी हरे-भरे पेड़ों पर बने प्राकृतिक घोंसले में देखना पसंद करूंगा/करूंगी। क्योंकि वहाँ वे स्वतंत्र और सुरक्षित रहते हैं।

वे अपनी मर्जी से उड़ सकते हैं, चहचहा सकते हैं और अपने घर खुद बना सकते हैं।

यह उनका प्राकृतिक वातावरण है, जहाँ वे खुश रहते हैं।

पिंजरे में बंद होना या ऊँची इमारतों के बीच रहना उनके लिए उचित नहीं, क्योंकि वहाँ उन्हें आज़ादी और सुकून नहीं मिलता।

क्या आप इस पर एक छोटा अनुच्छेद या कविता बनवाना चाहेंगी?

निर्भय विचरण

“सीमा-हीन गगन में उड़ते, निर्भय विचरण करते हैं”

कविता की इन पंक्तियों को पढ़िए और इन चित्रों को देखिए। इन चित्रों को देखकर आपके मन में क्या विचार आ रहे हैं?

(संकेत- जैसे इन चित्रों में कौन निर्भय विचरण कर रहा है?)

उत्तर: इन चित्रों को देखकर निम्नलिखित विचार मन में आते हैं:

पहला चित्र (सफारी का दृश्य): इस चित्र में एक बस है जिसमें लोग बैठे हुए हैं और बस के चारों ओर जंगल का दृश्य है। बाहर एक शेर और एक भालू निर्भयता से विचरण कर रहे हैं। यहाँ जानवर स्वतंत्रता का आनंद ले रहे हैं, वे खुले में घूम रहे हैं। यह दृश्य जंगल सफारी का प्रतीक है, जहाँ जानवर स्वाभाविक रूप से निर्भय होकर रहते हैं।

दूसरा चित्र (चिड़ियाघर का दृश्य): इसमें जानवर पिंजरों में बंद हैं और लोग उन्हें देखने आ रहे हैं। शेर और बंदर दोनों पिंजरों में कैद हैं, जबकि लोग स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं। यहाँ जानवरों की स्वतंत्रता छिन गई है और वे सीमित दायरे में बंधे हुए हैं।

कविता के संदर्भ में विचार: कविता की पंक्तियाँ “सीमा-हीन गगन में उड़ते, निर्भय विचरण करते हैं” हमें स्वतंत्रता का एहसास कराती हैं। पहले चित्र में शेर और भालू की स्वतंत्रता निर्भय विचरण का प्रतीक है, जबकि दूसरे चित्र में उनकी स्वतंत्रता छीन ली गई है।

साथ-साथ

“वन में जितने पंछी हैं, खंजन, 

कपोत, चातक, कोकिल;

काक, हंस, शुक आदि वास

करते सब आपस में हिलमिल!”

1. वन में सारे पक्षी एक साथ रह रहे हैं, हमारे परिवेश में भी पशु-पक्षी साथ रहते हैं। आप विचार कीजिए कि हमारे परिवेश में उनका रहना क्यों आवश्यक है?

उत्तर: हमारे परिवेश में पशु-पक्षियों का रहना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि वे हमारे पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

पर्यावरणीय संतुलन: पक्षी और जानवर खाद्य श्रृंखला का हिस्सा होते हैं। वे कीटों को नियंत्रित करते हैं, बीजों का प्रसार करते हैं और जैव विविधता को बनाए रखते हैं।

प्राकृतिक सौंदर्य: पक्षियों की मधुर चहचहाहट और जानवरों की गतिविधियाँ हमारे परिवेश को सुंदर बनाती हैं और मानसिक शांति देती हैं।

पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण: कई पक्षी फूलों का परागण करते हैं, जिससे पौधों का प्रजनन संभव होता है।

मानव जीवन पर प्रभाव: पशु और पक्षी हमारी कृषि में सहायक होते हैं, जैसे- गाय और भैंस से दूध प्राप्त करना, पक्षियों द्वारा फसलों पर कीट नियंत्रण।

2. हम अपने आस-पास रहने वाले पशु-पक्षियों की सहायता कैसे कर सकते हैं?

उत्तर: हम अपने परिवेश में रहने वाले पशु-पक्षियों की सहायता निम्नलिखित तरीकों से कर सकते हैं:

आवास उपलब्ध कराना: पेड़-पौधे लगाकर और बर्ड हाउस बनाकर पक्षियों को घोंसला बनाने के लिए स्थान देना।

भोजन और पानी: गर्मियों में छत पर पानी के बर्तन रखना और दाना डालना।

प्राकृतिक परिवेश बनाए रखना: हरे-भरे पेड़ और झाड़ियाँ लगाकर पक्षियों के लिए सुरक्षित आवास प्रदान करना।

प्लास्टिक कचरे से बचाव: प्लास्टिक और हानिकारक कचरे को खुले में न फेंकें, क्योंकि ये जानवरों के लिए खतरनाक हो सकते हैं।

उपचार और देखभाल: घायल पशु-पक्षियों की सहायता करना और उनकी देखभाल के लिए पशु चिकित्सक से संपर्क करना।

शब्द एक अर्थ अनेक

“उनके मन में लोभ नहीं है”, है”, इस पंक्ति में ‘मन’ का अर्थ ‘चित्त’ (बुद्धि) है, किंतु ‘मन’ शब्द के अन्य अर्थ भी हो सकते हैं। अब नीचे कुछ और पंक्तियों दी गई हैं, उन्हें भी पढ़िए-

(क) आज मेरा मन पहाड़ों पर जाने का कर रहा है।

(ख) व्यापारी ने किसान से 10 मन अनाज खरीदा।

उपर्युक्त वाक्यों में ‘मन’ शब्द का प्रयोग अलग-अलग अर्थों/संदर्भों में किया गया है। इस प्रकार हम देखते हैं कि एक ही शब्द दूसरे संदर्भ में अलग-अलग अर्थ दे रहा है। आइए, इससे संबंधित एक और रोचक उदाहरण देखते हैं-

“मंगल ने मंगल से कहा कि मंगल को मंगल पर मंगल होगा।”

(संकेत – इस वाक्य में एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से दिन, ग्रह और शुभ कार्य की चर्चा कर रहा है।)

आगे कुछ और ऐसे ही शब्द दिए गए हैं। दिए गए शब्दों का अलग-अलग अर्थों या संदर्भों में प्रयोग कीजिए-

(क) कर …………………………।

(ख) जल ………………………..।

(ग) अर्थ ………………………..।

(घ) फल ………………………..।

(ङ) आम ………………………..।

उत्तर: नीचे दिए गए शब्दों का अलग-अलग अर्थों में प्रयोग किया गया है:

(क) कर: कर (हाथ) – राम ने अपने कर से फूलों का गुच्छा उठाया।

कर (कर/टैक्स) – सरकार ने नए साल में आयकर में छूट दी।

कर (कर्म) – अच्छे कर का फल सदैव मीठा होता है।

(ख) जल: जल (पानी) – गंगा का जल पवित्र माना जाता है।

जल (जलना) – दीपक रातभर जलता रहा।

जल (ईर्ष्या) – उसकी सफलता देखकर राकेश जल उठा।

(ग) अर्थ: अर्थ (मतलब) – इस कविता का अर्थ बहुत गहन है।

अर्थ (धन) – समाज में अर्थ का महत्त्व बहुत है।

अर्थ (उद्देश्य) – जीवन का अर्थ सेवा करना है।

(घ) फल: फल (पौधे का फल) – आम का फल मीठा होता है।

फल (परिणाम) – मेहनत का फल मीठा होता है।

फल (वस्तु) – व्रत में फल खाने की अनुमति है।

(ङ) आम: आम (फल) – आम का स्वाद बहुत अच्छा होता है।

आम (सामान्य) – आम जनता की समस्याएँ बढ़ती जा रही हैं।

आम (मूल) – इस मुद्दे पर आम सहमति बन गई।

रचनात्मकता

(क) खुले आसमान में, पेड़ों की टहनियों, छतों और भवनों आदि पर बैठे या उड़ते पक्षी बहुत मनमोहक लगते हैं। अपनी पसंद के ऐसे कुछ दृश्यों का कोलाज बनाकर कक्षा में प्रदर्शित कीजिए।

उत्तर:

(ख) “स्वतंत्रता और प्रेम” का संदेश देने वाला एक पोस्टर बनाइए। इसमें इस कविता की कोई पंक्ति या संदेश भी सम्मिलित कीजिए।

उत्तर: 

हमारा पर्यावरण

मनुष्य बिना सोचे-समझे जंगलों की लगातार कटाई कर रहा है, जिससे पशु-पक्षियों का जीवन प्रभावित हो रहा है। मनुष्य द्वारा किए जा रहे ऐसे कार्यों की एक सूची बनाइए, जिनसे पर्यावरण व हमारे परिवेश के पशु-पक्षियों के लिए संकट की स्थिति उत्पन्न हो रही है। इस संकट की स्थिति से बचने के लिए क्या-क्या के लिए क्या-क्या उपाय किए जा सकते हैं? लिखिए। आप इस कार्य में शिक्षक, इंटरनेट और पुस्तकालय की सहायता भी ले सकते हैं।

(संकेत- जैसे ऊँचे भवनों का निर्माण…….)

उत्तर: पर्यावरण और पशु-पक्षियों के लिए संकट की स्थिति

पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने वाले कार्य:

जंगलों की कटाई: वन्यजीवों का आवास नष्ट हो जाता है।

पक्षियों के घोंसले उजड़ जाते हैं।

ऊँचे भवनों का निर्माण: पक्षियों की उड़ान में बाधा।

कांच से टकराकर पक्षियों का घायल होना।

प्रदूषण: वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण से जीवों पर नकारात्मक प्रभाव।

रासायनिक कचरे से मछलियों और जलजीवों का नाश।

प्लास्टिक कचरा: जानवर प्लास्टिक खाने से बीमार पड़ते हैं।

समुद्री जीव प्लास्टिक में फँसकर मर जाते हैं।

संकट से बचने के उपाय:

वन संरक्षण: वृक्षारोपण और जंगलों की रक्षा।

प्रदूषण नियंत्रण: वाहनों और उद्योगों से होने वाले धुएँ पर नियंत्रण।

कचरा प्रबंधन: प्लास्टिक का कम उपयोग और सही निपटान।

सामाजिक जागरूकता: पशु-पक्षी संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करना।

परियोजना कार्य

(क) पर्यावरण संरक्षण के लिए हम अपने स्तर पर कुछ प्रयास कर सकते हैं। आप अपने विद्यालय, आस-पास और घरों में देखिए कि किन-किन कार्यों में प्लास्टिक के थैले का प्रयोग किया जाता है? उन कार्यों की सूची बनाइए। अब इनमें प्रयोग किए जा रहे प्लास्टिक के थैलों के विकल्पों पर विचार कीजिए और लिखिए। 

(संकेत- जैसे- हम प्लास्टिक के थैले की जगह कागज या कपड़े के थैले का प्रयोग किन-किन कार्यों में कर सकते हैं।)

उत्तर: परियोजना कार्य: पर्यावरण संरक्षण में प्लास्टिक थैलों का विकल्प

(क) प्लास्टिक थैलों के प्रयोग के कार्य:

बाजार में खरीदारी: सब्जी, फल, किराने का सामान ले जाने में।

दूध और डेयरी उत्पाद: दूध और दही के पाउच रखने के लिए।

टिफिन और खाद्य सामग्री: बच्चों के लंच बॉक्स में।

कपड़े और वस्त्र: कपड़े की दुकानों में खरीदारी के बाद।

कचरा फेंकने के लिए: घर के कचरे को इकठ्ठा करने में।

गिफ्ट पैकिंग: प्लास्टिक की चमकदार पन्नियों का प्रयोग।

(ख) प्लास्टिक थैलों के विकल्प:

कागज के थैले: सब्जी, फल और किराने का सामान लाने में।

गिफ्ट पैकिंग में सुंदर डिजाइन वाले कागज का उपयोग।

कपड़े के थैले: बाजार और डेयरी उत्पादों के लिए।

पुन: उपयोग के लिए अधिक टिकाऊ।

जूट और सूती थैले: कपड़े की दुकानों और टिफिन के लिए।

पर्यावरण के अनुकूल और मजबूत।

बांस या प्लास्टिक के डिब्बे: कचरा फेंकने के लिए।

बार-बार उपयोग के लिए उपयुक्त।

(ख) सभी विद्यार्थी ‘पर्यावरण बचाओ’ विषय पर एक नुक्कड़ नाटक तैयार करें और उसकी प्रस्तुति विद्यालय प्रांगण में करें।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

झरोखे से

कविता में पक्षियों के ‘सीमा-हीन गगन में उड़ने’ की बात कही गई है। पक्षियों का आकाश में उड़ना उद्देश्यपूर्ण है। पक्षियों की उड़ान से जुड़ी एक रोचक जानकारी आगे दी गई है। इसे पढ़कर आप पक्षियों की उड़ान से जुड़े कुछ नए तथ्यों को जान पाएँगे।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

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