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NCERT Class 7 Hindi Chapter 5 मिठाईवाला
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मिठाईवाला
Chapter: 5
वसंत भाग – 2
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
प्रश्न- 1. मकानों में हलचल क्यों मच जाती थी?
उत्तर: जब खिलौनेवाला मोठे स्वर में गलियों में आवास देता’-खिलौनेवाला’ तब उसे सुनकर निकट के मकानों में हलचल मच जाती थी।
2. युवतियाँ कहाँ, किस रूप में झाँकने लगती थीं?
उत्तर: युवतियाँ अपने छोटे-छोटे बच्चों को गोद में लेकर, घर की बिकों को उठाकर नीचे की ओर झाँकने लगती थीं।
3. बच्चे कहाँ खेलते थे?
उत्तर: बच्चे गलियों और उनके मध्य समाए छोटे-छोटे उद्यानों में खेलते थे।
4. खिलौनेवाला क्या करता था?
उत्तर: खिलौनेवाला बच्चों के झुंड के बीच बैठकर अपने खिलौनों की पेटी खोल देता था।
5. नगर भर में क्या समाचार फैल गया?
उत्तर: नगर भर में दो-चार दिनों में यह समाचार फैल गया कि मुरलीवाला आया है।
2. लोग क्या कहने लगे?
उत्तर: लोग यह कहने लगे कि वह व्यक्ति मुरली बजाने में बढ़ा उस्ताद है। वह गाना सुना कर और मुरली बजा कर मुरली बेचता है। वह दो-दो पैसे में मुरली बेच रहा है। इतने में तो मेहनत भी पूरी न होती होगी।
3. मुरलीवाले का हुलिया किस प्रकार का बताया गया?
उत्तर: मुरलीवाले का यह हुलिया बताया गया-वह 30-32 वर्ष का होगा। वह गोरा-पतला युवक है। यह बीकानेरी रंगीन साफा बाँधता है।
4. पहले यह व्यक्ति क्या काम करता था?
उत्तर: पहले यही व्यक्ति खिलौने बेचा करता था।
5. प्रतिदिन किसकी चर्चा होती थी और क्यों?
उत्तर: सारे नगर में प्रतिदिन मुरलीवाले की चर्चा होती थी क्योंकि प्रत्येक गली में उसकी मुरली की मधुर ध्वनि सुनाई पड़ती थी।
6. बच्चों को कैसा स्वर सुनाई पड़ता था?
उत्तर: बच्चों को मुरलीवाले का मादक-मृदुल स्वर सुनाई पड़ता था-बच्चों को बहलाने वाला, मुरलिया वाला।
7. मुरलीवाले का स्वर सुनकर रोहिणी को क्या स्मरण हो आया?
उत्तर: मुरलीवाले के स्वर को सुनकर रोहिणी को मन-ही-मन खिलौनेवाले का स्मरण हो आया। वह भी इसी तरह गा-गाकर खिलौने बेचा करता था।
8. विजय कौन थे? उनसे रोहिणी ने क्या कहा?
उत्तर: विजय रोहिणी के पति थे। रोहिणी ने उनसे मुरलीवाले को बुलाने के लिए कहा क्योंकि उसे चुन्नू-मुन्नू के लिए मुरली खरीदनी थी।
9. विजय बाबू क्यों मुस्करा दिए?
उत्तर: विजय बाबू मुरलीवाले की इस बात पर मुस्करा दिए कि मुरली है तो तीन पैसे की, पर आपको दो पैसे में ही दे दूँगा। विजय बाबू को लगा कि यह तो मुझ पर अहसान लाद रहा है।
10. विजय बाबू ने मुरलीवाले से क्या कहा?
उत्तर: विजय बाबू ने मुरलीवाले से यह कहा कि तुम लोगों की आदत झूठ बोलने की है। सभी को दो-दो पैसों में देते होगे, पर अहसान का बोझा मेरे ऊपर लाद रहे हो।
11. मुरलीवाले ने क्या सफाई दी?
उत्तर: मुरलीवाले ने यह सफाई दी -आपको मुरली की लागत का पता नहीं है। हर ग्राहक यही समझता है कि दुकानदार मुझे लूट रहा है। मैंने तो एक हज़ार मुरलियाँ बनवाई थी अतः मुझे इस भाव पड़ी हैं अन्यथा कहीं भी ये मुरलियाँ दो-दो पैसे में नहीं मिल सकतीं।
12. क्या आप उसकी बात से सहमत हैं?
उत्तर: हाँ, हम मुरलीवाले की बात से सहमत हैं। वह मुनाफा कमाने के लिए मुरली नहीं बेचता।
13. मिठाईवाला पहले क्या था?
उत्तर: मिठाईवाला पहले अपने शहर का एक प्रतिष्ठित आदमी था।
14. उसके पास क्या-क्या था?
उत्तर: उसके पास मकान, व्यवसाय, गाड़ी-घोड़ा, नौकर-चाकर, पत्नी तथा दो बच्चे थे।
15. बाहर-भीतर क्या था?
उत्तर: बाहर संपत्ति का वैभव था और भीतर संसारिक सुख था।
16. समय ने क्या कर दिया?
उत्तर: समय ने ऐसी लीला खेली कि उसका सभी कुछ चला गया।
बहुविकल्पी प्रश्न
सही उत्तर चुनकर लिखिए–
1. खिलौने वाला का स्वर कैसा था?
(क) स्नेह से भरा।
(ख) कर्कश।
(ग) तीखा।
(घ) अजीब-सा।
उत्तर: (क) स्नेह से भरा।
2. युवतियाँ कहाँ देखने लगती थीं?
(क) ऊपर की ओर।
(ख) नीचे की ओर।
(ग) भीड़ की ओर।
(घ) कहीं नहीं।
उत्तर: (ख) नीचे की ओर।
3. इस कहानी के लेखक हैं-
(क) भगवती प्रसाद वाजपेयी।
(ख) भगवती चरण वर्मा।
(ग) प्रेमचंद।
(घ) जैनेंद्र।
उत्तर: (क) भगवती प्रसाद वाजपेयी।
4. नगर भर में क्या समाचार फैल गया?
(क) मुरलीवाले के आने का।
(ख) खिलौनेवाले के आने का।
(ग) गुब्बारेवाले के आने का।
(घ) फेरीवाले के आने का।
उत्तर: (क) मुरलीवाले के आने का।
5. वह आदमी कैसे मुरली बेचता है?
(क) मुरली बजाकर।
(ख) गाना सुनाकर।
(ग) दोनों काम करके।
(घ) कुछ नही करके।
उत्तर: (ग) दोनों काम करके।
6. मुरलीवाले की उम्र कितनी होगी?
(क) बीस वर्ष।
(ख) पच्चीस वर्ष।
(ग) 30-32 वर्ष।
(घ) पचास वर्ष।
उत्तर: (ग) 30-32 वर्ष।
7. वह कैसा साफा बाँधता है?
(क) बीकानेरी।
(ख) जोधपुरी।
(ग) जयपुरी।
(घ) अजमेरी।
उत्तर: (क) बीकानेरी।
8. प्रतिदिन किसकी चर्चा होती थी?
(क) मुरली की।
(ख) मिठाईवाले को।
(ग) खिलौनेवाले की।
(घ) किसी की नहीं।
उत्तर: (क) मुरली की।
9. रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से किसका स्मरण हो आया?
(क) मिठाईवाले का।
(ख) खिलौनेवाले का।
(ग) फेरीवाले का।
(घ) सभी का।
उत्तर: (ख) खिलौनेवाले का।
10. रोहिणी उठकर किसके पास गई?
(क) अपने पति विजय बाबू के पास।
(ख) मुरलीवाले के पास।
(ग) वृद्धा माँ के पास।
(घ) बच्चों के पास।
उत्तर: (क) अपने पति विजय बाबू के पास।
11. कौन मुसकराया?
(क) विजय बाबू।
(ख) रोहिणी।
(ग) खिलौनेवाला।
(घ) कोई नहीं।
उत्तर: (क) विजय बाबू।
12. विजय ने मुरलीवाले पर क्या तोहमत लगाई?
(क) तुम लोगों को झूठ बोलने की आदत होती है।
(ख) तुम लोगों को ठगने की आदत होती है।
(ग) तुम लोगों को अपना माल बेचना होता है।
(घ) तुम लोगों पर विश्वास नहीं किया जा सकता।
उत्तर: (क) तुम लोगों को झूठ बोलने की आदत होती है।
13. मुरलीवाले ने कितनी मुरलियाँ बनवाई थीं?
(क) सौ।
(ख) पाँच सौ।
(ग) एक हजार।
(घ) पाँच हजार।
उत्तर: (ग) एक हजार।
14. मिठाईवाले का संसार कसा था?
(क) सोने का।
(ख) चाँदी का।
(ग) खिलौनों का।
(घ) नौकरों का।
उत्तर: (क) सोने का।
15. उसकी पत्नी कैसी थी?
(क) सुंदर।
(ख) सुशील।
(ग) सामान्य।
(घ) अच्छी।
उत्तर: (क) सुंदर।
16. ‘सजीव खिलौने’ में रेखांकित शब्द क्या है?
(क) संज्ञा।
(ख) सर्वनाम।
(ग) विशेषण।
(घ) क्रिया।
उत्तर: (ग) विशेषण।
प्रश्न-अभ्यास
>> कहानी से
प्रश्न 1. मिठाईवाला अलग-अलग चीजें क्यों बेचता था और वह महीनों बाद क्यों आता था?
उत्तर: मिठाईवाला अलग-अलग चीजें बेचता था। कभी वह मिठाई बेचता, तो कभी खिलौने बेचता और कभी मुरली बेचता था। वह बच्चों को पसंद आने वाली चीजें ही बेचता था। बच्चे एक चीज़ से उकता न जाएँ इसलिए चीजें बदल-बदल कर बेचता था। वह महीनों बाद इसलिए आता था क्योंकि वह चीजें तैयार करवाता था तथा बच्चों में उत्सुकता बनाए रखना चाहता था।
प्रश्न 2. मिठाईवाले में वे कौन-से गुण थे जिनकी वजह से बच्चे तो बच्चे, बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे?
उत्तर: मिठाईवाले में अनेक गुण थे-
– उसका स्वर बहुत मीठा था। वह गा-गाकर चीजें बेचता था।
– बच्चों के प्रति उसका व्यवहार अत्यंत कोमल एवं प्रेमपूर्ण था।
– वह लाभ कमाने के चक्कर में नहीं रहता था।
– वह सदा सच बोलता था।
उसके हृदय में बच्चों के लिए ममता थी।
प्रश्न 3. विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरलीवाला एक विक्रेता। दोनों अपने-अपने पक्ष के समर्थन में क्या तर्क पेश करते है?
उत्तर: विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरलीवाला एक विक्रेता। विजय बाबू अपने पक्ष के समर्थन में यह तर्क प्रस्तुत हैं -फेरीवाले झूठे और मक्कार होते हैं। वे सभी को एक समान दर पर सामान देते हैं, पर पहल अधिक दाम बता कर फिर कम करके ग्राहक पर अहसान का बोझ लाद देते हैं।
मुरलीवाला तर्क देता है-
– ग्राहक को वस्तु की लागत कीमत का पता नहीं होता।
– दुकानदार चाहे हानि उठाकर भी चीज बेचे फिर भी ग्राहक समझता है कि दुकानदार लूट रहा है।
– ग्राहक को दुकानदार पर विश्वास नहीं होता।
प्रश्न 4. खिलौनेवाले के आने पर बच्चों की क्या प्रतिक्रिया होती थी?
उत्तर: खिलौनेवाले के आने पर बच्चे खुश हो जाते थे। वे अपने-अपने घर से पैसे लाकर खिलौनों का मोल-भाव करने लग जाते थे। खिलौनेवाला उनको मनचाहे खिलौने दे देता था और बच्चे उन्हें पाकर उछलने-कूदने लगते थे।
प्रश्न 5. रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण क्यों हो आया?
उत्तर: रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण इसलिए हो आया क्योंकि खिलौनेवाला भी इसी तरह गा-गाकर खिलौने बेचा करता था। उसने उसका स्वर पहचान लिया था।
प्रश्न 6. किसकी बात सुनकर मिठाईवाला क्यों भावुक हो गया था? उसने इन व्यवसायों को अपनाने का क्या कारण बताया?
उत्तर: दादी की बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया। इस पर उसने भावुक होकर बताया वह भी अपने नगर का प्रतिष्ठित आदमी था। उसके पास सुख के सभी साधन थे। स्त्री और दो छोटे बच्चे भी थे। विधाता की लीला सभी को ले गई। वह तो अपने बच्चों को इन बच्चों में खोजता है। उसे पैसों की कोई कमी नहीं है। वह इन चीज़ों को बच्चों में बेचकर संतोष का अनुभव करता है, कमाता नहीं।
प्रश्न 7. “अब इस बार ये पैसे न लूँगा” – कहानी के अंत में मिठाईवाले ने ऐसा क्यों कहा?
उत्तर: चुन्नू-मुन्नू ने मिठाई माँगी तो मिठाईवाले ने मिठाई की दो पुड़ियाँ उन्हें ऐसे ही दे दीं। रोहिणी ने भीतर से पैसे फेंके तो मिठाईवाला बोला- “अब इस बार ये पैसे न लूँगा।” मिठाईवाले ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि उसे लग रहा था कि वह अपने ही बच्चों को मिठाई दे रहा है।
प्रश्न 8. इस कहानी में रोहिणी चिक के पीछे से बात करती है। क्या आज भी औरतें चिक के पीछे से बात करती हैं? यदि करती हैं तो क्यों? आपकी राय में क्या यह सही है?
उत्तर: आज प्राय: औरतें चिक के पीछे से बातें नहीं करतीं। हाँ, कुछ मुस्लिम परिवारों में यह रिवाज अब भी है। वे स्त्रियाँ परदा करती हैं। गाँव की स्त्रियाँ भी परदा करती हैं। मेरी राय में यह ठीक नहीं है।
>> कहानी से आगे
प्रश्न 1. मिठाईवाले के परिवार के साथ क्या हुआ होगा? सोचिए और इस आधार पर एक और कहानी बुनिए।
उत्तर: मिठाईवाले के परिवार के साथ कोई दुर्घटना घटी होगी। मिठाईवाले का परिवार कहीं जा रहा होगा कि उन्हें किसी दुर्घटना का शिकार होना पड़ा होगा और उस दुर्घटना में मिठाईवाले की पत्नी और बच्चे मर गए होंगे।
मिठाईवाले का एक हँसता-खेलता परिवार था। एक बार की बात है कि उसके नगर में महामारी फैली। इस महामारी में नगर के अनेक लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लिया। मिठाईवाले ने बचाव के उपाय तो अनेक किए, पर वह महामारी के प्रकोप से अपनी पत्नी और बच्चों को बचा नहीं पाया। एक दिन उन्होंने दम तोड़ दिया। मिठाईवाले की दुनिया उजड़ गई। वह दुख के सागर में डूब गया। अपने दुख से उबरने का उसने यही एक तरीका सूझा कि वह बच्चों को चीजें बेचकर उनका मन बहलाया करे।
प्रश्न 2. हाट- मेले, शादी आदि आयोजनों में कौन-कौन-सी चीजें तुम्हें सबसे ज़्यादा आकर्षित करती हैं? उनको सजाने-बनाने में किसका बारे में लिखिए। हाथ होगा? उन चेहरों के बारे में लिखिए।
उत्तर: हाट-मेले, शादी में हमें निम्नलिखित चीजें ज़्यादा आकर्षित करती हैं-
खिलौने | मिठाइयाँ | चाट-पकौड़ी |
गोलगप्पे | चाऊमीन | जलेबी |
खिलौनों को कारीगर घरों में बनाते हैं, जबकि मिठाइयों और चाट-पकौड़ी को वहीं मेले या शादी में बनाया जाता है। इनके चेहरे पर परिश्रम झलकता है।
प्रश्न 3. इस कहानी में मिठाईवाला दूसरों को प्यार और खुशी देकर अपना दुःख कम करता है। इस मिज़ाज की और कहानियाँ, कविताएँ ढूंढिए और पढ़िए।
उत्तर: ऐसी कहानियाँ विद्यार्थी पुस्तकों से पढ़ें।
एक कविता
(अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’)
मीठी बोली
बस में जिससे हो जाते हैं प्राणी सारे
जन जिससे बन जाते हैं आँखों के तारे।
पत्थर को पिघलाकर मोम बनाने वाली
मुख खोलो तो मीठी बोली बोलो प्यारे।
रगड़ों-झगड़ों का कड़वापन खोने वाली,
जी में लगी हुई काई को धोने वाली।
सदा जोड़ देने वाली जो टूटा नाता
मीठी बोली बीज-प्यार है बोने वाली।
काँटों में भी सुन्दर फूल खिलाने वाली,
रखने वाली कितने हीं मुखड़ों की लाली।
निपट बना देने वाली है बिगड़ी बातें
होती मीठी बोली की करतूत निराली।
जी उमगाने वाली, चाह बढ़ाने वाली,
दिल के पेचीद ताले की सच्ची ताली।
फैलाने वाली सुगन्ध सब ओर अनूठी
मीठी बोली है विकसित फूलों की डाली।
एक दोहा
मीठी वाणी बोलिए, मन का आपा खोय
औरन को सीतल करै, आपहु सीतल होय।
>> अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. आपकी गलियों में कई अजनबी फेरीवाले आते होंगे। आप उनके बारे में क्या-क्या जानते हैं? अगली बार जब आपकी गली में कोई फेरीवाला आए तो उससे बातचीत कर जानने की कोशिश कीजिए।
उत्तर: हमारी गली में मूँगफली, चने, नमकीन, चाट आदि चीजें बेचने वाले आते हैं।
उनसे बातचीत-
बालक: अरे भाई चाटवाले! पाँच रुपये के कितने गोलगप्पे दिए हैं?
चाटवाला: पाँच रुपये के चार गोलगप्पे।
बालक: पाँच रुपये के पाँच आते हैं।
चाटवाला: मेरे गोलगप्पे विशेष प्रकार के हैं। मैं तो चार ही देता हूँ।
बालक: अच्छा, तो पाँच रुपये के दे दो। देखें, कैसे हैं?
प्रश्न 2. आपके माता-पिता के ज़माने से लेकर अब तक फेरी की आवाज़ों में कैसा बदलाव आया है? बड़ों से पूछकर लिखिए।
उत्तर: • अब फेरीवालों की आवाज़ में उतनी तेजी नहीं होती।
• अब फेरीवाले पूरी बात नहीं बोलते।
• अब उनकी आवाज़ की मधुरता कम होती जा रही है।
• अब फेरीवाले जल्दबाज़ी में रहते हैं।
प्रश्न 3. आपको क्या लगता है-वक्त के साथ फेरी के स्वर कम हुए हैं? कारण लिखिए।
उत्तर: हाँ, हमें ऐसा लगता है। वे कम बोलते हैं। पूरी बात नहीं बोलते। क्योंकि लोगों की रूचि फेरीवालों में सामान खरीदनें में कम होती जा रही है। क्योंकि लोगों की रुचि फेरीवालों में सामान खरीदने में कम होती जा रही है।
>> भाषा की बात
प्रश्न 1. मिठाईवाला बोलनेवाली गुड़िया
• ऊपर ‘वाला’ का प्रयोग है। अब बताइए कि-
(क) ‘वाला’ से पहले आनेवाले शब्द संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि में से क्या है?
(ख) ऊपर लिखे वाक्यांशों में उनका क्या प्रयोग है?
उत्तर: ‘मिठाई’ – संज्ञा है।
‘बोलना’ – क्रिया है
‘मिठाईवाला’ – विशेषण है।
‘बोलने वाली, गुड़िया’ में ‘गुड़िया’ संज्ञा है और ‘बोलने वाली’ विशेषण है।
प्रश्न 2. “अच्छा मुझे ज़्यादा वक्त नहीं, जल्दी से दो ठो निकाल दो।”
• उपर्युक्त वाक्य में ‘ठो’ के प्रयोग की ओर ध्यान दीजिए। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार की भाषाओं में इस शब्द का प्रयोग संख्यावाची शब्द के साथ होता है; जैसे- भोजपुरी में-
– एक ठो लइका
– चार की आलू
– तीन ठो बटुली
– ऐसे शब्दों का प्रयोग भारत की कई अन्य भाषाओं / बोलियों में भी होता है। कक्षा में पता कीजिए कि किस-किस की भाषा-बोली में ऐसा है? इस पर सामूहिक बातचीत कीजिए।
उत्तर: चार नग टोपी
(अन्य रूपों पर विद्यार्थी चर्चा करें)
प्रश्न 3. “वे भी, जान पड़ता है, पार्क में खेलने निकल गए हैं।”
“क्यों भई, किस तरह देते हो मुरली?”
“दादी, चुन्नू-मुन्नू के लिए मिठाई लेनी है। ज़रा कमरे में चलकर ठहराओ’।
• भाषा के ये प्रयोग आजकल पढ़ने-सुनने में नहीं आते। आप ये बातें कैसे कहेंगे?
उत्तर: हम ये बात इस प्रकार कहेंगे-
– प्रतीत होता है, वे भी पार्क में खेलने निकल गए हैं।
– क्यों भई, मुरली किस भाव बेचते हो?
– ज़रा कमरे में चलकर भाव करो।
कुछ करने को :
1. फेरीवालों की दिनचर्या कैसी होती होगी ? उनका घर-परिवार कहाँ होगा? उनकी जिंदगी में किस प्रकार की समस्याएँ और उतार-चढ़ाव आते होंगे? यह जानने के लिए तीन-तीन के समूह में छात्र-छात्राएँ कुछ प्रश्न तैयार करें और फेरीवालों से बातचीत करें। प्रत्येक समूह अलग-अलग व्यवसाय से जुड़े फेरीवालों से बात करे।
उत्तर: छात्र-छात्री स्वयं करें।
2. इस कहानी को पढ़कर क्या आपको यह अनुभूति हुई कि दूसरों को प्यार और खुशी देने से अपने मन का दुःख कम हो जाता है? समूह में बातचीत कीजिए।
उत्तर: छात्र-छात्री स्वयं करें।
3. अपनी कल्पना की मदद से मिठाईवाले का चित्र शब्दों के माध्यम से बनाइए।
उत्तर: छात्र-छात्री स्वयं करें।
संकेत-शब्द-चित्र: यह मिठाईवाला है। बंद गले का कोट पहने है तथा सिर पर बीकानेर साफा बाँध रखा है। पैरो में चप्पल है। गले में एक लबी झेली है। वह गा रहा है और अपनी मिठाइयों को विशेषता बता रहा है। यह बच्चों को अपनी ओर आता देखकर खुश हो रहा है।
उत्तर: छात्र-छात्री स्वयं करें।
बनाइए :
एक फेरीवाले का चित्र बनाकर रंग भरिए।
परीक्षोपयोगी अन्य आवश्यक प्रश्नोत्तर
बहुविकल्पी प्रश्न
1. ‘मिठाईवाला’ पाठ के लेखक का नाम बताइए।
(क) भवानीप्रसाद मिश्र।
(ख) भगवतीप्रसाद वाजपेयी।
(ग) विजय तेंदुलकर।
(घ) शिवप्रसाद सिंह।
उत्तर:(ख) भगवतीप्रसाद वाजपेयी।
2. किसके गान से हलचल मच जाती थी?
(क) किसी गायक के।
(ख) शास्त्रीय संगीतज्ञ से।
(ग) खिलौनेवाले के।
(घ) इनमें कोई नहीं।
उत्तर: (ग) खिलौनेवाले के।
3. रोहिणी ने बच्चों से क्या जानना चाहा था?
(क) कहाँ से खरीदा।
(ख) किससे खरीदा।
(ग) कब खरीदा।
(घ) कितने में खरीदा।
उत्तर: (घ) कितने में खरीदा।
4. बच्चों ने हाथी-घोड़े कितने में खरीदे थे?
(क) 2 रुपये में।
(ख) 2 पैसे में।
(ग) 3 पैसे में।
(घ) 50 पैसे में।
उत्तर: (घ) 50 पैसे में।
5. खिलौने वाले का गान गली भर के मकानों में कैसे लहराता था?
(क) झील की तरह।
(ख) सागर की तरह।
(ग) दो आने में।
(घ) तीन रूपए में।
उत्तर: (ख) सागर की तरह।
6. चुन्नू -मुन्नू ने कितने में खिलौने खरीदे थे?
(क) 3 पैसे में।
(ख) 2 पैसे मे।
(ग) 2 आने में।
(घ) 3 रुपए में।
उत्तर: (ख) 2 पैसे मे।
7. रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से किसका स्मरण हो आया?
(क) मिठाईवाले का।
(ख) खिलौनेवाले।
(ग) फेरीवाले का।
(घ) बच्चों का।
उत्तर: (ग) फेरीवाले का।
8. रोहिणी ने मुरलीवाले की बातें सुनकर क्या महसूस किया?
(क) ऐसे फेरीवाले आते-जाते रहते हैं।
(ख) यह महँगा सामान बेचता है।
(ग) ऐसा स्नेही फेरीवाला पहले नहीं देखा।
(घ) मुरलीवाला अच्छा व्यवहार नहीं करता।
उत्तर: (ग) ऐसा स्नेही फेरीवाला पहले नहीं देखा।
9. फिर वह सौदा भी कैसे सस्ता बेचता है? अर्थ के आधार पर वाक्य भेद है:
(क) संकेतवाचक।
(ख) विधानवाचक।
(ग) विस्मयादिबोधक।
(घ) इच्छासूचक।
उत्तर: (ग) विस्मयादिबोधक।
10. मुरलीवाला इनमें से कौन-सा साफा बाँधता था?
(क) जयपुरी।
(ख) जैसलमेरी।
(ग) बीकानेरी।
(घ) उदयपुरी।
उत्तर: (ग) बीकानेरी।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. बच्चे खिलौने देखकर कैसे हो जाते थे?
उत्तर: बच्चे खिलौने देखकर पुलकित हो उठते थे।
प्रश्न 2. रोहिणी क्या सोचने लगी?
उत्तर: रोहिणी सोचने लगी-खिलौने इतने सस्ते में कैसे दे गया?
प्रश्न 3. नगर भर में क्या समाचार फैल गया?
उत्तर: नगर भर में मुरलीवाले के आने का समाचार फैल गया।
प्रश्न 4. ग्राहक हमेशा क्या सोचता है?
उत्तर: ग्राहक हमेशा यह सोचता है कि दुकानदार मुझे लूट रहा है।
प्रश्न 5. मुरलीवाले का स्वर कैसा था?
उत्तर: मुरलीवाले का स्वर मीठा और स्नेहसिक्त था।
प्रश्न 6. रोहिणी मकान की छत पर क्या कर रही थी?
उत्तर: रोहिणी स्नान करके मकान की छत पर बाल सुखा रही थी।
प्रश्न 7. मिठाईवाला पहले क्या था?
उत्तर: वह पहले एक व्यवसायी था।
प्रश्न 8. राय विजयबहादुर के बच्चों ने कौन-सा खिलौना खरीदा?
उत्तर: राय विजयबहादुर के बच्चों चुन्नू और मुन्नू ने हाथी और घोड़ा खरीदा।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. विजयबाबू और मिठाईवाले के वार्तालाप को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर: विजयबाबू : क्यों भाई, किस भाव देते हो मुरली?
मिठाईवाला: बाबू जी, वैसे तो भाव तीन पैसे का है, पर मैं आपको दो पैसे में ही दे दूँगा।
विजयबाबू: क्यों झूठ बोलता है? देता तो सभी को दो पैसे की होगा, पर मुझ पर एहसान का बोझ लादना चाहता है।
मिठाईवाला: बाबू जी, आपको इसकी लागत का पता तक नहीं है। हम चाहे हानि उठाकर भी अपना सामान क्यों न बेचें, पर आप हमें ठग ही समझते हैं।
विजयबाबू: अच्छा, अच्छा। बहस के लिए मेरे पास समय नहीं है। जल्दी से दो मुरली दे दे।
प्रश्न 2. खिलौनेवाले की मधुर आवाज़ का बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता था?
उत्तर: खिलौनेवाले की मधुर आवाज सुनकर बच्चे अपना खेल बीच में ही छोड़कर खिलौनेवाले के आस-पास जमा हो जाते और उसे घेरकर खड़े हो जाते। खिलौनेवाला उनके सामने अपनी खिलौनों की पेटी खोल देता।
प्रश्न 3. नगर भर में मुरलीवाले के आने का समाचार क्यों फैल गया?
उत्तर: नगर भर में मुरलीवाले के आने का समाचार इसलिए फैल गया क्योंकि वह मुरली बजाने और गाना गाने में उस्ताद था। लोगों को उसने मुरली बजाकर और मधुर गीत गा-गाकर रिझा लिया था। चारों ओर उसी की चर्चा होने लगी थीं।
प्रश्न 4. रोहिणी को मिठाईवाले का स्वर सुनकर खिलौनेवाले और मुरलीवाले का स्मरण क्यों हो आया?
उत्तर: वास्तव में खिलौनेवाला, मुरलीवाला और मिठाईवाला व्यक्ति एक ही था। वही बार-बार चीजें बदलकर बच्चों को खुश करने आता था। रोहिणी ने जब मिठाईवाले का मृदुल स्वर सुना तो उसे वह परिचित स्वर लगा। मुरलीवाला भी इसी प्रकार के स्वर में गाता था अतः उसे उसका स्मरण हो आया।
प्रश्न 5. मिठाईवाले ने अपनी मिठाइयों की क्या-क्या विशेषताएँ बताई ?
उत्तर: मिठाईवाले ने अपनी मिठाइयों की ये विशेषताएँ बताई– ये रंग-बिरंगी हैं। ये खट्टी-मीठी हैं तथा जायकेदार हैं। ये मुँह में देर तक टिकती हैं। बच्चे इन्हें बड़े चाव से चूसते हैं। ये खाँसी को हैं। दूर करती हैं। आकार में ये चपटी, गोल और पहलदार हैं।
प्रश्न 6. मिठाईवाले को अपने व्यवसाय में पैसे के अलावा और क्या मिलता था?
उत्तर: मिठाईवाले को अपने व्यवसाय में पैसे के अलावा संतोष, धीरज और असीम सुख मिलता था। वह बच्चों के निकट रहना चाहता था और अपने व्यवसाय में वह यह अवसर पा रहा था।
प्रश्न 7. रोहिणी को मिठाईवाले के संबंध में जानने की उत्सुकता क्यों थी?
उत्तर: रोहिणी को जब यह पता चला कि यह मिठाईवाला ही पहले खिलौनेवाला और मुरलीवाला बनकर आया था तो वह उसके बारे में जानने को उत्सुक हो उठी। वह जानना चाहती थी कि यह व्यक्ति इतने कम दामों पर अपनी चीजें क्यों बेचता है?
प्रश्न 8. फेरीवाले को गली के बच्चों पर ममता क्यों थी?
उत्तर: फेरीवाले को गली के बच्चों पर ममता इसलिए थी क्योंकि वह उन बच्चों में अपने मरे हुए बच्चों की छवि देखता था। उसे विश्वास था कि वे कहीं-न-कहीं जन्मे तो होंगे ही। वह उनको ही खोजता फिरता था। यही कारण था कि वह उन बच्चों के प्रति ममता का भाव रखता था। इससे उसे असीम संतोष मिलता था।
प्रश्न 9. मिठाईवाला बच्चों के लिए ही चीजें लेकर क्यों आया था? सही उत्तर छाँटिए–
(क) वह अधिक पैसा कमाना चाहता था।
(ख) वह लोगों को आकर्षित करना चाहता था।
(ग) वह लोगों में नाम कमाना चाहता था।
(घ) वह बच्चों से मिलकर अपनी ममता की पूर्ति करना चाहता था।
उत्तर: (घ) वह बच्चों से मिलकर अपनी ममता की पूर्ति करना चाहता था।
प्रश्न 10, रोहिणी उस फेरीवाले के विषय में जानने को इतनी उत्सुक क्यों थी?
उत्तर: फेरीवाला बच्चों के साथ बड़े स्नेह से बातें करता था। उसके व्यवहार में भी अपनत्व भरा होता था। इन गुणों के कारण रोहिणी को वह कोई भला व्यक्ति लगता था। वह खिलौने मिठाई आदि अत्यंत कम मूल्य पर बेचा करता था। रोहिणी जानना चाहती थी कि आखिर वह कौन है और इस काम से उसे क्या लाभ मिलता है?
प्रश्न 11. एक दिन नगर में क्या समाचार फैल गया?
उत्तर: एक दिन नगर में यह समाचार फैल गया कि यहाँ एक मुरलीवाला आया है। मुरली बजाने में वह बहुत उस्ताद है। वह मुरली बजाकर, गाना सुनाकर मुरली भी बेचता है और वह भी दो-दो पैसे में। इतने कम दाम में तो उसे कुछ भी नहीं मिलता होगा।
प्रश्न 12. मुरलीवाले की बातें सुनकर रोहिणी ने क्या अनुभव किया?
उत्तर: मुरलीवाले की बातें सुनकर रोहिणी ने अनुभव किया कि बच्चों के साथ इतने प्यार से बातें करने वाला कोई फेरीवाला कभी पहले नहीं आया। वह सस्ता सौदा बेचता है तथा भला आदमी जान पड़ता है।
प्रश्न 13. इस कहानी का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इस कहानी का उद्देश्य है कि व्यक्ति परोपकार करके अपने दुःख को कमकर सकता है। व्यक्ति मीठी वाणी और सद्व्यवहार से सबका मन मोह लेता है। बच्चों के साथ स्नेहपूर्ण व्यवहार करना चाहिए।
प्रश्न 14. बच्चे खिलौनेवाले से क्यों खुश रहते थे?
उत्तर: खिलौनेवाला बच्चों को डाँटने-फटकारने के स्थान पर प्यार करता था। वह उन्हें तरह-तरह के खिलौने दिखाता था और उनकी पसंद के खिलौने उन्हें अत्यंत कम दामों पर दे देता था। वह बच्चों के साथ अत्यंत मीठे स्वर में बात करता था। वह बच्चों में लोकप्रिय हो गया था।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. ‘मिठाईवाला’ कहानी का मूल स्वर क्या है? स्पष्ट करो।
उत्तर: ‘मिठाईवाला’ कहानी का मूल स्वर करुणा एवं स्नेह का मिला-जुला रूप है। मिठाईवाला बच्चों के प्रति स्नेह भाव रखता है। वह उन बच्चों में अपने बच्चों की छवि निहारता है। यही कारण है कि वह इन बच्चों को लागत मूल्य पर ही खिलौने, मुरली और मिठाई बेचता है। उसका उद्देश्य धन कमाना नहीं है बल्कि वह तो बच्चों को अपना स्नेह बाँटता फिरता है। उसके इस रूप को रोहिणी जैसी स्त्रियाँ ही पहचान पाती हैं। सामान्य लोग तो उसे सामान्य फेरीवाला ही समझते हैं। रोहिणी ही उसके स्वर में छिपी करुणा को अनुभव करती है। उसकी कथा व्यथा की मार्मिक अभिव्यक्ति है।
प्रश्न 2. ग्राहकों का सामान्य व्यवहार कैसा होता है? कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: ग्राहक सामान्यतः यह समझता है कि दुकानदार झूठ बोलता है। वह अपनी चीज़ों के दाम बढ़ा-चढ़ा कर बताता है। फिर ग्राहक पर एहसान जताने के लिए दाम को थोड़ा कम कर देता है। वह तब भी काफी मुनाफा कमाता है जबकि यह बात सभी दुकानदारों के बारे में सच नहीं है। कई दुकानदार मामूली लाभ पर भी अपनी चीजें बेच देते हैं। कई बार तो उसे हानि तक उठा कर अपनी चीज़ें बेचनी पड़ती हैं। ग्राहक को दुकानदार की बात का विश्वास करना चाहिए।
प्रश्न 3. इस कहानी के माध्यम से लेखक ने कैसे व्यक्ति का चित्रण किया है?
उत्तर: इस कहानी के माध्यम से लेखक ने एक ऐसे धनी और प्रतिष्ठित व्यक्ति की मनःस्थिति का चित्रण किया है, जिसने असमय ही अपनी पत्नी एवं बच्चों को खो दिया। वह अपने बच्चों के साथ बहुत लगाव रखता था। वह नगर के अन्य बच्चों को अपनी चीजों एवं मधुर वाणी से इसलिए लुभाता है क्योंकि वह उनमें अपने बच्चों की छवि देखता है। इससे उसे मानसिक शांति का अनुभव होता है।
प्रश्न 4. फेरीवाले का क्या दुख था? अपने दुख उबरने के लिए उसने क्या किया?
उत्तर: फेरीवाला अपने शहर का प्रतिष्ठित व्यक्ति था। उसका छोटा-सा परिवार था। पत्नी थी, दो छोटे बच्चे थे। वह एक सुखी जीवन व्यतीत कर रहा था। परंतु समय का पहिया कुछ ऐसा घूमा कि पत्नी और बच्चे उसे अकेला छोड़कर चल बसे। फेरीवाले के दुख की सीमा न रही। जीवन उसे बोझ लगने लगा। अकेला घर काटने को दौड़ता। रोते हुए अकेले जीवन बिताना कठिन था। आखिरकार दुख से उबरने का उसने एक रास्ता निकाला। वह खिलौने, मुरली, मिठाई जैसी बच्चों की पसंद की चीजें लेकर गली-गली घूमने लगा। बच्चे उसे देखकर दौड़कर आते और उसे घेर लेते। वे अपनी तोतली जुबान में उससे बातें करते और पैसे देते। अपनी पसंद की चीजें पाकर बहुत खुश होते। उन्हें हँसता-खेलता देख और उनकी बातें सुन फेरीवाला निहाल हो जाता और अपना दुख भूल जाता।
प्रश्न 5. मिठाईवाले की व्यथा को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर: मिठाईवाला एक व्यथित व्यक्ति है। वह धनी-मानी व्यक्ति होते हुए भी गली-गली मुरली, खिलौने तथा मिठाई बेचता फिरता है। इस काम से उसकी व्यथा कुछ कम होती है। उसका एक भरा-पूरा परिवार था। ईश्वर की लीला भी बड़ी विचित्र है। उसकी सुंदर पत्नी और प्यारे बच्चे असमय ही ईश्वर को प्यारे हो गए। उसका हृदय व्यथा के सागर में डूब गया। उसने अपने जीने का माध्यम ढूँढ निकाला। वह बच्चों के सलोने मुखों में अपने बच्चों की छवि निहारता है। इससे उसे संतोष मिलता है।
मूल्यपरक प्रश्न
प्रश्न: आप मिठाईवाले को किस दृष्टि से देखते हैं?
उत्तर: हम मिठाईवाले को मानवीय दृष्टि से देखते हैं।
मिठाईवाला अपने छोटे-से जीवन में काफी दुख झेल चुका है। वह हमारी सहानुभूति का पात्र है। वह बच्चों के बीच रहकर अपने दुख को भूलना चाहता है। वह कमाई की दृष्टि से चीजें नहीं बेचता। हमें उसके दुख को कम करने का प्रयास करना चाहिए।