NCERT Class 7 Hindi Chapter 6 गिरिधर कविराय की कुंडलिया

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NCERT Class 7 Hindi Chapter 6 गिरिधर कविराय की कुंडलिया

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Chapter: 6

मल्हार

पाठ से

मेरी समझ से

(क) पाठ के आधार पर नीचे दिए गए प्रश्नों का सही उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (☆) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।

1. “बिना बिचारे” काम करने के क्या परिणाम होते हैं?

(i) दूसरों से प्रशंसा मिलती है।

(ii) मन में शांति बनी रहती है।

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(iii) अपना काम बिगड़ जाता है।

(iv) खान-पान सम्मान मिलता है।

उत्तर: (iii) अपना काम बिगड़ जाता है।

2. “चित्त में चैन” न पा सकने का मुख्य कारण क्या है?

(i) प्रयास करने पर भी टाला न जा सकने वाला दुख।

(ii) बिना सोचे-समझे किए गए कार्य की असफलता।

(iii) खान-पान, सम्मान और राग-रंग का अभाव।

(iv) दुनिया द्वारा की जाने वाली निंदा और उपहास।

उत्तर: (ii) बिना सोचे-समझे किए गए कार्य की असफलता।

3. “बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ” पंक्ति द्वारा कौन-सी सलाह दी गई है?

(i) भविष्य की सफलता के लिए अतीत की गलतियों से सीखने की।

(ii) अतीत की असफलताओं को भूलकर भविष्य पर ध्यान देने की।

(iii) अतीत और भविष्य दोनों घटनाओं को समान रूप से याद रखने की।

(iv) अतीत और भविष्य दोनों को भूलकर केवल वर्तमान में जीने की।

उत्तर: (ii) अतीत की असफलताओं को भूलकर भविष्य पर ध्यान देने की।

4. “जो बनि आवै सहज में ताही में चित देइ” पंक्ति का क्या अर्थ है?

(i) हमें कठिनाइयों और चुनौतियों से बचना चाहिए।

(ii) हमें आराम की तलाश करने में मन लगाना चाहिए।

(iii) हमें असंभव और कठिन कार्यों पर ध्यान देना चाहिए।

(iv) हमें सहज जीवन पर ध्यान देना चाहिए।

उत्तर: (iv) हमें सहज जीवन पर ध्यान देना चाहिए।

(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग-अलग उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने? 

उत्तर: (i) यह पंक्ति यह बताती है कि बिना सोचे-समझे किए गए कार्य का परिणाम उल्टा होता है, जिससे व्यक्ति को पछताना पड़ता है और उसका काम बिगड़ जाता है।

(ii) यह पंक्ति यह बताती है कि बिना बिचारे किए गए कार्य से मन में अशांति और तनाव रहता है, और यह चैन नहीं मिलने का कारण बनता है।

(iii) यह पंक्ति यह समझाती है कि हमें अतीत की गलतियों या असफलताओं को भूलकर भविष्य के बारे में सोचना चाहिए, ताकि हम आगे बढ़ सकें।

(iv) यह पंक्ति हमें यह बताती है कि हमें जीवन को सरलता और सहजता से जीना चाहिए, और जो कार्य स्वाभाविक रूप से हो जाए, उसी पर ध्यान देना चाहिए।

पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए।

(क) “बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय। 

काम बिगारे आपनो जग में होत हँसाय।।”

उत्तर: इन पंक्तियों का अर्थ है कि जो व्यक्ति बिना सोचे-समझे काम करता है, उसे बाद में पछताना पड़ता है। ऐसा कार्य न केवल उसके अपने लिए नुकसानदायक होता है, बल्कि समाज में भी उसकी हंसी उड़ती है और अपमानित होता है। इस प्रकार, बिना योजना और समझ के किया गया कार्य व्यक्ति की प्रतिष्ठा और स्थिति को नुकसान पहुँचाता है। यह पंक्तियाँ हमें यह सिखाती हैं कि किसी भी कार्य को करने से पहले सोच-समझकर निर्णय लेना बहुत आवश्यक है।

(ख) “बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ।

जो बनि आवै सहज में ताही में चित देइ॥”

उत्तर: यह पंक्ति हमें यह समझाती है कि अतीत की गलतियों या दुखों को भूलकर हमें भविष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। जो कुछ भी हुआ, वह बीत चुका है, और अब हमें उस पर अधिक विचार करने की आवश्यकता नहीं है। इसके बजाय, हमें वर्तमान और भविष्य पर ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही, जो चीज़ सहज रूप से और स्वाभाविक रूप से हो रही है, उसी पर हमारा ध्यान और ऊर्जा लगानी चाहिए। यह जीवन में संतुलन और शांति बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण सलाह है।

मिलकर करें मिलान

नीचे स्तंभ 1 में कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं, उनसे संबंधित अर्थ वाली स्तंभ 2 की पंक्तियों से उनका मिलान कीजिए-

स्तंभ 1स्तंभ 2
1. जग में होत हँसाय चित्त में चैन न पावै । खान पान सन्मान राग रंग मनहिं न भावै॥1. जो कार्य बिना विचार किए किया जाता है, वह लंबे समय तक मन में खटकता रहता है और उसकी पीड़ा से छुटकारा पाना मुश्किल होता है।
2. कह गिरिधर कविराय दुख कछु टरत न टारे। टकत है जिय माहिं कियो जो बिना बिचारे॥2. बिना विचार के किए गए कार्य के कारण मन अशांत रहता है। अच्छा खान-पान, सम्मान या जीवन की खुशियाँ भी उस व्यक्ति को सुख नहीं दे पातीं।
3. ताही में चित देइ बात जोई बनि आवै। दुर्जन हँसै न कोइ चित्त में खता न पावै।।3. अपने मन को इस बात पर विश्वास करना सिखाओ कि भविष्य की खुशी को समझते हुए अतीत के दुखों को भुलाकर आगे बढ़ना चाहिए।
4. कह गिरिधर कविराय यहै करु मन परतीती। आगे को सुख होइ समुझि बीती सो बीती।।4. ऐसे कार्य कीजिए कि किसी बुरे व्यक्ति को हँसने का मौका न मिले और मन में किसी प्रकार का दोष या अपराधबोध न हो।

उत्तर:

स्तंभ 1स्तंभ 2
1. जग में होत हँसाय चित्त में चैन न पावै । खान पान सन्मान राग रंग मनहिं न भावै॥2. बिना विचार के किए गए कार्य के कारण मन अशांत रहता है। अच्छा खान-पान, सम्मान या जीवन की खुशियाँ भी उस व्यक्ति को सुख नहीं दे पातीं।
2. कह गिरिधर कविराय दुख कछु टरत न टारे। टकत है जिय माहिं कियो जो बिना बिचारे॥1. जो कार्य बिना विचार किए किया जाता है, वह लंबे समय तक मन में खटकता रहता है और उसकी पीड़ा से छुटकारा पाना मुश्किल होता है।
3. ताही में चित देइ बात जोई बनि आवै। दुर्जन हँसै न कोइ चित्त में खता न पावै।।4. ऐसे कार्य कीजिए कि किसी बुरे व्यक्ति को हँसने का मौका न मिले और मन में किसी प्रकार का दोष या अपराधबोध न हो।
4. कह गिरिधर कविराय यहै करु मन परतीती। आगे को सुख होइ समुझि बीती सो बीती।।3. अपने मन को इस बात पर विश्वास करना सिखाओ कि भविष्य की खुशी को समझते हुए अतीत के दुखों को भुलाकर आगे बढ़ना चाहिए।
सोच-विचार के लिए

पाठ को एक बार पुनः पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए।

(क) “बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय।”

कविता में बिना विचार किए कार्य करने के क्या नुकसान बताए गए हैं?

उत्तर: कविता में बिना विचार किए किए गए कार्यों के परिणामस्वरूप पछतावा और निराशा का उल्लेख किया गया है। जब कोई व्यक्ति बिना सोचे-समझे काम करता है, तो उसे बाद में अपने किए पर पछताना पड़ता है, और उसका कार्य न केवल खुद के लिए बल्कि समाज में भी हंसी का कारण बनता है। इससे व्यक्ति का मन अशांत रहता है और वह दूसरों से सम्मान या खुशी नहीं प्राप्त कर पाता है। इस प्रकार, बिना विचार किए गए कार्यों से जीवन में परेशानियाँ आती हैं और व्यक्ति को पछताना पड़ता है।

(ख) “बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय।”

कुंडलिया में जो बातें सैंकड़ों साल पहले कही गई थीं, क्या वे आपके लिए भी उपयोगी हैं? कैसे? उदाहरण देकर समझाइए।

उत्तर: हां, यह बातें आज भी अत्यंत उपयोगी हैं। आजकल की तेज़-तर्रार और भाग-दौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर बिना सोचे-समझे फैसले लेते हैं। यह हमें न केवल मानसिक तनाव में डालता है, बल्कि भविष्य में पछताने का कारण भी बनता है। उदाहरण के लिए, जब कोई व्यक्ति बिना पूरी जानकारी और विचार किए किसी बड़े निवेश या फैसले में कूद जाता है, तो उसे बाद में नुकसान उठाना पड़ता है। यदि पहले से सोच-समझ कर सही जानकारी ली जाए, तो पछतावे से बचा जा सकता है।

(ग) “खान पान सन्मान राग रंग मनहिं न भावै।।”

इस पंक्ति में रेखांकित शब्दों के अर्थ शब्दकोश से देखकर लिखिए। प्रत्येक के लिए एक-एक उदाहरण भी दीजिए।

उत्तर: सन्मान

अर्थ: सम्मान, आदर, या प्रतिष्ठा।

उदाहरण:

(i) उसने हमेशा अपने वरिष्ठों का सन्मान किया।

(ii) हमें दूसरों के विचारों का सन्मान करना चाहिए।

मनहिं

अर्थ: मन में, मानसिक रूप से।

उदाहरण:

(i) वह हमेशा अपने मनहिं सच का पालन करता है।

(ii) मनहिं शांति के लिए ध्यान करना आवश्यक है।

भावै

अर्थ: पसंद करना, आकर्षित होना।

उदाहरण:

(i) उसे यह गाना बहुत भावा।

(ii) मुझे उन लोगों का स्वभाव बहुत भावता है जो ईमानदार होते हैं।

अनुमान और कल्पना से

अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-

(क) आपने पढ़ा है कि “बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय…।” कल्पना कीजिए कि आपके एक मित्र ने बिना सोचे-समझे एक बड़ा निर्णय लिया है। वह निर्णय क्या था और उसका क्या प्रभाव पड़ा? इसके बारे में एक रोचक कहानी अपने साथियों के साथ मिलकर बनाइए और कक्षा में प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर: कहानी – “राज की जल्दबाज़ी”

राज हमारी कक्षा का होशियार छात्र है, लेकिन वह कभी-कभी बिना सोचे-समझे फैसले कर लेता है। एक दिन उसे सोशल मीडिया पर एक ऑनलाइन प्रतियोगिता के बारे में पता चला जिसमें बड़ी राशि जीतने का दावा किया गया था। बिना किसी से पूछे या जानकारी लिए उसने उस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए अपने पिताजी का क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल कर लिया।

कुछ दिनों बाद पता चला कि वह प्रतियोगिता एक धोखा थी, और पैसे कट गए थे। घर में तनाव का माहौल बन गया, राज को डाँट पड़ी और उसे बहुत पछतावा हुआ। अब वह हमेशा कोई भी कदम सोच-समझकर उठाता है।

सीख:

“बिना बिचारे जो करै, सो पाछे पछिताय”—इस कहावत का पूरा अर्थ राज की कहानी से जुड़ गया।

(ख) कल्पना कीजिए कि “बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ…।” कविता निम्नलिखित के लिए लिखी गई है-

इनकी कौन-कौन सी समस्याएँ होंगी? यह कविता उन्हें कैसे प्रेरित करेगी?

(i) आप।

उत्तर: समस्या: जीवन में कई बार असफलताएँ और गलतियाँ होती हैं। यदि इन्हें बार-बार याद किया जाए तो मानसिक तनाव उत्पन्न होता है।

प्रेरणा: यह कविता सिखाती है कि अतीत की असफलताओं से निकलकर भविष्य की ओर देखना चाहिए। सकारात्मक सोच अपनाकर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।

(ii) आपका कोई सहपाठी।

उत्तर: समस्या: परीक्षा में कम अंक आने या किसी प्रतियोगिता में हारने पर निराशा होना।

प्रेरणा: यह कविता उसे सिखाएगी कि पिछली असफलता को भूलकर भविष्य में कड़ी मेहनत करें। बीते समय की गलतियों से सीखकर सुधार करने की प्रेरणा मिलेगी।

(iii) आपका कोई परिजन।

उत्तर: समस्या: पारिवारिक विवाद या आर्थिक कठिनाई के कारण मन में निराशा का घर कर जाना।

प्रेरणा: यह कविता प्रेरित करती है कि अतीत को भुलाकर वर्तमान में सुधार और भविष्य की योजना बनाने पर ध्यान केंद्रित करें।

(iv) आपके कोई शिक्षक।

उत्तर: समस्या: छात्रों की असफलता या किसी पाठ योजना के विफल होने पर चिंता।

प्रेरणा: यह कविता उन्हें सिखाएगी कि पिछली योजनाओं की कमियों को पहचानें और नई दृष्टिकोण से आगे की योजना बनाएं।

(v) कोई पक्षी।

उत्तर: समस्या: भोजन या घोंसले की कमी के कारण कठिनाई।

प्रेरणा: यह कविता पक्षी को प्रेरित करती है कि बीते समय के कठिनाइयों को भूलकर नए स्थान की तलाश करें। नए अवसरों पर ध्यान केंद्रित करें।

(vi) कोई पशु।

उत्तर: समस्या: शिकार न मिल पाने या अपने क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा के कारण भूख का संकट।

प्रेरणा: यह कविता सिखाती है कि पुराने असफल प्रयासों को भूलकर नए क्षेत्र में जाकर भोजन की तलाश करें।

निष्कर्ष: यह कविता सभी को प्रेरित करती है कि वे अतीत के अनुभवों से सीखें और नकारात्मक विचारों में न उलझकर सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें। जीवन में निरंतर प्रयास और नई संभावनाओं की खोज ही सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है।

(ग) कल्पना कीजिए कि आप एक ऐसे व्यक्ति से मिले हैं, जो हमेशा बीती बातों में खोया रहता है। आप उसे समझाने के लिए क्या-क्या कहेंगे?

उत्तर: “तुम्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए बीती बातों को छोड़ना होगा। जो हुआ, उसमें कुछ सिखने लायक हो तो सीखो, पर हमेशा वही सोचते रहोगे तो आगे की खुशी और सफलता को खो दोगे। जैसे समय कभी पीछे नहीं लौटता, वैसे ही हम भी केवल पीछे देखकर जी नहीं सकते। चलो, अब हम आने वाले कल के लिए कुछ अच्छा करने की योजना बनाएँ।”

शब्द से जुड़े शब्द

नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में ‘चित्त’ या ‘मन’ से जुड़े शब्द कुंडलियों में से चुनकर लिखिए-

उत्तर: हँसाय, दुख , खटकत, सहज , परतीती, खता।

कविता की रचन
“बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय। काम बिगारे आपनो जग में होत हँसाय।।”
“बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ। जो बनि आवै सहज में ताही में चित देइ।।”

इन पंक्तियों को लय के साथ बोलकर देखिए। इन्हें बोलने में बराबर समय लगा या अलग? आपने ध्यान दिया होगा कि इन पंक्तियों को बोलने में बराबर समय लगता है। इस कारण इन कुंडलियों की सुंदरता बढ़ गई है।

आप ध्यान देंगे तो इन कुंडलियों में आपको ऐसी अनेक विशेषताएँ दिखाई देंगी। जैसे प्रत्येक कुंडलिया का पहला या दूसरा शब्द उसका अंतिम शब्द भी है। दो-दो पंक्तियों में बातें कही गई हैं। कुंडलिया पढ़ते हुए ऐसा लगता है मानो कोई हमसे संवाद या बातचीत कर रहा है आदि। कुछ विशेषताएँ आपको दोनों कुंडलियों में दिखाई देंगी, कुछ विशेषताएँ दोनों में से किसी एक में दिखाई देंगी।

(क) अब आप पाठ में दी गई दोनों कुंडलियों को ध्यान से देखिए और अपने-अपने समूह में मिलकर इनकी विशेषताओं की सूची बनाइए। अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए।

जो विशेषताएँ दोनों कुंडलियों में हैंजो विशेषताएँ किसी एक कुंडलिया में हैं

उत्तर: 

जो विशेषताएँ दोनों कुंडलियों में हैंजो विशेषताएँ किसी एक कुंडलिया में हैं
दो पंक्तियों में बात कही गई है।पहली कुंडलिया में:
कार्य करने से पहले सोचने की आवश्यकता पर बल।
हर अंत में “कह गिरिधर कविराय” पंक्ति आती है।दूसरी कुंडलिया में:
बीती बातों को छोड़कर वर्तमान पर ध्यान देने की सलाह।

(ख) नीचे एक स्तंभ में कविता की पंक्तियों की कुछ विशेषताएँ दी गई हैं और उनसे संबंधित पंक्तियाँ दूसरे स्तंभ में दी गई हैं। कविता की विशेषताओं का सही पंक्तियों से मिलान कीजिए-

कविता की विशेषताएँकविता की पंक्तियाँ
1. पंक्ति के अंतिम शब्द की ध्वनि आपस में मिलती-जुलती है।1. कह गिरिधर कविराय यहै करु मन परतीती ।।
2. कवि के नाम का उल्लेख किया गया है।2. ताही में चित देइ बात जोई बनि आवै। दुर्जन हँसै न कोइ चित्त में खता न पावै।।
3. एक-दूसरे के विपरीत विचार एक साथ आए हैं।3. बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय।
4. एक ही वर्ण से शुरू होने वाले एक से अधिक शब्द एक ही पंक्ति में आए हैं।4. बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ।

(संकेत – आप कविता की पंक्तियों में कुछ और विशेषताएँ भी खोज सकते हैं।)

उत्तर: 

कविता की विशेषताएँकविता की पंक्तियाँ
1. पंक्ति के अंतिम शब्द की ध्वनि आपस में मिलती-जुलती है।3. बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय।
2. कवि के नाम का उल्लेख किया गया है।1. कह गिरिधर कविराय यहै करु मन परतीती ।।
3. एक-दूसरे के विपरीत विचार एक साथ आए हैं।4. बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ।
4. एक ही वर्ण से शुरू होने वाले एक से अधिक शब्द एक ही पंक्ति में आए हैं।2. ताही में चित देइ बात जोई बनि आवै। दुर्जन हँसै न कोइ चित्त में खता न पावै।।
काल से जुड़े शब्द

“बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ।”

इस वाक्य में ‘बीती’ शब्द अतीत यानी ‘भूतकाल’ के कार्यों को व्यक्त कर रहा है और ‘आगे’ शब्द ‘भविष्य’ के कार्यों को व्यक्त कर रहा है। इसी प्रकार ‘वर्तमान’ समय में होने वाले कार्यों को ‘आज’ जैसे शब्दों से व्यक्त किया जा सकता है। रोचक बात यह है कि अनेक शब्दों का प्रयोग बीते हुए समय, आने वाले समय और वर्तमान समय को बताने वाले, तीनों प्रकार के वाक्यों में किया जा सकता है।

(क) नीचे कुछ शब्द दिए गए हैं। इनका प्रयोग करते हुए तीनों प्रकार के ‘काल’ व्यक्त करने वाले तीन-तीन वाक्य बनाइए-

भूतकाल वर्तमान काल भविष्य काल 
कल आज कल 
परसों अभी – अभी परसों 
पहले अब अगले दिन/साल/महीने
पिछला हमेशा आगामी (आने वाले समय में)
बीते हुए आजकल जल्दी ही

उत्तर: नीचे दिए गए शब्दों का प्रयोग करते हुए भूतकाल, वर्तमान काल और भविष्य काल के तीन-तीन वाक्य बनाए गए हैं:

1. भूतकाल (अतीत काल)

कल मैंने अपनी किताब ख़त्म की।

परसों हम गाँव से लौटे थे।

पिछला हफ्ता बहुत व्यस्त रहा।

2. वर्तमान काल

आज मैं स्कूल समय पर पहुँचा।

अभी-अभी बारिश शुरू हुई है।

अब हम सब खेल रहे हैं।

3. भविष्य काल

कल हम पिकनिक पर जाएँगे।

अगले महीने मेरी परीक्षा है।

जल्दी ही गर्मी की छुट्टियाँ शुरू होंगी।

(ख) आपने जो वाक्य बनाए हैं, उन्हें ध्यान से देखिए। पहचानिए कि इन वाक्यों में किन शब्दों से पता चल रहा है कि वाक्य में कार्य भूतकाल में हुआ, वर्तमान काल में हुआ है या भविष्य काल में होगा? वाक्यों में उन शब्दों को रेखांकित कीजिए।

उत्तर: (i) भूतकाल (अतीत काल)

कल मैंने अपनी किताब ख़त्म की।

परसों हम गाँव से लौटे थे।

पिछला हफ्ता बहुत व्यस्त रहा।

(ii) वर्तमान काल

आज मैं स्कूल समय पर पहुँचा।

अभी-अभी बारिश शुरू हुई है।

अब हम सब खेल रहे हैं।

(iii) भविष्य काल

कल हम पिकनिक पर जाएँगे।

अगले महीने मेरी परीक्षा है।

जल्दी ही गर्मी की छुट्टियाँ शुरू होंगी।

पाठ से आगे

आपकी बात

(क) “खटकत है जिय माहिं कियो जो बिना बिचारे।।” का अर्थ है ‘बिना सोचे किए गए कार्य मन में न में चुभते रहते हैं।’ क्या आपने कभी ऐसा अनुभव किया है? उस घटना को साझा कीजिए।

उत्तर: हाँ, यह पंक्ति बहुत गहरी बात कहती है “बिना सोचे किए गए कार्य मन को लंबे समय तक खटकते रहते हैं।” ऐसा अनुभव हममें से अधिकतर लोगों ने किया होता है।

उदाहरण के लिए:

एक बार परीक्षा से एक दिन पहले मैंने सोचा कि थोड़ा आराम कर लेता हूँ, पढ़ तो लिया ही है। बिना अच्छे से सोचे-समझे मैं दोस्तों के साथ खेलने चला गया। अगले दिन जब परीक्षा में कुछ सवाल ठीक से नहीं आए, तो बहुत पछतावा हुआ। मन बार-बार यही सोचता रहा कि काश उस समय थोड़ा और पढ़ लिया होता। यह बात कई दिन तक मन को खटकती रही।

ऐसी घटनाएँ हमें सिखाती हैं कि कोई भी काम करने से पहले सोचना कितना ज़रूरी है।

(ख) “बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ।” का अर्थ है ‘अतीत को भूलना और भविष्य पर ध्यान देना चाहिए।’ क्या आप इस बात से सहमत हैं? क्यों? उदाहरण देकर समझाइए।

उत्तर: हाँ, मैं इस बात से सहमत हूँ कि “बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ।” यानी अतीत को भूलकर भविष्य पर ध्यान देना चाहिए। इसका मतलब यह नहीं कि अतीत से कुछ न सीखें, बल्कि यह कि हम अतीत की गलतियों में उलझे न रहें और आगे बढ़ें।

उदाहरण:

मान लीजिए कि किसी परीक्षा में आपने कम अंक प्राप्त किए और आप बहुत दुखी हो गए।

अगर आप लगातार उसी बात को सोचते रहेंगे—“मैं फेल क्यों हुआ?”, “लोग क्या कहेंगे?”—तो आप 

अगली परीक्षा की तैयारी ही नहीं कर पाएँगे। लेकिन अगर आप अतीत को भूलकर सोचें कि “अब मुझे मेहनत करनी है”, तो भविष्य में आप बेहतर परिणाम पा सकते हैं।

सीख:

गलतियाँ हर कोई करता है, पर उनसे सीख लेकर आगे बढ़ना ही समझदारी है।

(ग) पाठ में दी गई दोनों कुंडलियों के आधार पर आप अपने जीवन में कौन-कौन से बदलाव लाना चाहेंगे?

उत्तर: गिरिधर कविराय की इन कुंडलियों से यह शिक्षा मिलती है कि कोई भी कार्य करने से पहले अच्छे से विचार करना चाहिए, क्योंकि बिना सोचे-समझे किया गया कार्य बाद में पछतावे का कारण बनता है और जीवन में दुःख और हँसी का पात्र बना देता है। इस सीख के आधार पर मैं अपने जीवन में यह बदलाव लाना चाहूँगा कि अब मैं कोई भी निर्णय या कार्य जल्दबाजी में नहीं करूँगा, बल्कि सोच-समझकर ही कदम उठाऊँगा। दूसरी कुंडली हमें यह सिखाती है कि जो बीत गया, उसे भूलकर आगे की सोचनी चाहिए और वर्तमान को सकारात्मक रूप से अपनाना चाहिए। इसलिए मैं यह भी कोशिश करूँगा कि अपने पुराने दुःखों और गलतियों को भुलाकर वर्तमान में जीऊँ और भविष्य की ओर आशा से देखूँ। इन कुंडलियों से मिली सीख मेरे जीवन को अधिक संतुलित, शांतिपूर्ण और सुखद बनाने में मदद करेगी।

(घ) “खान पान सन्मान राग रंग मनहिं न भावै।।”

इस पंक्ति में खान-पान, सम्मान और राग-रंग अच्छा न लगने की बात की गई है। आप इसमें से किसे सबसे आवश्यक मानते हैं? अपने उत्तर के कारण भी बताइए।

उत्तर: इस पंक्ति में खान-पान, सम्मान और राग-रंग तीनों की बात की गई है, लेकिन मैं सम्मान को सबसे अधिक आवश्यक मानता हूँ। कारण यह है कि खान-पान और राग-रंग जीवन को सुखद बना सकते हैं, परंतु यदि किसी व्यक्ति को समाज या परिवार में सम्मान नहीं मिलता, तो उसका आत्मविश्वास टूट जाता है और जीवन में उसे कोई भी चीज़ सच्चा सुख नहीं दे सकती। सम्मान व्यक्ति के आत्मसम्मान से जुड़ा होता है, और जब मन में आत्म-सम्मान होता है, तभी वह दूसरों का भी आदर कर सकता है और जीवन में आगे बढ़ सकता है। इसलिए सम्मान को सबसे ज़रूरी मानना उचित है।

हँसी

“जग में होत हँसाय”

(क) कभी-कभी लोग दूसरों की गलतियों पर ही नहीं, उनके किसी भी कार्य पर हँस देते हैं। अपने समूह के साथ मिलकर ऐसी कुछ स्थितियों की सूची बनाइए, जब किसी को आप पर या आपको किसी पर हँसी आई हो।

उत्तर: ऐसी स्थितियाँ जब लोग हँसते हैं:

(i) कोई मंच पर जाते समय लड़खड़ा जाए।

(ii) क्लास में कोई बच्चा गलती से अजीब उत्तर दे दे।

(iii) कोई दोस्त नए हेयरकट में थोड़ा अजीब लगे।

(iv) किसी की हिंदी/अंग्रेज़ी में मज़ेदार गलती हो जाए।

(v) कोई अचानक छींकते-छींकते अजीब आवाज़ निकाल दे।

(vi) कोई बिना वजह ज़ोर से बोल दे और फिर चुप हो जाए।

(vii) जब कोई डर कर चिल्ला दे और फिर पता चले कुछ था ही नहीं।

(viii) किसी की शर्ट उलटी पहन ली गई हो और उसे पता ही न हो।

(ix) कोई मज़ेदार अभिनय करे या जानबूझकर मिमिक्री करे।

(x) कोई गेम खेलते हुए अजीब तरीके से गिर जाए।

नोट: हँसी ज़रूरी है, लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि हमारी हँसी से किसी को बुरा न लगे या उसका अपमान न हो।

(ख) ऐसी दोनों स्थितियों में आपको कैसा लगता है और दूसरों को कैसा लगता होगा?

उत्तर: “जग में होत हँसाय” का अर्थ है कि बिना सोचे-समझे किया गया काम दूसरों के सामने हँसी का कारण बन जाता है।

अब हम दोनों स्थितियों पर विचार करते हैं—जब मैं किसी पर हँसती हूँ और जब कोई मुझ पर हँसता है।

जब मैं किसी पर हँसती हूँ: मुझे कैसा लगता है अगर स्थिति मज़ेदार हो और मज़ाक से भरी हो, तो मुझे हँसकर अच्छा लगता है। लेकिन बाद में अगर यह एहसास हो कि मेरी हँसी से सामने वाले को बुरा लगा, तो मन में पछतावा भी होता है।

दूसरे को कैसा लगता होगा: अगर वह भी उस मज़ाक का हिस्सा बनकर हँसे, तो उसे भी अच्छा लगता होगा। लेकिन अगर वह अकेला पड़ गया या उसे शर्मिंदगी हुई, तो उसे दुख और अपमान भी महसूस हो सकता है।

जब कोई मुझ पर हँसता है: अगर वह हँसी मज़ाक में हो और सभी मिलकर हँसें, तो मुझे भी हँसी आती है। लेकिन अगर लोग बार-बार हँसें और मैं खुद को मज़ाक का पात्र समझूँ, तो बहुत बुरा लगता है और आत्मविश्वास भी कम हो जाता है।

दूसरे को कैसा लगता होगा: शायद उन्हें हँसी आ रही हो, लेकिन उन्हें यह भी सोचना चाहिए कि उनकी हँसी से मैं कैसा महसूस कर रही हूँ।

(ग) सोचिए कि कोई व्यक्ति आपकी किसी भूल पर हँस रहा है। ऐसे में आप क्या कहेंगे या क्या करेंगे ताकि उसे एहसास हो जाए कि इस बात पर हँसना ठीक नहीं है?

उत्तर: अगर कोई व्यक्ति मेरी भूल पर हँस रहा हो, तो मैं शांत रहकर इस तरह प्रतिक्रिया दूँगी ताकि उसे समझ आए कि उसकी हँसी ठीक नहीं है, और मेरा आत्मसम्मान भी बना रहे:

मैं क्या कहूँगी/कहूँगा:

“गलती तो मुझसे हुई है, पर उस पर हँसना अच्छा नहीं लगता।”

“अगर आप मेरी जगह होते, तो आपको भी ऐसा ही लगता।”

“हम सबसे गलती होती है, लेकिन मज़ाक उड़ाना ठीक नहीं।”

मैं क्या करूँगी/करूँगा:

पहले खुद को शांत रखूँगी।

उस व्यक्ति से अकेले में विनम्रता से बात करूँगी।

अगर बार-बार ऐसा हो, तो शिक्षक या किसी विश्वसनीय व्यक्ति से बात करूँगी।

कोशिश करूँगी कि अगली बार वैसी गलती न दोहराऊँ, ताकि मेरा आत्मविश्वास बना रहे।

इसका उद्देश्य होता है कि सामने वाला अपनी बात पर सोच सके, बिना झगड़े के।

सोच-समझकर

“बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय।”

(क) आज के समय में कछ लोग जल्दी में कार्य कर देते हैं या जल्दी में निर्णय ले लेते हैं। कुछ ऐसी स्थितियाँ बताइए जहाँ जल्दबाजी में निर्णय लेना या कार्य करना हानिकारक हो सकता है।

उत्तर: “बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय” का अर्थ है कि बिना सोच-विचार के किया गया काम अक्सर पछतावे का कारण बनता है। आज के समय में लोग जल्दी में निर्णय लेते हैं और बाद में नुकसान उठाते हैं। नीचे कुछ ऐसी स्थितियाँ दी गई हैं जहाँ जल्दबाज़ी में किया गया निर्णय हानिकारक हो सकता है:

जल्दबाज़ी में निर्णय लेने की हानिकारक स्थितियाँ:

(i) परीक्षा में बिना सवाल पढ़े उत्तर लिख देना – गलत उत्तर लिखा जा सकता है।

(ii) बिना सोचे नौकरी छोड़ देना – नई नौकरी न मिलने पर मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

(iii) जल्दी में सड़क पार करना – दुर्घटना का खतरा हो सकता है।

(iv) बिना पूरी जानकारी के दवा ले लेना – स्वास्थ्य को नुकसान पहुँच सकता है।

(v) दोस्तों की बातों में आकर किसी से झगड़ा कर लेना – रिश्ते बिगड़ सकते हैं।

(vi) बिना पूरी तरह समझे कोई फॉर्म भर देना – भविष्य में बड़ी परेशानी हो सकती है।

(vii) जल्दबाज़ी में खाना खाना – पाचन संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।

(viii) सोशल मीडिया पर ग़ुस्से में कुछ पोस्ट कर देना – छवि खराब हो सकती है।

सीख:

हर काम सोच-समझकर करने से हम गलतियों से बच सकते हैं और जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।

(ख) मान लीजिए कि आपको या आपके किसी परिजन को नीचे दिए गए संदेश मिलते हैं। ऐसे में आप क्या करेंगे?

संदेश आप करें 
1. आपका बैंक खाता बंद होने वाला है।ओ.टी.पी. किसी को न दें। तुरंत कॉल काट दें। अपने बैंक से संपर्क करें।
2. बधाई हो! आपने 10 लाख रुपये की लॉटरी जीती है। सत्यापन के लिए ₹5000 इस नंबर पर अभी भेज दें।संदिग्ध वेबसाइट पर कोई भुगतान (पेमेंट) न करें। ऐसी वेबसाइट को साइबर क्राइम सेल में रिपोर्ट करें।
3. गलती से आपके नंबर पर ₹1000 का रिफंड भेजा है। कृपया रिफंड वापस भेज दें।किसी अनजान को पैसा न भेजें। अपने बैंक ऐप में सभी लेन-देन की जाँच करें। यदि पैसा कट गया है तो तुरंत बैंक को सूचित करें।
4. आपका सिम कार्ड बंद होने वाला है। के. वाई.सी. अपडेट करने के लिए हमें आधार और पैन की फोटो भेजें।इस प्रकार के कॉल को तुरंत काट दें। बैंक से सीधे संपर्क करें। फोन पर आधार या पैन या कोई व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
5. आपके मनपसंद मोबाइल पर 70 प्रतिशत तक की छूट, ऑफर खत्म होने से पहले यहाँ पेमेंट करें।संदिग्ध छूट वाले या मुफ्त वाले झाँसे में न फँसे। लिंक पर क्लिक न करें।
6. मैं तुम्हारा चाचा बोल रहा हूँ। ट्रेन में फँसा हूँ। तुरंत ₹5000 इस नंबर पर भेज दो।व्यक्ति की पहचान की पुष्टि करें, तुरंत पैसे ट्रांसफर न करें। परिवार के अन्य सदस्यों से बात करें।
7. इस ऐप को डाउनलोड करें और ₹1000 का कैशबैक पाएँ।किसी अनजानी वेबसाइट से कोई ऐप डाउनलोड न करें। ऐप की समीक्षा और रेटिंग की जाँच करें। संदिग्ध ऐप को फोन आदि से हटा दें।
8. यहाँ मुफ्त गिफ्ट पाने का मौका है। इस लिंक पर क्लिक करें और जानकारी दर्ज करें।किसी संदिग्ध ऐड (विज्ञापन) पर क्लिक न करें। अपने ब्राउजर में पॉप-अप ब्लॉकर चालू करें।
9. आपको बिना गारंटी के तुरंत ₹50,000 का ऋण मिल सकता है। अभी प्रोसेसिंग फीस भरें।केवल अधिकृत बैंकों से संपर्क करें। ऋण मंजूरी फीस के नाम पर किसी को पैसा न भेजें। साइबर क्राइम सेल में 1930 नंबर पर सूचित करें।
10. इस लिंक पर क्लिक करें और ₹100 का फ्री मोबाइल रिचार्ज पाएँ।ऐसी किसी भी लॉटरी पर भरोसा न करें। इसके विषय में साइबर सेल को सूचित करें।
11. आपके ए.टी.एम. कार्ड की वैधता समाप्त हो रही है। इसे तुरंत अपडेट करने के लिए पिन बताएँ।ए.टी.एम. कार्ड की जानकारी किसी के साथ साझा न करें। बैंक के असली उपभोक्ता सहायता फोन नंबर पर संपर्क करें। ए.टी.एम. पिन तुरंत बदलें।
12.आपका पेमेंट फैसा हुआ है। इसे रिफंड करने के लिए ये क्यू आर कोड स्कैन करें।किसी अज्ञात व्यक्ति के भेजे क्यू.आर. कोड को स्कैन न करें। किसी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत बैंक और पुलिस को रिपोर्ट करें।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

(ग) नीचे कुछ स्थितियाँ दी गई हैं। इन स्थितियों में बिना सोचे-समझे कार्य करने या निर्णय लेने के क्या परिणाम हो सकते हैं-

(i) सोशल मीडिया पर झूठा संदेश या असत्य समाचार पर भरोसा करके उसे सबको भेज दिया।

उत्तर: यदि सोशल मीडिया पर किसी झूठे या असत्य समाचार पर भरोसा करके उसे आगे भेज दिया जाए, तो इससे अफवाह फैल सकती है और समाज में भ्रम, डर या तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। कई बार यह दूसरों की प्रतिष्ठा को नुकसान भी पहुँचा सकता है और खुद हमें भी कानूनी मुसीबत में डाल सकता है।

(ii) जल्दबाजी में बिना हेलमेट के बाइक चलाने पर पुलिस ने चालान काट दिया।

उत्तर: जल्दबाजी में बिना हेलमेट के बाइक चलाने पर न केवल हमारी जान को खतरा होता है, बल्कि पुलिस द्वारा चालान काटने पर आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ता है। यह लापरवाही भविष्य में गंभीर दुर्घटना का कारण बन सकती है, जिससे हमें या हमारे परिवार को बहुत दुःख हो सकता है।

(iii) बिना माता-पिता से पूछे ऑनलाइन गेम पर पैसे खर्च कर दिए।

उत्तर: बिना माता-पिता से पूछे ऑनलाइन गेम पर पैसे खर्च कर देना एक गलत निर्णय है। इससे घर में विश्वास की कमी हो सकती है और माता-पिता को आर्थिक चिंता भी हो सकती है। इस तरह के कार्यों से हमें डाँट पड़ सकती है और हमारी ज़िम्मेदारी पर सवाल उठ सकते हैं।

आज की पहेली

“खान पान सन्मान”

इस पंक्ति के तीनों शब्दों में केवल एक मात्रा का बार-बार उपयोग किया गया है। (आ की मात्रा) ऐसे ही दो वाक्य नीचे दिए गए हैं जिसमें केवल एक मात्रा का उपयोग किया गया है-

नीली नदी धीमी थी।

चींटी चीनी जीम गई।

अब आप इसी प्रकार के वाक्य अलग-अलग मात्राओं के लिए बनाइए। ध्यान रहे, आपके वाक्यों का कोई न कोई अर्थ होना चाहिए। आप एक वाक्य में केवल एक मात्रा को बार-बार या बिना मात्रा वाले शब्दों का ही उपयोग कर सकते हैं।

मात्रा वाक्य 
आ 
इ 
ई 
ऊ 

उत्तर: 

मात्रा वाक्य 
आ राम चार साल बाद आया।
इ मिट्टी गिरी, बिल्ली डरी।
ई चींटी पीली जीभ ली।
बुलबुल घुस पुल पर गुनगुनाई।
ऊ भूत झूम कर खूब घूमे।
ऋषि कृपा से ऋतु सृजन हो।
सेवक पहले टेले खेले।
बैल बैठे टैरे नैहर गै।
मोर सोधा गोरो टोपी ओढ़ो।
गौऔ दौड़ कर लौटी चौखट पर।

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