NCERT Class 7 Hindi Chapter 7 वर्षा-बहार

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NCERT Class 7 Hindi Chapter 7 वर्षा-बहार

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Chapter: 7

मल्हार

पाठ से

मेरी समझ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (☆) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।

1. इस कविता में वर्षा ऋतु का कौन-सा भाव मुख्य रूप से उभर कर आता है?

(i) दुख और निराशा।

(ii) आनंद और प्रसन्नता।

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(iii) भय और चिंता।

(iv) क्रोध और विरोध।

उत्तर: (ii) आनंद और प्रसन्नता।

2. “नभ में छटा अनूठी” और “घनघोर छा रही है” पंक्तियों का उपयोग वर्षा ऋतु के किस दृश्य को व्यक्त करने के लिए किया गया है?

(i) बादलों के घिरने का दृश्य।

(ii) बिजली के गिरने का दृश्य।

(iii) ठंडी हवा के बहने का दृश्य।

(iv) आमोद छा जाने का दृश्य।

उत्तर: (i) बादलों के घिरने का दृश्य।

3. कविता में वर्षा को ‘अनोखी बहार’ कहा गया है क्योंकि–

(i) कवि वर्षा को विशेष ऋतु मानता है।

(ii) वर्षा में सभी जीव-जंतु सक्रिय हो जाते हैं।

(iii) वर्षा सबके लिए सुख और संतोष लाती है।

(iv) वर्षा एक अद्भुत अनोखी प्राकृतिक घटना है।

उत्तर: (iii) वर्षा सबके लिए सुख और संतोष लाती है।

4. “सारे जगत की शोभा, निर्भर है इसके ऊपर” इस पंक्ति का क्या अर्थ है?

(i) प्रकृति में सभी जीव-जंतु एक-दूसरे पर निर्भर हैं।

(ii) वर्षा पृथ्वी पर हरियाली और जीवन का मुख्य स्रोत है।

(iii) बादलों की सुंदरता से ही पृथ्वी की शोभा बढ़ती है।

(iv) हमें वर्षा ऋतु से जगत की भलाई की प्रेरणा लेनी चाहिए।

उत्तर: (ii) वर्षा पृथ्वी पर हरियाली और जीवन का मुख्य स्रोत है।

(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग-अलग उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुनें?

उत्तर: मित्रों के साथ चर्चा और उत्तर के कारण:

1. पहले प्रश्न में (ii) उत्तर क्यों चुना?

वर्षा ऋतु को मुख्य रूप से आनंद और प्रसन्नता से जोड़ा गया है, क्योंकि यह ऋतु जीवन को ताजगी और ऊर्जा देती है। जब वर्षा होती है, तो वातावरण में ठंडक और हरियाली का रूप बदलता है, जिससे हर कोई खुश हो जाता है। बारिश की बूँदें पृथ्वी को जीवन देती हैं और मनुष्य को एक नई ऊर्जा का अहसास कराती हैं।

2. दूसरे प्रश्न में (i) उत्तर क्यों चुना?

“नभ में छटा अनूठी” और “घनघोर छा रही है” पंक्तियाँ आकाश में घने बादलों के घिरने का चित्रण करती हैं। यह वर्षा के आगमन का संकेत देती हैं, जब बादल एकत्रित होते हैं और आकाश में एक अनूठा दृश्य प्रस्तुत करते हैं।

3. तीसरे प्रश्न में (iii) उत्तर क्यों चुना?

वर्षा को ‘अनोखी बहार’ कहा गया है क्योंकि यह जीवन में ताजगी और आनंद लाती है। वर्षा के द्वारा सभी जीवों में एक नई उमंग और संतोष का अहसास होता है, जिससे हर जीव और प्रकृति में नयापन आता है। यह ऋतु सभी के लिए खुशियाँ और संतोष लाती है, इसलिए इसे ‘अनोखी बहार’ कहा गया है।

4. चौथे प्रश्न में (ii) उत्तर क्यों चुना?

“सारे जगत की शोभा, निर्भर है इसके ऊपर” पंक्ति का अर्थ यह है कि वर्षा पृथ्वी पर जीवन का आधार है। यह पृथ्वी की हरियाली को बनाए रखती है और जीवन के लिए जल का स्रोत बनती है। बिना वर्षा के पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं होता, इसलिए यह पंक्ति वर्षा को पृथ्वी की शोभा और जीवन का मुख्य स्त्रोत मानती है।

पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए-

(क) “फिरते लखो पपीहे, हैं ग्रीष्म ताप खोते

करते हैं नृत्य वन में, देखो ये मोर सारे।”

उत्तर: इन पंक्तियों में वर्षा ऋतु की ठंडक और ताजगी का सुंदर चित्रण किया गया है। पपीहे (एक प्रकार का पक्षी) गर्मी की तपन से राहत पाकर इधर-उधर उड़ते फिरते हैं, और मोर वर्षा की खुशी में वन में नृत्य कर रहे हैं। यह दृश्य बताता है कि प्रकृति के जीव-जंतु भी वर्षा के आगमन से आनंदित हो उठते हैं और प्रकृति में एक जीवंतता फैल जाती है।

(ख) “चलते हैं हंस कहीं पर, बाँधे कतार सुंदर 

गाते हैं गीत कैसे, लेते किसान मनहर।”

उत्तर: इन पंक्तियों में वर्षा ऋतु में प्राकृतिक सौंदर्य और कृषक जीवन के उल्लास को दर्शाया गया है।

हंस सुंदर पंक्तियों में उड़ते हैं जो कि एक शांति और सौंदर्य का प्रतीक है।वहीं किसान भी मन लगाकर गीत गाते हैं, क्योंकि वर्षा उनके लिए खेती की शुरुआत और आशा का समय होती है। यह दृश्य बताता है कि वर्षा प्रकृति और मानव दोनों के जीवन में खुशी और आशा लेकर आती है।

मिलकर करें मिलान

कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे स्तंभ 1 में दी गई हैं, उनके भावार्थ स्तंभ 2 में दिए गए हैं। स्तंभ 1 की पंक्तियों का स्तंभ 2 की उपयुक्त पंक्तियों से मिलान कीजिए-

स्तंभ 1स्तंभ 2
1. पानी बरस रहा है, झरने भी ये बहे हैं1. वर्षा ऋतु में तालाबों के जीव-जंतु अति प्रसन्न हैं।
2. चलती हवा है ठंडी, हिलती हैं डालियाँ सब2. वर्षा हो रही है और झरने बह रहे हैं।
3. तालों में जीव जलचर, अति हैं प्रसन्न होते3. वर्षा आने पर लाखों पपीहे गर्मी से राहत पाते हैं।
4. फिरते लखो पपीहे, हैं ग्रीष्म ताप खोते4. हंसों की कतारें प्रकृति की सुंदरता और अनुशासन को दर्शाती हैं।
5. खिलता गुलाब कैसा, सौरभ उड़ा रहा है5.वर्षा में खिले हुए फूल जैसे गुलाब प्रकृति में सुगंध और ताजगी फैला रहे हैं।
6. चलते हैं हंस कहीं पर, बाँधे कतार सुंदर6. ठंडी हवाओं के कारण पेड़ों की सभी शाखाएँ हिल रही हैं।

उत्तर:

स्तंभ 1स्तंभ 2
1. पानी बरस रहा है, झरने भी ये बहे हैं2. वर्षा हो रही है और झरने बह रहे हैं।
2. चलती हवा है ठंडी, हिलती हैं डालियाँ सब6. ठंडी हवाओं के कारण पेड़ों की सभी शाखाएँ हिल रही हैं।
3. तालों में जीव जलचर, अति हैं प्रसन्न होते1. वर्षा ऋतु में तालाबों के जीव-जंतु अति प्रसन्न हैं।
4. फिरते लखो पपीहे, हैं ग्रीष्म ताप खोते3. वर्षा आने पर लाखों पपीहे गर्मी से राहत पाते हैं।
5. खिलता गुलाब कैसा, सौरभ उड़ा रहा है5.वर्षा में खिले हुए फूल जैसे गुलाब प्रकृति में सुगंध और ताजगी फैला रहे हैं।
6. चलते हैं हंस कहीं पर, बाँधे कतार सुंदर4. हंसों की कतारें प्रकृति की सुंदरता और अनुशासन को दर्शाती हैं।
सोच-विचार के लिए

कविता को एक बार पुनः ध्यान से पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए-

(क) कविता में कौन-कौन गीत गा रहे हैं और क्यों?

उत्तर: कविता में मालिनें (बाग की देखभाल करने वाली स्त्रियाँ) और किसान गीत गा रहे हैं।

मालिनें वर्षा की ठंडी फिज़ा और सुंदर वातावरण से खुश होकर बागों में गीत गा रही हैं, जबकि किसान वर्षा से प्रसन्न होकर खेतों में मन से गीत गा रहे हैं, क्योंकि वर्षा उनके लिए खेती की आशा और खुशी लेकर आती है।

(ख) “बिजली चमक रही है, बादल गरज रहे हैं” 

“तालों में जीव जलचर, अति हैं प्रसन्न होते”

दी गई दोनों पंक्तियों को ध्यान से पदिए। इनमें वर्षा के दो अलग-अलग दृश्य दर्शाए गए हैं। इन दोनों में क्या कोई अंतर है? क्या कोई संबंध है? अपने विचार लिखिए।

उत्तर: पहली पंक्ति में वर्षा का भीषण, गगनभेदी और तेज प्रभाव दिखाया गया है बिजली और बादलों की गड़गड़ाहट।

दूसरी पंक्ति में वर्षा के शांत और जीवनदायी प्रभाव को दर्शाया गया है तालाबों में जलचर प्राणी आनंदित हैं।

संबंध: दोनों पंक्तियाँ वर्षा ऋतु के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती हैं एक ओर इसका बलशाली रूप, दूसरी ओर इसका पोषक रूप। ये मिलकर वर्षा की पूर्णता को दर्शाते हैं।

(ग) कविता में मुख्य रूप से कौन-सी बात कही गई है? उसे पहचानिए, समझिए और अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर: कविता में वर्षा ऋतु की सुंदरता, ताजगी, और जीवनदायी प्रभाव का चित्रण किया गया है। यह ऋतु सभी जीवों, वनस्पतियों और मानव समाज के लिए सुख, ऊर्जा और उल्लास लेकर आती है। कविता बताती है कि वर्षा केवल एक मौसम नहीं, बल्कि एक उत्सव है, जिसमें संपूर्ण प्रकृति जी उठती है।

(घ) “खिलता गुलाब कैसा, सौरभ उड़ा रहा है” इस पंक्ति को पढ़कर एक खिलते हुए गुलाब का सुंदर चित्र मस्तिष्क में बन जाता है। इस पंक्ति का उद्देश्य केवल गुलाब की सुंदरता को बताना है या इसका कोई अन्य अर्थ भी हो सकता है?

उत्तर: यह पंक्ति गुलाब की सौंदर्य और खुशबू को दर्शाने के साथ-साथ यह भी संकेत देती है कि वर्षा ऋतु में प्रकृति में ताजगी, सुगंध और सजीवता फैल जाती है। इसका उद्देश्य केवल गुलाब की सुंदरता बताना नहीं, बल्कि वर्षा से उपजे जीवन और आनंद को व्यक्त करना भी है।

(ङ) कविता में से उन पंक्तियों को चुनकर लिखिए जिनमें सकारात्मक गतिविधियों का उल्लेख किया गया है, जैसे- ‘गीत गाना’, ‘नृत्य करना’ और ‘सुगंध फैलाना’। इन गतिविधियों के आधार पर बताइए कि इस कविता का शीर्षक ‘वर्षा-बहार’ क्यों रखा गया है?

उत्तर: सकारात्मक गतिविधियाँ दर्शाने वाली पंक्तियाँ:

“बागों में गीत सुंदर, गाती हैं मालिनें अब।”

“करते हैं नृत्य वन में, देखो ये मोर सारे।”

“मेंढक लुभा रहे हैं, गाकर सुगीत प्यारे।”

“खिलता गुलाब कैसा, सौरभ उड़ा रहा है।”

व्याख्या:

इन पंक्तियों में दिखाया गया है कि वर्षा ऋतु में प्रकृति और जीव-जंतु सक्रिय, प्रसन्न और आनंदमय हो जाते हैं। गीत गाना, नृत्य करना और सुगंध फैलाना जैसे क्रियाएँ इस ऋतु को ‘बहार’ यानी आनंद और उल्लास का मौसम बनाते हैं।

अनुमान और कल्पना से

अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-

(क) “सारे जगत की शोभा, निर्भर है इसके ऊपर” कविता में कहा गया संसार की शोभा है कि वर्षा पर सारे निर्भर है। वर्षा के अभाव में मानव जीवन और पशु-पक्षियों पर क्या-क्या प्रभाव पड़ सकता है?

उत्तर: वर्षा जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। वर्षा के अभाव में मानव जीवन, पशु-पक्षी और वनस्पतियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं।

(i) मानव जीवन: जल की कमी से पीने का पानी, खेती, उद्योग और अन्य आवश्यकताओं में समस्या आएगी। खाद्यान्न की कमी और सूखा पड़ने से खाद्य संकट उत्पन्न हो सकता है।

(ii) पशु-पक्षी: पशु-पक्षी पानी की कमी से प्रभावित होंगे, उनके रहने की जगह सूख सकती है, जिससे उनका अस्तित्व खतरे में आ सकता है।

(iii) वनस्पति: वर्षा के बिना पौधों की वृद्धि रुक जाएगी, जिससे हरियाली कम होगी और पर्यावरण असंतुलित हो जाएगा।कुल मिलाकर, वर्षा जीवन के सभी पहलुओं में अत्यंत आवश्यक तत्व है, और इसके बिना सभी जीवों का अस्तित्व संकट में पड़ सकता है।

(ख) “बिजली चमक रही है, बादल गरज रहे हैं”- बिजली चमकना और बादल का गरजना प्राकृतिक घटनाएँ हैं। इन घटनाओं का लोगों के जीवन पर क्या-क्या प्रभाव हो सकता है?

(संकेत – आप सकारात्मक और नकारात्मक यानी अच्छे और बुरे, दोनों प्रकार के प्रभावों के बारे में सोच सकते हैं।)

उत्तर: बिजली चमकना और बादल गरजना प्राकृतिक घटनाएँ हैं जो वर्षा के पूर्व लक्षण होती हैं। इन घटनाओं का जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार के प्रभाव हो सकते हैं:

सकारात्मक प्रभाव:

वर्षा के पूर्व संकेत के रूप में यह प्रकृति में जीवन और ताजगी लाती है।

यह कृषि कार्य के लिए फायदेमंद है, क्योंकि बारिश के पहले ये घटनाएँ मौसम की तैयारी की ओर इशारा करती हैं।

प्रकृति में नए जीवन की शुरुआत होती है, जैसे की बीजों का अंकुरित होना, पौधों का बढ़ना, आदि।

नकारात्मक प्रभाव:

बिजली का चमकना कभी-कभी आकस्मिक घटनाओं का कारण बन सकता है, जैसे कि आग लगना या घरों और विद्युत लाइनों का नुकसान होना।

आंधी-तूफान के कारण किसान और खेतों पर बुरा असर पड़ सकता है, और फसलें नष्ट हो सकती हैं।

कभी-कभी बारिश बहुत तेज़ होने पर बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जो जनजीवन को प्रभावित करती है।

(ग) “करते हैं नृत्य वन में, देखो ये मोर सारे”- इस पंक्ति को ध्यान में रखते हुए वर्षा आने पर पक्षियों और जीवों की खुशी का वर्णन कीजिए। वे अपनी प्रसन्नता कैसे व्यक्त करते होंगे?

उत्तर: वर्षा आने पर पक्षी और जीव अपनी खुशी को विभिन्न तरीकों से व्यक्त करते हैं। जैसे:

(i) मोरों का नृत्य: वर्षा के समय मोर अपनी खुशी और उल्लास को नृत्य द्वारा व्यक्त करते हैं। वे अपनी सुंदर पंखों से नृत्य करते हैं और यह उनके आनन्द का प्रतीक है।

(ii) मेंढक और अन्य जीवों का संगीत: मेंढक अपनी विशिष्ट आवाज़ से सुरीली ध्वनियाँ निकालते हैं, जो वर्षा के आनंद और शांति का प्रतीक मानी जाती है।

(iii) पक्षियों की चहचहाहट: वर्षा के बाद पक्षी अपनी खुशियाँ व्यक्त करते हुए गाते हैं। वे अधिक सक्रिय होते हैं, और उनकी चहचहाहट प्राकृतिक वातावरण में ऊर्जा भर देती है।

(iv) वन्यजीवों का उन्मुक्त दौड़ना: वन में रहने वाले अन्य जीव-जंतु वर्षा के दौरान अपने स्वाभाविक व्यवहार को व्यक्त करते हुए वन में दौड़ते और खेलते हैं।

वर्षा उनके लिए प्राकृतिक उच्छ्वास का अनुभव होती है, और यह खुशी और संतोष का प्रतीक बन जाती है।

आपकी रचनाएँ

(क) कविता में वर्णन है कि मोर नृत्य कर रहे हैं और मेंढक सुगीत गा रहे हैं। इस दृश्य को अपने शब्दों में चित्रित कीजिए।

उत्तर: वर्षा के आगमन के साथ ही प्रकृति में एक नई जीवनधारा का संचार होता है। मोर, जो अपनी सुंदरता और नृत्य के लिए प्रसिद्ध हैं, अब वर्षा के मौसम में अपनी खुशी व्यक्त कर रहे हैं। वे खुले आकाश के नीचे अपनी विशाल और रंग-बिरंगी पंखों से नृत्य करते हैं। उनके पैरों के नीचे की मिट्टी में पानी की हल्की बूँदें गिरती हैं, और हर कदम के साथ उनका उत्साह बढ़ता है। यह नृत्य सिर्फ शारीरिक गतिविधि नहीं है, बल्कि उनका मनमोहक और लुभावना प्रदर्शन है जो पूरे जंगल को जीवित और उल्लासित कर देता है। वहीं मेंढक, जो बारिश के बाद सबसे ज्यादा सक्रिय होते हैं, अपनी आवाज़ से वातावरण को गूंजायमान करते हैं। उनकी धीमी और मधुर आवाज़ सुनाई देती है, जैसे वे बारिश की सराहना कर रहे हों। वे बारिश के पानी में क्रीड़ा करते हुए, सुरीली ध्वनियाँ निकालते हैं जो समग्र वातावरण को एक सुखद अहसास प्रदान करती हैं। इस दृश्य में प्राकृतिक जीवन का समन्वय है, जिसमें मोर का नृत्य और मेंढक का गायन बारिश की खुशियों और ताजगी को व्यक्त करते हैं।

(ख) वर्षा से जुड़ी किसी प्राचीन कथा या लोककथा को इस कविता से जोड़कर एक कहानी तैयार कीजिए।

उत्तर: प्राचीन भारतीय लोककथाओं में एक कथा है “इन्द्रदेव और स्वर्णिम वर्षा”। कथा के अनुसार, प्राचीन काल में जब पृथ्वी पर सूखा पड़ा था और लोग पानी के बिना परेशान थे, तो इन्द्रदेव, जो वर्षा के देवता माने जाते हैं, उन्होंने आकाश से वर्षा करने का वचन लिया। लेकिन एक शर्त थी— इन्द्रदेव ने कहा कि जब तक पृथ्वी पर जीवन के सभी जीवों को समझ में नहीं आएगा कि जीवन के लिए संतुलन और एकता आवश्यक है, तब तक वर्षा नहीं होगी।

इसके बाद, सभी जीवों ने अपनी-अपनी भूमिका निभानी शुरू की। वनस्पतियों ने अपनी जड़ों से पानी संचित करना शुरू किया, पक्षियों ने पानी की बचत के उपायों पर चर्चा की, और मनुष्यों ने जल का सही उपयोग करने की कसम खाई।

यहाँ तक कि जब वर्षा शुरू हुई, तब मोरों ने अपने सुंदर नृत्य से आभार व्यक्त किया और मेंढकों ने अपनी आवाज़ से बारिश का स्वागत किया। इन्द्रदेव ने देखा कि अब पृथ्वी पर सभी जीव संतुलित हो चुके हैं, और इसीलिए उन्होंने पूरी पृथ्वी को स्वर्णिम वर्षा से नहलाया, जो आज भी हर वर्षा ऋतु में कृतज्ञता के रूप में जानी जाती है।

(ग) इस कविता से प्रेरणा लेकर एक चित्र बनाइए। उसमें आपने क्या-क्या बनाया है और क्यों?

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

शब्द से जुड़े शब्द

अपने समूह में चर्चा करके ‘वर्षा’ से जुड़े शब्द नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में लिखिए-

उत्तर: बादल, छाता, पानी, बिजली, इंद्रधनुष, नमी।

कविता की रचना

“वर्षा-बहार सब के, मन को लुभा रही है”

इस पंक्ति में रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए। ‘वर्षा’ एक ऋतु का नाम है। ‘बहार’ ‘वसंत’ का दूसरा नाम है। यहाँ ‘वर्षा’ और ‘बहार’ को एक साथ दिया गया है जिससे वर्षा ऋतु की सुंदरता को स्पष्ट किया जा सके।

इस कविता में ऐसी ही अन्य विशेषताएँ छिपी हैं, जैसे- कविता की कुछ पंक्तियाँ सरल वाक्य के रूप में ही हैं तो कुछ में वाक्य संरचना सरल नहीं है।

अपने समूह के साथ मिलकर इस कविता की अन्य विशेषताओं की सूची बनाइए। अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए। 

उत्तर: कविता “वर्षा-बहार” की विशेषताएँ:

वर्षा और बहार का मिलन: कविता में “वर्षा” और “बहार” दो शब्दों को एक साथ जोड़ा गया है। “वर्षा” का मतलब है बारिश, और “बहार” का मतलब है वसंत या सुंदरता का समय। यह शब्द हमें वर्षा के दौरान प्रकृति की सुंदरता और ताजगी का अहसास कराते हैं।

प्राकृतिक सौंदर्य का चित्रण: कविता में वर्षा से जुड़ी खूबसूरत प्राकृतिक घटनाओं का वर्णन है। जैसे, “बिजली चमक रही है”, “झरने बह रहे हैं”, और “पानी बरस रहा है”। ये पंक्तियाँ हमें वर्षा के समय के दृश्य को महसूस कराती हैं।

जीवों की खुशी: कविता में यह भी दिखाया गया है कि वर्षा के समय जीव-जंतु जैसे मोर, मेंढक, और पपीहे खुशी से नाचते और गाते हैं। ये सभी प्रकृति की खुशी को व्यक्त करते हैं।

सकारात्मकता और ऊर्जा: कविता में कई बार सकारात्मक शब्दों का उपयोग हुआ है, जैसे “सौरभ उड़ा रहा है”, “नृत्य करना”, और “गीत गाना”। यह कविता जीवन में खुशियाँ और ऊर्जा फैलाने का काम करती है।

गहरे अर्थ वाले शब्द: कविता में कुछ शब्द और वाक्य ऐसे हैं जो गहरे अर्थ रखते हैं। जैसे “सारे जगत की शोभा, निर्भर है इसके ऊपर” का मतलब है कि पूरी दुनिया की सुंदरता बारिश पर निर्भर करती है।

सहज और सरल भाषा: कविता की भाषा बहुत सरल है, जैसे “पानी बरस रहा है”। लेकिन कुछ जगहों पर भाषा थोड़ी गहरी और भावनात्मक भी होती है, जैसे “वर्षा एक अद्भुत प्राकृतिक घटना है”।

प्राकृतिक घटनाओं का चित्रण: कविता में वर्षा के दौरान जो भी प्राकृतिक घटनाएँ होती हैं, जैसे बादल गरजना या झरने बहना, उनका सुंदर चित्रण किया गया है।

भावनाएँ और आनंद: कविता सिर्फ दृश्य नहीं दिखाती, बल्कि इसमें खुशी, उल्लास और आनंद जैसी भावनाएँ भी हैं। जैसे मोर का नृत्य और मेंढक का गाना।

रूपक और अलंकार का प्रयोग: कविता में रूपक (जैसे, “वर्षा-बहार”) और अलंकार का इस्तेमाल किया गया है, जिससे कविता और भी सुंदर और आकर्षक बनती है।

सारांश: कविता “वर्षा-बहार” में वर्षा के समय की सुंदरता, जीवों की खुशी, और प्राकृतिक घटनाओं को बहुत सुंदर तरीके से चित्रित किया गया है। यह कविता हमें प्रकृति के करीब ले जाती है और जीवन के सकारात्मक पहलुओं को दर्शाती है।

कविता का सौंदर्य

(क) नीचे कविता की कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। इनमें कुछ शब्द हटा दिए गए हैं और साथ में मिलते-जुलते अर्थ वाले शब्द भी दिए गए हैं। इनमें से प्रत्येक शब्द से वह पंक्ति पूरी करके देखिए। जो शब्द उस पंक्ति में जँच रहे हैं उन पर घेरा बनाइए।

(i) __________ बहार सब के, मन को लुभा रही है (बारिश, बरसात, बरखा, वृष्टि)

उत्तर: बरखा बहार सब के, मन को लुभा रही है।

(ii) __________ में छटा अनूठी, घनघोर छा रही है (आकाश, गगन, अंबर, व्योम)

उत्तर: आकाश में छटा अनूठी, घनघोर छा रही है।

(iii) बिजली चमक रही है, ________ गरज रहे हैं (मेघ, जलधर, घन, जलद)

उत्तर: बिजली चमक रही है, मेघ गरज रहे हैं।

(iv) ________ बरस रहा है, झरने भी ये बहे हैं (जल, नीर, सलिल, तोय)

उत्तर: जल बरस रहा है, झरने भी ये बहे हैं।

(ख) अपने समूह में विमर्श करके पता लगाइए कि कौन-से शब्द रिक्त स्थानों में सबसे अधिक साथियों को जँच रहे हैं और क्यों?

उत्तर: (i) “________ बहार सब के, मन को लुभा रही है (बारिश, बरसात, बरखा, वृष्टि)

यहां, “बरखा” सबसे उपयुक्त शब्द है। इसका कारण यह है कि “बरखा” शब्द वर्षा के मौसम का एक सुंदर प्रतीक है और यह कविता के संदर्भ में सबसे बेहतर फिट बैठता है। “वृष्टि” भी एक वैध विकल्प हो सकता है, लेकिन “बरखा” विशेष रूप से एक काव्यात्मक और रोमांटिक प्रतीक है, जो कविता के मूड को बनाए रखता है।

(ii) “_______ में छटा अनूठी, घनघोर छा रही है (आकाश, गगन, अंबर, व्योम)

यहां “आकाश” या “गगन” सबसे अच्छे विकल्प हो सकते हैं। “आकाश” शब्द बहुत सामान्य और व्यापक होता है, जबकि “गगन” में एक गहरी काव्यात्मकता होती है। “आकाश” अधिक साधारण है और हम इसे आमतौर पर प्रकृति के संदर्भ में सुनते हैं। “गगन” अधिक साहित्यिक और उदात्त अर्थ में प्रयुक्त होता है, जो कविता में गहरी छटा और निखार लाता है।

(iii) “बिजली चमक रही है, _______ गरज रहे हैं (मेघ, जलधर, घन, जलद)

यहां “मेघ” सबसे उपयुक्त शब्द है। “मेघ” का प्रयोग बारिश और बिजली के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ा हुआ है। “जलधर” और “जलद” दोनों ही कुछ हद तक कविता की लय से मेल नहीं खाते, और “मेघ” शब्द का उपयोग वर्षा के मौसम के दौरान बादलों की उपस्थिति और उनकी गरज के संदर्भ में बहुत ही उपयुक्त है।

(iv) “________ बरस रहा है, झरने भी ये बहे हैं (जल, नीर, सलिल, तोय)

यहां “जल” और “सलिल” दो अच्छे विकल्प हो सकते हैं, लेकिन “जल” शब्द बहुत सामान्य और हर किसी को समझ में आने वाला है। “सलिल” शब्द अधिक साहित्यिक और काव्यात्मक रूप से सही हो सकता है, लेकिन सामान्य जीवन में “जल” अधिक प्रयोग में आता है। इसलिए “जल” शब्द को चुना जा सकता है।

समूह विमर्श में चयन के कारण:

बरखा: यह वर्षा ऋतु को सुंदर रूप से प्रस्तुत करता है, और इससे मनुष्य और प्रकृति के आपसी संबंध का चित्रण होता है।

आकाश: यह व्योम और बादलों की छटा को बहुत सुंदर तरीके से प्रस्तुत करता है, जो कविता के मुख्य तत्व हैं।

मेघ: बारिश के बादलों के बारे में कवि का जो भाव है, वह “मेघ” शब्द से बेहतर तरीके से व्यक्त होता है।

जल: यह शब्द सबसे आम और सरल है, जो वर्षा के पानी की प्रकृति को साफ-साफ व्यक्त करता है।

विशेषण

“बागों में गीत सुंदर, गाती हैं मािलनें अब”

इस पंक्ति में ‘सुंदर’ शब्द ‘गीत’ की विशेषता बता रहा है अर्थात यह ‘विशेषण’ है। ‘गीत’ एक संज्ञा शब्द है जिसकी विशेषता बताई जा रही है, अर्थात यह ‘विशेष्य’ शब्द है।

(क) नीचे दी गई पंक्तियों में विशेषण और विशेष्य शब्दों की पहचान करके लिखिए-

पंक्तिविशेषणविशेष्य
1. नभ में छटा अनूठी, घनघोर छा रही हैअनूठीछटा
2. चलते हैं हंस कहीं पर, बाँधे कतार सुंदर
3. मेंढक लुभा रहे हैं, गाकर सुगीत प्यारे
4. चलती हवा है ठंडी, हिलती हैं डालियाँ सब

उत्तर:

पंक्तिविशेषणविशेष्य
1. नभ में छटा अनूठी, घनघोर छा रही हैअनूठीछटा
2. चलते हैं हंस कहीं पर, बाँधे कतार सुंदरसुंदरकतार
3. मेंढक लुभा रहे हैं, गाकर सुगीत प्यारेप्यारेसुगीत
4. चलती हवा है ठंडी, हिलती हैं डालियाँ सबठंडीहवा

(ख) नीचे दिए गए विशेष्यों के लिए अपने मन से विशेषण सोचकर लिखिए-

1. वर्षा
2. पानी
3. बादल
4. डालियाँ
5. गुलाब

उत्तर: 

1. वर्षामधुर वर्षाशीतल वर्षा
2. पानीस्वच्छ पानीठंडा पानी
3. बादलकाले बादलघने बादल
4. डालियाँहरी डालियाँलचकदार डालियाँ
5. गुलाबखुशबूदार गुलाबलाल गुलाब
ऋतु और शब्द

“फिरते लखो पपीहे, हैं ग्रीष्म ताप खोते”

‘ताप’ शब्द ग्रीष्म ऋतु से जुड़ा शब्द है। भारत में मुख्य रूप से छह ऋतुएँ क्रम से आती-जाती हैं। लोग इन ऋतुओं में कुछ विशेष शब्दों का उपयोग करते हैं। नीचे दिए गए शब्दों को पढ़कर कौन-सी ऋतु का स्मरण होता है? इन शब्दों को तालिका में उपयुक्त स्थान पर लिखिए-

धूपलूबयारहिमपातवृष्टिपाला
तापजाड़ाझड़ीठिठुरनधुंधकोहरा
आँधीउमसहरियालीबहारतपनजेठ
सावनरिमझिमशीतलताओसठंडकबादल फटना
कड़ाके की ठंड
वसंत ऋतु
(सामान्यतः मार्च-अप्रैल)
ग्रीष्म ऋतु
(सामान्यतः मई-जून)
वर्षा ऋतु
(सामान्यतः जुलाई-अगस्त)
शरद ऋतु 
(सामान्यतः सितंबर-अक्तूबर)
हेमंत ऋतु 
(सामान्यतः नवंबर-दिसंबर)
शिशिर ऋतु 
(सामान्यतः जनवरी-फरवरी)
वसंत ऋतु
(सामान्यतः मार्च-अप्रैल)

उत्तर: बहार, हरियाली, शीतलता, बयार।

ग्रीष्म ऋतु
(सामान्यतः मई-जून)

उत्तर: ताप, तपन, धूप, लू, उमस, जेठ, आँधी।

वर्षा ऋतु
(सामान्यतः जुलाई-अगस्त)

उत्तर: वृष्टि, झड़ी, रिमझिम, सावन, बादल फटना।

शरद ऋतु 
(सामान्यतः सितंबर-अक्तूबर)

उत्तर: ठंडक, ओस, शीतलता।

हेमंत ऋतु 
(सामान्यतः नवंबर-दिसंबर)

उत्तर: पाला, कोहरा, धुंध।

शिशिर ऋतु 
(सामान्यतः जनवरी-फरवरी)

उत्तर: जाड़ा, ठिठुरन, कड़ाके की ठंड, हिमपात।

पाठ से आगे

आपकी बात

(क) वर्षा के समय आपके क्षेत्र में क्या-क्या परिवर्तन आते हैं?

उत्तर: वर्षा के समय हमारे क्षेत्र में बहुत से परिवर्तन आते हैं। सबसे पहले, मौसम ठंडा और शीतल हो जाता है, और पूरे वातावरण में नमी फैल जाती है। खेतों में हरियाली छा जाती है, और जल स्रोत जैसे तालाब और नदियाँ भरने लगती हैं। बारिश के कारण धूल मिट्टी कम हो जाती है, और हरियाली का दृश्य बहुत सुंदर होता है। साथ ही, किसानों के लिए यह एक खुशियाँ लेकर आती है क्योंकि उनके फसलें अब ठीक से उगने लगती हैं। वहीं, कुछ रास्तों पर कीचड़ और पानी जमा हो जाता है, जो आवागमन को मुश्किल बना देता है।

(ख) बारिश के चलते स्कूल आने-जाने के समय के अनुभव बताइए। किसी रोचक घटना को भी साझा कीजिए।

उत्तर: बारिश के मौसम में स्कूल आने-जाने का समय हमेशा एक चुनौतीपूर्ण और रोमांचक अनुभव होता है। रास्ते में कीचड़ और गड्ढों से बचने के लिए कभी-कभी लुड़कते हुए और कभी-कभी दौड़ते हुए पहुंचते हैं। एक बार, बारिश बहुत तेज हो रही थी, और मैं रास्ते में ही फिसल कर गिर गया। लेकिन मैंने उसे हंसी में लिया और फिर से उठकर स्कूल पहुंचा। सबसे मजेदार बात यह थी कि उस दिन सभी दोस्तों ने बारिश में भीगने और कीचड़ में खेलने की बातें की, और दिन का सबसे मजेदार अनुभव बन गया।

(ग) वर्षा ऋतु में आपको क्या-क्या करना अच्छा लगता है और क्या-क्या नहीं कर पाते हैं?

उत्तर: वर्षा ऋतु में मुझे सबसे ज्यादा बारिश में भीगने का और गर्म चाय के साथ कुछ स्नैक्स खाने का अच्छा लगता है। बारिश के समय खुले में बैठकर प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेना भी बहुत अच्छा लगता है। लेकिन कुछ चीजें मैं नहीं कर पाता, जैसे कि बारिश के कारण बाहर खेलने नहीं जा सकता, क्योंकि रास्ते कीचड़ से भरे होते हैं। साथ ही, कभी-कभी बारिश के कारण स्कूल जाने में भी परेशानी होती है।

(घ) बारिश के मौसम में आपके आस-पड़ोस के पशु-पक्षी अपनी सुरक्षा कैसे करते हैं? उन्हें कौन-कौन सी समस्याएँ होती हैं?

उत्तर: बारिश के मौसम में मेरे आस-पड़ोस के पक्षी और जानवर अक्सर सुरक्षित स्थानों की तलाश करते हैं। पक्षी पेड़ों की ऊंची शाखाओं पर रहते हैं ताकि उन्हें बारिश से बचाव मिल सके। वहीं, कुत्ते और अन्य जानवर अपने आश्रयों में चले जाते हैं, जो उनके लिए गर्म और सूखे होते हैं। समस्या यह होती है कि बारिश के कारण पानी भरने से कुछ जानवरों के रहने के स्थान भी जलमग्न हो जाते हैं। साथ ही, पक्षी अपने घोंसलों को बारिश से बचाने के लिए जगह बदलते हैं, जो उनके लिए कठिन होता है।

(ङ) अपने समूह के साथ मिलकर वर्षा ऋतु पर आधारित एक कविता की रचना कीजिए। उसमें अपने घर और आस-पड़ोस से जुड़ी हुई बातें सम्मिलित कीजिए।

उत्तर: वर्षा आई, बहार छाई,

हरियाली ने रंग दिखाया।

छतों पे पानी की बूँदें गिरीं,

बादल ने आसमान को सजाया।

आस-पास के खेतों में भी,

हरियाली का रूप निखरा।

चिड़ियाँ गाने लगीं खुशी से,

सूरज ने भी दमकना छोड़ दिया।

लेकिन कहीं कीचड़ ने रास्ते,

पानी में डूब कर तंग किया।

फिर भी हम बच्चों की हंसी,

मिलकर बारिश का मजा लिया।

पशु-पक्षी भी अपनी जगह,

सुरक्षित हो कर बैठ गए।

घर-घर में शोर गुल हुआ,

बारिश की महिमा से घर सजा।

साक्षात्कार

“गाते हैं गीत कैसे, लेते किसान मनहर।”

मान लीजिए कि आप अपने विद्यालय की पत्रिका के पत्रकार हैं। आप एक किसान का साक्षात्कार कर रहे हैं जो वर्षा के आने पर अपने खेतों में गीत गा रहा है।

(क) अपने समूह के साथ मिलकर उस किसान के साक्षात्कार के लिए कुछ प्रश्न लिखिए।

(संकेत – आपका क्या नाम है? आप क्या काम करते हैं? आप काम करते समय गीत क्यों गाते हैं? आदि)

उत्तर: किसान के साक्षात्कार के लिए प्रश्न:

(i) आपका नाम क्या है और आप किस गांव के रहने वाले हैं?

(ii) आप किस प्रकार के कृषि कार्य करते हैं? आपके खेतों में कौन-कौन सी फसलें उगती हैं?

(iii) वर्षा के मौसम में आपने खेतों में काम करते समय गीत गाने की परंपरा शुरू की थी। क्या कारण है कि आप गीत गाते हैं?

(iv) क्या आप मानते हैं कि गीत गाने से खेतों में काम करने में आसानी होती है? इसका मानसिक रूप पर क्या प्रभाव पड़ता है?

(v) गीत गाने का कोई खास समय या तरीका है? क्या आप इसे किसी विशेष स्थिति में गाते हैं, जैसे वर्षा के समय?

(vi) क्या कभी आपके खेतों में अधिक वर्षा या कम वर्षा के कारण कोई समस्या उत्पन्न हुई है? आप उसे कैसे संभालते हैं?

(vii) गीत गाने के अलावा क्या आपके खेतों में काम करने के दौरान और कोई विशिष्ट आदत या परंपरा होती है?

(viii) क्या आपके गांव के अन्य किसान भी वर्षा के समय गीत गाते हैं? क्या यह गांव की कोई विशेष परंपरा है?

(xi) आपने खेतों में काम करते समय किस प्रकार के गीत गाए हैं? क्या वे फसलों से जुड़ी कोई विशेष भावना व्यक्त करते हैं?

(x) आप किसे अपना प्रेरणा स्रोत मानते हैं और खेती में आस्था बनाए रखने के लिए क्या संदेश देना चाहेंगे?

(ख) अपने समूह के साथ मिलकर इस साक्षात्कार को अभिनय द्वारा प्रस्तुत कीजिए। आपके समूह का कोई सदस्य किसान की भूमिका निभा सकता है। अन्य सदस्य पत्रकारों की भूमिका निभा सकते हैं।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

वर्षा के दृश्य

(क) वर्षा के उन दृश्यों की सूची बनाइए जिनका उल्लेख इस कविता में नहीं किया गया है। जैसे आकाश में इंद्रधनुष।

उत्तर: वर्षा के उन दृश्यों की सूची जिनका उल्लेख इस कविता में नहीं किया गया है:

आकाश में इंद्रधनुष – वर्षा के बाद आकाश में रंग-बिरंगे इंद्रधनुष का प्रकट होना।

पानी की बूँदों का पत्तों से गिरना – वर्षा के बाद पेड़-पौधों की पत्तियों पर बूँदें गिरना और उनका गिरते हुए शोर।

कीचड़ में खेले बच्चे – वर्षा के बाद बच्चे कीचड़ में खेलते हुए, कागज की नाव चलाते हुए या पानी में झूमते हुए दिखाई देते हैं।

गुलाब के फूलों की महक – वर्षा के बाद गुलाब के फूलों में ताजगी और महक आ जाती है।

मच्छर और कीटों का बढ़ना – बारिश के मौसम में मच्छर और छोटे कीटों की संख्या बढ़ जाती है।

नदियाँ उफान पर आना – वर्षा के दौरान नदियाँ बहने लगती हैं और उनका जलस्तर बढ़ जाता है।

घटाएं धीरे-धीरे छंटना – बादलों का धीरे-धीरे हटना और आकाश में सूरज की किरणों का दिखना।

पानी के छोटे-छोटे झरने – बारिश के दौरान पहाड़ों से झरने बहने लगते हैं।

झीलें और तालाब भरना – वर्षा से झीलों और तालाबों का पानी बढ़ जाता है, जिससे उनका आकार बदल जाता है।

(ख) वर्षा के समय आकाश में बिजली पहले दिखाई देती है या बिजली कड़कने की ध्वनि पहले सुनाई देती है या दोनों साथ-साथ दिखाई-सुनाई देती है? क्यों? पता कीजिए।

उत्तर: बिजली पहले दिखाई देती है और उसके बाद कड़कने की आवाज़ सुनाई देती है। इसका कारण यह है कि प्रकाश की गति ध्वनि से तेज होती है। जब बिजली चमकती है, तो उसकी रोशनी तुरंत दिखाई देती है, लेकिन उसकी आवाज़ (कड़कन) थोड़ी देर बाद पहुंचती है, क्योंकि आवाज़ की गति प्रकाश की तुलना में कम होती है।

(ग) आपने वर्षा से पहले और वर्षा के बाद किसी पेड़ या पौधे को ध्यान से अवश्य देखा होगा। आपको कौन-कौन से अंतर दिखाई दिए?

उत्तर: वर्षा से पहले:

(i) पेड़ की पत्तियाँ सूखी और मुरझाई हुई लगती हैं।

(ii) मिट्टी में सूखापन होता है और हवा में गर्मी और उमस महसूस होती है।

(iii) पौधों में कुछ हद तक हलका झुकाव दिखाई दे सकता है।

वर्षा के बाद:

(i) पेड़ की पत्तियाँ ताजगी से भर जाती हैं और रंग चमकने लगते हैं।

(ii) मिट्टी में नमी आ जाती है, जिससे वातावरण ठंडा और ताजगी से भर जाता है।

(iii) पौधों पर नये फूल या कली उगने लगते हैं और एक नई जिंदगी का अहसास होता है।

(घ) “चलते हैं हंस कहीं पर, बाँधे कतार सुंदर”

कविता में हंसों के कतार में अर्थात पंक्तिबद्ध रूप से चलने का वर्णन किया गया है। आपने किन-किन को और कब-कब पंक्तिबद्ध चलते हुए देखा है? (संकेत- चींटी, गाड़ियाँ, बच्चे आदि)

उत्तर: “चलते हैं हंस कहीं पर, बाँधे कतार सुंदर” – पंक्तिबद्ध रूप में चलने वाले अन्य दृश्य:

चींटियाँ – चींटियाँ हमेशा पंक्तिबद्ध रूप से एक-दूसरे के पीछे चलती हैं, जब वे भोजन की खोज करती हैं या अपनी बस्ती की ओर जाती हैं।

रेल्वे डिब्बे – रेलगाड़ियों के डिब्बे जब जुड़ते हैं और प्लेटफार्म से गुजरते हैं तो वे भी पंक्तिबद्ध रूप में दिखाई देते हैं।

सैनिकों का मार्च – सैनिकों के कदम ताल में एक पंक्तिबद्ध अनुशासन होता है, जो उनकी छावनी या समारोहों में दिखाई देता है।

बत्तखें – बत्तखें तालाब या नदी में एक पंक्ति में चलती हैं, खासकर जब वे अपना रास्ता तय करती हैं।

स्कूल के बच्चे – बच्चों की कतारें जब वे एक साथ स्कूल जाते हैं या स्कूल से घर लौटते हैं तो पंक्तिबद्ध रूप में चलती हैं।

पक्षी – हंसों के अलावा, गीज़, बत्तखें, और कुछ अन्य पक्षी भी उड़ते समय पंक्तिबद्ध रूप में चलते हैं।

वाहन – सड़क पर गाड़ियाँ, बसें, ट्रक, आदि पंक्तिबद्ध रूप से चलते हैं जब यातायात की लकीर बनी रहती है।

वर्षा में ध्वनियाँ

(क) कविता में वर्षा के अनेक दृश्य दिए गए हैं। इन दृश्यों में कौन-कौन सी ध्वनियाँ सुनाई दे रही होंगी? अपनी कल्पना से उन ध्वनियों को कक्षा में सुनाइए।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

(ख) “मेंढक लुभा रहे हैं, गाकर सुगीत प्यारे”

कविता में मेंढकों की टर्र-टर्र को भी प्यारा गीत कहा गया है। आपके विचार से बेसुरी ध्वनियाँ भी कब-कब अच्छी लगने लगती हैं?

उत्तर: बेसुरी ध्वनियाँ अक्सर हमें कष्टप्रद या अव्यवस्थित लग सकती हैं, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में वे हमें सुखद और आकर्षक लगने लगती हैं। जब ये ध्वनियाँ प्राकृतिक वातावरण या किसी अन्य सौम्य संदर्भ में जुड़ी होती हैं, तो हमें इनकी एक अलग ही खुशी या अर्थ का एहसास हो सकता है।

(i) प्राकृतिक माहौल में – जैसे कविता में मेंढ़कों की टर्र-टर्र को प्यारा गीत कहा गया है। वर्षा के मौसम में मेंढ़कों की यह आवाज़ शोर-गुल जैसी लगती है, लेकिन इस समय यह बहुत प्यारी और संगीत जैसी सुनाई देती है। यह ध्वनि हमें मौसम की विशेषता और उसके आनंद का एहसास कराती है।

(ii) संतान का शोर – जब छोटे बच्चे अपनी मस्ती में खेलते हैं और शोर मचाते हैं, तो यह हमें बेसुरी लग सकता है। लेकिन जब हम इसे बच्चों की खुशी और मासूमियत से जोड़कर देखते हैं, तो यह हमें प्रिय और दिलचस्प लगता है।

(iii) घरेलू ध्वनियाँ – घर में कुछ अव्यवस्थित ध्वनियाँ, जैसे बर्तन गिरने की आवाज़ या किसी का चीखना-चिल्लाना, हमें असहज कर सकती हैं। लेकिन जब यह ध्वनियाँ किसी उत्सव या खुशी के मौके पर होती हैं, तो हमें यह बस घर के माहौल का हिस्सा लगने लगता है।

(iv) संगीत में बेसुरी ध्वनियाँ – कई बार कुछ संगीतकार जान-बूझकर बेसुरी या विचित्र ध्वनियाँ उत्पन्न करते हैं, ताकि वे एक विशेष एहसास उत्पन्न कर सकें। ऐसे संगीत को हम एक प्रयोगात्मक रूप से देख सकते हैं और हमें यह अच्छा भी लग सकता है, क्योंकि इसका कोई विशेष संदेश या भावना छिपी होती है।

(v) प्राकृतिक वातावरण में गंध और आवाज़ें – जैसे शहरी इलाकों में कुत्तों का भौंकना, गाड़ियों की हॉर्न की आवाज़, या पत्तों की सरसराहट कभी-कभी परेशान कर सकती हैं, लेकिन जब हम इन्हें खुले और स्वच्छ वातावरण में सुनते हैं, तो यह एक निश्चित जीवनसंगति और जीवन की निरंतरता का अहसास दिलाती है।

सृजन

“बागों में खूब सुख से, आमोद छा रहा है”

‘आमोद’ या ‘मोद’ दोनों शब्दों का अर्थ होता है– आनंद, हर्ष, खुशी, प्रसन्नता। कविता में वर्षा ऋतु में ‘आमोद’ के दृश्यों का वर्णन किया गया है। कविता के इन दृश्यों को हम नीचे दिए गए उदाहरण की तरह अनुच्छेद में भी लिख सकते है-

“हवा की ठंडक थी, बारिश की रिमझिम बूँदें गिर रही थीं, मोर नृत्य कर रहे थे और मेंढक खुश होकर गाना गा रहे थे। ये सभी मिलकर वर्षा ऋतु को एक उत्सव जैसा बना रहे थे। बागों में गुलाब की खुशबू और आम के पेड़ों पर नए फल देखकर पक्षी और लोग, सभी प्रसन्न हो गए थे। किसान अपने खेतों में काम करते हुए इस प्राकृतिक आनंद के भागीदार बन रहे थे।”

अब नीचे दिए गए ‘आमोद’ से जुड़े विभिन्न दृश्यों का एक-एक अनुच्छेद में वर्णन कीजिए-

बारिश के बाद उपवन में सैरमित्रों संग खेलना
परिवार के किसी प्रिय सदस्य या मित्र से वर्षोंबाद मिलनाकिसी प्रिय पुस्तक को पढ़ना
सर्दियों का पहला हिमपातलकिसी कार्य को पूरा करना या सफल प्रदर्शन करना
कोई उत्सवसमुद्र के किनारे शांत सवेरा या शाम

उत्तर: (i) बारिश के बाद उपवन में सैर: बारिश के बाद उपवन में सैर करना एक अद्भुत अनुभव होता है। हवा में ठंडक और ताजगी होती है। पेड़-पौधे हरियाली से लदे होते हैं और फूलों की खुशबू हवा में फैली होती है। बूँदें धीरे-धीरे पत्तियों से गिरती हैं और धरती को भीगाकर उसे ताजगी का अहसास कराती हैं। इस समय वातावरण में एक नयापन और शांति होती है। पक्षी चहचहाते हैं और आप हर कदम पर प्रकृति के अद्भुत रूप को महसूस करते हैं। यह सैर एक तरह का मानसिक सुख देती है और मन को आनंदित करती है।

(ii) परिवार के किसी प्रिय सदस्य या मित्र से वर्षों बाद मिलना: किसी प्रिय सदस्य या मित्र से वर्षों बाद मिलना एक अविस्मरणीय आनंद का क्षण होता है। यह मुलाकात पुराने यादों को ताजा कर देती है और दिल में छिपी हुई भावनाएँ जागृत करती है। गले मिलते वक्त एक नयापन और प्यार का एहसास होता है, जैसे समय रुक सा गया हो। पुराने किस्से और हंसी-खुशी के पल सामने आते हैं। यह आनंदित करने वाली भावना एक अद्वितीय अनुभव बन जाती है, जिसे शब्दों में नहीं समेटा जा सकता।

(iii) सर्दियों का पहला हिमपात: सर्दियों का पहला हिमपात प्रकृति के एक सुंदर उपहार जैसा होता है। बर्फ की हल्की-हल्की चादर धरती पर फैल जाती है, और हवा में एक ठंडक का एहसास होता है। जैसे-जैसे बर्फ गिरती है, हर चीज सफेद हो जाती है और वातावरण में एक शांतिपूर्ण सौंदर्य छा जाता है। बच्चों के चेहरे पर खुशी की झलक होती है, वे बर्फ में खेलते हैं और इसे छूने के लिए बेताब होते हैं। यह दृश्य एक नई शुरुआत का प्रतीक होता है, जो आनंद और ताजगी से भरा होता है।

(iv) कोई उत्सव: कोई उत्सव खुशी, उल्लास और आनंद का समय होता है। घर और आसपास के वातावरण में रंग-बिरंगे झूले, दीपक, फूल और सजावट होते हैं। लोग एक-दूसरे से मिलकर शुभकामनाएँ देते हैं, हर चेहरे पर मुस्कान होती है। बच्चे मिठाइयाँ खाते हैं, नृत्य करते हैं और गाते हैं। यह समय होता है जब सभी लोग अपने दुखों और चिंता को भुलाकर खुशियाँ मनाते हैं। उत्सव का आनंद सभी को एक साथ जोड़ता है और समृद्धि का अहसास कराता है।

(v) मित्रों संग खेलना: मित्रों संग खेलना न केवल शारीरिक आनंद देता है, बल्कि यह मानसिक शांति और आनंद भी प्रदान करता है। चाहे वह क्रिकेट का मैच हो, या फिर फुटबॉल का, हर खेल में टीम भावना और प्रतिस्पर्धा होती है। हंसी-खुशी, उत्साह और जोश से भरपूर यह समय बेहद आनंदजनक होता है। खेलों में हर व्यक्ति अपने बचपन को फिर से जीता है और मित्रों के साथ बिताए गए समय की यादें हमेशा सजीव रहती हैं।

(vi) किसी प्रिय पुस्तक को पढ़ना: किसी प्रिय पुस्तक को पढ़ना एक अद्भुत अनुभव होता है। जब आप किसी रोचक कहानी में खो जाते हैं, तो समय का पता नहीं चलता। पुस्तक की पंक्तियाँ आपके मन में एक नई दुनिया का निर्माण करती हैं, और आप उसके पात्रों के साथ जीवन जीने लगते हैं। यह अनुभव आपको मानसिक संतोष और आनंद देता है। प्रत्येक पन्ने के साथ नया ज्ञान और साहसिकता की भावना आपके अंदर जागृत होती है। यह समय किसी सुखद यात्रा जैसा होता है।

(vii) किसी कार्य को पूरा करना या सफल प्रदर्शन करना: किसी कार्य को पूरा करना या सफल प्रदर्शन करना एक बड़ी उपलब्धि का अहसास कराता है। जब आप किसी चुनौतीपूर्ण कार्य को अंजाम देते हैं और उसे सफलतापूर्वक पूरा करते हैं, तो मन में हर्ष और संतोष का भाव होता है। यह सफलता आपको आत्मविश्वास से भर देती है और यह प्रेरणा देती है कि आप भविष्य में और भी बड़ी सफलता प्राप्त कर सकते हैं। यह अनुभव आनंद और आत्मसंतोष से भरपूर होता है।

(vii) समुद्र के किनारे शांत सवेरा या शाम: समुद्र के किनारे शांत सवेरा या शाम एक अद्वितीय शांति और सुंदरता का अनुभव है। सुबह की पहली किरण के साथ जब सूरज समुद्र के पानी में अपने प्रतिबिंब को फैलाता है, तो यह दृश्य बेहद आकर्षक और शांति से भरा होता है। समुद्र की लहरों की हल्की आवाज़, ठंडी हवा और वातावरण में ताजगी का अहसास होता है। शाम के समय सूरज की रौशनी समुद्र के पानी पर सोने जैसी छाया बना देती है, और हर लहर के साथ एक अद्भुत शांति का अनुभव होता है। यह समय आनंद और आराम का होता है, जिसमें आप अपने मन को शांति और ताजगी से भर सकते हैं।

वर्षा से जुड़े गीत

“बागों में गीत सुंदर, गाती हैं मालिनें अब”

“गाते हैं गीत कैसे, लेते किसान मनहर।”

(i) हमारे देश में वर्षा के आने पर अनेक गीत और लोकगीत गाए जाते हैं। अपने समूह के साथ मिलकर वर्षा से जुड़े गीत व लोकगीत ढूंढ़िए और लिखिए। इस कार्य के लिए आप अपने परिजनों, शिक्षकों, इंटरनेट और पुस्तकालय की भी सहायता ले सकते हैं।

उत्तर: वर्षा से जुड़े गीत व लोकगीत

हिंदी लोकगीत:

“सावन की बौछारों में, मन मयूर नाचे,

मोर के पंख फैलाए, मीठी बांसुरी बजे।”

“आओ सखी, मचलें हम, बारिश में भीगने चलें,

रिमझिम बूँदें गिर रही हैं, चलो, हर खुशी गाने चलें।”

राजस्थानी लोकगीत:

“बरसात री राती, बेरा छाया सॉव,

मोर नाच रहे, बन्ना बधाई दे।”

गुजराती लोकगीत:

“आनंदे सावन वाळा, सागर री छटा भारी,

मोर पंखी छाले, आकाश मँझे बादल जारे।”

(ii) सभी समूहों द्वारा एकत्रित गीतों को संकलित करके वर्षा-गीतों की एक पुस्तिका भी तैयार कीजिए।

उत्तर: पुस्तिका का शीर्षक: “वर्षा के गीत”

(i) गीत – “सावन आया”

सावन आया, बूँदें छाईं,

संग में मोर नाचे, खुशियाँ आईं।

रिमझिम बूँदें, गाती हैं ध्वनियाँ,

हरियाली छाई, बगिया में खुशियाँ।

(लोकगीत)

विशेष: यह गीत सावन की शुरुआत और वर्षा की बूँदों के गिरने के साथ आनंद की अनुभूति को व्यक्त करता है।

(ii) गीत – “मोर का नृत्य”

मोर का नृत्य, प्यारी बांसुरी की तान,

सावन की धारा में बहता प्यार का अभिवादन।

वर्षा की बूँदें, छनकती बंसी,

मोर नाचते जाएं, हवाओं में नयी झंकार।

(कृषक गीत)

विशेष: वर्षा में मोर के नृत्य को संजीवता और प्राकृतिक सौंदर्य के रूप में गाया गया है।

(iii) गीत – “बरखा आई”

बरखा आई, खुशी का संग लाई,

पानी में खिली क्यारी, बगिया महकाई।

हवा ने किया गीत, मिट्टी में रंग घोला,

बरखा की रिमझिम, जीवन में सुख लाया।

(लोकगीत)

विशेष: यह गीत वर्षा की रिमझिम बूँदों के गिरने से उत्पन्न होने वाले सुख और शांति की भावना को व्यक्त करता है।

(iv) गीत – “जल बूँदें”

जल बूँदें गिरने लगीं, बगियाँ महक उठीं,

आत्मा ने नए जीवन की शांति पाई।

चरणों में वर्षा की धारें बही,

आकाश में नये रंग, भूमि में बहार आई।

(राजस्थानी लोकगीत)

विशेष: यह गीत वर्षा के समय भूमि और आकाश के सौंदर्य का वर्णन करता है और उसके प्रभावों को दर्शाता है।

आज की पहेली

आपने वर्षा से जुड़ी एक कविता पढ़ी है। अब भारत की विभिन्न ऋतुओं से जुड़ी कुछ पहेलियाँ पढ़िए और इन्हें बूझिए-

1. जाने कैसा मौसम आया…

उत्तर: ग्रीष्म ऋतु (गर्मी)।

2. हवा में ठंडक बढ़ती जाए…

उत्तर: शरद ऋतु।

3. फूल खिले, हर पक्षी गाए…

उत्तर: वसंत ऋतु।

4. पानी बरसे, बादल गरजे…

उत्तर: वर्षा ऋतु।

5. बर्फ गिरे, सर्दी बढ़ जाए…

उत्तर: हेमंत ऋतु (या शीत ऋतु)।

6. पत्ता-पत्ता गिरता जाए…

उत्तर: पतझड़ ऋतु (या शरद/वसंत से पहले की स्थिति)।

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