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NIOS Class 10 Hindi Chapter 12 इसे जगाओ
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इसे जगाओ
Chapter: 12
पाठगत प्रश्न – 12.1 |
सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
1. ‘भई, सूरज’ में ‘भई’ संबोधन किस प्रकार का है-
(क) औपचारिक।
(ख) आदरसूचक।
(ग) श्रद्धासूचक।
(घ) आत्मीय।
उत्तर: (घ) आत्मीय।
2. इस कविता में किसे जगाने के लिए कहा गया है-
(क) जो थककर सो गया है।
(ख) जिसे सपने देखना अच्छा लगता है।
(ग) जो बैठा-बैठा ऊँघता है।
(घ) जो सच से बेखबर है।
उत्तर: (घ) जो सच से बेखबर है।
3. निम्नलिखित में से सही जोड़ों पर (✔) तथा गलत पर (x) का निशान लगाइए-
(क) पंछी जगाना।
उत्तर: गलत।
(ख) हवा हिलाना।
उत्तर: सही।
(ग) हवा चिल्लाना।
उत्तर: गलत।
(घ) सूरज जगाना।
उत्तर: सही।
4. कवि ने सही वक्त पर जगाने की बात क्यों कही है,
(क) दिन का समय गुज़र जाएगा।
(ख) फिर उसके जागने का फायदा नहीं होगा।
(ग) वह दुनिया के मुकाबले में पिछड़ जाएगा।
(घ) वह आलसी बन जाएगा।
उत्तर: (ग) वह दुनिया के मुकाबले में पिछड़ जाएगा।
पाठगत प्रश्न – 12.2 |
सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
1. कविता में ‘क्षिप्र’ किसे बताया गया है:
(क) जो घबरा कर भागता है।
(ख) जो तेज रफ्तार से चलता है।
(ग) जो अवसर को नहीं चूकता।
(घ) जो क्षण भर को सजग रहता है।
उत्तर: (ग) जो अवसर को नहीं चूकता।
2. सही कथन के आगे (✔) और गलत कथन के आगे (×) चिह्न ऑकत कीजिए:
(क) घबरा कर भागने और क्षिप्र गति में अंतर है।
उत्तर: सही।
(ख) जो सही क्षण में सजग है, उसे घबराहट होती है।
उत्तर: गलत।
(ग) जो सही क्षण में सजग है, वही क्षिप्र है।
उत्तर: सही।
(घ) घबरा कर भागने वाला व्यक्ति वास्तव में क्षिप्र नहीं होता।
उत्तर: गलत।
3. कवि ने जगाने का अनुरोध सूर्य, पवन और पक्षी से किया है, क्योंकि वे।
(क) प्राकृतिक हैं।
(ख) क्रियाशील हैं।
(ग) प्रगतिशील हैं।
(घ) अनुभवी हैं।
उत्तर: (ख) क्रियाशील हैं।
4. ‘इसे जगाओ’ कविता में कवि ने कैसे शब्दों का प्रयोग किया है:
(क) संस्कृतनिष्ठ।
(ख) चमत्कारिक।
(ग) आलंकारिक।
(घ) बोलचाल के।
उत्तर: (घ) बोलचाल के।
5. इस कविता में कवि ने किस शैली का प्रयोग किया है:
(क) वार्तालाप।
(ख) समास।
(ग) विवरणात्मक।
(घ) आत्मकथात्मक।
उत्तर: (क) वार्तालाप।
पाठांत प्रश्न |
1. इस कविता में कवि ने किस-किस से सोए हुए आदमी को जगाने का आग्रह किया है? और क्यों?
उत्तर: कवि ने सबसे पहले सूरज से आग्रह किया है कि वह सपनों में खोए आदमी को जगाए। इसके बाद उसने पवन से आग्रह किया है कि वह सोए आदमी को हिलाकर जगा दे। क्योंकि भवानीप्रसाद मिश्र ने प्रकृति के उन उपादानों से व्यक्ति के अंदर जागृति का भाव पैदा करने का आग्रह किया है, जो सृष्टि के आरंभ से ही स्वयं क्रियाशील हैं। सूरज रोज उदित और अस्त होता है। वह संसार को जीवन ऊर्जा प्रदान करता है और प्रकाश देता है। जीवन की समस्त हलचल का वह स्रोत है। हवा निरंतर चलती रहती है। वह भी संसार को जीवन प्रदान करती है।
2. ‘बेवक्त जागने’ का परिणाम क्या होता है?
उत्तर: बेवक्त जागने का यह परिणाम होता है कि ऐसा व्यक्ति हड़बड़ाहट में अपना काम पूरा करना चाहता है लेकिन वह काम समय पर न होने की चिन्ता सताती रहती है। इस कारण वह काम करते समय पूरी सावधानी भी नहीं रख पाता है। इससे उसका काम बिगड़ जाता है और उसे असफलता मिलती जाती है।
3. ‘जो सच से बेखबर, सपनों में खोया पड़ा है’ पंक्ति का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: ‘जो सच से बेखबर, सपनों में खोया पड़ा है’ यह पंक्ति यह पंक्ति मनुष्य अपनी वास्तविकता, अपने आसपास घट रही घटनाओं से अंजान बना अपने दिवास्वप्नों में खोया हुआ है। इसे ऐसे व्यक्तियों या समाजों के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है जिन्हें अपनी वास्तविक स्थिति की जानकारी नहीं होती और जो अपने सपनों या भविष्य के इरादों में खो चुके हैं। यह किसी व्यक्ति या समाज की अंदेखि या अंजानी स्थिति को उभारने के लिए भी प्रयुक्त हो सकती है। प्रगति हड़बड़ाहट में भागने से नहीं होती, बल्कि विचारपूर्वक स्थितियों को समझकर, उनका आकलन करते हुए सही दिशा में प्रयास करने से होती है। इसके लिए आदमी को निरंतर सजग और सक्रिय रहने की आवश्यकता है।
4. निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए:
क्षिप्र तो वह है
जो सही क्षण में सजग है।
उत्तर: इन पंक्तियों का अर्थ है कि वह व्यक्ति जल्दी से सही समय पर तैयार रहता है, जिसका मतलब है वह व्यक्ति समय पर अलर्ट रहता है और उसे सही क्षण में स्थिति का समय खोने की अनुमति नहीं देता है और पहले तो समय आँवा देते हैं पर जब उनको पता चलता है कि उनका साथी उनसे आगे आगे निकल गया तो वे आनन-फानन में भागते हैं उनकी बराबरी करने को परंतु कवि कहते हैं।
5. इस कविता का मूल संदेश अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर: इस कविता में भवानीप्रसाद मिश्र ने प्रकृति के उन उपादानों से व्यक्ति के अंदर जागृति का भाव पैदा करने का आग्रह किया है, जो सृष्टि के आरंभ से ही स्वयं क्रियाशील हैं। सूरज रोज़ उदित और अस्त होता है। वह संसार को जीवन ऊर्जा प्रदान करता है और प्रकाश देता है। जीवन की समस्त हलचल का वह स्रोत है। हवा निरंतर चलती रहती है। वह भी संसार को जीवन प्रदान करती है। यह तो आप जानते ही हैं कि पक्षियों का कलरव प्रातः काल से ही जीवन के गीत सुनाता है। इस तरह सोए हुए या समय की गति न पहचानने वाले आदमी को जगाने और क्रियाशील होने का संदेश देने के लिए ये उचित माध्यम हैं। कवि ने यहाँ अपनी कल्पना और जीवन जगत् के गहरे अनुभव का प्रयोग किया है।
6. भवानीप्रसाद मिश्र की भाषा पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर: मिश्र जी ने अपनी कविताओं के माध्यम से यह अभिव्यक्त कर दिया है कि वे न तो बहुत संशिलष्ट, शब्दावली को अपने कविताओं में स्थान देते हैं और न ही उनकी कविताओं में भारी-भरकम शब्द हैं। उन्होंने आम बोलचाल की भाषा का प्रयोग किया गया है। अन्य कविताओं से तुलना करने पर हम पाते हैं कि भवानीप्रसाद मिश्र कविता में चमत्कार पैदा करने के लिए अप्रचलित या संस्कृतनिष्ठ शब्दों का प्रयोग नहीं करते। प्रचलित शब्दों और मुहावरों के प्रयोग से ही वे बड़ी से बड़ी बात कह देते हैं।
7. ‘इसे जगाओ’ में क्या कवि यह कहना चाहता है कि आदमी सपने न देखे? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर: ‘इसे जगाओ’ में कवि यह कहना चाहता है कि आदमी सपने न देखे क्योंकि सपने देखने से आदमी अपना सर्वस्व गांव देता है। आदमी को खुली आँखों से सपना देखना चाहिए। बंध आँखे से सपने देखने से कुछ हासिल नही होता। कवि उसके भीतर क्रियाशीलता की गरमी भर देने के लिए कहता है। वह हवा में कहता है कि वह उसे हिलाकर उसको नीद को भंग कर के उसके अंदर हरकत पैदा करन लाकि वह उठे और समय के साथ कदम मिलाकर चल पड़े। कवि पक्षी से कहता है कि उह उस व्यक्ति के कातों पर चिल्लाए ताकि उसका ध्यान अपने संपनों की दुनिया स निकलकर जीवन की नास्तविक दुनिया को और आए। वह वर्तमाने के संच को पहनान कर अपनी सही भूमिका सही समय पर तय कर तक और लक्ष्य को प्राप्ति में जुट जाए
8. ‘इसे जगाओ’ कविता में कवि सोए हुए को जगाने का अनुरोध क्यों करता है?
उत्तर: अगर यह समय पर नहीं जागा तो इसके साथ के लोग आगे निकल जाएंगे अर्थात दूसरे लोग तरक्की कर जाएंगे और यह पिछड़ जाएगा समय बीत जाने पर इसे पिछड़ने का बोध होगा तो यह उनकी बराबरी करने के लिए घबराकर भागेगा यानी हड़बड़ाहट में कुछ करने का प्रयास करेगा और कुछ नहीं कर पाएगा।
9. निम्नलिखित कविता को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
देखता कोई नहीं है
निर्बलों की यह निशानी
लोचनों के बीच आँसू
औ पगों के बीच छाले
उठ, समय से तू मोरचा ले!
(क) कवि का ‘लोचनों के बीच आँसू’ से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: कवि का ‘लोचनों के बीच आँसू’ से तात्पर्य यह है कि उस स्थिति या अवस्था जहाँ व्यक्ति के आँसू उसकी आँखों के बीच व्याप्त होते हैं।
(ख) ‘पगों के बीच छाले’ के पीछे कवि की क्या भावना है?
उत्तर: ‘पगों के बीच छाले’ के पीछे कवि की भावना यह भावना है कि व्यक्ति अपने जीवन में चोट और कठिनाइयों का सामना कर रहा है।
(ग) इस कविता का आशय क्या है?
उत्तर: इस कविता का आशय यह है कि निर्बल और असहाय लोगों की स्थिति को दिखाना और यह दर्शाता है कि समाज में किसी निर्बल व्यक्ति या समूह का कोई ध्यान नहीं देता है, और उन्हें समय से उठकर अपनी स्थिति सुधारने की आवश्यकता होती है।
(घ) इस कविता में कवि किसकी ओर संकेत करता है?
(i) रोने वालों की।
(ii) घायल व्यक्तियों की।
(iii) समाज के कमजोर लोगों की।
(iv) स्वयं की।
उत्तर: (iii) समाज के कमजोर लोगों की।