NIOS Class 10 Hindi Chapter 20 उनको प्रणाम!

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NIOS Class 10 Hindi Chapter 20 उनको प्रणाम!

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Chapter: 20

पाठगत प्रश्न – 20.1

सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

1. ‘रिक्त तूणीर होने का अभिप्राय है-

(क) अनुभवहीनता।

(ख) कुठित होना।

(ग) विफल होना।

(घ) साधन की कमी।

उत्तर: (घ) साधन की कमी।

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2. कविता में लक्ष्य-भ्रष्ट प्रयुक्त हुआ है-

(क) वीर के लिए।

(ख) तीर के लिए।

(ग) तूणीर के लिए।

(घ) युद्ध के लिए।

उत्तर: (ख) तीर के लिए।

3. ‘निराकार’ शब्द का प्रयोग किस अर्थ में हुआ है-

(क) भाव का स्पष्ट न हो पाना।

(ख) सपने साकार न होना।

(ग) इच्छा पूरी न होना।

(घ) विलीन हो जाना।

उत्तर: (घ) विलीन हो जाना।

4. ‘छोटी-सी नैया’ का कविता में आशय है।

(क) नाव का छोटा आकार।

(ख) संसाधनों की कमी।

(ग) कम उत्साह।

(घ) इच्छा न होना।

उत्तर: (ग) कम उत्साह।

पाठगत प्रश्न – 20.3

सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

1. हिम समाधि का अर्थ है?

(क) बर्फ जैसी सफेद समाधि।

(ख) बर्फ का चबूतरा।

(ग) बर्फ के नीचे दब कर मर जाना।

(घ) बर्फीले प्रदेश के कष्टों को झेलना।

उत्तर: (ग) बर्फ के नीचे दब कर मर जाना।

2. कवि सफलता से अधिक महत्त्व किसे देता है?

(क) बाधाओं को।

(ख) प्रयत्नों को।

(ग) असफलता को।

(घ) प्रसिद्धि को।

उत्तर: (ख) प्रयत्नों को।

3. यह दुनिया किन्हें भूल गई है:

(क) प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानियों को।

(ख) स्वतंत्रता आंदोलन को दबाने वालों को।

(ग) फाँसी पर चढ़े अनाम लोगों को।

(घ) कुछ दिन पहले की घटनाओं को।

उत्तर: (ग) फाँसी पर चढ़े अनाम लोगों को।

4. कौन-सा विशेषण ‘साहस’ के लिए ठीक नहीं है-

(क) अपूर्व।

(ख) दुर्दम।

(ग) दृढ़।

(घ) असीम।

उत्तर: (ग) दृढ़।

पाठगत प्रश्न – 20.4

सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

1. विज्ञापन का अर्थ है-

(क) सूचना।

(ख) ज्ञापन।

(ग) आदेश।

(घ) प्रचार।

उत्तर: (घ) प्रचार।

2. ‘प्रतिकूल परिस्थिति ने जिनके कर दिए मनोरथ चूर-चूर’ का आशय है-

(क) विपरीत परिस्थितियों ने कामनाओं को पूरा नहीं होने दिया।

(ख) प्रतिकूल परिस्थितियों पर विजय पा ली गई।

(ग) परिस्थितियों के अनुकूल स्वयं को ढाल लिया।

(घ) प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य को पा लिया।

उत्तर: (क) विपरीत परिस्थितियों ने कामनाओं को पूरा नहीं होने दिया।

3. सपने देखना कब सार्थक है?

(क) जब वे सच हो सके।

(ख) जब उनका प्रचार किया जा सके।

(ग) जब उनके लिए प्रयास किए जाएँ।

(घ) जब उनका अनुकरण किया जा सके।

उत्तर: (ग) जब उनके लिए प्रयास किए जाएँ।

पाठांत प्रश्न

1. ‘उनको प्रणाम’ शीर्षक की सार्थकता का क्या महत्त्व है? क्या आप इस शीर्षक से सहमत हैं, क्यों? तर्कसहित उत्तर दीजिए।

उत्तर: ‘उनको प्रणाम’ शीर्षक की सार्थकता का यह महत्त्व है की उन लोगों के प्रति जिन्होंने उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए परिश्रम और संघर्ष तो बहुत किया, लेकिन जो किन्हीं कारणों से अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर सके। जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर व्यक्ति कुछ-न-कुछ प्रयास करता है।  कवि ऐसे वीरों के बारे में बात कर रहा है जो युद्ध के मैदान में पूरी तैयारी और उत्साह के साथ गए थे। जिनके पास अभिमंत्रित तीर थे यानी ऐसे तीर थे जो लक्ष्य को भेदने में पूरी तरह सक्षम थे। मगर जब युद्ध हुआ तो किन्हीं कारणों से उनके तीर लक्ष्य को भेदने में नाकाम हो गए अर्थात् अपना कार्य ठीक से नहीं कर सके, अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो सके।

2. कवि कविता के हर पद के अंत में ‘उनको प्रणाम’ क्यों कहता है?

उत्तर: कविता के अंतिम अंश में कवि ने सार्थक प्रयासों को प्रणाम किया है। जिनके ऊपर पूरी इमारत टिकी होती है। इसीलिए हर चरण के बाद कवि ने ‘उनको प्रणाम’ दोहराया है। कवि उन लोगों के प्रति सम्मान व्यक्त कर रहा है, जो नीव की ईंटों की तरह है, जिनके ऊपर पूरी इमारत टिकी होती है। ये लोग कंगूरों की भाँति सबको दिखाई नहीं देते। आम आदमी उन कंगूरों को देखता है और सराहता है, लेकिन उसका ध्यान उन ईटों की ओर नहीं जाता जो नींव में दबी है। कवि ने उन्हीं ईंटों को महत्त्व दिया है, जो पूरी इमारत के वजन को बर्दाश्त किए हुए हैं।

3. कविता का मूल भाव क्या है?

उत्तर: कवि ने कविता में उन लोगों के प्रति आदर का भाव प्रकट किया है, जिन्होंने उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए परिश्रम और संघर्ष तो बहुत किया, परन्तु किन्हीं कारणों से उनको लक्ष्य प्राप्त नहीं हो सका। कवि उनके प्रयासों को प्रणाम करता है। कवि ऐसे लोगों के प्रति आदर का भाव व्यक्त करता है जिन्होंने उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए परिश्रम और संघर्ष तो बहुत किया, लेकिन जो किन्हीं कारणों से अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर सके। कवि ऐसे लोगों के संघर्ष के प्रति आदर का भाव प्रकट करते हुए उन्हें प्रणाम करता है।

4. ‘उदधि-पार’ करने से कवि का क्या आशय है?

उत्तर: ‘उदधि-पार’ करने से कवि का आशय यह है कि ‘उदधि’ यानी विराट समुद्र और साधन है ‘छोटी-सी नैया’। विराट समुद्र और छोटी-सी नाव का फर्क (कंट्रास्ट) उस साहस को उजागर करने में समर्थ है, जिसके सहारे जान की बाज़ी लगाकर लोगों ने संघर्ष किया। यह साहस और संघर्ष कवि को आकर्षित करता है, उसके सम्मान का विषय बनता है। एक तरफ ऐसे लोग हैं जो सारे साधनों के होने पर भी कोई सार्थक काम नहीं करते क्योंकि उनमें साहस, हिम्मत और लक्ष्य का बोध ही नहीं होता। दूसरी तरफ ऐसे लोग हैं जो अत्यंत सीमित, असमर्थ साधनों के होते हुए भी बड़ी-से-बड़ी चुनौती का सामना करने उतर पड़ते हैं, क्योंकि उनमें लक्ष्य का बोध है और साहस, हिम्मत भी है।

5. कवि इस कविता में किन लोगों के प्रति आदर का भाव प्रकट करता है?

उत्तर: कवि इस कविता में उन लोगों के प्रति आदर का भाव प्रकट करता है की जो बर्फानी पहाड़ की सबसे ऊँची चोटी पर पहुँचना चाहते थे। केवल चाहते ही नहीं थे इसके लिए उन्होंने कोशिश भी की। कोशिश भी एक बार नहीं, अनेक बार, फिर-फिर अपने उत्साह को बटोर कर। पिछली असफलता को भुलाकर फिर नया उत्साह, नया प्रयास के आदर करने लायक ही है न ऐसे लोग कवि भी ऐसे लोगों को प्रणाम कर रहा है, भले ही इनमें से कुछ तो बर्फ में दबकर रह गए हों और कुछ ऐसे भी हो जो असफल होकर वापस लौट आये हों। 

6. जो छोटी-सी नैया लेकर उतरे करने को उदधि पार, इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: यह पंक्तियाँ आशय यह हैं कि जीवन में सफलता पाने के लिए इंजन्यूइटी और निरंतर प्रयास की आवश्यकता होती है, चाहे स्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों। छोटी-सी नैया यहाँ पर एक व्यक्ति की संघर्ष और अद्वितीयता को प्रतिनिधित करती है,यहाँ कवि ऐसे लोगों के साहस और प्रयत्नों का आदर करते हुए उन्हें प्रणाम करता है। ऐसे लोगों में इतना साहस और लगन होती है कि वे अपने प्राणों तक की चिंता नहीं करते 

7. ‘जिनकी धुन का कर दिया अंत’ से कवि का क्या आशय है?

उत्तर: ‘जिनकी धुन का कर दिया अंत’ से कवि का आशय यह है कि बहुत से देशभक्त ऐसे थे, जिन्होंने देश को स्वतंत्र कराने के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा दी. लेकिन जो आज़ादी का सुख नहीं ले पाए। ऐसे त्यागी व्यक्तियों तथा निस्वार्थ भाव से काम करने वालों को हम जल्दी ही भूल गए, जबकि ऐसे लोगों को हमें सदैव याद रखना चाहिए था। कवि यहाँ पर हमारी एक कमी की ओर संकेत कर रहा है, वह यह कि हम सभी अच्छी-बुरी बातें जल्दी ही भूल जाते हैं। हम उन त्यागी-वीरों को भी बहुत जल्दी भूल जाते हैं, जिनके बलिदान के कारण हम आज अस्तित्व में है, स्वतंत्र है। हमें अच्छी बातों को याद रखकर उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए और बुरी बातों को भुलाकर आगे बढ़ना चाहिए। इसमें कवि ने उन लोगों को याद करके प्रणाम किया है, जिनके संघर्ष और बलिदान के कारण ही हम आज स्वतंत्र देश के नागरिक है।

8. यदि देशभक्त अपना बलिदान न देते तो आज हमारी क्या स्थिति होती? तर्क सहित लिखिए।

उत्तर: यदि देशभक्त अपना बलिदान न देते तो आज भी हम अंग्रेज़ों के गुलाम होते। आज भी हम गरीबी, भुखमरी, शोषण, अवसरों का अभाव आदि सभी समस्याओं में जकड़े होते। आज भी साम्राज्यकारी शोषणकारी शक्तियाँ हमारा शोषण कर रही होती। हमें न शिक्षा की सुविधा प्राप्त होती और न ही हमें स्वास्थय की सुविधा प्राप्त होती। उदाहरणस्वरूप चंद्रशेखर आजाद, भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खॉ, राजेन्द्र सिंह लाहिड़ी, रोशन सिंह आदि। देश को आजाद कराने वाले इन वीर सपूतों को अंग्रेजों ने फाँसी पर लटका दिया था। इसके अतिरिक्त भी ऐसे अनेक गुमनाम लोग, जिनके संबंध में हम कछ भी नहीं जानते हैं।

9. निम्नलिखित कविता को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिएः

मैं हूँ उनके साथ खड़ी 

जो सीधी रखते अपनी रीढ़।

कभी नहीं जो तज सकते हैं 

अपना न्यायोचित अधिकार, 

कभी नहीं जो सह सकते हैं 

शीष नवाकर अत्याचार, 

एक अकेले हों या उनके 

साथ खड़ी हो भारी भीड़,

मैं हूँ उनके साथ खड़ी

जो सीधी रखते अपनी रीढ़।

निर्भय होकर घोषित करते 

जो अपने उद्‌गार-विचार 

उनकी जिह्वा पर होता है 

उनके अंतर का अंगार 

नहीं जिन्हें चुप कर सकती है 

आतताइयों की शमशीर

मैं हूँ उनके साथ खड़ी 

जो सीधी रखते अपनी रीढ़।

(क) ‘रीढ़ सीधी रखने’ क्या का तात्पर्य है?

उत्तर: रीढ़ सीधी रखने का अर्थ है कि स्वतंत्र स्वाभिमान से जीना। जो की अपनी मान्यताओं और मूल्यों के लिए खड़े होने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

(ख) क्या दूसरों के साथ मिलकर ही संघर्ष किया जा सकता है? तर्क सहित विचार कीजिए।

उत्तर: जिनकी जिह्वा पर होता है उनके अंतर का अंगार’ से आशय अत्याचार को चुपचाप सह न सकने से है। अत्याचार को देखकर जिह्वा चुप नहीं रहती है।

(ग) आपके अनुसार कविता में ‘मैं’ का प्रयोग किसके लिए किया गया है?

उत्तर: मेरे अनुसार कविता में ‘मैं’ का प्रयोग संघर्ष की क्षमता के लिए किया गया है। यह उन लोगों को संकेतित करता है जो अपने मूल्यों और न्याय के पक्ष में स्थिर रहते हैं।

(घ) ‘जिनकी जिह्वा पर होता है उनके अंतर का अंगार’ का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: जिनकी जिह्वा पर होता है उनके अंतर का अंगार’ का आशय यह कि अत्याचार को चुपचाप सह न सकने से है। अत्याचार और अन्य अन्याय के खिलाफ उठते हैं और उसके खिलाफ खुलकर आवाज़ उठाते हैं।उनकी जिह्वा पर उस अंगार का संदेश है कि वे अपने विचारों और न्याय के प्रति पूर्ण विश्वास रखते हैं।

(ङ) कविता का उचित शीर्षक दीजिए।

उत्तर: कविता का उचित शीर्षक यह है कि “न्याय के पक्ष में स्थिरता” हो सकता है। जो उत्पीड़न या हिंसा के डर के बिना साहस और दृढ़ विश्वास के साथ अपने अधिकारों और सिद्धांतों के लिए खड़े होने के बारे में है। सीधी रीढ़ की छवि लचीलापन, अखंडता और नैतिक साहस का एक शक्तिशाली रूपक है, जो कविता का केंद्रीय विषय है।

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