NIOS Class 10 Hindi Chapter 17 बीती विभावरी जाग री

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NIOS Class 10 Hindi Chapter 17 बीती विभावरी जाग री

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Chapter: 17

पाठगत प्रश्न – 17.1

1. निम्नलिखित कथनों में से सही के आगे (✔) और गलत के आगे (x) का निशान लगाइए:

(क) कविता में भोर के चित्रण के माध्यम से सखी को जागने के लिए कहा गया।

उत्तर: सही।

(ख) सुबह पानी भरने वाली स्त्री है, आकाश घड़ा है और तारा पनघट है।

उत्तर: गलत।

(ग) लताओं में लगे अघखिले फूल पराग-रस से भरे कलश हैं।

उत्तर: सही।

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(घ) उषा रूपी नागरी सो रही है, कविता में उसे जगाने का प्रयास है।

उत्तर: नही।

(ङ) सखी सोई है, इसलिए उसकी केशराशि ने सुगंधित वायु को बंदी बना रखा है।

उत्तर: सही।

3. दूसरे कॉलम के शब्दों का पहले कॉलम के शब्दों से संबंध के आधार पर मिलान कीजिए।

अंबरघट
तारानारी
उषापनघट
उधरविहाग
अलकराग
आँखमलयज

उत्तर: 

अंबरपनघट
ताराघट
उषानारी
उधरराग
अलकमलयज
आँखविहाग
पाठगत प्रश्न – 17.2

सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

1. इस कविता की भाषा।

(क) संस्कृतनिष्ठ है।

(ख) उर्दू है।

(ग) सरल है।

(घ) मिली-जुली है।

उत्तर: (क) संस्कृतनिष्ठ है।

2. कविता में मुख्य रूप से किसके सौंदर्य का वर्णन है?

(क) प्रेयसी के।

(ख) पक्षी के।

(ग) प्रकृति के।

(घ) पनघट के।

उत्तर: (ख) पक्षी के।

पाठात प्रश्न

1. इस कविता में ‘जाग री’ किसके लिए आया है? कवि उसे क्यों जगाना चाहता है?

उत्तर: ‘जाग री’ कविता में ‘जाग री’ व्यक्ति या जनता को जगाने के लिए आता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को जागरूक करना है, उन्हें समस्याओं और अन्यायों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित करना है। राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ साथ कवि लेखक रचनाकार भी जन जागरण के प्रयास कर रहे थे। कवि भी अपनी कविता के माध्यम से लोगों को जगाने की बात कर रहे हैं।

2. भोर के समय तारों के डूबने और पक्षियों के कलरव को लेकर कवि ने क्या कल्पना की है?

उत्तर: भोर के समय तारों के डूबने को लेकर कवि ने कल्पना की है कि जैसे कोई स्त्री सुबह पानी भरने पनघट पर जाती है और कुएं में घड़े को डुबो देती है। यह दृश्य सामान्यत: प्राकृतिक सौंदर्य और शांति का प्रतीक माना जाता है, जहाँ उषा और अन्य नवीन के दिन की प्रारंभिक प्रार्थनाएँ।

3. नायिका और प्रकृति में कवि क्या देखता है? उसकी सौंदर्य-दृष्टि आपको कितना प्रभावित करती है?

उत्तर: कवि नायिका और प्रकृति में अनेक रूपों में सौंदर्य की अद्वितीयता और आनंद देखता है। जैसे नायिका सुबह के समय में कुएं में घड़े को भरने के लिए डुबो देती है, उसी प्रकार उषा तारों को प्रकाश में विलीन कर रही है। उसकी सौंदर्य-दृष्टि बहुत ही प्रभावशाली होती है, क्योंकि वह आम जन-जीवन के कार्यों से जोड़ते हुए किया गया है। है। सुबह सुबह नदी, तालाब या करें पर जाकर पानी लाना ग्राम-जीवन में एक आम क्रियाकलाप रहा है।

4. ‘आँखों में भरे विहाग री का विश्लेषण करते हुए इसका सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: आँखें न केवल सुंदर हैं, बल्कि एक कोमल राग की तरह एक सुखदायक और शांत उपस्थिति भी बिखेरती हैं। “विहाग की आंखों में भरे अनुभवों और भावनाओं का वर्णन करती यह कविता, जिससे पठक को सौंदर्य के अद्वितीय अनुभव का अनुभव होता है। बीती विभावरी जाग री तारा-घट उषा नागरी खग-कुल कुल कुल सा बोल रहा किसलय का अंचल डोल रहा लो यह लतिका भी भर लाई अम्बर पनघट में डुबो रही आँखों में भरे विहाग री। मधु मुकुल नवल रस गागरी। अधरों में राग अमन्द पिये, अलकों में मलयज बंद किये। तू अब तक सोई है आली।’आँखों में भरे विहाग’ रचना में सौंदर्य की गहराई से व्याप्ति होती है। 

5. प्रस्तुत कविता राष्ट्रीय संदर्भ में क्या संकेत करती है? इसके राष्ट्रीय पक्ष को प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर: प्रस्तुत कविता को राष्ट्रीय संदर्भ में देखते हैं, तो हम उसके माध्यम से राष्ट्रीय भावनाओं, संस्कृति, या देश की स्थिति को समझ पाते है। यह कविताएँ राष्ट्रीय पक्ष को प्रस्तुत करने में महत्वपूर्ण होती हैं। कविता माध्यम से देश की प्राकृतिक सुंदरता, जीवन और प्रेम के गहरे भाव, और संस्कृति के अनुभवों का वर्णन किया गया है। विहाग के आंखों में भरे अनुभव और भावनाएँ उसके समर्पण और संवाद के माध्यम से पाठकों को प्रेरित करते हैं। 

राष्ट्रीय पक्ष के रूप में, यह भारतीय संस्कृति और प्रकृति के साथ अटूट जुड़ाव दिखाती है। विहाग के संगम से प्रेरित होकर यह कविता दर्शाती है कि हमें प्राकृतिक सौंदर्य और जीवन के वास्तविक भावों के प्रति समर्पित रहना चाहिए। इस प्रकार, यह कविता राष्ट्रीय भावनाओं को प्रकट करने में महत्वपूर्ण साबित होती है।

6. अधखिले फूल और रस-मरी गगरी की समानता पर अपने विचार लिखिए। 

उत्तर: सखी कहती है कि पक्षियों के कलरव (चहचहाने) का स्वर सुनाई दे रहा है और कॉपल के आँचल में थिरकन हो रही है, अर्थात् धीमी-धीमी हवा से कोपलें थिरकने लगी हैं। और यह लता भी अपने अधखिले फूल रूपी गगरी में नया रस भर लाई है। कली से फूल बनने की प्रक्रिया में अधखिले फूल की आकृति कलश यानी गगरी जैसी होती है और बीच में ताजा रस से पूर्ण पराग होता है। अतः यहाँ अधखिले फूल और रस से भरी गगरी की समानता के आधार पर सुंदर रूपक बन पड़ा है।

7. इस कविता में क्या प्रमुख है- प्रकृति-चित्रण या राष्ट्रीय उद्बोधन? तर्क सहित विचार प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर: इस कविता में राष्ट्रीय उद्बोधन की मुख्यता यह है कि जबकि प्रकृति-चित्रण कवि के भावनात्मक स्थिति को प्रस्तुत करता है।  सखी दूसरी को संबोधित कर रही है कि रात बीत चुकी है और उसे प्रातःकाल के सौंदर्य का आनंद लेने के लिए कह रही है। वह कहती है कि सखी देख, रात बीत चुकी है और उषा रूपी स्त्री आकाश रूपी पनघट में तारा रूपी घड़े डुबो रही है अर्थात जिस प्रकार कोई स्त्री पनघट पर पानी भरने के लिए घड़े को डुबोती है, प्रकृति-चित्रण एक साहित्यिक उपाधात्मिकता और कवि के भावनात्मक अनुभव का प्रतीक है, जो उनके विचारों और भावनाओं को साझा करने में मदद करता है। इससे कवि का संदेश और उसकी स्थिति का परिप्रेक्ष्य समझना सरल होता है।

8. निम्नलिखित उदाहरणों में बताइए कि कौन-सा अलंकार है और क्यों?

(क) चारु चंद्र की चंचल किरणें।

उत्तर: चारु चंद्र की चंचल किरणें – उपमा अलंकार है। यहाँ प्रकृति चारु चंद्र को दृश्य चंद्र की किरणें के रूप में प्रस्तुत किया गया है।

(ख) ककन किंकिनि नूपुर धुनि सुनि।

उत्तर: ककन किंकिनि नूपुर धुनि सुनि – यह अनुप्रास अलंकार है। यहाँ शब्दों में आवरण विशेष ध्वनि (नूपुर धुनि) को प्रस्तुत किया गया है।

(ग) चारु कपोल लोल लोचन गोरोचन तिलक दिए।

उत्तर: चारु कपोल लोल लोचन गोरोचन तिलक दिए – यह अपेक्षा अलंकार है। जहा एक स्त्री के विशेष लक्षण (चारु कपोल, लोल लोचन, गोरोचन) का वर्णन कर उसकी योग्यता को प्रस्तुत किया गया है।

(घ) चरण कमल बंदी हरिराई।

उत्तर: चरण कमल बंदी हरिराई – यमक अलंकार है। यहाँ यमक के द्वारा दोनों शब्दों (चरण और कमल) का एक संयोजन किया गया है।

(ड) कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय। या खाये बौराय जग वा पाए बौराए।।

उत्तर: कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय। या खाये बौराय जग वा पाए बौराए।। – उपमेय अलंकार है। यहाँ किसी भी प्रकार की समीकरण या अभिप्रेत है।

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