NCERT Class 7 Social Science Hamare Atit Chapter 1 प्रारंभिक कथनः हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल

NCERT Class 7 Social Science Hamare Atit Chapter 1 प्रारंभिक कथनः हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल Solutions, in Hindi Medium to each chapter is provided in the list so that you can easily browse through different chapters NCERT Class 7 Social Science Hamare Atit Chapter 1 प्रारंभिक कथनः हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल Notes and select need one. NCERT Class 7 Social Science Hamare Atit Chapter 1 प्रारंभिक कथनः हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल Question Answers Download PDF. NCERT Class 7 Solutions for Social Science Itihas-Hamare Atit – II.

NCERT Class 7 Social Science Hamare Atit Chapter 1 प्रारंभिक कथनः हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल

Join Telegram channel

Also, you can read the NCERT book online in these sections Solutions by Expert Teachers as per Central Board of Secondary Education (CBSE) Book guidelines. NCERT Class 7 Social Science Hamare Atit Chapter 1 प्रारंभिक कथनः हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल Textual Solutions are part of All Subject Solutions. Here we have given NCERT Class 7 Social Science Itihas-Hamare Atit – II Notes. CBSE Class 7 Social Science Itihas-Hamare Atit – II Textbook Solutions for All Chapters, You can practice these here.

Chapter: 1

हमारे अतीत-२

1. लेकिन अब भीतरी इलाकों पर नज़र डालें। क्या इनमें भी उतने ही ब्यौरे हैं जितने समुद्र तट वाले हिस्से में? गंगा के मार्ग को देखें। इसे किस तरह से दर्शाया गया है? इस मानचित्र में तटीय और भीतरी इलाकों के बीच ब्यौरों और बारीकी का जो अंतर है, आपके ख्याल में उसका कारण क्या है?

उत्तर: नहीं इनमें उतने ब्यौरे नही हैं जितने समुद्र तट वाले हिस्से में है। इसका कारण यह है कि यह मानचित्र यूरोपीय नाविकों तथा व्यापारियों द्वारा प्रयुक्त किया जाता था और वे भारत के आंतरिक स्थानों में नहीं जाते थे। वे तटीय क्षेत्रों में ही लोगों के साथ व्यापार करते थे। इसलिए तटीय क्षेत्रों के ब्यौरे और बारीकी का स्तर मानचित्र में अधिक है।

2. क्या आपको ऐसे कुछ और शब्दों का ध्यान आता है जिनके अर्थ भिन्न-भिन्न संदर्भों में बदल जाते हैं?

उत्तर: जन शब्द प्रारंभ में किसी विशेष समुदाय के संबोधन के लिए प्रयुक्त होता था। बाद में यह शब्द भूमि के लिए प्रयुक्त हुआ और इसके बाद यह जनसंख्या के लिए प्रयुक्त हुआ।

3. इस अनुभाग में जो प्रौद्योगिकीय, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन वर्णित हैं, उनमें से कौन-कौन से परिवर्तन आपकी समझ में आपके शहर या गाँव में सबसे महत्त्वपूर्ण रहे?

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Join Now

4. आप क्या समझते हैं, शासक ऐसे दावे क्यों करते थे?

उत्तर: शासक ऐसे दावे आमतौर पर अपनी शक्ति और अधिकार को वैध बनाने के लिए करते थे। यह दावे उनके शासन को धार्मिक, नैतिक, या पारंपरिक आधार पर मजबूत करने का एक तरीका होते थे, ताकि लोग उन्हें स्वीकृति दें और उनके खिलाफ विद्रोह की संभावना कम हो। शासक भारत के भिन्न-भिन्न भागों में भूमि के बड़े क्षेत्र के ऊपर अपने नियंत्रण व अपनी सत्ता को दर्शाने हेतु तथा एक शक्तिशाली शासक होने की लोकप्रियता हासिल करने के लिए ऐसे दावे करते हैं।

5. पता लगाइए कि क्या आपका राज्य कभी इन सर्वक्षेत्रीय साम्राज्यों का हिस्सा रहा था? यदि रहा था, तो कितने समय तक?

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

6. क्या आपको संस्कृत, ज्ञान एवं ब्राह्मणों के बारे में अमीर खुसरो की टिप्पणियाँ याद हैं?

उत्तर: संस्कृत ग्रंथों के ज्ञान के कारण समाज में ब्राह्मणों का बड़ा आदर होता था। इनके संरक्षक थे, नए-नए शासक जो स्वयं प्रतिष्ठा की चाह में थे। इन संरक्षकों का समर्थन होने के कारण समाज में इनका दबदबा और भी बढ़ गया था। अमीर खुसरो ने कहा कि भारत में कई भाषाएँ हैं। हर क्षेत्र की अपनी भाषा है। लेकिन संस्कृत किसी एक क्षेत्र की नहीं है। यह एक प्राचीन भाषा है। यह विद्वानों की भाषा है। आम लोग इसे नहीं जानते। उन्होंने संस्कृत की प्रशंसा की और कहा कि यह मोतियों में मोती है। ब्राह्मण विद्वान वर्ग का हिस्सा थे। समाज में उनका स्थान सबसे ऊँचा था। वे ही संस्कृत पढ़ते थे।

फिर से याद करें

1. अतीत में ‘विदेशी’ किसे माना जाता था?

उत्तर: किसी भी शब्द का प्रयोग करने में इतिहासकारों को बहुत सावधान रहना चाहिए क्योंकि अतीत में उन शब्दों के कुछ अलग ही अर्थ थे। उदाहरण के लिए ‘विदेशी’ जैसा सीधा-सादा शब्द ही ले लीजिए। हमारे लिए आज इसका अर्थ होता है, ऐसा व्यक्ति जो भारतीय न हो। मध्ययुग में, मानो किसी गाँव में आने वाला कोई भी अनजाना व्यक्ति, जो उस समाज या संस्कृति का अंग न हो, ‘विदेशी’ कहलाता था। (ऐसे व्यक्ति को हिंदी में परदेसी और फ़ारसी में अजनबी कहा जा सकता है।) इसलिए किसी नगरवासी के लिए वनवासी ‘विदेशी’ होता था किंतु एक ही गाँव में रहने वाले दो किसान अलग-अलग धार्मिक या जाति पंरपराओं से जुड़े होने पर भी एक-दूसरे के लिए विदेशी नहीं होते थे।

2. नीचे उल्लिखित बातें सही हैं या गलतः

(क) सन् 700 के बाद के काल के संबंध में अभिलेख अभिलेख नहीं मिलते हैं।

उत्तर: गलत।

(ख) इस काल के दौरान मराठों ने अपने राजनीतिक महत्व की स्थापना की।

उत्तर: सही।

(ग) कृषि-केंद्रित बस्तियों के विस्तार के साथ कभी-कभी वनवासी अपनी जमीन से उखाड़ बाहर कर दिए जाते थे।

उत्तर: सही।

(घ) सुलतान ग़यासुद्दीन बलबन असम, मणिपुर तथा कश्मीर का शासक था।

उत्तर: गलत।

3. रिक्त स्थानों को भरें:

(क) अभिलेखागारों में _____________ रखे जाते हैं।

उत्तर: अभिलेखागारों में पांडुलिपियों तथा दस्तावेज़ रखे जाते हैं।

(ख) ______________ चौदहवीं सदी का एक इतिहासकार था।

उत्तर: ज़ियाउद्दीन बरनी चौदहवीं सदी का एक इतिहासकार था।

(ग) ___________, ___________, __________, ___________ और ____________ इस उपमहाद्वीप में इस काल के दौरान लाई गई कुछ नई फसलें हैं।

उत्तर: आलू, मक्का, मिर्च, चाय और कॉफी इस उपमहाद्वीप में इस काल के दौरान लाई गई कुछ नई फसलें हैं।

4. इस काल में हुए कुछ प्रौद्योगिकीय परिवर्तनों की तालिका दें।

उत्तर: इस काल में हुए कुछ प्रौद्योगिकीय परिवर्तन इस प्रकार थे:

(i) सिंचाई के लिए लोगों ने रहट का प्रयोग किया।

(ii) कताई में चर्खे का प्रयोग।

(iii) लड़ाई के लिए आग्नेयास्त्रों (बारूद वाले हथियार) का उपयोग शुरू किया।

(iv) युद्ध में बारूदी हथियारों का प्रयोग।

5. इस काल के दौरान हुए कुछ मुख्य धार्मिक परिवर्तनों की जानकारी दें।

उत्तर: इस काल के दौरान हुए कुछ मुख्य धार्मिक परिवर्तन:

(i) हिन्दू धर्म में हुए परिवर्तन।

(ii) नए देवी देवताओं की पूजा होने लगी।

(iii) राजाओं द्वारा मंदिरों का निर्माण।

(iv) भक्ति आंदोलन का प्रारंभ हुआ जो कि कर्मकांडों के आलोचक थे।

(v) समाज में पुरोहितों के रूप में ब्राह्मणों का बढ़ता महत्त्व तथा बढ़ती उनकी सत्ता। 

आइए समझें

6. पिछली कई शताब्दियों में ‘हिंदुस्तान’ शब्द का अर्थ कैसे बदला है?

उत्तर: ‘हिंदुस्तान’ शब्द आज हम आधुनिक राष्ट्र राज्य ‘भारत’ के अर्थ में लेते हैं। तेरहवीं सदी में जब फ़ारसी के इतिहासकार मिन्हाज-ए-सिराज ने हिंदुस्तान शब्द का प्रयोग किया था तो उसका आशय पंजाब, हरियाणा और गंगा-यमुना के बीच में स्थित इलाकों से था। उसने इस शब्द का राजनीतिक अर्थ में उन इलाकों के लिए इस्तेमाल किया जो दिल्ली के सुलतान के अधिकार क्षेत्र में आते थे। सल्तनत के प्रसार के साथ-साथ इस शब्द के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र भी बढ़ते गए, लेकिन हिंदुस्तान शब्द में दक्षिण भारत का समावेश कभी नहीं हुआ। इसके विपरीत, सोलहवीं सदी के आंरभ में बाबर ने हिंदुस्तान शब्द का प्रयोग इस उपमहाद्वीप के भूगोल, पशु-पक्षियों और यहाँ के निवासियों की संस्कृति का वर्णन करने के लिए किया। यह प्रयोग चौदहवीं सदी के कवि अमीर खुसरो द्वारा प्रयुक्त शब्द ‘हिंद’ के ही कुछ-कुछ समान था। मगर जहाँ ‘भारत’ को एक भौगोलिक और सांस्कृतिक सत्त्व के रूप में पहचाना जा रहा था वहाँ हिंदुस्तान शब्द से वे राजनीतिक और राष्ट्रीय अर्थ नहीं जुड़े थे।

7. जातियों के मामले कैसे नियंत्रित किए जाते थे?

उत्तर: जातियों के मामले निम्न प्रकार से नियंत्रित किए जाते थे:

(i) जातियाँ स्वयं अपने-अपने नियम बनाती थी।

(ii) इन नियमों का पालन जाति के बड़े-बुजुर्गों की एक सभा करवाती थी जिसे कुछ इलाकों में जाति-पंचायत कहा जाता था।

(iii) जातियों को अपने निवास के गाँवों के रिवाजों का पालन भी करना पड़ता था।

8. सर्वक्षेत्रीय साम्राज्य से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: सर्वक्षेत्रीय साम्राज्य से आशय है एक साम्राज्य जो अनेक क्षेत्रों में फैला हुआ हो। साम्राज्य का क्षेत्र और जनसंख्या आमतौर पर किसी राज्य से ज़्यादा होता है। भारतीय इतिहास में अनेक सर्वक्षेत्रीय साम्राज्यों का उत्थान व पतन हुआ है, जैसे–चोल साम्राज्य, खिलजी साम्राज्य, तुगलक साम्राज्य व मुगल साम्राज्य। 

आइए विचार करें

9. पांडुलिपियों के उपयोग में इतिहासकारों के सामने कौन-कौन सी समस्याएँ आती हैं?

उत्तर: पांडुलिपियों के उपयोग में इतिहासकारों के सामने निम्न समस्याएँ आती हैं:

(i) कई बार पांडुलिपियों की लिखावट को समझने में दिक्कत आती है।

(ii) मध्य काल में लिपिक या नकलनवीस हाथ से ही पांडुलिपियों की प्रतिलिपि बनाते थे।

(iii) प्रतिलिपियाँ बनाते हुए लिपिक छोटे-मोटे फेर-बदल करते चलते थे।

(iv) आज हमें लेखक की मूल पांडुलिपि शायद ही कहीं मिलती है।

(v) मूल पांडुलिपि की नई प्रतिलिपि बनाते समय लिपिक छोटे-मोटे फेर-बदल करते चलते थे, कहीं कोई शब्द, कहीं कोई वाक्य।

10. इतिहासकार अतीत को कालों या युगों में कैसे विभाजित करते हैं? क्या इस कार्य में उनके सामने कोई कठिनाई आती है?

उत्तर: अधिकतर इतिहासकार आर्थिक तथा सामाजिक कारकों के आधार पर ही अतीत को कालों या युगों में विभाजित करते हैं। इस आधार पर इतिहासकार प्राय: इतिहास को तीन काल खण्डों में विभाजित करते हैं—प्राचीनकालीन इतिहास, मध्यकालीन इतिहास और आधुनिक इतिहास। लेकिन इतिहास का एक कालखण्ड भी अनेक बदलावों से भरा होता है। आधुनिकता के साथ भौतिक उन्नति और बौद्धिक प्रगति का भाव जुड़ा हुआ है। इससे आशय यह निकलता है कि मध्य काल रूढ़िवादी था और उस दौरान कोई परिवर्तन हुआ ही नहीं।

आइए करके देखें

11. अध्याय में दिए गए मानचित्र 1 अथवा मानचित्र 2 की तुलना उपमहाद्वीप के आज के मानचित्र से करें। तुलना करते हुए दोनों के बीच जितनी भी समानताएँ और असमानताएँ मिलती है, उनकी सूची बनाइए।

उत्तर: मानचित्र 1 सन् 1154 में अरब भूगोलवेत्ता अल इदरीसी द्वारा बनाया गया था। मानचित्र 2 सन् 1720 में एक फ्रांसीसी कार्टोग्राफर द्वारा बनाया गया था। दोनों मानचित्रों में कुछ समानताएं और असमानताएं थीं।

दोनों मानचित्रों के बीच समानताएं:

समानताएँअसमानताएँ
(i) यह मानचित्र वर्तमान मानचित्र की तरह भारतीय उपमहाद्वीप को दर्शाता है। इस नक्शे में कुछ प्रसिद्ध नाम भी हैं; जैसे कन्नौज, सूरत आदि।(ii) दक्षिण भारत अल इदरीसी के मानचित्र में वह स्थान है, जहां आज हम उत्तर भारत होंगे और श्रीलंका द्वीप शीर्ष पर है। स्थानों के नाम अरबी में दिए गए हैं। ये नक्शे आज के नक्शे से काफी अलग हैं, लेकिन फ्रांसीसी कार्टोग्राफर का नक्शा आज के नक्शे से थोड़ा अलग है; उदाहरण के लिए, बॉम्बे क्षेत्र और गुजरात क्षेत्र का नक्शा आज से अलग है।

12. पता लगाइए कि आपके गाँव या शहर में अभिलेख (रिकॉर्ड) कहाँ रखे जाते हैं। इन अभिलेखों को कौन तैयार करता है? क्या आपके यहाँ कोई अभिलेखागार है? उसकी देखभाल कौन करता है? वहाँ किस तरह के दस्तावेज़ संग्रहित हैं? उनका उपयोग कौन लोग करते हैं?

उत्तर: ग्रामीण क्षेत्रों के अभिलेख (रिकॉर्ड) जिला मुख्यालय में रखे जाते हैं, इन अभिलेखों को विभिन्न विभाग के कर्मचारी तैयार करते हैं। शहरों के अभिलेख नगर निगम कार्यालयों में रखे जाते हैं और ऐतिहासिक अभिलेख को अभिलेखागारों में रखा जाता है। अभिलेखागार की देखभाल उसके अंदर नियुक्त कर्मचारियों द्वारा की जाती है। इनका उपयोग शोधार्थियों द्वारा अथवा विभिन्न विभागों द्वारा समय-समय पर किया जाता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This will close in 0 seconds

Scroll to Top