NCERT Class 12 Political Science Chapter 13 लोकतांत्रिक व्यवस्था का संकट

NCERT Class 12 Political Science Chapter 13 लोकतांत्रिक व्यवस्था का संकट Solutions Hindi Medium to each chapter is provided in the list so that you can easily browse through different chapters NCERT Class 12 Political Science Chapter 13 लोकतांत्रिक व्यवस्था का संकट and select need one. NCERT Class 12 Political Science Chapter 13 लोकतांत्रिक व्यवस्था का संकट Question Answers Download PDF. NCERT Class 12 Political Science Swatantrata Bharat Mai Rajniti – II Texbook Solutions in Hindi.

NCERT Class 12 Political Science Chapter 13 लोकतांत्रिक व्यवस्था का संकट

Join Telegram channel

Also, you can read the NCERT book online in these sections Solutions by Expert Teachers as per Central Board of Secondary Education (CBSE) Book guidelines. CBSE Class 12 Political Science Swatantrata Bharat Mai Rajniti – II Textual Solutions in Hindi Medium are part of All Subject Solutions. Here we have given NCERT Class 12 Political Science Notes, CBSE Class 12 Political Science Swatantrata Bharat Mai Rajniti – II in Hindi Medium Textbook Solutions for All Chapters, You can practice these here.

Chapter: 13

स्वतंत्र भारत में राजनीति

1. बताएँ कि आपातकाल के बारे में निम्नलिखित कथन सही हैं या गलत-

(क) आपातकाल की घोषणा 1975 में इंदिरा गाँधी ने की।

उत्तर: गलत।

(ख) आपातकाल में सभी मौलिक अधिकार निष्क्रिय हो गए।

उत्तर: सही।

(ग) बिगड़ती हुई आर्थिक स्थिति के मद्देनजर आपातकाल की घोषणा की गई थी।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Join Now

उत्तर: गलत।

(घ) आपातकाल के दौरान विपक्ष के अनेक नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।

उत्तर: सही।

(ङ) सी.पी.आई. ने आपातकाल की घोषणा का समर्थन किया।

उत्तर: सही।

2. निम्नलिखित में से कौन-सा आपातकाल की घोषणा के संदर्भ से मेल नहीं खाता है:

(क) ‘संपूर्ण क्रांति’ का आह्वान।

(ख) 1974 की रेल-हड़ताल।

(ग) नक्सलवादी आंदोलन।

(घ) इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसला।

(ङ) शाह आयोग की रिपोर्ट के निष्कर्ष।

उत्तर: (ग) नक्सलवादी आंदोलन।

3. निम्नलिखित में मेल बैठाएँ

(क) संपूर्ण क्रांति(i) इंदिरा गाँधी
(ख) गरीबी हटाओ(ii) जयप्रकाश नारायण
(ग) छात्र आंदोलन(iii) बिहार आंदोलन
(घ) रेल हड़ताल(iv) जॉर्ज फर्नाडिस

उत्तर: 

(क) संपूर्ण क्रांति(ii) जयप्रकाश नारायण
(ख) गरीबी हटाओ(i) इंदिरा गाँधी
(ग) छात्र आंदोलन(iii) बिहार आंदोलन
(घ) रेल हड़ताल(iv) जॉर्ज फर्नाडिस

4. किन कारणों से 1980 में मध्यावधि चुनाव करवाने पड़े?

उत्तर: 1980 में मध्यावधि चुनाव इस कारण करवाने पड़े क्योंकि जनता पार्टी, जो इंदिरा गांधी के निरंकुश शासन के विरोध में बने विभिन्न दलों के गठबंधन के रूप में स्थापित हुई थी, शीघ्र ही आंतरिक मतभेदों के कारण बिखर गई। मोरारजी देसाई के नेतृत्व वाली सरकार ने मात्र 18 महीनों में ही अपना बहुमत खो दिया। कांग्रेस पार्टी के समर्थन पर दूसरी सरकार चरण सिंह के नेतृत्व में बनी। लेकिन बाद में कांग्रेस पार्टी ने समर्थन वापस लेने का फैसला किया। इस वजह से चरण सिंह की सरकार मात्र चार महीने तक सत्ता में रही। इस प्रकार 1980 में लोकसभा के लिए नए सिरे से चुनाव करवाने पड़े।

5. जनता पार्टी ने 1977 में शाह आयोग को नियुक्त किया था। इस आयोग की नियुक्ति क्यों की गई थी और इसके क्या निष्कर्ष थे?

उत्तर: 1977 में जनता पार्टी की सरकार ने सार्वोच्च न्यायालय के भूतपूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री जे सी शाह की अध्यक्षता में एक आयोग गठित किया। आयोग ने निष्कर्ष निकाला कि उस दौरान नागरिक स्वतंत्रताओं का हनन हुआ था, कई लोगों को बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के गिरफ्तार किया गया और प्रशासन ने अनुचित दमनात्मक कार्यवाहियाँ कीं। भारत सरकार ने आयोग के द्वारा प्रस्तुत दो अंतरिम रिपोर्टों और तीसरी तथा अंतिम रिपोर्ट की सिफारिशों तथा निष्कर्षों को स्वीकार किया। यह रिपोर्ट संसद के दोनों सदनों में भी विचार के लिए रखी गई।

6. 1975 में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करते हुए सरकार ने इसके क्या कारण बताए थे?

उत्तर: 1975 में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करते हुए सरकार ने इसके कई कारण बताए थे—

(i) 25 जून 1975 में सरकार द्वारा आंतरिक गड़बड़ी के आधार पर अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की गई।

(ii) 12 जून 1975 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश जगमोहन लाल सिन्हा ने याचिका को स्वीकार करते हुए इंदिरा गाँधी के निर्वाचन को रद्द किया।

(iii) 1974 के जनवरी माह में बढ़ी हुई कीमत तथा शासन में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ गुजरात में छात्र आंदोलन हुआ। इस आंदोलन का राजनीति पर बहुत प्रभाव पड़ा। जब इस आंदोलन ने उग्र रूप धारण किया तो केंद्र सरकार ने वहाँ राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया।

(iv) समाजवादी नेता राजनारायण ने 1971 में चुनाव हारने के बाद इंदिरा गाँधी के विरूद्ध याचिका दायर की और यह बताया कि इंदिरा गाँधी ने चुनाव प्रचार में सरकारी मशीनरी का प्रयोग किया है। 

(v) 1974 में रेलवे कर्मचारियों के संघर्ष से संबधित राष्ट्रीय समन्वय समिति ने जॉर्ज फर्नान्डिस के नेतृत्व में रेलवे कर्मचारियों की एक राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया। भारत के सबसे बड़े सार्वजनिक उद्यम के कर्मचारी मई 1974 में हड़ताल पर चले गये।

7. 1977 के चुनावों के बाद पहली दफा केंद्र में विपक्षी दल की सरकार बनी। ऐसा किन कारणों से संभव हुआ?

उत्तर: 1977 के चुनावों के बाद पहली दफा केंद्र में विपक्षी दल की सरकार बनी। ऐसा निम्नलिखित कारणों से संभव हुआ। जैसे—

(i) 1975–77 के आपातकाल के दौरान सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ जनता में आक्रोश उत्पन्न हो गया था। 

(ii) विभिन्न विपक्षी दलों ने मिलकर ‘जनता पार्टी’ बनाई और ‘लोकतंत्र की बहाली’ के वादे के साथ चुनाव लड़ा। 

(iii) काँग्रेस पार्टी के कुछ अन्य नेताओं ने एक नई पार्टी बनाई। जगजीवन राम के नेतृत्व में बनाई गई इस पार्टी का नाम ‘काँग्रेस फॉर डेमोक्रेसी’ था इसके बाद यह पार्टी भी जनता पार्टी में शामिल हो गई।

(iv) जनता ने कांग्रेस को हराकर पहली बार विपक्षी दल को केंद्र में सरकार बनाने का अवसर दिया।

(v) आपात की घोषणा के कारण 1977 में काँग्रेस हार गई। आपातकाल लागू होने के कारण पहले ही बड़ी विपक्षी पार्टियाँ एक दूसरे के नजदीक आ रही थी।

8. हमारी राजव्यवस्था के निम्नलिखित पक्ष पर आपातकाल का क्या असर हुआ?

(i) नागरिक अधिकारों की दशा और नागरिकों पर इसका असर।

उत्तर: आपातकाल में मौलिक अधिकार स्थगित कर दिए गए। लोगों को गिरफ्तार किया गया, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सीमित कर दी गई, और प्रेस पर सेंसरशिप लगा दी गई।

(ii) कार्यपालिका और न्यायपालिका के संबंध।

उत्तर: कार्यपालिका ने न्यायपालिका पर दबाव बनाया। सरकार ने जजों की नियुक्तियों में हस्तक्षेप किया। उच्चतम न्यायालय ने भी आपातकाल के दौरान सरकार के पक्ष में फैसले दिए।

(iii) जनसंचार माध्यमों के कामकाज।

उत्तर: आपातकाल के दौरान जनसंचार पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया था, कोई भी समाचार-पत्र सरकार के खिलाफ कोई भी खबर नहीं छाप सकता था तथा जो भी खबर अखबार द्वारा छापी जाती थी उसे पहले सरकार से स्वीकृति प्राप्त करनी पड़ती थी।

(iv) पुलिस और नौकरशाही की कार्रवाइयाँ।

उत्तर: पुलिस और प्रशासन ने मनमानी की। बिना वारंट गिरफ्तारी, बलपूर्वक नसबंदी जैसे कार्य हुए। प्रशासनिक अधिकारियों ने राजनीतिक दबाव में काम किया।

9. भारत की दलीय प्रणाली पर आपातकाल का किस तरह असर हुआ? अपने उत्तर की पुष्टि उदाहरणों से करें।

उत्तर: आपातकाल के बाद भारत की दलीय प्रणाली में बड़ा बदलाव आया। विभिन्न विपक्षी दलों ने मिलकर ‘जनता पार्टी’ बनाई। आपातकाल के बाद कई राज्यों में भी विपक्षी दलों ने एकजुट होकर कांग्रेस का मुकाबला किया और कई राज्यों में विधान सभा चुनावों में उन्होंने आपस में मिलकर चुनाव लड़कर कांग्रेस को सत्ताहीन किया।

10. निम्नलिखित अवतरण को पढ़ें और इसके आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दें-

1977 के चुनावों के दौरान भारतीय लोकतंत्र, दो-दलीय व्यवस्था के जितना नजदीक आ गया था उतना पहले कभी नहीं आया। बहरहाल अगले कुछ सालों में मामला पूरी तरह बदल गया। हारने के तुरंत बाद कांग्रेस दो टुकड़ों में बँट गई….. जनता पार्टी में भी बड़ी अफरा-तफरी मची… डेविड बटलर, अशोक लाहिड़ी और प्रणव रॉय

पार्था चटर्जी

(क) किन वजहों से 1977 में भारत की राजनीति दो-दलीय प्रणाली के समान जान पड़ रही थी?

उत्तर: 1977 में अधिकांश विपक्षी दल ‘जनता पार्टी’ के रूप में एकजुट हो गए थे। यह स्थिति दो प्रमुख दलों वाली प्रणाली जैसी प्रतीत होती थी – एक ओर कांग्रेस और दूसरी ओर जनता पार्टी।

(ख) 1977 में दो से ज्यादा पार्टियाँ अस्तित्व में थीं। इसके बावजूद लेखकगण इस दौर को दो-दलीय प्रणाली के नजदीक क्यों बता रहे हैं?

उत्तर: लेखकगण इस दौर को दो दलीय प्रणाली के नजदीक इसलिए बता रहे हैं क्योंकि कांग्रेस कई टुकड़ों में बँट गई और जनता पार्टी में भी फूट हो गई परन्तु फिर भी इन दोनों प्रमुख पार्टियों के नेता संयुक्त नेतृत्व और साझे कार्यक्रम तथा नीतियों की बात करने लगे। इन दोनों गुटों की नीतियाँ एक जैसी थीं। दोनों में बहुत कम अंतर था। वामपंथी मोर्चे में सी.पी.एम. सी.पी.आई. फॉरवर्ड ब्लॉक, रिपब्लिकन पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों को हम इसने अलग मान सकते हैं।

(ग) कांग्रेस और जनता पार्टी में किन कारणों से टूट पैदा हुई?

उत्तर: कांग्रेस में इंदिरा गांधी की नीतियों को लेकर मतभेद हुए जिससे पार्टी विभाजित हो गई। जनता पार्टी में भी विचारधारात्मक टकराव, नेतृत्व की खींचतान और अनुशासनहीनता के कारण टूट पैदा हुई।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This will close in 0 seconds

Scroll to Top