NCERT Class 11 Creative Writing and Translation Chapter 3 मीडिया

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NCERT Class 11 Creative Writing and Translation Chapter 3 मीडिया

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Chapter: 3

1. आप कौन-सा अखबार पढ़ते हैं और उसमें आपको क्या अच्छा लगता है?

उत्तर: मैं “दैनिक भास्कर” अख़बार पढ़ना पसंद करता/करती हूँ, क्योंकि यह भारत का एक प्रमुख और विश्वसनीय हिंदी समाचार पत्र है। इसमें देश-दुनिया की ताज़ा खबरें सरल और स्पष्ट भाषा में दी जाती हैं, जिससे हर वर्ग के पाठक आसानी से समझ सकते हैं। मुझे इसमें खास तौर पर यह अच्छा लगता है कि यह सिर्फ राजनीति या अपराध की खबरें ही नहीं देता, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञान, रोजगार, मनोरंजन और सामाजिक मुद्दों पर भी बराबर ध्यान देता है। इसके विशेष लेख और संपादकीय भी बहुत विचारशील होते हैं, जो पाठकों को सोचने और जागरूक होने के लिए प्रेरित करते हैं। साथ ही, इसका डिज़ाइन और लेआउट भी आकर्षक होता है, जिससे पढ़ने में रुचि बनी रहती है। “दैनिक भास्कर” न केवल जानकारी का अच्छा स्रोत है, बल्कि यह एक जिम्मेदार नागरिक बनने में भी मदद करता है।

2. कल्पना कीजिए अगर समाचार मीडिया न होता तो दुनिया कैसी होती?

उत्तर: अगर समाचार मीडिया न होता, तो दुनिया एक अंधकारमय स्थान बन जाती, जहाँ लोगों को न तो देश-दुनिया की सही जानकारी मिलती और न ही वे अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझ पाते। मीडिया वह माध्यम है जो सरकार और जनता के बीच एक पुल का काम करता है। यह नागरिकों को उनके जन-प्रतिनिधियों के कार्यों की जानकारी देता है और उन्हें अपने निर्णय सोच-समझकर लेने का अवसर देता है। यदि समाचार मीडिया न हो, तो नागरिकों को यह भी न पता चले कि उनके लिए क्या सही है और क्या गलत, और लोकतंत्र केवल एक नाममात्र की व्यवस्था बनकर रह जाएगा। यही कारण है कि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। समाचार मीडिया न केवल लोगों को आपस में जोड़ता है, बल्कि उन्हें जागरूक और सचेत नागरिक बनने में भी मदद करता है। यह दुनिया की खिड़की खोलता है और हमें तथ्यपूर्ण, निष्पक्ष और सटीक जानकारी प्रदान करता है, जिससे हम सोच-समझकर निर्णय ले सकें और अपने समाज को बेहतर बना सकें।

3. ‘सचिन का क्रेडिट कार्ड गुम हो गया’- यह समाचार बनने योग्य है या नहीं? क्यों / क्यों नहीं?

उत्तर: ‘सचिन का क्रेडिट कार्ड गुम हो गया’ — यह समाचार तभी समाचार बनने योग्य माना जाएगा जब:

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(i) सचिन कोई प्रसिद्ध व्यक्ति हो, जैसे कि सचिन तेंदुलकर (क्रिकेटर), तो यह खबर महत्वपूर्ण हो सकती है क्योंकि इससे उनकी सुरक्षा या निजी जानकारी से जुड़ी चिंता हो सकती है।

(ii) लेकिन अगर “सचिन” एक आम नागरिक है, तो यह खबर समाचार की श्रेणी में नहीं आती, क्योंकि समाचार वही होता है जो जनहित में हो, व्यापक प्रभाव डाले या किसी सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक संदर्भ से जुड़ा हो।

4. मौसम हमारी जिंदगी को प्रभावित करता है, लेकिन इससे जुड़ी खबरें सिर्फ़ आँकड़ों तक सीमित होकर रह जाती हैं। आप कुछ मौसम बुलेटिन देखिए और सुनिए। अब आप एक रोचक मौसम बुलेटिन तैयार कीजिए।

उत्तर: नमस्कार! प्रस्तुत है आज का रोचक और जीवंत मौसम बुलेटिन।

देश की राजधानी दिल्ली में आज मौसम का मिज़ाज कुछ बदला-बदला नजर आ रहा है। सुबह हल्की धूप खिली, लेकिन दोपहर बाद बादलों की आवाजाही शुरू हो गई है। मौसम विभाग के अनुसार, शाम तक हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है, जिससे गर्मी से थोड़ी राहत मिलेगी। वहीं, मुंबई में मानसून धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहा है। आज दिन भर रुक-रुक कर बारिश हो सकती है, इसलिए ऑफिस जाने वाले लोग छाता जरूर साथ रखें।

उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों—हिमाचल और उत्तराखंड में ठंडी हवाएं चल रही हैं और कुछ ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी की भी खबर है, जिससे तापमान में गिरावट आई है। दक्षिण भारत के शहरों जैसे बेंगलुरु और चेन्नई में आज मौसम सुहावना रहने वाला है—न ज़्यादा गर्मी, न ज़्यादा ठंड।

इस बदलते मौसम के बीच सावधानी बरतना ज़रूरी है। अपने कपड़ों और सेहत का ख्याल रखें, खासकर बच्चे और बुज़ुर्ग। तो मौसम का मज़ा लीजिए, लेकिन समझदारी के साथ!

5. ‘राजधानी का सबसे ठंडा दिन’ यह एक समाचार है, इसका शीर्षक बदलकर आकर्षक ढंग से लिखिए।

उत्तर: यहाँ “राजधानी का सबसे ठंडा दिन” समाचार के लिए कुछ आकर्षक और रोचक शीर्षक दिए गए हैं:

(i) “ठिठुर गई दिल्ली: सर्दी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड”

(ii) “कंपकंपाती ठंड ने राजधानी को किया जकड़”

(iii) “दिल्ली में शीतलहर का कहर, पारा लुढ़का न्यूनतम पर”

(iv) “सर्दी ने मचाया कहर, राजधानी में जमने जैसा एहसास”

(v) “इस सर्दी दिल्ली हुई ढेर, बना सबसे ठंडा दिन”

6. वार्तालाप और साक्षात्कार में क्या अंतर है?

उत्तर: वार्तालाप और साक्षात्कार में अंतर को संक्षिप्त रूप में इस प्रकार समझा जा सकता है:

वार्तालाप दो या अधिक व्यक्तियों के बीच सामान्य बातचीत होती है, जो आपसी विचारों, अनुभवों या जानकारी को साझा करने के उद्देश्य से होती है। इसमें सभी प्रतिभागी बराबरी के आधार पर अपने विचार व्यक्त करते हैं, और यह औपचारिक या अनौपचारिक दोनों हो सकता है।

वहीं, साक्षात्कार एक विशेष संरचना वाला संवाद होता है, जिसमें एक व्यक्ति (साक्षात्कारकर्ता) दूसरे व्यक्ति (साक्षात्कृत) से पूर्व-निर्धारित विषय पर प्रश्न पूछता है। इसका उद्देश्य उस व्यक्ति के विचार, अनुभव, जानकारी या दृष्टिकोण को जानना होता है। यह एक दिशा में केंद्रित होता है और इसमें प्रश्नकर्ता की भूमिका प्रमुख होती है।

मुख्य अंतर यह है कि वार्तालाप में सभी प्रतिभागी बराबरी से भाग लेते हैं, जबकि साक्षात्कार में एक पूछता है और दूसरा उत्तर देता है। साथ ही, साक्षात्कार आमतौर पर किसी उद्देश्य या जानकारी एकत्र करने के लिए लिया जाता है, जबकि वार्तालाप सहज और सामान्य हो सकता है।

7. हाल में पढ़ी हुई किसी पुस्तक या देखी हुई किसी एक फिल्म की समीक्षा लिखिए।

उत्तर: फिल्म समीक्षा: 12वीं फेल

निर्देशक: विद्यु विनोद चोपड़ा

मुख्य कलाकार: विक्रांत मैसी, मेधा शंकर

“12वीं फेल” एक प्रेरणादायक और सच्ची कहानी पर आधारित फिल्म है, जो लाखों विद्यार्थियों की ज़िंदगी से जुड़ी हुई लगती है। यह फिल्म मनोज कुमार शर्मा नामक एक गरीब लेकिन जुझारू युवक की कहानी है, जो 12वीं कक्षा में फेल हो जाने के बावजूद हार नहीं मानता और कड़ी मेहनत से IPS अधिकारी बनता है।

फिल्म की सबसे बड़ी खूबी इसकी सादगी और ईमानदारी है। विक्रांत मैसी ने मनोज के किरदार में जान डाल दी है। उनका अभिनय इतना स्वाभाविक है कि दर्शक खुद को उस किरदार में देखने लगता है। फिल्म में दिखाए गए संघर्ष, असफलताएँ और अंत में सफलता का स्वाद—सब कुछ बहुत यथार्थपूर्ण और प्रेरक है।

फिल्म यह संदेश देती है कि असफलता अंत नहीं है, बल्कि एक नई शुरुआत हो सकती है अगर व्यक्ति में आत्मविश्वास और मेहनत करने का जज़्बा हो। “12वीं फेल” सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि हर उस छात्र के लिए उम्मीद की किरण है जो अपने सपनों के लिए लड़ रहा है।

कुल मिलाकर, यह फिल्म भावनात्मक, प्रेरणादायक और सामाजिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह हमें सिखाती है कि परिस्थितियाँ चाहे जैसी भी हों, हिम्मत और लगन से कोई भी लक्ष्य पाया जा सकता है।

8. किसी पढ़ी हुई कहानी के कथानक, भाषा, प्रस्तुति, संवाद, शैली और पात्रों के आधार पर उसकी समीक्षा कीजिए। उसकी खूबियों और कमियों को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: कहानी समीक्षा: काबुलीवाला

लेखक: रवींद्रनाथ ठाकुर

“काबुलीवाला” एक बेहद भावुक और दिल को छू लेने वाली कहानी है, जो एक अफगानी विक्रेता और एक छोटी बंगाली बच्ची मिनी के बीच बने मासूम रिश्ते को दर्शाती है। मिनी की चंचलता और काबुलीवाला की सादगी भरी ममता, पाठकों को एक अलग ही दुनिया में ले जाती है। काबुलीवाला, जो अपनी बेटी से दूर है, मिनी में उसकी छवि देखता है और उसके साथ एक भावनात्मक रिश्ता बना लेता है।

कहानी की भाषा बेहद सरल, स्वाभाविक और भावनाओं से भरपूर है। संवाद कम होते हुए भी असरदार हैं और पात्र इतने जीवंत हैं कि वे पाठक के मन में बस जाते हैं। लेखक की शैली शांत, सौम्य और संवेदनशील है, जो कहानी को खास बना देती है।

इसकी सबसे बड़ी खूबी इसकी मानवीय संवेदना है—जो धर्म, भाषा और देश की सीमाओं से ऊपर उठकर एक पिता के प्रेम को दिखाती है। कमी केवल इतनी है कि अंत थोड़ा उदास करता है, लेकिन वही इसकी ताकत भी बन जाती है। कुल मिलाकर, “काबुलीवाला” एक ऐसी कहानी है जो पाठकों को भीतर तक छू जाती है और लंबे समय तक याद रहती है।

9. एक साहित्यकार / कलाकार के साक्षात्कार से पहले आप क्या तैयारी करेंगे? उनसे पूछे जाने वाले कुछ सवालों की एक सूची बनाइए?

उत्तर: किसी साहित्यकार या कलाकार का साक्षात्कार लेने से पहले अच्छी तैयारी करना बहुत ज़रूरी होता है। सबसे पहले मैं उस व्यक्ति के जीवन, कार्यों, प्रमुख रचनाओं या कलाकृतियों के बारे में गहराई से अध्ययन करूँगा/करूँगी। उनकी भाषा, शैली, सोच और योगदान को समझने की कोशिश करूँगा/करूँगी ताकि साक्षात्कार के दौरान उनसे जुड़े सवालों को समझदारी से पूछ सकूँ। इसके साथ ही, मैं उनके पूर्व साक्षात्कारों को भी पढ़ूँगा/पढ़ूँगी ताकि दोहराव से बचा जा सके और कुछ नए दृष्टिकोण सामने आएँ।

साक्षात्कार के लिए कुछ संभावित सवाल इस प्रकार हो सकते हैं:

(i) आपकी रचनात्मक यात्रा की शुरुआत कैसे हुई?

(ii) आपकी लेखनी या कला को सबसे ज़्यादा प्रेरणा किससे मिलती है?

(iii) आपके लेखन/कला में समाज का कितना प्रभाव होता है?

(iv) आपको किन साहित्यकारों या कलाकारों से प्रेरणा मिली?

(v) आपके लिए रचना का सबसे कठिन चरण कौन-सा होता है?

(vi) क्या कभी ऐसा समय आया जब आपने लिखना/बनाना छोड़ने का सोचा?

(vii) आज के युवा रचनाकारों को आप क्या संदेश देना चाहेंगे?

(viii) आपकी सबसे प्रिय रचना या कला-कृति कौन-सी है और क्यों?

(ix) क्या आपकी रचनाओं में आपके जीवन के अनुभव झलकते हैं?

(x) भविष्य में आप किस तरह की रचनाएँ या प्रयोग करना चाहते हैं?

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