NCERT Class 11 Sangeet Chapter 7 स्वर-ताल लिपि पद्धतियाँ

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NCERT Class 11 Sangeet Chapter 7 स्वर-ताल लिपि पद्धतियाँ

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Chapter: 7

हिंदुस्तानी संगीत गायन एवं वादन

अभ्यास

आइये, देखते हैं क्या इस पाठ को पढ़कर हम निम्न प्रश्नों के उत्तर दे सकते हैं-

1. भातखण्डे स्वरलिपि पद्धति में अपने पाठ्यक्रम के किसी राग के द्रुत ख्याल की बंदिश लिखिए।

उत्तर: राग भैरव की त्रिताल में मध्य लय की एक बंदिश इस प्रकार है: “धन धन मूरत कृष्ण मुरारी”।

2. अपने पाठ्यक्रम के किन्ही दो रागों के द्रुत ख्याल में आठ मात्रा की चार तानें लिखिए।

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उत्तर: दो रागों के द्रुत ख्याल में आठ मात्रा की चार तानें है—

(i) सा रे ग म’ रे ग म प म’ ग रे।

(ii) ग म’ प ध नि ध प म’ ग रे।

(iii) नि रे ग म’ ग म प ध प।

(iv) ग म’ प ग रे ग म’ ग रे सा।

3. विष्णु दिगम्बर पलुस्कर ताल-लिपि पद्धति के प्रमुख चिह्नों को समझाइए।

उत्तर: विष्णु दिगम्बर पलुस्कर ताल-लिपि पद्धति के प्रमुख चिह्न है—

(i) सा रे ग प ध प ग रे।

(ii) ध प ग प ध ग प रे।

(iii) ग रे सा ग प ग ध प।

(iv) रे सा ध प ग प रे सा।

4. भातखण्डे स्वरलिपि पद्धति में शुद्ध व विकृत स्वरों को लिखने की विधि उदाहरण सहित समझाइए।

उत्तर: शुद्ध स्वरों को दर्शाने के लिए किसी चिह्न का प्रयोग नहीं किया जाताः जैसे रेगमपध।

कोमल स्वरों को दर्शाने के लिए स्वर के नीचे आड़ी रेखा खींचते हैं: जैसे- रे, ग, ध, नि।

तीव्र स्वर के लिए स्वर के ऊपर खड़ी रेखा खींचते हैं: जैसे तीव्र मध्यम (म)।

5. विष्णु दिगम्बर पलुस्कर स्वरलिपि पद्धति में मंद्र, मध्य व तार सप्तक के स्वरों को लिखने की विधि पर उदाहरण सहित प्रकाश डालिए।

उत्तर: मंद्र सप्तक के स्वरों के नीचे बिंदु लगाते हैं: जैसे- स नि ध प।

मध्य सप्तक के स्वरों के लिए कोई चिह्न नहीं: जैसे- स रे ग म।

तार सप्तक के स्वरों के ऊपर बिंदु लगाते हैं: जैसे- सं रें गं रें सं।

6. निम्नलिखित चिह्नों को पहचानिए। चिह्न जिस पद्धति में प्रयोग किए जाते हैं उनका नाम दीजिए।

उत्तर: चिह्नों की पहचान और पद्धति:

(i) सम (ताल का पहला भाग, ठेका का प्रारंभ)।

(ii) ताली (ताल में हाथ से ताली देने का संकेत)।

(iii) मात्रा संख्या दर्शाता है (यहाँ 9 मात्रा की ताल हो सकती है)।

(iv) खाली (ताल का खंड जहाँ ताली नहीं, बल्कि खालि हाथ से संकेत होता है)।

(v) स्वर (मध्यम और गांधार)।

(vi) स्वर (गांधार और ऋषभ)।

(vii) स्वर (निषाद, धैवत, पंचम)।

(viii) मंद्र सप्तक का संकेत (नीचे के स्वर)।

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