NCERT Class 11 Sangeet Chapter 14 तबला एवं पखावज वाद्यों की उत्पत्ति एवं विकास

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NCERT Class 11 Sangeet Chapter 14 तबला एवं पखावज वाद्यों की उत्पत्ति एवं विकास

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Chapter: 14

तबला एवं पखावज

अभ्यास

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. तबला वाद्य किस शताब्दी में लोकप्रिय हुआ?

(क) पंद्रहवीं शताब्दी।

(ख) सोलहवीं शताब्दी।

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(ग) सत्रहवीं शताब्दी।

(घ) अठारहवीं शताब्दी।

उत्तर: (घ) अठारहवीं शताब्दी।

2. प्रसिद्ध गायक सदारंग और अदारंग के भाई का नाम क्या था?

(क) अमीर खुसरो।

(ख) भरत।

(ग) खुसरो खाँ।

(घ) विलायत हुसैन।

उत्तर: (ग) खुसरो खाँ।

3. भारतीय संगीत वाद्य पुस्तक के लेखक कौन है?

(क) भरतमुनि।

(ख) आचार्य बृहस्पति।

(ग) लालमणि मिश्र।

(घ) प्रेमलता शर्मा।

उत्तर: (ग) लालमणि मिश्र।

4. भरतमुनि द्वारा रचित ग्रंथ कौन-सा है?

(क) संगीत रत्नाकर।

(ख) बृहदेशी।

(ग) नाट्यशास्त्र।

(घ) दत्तिलम।

उत्तर: (ग) नाट्यशास्त्र।

5. पखावज को प्राचीन काल में किस नाम से जाना जाता था?

(क) आलिंग्य।

(ख) आंकिक।

(ग) ऊर्ध्वक।

(घ) एकमुखी।

उत्तर: (ख) आंकिक।

6. भरतकाल में वाद्यों के खोल किससे बनाए जाते थे?

(क) लकड़ी।

(ख) मिट्टी।

(ग) काँसा।

(घ) ताँबा।

उत्तर: (क) लकड़ी।

7. पखावज के बायें मुख पर किसका लेप लगाया जाता है?

(क) लौह चूर्ण।

(ख) स्याही।

(ग) गीला आटा।

(घ) इनमें से कोई नहीं।

उत्तर: (ग) गीला आटा।

8. मृदंग वाद्य किस श्रेणी के अंतर्गत आता है?

(क) तत्।

(ख) घन।

(ग) सुषिर।

(घ) अवनद्ध।

उत्तर: (घ) अवनद्ध।

9. आबान ए, मिस्त्री किस वाद्य की विशेषज्ञ रही थी?

(क) तबला।

(ख) पखावज।

(ग) ढोलक।

(घ) हारमोनियम।

उत्तर: (क) तबला।

10. राधा गोविन्द संगीत सार के लेखक कौन थे?

(क) योगमाया शुक्ल।

(ख) सवाई प्रताप सिंह।

(ग) जयदेव।

(घ) तानसेन।

उत्तर: (ग) जयदेव।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

1. तबला शब्द किस भाषा और संज्ञा से लिया गया है?

उत्तर: तबला शब्द अरबी भाषा और संज्ञा से लिया गया है

2. भरतमुनि ने किस ग्रंथ की रचना की है?

उत्तर: भरतमुनि ने नाट्यशास्त्र ग्रंथ की रचना की है।

3. पंजाब प्रांत में तबले के बायें को क्या कहा जाता है?

उत्तर: पंजाब प्रांत में तबले के बायें को धामा कहा जाता है।

4. तबला तथा पखावज वाह्य किस श्रेणी के अंतर्गत आते हैं?

उत्तर: तबला तथा पखावज वाह्य अवनद्ध वाद्य श्रेणी के अंतर्गत आते हैं।

5. अमीर खुसरो किसके दरबारी कवि थे?

उत्तर: अमीर खुसरो अलाउद्दीन खिलजी के दरबारी कवि थे।

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. शास्त्रीय संगीत में तबला वाद्य की भूमिका को समझाइए।

उत्तर: शास्त्रीय संगीत में तबला एक महत्वपूर्ण ताल वाद्य है जो संगीत में लयबद्ध संगत प्रदान करता है। यह मुख्य रूप से हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में उपयोग किया जाता है, लेकिन इसका उपयोग कर्नाटक संगीत और सुगम संगीत में भी किया जाता है। तबला गायन, वाद्य संगीत और नृत्य के साथ-साथ एक साथ लयबद्ध आधार प्रदान करता है।

2. आंकिक शब्द से आप क्या समझते हैं? परिभाषित कीजिए।

उत्तर: आंकिक शब्द का अर्थ संख्याओं, आंकड़ों और गणितीय गणनाओं से संबंधित किसी चीज का उल्लेख करना है। यह शब्द गणित, सांख्यिकी, कंप्यूटर विज्ञान और अन्य क्षेत्रों में प्रयोग किया जाता है जहां संख्याओं और आंकड़ों का उपयोग किया जाता है।

आंकिक, ऊर्ध्वक और आलिंग्या दो ऊर्ध्वाधर खड़े भागों को ऊर्ध्वक और आलिंग्य, जबकि लेटे हुए भाग को आंकिक कहा जाता था, जो अंक अर्थात् गोद में रखकर बजाया जाता था। सातवीं शताब्दी के बाद धीर-धीरे त्रिपुष्कर की इस आकृति में परिवर्तन होता गया और बारहवीं-तेरहवीं शताब्दी तक वह पूरी तरह परिवर्तित हो चुका था। उससे ऊर्ध्वक और आलिंग्य हिस्से हट गए और आंकिक जो कि अंक में रखकर बजाया जाता था, वही भाग बच गया, जो आगे चलकर मृदंग के नाम से प्रचलित हुआ। 

3. तबला एवं परखावज के विभिन्न अंगों के नाम लिखिए।

उत्तर: तबला और पखावज के विभिन्न अंगों के नाम निम्नलिखित हैं-

तबला के अंगः

(i) दाएँ सिरा: यह तबले का बड़ा भाग होता है, जिसे मुख्यतः ऊँची ध्वनि उत्पन्न करने के लिए बजाया जाता है।

(ii) बायाँ सिरा: यह तबले का छोटा भाग होता है, जो गहरी और भारी ध्वनि उत्पन्न करता है।

पखावज के अंगः

(i) दाएँ मखु: पखावज का मुख्य मखु जो गंभीर नाद उत्पन्न करता है।

(ii) बायाँ सिरा: पखावज का दूसरा मखु जो हलकी और मृदु ध्वनि उत्पन्न करता है।

4. क्या आपने कभी कोई त्रिभुजी वाद्य देखा है? उसका सचित्र वर्णन कीजिए।

उत्तर: नहीं।

5. कुछ प्रसिद्ध तबला वादकों के विषय में विस्तारपूर्वक लिखिए।

उत्तर: (i) पंडित किशन महराज: भारतीय शास्त्रीय संगीत के महान तबला वादक, जिन्होंने “तलवाद्य” की नई परिभाषा दी और तबला को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध किया।

(ii) पंडित स्वप्न महापात्र: समर्पित तबला वादक, जिन्होंने पंडित किशन महराज और उस्ताद हुमायूं खान से शिक्षा ली, और भारतीय शास्त्रीय संगीत के विभिन्न रागों और त़ालों में महारत हासिल की।

(iii) उस्ताद शौकत अली खान: प्रसिद्ध तबला वादक, जिनकी कला की गहरी समझ और परिपक्वता ने उन्हें भारतीय संगीत की दुनिया में खास पहचान दिलाई।

(iv) उस्ताद इलियास खान: महान तबला वादक, जिनकी त्वरित गति और ताल पर महारत थी, और जिन्होंने भारतीय संगीत की हर धारा में योगदान दिया।

(v) पंडित अनिरुद्ध चटर्जी: महान तबला वादक, जिनकी तकनीकी निपुणता और लय की उत्कृष्टता ने उन्हें विशेष स्थान दिलाया।

(vi) पंडित रामनाथ: प्रसिद्ध तबला वादक, जिन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत में उत्कृष्टता और लय की निपुणता से योगदान दिया।

6. तबला एवं पखावज वाद्य की समानताओं और असमानताओं पर प्रकाश डालिए?

उत्तर: तबला एवं पखावज वाद्य की समानताएँ है—

(i) दोनों वाद्य अवनद्ध वाद्य श्रेणी में आते हैं, जिनमें चमड़े की सतह पर आघात कर ध्वनि उत्पन्न होती है।

(ii) दोनों का प्रयोग मुख्यतः ताल देने के लिए किया जाता है।

(iii) दोनों वाद्य शास्त्रीय संगीत, विशेषकर हिंदुस्तानी संगीत में संगत के लिए प्रयोग किए जाते हैं।

(iv) तबला और पखावज दोनों का उपयोग गायन, वादन और नृत्य में तालबद्धता के लिए किया जाता है।

तबला एवं पखावज वाद्य की असमानताएँ है—

तबलापखावज
तबला दो अलग-अलग आकार के ढोलों का एक सेट होता है।पखावज एक एकल ढोल होता है।
तबले में उंगलियों का अधिक उपयोग किया जाता है।पखावज में हथेली का प्रयोग अधिक होता है।
तबले की ध्वनि अधिक तेज और मधुर होती हैपखावज की ध्वनि अधिक गहरी और गंभीर होती है।
तबले पर अधिक जटिल और विविध बोल बजाए जा सकते हैं।पखावज पर सरल और शक्तिशाली बोलों का प्रयोग किया जाता है।

रिक्त्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. भरत का काल लगभग ____________ शताब्दी माना जाता है।

उत्तर: भरत का काल लगभग दूसरी शताब्दी माना जाता है।

2. पखावज के दाहिने मुख पर ___________ का लेपन किया जाता है।

उत्तर: पखावज के दाहिने मुख पर गिला आटा का लेपन किया जाता है।

3. ____________ ग्रंथ में मृदंग का उल्लेख प्राप्त होता है।

उत्तर: नाट्यशास्त्र ग्रंथ में मृदंग का उल्लेख प्राप्त होता है।

4. आंकिक को वर्तमान में __________ नाम से जाना जाता है।

उत्तर: आंकिक को वर्तमान में रिमझिम नाम से जाना जाता है।

5. प्रसिद्ध कवि अमीर खुसरो का समयकाल ____________ रहा।

उत्तर: प्रसिद्ध कवि अमीर खुसरो का समयकाल 13वीं और 14वीं शताब्दी रहा।

सुमेलित कीजिए

(क) कैलाशचन्द्र देव बृहस्पति1. पखावज और तबला के घराने एवं परंपराएँ
(ख) आबान ए. मिस्त्री2. नाट्यशास्त्र
(ग) लालमणि मिश्र3. मुसलमान और भारतीय संगीत
(घ) सवाई प्रताप सिंह देव4. भारतीय संगीत वाद्य
(ङ) भरतमुनि5. राधा गोविन्द संगीत सार

उत्तर: 

(क) कैलाशचन्द्र देव बृहस्पति1. पखावज और तबला के घराने एवं परंपराएँ
(ख) आबान ए. मिस्त्री3. मुसलमान और भारतीय संगीत
(ग) लालमणि मिश्र4. भारतीय संगीत वाद्य
(घ) सवाई प्रताप सिंह देव5. राधा गोविन्द संगीत सार
(ङ) भरतमुनि2. नाट्यशास्त्र

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