NCERT Class 11 Sangeet Chapter 15 ताल-लिपि पद्धति एवं विभिन्न ठेके

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Chapter: 15

तबला एवं पखावज

अभ्यास

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. झपताल में पाँचवीं मात्रा पर कौन-सा बोल है?

(क) ती।

(ख) ना।

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(ग) धी। 

(घ) धीना।

उत्तर: (ख) ना।

2. एकताल में कितने विभाग होते हैं?

(क) 12

(ख) छह।

(ग) तीन।

(घ) दो।

उत्तर: (ख) छह।

3. दादरा में कितनी मात्राएँ हैं?

(क) दो।

(ख) तीन।

(ग) चार।

(घ) छह।

उत्तर: (घ) छह।

4. कहरवा ताल में कितने ताल के चिह्न होते हैं?

(क) पाँच।

(ख) एक।

(ग) तीन।

(घ) दो।

उत्तर: (घ) दो।

5. रूपक ताल का सम कहाँ दिखाया जाता है?

(क) पहली मात्रा।

(ख) चौथी मात्रा।

(ग) तीसरी मात्रा।

(घ) छठी मात्रा।

उत्तर: (क) पहली मात्रा।

6. दादरा ताल में कितने विभाग होते हैं?

(क) तीन।

(ख) दो।

(ग) चार।

(घ) एक।

उत्तर: (ख) दो।

7. तीनताल कितनी मात्राओं का होता है?

(क) 12

(ख) आठ।

(ग) 16

(घ) 18

उत्तर: (ग) 16

रिवत्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. ताल का नाम _____________।

1234567891011121314
क धि  टधाति
___3

उत्तर: ताल का नाम धमार है।

2. ताल का नाम _____________।

12345678910111213141516
धा धि  धातिताताधा 
12__3

उत्तर: ताल का नाम त्रिताल है।

3. ताल का नाम _____________।

123456789101112
धि धागेतूनातिरकीटना
×04

उत्तर: ताल का नाम एकताल है।

4. ताल का नाम _____________।

1267
धी‌‌ नाधी‌‌धी‌‌तीधी ना
23

उत्तर: ताल का नाम झपताल है। 

5. ताल का नाम _____________।

123567
तीं तीं नाधी‌‌धी
2

उत्तर: ताल का नाम रूपक ताल है।

6. ताल का नाम _____________।

123456
धानाधाती 
×

उत्तर: ताल का नाम दादरा।

7. ताल का नाम _____________।

12345678
धाना ना धि  
×0

उत्तर: ताल का नाम करहवा ताल है।

8. ताल का नाम _____________।

1256910
धाधादिंधातिटगन
24

उत्तर: ताल का नाम चौताल है।

9. ताल का नाम _____________।

1236781112
धा धा किट तातिटगन
×024

उत्तर: ताल का नाम सूलताल है।

10. ताल का नाम _____________।

126781314
धिधातिट ता
×03

उत्तर: ताल का नाम सूलताल है।

11. ताल का नाम _____________।

1237
धा कत  गदि
×2

उत्तर: ताल का नाम तीव्रा या तेवरा है।

सुमेलित कीजिए

(क) क्रमिक पुस्तक मालिका1. धमार
(ख) गांधर्व महाविद्यालय2. 1901
(ग) धागे तिरकिट बोल3. 9, 10, 11, 12
(घ) चारताल में तिटकत गदिगन4. विष्णु नारायण भातखंडे
(ङ) सूलताल की जाति5. एकताल
(च) छोटी गायन की ताल6. चतस्त्र जाति

उत्तर: 

(क) क्रमिक पुस्तक मालिका4. विष्णु नारायण भातखंडे
(ख) गांधर्व महाविद्यालय2. 1901
(ग) धागे तिरकिट बोल1. धमार
(घ) चारताल में तिटकत गदिगन5. एकताल
(ङ) सूलताल की जाति6. चतस्त्र जाति
(च) छोटी गायन की ताल3. 9, 10, 11, 12

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

1. नाट्यशास्त्र में ताल को किस तरह प्रदर्शित किया गया है?

उत्तर: नाट्यशास्त्र में ताल को लघु, गुरु और प्लुत से क्रमशः एक मात्रा, दो मात्रा एवं तीन मात्राओं को प्रदर्शित किया गया है।

2. नाट्यशास्त्र में प्रयोग किए गए तालों के चिह्नों को बताइए।

उत्तर: नाट्यशास्त्र में प्रयोग किए गए तालों के चिह्न हैं: लघु के लिए 1, गुरु के लिए ऽ, और प्लुत के लिए ऽऽ।

3. लाहौर में सन् 1901 में किसने और कौन-से संगीत महाविद्यालय की स्थापना की थी?

उत्तर: लाहौर में सन् 1901 में पंडित विष्णु दिगंबर पलुस्कर ने  गांधर्व संगीत महाविद्यालय की स्थापना की थी।

4. पंडित विष्णु दिगम्बर पलुस्कर के दो महान शिष्यों के नाम बताइए।

उत्तर: पंडित विष्णु दिगम्बर पलुस्कर के दो महान शिष्यों के नाम है— पंडित ओंकारनाथ ठाकुर और पंडित विनायक राव पटवर्धन।

5. उस्ताद अहमद जान थिरकवा किस वाद्य यंत्र के महारथी थे?

उत्तर: उस्ताद अहमद जान थिरकवा तबला वाद्य यंत्र के महारथी थे।

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न

1. तीनताल का तिगुन लिखिए।

उत्तर: तीनताल का तिगुन है—

2. धमार ताल के बोल लिखकर उसका दुगुन लिखिए।

उत्तर: धमार ताल के बोल है— क घि ट घि ट धा ऽ ग ति ट ति ट ता ऽ क।

उसका दुगुन है—

3. ध्रुपद में किन-किन तालों का प्रयोग होता है? उन तालों का तिगुन और चौगुन लिखिए।

उत्तर: ध्रुपद में चारताल, सूलताल और तीव्रा ताल का प्रयोग होता है। 

चारताल के दुगुन और चौगुन है—

सूलताल के दुगुन और चौगुन है—

तीव्रा ताल के दुगुन और चौगुन है—

4. हिंदुस्तानी ताल पद्धति में किस ताल में सिर्फ़ आठ मात्राएँ हैं? उस ताल को विस्तृत रूप में लिखिए।

उत्तर: हिंदुस्तानी ताल पद्धति में कहरवा ताल में सिर्फ़ आठ मात्राएँ हैं। यह ताल लोक संगीत, भजन, ग़ज़ल, फिल्मी गीतों आदि में बहुत अधिक प्रयुक्त होती है। इसका प्रयोग बहुत सामान्य और लयात्मक होता है।

कहरवा ताल का विस्तृत रूपः

मात्राएँ: 8

विभाग (विभाजन): 2 (4 + 4)

तालचिन्ह (ताली और खाली):

ताली (सम): 1वें मात्रे पर

खाली: 5वें मात्रे पर

5. पखावज पर बजने वाला सूलताल कितनी मात्राओं का होता है? एक गुन लिखकर बताइए।

उत्तर: पखावज पर बजने वाला सूलताल 10 मात्राओं का होता है।

6. बिलम्बित खयाल गाने के लिए किन-किन तालों का प्रयोग किया जाता है। उन तालों को ताल पद्धति के अनुसार लिखकर बताइए।

उत्तर: बिलम्बित खयाल गाने के लिए एकताल, त्रिताल आदि तालों का प्रयोग किया जाता है।

एकताल के पद्धति है—

1      23      45       67         891011         12
धि     धींधागे  तिरकीततू       नाक       त्ताधागेतिरकीट‌   घिन    ना
×02034

त्रिताल के पद्धति है—

12345678910111213141516
धा    धिं         धीं धाधा    धिं         धीं धातिं तिंति ताता    धिं         धीं धा
1203

7. विष्णु नारायण भातखंडे द्वारा बनाई गई ताल पद्धति के चिह्नों का वर्णन कीजिए।

उत्तर: विष्णु नारायण भातखंडे द्वारा बनाई गई ताल पद्धति के चिह्नों का वर्णन है—

(i) प्रथम मात्रा से अंतिम मात्रा तक को ताल चिह्नों एवं ठेके के बोलों सहित प्रदर्शित किया जाता है।

(ii) उत्तर भारतीय संगीत पद्धति में ताल की प्रथम मात्रा हमेशा ही सम होती है। इस ताल पद्धति में सम के चिह्न को दर्शाने के लिए ‘x’ का प्रयोग किया जाता है।

(iii) खाली के चिह्न को दर्शाने के लिए ‘0’ का प्रयोग किया जाता है। खाली एक से अधिक होने पर भी उसे ‘0’ से ही प्रदर्शित किया जाता है। रूपक ताल में पहली मात्रा पर खाली होती है, किंतु वह सम भी है। अतएव रूपक में प्रथम मात्रा पर खाली का चिह्न प्रदर्शित किया जाता है और इसलिए चौथी मात्रा पर प्रथम ताली के रूप में ताली की संख्या एक ‘1’ लिखी जाती है तथा छठी मात्रा पर दूसरी ताली होती है।

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