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NCERT Class 11 Sangeet Chapter 6 राग परिचय एवं बंदिशें
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राग परिचय एवं बंदिशें
Chapter: 6
हिंदुस्तानी संगीत गायन एवं वादन
अभ्यास
विभाग ‘अ’ के शब्दों का ‘आ’ विभाग में दिए गए शब्दों से मिलान करें-
अ | आ |
(क) राग भैरव का घाट | 1. प्रातःकाल |
(ख) कोमल स्वा | 2 स रे ग म, प ध, नि सं |
(ग) गायन समय | 3. जागो मोहन प्यारे |
(घ) आरोह | 4. भैरव |
(ड) अवरोह | 5. रे ध |
(च) आधारित गीत | 6. सं नि ध, प म ग रे स |
उत्तर:
अ | आ |
(क) राग भैरव का घाट | 4. भैरव |
(ख) कोमल स्वा | 5. रे ध |
(ग) गायन समय | 1. प्रातःकाल |
(घ) आरोह | 2 स रे ग म, प ध, नि सं |
(ड) अवरोह | 6. सं नि ध, प म ग रे स |
(च) आधारित गीत | 3. जागो मोहन प्यारे |
रिक्त्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
1. राग भैरव की जाति ___________ है।
उत्तर: राग भैरव की जाति संपूर्ण है।
2. राग भैरव को कर्नाटक संगीत में __________ राग के नाम से जाना जाता है।
उत्तर: राग भैरव को कर्नाटक संगीत में मायामालवगौल राग के नाम से जाना जाता है।
3. इसका वादी _________ व _________ संवादी स्वर है।
उत्तर: इसका वादी ध व रे संवादी स्वर है।
4. इसके ___________ व __________ पर आंदोलन किया जाता है।
उत्तर: इसके रे व ध पर आंदोलन किया जाता है।
5. ‘अम्मा रोटी दे, बाबा रोटी दे’ गीत ___________ फिल्म से लिया गया है।
उत्तर: ‘अम्मा रोटी दे, बाबा रोटी दे’ गीत समास को बदल डालो फिल्म से लिया गया है।
सही या गलत बताइए-
1. राग भैरव में ठुमरी ज्यादा गाई जाती है। (सही/गलत)
उत्तर: गलत।
2. यह अपने राग का आश्रय राग नहीं है। (सही/गलत)
उत्तर: सही।
3. इस राग में ध्रुपद व तराना भी गाया जाता है। (सही/गलत)
उत्तर: सही।
4. प्रसिद्ध फिल्म बैजू बावरा (1952) में सिनेमा जगत में प्रदर्शित की गई थी। (सही/गलत)
उत्तर: सही।
5. राग भैरव सायंकालीन राग है। (सही/गलत)
उत्तर: गलत।
इन प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
1. राग भैरव पर आधारित कोई एक श्लोक लिखिए तथा उसका भावार्थ बताइए।
उत्तर: श्लोकः
भैरव थाट रे ध कोमल, धैवत ऋषभ सम्वाद।
प्रातः समय गुनी जन गावत, भैरव पुरण राग।।
भावार्थः यह श्लोक राग भैरव की विशेषताओं का वर्णन करता है। यहां बताया गया है कि भैरव थाट में रे (ऋषभ) और ध (धैवत) कोमल स्वर होते हैं। वादी स्वर धैवत और संवादी स्वर ऋषभ होता है। इसका गायन प्रातःकाल में होता है और इसे गुणीजन पूर्ण राग भी मानते हैं।
2. राग भैरव पर आधारित कोई एक बंदिश की स्वरलिपि लिखिए।
उत्तर: राग भैरव-त्रिताल (मध्य लय)
स्थायी धन धन मूरत कृष्ण मुरारी सुलच्छन गिरिधारी छबि सुंदर लागे अति प्यारी
अंतरा बंसी घर मन मोहन सुहावे बलि बलि जाऊँ मोरे मन भावे सब रंग ज्ञान विचारी
धा त्ध त्ध धा।
ग रे – मग (म) कृ ऽ ब्रऽ मु।
ध त्न सं सं रे सं त्न।
ग म ध ध प, ग म रे रे स।
आइये, पाठ्यक्रम से हटकर संगीत की कुछ अन्य पृष्ठभूमि पर भी चर्चा करें-
1. भारत की आज़ादी के बाद संगीत क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ा? इसके उतार-चढ़ाव को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर: भारत की आज़ादी के बाद संगीत क्षेत्र में अनेक परिवर्तन आए है और संगीत को सांस्कृतिक पुनर्जागरण का साधन माना गया है। शास्त्रीय संगीत को प्रोत्साहन मिला, ऑल इंडिया रेडियो जैसे माध्यमों ने इसे दुनिया के हर एक व्यक्ति तक पहुँचाया है। शास्त्रीय, लोक और फिल्म संगीत में नई रचनात्मकता आई, लेकिन एक समय में पाश्चात्य प्रभाव के कारण शुद्ध परंपरागत शैलियों में कुछ ह्रास भी देखने को मिला। फिर भी कई संस्थानों और कलाकारों के प्रयासों से इसका पुनः उत्थान हुआ।
2. संगीत शिक्षा को स्कूल शिक्षा का एक विषय बना दिया गया। क्या आप इस बदलाव से सहमत है या नहीं। कारण सहित बताइए।
उत्तर: हाँ, मैं इस बदलाव से सहमत हूँ। क्योंकि संगीत केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं है, बल्कि यह व्यक्तित्व विकास, ध्यान केंद्रण, रचनात्मकता और मानसिक संतुलन के लिए अत्यंत आवश्यक है। स्कूल स्तर पर संगीत पढ़ाए जाने से बच्चों में सांस्कृतिक जागरूकता, अनुशासन और भावनात्मक अभिव्यक्ति का विकास होता है।
राग खमाज |
अभ्यास |
राग खमाज के बारे में आप पढ़ चुके हैं। आइए नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयास करें-
1. राग खमाज किस थाट के अंतर्गत आता है?
उत्तर: राग खमाज खमाज थाट के अंतर्गत आता है।
2. राग खमाज का गायन समय बताइए।
उत्तर: राग खमाज का गायन समय रात्रि का दूसरा प्रहर है।
3. क्या राग खमाज के आरोह में शुद्ध ‘नि’ का प्रयोग होता है?
उत्तर: हाँ, राग खमाज के आरोह में शुद्ध ‘नि’ का प्रयोग होता है।
4. राग खमाज में किस प्रकार की शैलियों की रचनाएँ गाई जाती हैं?
उत्तर: राग खमाज में ख्याल, ठुमरी, गजल, भजन आदि शैलियों की रचनाएँ गाई जाती हैं।
5. राग खमाज पर आधारित कोई दो फिल्मी गीत लिखिए तथा उस गीत के कलाकारों के बारे में भी लिखिए।
उत्तर: (i) “झूला नटखट है रे कृष्ण कन्हैया”
फिल्मः अमर प्रेम (1971)
गायिकाः लता मंगेशकर।
संगीतकारः राहुल देव बर्मन।
गीतकारः आनंद बक्शी।
(ii) “आयो कहाँ से घन श्याम”
फिल्मः बुद्धा मिल गया (1971)
गायकः मन्ना डे।
गायिकाः अर्चना।
संगीतकारः राहुल देव बर्मन।
गीतकारः मजरूह सुल्तानपुरी।
6. ‘वैष्षव जन तो तैने कहिये किस कवि की रचना है?
उत्तर: ‘वैष्षव जन तो तैने कहिये संत नरसी मेहता कवि की रचना है।
7. राग खमाज पर आधारित कोई एक श्लोक लिखिए तथ तथा राग के मुख्य लक्षण बताइए।
उत्तर: राग खमाज पर आधारित कोई एक श्लोक लिखिए तथ तथा राग के मुख्य लक्षण है—
(i) थाटः खमाज।
(ii) जातिः षाडव-सम्पूर्ण।
(iii) वादी स्वरः गांधार।
(iv) संवादी स्वरः निषाद।
(v) विशेषः आरोह में शुद्ध नि, अवरोह में कोमल नि।
(vi) गायन समयः रात्रि का दूसरा प्रहर
(vii) प्रचलनः ठुमरी, भजन, और लाइट संगीत में अत्यंत प्रिय
8. राग खमाज पर आधारित कोई एक बंदिश की स्वरलिपि लिखिए।
उत्तर: राग खमाज पर आधारित बंदिश की स्वरलिपि है—
सा रे ग म प ध नि सां।
सां नि ध प म ग रे सा॥
9. कोई दो प्रसिद्ध गीतकार और संगीतकार का योगदान बताए जिन्होंने राग खमाज में कुछ रचनाएँ की हो?
उत्तर: (i) बडा नटखट है रे कृष्ण कन्हैया।
संगीतकार: राहुल देव वर्मन।
गीतकार: आनन्द बख्शी।
(ii) आन मिलो सजना, अंखियों में ना आये निंदिया
संगीतकार: उधमसिंह।
गीतकार: आनन्द बख्शी।
सही या गलत बताइए-
1. राग खमाज आश्रय राग की श्रेणी में नहीं आता है। (सही/गलत)
उत्तर: गलत।
2. इसके आरोह में निषाद वर्जित स्वर होता है। (सही/गलत)
उत्तर: गलत।
3. इस राग की जाति षाड्व संपूर्ण होती है। (सही/गलत)
उत्तर: सही।
4. ‘आयो कहाँ से घनश्याम’ गीत लता मंगेशकर द्वारा गाया हुआ गीत है। (सही/गलत)
उत्तर: गलत।
5. इसके आरोह तथा अवरोह में क्रमशः शुद्ध व कोमल निषाद प्रयोग होता है। (सही/गलत)
उत्तर: सही।
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
1. राग खमाज का वादी __________ तथा संवादी _________ होता है।
उत्तर: राग खमाज का वादी गंधार तथा संवादी पंचम होता है।
2. राग खमाज की जाति __________ होती है।
उत्तर: राग खमाज की जाति षाड्व-संपूर्ण होती है।
3. इसके बादन में __________ गतें बजाई जाती है।
उत्तर: इसके बादन में मसीतखानी और रजाखानी गतें बजाई जाती है।
4. ‘आन मिलो सजना’ गीत __________ फिल्म से संबंधित है।
उत्तर: ‘आन मिलो सजना’ गीत आन मिलो सजना(1970) फिल्म से संबंधित है।
5. गीतकार मज़रुह सुल्तानपुरी और संगीतकार राहुल देव वर्मन द्वारा रचित राग खमाज पर आधारित गीत ___________ है।
उत्तर: गीतकार मज़रुह सुल्तानपुरी और संगीतकार राहुल देव वर्मन द्वारा रचित राग खमाज पर आधारित गीत तुमसे रूठ कर है।
आइये, पाठ्यक्रम से हटकर कुछ भिन्न बातों पर भी चर्चा करें-
1. जो राग हम सीखते हैं व गाते हैं उन रागों पर आधारित सुगम संगीत और फिल्मी संगीत आप को कैसा लगता है? विस्तृत जानकारी अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर: रागों पर आधारित सुगम संगीत और फिल्मी संगीत शास्त्रीय संगीत को लोगों तक पहुंचना बहुत आसान होता है। जो राग हम सीखते हैं, वे मूल रूप से गंभीर और गूढ़ होते हैं, लेकिन जब उन्हें सरल शब्दों, मधुर धुनों और लयबद्ध तालों में पिरोकर प्रस्तुत किया जाता है, तो वे अधिक लोगों को आकर्षित करते हैं।
फिल्मी गीतों में जैसे राग यमन, भूपाली, बागेश्री, दरबारी, पीलू आदि का सुंदर प्रयोग हुआ है। इससे श्रोताओं को अनजाने में ही शास्त्रीय रागों की अनुभूति होती है और उनमें संगीत के प्रति रुचि भी जागती है।
यह रूपांतरण शास्त्रीयता की गहराई को बनाए रखते हुए मनोरंजन का साधन भी बन जाता है। इसलिए मुझे रागों पर आधारित सुगम और फिल्मी संगीत एक सेतु की तरह लगता है जो शास्त्रीय संगीत और आम जनमानस के बीच एक मधुर संबंध बनाता है।
2. एक अच्छे संगीतज्ञ के लिए रियाज करना बहुत जरूरी होता है, क्यों? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर: एक अच्छे संगीतज्ञ के लिए रियाज करना बहुत जरूरी होता है क्योंकि रियाज ही वह अभ्यास है जिससे संगीत में निपुणता और आत्मविश्वास आता है। नियमित रियाज से आवाज़ या वाद्य यंत्र पर पकड़ मजबूत होती है और सुर-ताल की समझ गहरी होती जाती है। बिना रियाज के कोई भी संगीतज्ञ अपने कौशल को बनाए नहीं रख सकता। रियाज से ना केवल तकनीकी सुधार होता है, बल्कि मन और आत्मा भी संगीत में रमने लगती है, जिससे अभिव्यक्ति में भावनात्मक गहराई आती है। यह आत्मअनुशासन, धैर्य और निरंतर प्रयास की प्रक्रिया है, जो किसी कलाकार को साधारण से श्रेष्ठ बनाती है। इसलिए कहा जाता है कि रियाज ही एक कलाकार का असली साथी होता है।
राग यमन (कल्याण) |
अभ्यास |
आइये, देखते हैं क्या राग यमन को पढ़कर हम निम्न प्रश्नों के उत्तर दे सकते हैं-
1. तीव्र मध्यम का चिह्न कैसा होता है?
उत्तर: तीव्र मध्यम का चिह्न एक सीधी खड़ी रेखा है जो अक्षर “म” के ऊपर लगाई जाती है।
2. राग यमन का आरोह तथा अवरोह लिखिए।
उत्तर: राग यमन का आरोह है: स रे ग म प ध नि सं और अवरोह हैः सं नि ध प मं ग रे स।
3. राग यमन में वर्जित स्वर कौन-सा है?
उत्तर: राग यमन में कोई भी स्वर वर्जित नहीं है, इसमें सभी सात स्वर (सारेगामापाधनि) का प्रयोग होता है।
4. राग यमन को दूसरे किस नाम से प्रसिद्धि मिली हुई है?
उत्तर: राग यमन को दूसरे कल्याण नाम से प्रसिद्धि मिली हुई है।
5. ‘आये हो मेरी जिंदगी में, तुम बहार बनके’ किस फिल्म का गीत है तथा यह किस राग पर आधारित है?
उत्तर: ‘आये हो मेरी जिंदगी में, तुम बहार बनके’ राजा हिंदुस्तान फिल्म का गीत है तथा यह यमन राग पर आधारित है।
6. पाकीज़ा फिल्म जो 1972 में प्रदर्शित हुई, इसका कौन सा गीत राग यमन पर आधारित है तथा इसके गीतकार व गायक कौन हैं?
उत्तर: पाकीज़ा फिल्म जो 1972 में प्रदर्शित हुई, इसका चलते चलते, यूँ ही कोई मिल गया था गीत राग यमन पर आधारित है तथा इसके गीतकार कैफ़ी आज़मी और गायिका लता मंगेशकर हैं।
7. राग यमन पर आधारित कोई एक श्लोक लिखिए तथा उसके लक्षण बताइए।
उत्तर: राग यमन के लक्षण हैं—
(i) थाटः कल्याण।
(ii) जातिः सम्पूर्ण-सम्पूर्ण।
(iii) वादी स्वरः ग (गंधार)।
(iv) संवादी स्वरः नि (निशाद)।
(v) गायन समयः रात्रि का प्रथम प्रहर।
8. राग यमन पर आधारित कोई एक बंदिश की स्वरलिपि लिखिए।
उत्तर: राग यमन पर आधारित कोई एक बंदिश की स्वरलिपि है— राग यमन का अवरोह सं नि ध प, म ग रे स है।
सही या गलत बताइए-
1. राग यमन का गायन समय रात्रि का तृतीय प्रहर है। (सही/गलत)
उत्तर: गलत।
2. यह एक गंभीर प्रकृति का राग भी है। (सही/गलत)
उत्तर: सही।
3. ‘अभी ना जाओ छोड़कर, कि दिल अभी भरा नहीं’ गीत यमन राग पर गीत नहीं है। (सही/गलत)
उत्तर: सही।
4. राग यमन का अवरोह से निधप, मगरेस है। (सही/गलत)
उत्तर: सही।
5. ‘इन्हीं लोगों ने ले लीना दुपट्टा मेरा’, गीत लता मंगेशकर द्वारा गाया गया है तथा मजरूह सुल्तानपुरी द्वारा लिखा हुआ है। (सही/गलत)
उत्तर: सही।
रिक्त्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
1. राग यमन का गायन समय __________ है।
उत्तर: राग यमन का गायन समय रात्रि का प्रथम प्रहर है।
2. राग यमन की जाति _________ है।
उत्तर: राग यमन की जाति संपूर्ण–संपूर्ण है।
3. राग यमन का वादी स्वर _________ तथा संवादी स्वर है।
उत्तर: राग यमन का वादी स्वर ग तथा संवादी स्वर है।
4. यह __________ थाट का आश्रय राग है।
उत्तर: यह कल्याण थाट का आश्रय राग है।
5. राग यमन ___________ सप्तकों में गाया जाता है।
उत्तर: राग यमन तीनों सप्तकों में गाया जाता है।
आइये, पाठ्यक्रम से हटकर कुछ भिन्न बातों पर भी वर्चा करें-
1. किसी कलाकार को कभी आपने राग यमन गाते सुना है? उनकी गाई या बजाई बंदिशें आपको कैसी लगी? उनकी विशेषताओं को शब्दों में लिखिए।
उत्तर: हाँ, मैंने पंडित भीमसेन जोशी और किशोरी अमोनकर जैसे कलाकारों को राग यमन गाते सुना है। उनकी बंदिशें भावपूर्ण, रचनात्मक और अत्यंत संगीतमय होती हैं। तिव्र मध्यम का प्रयोग, मुलायम आलाप, सुंदर मींड, और गहराई से भावों की अभिव्यक्ति उनकी प्रस्तुति को प्रभावशाली बनाती है। राग यमन में उनका गायन शुद्धता और माधुर्य का अद्भुत उदाहरण होता है।
2. क्या आप फिल्में देखते हैं, अगर हाँ तो क्यों? क्या इसके पीछे कोई वेज्ञानिक कारण भी है? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर: हाँ, मैं फिल्मों को एक माध्यम के रूप में देखती हूँ जो मनोरंजन, ज्ञान और भावनाओं की अभिव्यक्ति का स्रोत होता है। लोग फिल्में इसलिए देखते हैं क्योंकि वे फिल्मों में दिखाए गए मनोरंजन के जरिए तनाव कम करती हैं, नई बातें सिखाती हैं और कल्पना की दुनिया से हमें जोड़कर रखती हैं।
वैज्ञानिक दृष्टि से, फिल्में डोपामिन नामक रसायन छोड़ती हैं जिससे खुशी और संतोष की अनुभूति होती है। भावनात्मक दृश्य सहानुभूति और सामाजिक जुड़ाव की भावना को भी बढ़ाते हैं। इसलिए फिल्में न केवल मनोरंजन, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और सीखने का माध्यम भी बन जाती हैं।
राग भूपाली |
अभ्यास |
आइये, देखते हैं क्या राग भूपाली को पढ़कर हम निम्न प्रश्नों के उत्तर दे सकते हैं-
1. राग भूपाली की जाति व थाट क्या है?
उत्तर: राग भूपाली की जाति औडव-औडव और थाट कल्याण है।
2. राग भूपाली की पकड़ व अवरोह लिखिए?
उत्तर: राग भूपाली की पकड़ः ग म ध प ग रे।
राग भूपाली का अवरोहः सां नि ध प ग रे सा।
3. दक्षिण भारतीय संगीत में इसे किस नाम से जानते हैं?
उत्तर: दक्षिण भारतीय संगीत में इसे मोहनम् नाम से जानते हैं।
4. इस राग में ठुमरी क्यों नहीं गाई जाती है?
उत्तर: राग भूपाली में ठुमरी नहीं गाई जाती क्योंकि यह एक गंभीर प्रकृति का राग है और इसमें चंचल रचनाओं की गुंजाइश कम होती है।
5. आशा भोसले का कौन-सा गीत राग भूपाली पर आधारित है?
उत्तर: आशा भोसले का कुछ दिल ने कहा राग भूपाली पर आधारित है?
6. राग भूपाली पर आधारित कोई एक श्लोक लिखिए तथा उसका भावार्थ बताइए।
उत्तर: राग भूपाली पर आधारित एक श्लोक और उसका भावार्थ:
श्लोकः
“नमन करूं मैं विद्या दई, नमन करूं मैं विद्या दई।
सा रे ग म प ध नि सां, विद्या दई।
सा नि ध प म ग रे सा, विद्या दई।”
भावार्थ:
यह श्लोक राग भूपाली में विद्या और ज्ञान की देवी की स्तुति करता है। “नमन करूं मैं विद्या दई” एक प्रार्थना है जो विद्या देने वाली देवी के प्रति श्रद्धा और समर्पण को दर्शाती है। राग भूपाली के स्वर – “सा रे ग प ध नि सां” (आरोह) और “सा नि ध प म ग रे सा” (अवरोह) शांति, गंभीरता और भक्ति का वातावरण निर्मित करते हैं। यह रचना न केवल संगीतात्मक रूप से सुंदर है, बल्कि विद्या के प्रति आदर, भक्ति और आभार की भावना को भी भावपूर्ण ढंग से प्रकट करती है।
7. राग भूपाली पर आधारित कोई एक बंदिश की स्वरलिपि लिखिए।
उत्तर: राग भूपाली पर आधारित कोई एक बंदिश की स्वरलिपि है—
आरोह- सा, रे, ग, प, ध, सा।
अवरोह- सां, ध, प, ग, रे, सा।
8. राग भूपाली का विस्तृत वर्णन करते हुए इस पर आधारित गीत भी लिखिए तथा उनसे संबंधित कलाकारों की भी चर्चा करिए।
उत्तर: राग भूपाली पर आधारित एक गीत (स्वरचित):
गीत का शीर्षक: “दीप जलाओ मन के भीतर”
दीप जलाओ मन के भीतर,
शांति के स्वर बहते हों।
भूपाली की मीठी वाणी,
प्रेम सुधा रस कहते हों।।
गगन में फैली ज्योति बनूं मैं,
स्वर मेरा बन जाए प्रार्थना।
ग-प-ध की झंकार से गूंजे,
आत्मा की सच्ची साधना।।
सा रे ग प ध के सुर से,
बाँधूं मैं एक मन का हार।
जहाँ न हो भय, न हो संशय,
वहाँ बजे राग का संसार।।
राग भूपाली से जुड़े प्रमुख कलाकार:
पंडित भीमसेन जोशी: उनके द्वारा गाया गया भूपाली राग में भक्ति भाव स्पष्ट झलकता है।
किशोरी आमोनकर: उन्होंने इस राग को अत्यंत भावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया है।
पंडित जसराज: राग भूपाली में उनके भजन विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं।
लता मंगेशकर: यद्यपि वह फिल्मी गायिका थीं, लेकिन कई रचनाएं भूपाली पर आधारित रही हैं।
उस्ताद राशिद खान: उनके गायन में राग भूपाली का गहरा प्रभाव देखा जा सकता है।
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
1. राग भूपाली का वर्जित स्वर __________ है।
उत्तर: राग भूपाली का वर्जित स्वर म और नि है।
2. इसका गायन समय __________ है।
उत्तर: इसका गायन समय रात्रि का प्रथम प्रहार है।
3. इसका वादी स्वर ___________ तथा संवादी स्वर है।
उत्तर: इसका वादी स्वर ग तथा संवादी स्वर है।
4. इन आँखों की मस्ती के मस्ती के __________ हजारों हैं। गीत को पूर्ण कीजिए।
उत्तर: इन आँखों की मस्ती के मस्ती के मस्ताने हजारों हैं।
5. राजकपूर नर्गिस की फिल्म चोरी-चोरी के गीत “पंछी बनूं, उड़ती फिरू, मस्त गगन में” के गीतकार __________ व गायक कलाकार ____________ हैं।
उत्तर: राजकपूर नर्गिस की फिल्म चोरी-चोरी के गीत “पंछी बनूं, उड़ती फिरू, मस्त गगन में” के गीतकार शैलेन्द्र व गायक कलाकार लता मंगेशकर हैं।
सही या गलत बताइए-
1. दक्षिण भारतीय संगीत में भी इसे भूपाली राग नाम से जाना जाता है। (सही/गलत)
उत्तर: गलत।
2. यह भूपाली थाट का राग है। (सही/गलत)
उत्तर: गलत।
3. यह राग उत्तरांग प्रधान राग है। (सही/गलत)
उत्तर: सही।
4. फिल्म अराधना का गीत ‘चंदा है तू मेरा, सूरज है तू’ भूपाली राग पर आधारित गीत नहीं है। (सही/गलत)
उत्तर: सही।
5. ‘देखा एक ख्वाव तो ये सिलसिले हुए’ के गीतकार जावेद अख्तर, गायिका लता मंगेशकर तथा गायक किशोर कुमार है। (सही/गलत)
उत्तर: सही।
आइये, पाठ्यक्रम से हटकर कुछ भिन्न बातों पर भी चर्चा करें-
1. राग क्या है? रागों की गायकी का इतना महत्त्व क्यों होता है?
उत्तर: राग भारतीय शास्त्रीय संगीत की आत्मा है। ये स्वर, रचनात्मकता और भावों का ऐसा संयोजन होता है जिससे एक विशिष्ट वातावरण या भाव उत्पन्न होती है। प्रत्येक राग में कुछ निश्चित स्वर होते हैं जिन्हें विशेष क्रम, आरोह-अवरोह और विशेष पकड़ में गाया या बजाया जाता है। राग केवल सुरों का समूह नहीं, बल्कि वह एक भावनात्मक अनुभव है जिसे कलाकार अपने मन और स्वर से जीवंत करता है।
रागों की गायकी का महत्व इसलिए है क्योंकि यह संगीत को आत्मीयता, गहराई और अर्थ प्रदान करती है। हर राग का एक समय, मनोदशा और भाव होता है, जिससे वह श्रोता के हृदय को छूता है। रागों के माध्यम से कलाकार न केवल सुरों को प्रस्तुत करता है, बल्कि उसमें छिपे भाव, भक्ति, करुणा या उल्लास को भी प्रकट करता है। यही कारण है कि रागों की गायकी भारतीय संगीत की सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषता मानी जाती है।
2. मानव जीवन में संगीत के क्या फायदे हैं? आप किस तरह से संगीत से अपने आपको जोड़ते हैं? उदाहरण देकर एक लेख लिखिए (500 शब्दों में)।
उत्तर: मानव जीवन में संगीत के फायदे यह है कि संगीत केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि भावनाओं की अभिव्यक्ति, मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन का माध्यम भी है। संगीत का प्रभाव हमारे शरीर, मन और आत्मा पर गहराई से पड़ता है। यह दुख में सान्त्वना देता है, खुशी में उत्साह बढ़ाता है, और अकेलेपन में साथी बन जाता है।
संगीत के लाभ अनेक हैं। जैसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो संगीत सुनने से मस्तिष्क में डोपामिन, सेरोटोनिन जैसे हार्मोन सक्रिय होते हैं जो मानसिक तनाव को कम करते हैं और आनंद की अनुभूति देते हैं। शास्त्रीय संगीत का प्रभाव तो इतना गहरा होता है कि उसका प्रयोग अब थेरेपी में भी किया जा रहा है – जैसे कि संगीत चिकित्सा (Music Therapy) के ज़रिये डिप्रेशन, अनिद्रा और मानसिक विकारों में सुधार देखा गया है।
संगीत का एक और बड़ा लाभ यह है कि यह भाषा, जाति और संस्कृति की सीमाओं को पार करके सभी को जोड़ता है। एक राग, एक धुन, या एक गीत – यह सब किसी भी व्यक्ति को भावनात्मक रूप से छू लेती हैं, चाहे उसकी भाषा कुछ भी हो। यही संगीत की सार्वभौमिक शक्ति है।
राग अल्हैया बिलावल |
अभ्यास |
आइये, देखते हैं क्या राग अल्हैल्या बिलावल को पढ़कर हम निम्न प्रश्नों के उत्तर दे सकते हैं-
1. राग अल्हैया बिलावल की जाति बताइए।
उत्तर: राग अल्हैया बिलावल की जाति सम्पूर्ण-सम्पूर्ण है।
2. इस राग में कौन-कौन से स्वर शुद्ध प्रयोग किये जाते हैं?
उत्तर: इस राग में सभी स्वर शुद्ध प्रयोग किए जाते हैं।
3. राग अल्हैया बिलावल का गायन समय बताइए।
उत्तर: राग अल्हैया बिलावल का गायन समय प्रातःकाल है।
4. राग अल्हैया बिलावल का आरोह और अवरोह लिखिए।
उत्तर: राग अल्हैया बिलावल का आरोहः सा रे ग म प ध नि सं राग अल्हैया बिलावल का अवरोहः सं नि ध प म ग रे सा
5. राग अल्हैया बिलावल पर आधारित कोई दो गीत लिखिए तथा संबंधित कलाकारों के नाम भी लिखिए।
उत्तर: राग अल्हैया बिलावल पर आधारित दो गीत एवं कलाकार है—
(i) “छोटी सी आशा” – फ़िल्म रोजा।
गायकः हरिहरन, मिनी (हालाँकि यह गीत मिश्रित रागों पर आधारित है, लेकिन इसमें अल्हैया बिलावल की झलक स्पष्ट है।)
(ii) “ऐ मालिक तेरे बंदे हम” – फ़िल्म दो आँखें बारह हाथ गा।
गायिका: लता मंगेशकर।
संगीतः वसंत देसाई (इस भक्ति भाव प्रधान गीत में राग अल्हैया बिलावल का सुंदर प्रयोग हुआ है।)
6. राग अल्हैया बिलावल की पकड़ को स्वरों में प्रदर्शित करिए।
उत्तर: राग अल्हैया बिलावल की पकड़ को स्वरों में इस प्रकार प्रदर्शित किया जा सकता है: ग प ध नि ध प म ग रे ग प।
7. राग अल्हैया बिलावल पर आधारित कोई एक श्लोक लिखिए तथा उसके लक्षण बताइए।
उत्तर: श्लोकः
“शुद्ध स्वरों की बंसी बोले, मंगल भाव जगाए। अल्हैया बिलावल सुर सजीव, प्रभु-पथ को दिखलाए।”
लक्षणः
(i) यह प्रातःकालीन राग है।
(ii) सभी स्वर शुद्ध होते हैं।
(iii) इसकी प्रकृति मंगलमयी, शांत और शुभ होती है।
(iv) यह राग अधिकतर भक्ति और संस्कार गीतों में प्रयुक्त होता है।
8. राग अल्हैया बिलावल पर आधारित कोई एक बंदिश की स्वरलिपि लिखिए।
उत्तर: राग अल्हैया बिलावल पर आधारित कोई एक बंदिश की स्वरलिपि है—
सा सा रे ग, ग म प ध प म ग रे सा, नि ध नि स ||
ग म प ध नि | सा रे ग म ||
9. राग अल्हैया बिलावल का विस्तृत वर्णन करते हुए इस पर आधारित गीत भी लिखिए तथा उनसे संबंधित कलाकारों की भी चर्चा करिए।
उत्तर: राग अल्हैया बिलावल थाट का एक अत्यंत लोकप्रिय राग है। यह सभी शुद्ध स्वरों वाले, संपूर्ण-सम्पूर्ण जाति का राग है। इसका वाद्य स्वर ध और समवाद्य स्वर – ग होता है। इसका समय प्रातःकाल है, और यह एक शांत, सुखद और मंगलमयी वातावरण उत्पन्न करता है। इस राग में भक्ति, सादगी और जीवन की सकारात्मकता झलकती है।
प्रसिद्ध गीतः
“ऐ मालिक तेरे बंदे हम”
गायकः लता मंगेशकर।
संगीत: वसंत देसाई।
विशेषताः इस गीत में राग अल्हैया बिलावल की भक्ति और करुणा का अद्भुत संयोग है। इसकी धुन सरल, पर भावपूर्ण है।
दूसरा गीतः
“चलो मन गंगा जमुना तीरे” फ़िल्म बैजू बावरा
गायकः मोहम्मद रफ़ी।
संगीतः नौशाद।
इस गीत में राग की स्वच्छता और सांस्कृतिक आधार स्पष्ट झलकते हैं।
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
1. राग अल्हैया बिलावल का थाट __________ है।
उत्तर: राग अल्हैया बिलावल का थाट बिलावल है।
2. इसका वादी _________ और संवादी _________ है।
उत्तर: इसका वादी ध और संवादी रे है।
3. बिलावल और अल्हैया बिलावल दोनों _________ राग हैं।
उत्तर: बिलावल और अल्हैया बिलावल दोनों थाट राग हैं।
4. इस राग में ___________ स्वर के दोनों रूप प्रयोग होते हैं।
उत्तर: इस राग में सभी स्वर के दोनों रूप प्रयोग होते हैं।
5. “तुमको देखा तो ये ख्याल आया”, गीत __________फिल्म में गाया गया है।
उत्तर: “तुमको देखा तो ये ख्याल आया”, गीत साथ–साथ फिल्म में गाया गया है।
सही या गलत बताइए-
1. यह राग उत्तरांग प्रधान राग नहीं है। (सही/गलत)
उत्तर: गलत।
2. बिलावल और अल्हैया बिलावल दोनों एक ही राग हैं। (सही/गलत)
उत्तर: गलत।
3. ‘इक प्यार का नरामा है, मोजों की रवानी है, गीत अल्हैया बिलावल राग पर आधारित गीत नहीं है। (सही/गलत)
उत्तर: सही।
4. फिल्म 3 इडियट्स का गीत ‘बहती हवा सा था वो’ सवानन्द किरकिरे ने लिखा है। (सही/गलत)
उत्तर: सही।
5. यह राग प्रातःकालीन प्रथम प्रहर का राग है। (सही/गलत)
उत्तर: सही।
आइये, पाठ्यक्रम से हटकर कुछ भिन्न बातों पर भी चर्चा करें-
1. राग बिलावल एक प्रातःकालीन राग है और भी कोई राग आपने सीखा है जो प्रातःकाल गाया जाता है। अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर: हाँ, राग भैरव भी एक प्रातःकालीन राग है। यह राग सुबह के समय गाया जाता है और इस रह में गंभीरता तथा शांत भाव होती हैं। इसकी प्रकृति भक्तिपूर्ण और गम्भीर होती है, जिससे व्यक्ति के मन को शांति मिलती है। इसे सुनकर मानसिक स्थिरता प्राप्त होती है। राग भैरव में कोमल रे और कोमल ध का प्रयोग होता है।
2. अपने घर परिवार या आसपास के प्रचलित लोक संगीत या अन्य किसी लोक संगीत या शैली के बारे में लिखिए। उन कलाकारों का भी उल्लेख करिए जो इस विधा से जुड़े हुए हैं।
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करे।
राग भैरवी |
अभ्यास |
आइये, देखते हैं क्या राग भैरवी को पढ़कर हम निम्न प्रश्नों के उत्तर दे सकते हैं-
1. राग भैरवी पर आधारित कोई एक श्लोक लिखिए तथा उसका भावार्थ बताइए।
उत्तर: श्लोकः करुणा रस की भावन लिए, भैरवी गूँजति साज। श्रवण सुधा सम सिंचिते, मिटे अंतर्मन आज।
भावार्थः राग भैरवी करुणा और भावुकता से भरी होती है। जब यह राग वाद्य या गायन रूप में गूँजती है, तो ऐसा प्रतीत होता है मानो कानों में अमृत बरस रहा हो और मन का सारा क्लेश समाप्त हो जाता है।
2. राग भैरवी में एक विलंबित ख्याल की बंदिश स्वरलिपि में लिखिए।
उत्तर: बंदिशः
बाजूबंद खुल खुल जाए
तालः एकताल
स्वरः सारेगम, रेसानी सा । नीसाधनि, धपमप ||
बाजूबंद खुल खुल जाए ||
विभाग ‘अ’ के शब्दों का ‘आ’ विभाग में दिए गए शब्दों से मिलान करें-
अ | आ |
(क) राग भैरव का थाट | 1. प्रातःकालीन संधि प्रकाश राग |
(ख) कोमल स्वर | 2. सरेगमपधनिसं |
(ग) गायन समय | 3. भोर भए पनघट पे |
(घ) आरोह | 4. रे ग ध नि |
(ड) अवरोह | 5. भैरवी |
(च) आधारित गीत | 6. संनिधपमगरेस |
उत्तर:
अ | आ |
(क) राग भैरव का थाट | 5. भैरवी |
(ख) कोमल स्वर | 4. रे ग ध नि |
(ग) गायन समय | 1. प्रातःकालीन संधि प्रकाश राग |
(घ) आरोह | 2. सरेगमपधनिसं |
(ड) अवरोह | 6. संनिधपमगरेस |
(च) आधारित गीत | 3. भोर भए पनघट पे |
रिक्त्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
1. राग भैरवी की जाति __________ है।
उत्तर: राग भैरवी की जाति संपूर्ण–संपूर्ण है।
2. इसका वादी _________ और संवादी __________ स्वर है।
उत्तर: इसका वादी म और संवादी स स्वर है।
3. भैरवी राग के समप्रकृति राग __________ व __________ है।
उत्तर: भैरवी राग के समप्रकृति राग सिंधु भैरवी व शिवरंजनी है।
4. राग भैरवी अपने थाट का ___________ राग है।
उत्तर: राग भैरवी अपने थाट का आश्रय राग है।
5. मेरे देश की धरती’ गीत __________ फिल्म से लिया गया है।
उत्तर: मेरे देश की धरती’ गीत उपकार फिल्म से लिया गया है।
सही या गलत बताइए-
1. राग भैरवी चंचल प्रकृति का राग है। (सही/गलत)
उत्तर: सही।
2. भैरवी राग का गायन समय संध्याकाल है। (सही/गलत)
उत्तर: गलत।
3. फिल्म आवारा का गीत ‘आवारा हैं’ के संगीतकार व गीतकार शैलेंद्र हैं। (सही/गलत)
उत्तर: सही।
4. यह राग ‘भैरवी’ थाट का आश्रय राग है। (सही/गलत)
उत्तर: सही।
5. ‘राग तोड़ी’ भैरवी का समप्रकृति राग है। (सही/गलत)
उत्तर: गलत।
राग भीमपलासी |
अभ्यास |
आइये, देखते हैं क्या राग भीम पलासी को पढ़कर हम निम्न प्रश्नों के उत्तर दे सकते हैं-
1. राग भीमपलासी पर आधारित कोई एक श्लोक लिखिए तथा उसका भावार्थ बताइए।
उत्तर: श्लोकः
मधुर मधुर सुर झंकारे, भीमपलासी राग।
विरह वेदना बोले, मिलन की जाग॥
भावार्थः
यह श्लोक राग भीमपलासी की भावनात्मक प्रकृति को दर्शाता है। इस राग की मधुर झंकार में विरह की पीड़ा और मिलन की आकांक्षा दोनों समाहित होती हैं। यह राग मन में करुणा, प्रेम और सौम्यता की अनुभूति कराता है, जो दो आत्माओं के मिलन की तड़प को स्वर देता है।
2. राग भीमपलासी में एक विलंबित ख्याल की स्वरलिपि लिखिए।
उत्तर: राग भीमपलासी में एक विलंबित ख्याल की स्वरलिपि है—
सा म ग म, प म ग |
रे ग रे सा, नी ध सा ||
सा म ग म, प म ग |
रे ग रे सा, प म ग रे ||
सही या गलत बताइए-
1. राग भीमपलासी में ठुमरी ज्यादा गाई जाती है। (सही/गलत)
उत्तर: सही।
2. भीमपलासी राग का गायन समय दिन का तृतीय प्रहर है। (सही/गलत)
उत्तर: सही।
3. ‘नैनों में बदरा छाए’ गीत के संगीतकार जुगल किशोर हैं। (सही/गलत)
उत्तर: गलत।
4. भीमपलासी काफी थाट का प्रचलित राग है। (सही/गलत)
उत्तर: सही।
5. कर्नाटक संगीत में राग भीमपलासी ‘मायामालवगील’ नाम से जाना जाता है। (सही/गलत)
उत्तर: गलत।
रिक्त्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
1. राग भीमपलासी की जाति __________ है।
उत्तर: राग भीमपलासी की जाति औडव-सम्पूर्ण है।
2. इसका वादी _________ व संवादी ________ स्वर है।
उत्तर: इसका वादी म व स संवादी स्वर है।
3. भीमपलासी __________ प्रधान राग है।
उत्तर: भीमपलासी उत्तरांग प्रधान राग है।
4. कर्नाटक पद्धति में इस राग को __________ नाम से जाना जाता है।
उत्तर: कर्नाटक पद्धति में इस राग को धन्यासी नाम से जाना जाता है।
5. ‘ऐ अजनबी तू भी’ गीत __________ फिल्म से लिया गया है।
उत्तर: ‘ऐ अजनबी तू भी’ गीत दिल से फिल्म से लिया गया है।
विभाग ‘अ’ के शब्दों का ‘आ’ विभाग में दिए गए शब्दों से मिलान करें-
अ | आ |
(क) राग भीमपलासी का थाट | 1. दिन का तृतीय प्रहर |
(ख) कोमल स्वर | 2. नि स, ग म प. नि सं |
(ग) गायन समय | 3. नैनों में बदरा छाए |
(घ) आरोह | 4. काफी |
(ङ) अवरोह | 5. ग नि |
(च) आधारित गीत | 6. सं नि ध प, म.प. ग म ग रे स |
उत्तर:
अ | आ |
(क) राग भीमपलासी का थाट | 4. काफी |
(ख) कोमल स्वर | 5. ग नि |
(ग) गायन समय | 1. दिन का तृतीय प्रहर |
(घ) आरोह | 2. नि स, ग म प. नि सं |
(ङ) अवरोह | 6. सं नि ध प, म.प. ग म ग रे स |
(च) आधारित गीत | 3. नैनों में बदरा छाए |
राग बिहाग |
अभ्यास |
आइये, देखते हैं क्या इस राग को पढ़कर हम निम्न प्रश्नों के उत्तर दे सकते हैं-
1. राग बिहाग पर आधारित कोई एक श्लोक लिखिए तथा उसका भावार्थ बताइए।
उत्तर: श्लोकः
शुभ्र चाँदनी रात सम, बिहाग राग सुहाय। शांत रस की धार में, मन मगन हो जाय ॥
भावार्थः
यह श्लोक राग बिहाग की सौम्यता और शांति का वर्णन करता है। राग बिहाग की तानें चाँदनी रात की तरह शांत, सौंदर्यपूर्ण और मनोहर होती हैं। इसे सुनकर मन में शांति, संतुलन और आत्मिक आनंद की अनुभूति होती है। यह राग विशेष रूप से रात के समय गाया जाता है और अधिकतर श्रृंगार एवं शांत रस की अभिव्यक्ति करता है।
2. राग बिहाग में एक विलंबित ख्याल की बंदिश स्वरलिपि में लिखिए।
उत्तर: राग बिहाग में एक विलंबित ख्याल की बंदिश स्वरलिपि है—
सा म ग प, ग म ग ||
रे स, ग म प ||
ध प म ग ||
रे ग म ग रे स ||
सही या गलत बताइए-
1. बिहाग गंभीर प्रकृति का राग है तथा इसमें ख्याल, तराना आदि गाए जाते हैं। (सही/गलत)
उत्तर: सही।
2. राग बिहाग का गायन समय प्रातःकाल है। (सही/गलत)
उत्तर: गलत।
3. ‘तेरे सुर मेरे गीत’ के संगीतकार आनंद बख्शी हैं। (सही/गलत)
उत्तर: गलत।
4. बिहाग आसावरी थाट का एक प्रचलित राग है। (सही/गलत)
उत्तर: गलत।
5. राग बिहाग के आरोह में सातों स्वरों का प्रयोग होता है। (सही/गलत)
उत्तर: गलत।
विभाग ‘अ’ के शब्दों का ‘आ’ विभाग में दिए गए शब्दों से मिलान करें-
अ | आ |
(क) राग बिहाग का थाट | 1. रात्रि का द्वितीय प्रहर |
(ख) वर्जित स्वर | 2. निसग, मप, निस |
(ग) गायन समय | 3. तेरे सुर मेरे गौत |
(घ) आरोह | 4. बिलावल |
(ङ) अवरोह | 5. आरोह में ऋषभ |
(च) आधारित गीत | 6. सनिधप, मगरे स |
उत्तर:
अ | आ |
(क) राग बिहाग का थाट | 4. बिलावल |
(ख) वर्जित स्वर | 5. आरोह में ऋषभ |
(ग) गायन समय | 1. रात्रि का द्वितीय प्रहर |
(घ) आरोह | 2. निसग, मप, निस |
(ङ) अवरोह | 6. सनिधप, मगरे स |
(च) आधारित गीत | 3. तेरे सुर मेरे गौत |
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
1. राग बिहाग __________ जाति का राग है।
उत्तर: राग बिहाग औडव-सम्पूर्ण जाति का राग है।
2. इसका वादी __________ व संवादी _________ स्वर है।
उत्तर: इसका वादी ग व संवादी नि स्वर है।
3. बिहाग का सम प्रकृति राग _________ है।
उत्तर: बिहाग का सम प्रकृति राग तिलक कामोद है।
4. ‘जिंदगी के सफर में सफर में गुज़र जाते हैं’ गीत ___________ फिल्म से लिया गया है।
उत्तर: ‘जिंदगी के सफर में सफर में गुज़र जाते हैं’ गीत आप की कसम फिल्म से लिया गया है।
5. ____________ स्वर का प्रयोग विवादी स्वर के तौर पर प्रयोग कर लिया जाता है।
उत्तर: तीव्र मध्यम स्वर का प्रयोग विवादी स्वर के तौर पर प्रयोग कर लिया जाता है।
राग जौनपुरी |
अभ्यास |
आइये, देखते हैं क्या इस राग को पढ़कर हम निम्न प्रश्नों के उत्तर दे सकते हैं-
1. राग जौनपुरी पर आधारित कोई एक श्लोक लिखिए तथा उसका भावार्थ बताइए।
उत्तर: श्लोक: कोमल स्वरों की बहे बयार, जौनपुरी राग गूंजे। विरह, वेदना और व्यथा, मन के भाव को बूझे॥
भावार्थः
यह श्लोक राग जौनपुरी की भावपूर्ण प्रकृति को व्यक्त करता है। इस राग में कोमल ग, ध, नि स्वरों के प्रयोग से विरह, पीड़ा और अंतर्मन की संवेदनाओं को सुंदर रूप मिलता है। इसका प्रभाव श्रोताओं के हृदय में गहराई तक उतरता है, और यह राग करुण रस की अभिव्यक्ति में निपुण माना जाता है।
2. राग जौनपुरी में एक विलंबित ख्याल की बंदिश स्वरलिपि में लिखिए।
उत्तर: राग जौनपुरी में एक विलंबित ख्याल की बंदिश स्वरलिपि है—
सा रे म प, म ग रे स ||
नि स रे ग, रे सा ||
म प ध प म ग ||
रे ग म, ग रे स ||
सही या गलत बताइए-
1. राग जौनपुरी के आरोह में सातों स्वरों का प्रयोग होता है। (सही/मलत)
उत्तर: गलत।
2. राग जौनपुरी संध्याकालीन राग है। (सही/गलत)
उत्तर: गलत।
3. जोगन फिल्म के गीत ‘घूंघट के पट खोल’ गीत की गीतकार मीरा बाई हैं। (सही/गलत)
उत्तर: सही।
4. जौनपुरी बिलावल थाट का एक प्रचलित राग है। (सही/गलत)
उत्तर: गलत।
5. ऐसा माना जाता है कि राग की रचना जौनपुर के सुल्तान हुसैन शकों ने की थी। (सही/गलत)
उत्तर: सही।
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
1. राग जौनपुरी की जाति __________ है।
उत्तर: राग जौनपुरी की जाति औडव-सम्पूर्ण है।
2. इस राग का वादी _________ व __________ संवादी स्वर है।
उत्तर: इस राग का वादी ध व रे संवादी स्वर है।
3. जौनपुरी __________ प्रधान राग है।
उत्तर: जौनपुरी पूर्वांग प्रधान राग है।
4. इस राग का सम प्रकृति राग ___________ है।
उत्तर: इस राग का सम प्रकृति राग असावरी है।
5. ‘दिल छेड़ कोई नगमा’ गीत के गीतकार ___________ है।
उत्तर: ‘दिल छेड़ कोई नगमा’ गीत के गीतकार हसरत जयपुरी है।

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