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NIOS Class 12 Hindi Chapter 20 कार्यालयी पत्राचार
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कार्यालयी पत्राचार
Chapter: 20
HINDI
प्रथम पृष्ठ – पुस्तक – 1 पाठगत प्रश्न 20.1
1. सरकारी और अर्द्धसरकारी पत्रों में से कौन-सा अनौपचारिक पत्र होता है?
उत्तर: अर्द्धसरकारी पत्र।
2. ‘महोदय’ का प्रयोग किस प्रकार के पत्र में किया जाता है?
उत्तर: औपचारिक पत्र।
3. आप ‘भवदीय’ का प्रयोग किस प्रकार के पत्र में करेंगे?
उत्तर: औपचारिक पत्र।
4. सरकारी पद पर रहते हुए भी मित्रभाव से कौन-सा पत्र लिखा जा सकता है?
उत्तर: अर्द्धसरकारी पत्र।
5. सामान्यतः ‘पृष्ठांकन’ किस प्रकार के पत्र में किया जाता है?
उत्तर: सरकारी पत्र।
20.10 पाठांत प्रश्न |
1. पत्र लिखने की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
उत्तर: पत्रों का मुख्य उद्देश्य सूचना, समाचार और शुभकामनाएं भेजना था। कुछ लोगों के लिए, पत्र आलोचनात्मक पढ़ने, आत्म-अभिव्यक्तिपूर्ण लेखन, विवादास्पद लेखन का अभ्यास करने और समान विचारधारा वाले अन्य लोगों के साथ विचारों का आदान-प्रदान करने का एक तरीका था। पत्र लिखने की आवश्यकता इसलिए पड़ती है कि दूर रहने वाले अपने सबन्धियों अथवा मित्रों की कुशलता जानने के लिए तथा अपनी कुशलता का समाचार देने के लिए पत्र एक साधन है।
2. औपचारिक तथा अनौपचारिक पत्रों में क्या अन्तर होता है?
उत्तर: औपचारिक पत्र आधिकारिक या व्यावसायिक संचार के लिए लिखे जाते हैं। दूसरी ओर, अनौपचारिक पत्रों का उपयोग आकस्मिक या व्यक्तिगत संचार के लिए किया जाता है।
3. कार्यालयी पत्राचार से आप क्या समझते हैं? उसके कौन-कौन से अंग है?
उत्तर: कार्यालयीन पत्राचार एक प्रकार से औपचारिक पत्राचार है, जिसका प्रयोग मंत्रालयों/ विभागों/ कार्यालयों में सरकारी निर्णयों की सूचना देने अथवा प्राप्त करने हेतु किया जाता है। कार्यालय का आशय, किसी सरकारी, अर्द्धसरकारी, गैर सरकारी, स्वायत्तशासी, वह स्थान विशेष है जहाँ से प्रशासन का संचालन होता है। इसीलिए इस प्रकार के पत्रों को शासकीय या प्रशासकीय पत्र भी कहते हैं।
कार्यालयी पत्राचार के विभिन्न अंग:
(i) सरकारी पत्र या शासकीय पत्र।
(ii) अर्ध सरकारी पत्र।
(iii) कार्यालय ज्ञापन।
(iv) परिपत्र।
(v) आवेदन पत्र।
4. अपने मित्र को पत्र लिखते हुए अच्छे पत्र के गुणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: दिनांक: 16 दिसंबर 2024
प्रिय मित्र रमेश,
सप्रेम नमस्कार।
आशा है तुम स्वस्थ और खुशहाल रहोगे। आज मैं तुम्हें अच्छे पत्र के गुणों के बारे में बताना चाहता हूं, ताकि जब भी हम पत्र लिखें, तो वह प्रभावी और उचित हो।
अच्छे पत्र के कुछ महत्वपूर्ण गुण हैं:
(i) स्पष्टता और संक्षिप्तता: एक अच्छा पत्र हमेशा स्पष्ट और संक्षिप्त होता है। इसमें हमें बिना किसी उलझन के अपने विचारों को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करना चाहिए।
(ii) आदर और सम्मान: पत्र में हमेशा आदर और सम्मान का ध्यान रखना चाहिए। यह दर्शाता है कि हम अपने पाठक को महत्व देते हैं।
(iii) सकारात्मक और शालीन भाषा: पत्र में हमें सकारात्मक और शालीन भाषा का प्रयोग करना चाहिए, ताकि पत्र पढ़ने वाले पर अच्छा प्रभाव पड़े।
(iv) विनम्रता: पत्र में विनम्रता का होना जरूरी है। चाहे वह व्यक्तिगत पत्र हो या औपचारिक, हमें हमेशा आभार और विनम्रता के साथ शब्दों का चयन करना चाहिए।
(v) विषय का चयन: पत्र का विषय स्पष्ट और प्रासंगिक होना चाहिए, ताकि पाठक को समझने में कोई परेशानी न हो।
(vi) संरचना: एक अच्छे पत्र की संरचना भी सही होनी चाहिए। पत्र का प्रारंभ, मध्य और समापन सुसंगत तरीके से होना चाहिए।
(vii) साक्षात्कार और धन्यवाद: पत्र में किसी से कुछ निवेदन या सवाल पूछा गया हो, तो अंत में धन्यवाद देना अच्छा माना जाता है।
आशा है कि तुम इन गुणों का ध्यान रखते हुए अच्छे पत्र लिख सकोगे। तुम्हारे पत्रों में इन गुणों का ध्यान रखना तुम्हारे विचारों को और अधिक प्रभावी बना सकता है।
तुम्हारा मित्र,
………..
निम्नलिखित वाक्यों में सही (√) और गलत (x) का निशान लगाइए।
1. कार्यालय आदेश का प्रयोग कर्मचारियों को नियमित छुट्टी की मंजूरी देने के लिए किया जाता है। ( )
उत्तर: √
2. कार्यालय आदेश की भाषा में अन्य पुरुष का प्रयोग किया जाता है। ( )
उत्तर: √
3. ज्ञापन का प्रयोग मित्रों को पत्र लिखने के लिए किया जाता है। ( )
उत्तर: ×
4. ज्ञापन में सम्बोधन तथा अधोलेख नहीं होता है। ( )
उत्तर: √
5. संस्थान के अनेक स्थानों पर सूचना देने के लिए परिपत्र का प्रयोग किया जाता है। ( )
उत्तर: √
6. एक कर्मचारी की पदोन्नति को परिपत्र द्वारा सूचित किया जाता है। ( )
उत्तर: √
7. छुट्टी लेने के लिए आवेदन पत्र की जरुरत नहीं होती। ( )
उत्तर: ×
8. भर्ती के लिए आवेदन-पत्र देना ज़रुरी होता है। ( )
उत्तर: √
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर अपने शब्दों में लिखिए (200-200 शब्दों में):
1. किशोरावस्था में आने वाले भावात्मक परिवर्तनों की महत्ता को समझाते हुए अपने अनुज/अनुजा को पत्र लिखिए।
उत्तर: प्रिय अनुज/अनुजा,
नमस्कार,
आशा है तुम स्वस्थ और खुशहाल रहोगे/रहोगी। आज मैं तुम्हें किशोरावस्था में आने वाले भावात्मक परिवर्तनों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें बताना चाहता/चाहती हूँ।
किशोरावस्था जीवन का एक बहुत ही अहम और संवेदनशील समय होता है। इस समय हमारे शरीर और मन में कई बदलाव आते हैं। हमारी भावनाएं अत्यधिक प्रभावी हो सकती हैं और कभी-कभी हम अपने आप को भ्रमित भी महसूस करते हैं। कई बार हम उत्साहित, चिंतित, दुखी या गुस्से में भी होते हैं, और यह सब स्वाभाविक है।
इस समय, हम स्वयं को पहचानने की प्रक्रिया से गुजरते हैं। हम अपने सपनों और लक्ष्यों के बारे में सोचते हैं और कभी-कभी अपनी पहचान को लेकर उलझन महसूस करते हैं। यह बदलाव अपने आप में मुश्किल हो सकते हैं, लेकिन यह जीवन का एक अहम हिस्सा हैं, जो हमें एक समझदार और परिपक्व व्यक्ति बनाने में मदद करते हैं।
मैं तुम्हें यह सलाह देना चाहता/चाहती हूँ कि तुम अपनी भावनाओं को समझने की कोशिश करो और अगर कभी तुम चिंतित महसूस करो, तो अपने परिवार या मित्रों से बात करो। किसी भी तरह की समस्या या उलझन को अकेले सुलझाने की बजाय, खुलकर अपने पास के लोगों से मदद लो। यह समय अपनी मानसिक और भावनात्मक मजबूती बनाने का है।
याद रखना, यह बदलाव समय के साथ बेहतर होते जाएंगे और तुम इनसे उबरकर और भी मजबूत बनोगे/बनोगी।
सदैव तुम्हारा,
………….
2. मान लीजिए आप एक सरकारी कार्यालय में काम करते हैं। अपनी बीमारी का उल्लेख करते हुए छुट्टी के लिए आवेदन पत्र लिखिए।
उत्तर: दिनांक: 16 दिसंबर 2024
श्रीमान/श्रीमती,
प्रमुख,
……
…….
विषय: बीमारी के कारण छुट्टी के लिए आवेदन।
महोदय,
सादर निवेदन है कि मैं [आपका नाम], [आपकी पदवी] [कार्यालय का नाम] में कार्यरत हूं। मैं आपको सूचित करना चाहता/चाहती हूं कि मुझे [बीमारी का नाम] के कारण आजकल बुखार और कमजोरी महसूस हो रही है, जिसके चलते मैं काम करने में असमर्थ हूं। डॉक्टर ने मुझे 3 दिनों की विश्राम की सलाह दी है।
अतः, कृपया मुझे 17 दिसंबर 2024 से 19 दिसंबर 2024 तक तीन दिनों की छुट्टी देने की कृपा करें। मुझे आशा है कि आप मेरी स्थिति को समझेंगे और आवश्यक छुट्टी प्रदान करेंगे।
धन्यवाद।
सादर,
……….
3. नशीले पदार्थों के व्यसन से ग्रस्त अपने मित्र को सेवन की बुराइयों से अवगत कराते हुए पत्र लिखिए।
उत्तर: दिनांक: 16 दिसंबर 2024
प्रिय मित्र,
सप्रेम नमस्कार।
आशा है तुम स्वस्थ और खुशहाल रहोगे। मुझे तुमसे एक जरूरी बात करनी है, जो काफी समय से मेरे मन में चल रही है। मैंने सुना है कि तुम नशीले पदार्थों का सेवन कर रहे हो, और यह जानकर मुझे बहुत चिंता हो रही है। मैं चाहता/चाहती हूं कि तुम इस बारे में गंभीरता से सोचो और इस आदत को छोड़ दो, क्योंकि इसके बहुत बुरे प्रभाव होते हैं।
नशीले पदार्थों का सेवन शरीर और मस्तिष्क दोनों पर गहरा नकारात्मक असर डालता है। यह शारीरिक स्वास्थ्य को कमजोर करता है, जिससे हृदय, यकृत, और किडनी जैसी महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा, यह मानसिक स्थिति को भी प्रभावित करता है, जिससे व्यक्ति में अवसाद, चिंता, और मानसिक भ्रम बढ़ सकते हैं। इससे तुम्हारा आत्मविश्वास और जीवन की गुणवत्ता भी घटेगी।
इसके अलावा, नशीले पदार्थों का सेवन तुम्हारी सामाजिक और पारिवारिक जिंदगी को भी प्रभावित करता है। इससे रिश्तों में दरारें आ सकती हैं और तुम्हारे दोस्तों और परिवार से दूर होने का खतरा हो सकता है।
मुझे पूरा यकीन है कि तुम इस आदत को छोड़ सकते हो, क्योंकि तुम एक मजबूत और बुद्धिमान व्यक्ति हो। अगर तुम्हें कोई मदद चाहिए, तो मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं। तुम अपनी सेहत और भविष्य के लिए सही निर्णय लो।
कृपया इस पत्र को सकारात्मक तरीके से लो और मुझे आशा है कि तुम इस पर गंभीरता से विचार करोगे।
तुम्हारा सच्चा मित्र,
………….
4. गृह मंत्रालय के मुख्य लिपिक ने 02-03-2023 से 02-05-2023 तक 60 दिन की अर्जित छुट्टी की माँग की है। उनकी छुट्टी की मंजूरी के लिए उपनिदेशक (प्रशासन) की ओर से कार्यालय आदेश का मसौदा तैयार कीजिए।
उत्तर: कार्यालय आदेश
भारत सरकार
गृह मंत्रालय
प्रशासन शाखा
दिनांक: 16 दिसंबर 2024
क्रमांक: [क्रमांक दर्ज करें]
विषय: अर्जित छुट्टी की मंजूरी हेतु कार्यालय आदेश।
1. श्री [लिपिक का नाम], मुख्य लिपिक, गृह मंत्रालय ने 02-03-2023 से 02-05-2023 तक 60 दिनों की अर्जित छुट्टी की मांग की है।
2. प्रस्तावित छुट्टी की अवधि में, श्री [लिपिक का नाम] द्वारा सभी नियमानुसार आवश्यक कार्यों की पूर्ति की पुष्टि की गई है और कार्यालय की संचालन व्यवस्था में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होगी।
3. इस संदर्भ में, प्रस्तावित छुट्टी की स्वीकृति हेतु सभी संबंधित अधिकारियों से प्राप्त अनुमोदन के आधार पर, श्री [लिपिक का नाम] को उनकी अर्जित छुट्टी स्वीकृत की जाती है।
4. इस आदेश की तिथि से, श्री [लिपिक का नाम] 02-03-2023 से 02-05-2023 तक 60 दिनों की अर्जित छुट्टी पर रहेंगे।
सभी संबंधितों से अनुरोध है कि वे इस आदेश का पालन करें।
उपनिदेशक (प्रशासन)
गृह मंत्रालय
………..
………..
5. कोरोना रोग से ग्रस्त युवक के अनुभव से अपने अन्य मित्र रमेश को सचेत करते हुए पत्र लिखिए।
उत्तर: दिनांक: 16 दिसंबर 2024
प्रिय रमेश,
सप्रेम नमस्कार।
मुझे आशा है कि तुम स्वस्थ और खुशहाल रहोगे। आज मैं तुम्हें एक बहुत महत्वपूर्ण बात बताने के लिए यह पत्र लिख रहा हूं। मुझे हाल ही में कोरोना वायरस से संक्रमित होने का अनुभव हुआ और इस दौरान जो कुछ भी मैंने महसूस किया, वह मैं तुम्हारे साथ साझा करना चाहता हूं ताकि तुम और तुम्हारे परिवार वाले इस खतरनाक बीमारी से बच सकें।
कोरोना का संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है और इसके लक्षण अचानक उत्पन्न हो सकते हैं। पहले मुझे हल्का बुखार और सिरदर्द हुआ, फिर सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी। डॉक्टर से सलाह लेने पर पता चला कि मैं कोरोना से संक्रमित हूं। इलाज के दौरान मुझे बहुत थकान महसूस हुई और शारीरिक रूप से बेहद कमजोर हो गया था। दिन-रात बिस्तर पर पड़ा रहना पड़ा, जिससे मानसिक रूप से भी काफी परेशानी हुई।
इस अनुभव से मैंने यह सीखा कि कोरोना से बचाव सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसलिए, तुम्हें हमेशा मास्क पहनना चाहिए, हाथों को बार-बार धोना चाहिए, और सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचना चाहिए। यदि तुम्हें जरा सा भी बुखार, खांसी, या गले में खराश महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और खुद को आइसोलेट करके दूसरों से दूरी बनानी चाहिए।
मैं चाहता हूं कि तुम मेरी बातों को गंभीरता से समझो और खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखो। हमें किसी भी स्थिति में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
आशा है तुम इस पत्र को ध्यान से पढ़ोगे और अपनी सेहत का ध्यान रखोगे। तुम हमेशा स्वस्थ रहो, यही मेरी शुभकामनाएं हैं।
तुम्हारा मित्र,
…………