NIOS Class 12 Hindi Chapter 19 लेखन-कौशलः अनुच्छेद लेखन, फीचर तथा रिपोर्टिंग

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NIOS Class 12 Hindi Chapter 19 लेखन-कौशलः अनुच्छेद लेखन, फीचर तथा रिपोर्टिंग

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Chapter: 19

HINDI

प्रथम पृष्ठ – पुस्तक – 1 पाठगत प्रश्न 19.1

(i) निम्नलिखित में से सत्य और असत्य कथनों की पहचान कीजिए-

(क) निबंध लेखन और अनुच्छेद लेखन में कोई अन्तर नहीं होता है (सत्य) / (असत्य)

उत्तर: असत्य।

(ख) अनुच्छेद एक लघु रचना होती है (सत्य) / (असत्य)

उत्तर: सत्य।

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(ग) अनुच्छेद लिखने के लिए दिए गए विषय पर थोड़ा चिन्तन आवश्यक होता है- (सत्य) / (असत्य)

उत्तर: सत्य।

(घ) अनुच्छेद लेखन में तर्क और विचारों का पूर्वापर क्रम आवश्यक नहीं होता है- (सत्य) / (असत्य)

उत्तर: सत्य।

(ii) दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए-

(क) अनुच्छेद लेखन की विशेषता नहीं है-

(1) विषय को पूर्णता।

(2) विषय केन्द्रीयता।

(3) सामासिकता।

(4) विस्तृत आकार।

उत्तर: (4) विस्तृत आकार।

(ख) अनुच्छेद लेखन की प्रक्रिया से सम्बन्धित नहीं है-

(1) विषयगत चिन्तन।

(2) पुनः अध्ययन।

(3) उपयुक्त शैली का चयन।

(4) पुनरावृत्ति।

उत्तर: (4) पुनरावृत्ति।

पाठगत प्रश्न 19.3

(i) दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए-

(क) किसी सामाजिक समस्या, राजनीतिक गतिविधि या खेलकूद पर आधारित रोचक वर्णन को…… कहा जाता है-

(1) रिपोर्ताज।

(2) फीचर।

(3) संस्मरण।

(4) समाचार।

उत्तर: (2) फीचर।

(ख) फीचर एक ऐसी विधा है जो …… तथ्यों पर आधारित होती है-

(1) काल्पनिक।

(2) तर्कहीन।

(3) यथार्थ।

(4) अप्रासंगिक।

उत्तर: (3) यथार्थ।

(ग) फीचर लेखन में आवश्यक नहीं होता है-

(1) फीचर का ढाँचा।

(2) शैली।

(3) उद्धरण।

(4) तथ्यों की भरमार।

उत्तर: (4) तथ्यों की भरमार।

पाठगत प्रश्न 19.4

1. निम्नलिखित में से सत्य और असत्य कथनों की पहचान कीजिए-

(क) रिपोर्ट प्रत्यक्ष अनुभव पर आधारित नहीं होती (सत्य) / (असत्य)

उत्तर: असत्य।

(ख) रिपोर्टिंग में घटना का क्रमवार विवरण प्रस्तुत किया जाना आवश्यक होता है- (सत्य)/(असत्य)

उत्तर: सत्य।

(ग) विज्ञप्तियां, शासकीय रिपोर्टिंग का प्रमुख स्रोत होती है- (सत्य) / (असत्य)

उत्तर: सत्य।

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

(क) रिपोर्ट के लिए हिन्दी में किस शब्द का प्रयोग किया जाता है?

उत्तर: रिपोर्ट के लिए हिन्दी में सूचना शब्द का प्रयोग किया जाता है।

(ख) रिपोर्ट के किन्हीं दो प्रकारों का नाम लिखिए।

उत्तर: रिपोर्ट के किन्हीं दो प्रकारों का नाम है–

(i) औपचारिक रिपोर्ट।

(ii) अनौपचारिक रिपोर्ट।

(ग) रिपोर्ट किस पर आधारित होनी चाहिए?

उत्तर: रिपोर्ट हमेशा सत्य और वास्तविकता और स्पष्टता और संक्षिप्तता पर आधारित होनी चाहिए।

19.8 पाठांत प्रश्न

1. ‘अनुच्छेद’ को परिभाषित कीजिए और सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: किसी भी शब्द, वाक्य, सूत्र से सम्बद्ध विचार एवं भावों को अपने अर्जित ज्ञान, निजी अनुभूति से संजोकर प्रवाहमयी शैली के माध्यम से गद्यभाषा में अभिव्यक्त करना अनुच्छेद कहलाता है। उक्त परिभाषा के आधार पर स्पष्ट है कि अनुच्छेद लेखन का कोई भी विषय हो सकता है, वह शब्द, वाक्य, सूत्र रूप में भी हो सकता है।

2. लेखन कला के अंतर्गत ‘अनुच्छेद लेखन’ की प्रक्रिया का उल्लेख कीजिए।

उत्तर: अनुच्छेद लेखन की प्रक्रिया से हमारा आशय उस क्रियाविधि से है जिसके ज्ञान के आधार पर हम किसी विषय पर सुव्यवस्थित अनुच्छेद लिखना सीख सकते हैं। हम किसी दिए गए विषय पर अपनी निजी अनुभूति, अर्जित ज्ञान और सशक्त भाषा के सहयोग से अनुच्छेद लेखन करते हैं। एक अच्छा अनुच्छेद लिखने के लिए हमें कुछ बातों का ध्यान रखना अत्यन्त आवश्यक है।

आइए जानते हैं कि अनुच्छेद लिखते हुए किन-किन बातों का ध्यान रखना अत्यन्त आवश्यक है-

(i) विषयगत चिंतन-जिस विषय पर हमें अनुच्छेद लिखने के लिए कहा जाए उस विषय पर थोड़ा चिंतन-मनन आवश्यक है।

(ख) विषय की रूपरेखा दिए गए विषय पर थोड़ा सोचने-विचारने के उपरांत उसके आवश्यक बिन्दुओं और आयामों की एक रूपरेखा तैयार कर लेनी चाहिए जिससे विषय को सुव्यवस्थित रूप से अभिव्यक्त किया जा सके।

(ग) शैली-विषय को प्रस्तुत करने के लिए उपयुक्त शैली अथवा पद्धति का चयन किया जाना अत्यन्त आवश्यक है। अपनी रुचि और विषय के अनुरूप शैली के प्रयोग से अनुच्छेद में रमणीयता आ जाती है।

(घ) भाषा-अनुच्छेद लेखन के लिए सरल, सुबोध एवं विषयानुकूल भाषा का चयन करना अत्यन्त आवश्यक है। उपयुक्त भाषा के अभाव में अनुच्छेद दुर्बोध एवं अनुपयुक्त हो जाता है। 

(ङ) रचनागत दोष-अनुच्छेद एक सीमित वाक्य समूह में लिखी रचना होती है। इसका आकार छोटा होता है। अतः अनुच्छेद लिखते समय मूल भाव से इतर अप्रासंगिक या अनावश्यक बातों का उल्लेख नहीं करना चाहिए। 

(च) पुनः अध्ययन: अनुच्छेद लिखने के उपरांत उसका पुनः अध्ययन करना चाहिए तथा छूट गए दोषों को दूर करना चाहिए। 

3. अनुच्छेद लेखन की किन्हीं चार विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।

उत्तर: अनुच्छेद लेखन की चार विशेषताएँ- 

(i) विषय की पूर्णता अनुच्छेद लिखते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि उसमें संबंधित विषय के सभी महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं का समावेश होना चाहिए। विषय सीमित आयाम का होना चाहिए ताकि उसके सभी पक्षों को अनुच्छेद के सीमित आकार में संयोजित किया जा सके।

(ii) विषय केन्द्रीयता अनुच्छेद किसी एक भाव या विचार या तथ्य को एक बार, एक ही स्थान पर व्यक्त करता है। इसमें अन्य विचार नहीं रहते। प्रारम्भ से अन्त तक वह एक सूत्र में बँधा होता है। अनुच्छेद मूल विषय से इस तरह जुड़ा होता है कि पढ़ने के बाद पाठक को शीर्षक उपयुक्त एवं तर्कसंगत लगे।

(iii) क्रमबद्धता-अनुच्छेद के वाक्य समूह में उद्देश्य की एकता रहती है अतः विचारों को क्रमबद्ध एवं तर्कसंगत विधि से प्रकट किया जाता है एवं अप्रासंगिक बातों को हटा दिया जाता है। और विचारों का सुव्यवस्थित पूर्वापर क्रम रखा जाता है ताकि वे विषय से जुड़ सकें और विषय को विकसित कर सकें।

(iv) सामासिकता एवं संतुलित आकार-अनुच्छेद में मूल विषय के अनुरूप सामासिकता बरतने की आवश्यकता होती है। यथासम्भव अनावश्यक बातें न करके केवल विषय से सम्बद्ध वर्णन किया जाना चाहिए। एक प्रकार से यह ‘गागर में सागर’ भरने जैसा होता है। साथ ही यह ध्यान रखना चाहिए कि अनुच्छेद सन्तुलित हो, बहुत अधिक विस्तार नहीं होना चाहिए।

4. फीचर लेखन के महत्व को प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर: ‘फीचर’ अंग्रेजी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है आकृति, नखशिख, रूपरेखा, लक्षण, विशेषता या व्यक्तित्व। प्रसंग और सन्दर्भ के अनुसार यह शब्द अपना अर्थ बदलता है। समाचार पत्र तथा पत्रिकाओं में फीचर शब्द एक विशेष प्रकार के लेख के अर्थ में प्रयोग किया जाता है। अध्ययन, अनुसंधान, तथ्य, साक्षात्कार, चित्र आदि के आधार पर फीचर लिखे जाते हैं। फीचर को परिभाषित करते हुए हम कह सकते हैं कि “फीचर एक ऐसी विधा है जो यथार्थ एवं तथ्यों पर आधारित समाचार को भावात्मक संवेदना तथा सृजनात्मक कल्पना के रस में भिगोकर सन्तुलित, सहज एवं सरल भाषा तथा चित्रमयी मार्मिक शैली में अभिव्यक्ति प्रदान करती है।”

5. यात्रा पर आधारित एक फीचर तैयार कीजिए।

उत्तर: यात्रा पर आधारित फीचर: आदिवासी चिकित्सा तंत्र की खोज ‘तमाम आदिम समाजों का अपना एक विज्ञान और चिकित्सा तन्त्र रहा है। जो हमें भले ही जड़ी-बूटी, झाड़-फूंक और अन्धविश्वासों पर आधारित जान पड़े, पर उसकी पद्धति उनके अपने परिवेश से उपजी हुई होती है और वह अवैज्ञानिक नहीं होता। मसलन, जंगलों में रहने वाले योगी मच्छरों और जहरीली मक्खियों से बचने के लिए अपने शरीर पर सफेद मिट्टी का लेप करते हैं, जो उनकी काली त्वचा और तीखी धूप के बीच एक कवच का भी काम करता है। शहद निकालने से पहले वे कुछ खास पत्तियाँ खाते हैं जिससे मक्खियों का डंक बेअसर हो जाता है। बुखार और दर्द से छुटकारा पाने के लिए शरीर पर लाल मिट्टी का लेप किया जाता है।”

इस यात्रा ने मुझे यह एहसास दिलाया कि प्रकृति और समाज के बीच का सामंजस्य कितना गहरा है और इन पारंपरिक विधियों में छिपा ज्ञान हमें हमारी आधुनिक चिकित्सा प्रणाली की ओर एक नई दृष्टि से देखने के लिए प्रेरित करता है।

6. किसी भी सम्मेलन की एक रिपोर्टिंग प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर: तिथि: 15-16 दिसंबर 2024

स्थान: डिब्रुगढ़ विश्वविद्यालय, डिब्रुगढ़

इस सम्मेलन का आयोजन डिब्रुगढ़ विश्वविद्यालय में 15-16 दिसंबर 2024 को हुआ, जिसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास पर चर्चा करना था। सम्मेलन का उद्घाटन पर्यावरण मंत्री श्रीमती सुषमा शर्मा ने किया। प्रमुख विषयों में जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा, और प्रदूषण नियंत्रण पर विचार-विमर्श किया गया। डॉ. अरुण कुमार ने “नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत” पर व्याख्यान दिया। सम्मेलन में प्रदर्शनी और शोध प्रस्तुतियों का भी आयोजन किया गया। सम्मेलन के अंत में एक घोषणा पत्र जारी किया गया, जिसमें पर्यावरण संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने की प्रतिबद्धता जताई गई।

7. रिपोर्टिंग के किन्हीं पाँच विशेषताओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर: रिपोर्टिंग के पाँच विशेषताए है–

(i) रिपोर्ट में घटना का तथ्यपरक वर्णन होता है अर्थात रिपोर्ट तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए।

(ii) सभी तथ्य सत्य पर आधारित और विश्वसनीय होने चाहिए।

(iii) रिपोर्ट का आकार संक्षिप्त होना चाहिए तथा उसमें आवश्यक और महत्त्वपूर्ण तथ्यों को ही स्थान दिया जाना चाहिए।

(iv) तथ्यों को क्रमानुसार व्यवस्थित करना चाहिए ताकि उनसे पूरी जानकारी प्राप्त हो सके।

(v) रिपोर्ट में तटस्थता होनी चाहिए। रिपोर्टर को किसी पक्ष विशेष के प्रति सहानुभूति या पक्षपात करने की अपेक्षा सन्तुलित रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए।

8. रिपोर्टिंग के चार गुणों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर: रिपोर्टिंग के चार गुण हैं–

(i) तथ्यपरकता एवं स्पष्टता-रिपोर्टर को विभिन्न तथ्य स्पष्ट रूप से पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करना चाहिए। जब तक उसकी रिपोर्ट आँकड़ों एवं तथ्यों पर आधारित नहीं होगी तब तक विश्वसनीय नहीं मानी जाएगी। रिपोर्ट की भाषा आलंकारिक और मुहावरेदार न होकर स्पष्ट एवं सरल होनी चाहिए।

(ii) अनुभव-रिपोर्ट प्रत्यक्ष अनुभव पर आधारित होती है। रिपोर्टर घटनास्थल पर पहुँचकर निरीक्षण करता है, तथ्य इकट्ठे करता है और आस-पास के माहौल की जाँच करता है। यह रिपोर्ट लेखन का अनिवार्य पक्ष है।

(iii) रोचकता एवं क्रमबद्धता-रिपोर्टिंग में घटना का क्रमवार विवरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए। तथ्यों को क्रमबद्ध एवं रोचक शैली में प्रस्तुत करने से रिपोर्ट प्रभावशाली बनती है।

(iv) संक्षिप्त आकार-संक्षिप्त आकार किसी भी रिपोर्ट का आवश्यक गुण है। एक अच्छी रिपोर्ट में कम शब्दों में अधिक तथ्यों का समावेश रहता है।

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