NCERT Class 7 Hindi Vasant Chapter 9 एक तिनका

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NCERT Class 7 Hindi Vasant Chapter 9 एक तिनका

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एक तिनका

Chapter: 9

वसंत भाग–२
प्रश्न-अभ्यास

कविता से:

1. नीचे दी गई कविता की पंक्तियों को सामान्य वाक्य में बदलिए। 

जैसे-एक तिनका आँख में मेरी पड़ा – मेरी आँख में एक तिनका पड़ा

मूँठ देने लोग कपड़े की लगे – लोग कपड़े की मूँठ देने लगे

(क) एक दिन जब था मुंडेरे पर खड़ा- …………………..।

उत्तर: एक दिन जब था मुंडेरे पर खड़ा एक दिन मैं मुंडेर पर खड़ा था।

(ख) लाल होकर आँख भी दुखने लगी- …………………।

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उत्तर: लाल होकर आँख भी दुखने लगी- आँख लाल होकर दुखने लगी।

(ग) ऐंठ बेचारी दबे पाँवों भगी- ………………………।

उत्तर: ऐंठ बेचारी दबे पाँवों भगी- बेचारी ऐंठ दबे पाँव भाग गई।

(घ) जब किसी ढब से निकल तिनका गया- …….…………….।

उत्तर: जब किसी ढब से निकल तिनका गया- जब किसी ने ढब (उपाय) से तिनका निकाला।

2. ‘एक तिनका’ कविता में किस घटना की चर्चा की गई है, जिससे घमंड नहीं करने का संदेश मिलता है?

उत्तर: एक दिन कवी घमंड से भरा हुआ था और एक शाम मैं  ऐंठकर मुंडेर (दीवार) पर खड़ा था। तभी अचानक दूर से उड़ता हुआ एक छोटा-सा तिनका उसकी आँख में आ गिरा। जिसके कारण वह बेचैन हो जाते हैं और उनकी आँख दुखने लगते है और उसकी आँख लाल हो जाता है।आसपास के लोग कपड़े की मूँठ बनाकर तिनके को निकालने की कोशिश करते हैं। जब किसी तरीक़े से तिनका निकाल जाता है तब कवी को समझ आता है कि हमें किसी बात का घमंड नहीं करना चाहिए। 

3. आँख में तिनका पड़ने के बाद घमंडी की क्या दशा हुई?

उत्तर: आँख में तिनका पड़ने के बाद घमंडी व्यक्ति बेचैन हो गया। उसकी आँख दुखने लगी और लाल हो गई। उसे तब तक चैन नहीं आया जब तक उसकी आँख से तिनका निकल नहीं गया। इस घटना से उसका सारा घमंड चूर हो गया।

4. घमंडी की आँख से तिनका निकालने के लिए उसके आसपास लोगों ने क्या किया?

उत्तर: घमंडी की आँखों से तिनका निकालने के लिए उसके आसपास के लोगों ने कपड़े की मूँठ बनाकर उसकी आँख से तिनके को निकालने की कोशिश की।

5. ‘एक तिनका’ कविता में घमंडी को उसकी ‘समझ’ ने चेतावनी दी-

ऐंठता तू किसलिए इतना रहा,

एक तिनका है बहुत तेरे लिए।

इसी प्रकार की चेतावनी कबीर ने भी दी है- 

तिनका कबहुँ न निंदिए, पाँव तले जो होय। 

कबहुँ उड़ि आँखिन परै, पीर घनेरी होय।।

• इन दोनों में क्या समानता है और क्या अंतर? लिखिए।

उत्तर: समानता – “एक तिनका” कविता में घमंड को यह समझाया गया है कि उसकी ऐंठ और घमंड को एक छोटा-सा तिनका भी खत्म कर सकता है।

कबीरदास जी ने घंमड ना करने की शिक्षा दी है, हमें किसी को छोटा या तुच्छ नहीं समझना चाहिए, क्योंकि वही छोटा व्यक्ति (या वस्तु) भविष्य में बड़ा कष्ट दे सकता है। इस शिक्षा को देने के लिए तिनके का उदाहरण प्रस्तुत किया है।

अंतर – कबीर का दोहा विनम्रता और दूसरों के प्रति आदर पर जोर देता है। दोनों कविताएँ अहंकारी व्यक्ति को चेतावनी देती हैं कि उसका घमंड उसे नुकसान पहुँचा सकता है। 

अनुमान और कल्पना:

1. इस कविता को कवि ने ‘मैं’ से आरंभ किया है- ‘मैं घमंडों में भरा ऐंठा हुआ’। कवि का यह ‘मैं’ कविता पढ़नेवाले व्यक्ति से भी जुड़ सकता है और तब अनुभव यह होगा कि कविता पढ़नेवाला व्यक्ति अपनी बात बता रहा है। यदि कविता में ‘मैं’ की जगह ‘वह’ या कोई नाम लिख दिया जाए, तब कविता के वाक्यों में बदलाव आ जाएगा। कविता में ‘मैं’ के स्थान पर ‘वह’ या कोई नाम लिखकर वाक्यों के बदलाव को देखिए और कक्षा में पढ़कर सुनाइए।

उत्तर: वह घमंड से भरा ऐंठा हुआ, 

एक दिन जब था मुंडेर पर खड़ा

आ अचानक दूर से उड़ता हुआ, 

एक तिनका आँख में उसकी पड़ा।

वह झिझक उठा हुआ बेचैन सा 

लाल होकर आँख दुखने लगी।

जब किसी दब से निकल तिनका गया 

तब समझने यो उसे ताने दिए।

2. नीचे दी गई पक्तियों को ध्यान से पढ़िए- 

ऐंठ बेचारी दबे पाँवों भगी, 

तब ‘समझ’ ने यों मुझे ताने दिए।

• इन पंक्तियों में ‘ऐंठ’ और ‘समझ’ शब्दों का प्रयोग सजीव प्राणी की भाँति हुआ है। कल्पना कीजिए, यदि ‘ऐंठ’ और ‘समझ’ किसी नाटक में दो पात्र होते तो उनका अभिनय कैसा होता?

उत्तर: ऐंठ – अकड़ कर चलती, घमंड से भरी होती, रूखे स्वर में बोलती-ऐ! मनुष्य बता तू कौन है?

समझ – शांत स्वभाव की होती। वह दूसरों का सम्मान करने वाली होती। प्यार से वह समझाती हे मनुष्य! तुझे कभी घमंड नहीं करना चाहिए।

3. नीचे दी गई कबीर की पंक्तियों में तिनका शब्द का प्रयोग एक से अधिक बार किया गया है। इनके अलग-अलग अर्थों की जानकारी प्राप्त करें।

उठा बबूला प्रेम का, तिनका उड़ा अकास। 

तिनका-तिनका हो गया, तिनका तिनके पास।।

उत्तर: तिनका उड़ा अकास = आत्मा शरीर को छोड़कर ऊपर चली गई।

तिनका तिनका हो गया = आत्मा जाकर परमात्मा से मिल गई।

तिनका तिनके पास = पार्थिव शरीर उसके संबंधियों के पास रह गया।

भाषा की बात:

‘किसी ढब से निकलना’ का अर्थ है किसी ढंग से निकलना। ‘ढब से’ जैसे कई वाक्यांशों से आप परिचित होंगे, जैसे-धम से वाक्यांश है लेकिन ध्वनियों में समानता होने के बाद भी ढब से और धम से जैसे वाक्यांशों के प्रयोग में अंतर है। ‘धम से’, ‘छप से’ इत्यादि का प्रयोग ध्वनि द्वारा क्रिया को सूचित करने के लिए किया जाता है। नीचे कुछ ध्वनि द्वारा क्रिया को सूचित करने वाले वाक्यांश और कुछ अधूरे वाक्य दिए गए हैं। उचित वाक्यांश चुनकर वाक्यों के खाली स्थान भरिए-

छप से   टप से    थर्र से     फुर्र से     सन् से

(क) मेंढक पानी में………………….कूद गया।

उत्तर: मेंढक पानी में छप से कूद गया।

(ख) नल बंद होने के बाद पानी की एक बूँद………….चू गई।

उत्तर: नल बंद होने के बाद पानी की एक बूँद टप से चू गई।

(ग) शोर होते ही चिड़िया………………..उड़ी।

उत्तर: शोर होते ही चिड़िया फुर्र से उड़ी।

(घ) ठंडी हवा………….गुज़री, मैं ठंड में……..…….काँप गया।

उत्तर: ठंडी हवा सन् से गुज़री, मैं ठंड में थर्र से काँप गया।

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