NCERT Class 7 Hindi Chapter 1 माँ कह एक कहानी

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NCERT Class 7 Hindi Chapter 1 माँ कह एक कहानी

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Chapter: 1

मल्हार

पाठ से

मेरी समझ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सबसे सही उत्तर कौन-सा है? उनके सामने तारा (☆) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।

1. माँ अपने बेटे को करुणा और न्याय की कहानी क्यों सुनाती है?

(i) राजाओं की कहानियों से उसका मनोरंजन करने के लिए।

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(ii) उसमें सही और गलत की समझ विकसित करने के लिए।

(iii) उसे परिवार की विरासत और पूर्वजों के बारे में बताने के लिए।

(iv) उसे प्रकृति और जानवरों के बारे में जानकारी देने के लिए।

उत्तर: (ii) उसमें सही और गलत की समझ विकसित करने के लिए।

2. कविता में घायल पक्षी की कहानी का उपयोग किस लिए किया गया है?

(i) निर्दोष पक्षी के प्रति आखेटक की क्रूरता दिखाने के लिए।

(ii) पिता की वीरता और साहस पर ध्यान दिलाने के लिए।

(iii) करुणा और हिंसा के बीच के संघर्ष को दिखाने के लिए।

(iv) मित्रता और निष्ठा के महत्व को उजागर करने के लिए।

उत्तर: (iii) करुणा और हिंसा के बीच के संघर्ष को दिखाने के लिए।

3. कविता के अंत तक पहुँचते-पहुँचते बच्चे को क्या समझ में आने लगता है?

(i) न्याय सदैव करुणा के साथ होना चाहिए।

(ii) निर्णय लेते समय सदैव निडर रहना चाहिए।

(iii) आखेटकों का सदैव विरोध करना चाहिए।

(iv) जानवरों की हर स्थिति में रक्षा करनी चाहिए।

उत्तर: (i) न्याय सदैव करुणा के साथ होना चाहिए।

(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग-अलग उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुनें?

उत्तर: मैंने ये उत्तर इसलिए चुने क्योंकि कविता का मुख्य संदेश करुणा न्याय, सही – गलत के मेल को समझाना है। घायल पक्षी की कहानी में आखेटक की क्रूरता के माध्यम से यह दिखाया गया है कि निर्दोष पर अत्याचार करना गलत है। इसके साथ ही, कविता यह भी सिखाती है कि न्याय करते समय केवल कठोरता नहीं, बल्कि करुणा का भाव भी होना चाहिए, इसलिए ये उत्तर सबसे उपयुक्त हैं।

मिलकर करें मिलान

इस पाठ में आपने माँ और पुत्र के बीच की बातचीत को एक कविता के रूप में पढ़ा है। इस कविता में माँ अपने पुत्र को उसके पिता की एक कहानी सुना रही हैं। क्या आप जानते हैं कि ये माँ, पुत्र और पिता कौन हैं? अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और उन्हें पहचानकर सुमेलित कीजिए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।

पात्रये शब्द किनके लिए आए हैं
1. बेटा1. यशोधरा, एक राजकुमारी, सिद्धार्थ की पत्नी
2. माँ2. सिद्धार्थ, एक राजकुमार जो बाद में गौतम बुद्ध के नाम से प्रसिद्ध हुए
3. तात (पिता)3. सिद्धार्थ और यशोधरा के पुत्र राहुल

उत्तर:

पात्रये शब्द किनके लिए आए हैं
1. बेटा3. सिद्धार्थ और यशोधरा के पुत्र राहुल
2. माँ1. यशोधरा, एक राजकुमारी, सिद्धार्थ की पत्नी
3. तात (पिता)2. सिद्धार्थ, एक राजकुमार जो बाद में गौतम बुद्ध के नाम से प्रसिद्ध हुए
पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से क्या अर्थ चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए-

(क) “कोई निरपराध को मारे, 

तो क्यों अन्य उसे न उबारे? 

रक्षक पर भक्षक को वारे, 

न्याय दया का दानी!”

उत्तर: मैथिलीशरण गुप्त की कविता “माँ, कह एक कहानी” में माँ और बालक के बीच के आत्मीय संवाद को प्रस्तुत किया गया है। इन पंक्तियों में कवि ने न्याय और दया के सिद्धांत पर प्रश्न उठाया है। कवि कहते हैं कि यदि कोई निर्दोष व्यक्ति पर अत्याचार करता है, तो समाज का कर्तव्य है कि वह उसे बचाए। अगर रक्षक (जो सुरक्षा के लिए नियुक्त है) ही अत्याचारी (भक्षक) का समर्थन करता है, तो न्याय और दया की भावना का नाश हो जाता है। न्याय का अर्थ केवल कठोर दंड नहीं बल्कि पीड़ित की रक्षा और दया का समन्वय है। कवि समाज को जागरूक करते हुए न्याय के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने की प्रेरणा देते हैं। इसका अर्थ है कि निर्णय लेने से पहले सभी पक्षों को ध्यानपूर्वक सुनना और समझना आवश्यक है।

(ख) “हुआ विवाद सदय-निर्दय में, 

उभय आग्रही थे स्वविषय में, 

गई बात तब न्यायालय में, 

सुनी सभी ने जानी।”

उत्तर: मैथिलीशरण गुप्त की कविता “माँ, कह एक कहानी” में माँ और बालक के बीच के आत्मीय संवाद को प्रस्तुत किया गया है। इन पंक्तियों में यह बताया गया है कि जब करुणा और निर्दयता के बीच विवाद हुआ, और दोनों अपने-अपने पक्ष पर अड़े रहे, तो यह विवाद न्यायालय में पहुँचा। न्यायालय में सभी पक्षों को ध्यान से सुना गया और उनकी बातों को समझा गया। इसका अर्थ है कि निर्णय लेने से पहले सभी पक्षों को ध्यानपूर्वक सुनना और समझना आवश्यक है।

सोच-विचार के लिए

कविता को एक बार फिर से पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए-

(क) आपके विचार से इस कविता में कौन-सी पंक्ति सबसे महत्वपूर्ण है? आप उसे ही सबसे महत्वपूर्ण क्यों मानते हैं?

उत्तर: मेरे विचार से कविता की सबसे महत्वपूर्ण पंक्ति है— “न्याय दया का दानी!”। मैं इसे सबसे महत्वपूर्ण इसलिए मानता हूँ क्योंकि पूरी कविता का मूल संदेश इसी पंक्ति में छिपा है। यह पंक्ति सिखाती है कि न्याय करते समय केवल कठोरता या सजा का ध्यान नहीं रखना चाहिए, बल्कि करुणा और दया को भी महत्व देना चाहिए। एक सच्चा न्याय वही है जो न केवल सही और गलत को पहचानता है, बल्कि उसमें मानवता और संवेदना भी शामिल होती है। यही भावना कविता के पूरे भाव को आकार देती है।

(ख) आखेटक और बच्चे के पिता के बीच तर्क-वितर्क क्यों हुआ था?

उत्तर: आखेटक और बच्चे के पिता के बीच तर्क-वितर्क इसलिए हुआ था क्योंकि आखेटक बच्चे को शिकार बनाना चाहता था, जबकि पिता अपने बच्चे की रक्षा करना चाहता था। पिता को यह अन्यायपूर्ण और अमानवीय लगा। वह बच्चे की स्वतंत्रता और जीवन का पक्ष ले रहा था, जबकि आखेटक अपने अधिकार को सही ठहरा रहा था। इसी बात को लेकर दोनों में बहस हो गई।

(ग) माँ ने पुत्र से “राहुल, तू निर्णय कर इसका” क्यों कहा?

उत्तर: माँ ने पुत्र से “राहुल, तू निर्णय कर इसका” इसलिए कहा क्योंकि वह चाहती थी कि राहुल अपनी समझ और भावनाओं के आधार पर सही निर्णय ले। माँ ने उसे स्वतंत्रता दी कि वह सोच-समझकर तय करे कि सही क्या है और वह राहुल को यह सिखाना चाहती थी कि वह अपने जीवन में आने वाले कठिन निर्णयों का सामना कैसे करे। इससे माँ ने राहुल की सोच और जिम्मेदारी को सम्मान दिया।

(घ) यदि कहानी में आप उपवन में होते तो घायल हंस की सहायता के लिए क्या करते? आपके अनुसार न्याय कैसे किया जा सकता था?

उत्तर: अगर मैं उस कहानी में उपवन में होता, तो सबसे पहले घायल हंस की मदद करता। मैं उसके शरीर से तीर निकालकर उसके घाव को साफ करता और उसे मरहम लगाकर उसकी जान बचाने की कोशिश करता। मैं हंस को सुरक्षित स्थान पर रखता और उसे आराम देता।

मेरे अनुसार न्याय यह होता कि जिसकी जान बचाई गई है, वही उसके पास रहनी चाहिए। घायल हंस पर अधिकार उस व्यक्ति का होना चाहिए जिसने उसकी रक्षा की है, न कि उस आखेटक का जिसने उसे नुकसान पहुँचाया। न्याय के लिए मैं सभी को समझाने की कोशिश करता कि जीवन की रक्षा करना सबसे बड़ा धर्म है।

(ङ) कविता में माँ और बेटे के बीच बातचीत से उनके बारे में क्या-क्या पता चलता है?

(संकेत – कविता पढ़कर आपके मन में माँ-बेटे के बारे में जो चित्र बनता है, जो भाव आते हैं या जो बातें पता चलती हैं, उन्हें भी लिख सकते हैं।)

उत्तर: माँ और पुत्र में आत्मीयता, जिज्ञासा और सिखने-सिखाने का रिश्ता दिखाई देता हैं।कविता में माँ और बेटे के बीच बातचीत से यह पता चलता है कि माँ अपने बेटे के भविष्य को लेकर बहुत चिंतित और सचेत है। वह बेटे को जीवन के संघर्षों के प्रति तैयार करना चाहती है और उसे सही दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। माँ अपने अनुभवों के आधार पर बेटे को धैर्य, ईमानदारी और कड़ी मेहनत का महत्व समझाती है। दूसरी ओर, बेटा माँ की बातों को ध्यान से सुनता है, उसमें जिज्ञासा और सीखने की ललक दिखाई देती है। बातचीत से माँ का स्नेह, ममता और जीवन के प्रति उसकी गंभीरता झलकती है, वहीं बेटे की मासूमियत, आशाएँ और भविष्य के सपनों की झलक भी मिलती है। कुल मिलाकर, इस संवाद से माँ और बेटे के बीच गहरे प्रेम, समझदारी और मार्गदर्शन का सुंदर चित्रण होता है।

अनुमान और कल्पना से

अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-

(क) माँ ने अपने बेटे को कहानी सुनाते समय अंत में कहानी को स्वयं पूरा नहीं किया, बल्कि उसी से निर्णय करने के लिए कहा। यदि आप किसी को यह कहानी सुना रहे होते तो कहानी को आगे कैसे बढ़ाते?

उत्तर: मैं कहानी को इस तरह आगे बढ़ाता कि पिताजी घायल पक्षी को बड़े प्यार से उठाकर अस्पताल ले जाते। डॉक्टरों की मदद से पक्षी का इलाज कराया जाता और उसे नया जीवन मिलता। इधर आखेटक (शिकारी) को अपनी गलती का गहरा पछतावा होता। वह पिताजी से माफी माँगता और प्रतिज्ञा करता कि वह अब कभी भी किसी निर्दोष प्राणी को नुकसान नहीं पहुँचाएगा। वह यह भी संकल्प लेता कि आगे से वह पशु-पक्षियों की रक्षा करेगा और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करेगा। इस तरह कहानी एक सकारात्मक संदेश और सुंदर सीख के साथ समाप्त होती।

(ख) मान लीजिए कि कहानी में हंस और तीर चलाने वाले के बीच बातचीत हो रही है। कल्पना से बताइए कि जब उसने हंस को तीर से घायल किया तो उसमें और हंस में क्या-क्या बातचीत हुई होगी? उन्होंने एक-दूसरे को क्या–क्या तर्क दिए होंगे?

उत्तर: जब आखेटक ने हंस को तीर से घायल किया, तो हंस दर्द से कराहते हुए बोला, “तुमने मुझे क्यों घायल किया? मैंने तो तुम्हारा कोई नुकसान नहीं किया था। मैं तो सिर्फ आकाश में स्वतंत्र उड़ रहा था।” आखेटक कुछ झिझकते हुए बोला, “मुझे क्षमा करो, मेरा उद्देश्य केवल अपना शिकार करना था। मुझे नहीं पता था कि मेरे इस एक तीर से तुम्हारी जान जोखिम में पड़ जाएगी।” हंस ने तर्क दिया, “क्या केवल अपने आनंद या अभ्यास के लिए किसी निर्दोष प्राणी का जीवन छीन लेना उचित है? क्या तुम्हें नहीं लगता कि जैसे तुम्हें जीने का अधिकार है, वैसे ही मुझे भी?” आखेटक चुप हो गया, उसे अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने सिर झुकाते हुए उत्तर दिया, “तुम सही कह रहे हो। किसी भी जीव के जीवन का सम्मान करना चाहिए। मैं वादा करता हूँ कि अब से मैं अपने शौक के लिए किसी भी प्राणी को कष्ट नहीं पहुँचाऊँगा।” इस तरह तीर चलाने वाले और घायल हंस के बीच हुई यह बातचीत दया, करुणा और जीवन के प्रति सम्मान का सुंदर संदेश देती है।

(ग) मान लीजिए कि माँ ने जो कहानी सुनाई है, आप भी उसके एक पात्र हैं। आप कौन-सा पात्र बनना चाहेंगे? और क्यों?

(i) तीर चलाने वाला।

(ii) पक्षी।

(iii) पक्षी को बचाने वाला व्यक्ति।

(iv) न्यायाधीश।

(v) कोई अन्य पात्र जो आप कहानी में जोड़ना चाहें।

उत्तर: यदि मैं माँ की सुनाई कहानी का एक पात्र बनता, तो मैं पक्षी को बचाने वाला व्यक्ति बनना चाहता। मैं इसलिए यह पात्र चुनता क्योंकि मुझे दूसरों की मदद करना, दुखी और पीड़ितों को सहारा देना सबसे बड़ा धर्म और कर्तव्य लगता है। घायल पक्षी की पीड़ा देखकर मेरा हृदय द्रवित हो जाता और मैं उसे बचाकर यह संदेश देना चाहता कि करुणा, दया और जीवन के प्रति सम्मान सबसे महत्वपूर्ण मूल्य हैं। मैं चाहता कि मेरी कोशिश से न केवल एक जीवन बचे, बल्कि तीर चलाने वाला भी अपनी गलती समझे और दूसरों को भी सीख मिले कि किसी भी प्राणी के जीवन को अनावश्यक कष्ट पहुँचाना उचित नहीं है। इस तरह मैं अपने छोटे से प्रयास से दुनिया को थोड़ा और सुंदर बनाने में योगदान देना चाहता।

संवाद

इस कविता में एक माँ और उसके पुत्र का संवाद दिया गया है लेकिन कौन-सा कथन किसने कहा है, यह नहीं बताया गया है। आप कविता में दिए गए संवादों को पहचानिए कि कौन-सा कथन किसने कहा है और उसे दिए गए उचित स्थान पर लिखिए। उदाहरण के लिए, माँ और पुत्र का एक-एक कथन दिया गया है।

पुत्र द्वारा कहे गए कथनमाँ द्वारा कहे गए कथन
1. “माँ, कह एक कहानी।”1.”बेटा, समझ लिया क्या तूने मुझको अपनी नानी?”

उत्तर:

पुत्र द्वारा कहे गए कथनमाँ द्वारा कहे गए कथन
1. “माँ, कह एक कहानी।”1.”बेटा, समझ लिया क्या तूने मुझको अपनी नानी?”
2. “कहती है मुझसे यह चेरी, तू मेरी नानी की बेटी!2. “तू है हठी मानधन मेरे, सुन उपवन में बड़े सवेरे, तात भ्रमण करते थे तेरे,
3. राजा था या रानी?3. “वर्ण-वर्ण के फूल खिले थे,
4. कोई निरपराध को मारे, तो क्यों अन्य उसे न उबारे?4. “हुआ विवाद सदय-निर्दय में,
5. माँ, मेरी क्या बानौ?
मैं सुन रहा कहानी।
5. “राहुल, तू निर्णय कर इसका– 
न्याय पक्ष लेता है किसका?
शब्द से जुड़े शब्द

नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में प्रकृति से जुड़े शब्द कविता में से चुनकर लिखिए-

उत्तर:

पंक्ति से पंक्ति

नीचे स्तंभ 1 और स्तंभ 2 में कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। मिलती-जुलती पंक्तियों को रेखा खींचकर मिलाइए-

स्तंभ 1स्तंभ 2
1. कहती है मुझसे यह चेटी1. दोनों ही अपनी-अपनी बात पर अड़े हुए थे।
2. तू है हठी मानधन मेरे2. तू बिना डरे कह दे कि जीत किसकी होनी चाहिए।
3. झलमल कर हिम-विंदु झिले थे3. दयालु और निर्दयी व्यक्ति में झगड़ा हुआ।
4. गिरा, बिद्ध होकर खर-शर से4. न्याय में दया सम्मिलित होती है, न्याय मारने वाले के स्थान पर बचाने वाले का पक्ष लेता है।
5. हुआ विवाद सदय-निर्दय में5. हिम-कण/ओस की बूँदें झिलमिला रही थीं। थीं।
6. कह दे निर्भय, जय हो जिसका6. तूने कहानी को समझ लिया है।
7. तूने गुनी कहानी।7. यह सेविका मुझसे यह कहती है।
8. उभय आग्रही थे स्वविषय में8. तेज धार वाले तीर से घायल होकर गिर गया।
9. तब उसने, जो था खगभक्षी-हठ करने की ठानी।9. हे मेरे पुत्र, तू बहुत हठ करता है।
10. रक्षक पर भक्षक को वारे न्याय दया का दानी !10. तब उस तीर चलाने वाले ने हठ करने का निश्चय कर लिया।

उत्तर: 

स्तंभ 1स्तंभ 2
1. कहती है मुझसे यह चेटी7. यह सेविका मुझसे यह कहती है।
2. तू है हठी मानधन मेरे9. हे मेरे पुत्र, तू बहुत हठ करता है।
3. झलमल कर हिम-विंदु झिले थे5. हिम-कण/ओस की बूँदें झिलमिला रही थीं। थीं।
4. गिरा, बिद्ध होकर खर-शर से8. तेज धार वाले तीर से घायल होकर गिर गया।
5. हुआ विवाद सदय-निर्दय में3. दयालु और निर्दयी व्यक्ति में झगड़ा हुआ।
6. कह दे निर्भय, जय हो जिसका2. तू बिना डरे कह दे कि जीत किसकी होनी चाहिए।
7. तूने गुनी कहानी।6. तूने कहानी को समझ लिया है।
8. उभय आग्रही थे स्वविषय में1. दोनों ही अपनी-अपनी बात पर अड़े हुए थे।
9. तब उसने, जो था खगभक्षी-हठ करने की ठानी।10. तब उस तीर चलाने वाले ने हठ करने का निश्चय कर लिया।
10. रक्षक पर भक्षक को वारे न्याय दया का दानी !4. न्याय में दया सम्मिलित होती है, न्याय मारने वाले के स्थान पर बचाने वाले का पक्ष लेता है।
कविता की रचना

‘राजा था या रानी? 

राजा था या रानी? 

माँ, कह एक कहानी।”

इन पंक्तियों पर ध्यान दीजिए। इन पंक्तियों की तरह इस पूरी कविता में अनेक स्थानों पर कुछ पंक्तियाँ दो बार आई हैं। इस कारण कविता में पाठक को माँ-बेटे की बातचीत और अच्छी तरह समझ में आ जाती है। इससे कविता के सौंदर्य में भी वृद्धि हुई है।

आप ध्यान देंगे तो इस कविता में आपको ऐसी अनेक विशेषताएँ दिखाई देंगी (जैसे- कविता में माँ-बेटे का संवाद दिया गया है जिसे ‘संवादात्मक शैली’ कहते हैं; प्रकृति और कार्यों आदि का वर्णन किया गया है जिसे ‘वर्णनात्मक शैली’ कहा जाता है)।

(क) इस कविता को एक बार पुनः पढ़िए और अपने समूह में मिलकर इस कविता की विशेषताओं की सूची बनाइए। अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

(ख) नीचे इस कविता की कुछ विशेषताएँ और वे पंक्तियाँ दी गई हैं जिनमें ये विशेषताएँ दिखाई देती हैं। विशेषताओं का सही पंक्तियों से मिलान कीजिए। आप कविता की पंक्तियों में एक से अधिक विशेषताएँ भी ढूँढ़ सकते हैं।

कविता की विशेषताएँकविता की पंक्तियाँ
1. संवाद दिए गए हैं।1. हुआ विवाद सदय-निर्दय में
2. पंक्ति के अंतिम शब्द की ध्वनि आपस में मिलती-जुलती है।2. हुई पक्ष की हानी।
3. कुछ शब्द दो बार और साथ-साथ आए हैं।3. बेटा, समझ लिया क्या तूने मुझको अपनी नानी? कहती है मुझसे यह चेटी,तू मेरी नानी की बेटी।
4. कुछ विपरीतार्थक शब्द साथ-साथ आए हैं।4. तू है हठी मानधन मेरे, सुन, उपवन में बड़े सबेरे।
5. प्रकृति का वर्णन किया गया है।5. कोमल-कठिन कहानी।
6. एक ही वर्ण से शुरू होने वाले एक से अधिक शब्द एक ही पंक्ति में आए हैं।6. वर्ण वर्ण के फूल खिले थे,झलमल कर हिम-विंदु झिले थे, हलके झोंके हिले-मिले थे, लहराता था पानी।
7. प्रश्न-उत्तर दिए गए हैं।
8. शब्द की वर्तनी बदलकर उपयोग किया गया है।

उत्तर: 

कविता की विशेषताएँकविता की पंक्तियाँ
1. संवाद दिए गए हैं।3. बेटा, समझ लिया क्या तूने मुझको अपनी नानी? कहती है मुझसे यह चेटी,तू मेरी नानी की बेटी।
2. पंक्ति के अंतिम शब्द की ध्वनि आपस में मिलती-जुलती है।4. तू है हठी मानधन मेरे, सुन, उपवन में बड़े सबेरे 
3. कुछ शब्द दो बार और साथ-साथ आए हैं।6. वर्ण वर्ण के फूल खिले थे,झलमल कर हिम-विंदु झिले थे, हलके झोंके हिले-मिले थे, लहराता था पानी।
4. कुछ विपरीतार्थक शब्द साथ-साथ आए हैं।1. हुआ विवाद सदय-निर्दय में
5. प्रकृति का वर्णन किया गया है।6. वर्ण वर्ण के फूल खिले थे,झलमल कर हिम-विंदु झिले थे, हलके झोंके हिले-मिले थे, लहराता था पानी।
6. एक ही वर्ण से शुरू होने वाले एक से अधिक शब्द एक ही पंक्ति में आए हैं।5. कोमल-कठिन कहानी।
7. प्रश्न-उत्तर दिए गए हैं।3. बेटा, समझ लिया क्या तूने मुझको अपनी नानी? कहती है मुझसे यह चेटी,तू मेरी नानी की बेटी।
8. शब्द की वर्तनी बदलकर उपयोग किया गया है।2. हुई पक्ष की हानी।
रूप बदलकर

“सुन, उपवन में बड़े सबेरे,

तात भ्रमण करते थे तेरे,”

कविता की इन पंक्तियों को निम्न प्रकार से बदलकर लिखा जा सकता है-

“सुनो! आपके पिता एक उपवन में बहुत सवेरे भ्रमण किया करते थे…”

अब आप भी पाठ के किसी एक पद को एक अनुच्छेद के रूप में लिखिए।

उत्तर: पंक्तिः

“गाते थे खग कल कल स्वर से…”

अनुच्छेद रूपः

“पक्षी बहुत मधुर स्वर में कल-कल गाते थे, जिससे पूरा उपवन गूंज उठता था।”

कविता में विराम चिह्न

“माँ, कह एक कहानी।”

इस पंक्ति में आपको अनेक विराम चिह्न दिखाई दे रहे हैं, जैसे-

अल्प विराम (,)

पूर्ण विराम (l)

उद्धरण चिह्न (“ “)

इस कविता में विराम चिह्नों का बहुत अच्छा प्रयोग किया गया है। विराम चिह्न इस कविता में अनेक कार्य कर रहे हैं, जैसे यह बताना कि-

कविता पाठ करते समय कहाँ थोड़ा रुकना है (,), कहाँ अधिक रुकना है (l)

कौन सी पंक्ति किसने कही है? पुत्र ने या माँ ने (” “)

कहाँ प्रश्न पूछा गया है (?)

कौन-सी बात आश्चर्य से बोली गई है (!)

(क) नीचे कविता का एक अंश बिना विराम चिह्नों के दिया गया है। इसमें उपयुक्त स्थानों पर विराम चिह्न लगाइए–

राहुल तू निर्णय कर इसका-

न्याय पक्ष लेता है किसका

कह दे निर्भय जय हो जिसका

सुन लूँ तेरी बानी

माँ मेरी क्या बानी

मैं सुन रहा कहानी

कोई निरपराध को मारे

तो क्यों अन्य उसे न उबारे

रक्षक पर भक्षक को वारे

न्याय दया का दानी

न्याय दया का दानी

तूने गुनी कहानी

उत्तर: “राहुल, तू निर्णय कर इसका—

न्याय पक्ष लेता है किसका?

कह दे निर्भय, जय हो जिसका—

सुन लूँ तेरी बानी।

“माँ, मेरी क्या बानी!

मैं सुन रहा कहानी।”

कोई निरपराध को मारे,

तो क्यों अन्य उसे न उबारे?

रक्षक पर भक्षक को वारे—

न्याय दया का दानी!”

“न्याय दया का दानी,

तूने गुनी कहानी।”

(ख) अब विराम चिह्नों का ध्यान रखते हुए कविता को अपने समूह में सुनाइए।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

पाठ से आगे

आपकी बात

(क) “सुन, उपवन में बड़े सबेरे, 

तात भ्रमण करते थे तेरे,”

आप या आपके परिजन भ्रमण के लिए कहाँ-कहाँ जाते हैं? और क्यों?

उत्तर: मैं या मेरे परिजन प्रायः सुबह के समय पास के पार्क, नदी के किनारे या कभी-कभी किसी शांत बगीचे में भ्रमण के लिए जाते हैं। हम वहाँ इसलिए जाते हैं क्योंकि सुबह की ताजी हवा स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होती है। प्रकृति के बीच समय बिताने से मन शांत होता है और दिनभर के कार्यों के लिए ऊर्जा मिलती है। हरी-भरी घास, फूलों की खुशबू और पक्षियों की चहचहाहट हमारे मन को प्रसन्न कर देती है। साथ ही, यह समय परिवार के साथ बातचीत करने और आपसी संबंधों को मजबूत बनाने का भी एक अच्छा अवसर होता है। इसलिए हम रोज़ भ्रमण को अपने जीवन का एक आवश्यक हिस्सा मानते हैं।

(ख) इस पाठ में एक माँ अपने पुत्र को कहानी सुना रही है। आप किस-किस से कहानी सुनते हैं या थे? आप किसको और कौन-सी कहानी सुनाते हैं?

उत्तर: मैं बचपन में अक्सर अपनी माँ, दादी और कभी-कभी पिताजी से भी कहानियाँ सुनता था। माँ मुझे पंचतंत्र की कहानियाँ, दादी रामायण और महाभारत के प्रसंग, और पिताजी प्रेरणादायक जीवन प्रसंग सुनाया करते थे। उनकी कहानियाँ सुनते हुए मैं नए-नए पात्रों, उनकी अच्छाइयों और बुराइयों को समझता और बहुत कुछ सीखता था। अब जब मैं बड़ा हो गया हूँ, तो छोटे बच्चों को कहानियाँ सुनाता हूँ। मैं उन्हें अकसर ‘सच्चाई और ईमानदारी’ की महत्ता सिखाने वाली कहानियाँ, जैसे ‘सच्चे लकड़हारे’ की कहानी या ‘कछुआ और खरगोश’ की कहानी सुनाता हूँ। इन कहानियों के ज़रिए मैं उन्हें अच्छे संस्कार और जीवन के मूल्यों को समझाने का प्रयास करता हूँ।

(ग) माँ ने कहानी सुनाने के बीच में एक प्रश्न पूछ लिया था। क्या कहानी सुनाने के बीच में प्रश्न पूछना सही है? क्यों?

उत्तर: हाँ, कहानी सुनाने के बीच में प्रश्न पूछना सही है। इससे सुनने वाला कहानी में सक्रिय रूप से जुड़ा रहता है और उसकी रुचि बनी रहती है। जब माँ ने कहानी सुनाते समय प्रश्न पूछा, तो उन्होंने अपने बेटे को सोचने का अवसर दिया, जिससे उसकी समझ और सोचने की क्षमता बढ़ी। प्रश्न पूछने से कहानी एकतरफा नहीं रहती, बल्कि संवादमय बन जाती है। इससे श्रोता केवल कहानी का आनंद ही नहीं लेता, बल्कि उसमें छिपे गहरे अर्थ और शिक्षा को भी स्वयं खोजने लगता है। इसलिए कहानी सुनाते समय बीच-बीच में प्रश्न पूछना एक अच्छी और प्रभावी पद्धति मानी जाती है।

(घ) कविता में बालक अपनी माँ से बार-बार ‘वही’ कहानी सुनने की हठ करता है। क्या आपका भी कभी कोई कहानी बार-बार सुनने का मन करता है? अगर हाँ, तो वह कौन-सी कहानी है और क्यों?

उत्तर: हाँ, मुझे भी कभी-कभी एक कहानी बार-बार सुनने का मन करता है। वह कहानी “कबुलीवाला” है, जो आपके साथ जुड़ी हुई भी है। मुझे यह कहानी बहुत पसंद है क्योंकि इसमें दोस्ती, प्यार, और यादों का एक खास अहसास है। कबुलीवाला का मिनी से रिश्ता बहुत प्यारा होता है, और वह हर दिन अपने सादे शब्दों में उसे बहुत सी बातें और किस्से सुनाता है। इस कहानी में सादगी और गहरी भावनाओं का संगम होता है, जो दिल को छू जाता है।

निर्णय करें

‘राहुल, तू निर्णय कर इसका–”

नीचे कुछ स्थितियाँ दी गई हैं। बताइए कि इन स्थितियों में आप क्या करेंगे?

1. खेलते समय आप देखते हैं कि एक मित्र ने भूल से एक नियम तोड़ा है।

उत्तर: मैं अपने मित्र से शांतिपूर्वक बात करता और उसे बताता कि उसने नियम तोड़ा है, ताकि वह अगली बार सचेत रहे और खेल का सही तरीका अपनाए।

2. एक सहपाठी को कक्षा में दूसरों द्वारा चिढ़ाया जा रहा है।

उत्तर: मैं तुरंत उस सहपाठी का समर्थन करता और चिढ़ाने वालों से कहता कि यह व्यवहार गलत है। मुझे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सहपाठी को मानसिक तनाव न हो।

3. एक समूह परियोजना के बीच एक सहपाठी अपने भाग का कार्य नहीं कर रहा है।

उत्तर: मैं उस सहपाठी से शांति से बात करता और उसे समझाता कि टीम का काम सभी को मिलकर करना होता है। यदि फिर भी काम नहीं होता, तो मैं शिक्षक से मदद लेता।

4. आपके दो मित्रों के बीच एक छोटी-सी बात पर तर्क-वितर्क हो रहा है।

उत्तर: मैं दोनों मित्रों को शांत करने की कोशिश करता और उनके बीच सामंजस्य बनाने के लिए दोनों के दृष्टिकोण को समझता। मैं यह सुनिश्चित करता हूँ कि दोनों अपनी बात बिना गुस्से के सही तरीके से कह सकें।

5. एक सहपाठी को कुछ ऐसा करने के लिए अनुचित रूप से दंडित किया जा रहा है जिसे उसने नहीं किया।

उत्तर: मैं उस सहपाठी का समर्थन करता और शिक्षक से उचित कार्रवाई की मांग करता हूँ, ताकि सहपाठी पर अन्याय न हो।

6. एक सहपाठी प्रतियोगिता में हार जाने पर उदास है।

उत्तर: मैं उसे सांत्वना देता और बताता हूँ कि हारना भी सीखने का हिस्सा है। उसे प्रेरित करता हूँ कि वह अगले प्रयास में बेहतर कर सकता है।

7. कक्षा में चर्चा के बीच एक सहपाठी संकोच कर रहा है और बोलने का अवसर नहीं पा रहा है।

उत्तर: मैं उसे प्रोत्साहित करता हूँ और चर्चा में शामिल होने का मौका देता हूँ। साथ ही, मैं कक्षा के अन्य छात्रों से भी कहता हूँ कि वे उसका समर्थन करें और उसे बोलने का अवसर दें।

8. सहपाठी किसी विषय में संघर्ष कर रहा है और आपसे सहायता माँगता है।

उत्तर: मैं उसे मदद करने के लिए तैयार रहता हूँ। मैं उसे समझाने की कोशिश करता हूँ और आवश्यकतानुसार साथ में पढ़ाई करता हूँ ताकि वह विषय में सुधार कर सके।

सुनी कहानी

हमारे देश और विश्व में अनेक कहानियाँ लोग एक-दूसरे को सैकड़ों-हजारों सालों से सुनते-सुनाते रहे हैं। इन कहानियों को लोककथाएँ कहते हैं। अपने घर या आस-पास सुनी-सुनाई जाने वाली किसी लोककथा को लिखकर कक्षा में सुनाइए। आपने जिस भाषा में लोककथा सुनी है या जिस भाषा में आप लोककथा लिखना चाहें, लिख सकते हैं। कक्षा के सभी समूहों द्वारा एकत्रित लोककथाओं को जोड़कर एक पुस्तिका बनाइए और कक्षा के पुस्तकालय में उसे सम्मिलित कीजिए।

उत्तर: लोककथा: “दीनू और उसकी धुन” – एक समय की बात है, एक गरीब लड़का दीनू अपने गाँव में रहता था। उसकी माँ उसे हमेशा कहती थी, “तुम जो चाहो, वही पा सकते हो, बस मेहनत करो।” एक दिन गाँव में एक मेला हुआ, जिसमें प्रतियोगिता थी। दीनू ने भी भाग लिया, जबकि लोग उसकी सादगी पर हँस रहे थे। लेकिन उसने मेहनत की और सभी कार्य अच्छे से किए, अंत में प्रतियोगिता जीत ली। उसकी जीत ने सबको सिखाया कि सफलता मेहनत और आत्मविश्वास से मिलती है, न कि बाहरी चीजों से।

आज की पहेली

नीचे कुछ पहेलियाँ दी गई हैं। इनके उत्तर आपको कविता में से मिल जाएँगे। पहेलियाँ बूझिए-

पहेली 1

नानी की बेटी है कौन?

मामा की बहना है कौन?

भार्या है पिता की कौन?

भाभी है चाचा की कौन?

उत्तर: माँ।

पहेली 2

आसमान में उड़-उड़ जाए,

तरह-तरह के गाने गाए,

पर फैलाकर करता सैर,

दो हैं जिसके पर और पैर।

उत्तर: खग (पक्षी)।

पहेली 3

बागों में जो सुगंध फैलाती,

फूल-फूल में बसती गाती,

हवा-हवा में घुल-मिल जाए, 

कौन है जो यह नाम बताए?

उत्तर: सुगंध (खुशबू)।

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