NCERT Class 12 Geography Chapter 14 मानव भूगोल: प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

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NCERT Class 12 Geography Chapter 14 मानव भूगोल: प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

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Chapter: 14

मानव भूगोल के मूल सिद्धांत

अभ्यास

1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए:

(i) निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक भूगोल का वर्णन नहीं करता?

(क) समाकलनात्मक अनुशासन।

(ख) मानव और पर्यावरण के बीच अंतर संबंधों का अध्ययन।

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(ग) द्वैधता पर आश्रित।

(घ) प्रौद्योगिकी के विकास के फलस्वरूप आधुनिक समय में प्रासंगिक नहीं।

उत्तर: (घ) प्रौद्योगिकी के विकास के फलस्वरूप आधुनिक समय में प्रासंगिक नहीं।

(ii) निम्नलिखित में से कौन-सा एक भौगोलिक सूचना का स्रोत नहीं है?

(क) यात्रियों के विवरण।

(ख) प्राचीन मानचित्र।

(ग) चंद्रमा से चट्टानी पदार्थों के नमूने।

(घ) प्राचीन महाकाव्य।

उत्तर: (ग) चंद्रमा से चट्टानी पदार्थों के नमूने।

(iii) निम्नलिखित में कौन-सा एक लोगों और पर्यावरण के बीच अन्योन्यक्रिया का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कारक है?

(क) मानव बुद्धिमता।

(ख) प्रौद्योगिकी।

(ग) लोगों के अनुभव।

(घ) मानवीय भाईचारा।

उत्तर: (ख) प्रौद्योगिकी।

(iv) निम्नलिखित में से कौन-सा एक मानव भूगोल का उपगमन नहीं है?

(क) क्षेत्रीय विभिन्नता।

(ख) मात्रात्मक क्रांति।

(ग) स्थानिक संगठन।

(घ) अन्वेषण और वर्णन।

उत्तर: (ख) मात्रात्मक क्रांति।

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए:

(i) मानव भूगोल को परिभाषित कीजिए।

उत्तर: मानव भूगोल भौतिक पर्यावरण तथा मानव पर्यावरण द्वारा निर्मित और समाजशास्त्रीय वातावरण के बीच के अंतर-संबंधों का अध्ययन करता है, जो एक दूसरे के साथ पारस्परिक बातचीत के माध्यम से होता है।

रेटज़ेल के अनुसार “मानव भूगोल मानव समाज के और पृथ्वी की सतह के बीच संबंधों का कृत्रिम अध्ययन है।”

पॉल विडाल डी ला ब्लाश के अनुसार “मानव भूगोल का जन्म भौतिक नियमों के अधिक समाकलित ज्ञान और पृथ्वी पर निवास करने वाले जीवों के बीच संबंधों के अध्ययन से होता है।”

एलेन सी. सेमी के अनुसार “मानव भूगोल अस्थिर मानव और अस्थिर पृथ्वी के बीच बदलते संबंधों का अध्ययन है।”

(ii) मानव भूगोल के कुछ उप-क्षेत्रों के नाम बताइए।

उत्तर: मानव भूगोल के कुछ उप-क्षेत्रों के नाम है-

(i) सामाजिक भूगोल।

(ii) शहरी भूगोल (नगरीय भूगोल)।

(iii) राजनीतिक भूगोल।

(iv) जनसंख्या भूगोल।

(v) स्थापन भूगोल (आवास भूगोल)।

(vi) आर्थिक भूगोल।

(ii) मानव भूगोल किस प्रकार अन्य सामाजिक विज्ञानों से संबंधित है?

उत्तर: मानव भूगोल मानव जीवन के सभी “भाग” और उनके द्वारा होने वाले स्थानो के बीच संबंधों को समझाने का प्रयास करवाता है। इसी प्रकार, मानव भूगोल एक उच्च अंतःविषय प्रकृति मानता है। यह पृथ्वी की सतह पर मानव तत्वों को समझने और समझाने के लिए सामाजिक विज्ञान में अन्य सह विषयों के साथ गहरा, संबंध विकसित करता है। फलस्वरूप,विभिन्न सामाजिक विज्ञान क्षेत्र जैसे समाजशास्त्र, नृविज्ञान, मनोविज्ञान, शहरी नियोजन, राजनीति विज्ञान, संसाधन अर्थशास्त्र, कृषि विज्ञान भूगोल के साथ सभी रूप से परस्पर जुड़े हुए हैं।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए।

(i) मानव के प्राकृतीकरण की व्याख्या कीजिए।

उत्तर: जब मानव का प्राकृतीकरण और प्रकृतिका मानवीकरण मनुष्य अपने प्रौद्योगिकी की सहायता से अपने भौतिक पर्यावरण से अन्योन्यक्रिया करता है। यह महत्वपूर्ण नहीं है, कि मानव क्या उत्पन्न और निर्माण करता है कि यह अत्यन्त महत्वपूर्ण है कि यह ‘किन उपकरणों और तकनीकों की सहायता से उत्पादन और निर्माण करता है। तकनीक की क्षेत्र से विकास के लिए प्रकृति के बारे में ज्ञान होना बहत ही महत्वपूर्ण है।

इन्सान तब ही तकनीक के विकास करने में सक्षम थे जब उन्हें प्राकृतिक कानूनों के बारे में बेहतर समझ विकसित कर लें। प्राकृतिक वातावरण के साथ जुड़ने के शुरुआती चरणों में मनुष्य इससे बहुत ही प्रभावित हुए। वे तब प्रकृति के अनुकूल रहे क्योंकि तकनीक का स्तर बहुत कम था और मानव सामाजिक विकास का शुरूआती चरण था। बहुत कम तकनीकी विकास के उस चरण में, एक प्राकृतिक मानव की उपस्थिति रही, जो प्रकृति की बात सुनता था, उसके रोष से डरता था और उसकी पूजा करता था। इस आर्थिक रूप से आदिम समाज में, प्रकृति एक शक्तिशाली ताकत है, जिसकी पूजा, श्रद्धा और संरक्षण होता है। उन संसाधनों के लिए प्रकृति पर मानव की प्रत्यक्ष निर्भरता है जो मानव के रहने के लिए आवश्यक हैं। ऐसे समाजों के लिए भौतिक वातावरण “प्रकृति माँ” बन जाता है| इस प्रकार मनुष्यों का प्राकृतिककरण हुआ, जो अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में जारवास, शम्पेन्स जैसी जनजातियों में देखा जा सकता है जो शिकार करना और जमा करना और कृषि को स्थानांतरित करते हैं।

(ii) मानव भूगोल के विषय क्षेत्र पर एक टिप्पणी लिखिए।

उत्तर: मानव भूगोल भूगोल की वह शाखा है जो मानव और उसके पर्यावरण के बीच के संबंधों का अध्ययन करती है। यह सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक तरिके से स्थानिक दृष्टिकोण से समझने का प्रयास करता है। इसमें जनसंख्या की वृद्धि, वितरण, घनत्व, प्रवासन, भाषा, धर्म, संस्कृति, रीति-नीति और परंपराओं का विश्लेषण किया जाता है। ग्रामीण और शहरी बस्तियों की संरचना, कार्य और विकास भी इसके अंतर्गत आते हैं। मानव भूगोल भौतिक वातावरण से प्रभावित आर्थिक गतिविधियों जैसे कृषि, उद्योग, व्यापार-वाणिज्य परिवहन और संचार के स्थानिक वितरण को भी समझता है। साथ ही, यह जलवायु परिवर्तन, पर्यावरणीय क्षरण और प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग जैसे समसामयिक मुद्दों पर भी ध्यान देता है। यह अनुशासन सामाजिक विज्ञानों को एक समन्वित दृष्टिकोण प्रदान करता है और नागरिकों को पर्यावरण और समाज के प्रति जागरूत बनाकर, स्थायी, विकास की दिशा में सोचने के प्रति प्रेरित करता है।

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