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NIOS Class 12 Geography Chapter 7 वायुमंडलीय दाब और पवनें
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वायुमंडलीय दाब और पवनें
Chapter: 7
TEXTUAL QUESTION ANSWER |
पाठगत प्रश्न 7.1
निम्नलिखित के लिए एक उपयुक्त शब्द दीजिए:
1. पृथ्वी की सतह के ऊपर वायुमंडल द्वारा प्रति इकाई क्षेत्रफल पर लगाया जाने वाला बल।
उत्तर: वायुमंडलीय दाब
2. उस ‘पद’ का नाम बताइए जिसके द्वारा मानचित्र पर वायु दाव दिखाया जाता है?
उत्तर: समदाब रेखाएँ।
3. वायु दाब मापने के लिए प्रयोग किया जाने वाले एक उपकरण का नाम लिखिए
उत्तर: बैरोमीटर।
4. दो समदाब रेखाओं के बीच अंतर दशनि वाले शब्द को लिखिए?
उत्तर: दाब प्रवणता।
पाठगत प्रश्न 7.2
सही कथन के लिए ‘सत्य’ और गलत कथन के लिए ‘असत्य’ लिखें।
(i) तापमान और दाब के बीच व्युत्क्रमानुपाती संबंध होता है।
उत्तर: सत्य।
(ii) अधिकतम वायुमंडलीय दाब पर्वत की चोटी पर मिलता है।
उत्तर: असत्य।
(iii) अपनी धुरी पर पृथ्वी का पूर्णन वायु के दाब को विशेष रूप से मध्य अक्षांश में प्रभावित करता है।
उत्तर: असत्य।
(iv) महाद्वीपीय हवाएं महासागरीय हवा की तुलना में वजन में हल्की होती हैं।
उत्तर: असत्य।
पाठगत प्रश्न 7.3
(i) अंतर उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र को किस अन्य नाम से जाना जाता है?
उत्तर: डोलड्रम्स (Doldrums) / निरवात क्षेत्र।
(ii) अश्व का अक्षांश किस वायु दाब पेटी से संबंधित है?
उत्तर: उपोष्णकटिबंधीय उच्च दाब पेटी।
(iii) उपध्रुवीय निम्न वायु दाब के लिए कौन सा कारक उत्तरदायी है?
उत्तर: गतिशील कारक।
(iv) उन महाद्वीपों के नाम लिखिए जहाँ जनवरी के महीने में कम दाब रहता है ?
उत्तर: ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका।
पाठगत प्रश्न 7.4
1. पवन की गति के लिए उत्तरदायी बलों के नाम लिखिए।
उत्तर: दब प्रवणता बल और कोरिओलिस बल।
2. ग्रहीय पवनों का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर: व्यापारिक पवने, पश्चिमी और ध्रुवीय पूर्वी हवाएं।
3. लू, चिनूक और सिरोको किस प्रकार की हवाओं के उदाहरण हैं?
उत्तर: गर्म हवाएं।
4. मानसूनी हवाओं की मुख्य विशेषता क्या है?
उत्तर: पवनों की दिशा में मौसमी के अनुसार परिवर्तन मानसूनी हवाओं की मुख्य विशेषता है।
पाठांत प्रश्न |
1. निम्नलिखित में से प्रत्येक के लिए सही उत्तर चुनिएः
(a) सिरोको पवन निम्न में से किस प्रकार की है?
(i) गर्म स्थानीय हवा।
(ii) ठंडी स्थानीय हवा।
(iii) मौसमी हवा।
(iv) ग्रहों की हवा।
उत्तर:(i) गर्म स्थानीय हवा।
(b) विक्षेपक बल कहां पर अधिकतम पाया जाता है?
(i) भूमध्य रेखा।
(ii) उष्ण कटिबंध।
(iii) ध्रुवों पर।
(iv) मध्य अक्षांश पर।
उत्तर: (ii) ध्रुवों पर।
(c) कौन-सी पवन मौसमी (आवधिक) पवन का एक उदाहरण है?
(i) स्थल और समुद्री समीर।
(ii) पछुआ पवन।
(iii) मानसून।
(iv) फॉन।
उत्तर: (iii) मानसून।
2. उन कारकों के नाम बताइए जिन पर किसी भी स्थान का वायुमंडलीय दाब निर्भर करता है।
उत्तर: किसी भी स्थान का वायुमंडलीय दाब निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है:
(i) ऊंचाई : ऊंचाई बढ़ने के साथ वायुमंडलीय दाब कम होता जाता है। इसका कारण यह है कि ऊंचाई पर हवा का घनत्व कम होता है, और कम घनत्व के कारण दबाव भी कम होता है।
(ii) तापमान: तापमान बढ़ने पर वायु का घनत्व कम हो जाता है, जिससे दबाव भी कम हो जाता है।
(iii) आर्द्रता: वायु में जलवाष्प की मात्रा (आर्द्रता) बढ़ने पर वायु का घनत्व कम हो जाता है, जिससे दबाव भी कम हो जाता है।
(iv) गुरुत्वाकर्षण: गुरुत्वाकर्षण बल वायु के अणुओं को पृथ्वी की सतह की ओर खींचता है, जिससे दबाव बनता है।
3. वायुमंडलीय दाब को परिभाषित करें और इसे कैसे मापा जा सकता है।
उत्तर: वायुमंडलीय दाब पृथ्वी के वायुमंडल द्वारा किसी सतह पर लगाया गया बल है, जो वायुमंडलीय गैसों के भार के कारण होता है। यह दाब वायुमंडलीय दबाव के रूप में जाना जाता है और आमतौर पर बैरोमीटर द्वारा मापा जाता है।
वायुमंडलीय दाब को मापने के लिए बैरोमीटर में एक तरल (आमतौर पर पारा) का उपयोग किया जाता है, जिसकी ऊंचाई वायुमंडलीय दबाव के अनुसार बदलती है। वायुमंडलीय दाब को मिलीबार (मिबार) या पास्कल (पा) में मापा जाता है।
मानक वायुमंडलीय दाब समुद्र तल पर लगभग 1013 मिलीबार या 101325 पास्कल होता है।
4. निम्नलिखित पर सक्षिप्त टिप्पणी लिखिए:
(a) दब प्रवणता बल।
उत्तर: दाब प्रवणता बल: दाब प्रवणता बल,हवा को चलाने वाला एक महत्वपूर्ण बल है जो उच्च दाब क्षेत्र से निम्न दाब क्षेत्र की ओर हवा को गति देता है। यह बल दबाव में परिवर्तन की दर के समानुपाती होता है, जिसका अर्थ है कि दबाव में जितना अधिक अंतर होगा, हवा उतनी ही तेजी से चलेगी। कुछ भूगोल नोट्स के अनुसार।
दाब प्रवणता बल पर दो टिप्पणियाँ:
(i) दिशा: दाब प्रवणता बल हमेशा उच्च दाब क्षेत्र से निम्न दाब क्षेत्र की ओर कार्य करता है। यह बल समदाब रेखाओं के लंबवत होता है, जिसका मतलब है कि हवा समदाब रेखाओं के समानांतर नहीं बहती है, बल्कि उनके लंबवत दिशा में बहती है।
(ii) तीव्रता: दाब प्रवणता बल की तीव्रता दबाव प्रवणता की तीव्रता पर निर्भर करती है। यदि समदाब रेखाएँ पास-पास हैं, तो दबाव प्रवणता अधिक होगी और हवा की गति तेज होगी। यदि समदाब रेखाएँ दूर-दूर हैं, तो दबाव प्रवणता कम होगी और हवा की गति धीमी होगी। एक खोज परिणाम से। समुद्र तटों पर दिन और रात में चलने वाली हवाओं को क्रमशः समुद्री समीर और स्थलीय समीर कहते हैं। दिन में सूर्य के कारण भूमि, समुद्र की तुलना में जल्दी गर्म हो जाती है, जिससे भूमि के ऊपर की हवा ऊपर उठती है और समुद्र से ठंडी हवा उसकी जगह लेने के लिए बहती है, इसे समुद्री समीर कहते हैं। रात में, भूमि समुद्र की तुलना में जल्दी ठंडी हो जाती है, जिससे भूमि के ऊपर की हवा भारी होकर नीचे बैठती है और समुद्र से भूमि की ओर बहने लगती है, इसे स्थलीय समीर कहते हैं
(b) स्थल और समुद्री समीर:
(i) समुद्री समीर: यह दिन के समय चलती है, जब सूर्य की किरणों से भूमि समुद्र की तुलना में तेजी से गर्म हो जाती है। भूमि पर गर्म हवा हल्की होकर ऊपर उठती है और वहाँ निम्न दाब का क्षेत्र बनता है। परिणामस्वरूप समुद्र की ठंडी और भारी हवा भूमि की ओर बहने लगती है, जिसे समुद्री समीर कहते हैं। यह तटों पर प्रायः ताजगी और शीतलता का अनुभव कराती है।
(ii) स्थलीय समीर: यह रात के समय चलती है, जब भूमि समुद्र की तुलना में तेजी से ठंडी हो जाती है। भूमि की ठंडी और भारी हवा नीचे उतरती है और वहाँ उच्च दाब का क्षेत्र बनता है। परिणामस्वरूप हवा भूमि से समुद्र की ओर बहने लगती है, जिसे स्थलीय समीर कहते हैं।
5. निम्नलिखित के बीच अंतर स्पष्ट कीजिये।
(a) ग्रहीय पवनें और मौसमी (आवधिक पवनें)।
उत्तर:
अंतर | ग्रहीय पवनें | मौसमी (आवधिक पवनें) |
अर्थ | ग्रहीय पवनें ये पृथ्वी की सतह पर बड़े पैमाने पर चलने वाली पवनें हैं जो मुख्य रूप से सूर्य की ऊर्जा और पृथ्वी के घूर्णन से प्रभावित होती हैं। उदाहरण: व्यापारिक पवनें, पश्चिमी पवनें, और ध्रुवीय पवनें। | मौसमी पवनें ये पवनें मौसम के बदलाव के साथ दिशा बदलती हैं और विशिष्ट क्षेत्रों में वर्षा या शुष्क मौसम लाती हैं। उदाहरण: भारत में मानसूनी पवनें। |
उद्देश्य | ग्रहीय पवनें स्थायी पैटर्न में चलती हैं और वैश्विक वायुमंडलीय परिसंचरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। | मौसमी पवनें मौसम के अनुसार दिशा और तीव्रता बदलती हैं और विशिष्ट क्षेत्रों में महत्वपूर्ण वर्षा लाती हैं।इन पवनों को समझना मौसम विज्ञान और जलवायु अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण है। |
(b) पर्वत और घाटी समीर।
उत्तर:
अंतर | पर्वत समीर | घाटी समीर |
अर्थ | पर्वत समीर दिन के समय पर्वतों की ढलानों पर ऊपर की ओर चलने वाली हवाएं होती हैं। यह तब होता है जब ढलानें सूर्य की गर्मी से गर्म हो जाती हैं और आसपास की हवा ऊपर उठती है। | घाटी समीर रात के समय घाटियों से नीचे की ओर चलने वाली हवाएं होती हैं। यह तब होता है जब पर्वतों की ढलानें ठंडी हो जाती हैं और ठंडी हवा घाटी की ओर बहती है। |
उद्देश्य | पर्वत समीर दिन के समय होती है और ऊपर की ओर बहती है। | घाटी समीर रात के समय होती है और नीचे की ओर बहती है। |
6. पवन गति में कोरिओलिस बल की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: कोरिओलिस बल पृथ्वी के घूर्णन के कारण उत्पन्न होता है और यह पवन गति को प्रभावित करता है। यह बल पवन को उसकी मूल दिशा से विक्षेपित करता है, जिससे पवन की दिशा बदल जाती है।
कोरिओलिस बल के कारण:
(i) उत्तरी गोलार्ध में: पवन अपनी मूल दिशा से दायीं ओर विक्षेपित होती है।
(ii) दक्षिणी गोलार्ध में: पवन अपनी मूल दिशा से बायीं ओर विक्षेपित होती है।
कोरिओलिस बल का प्रभाव पवन गति और दिशा पर पड़ता है, जिससे विभिन्न मौसम पैटर्न और तूफान बनते हैं। यह बल वैश्विक पवन पैटर्न और मौसम प्रणालियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
7. आरेखों की सहायता से पृथ्वी की सतह की विभिन्न दाब पेटियों को दर्शाइए ।
उत्तर: पृथ्वी की सतह पर मुख्य रूप से चार दाब पेटियाँ पाई जाती हैं: विषुवतीय निम्न दाब पेटी, उपोष्णकटिबंधीय उच्च दाब पेटी, उपध्रुवीय निम्न दाब पेटी, और ध्रुवीय उच्च दाब पेटी।
दाब पेटियों का विवरण:
(i) विषुवतीय निम्न दाब पेटी: यह पेटी भूमध्य रेखा के आसपास पाई जाती है, जहाँ सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं। यहाँ हवा गर्म होकर ऊपर उठती है और निम्न दाब का क्षेत्र बनाती है।
(ii) उपोष्णकटिबंधीय उच्च दाब पेटी: यह पेटी 30° उत्तर और 30° दक्षिण अक्षांशों के आसपास पाई जाती है। गर्म हवा ऊपर उठकर ठंडी होकर नीचे उतरती है, जिससे उच्च दाब का क्षेत्र बनता है।
(iii) उपध्रुवीय निम्न दाब पेटी: यह पेटी 60° उत्तर और 60° दक्षिण अक्षांशों के आसपास पाई जाती है। यहाँ ध्रुवों से आने वाली ठंडी हवा और भूमध्य रेखा से आने वाली गर्म हवा मिलती है, जिससे हवा ऊपर उठती है और निम्न दाब का क्षेत्र बनता है।
(iv) ध्रुवीय उच्च दाब पेटी: यह पेटी ध्रुवों के आसपास पाई जाती है, जहाँ अत्यधिक ठंडी और भारी हवा नीचे बैठ जाती है, जिससे उच्च दाब का क्षेत्र बनता है।
8. किन्हीं दो ग्रहीय पवनों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: दो ग्रहीय पवनें हैं:
(i) व्यापारिक पवनें: ये पवनें भूमध्य रेखा के पास से उत्पन्न होती हैं और उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में चलती हैं। उत्तरी गोलार्ध में ये पवनें उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की ओर चलती हैं, जबकि दक्षिणी गोलार्ध में ये दक्षिण-पूर्व से उत्तर-पश्चिम की ओर चलती हैं।
(ii) पछुआ पवनें: ये पवनें मध्य अक्षांशों में चलती हैं और ध्रुवों की ओर बढ़ती हैं। उत्तरी गोलार्ध में ये पवनें दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर चलती हैं, जबकि दक्षिणी गोलार्ध में ये उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर चलती हैं।
9. मानचित्र की सहायता से पृथ्वी के दाब वितरण में मौसमी भिन्नता को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:

(i) गर्म ऋतु (ऊपरी मानचित्र):
भूमि (एशिया, भारत): अधिक ताप से हवा ऊपर उठती है → निम्न दाब (L) बनता है → दक्षिण-पश्चिम मानसून सक्रिय।
महासागर: धीरे गर्म होने से ठंडे रहते हैं → उच्च दाब (H)।
दक्षिणी गोलार्ध: शीत ऋतु → महासागरों पर उच्च दाब (H)।
(ii) शीत ऋतु (निचला मानचित्र):
एशिया का आंतरिक भाग: अत्यधिक ठंड → हवा भारी → उच्च दाब (H) → उत्तर-पूर्व मानसून।
उष्णकटिबंधीय महासागर: गर्म → निम्न दाब (L)।
दक्षिणी गोलार्ध: गर्मी → महाद्वीपों पर निम्न दाब (L), महासागरों पर उच्च दाब (H)।

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