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NIOS Class 12 Geography Chapter 8 आर्द्रता और वर्षण

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NIOS Class 12 Geography Chapter 8 आर्द्रता और वर्षण

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Chapter: 8

TEXTUAL QUESTION ANSWER

पाठगत प्रश्न 8.1

1. रिक्त स्थान को उपयुक्त शब्द से साथ भरियेः

(क) मौसम के तत्वों में __________ बहुत अधिक महत्वपूर्ण है।

उत्तर: आर्द्रता।

(ख) जिस तापमान पर हवा पूरी तरह से संतृप्त हो जाती है, उसे _________ कहा जाता है। 

उत्तर: ओसांक बिंदु।

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(ग) संतृप्त हवा की सापेक्ष आर्द्रता ___________ प्रतिशत होती है।

उत्तर: 100 प्रतिशत।

2. निम्नलिखित में से प्रत्येक के लिए एक भौगोलिक शब्द दें:-

(क) वायुमंडल में मौजूद जल वाष्प की वास्तविक मात्रा ___________

उत्तर: निरपेक्ष आर्द्रता।

(ख) वो वायु जो अपनी सम्पूर्ण जलवाष्प धारण क्षमता के अनुसार जलवाष्प धारण कर लेती है ___________

उत्तर: संतृप्त हवा।

(ग) वायुमंडल में मौजूद गुप्त जल वाष्प की मात्रा कहलाती है __________

उत्तर: आर्द्रता।

(घ) वह तापमान जिस पर हवा का एक प्रतिदर्श संतृप्त हो जाता है।________

उत्तर: ओसांक बिंदु।

(ङ) हवा की प्रति इकाई में जल वाष्य के भार को कहा जाता है___________

उत्तर: विशिष्ट आर्द्रता।

पाठगत प्रश्न 8.2

1. निम्नलिखित में से प्रत्येक के लिए भौगोलिक शब्द लिखिए-

(क) एक भौतिक प्रक्रिया जिसमें जल जैसे द्रव वाष्य या गैसीय अवस्था में परिवर्तित हो जाते है _________

उत्तर: वाष्पीकरण।

(ख) वाष्पीकरण के समय, उष्मा वाच्य में अवशोषित और संरक्षित होती है। इसे __________ के रूप में जाना जाता है।

उत्तर: गुप्त ऊष्मा।

(ग) जल वाष्प के तरल या ठोस अवस्था में परिवर्तन की प्रक्रिया को ___________ कहा जाता है।

उत्तर: संघनन।

(घ) संघनन हमेशा कुछ कणों के आसपास होता है जिन्हें _____________ के रूप में जाना जाता है।

उत्तर: नाभिकीय।

2. तीन प्रकार के कोहरों के नाम लिखिए-

उत्तर: तीन प्रकार के कोहरों के नाम है:

(i) विकिरण कोहरा।

(ii) विकिरण कोहरा।

(iii) सीमाग्र (वाताग्र) कोहरा।

3. वाष्पीकरण की प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले किन्हीं तीन कारकों का उल्लेख कीजिये

उत्तर: (i) अभिगम्यता।

(ii) तापमान।

(iiii) वायु की नमी।

पाठगत प्रश्न 8.3

1. निम्नलिखित में से प्रत्येक के लिए एक भौगोलिक शब्द लिखिएः

(i) वह प्रक्रिया जिसमें जल वाष्प को जल में परिवर्तित किया जाता है-

उत्तर: संघनन।

(ii) पर्वतीय ढालों के वह भाग जहाँ कम वर्षा प्राप्त होती है।

उत्तर: कम वर्षा।

(iii)आई और गर्म हवा के ऊपर उठने और ठंडी हवा के साथ इसके संपर्क के परिणामस्वरूप होने वाली वर्षा को-

उत्तर: चक्रवाती वर्षा।

(iv) बहुत छोटी बूंदों में गिरने वाली हल्की बारिश क्या कहलाती है।

उत्तर: फुहार।

2. वर्षा के किन्हीं चार रूपों की सूची बनाइए।

उत्तर: (i) फुहार।

(ii) वर्षा।

(iii) चक्रवाती वर्षा।

(iv) तुषार वर्षा।

3. वर्षा के तीन प्रकार लिखिए।

उत्तर: (i) संवहन।

(ii) पर्वतीय या उच्चावच वर्षा।

(iii) सीमाग्र (वाताग्र) या चक्रवाती वर्षा।

पाठांत प्रश्न

1. वायुमंडल में जलवाष्प के महत्व को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: वायुमंडल में जलवाष्प का बहुत महत्व है। यह पृथ्वी के तापमान को नियंत्रित करता है, वर्षा का कारण बनता है, और मौसम को प्रभावित करता है।

जलवाष्प के महत्व को विस्तार से समझें:

(i) तापमान विनियमन: जलवाष्प एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है, जो पृथ्वी के वायुमंडल में गर्मी को फंसाती है, जिससे पृथ्वी का तापमान रहने योग्य बना रहता है।

(ii) वर्षा: जलवाष्प वायुमंडल में संघनित होकर बादल बनाता है, जो वर्षा का कारण बनता है।

(iii) मौसम: जलवाष्प की मात्रा और वितरण मौसम के पैटर्न को प्रभावित करते हैं, जैसे कि तापमान, आर्द्रता और वर्षा।

(iv) फसलों और शरीर पर प्रभाव: जलवाष्प फसलों के विकास के लिए आवश्यक है और शरीर की त्वचा को शुष्क होने से बचाता है। 

2. आर्द्रता को परिभाषित कीजिये

उत्तर: आर्द्रता वायुमंडल में उपस्थित जलवाष्प की मात्रा को दर्शाती है। यह वायुमंडलीय आर्द्रता के रूप में जानी जाती है और मौसम विज्ञान में एक महत्वपूर्ण कारक है, जो वर्षा, बादल निर्माण और तापमान को प्रभावित करती है। आर्द्रता को आमतौर पर सापेक्ष आर्द्रता (%) या विशिष्ट आर्द्रता (ग्राम/किलोग्राम) में मापा जाता है।

3. वाष्पीकरण और इसकी दर किन कारकों पर निर्भर करती है?

उत्तर: वाष्पीकरण की दर कई कारकों पर निर्भर करती है, जिनमें तापमान, सतह क्षेत्र, आर्द्रता और हवा की गति शामिल हैं: 

(i) तापमान: तापमान बढ़ने पर वाष्पीकरण की दर भी बढ़ जाती है। 

(ii) सतह क्षेत्र: तरल पदार्थ का जितना अधिक सतह क्षेत्र हवा के संपर्क में होगा, वाष्पीकरण की दर उतनी ही अधिक होगी। 

(iii) आर्द्रता: यदि हवा में नमी अधिक है, तो वाष्पीकरण की दर कम हो जाएगी। 

(iv) हवा की गति: हवा की गति जितनी तेज़ होगी, वाष्पीकरण की दर उतनी ही अधिक होगी। 

4. संघनन कब और कैसे होता है?

उत्तर: संघनन तब होता है जब वायुमंडल में जलवाष्प तरल या ठोस रूप में बदल जाता है, जैसे कि बादल, कोहरा या ओस। यह तब होता है जब वायुमंडलीय तापमान ओसांक तक पहुंच जाता है या उससे नीचे गिर जाता है, जिससे जलवाष्प संघनित होकर तरल या ठोस कणों में बदल जाता है।

संघनन के लिए आवश्यक शर्तें:

(i) आर्द्रता: वायुमंडल में पर्याप्त जलवाष्प होना चाहिए।

(ii) तापमान: वायुमंडलीय तापमान ओसांक तक पहुंचना या उससे नीचे गिरना चाहिए।

(iii) न्यूक्लियेशन साइट्स: जलवाष्प के संघनन के लिए कण या सतहें होनी चाहिए, जैसे कि धूल, धुएं या नमक के कण।

5. संघनन के विभिन्न रूपों की व्याख्या कीजिए।

उत्तर: संघनन विभिन्न रूपों में हो सकता है, जैसे ओस, पाला, कोहरा, धुंध और बादल। यह हवा में मौजूद जल वाष्प का तरल या ठोस रूप में परिवर्तन है।

संघनन के विभिन्न रूप:

(i) ओस: जब हवा में मौजूद जल वाष्प ठंडी सतहों जैसे घास, पत्तों, या कारों पर जमा होकर पानी की बूंदों के रूप में दिखाई देता है, तो इसे ओस कहते हैं। 

(ii) पाला: जब हवा का तापमान 0 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है, तो जल वाष्प सीधे बर्फ के क्रिस्टल के रूप में जम जाता है, जिसे पाला कहते हैं।

(iii) कोहरा: जब हवा में जल वाष्प की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है और यह जमीन के पास ठंडी हवा के संपर्क में आता है, तो यह कोहरे के रूप में दिखाई देता है, जिससे दृश्यता कम हो जाती है। 

(iv) धुंध: कोहरे से कम घना होता है और दृश्यता को थोड़ा कम करता है। 

(v) बादल: हवा में मौजूद जल वाष्प ऊपर उठकर ठंडा होता है और छोटे-छोटे पानी के कणों या बर्फ के क्रिस्टल के रूप में संघनित हो जाता है, जिससे बादल बनते हैं। 

6. ‘संघनन केवल हवा की संतृप्ति के बाद शुरू होता है।’ इस कथन की पुष्टि कीजिये ।

उत्तर: हाँ, यह कथन सही है। संघनन तब शुरू होता है जब हवा संतृप्त हो जाती है, अर्थात् जब हवा में जलवाष्प की मात्रा अधिकतम सीमा तक पहुंच जाती है।

संतृप्ति के बाद, हवा में अतिरिक्त जलवाष्प संघनित होकर तरल या ठोस रूप में बदलने लगता है, जिससे बादल, कोहरा या अन्य संघनन के रूप बनते हैं।

संतृप्ति की स्थिति तब होती है जब:

(i) हवा का तापमान ओसांक तक पहुंच जाता है: जब हवा का तापमान ओसांक तक पहुंच जाता है, तो हवा संतृप्त हो जाती है और संघनन शुरू हो सकता है।

(iii) जलवाष्प की मात्रा अधिकतम हो जाती है: जब हवा में जलवाष्प की मात्रा अधिकतम सीमा तक पहुंच जाती है, तो हवा संतृप्त हो जाती है और संघनन शुरू हो सकता है।

7. निम्नलिखित में से प्रत्येक के बीच अंतर कीजिए।

(i) ओस और तुषार।

उत्तर:

अंतरओसतुषार
अर्थ ओस तब बनती है जब रात के समय हवा में मौजूद जलवाष्प ठंडी सतहों पर संघनित होकर पानी की बूंदों के रूप में जमा होता है। यह आम तौर पर साफ और शांत रातों में होता है।तुषार तब बनता है जब तापमान हिमांक से नीचे गिर जाता है और सतहों पर जलवाष्प सीधे बर्फ के रूप में जम जाता है। यह ठंडी सतहों पर बर्फ की एक पतली परत के रूप में दिखाई देता है।
उद्देश्य ओस जलवाष्प का संघनन होकर तरल बूंदों के रूप में जमा होता है।तुषारजलवाष्प का सीधे बर्फ में जमना।

(ii) निरपेक्ष और सापेक्ष आर्द्रता

उत्तर:

अंतरनिरपेक्ष आर्द्रतासापेक्ष आर्द्रता
अर्थ निरपेक्ष आर्द्रता यह वायुमंडल में उपस्थित जलवाष्प की वास्तविक मात्रा को दर्शाती है, आमतौर पर ग्राम प्रति घन मीटर में मापी जाती है।सापेक्ष आर्द्रता यह वायुमंडल में मौजूद जलवाष्प की मात्रा को उस तापमान पर वायुमंडल की अधिकतम जलवाष्प धारण क्षमता के प्रतिशत के रूप में व्यक्त करती है। यह आर्द्रता और तापमान के बीच संबंध को दर्शाती है।
उद्देश्य निरपेक्ष आर्द्रता जलवाष्प की वास्तविक मात्रा को मापती है।सापेक्ष आर्द्रताजलवाष्प की मात्रा को अधिकतम धारण क्षमता के सापेक्ष व्यक्त करती है और अक्सर मौसम पूर्वानुमान में उपयोग होती है।

(iii) वाष्पीकरण और संघनन

उत्तर: 

अंतर              वाष्पीकरण            संघनन
अर्थ वाष्पीकरण यह एक प्रक्रिया है जिसमें तरल जल वायुमंडल में जलवाष्प में परिवर्तित होता है। यह सूर्य की गर्मी, हवा की गति, और अन्य कारकों पर निर्भर करता है।संघनन यह एक प्रक्रिया है जिसमें वायुमंडल में मौजूद जलवाष्प ठंडी सतहों या ठंडी हवा के संपर्क में आने पर तरल जल में परिवर्तित होता है। यह बादलों के निर्माण और वर्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
उद्देश्य   वाष्पीकरण जल का जलवाष्प में परिवर्तन।संघनन जलवाष्प का तरल जल में परिवर्तन।

8. “तापमान में परिवर्तन के साथ सापेक्ष आर्द्रता भी बदलती है”। कथन को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: यह कथन सही है। सापेक्ष आर्द्रता तापमान पर निर्भर करती है। जब तापमान बढ़ता है, तो हवा की जलवाष्प धारण क्षमता भी बढ़ जाती है, जिससे सापेक्ष आर्द्रता कम हो जाती है। इसके विपरीत, जब तापमान घटता है, तो हवा की जलवाष्प धारण क्षमता कम हो जाती है, जिससे सापेक्ष आर्द्रता बढ़ जाती है।

उदाहरण के लिए:

(i) गर्म दिनों में, तापमान अधिक होने से सापेक्ष आर्द्रता कम होती है, जिससे हवा शुष्क महसूस होती है।

(ii) ठंडे दिनों में, तापमान कम होने से सापेक्ष आर्द्रता अधिक होती है, जिससे हवा अधिक आर्द्र महसूस होती है।

9. वर्षा वितरण को प्रभावित करने वाले किन्हीं पांच कारकों का वर्णन कीजिए।.

उत्तर: वर्षा वितरण को प्रभावित करने वाले पांच कारक हैं:

(i) अक्षांश: अक्षांश के अनुसार वर्षा की मात्रा बदलती है, जैसे कि उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में अधिक वर्षा होती है जबकि ध्रुवीय क्षेत्रों में कम वर्षा होती है।

(ii) ऊंचाई: पहाड़ी क्षेत्रों में ऊंचाई के साथ वर्षा की मात्रा बढ़ती है, क्योंकि हवा ऊपर उठने से ठंडी होती है और संघनन होता है।

(iii) समुद्र से दूरी: समुद्र से दूरी के साथ वर्षा की मात्रा बदलती है, जैसे कि तटीय क्षेत्रों में अधिक वर्षा होती है जबकि आंतरिक क्षेत्रों में कम वर्षा होती है।

(iv) पवन पैटर्न: पवन पैटर्न वर्षा को प्रभावित करते हैं, जैसे कि मानसून पवनों से भारत में अधिक वर्षा होती है।

(v) भू-आकारिकी: भू-आकारिकी वर्षा को प्रभावित करती है, जैसे कि पहाड़ियों और पर्वतों की दिशा और ऊंचाई वर्षा की मात्रा और दिशा को निर्धारित करती है।

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