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NIOS Class 12 Geography Chapter 10 जैवमंडल, जीवोम और जैव-विविधता

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NIOS Class 12 Geography Chapter 10 जैवमंडल, जीवोम और जैव-विविधता

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Chapter: 10

TEXTUAL QUESTION ANSWER

पाठगत प्रश्न 10.1

रिक्त स्थान भरिये:

1. बरगद का वृक्ष पर्यावरण का ________ अवयव है?

उत्तर: जैविक।

2. जल का तापमान _________ क्रिया से परिवर्तित होता है?

उत्तर: भौतिक।

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3. पारिस्थितिकी तंत्र में पूरे क्षेत्र के _______ और________ शामिल होते हैं?

उत्तर: जैविक, अजैविक।

4. पर्यावरण के सभी जीव, पशुओं और पौधों सहित, एक-दूसरे के साथ _________ होते हैं?

उत्तर: सम्बद्ध।

पाठगत प्रश्न 10.2

सही (✔) अथवा गलत (x) का चिन्ह लगाइए

1. मनुष्य, भोजन श्रृंखला के सबसे निचले तल ‘आधार तल’ में पाए जाते हैं।

उत्तर: सत्य।

2. शाकाहारी जानवर पौधों पर पलते हैं।

उत्तर: सत्य।

3. मांसाहारी जानवर शाकाहारी जानवरों से भोजन प्राप्त करते हैं।

उत्तर: सत्य।

4. अपघटक जीवों के मृत ऊतकों को अपघटित करते हैं।

उत्तर: सत्य।

पाठगत प्रश्न 10.3

1. जीवोम का अर्थ स्पष्ट कीजिए

उत्तर: जीवोम पौधों और पशुओं का एक ऐसा समूह है जो स्थानीय परिस्थितिकी तंत्र के अंतर्गत आता है और एक बड़े भू-भाग पर फैला होता है।

2. किन्हीं दो क्षेत्रों का नाम बताइए जहां मरुस्थल प्रकार का जीवोम मिलता है।

उत्तर: सहारा, कालाहारी, और आदि (कोई)।

पाठगत प्रश्न 10.4

1. किन्हीं 3 देशों का नाम लिखिए जहां मेगा जैवविविधता ‘हॉट स्पॉट’ हैं।

उत्तर: मैक्सिको, पेरु, भारत, चीन, इंडोनेशिया आदि (कोई)।

2. भारत ने किस वर्ष जैवविविधता कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए?

उत्तर: 1992

पाठांत प्रश्न

1. जीवोम क्या होते हैं? जीवोम के विभिन्न प्रकारों की व्याख्या कीजिए।

उत्तर: जीवोम पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के पारिस्थितिकी तंत्रों को वर्गीकृत करने का एक तरीका है, जो जलवायु, भूगोल और जैव विविधता के आधार पर निर्धारित किए जाते हैं। जीवोम विभिन्न प्रकार के पौधों और जानवरों के आवासों को दर्शाते हैं और उनकी विशिष्ट विशेषताओं के आधार पर वर्गीकृत किए जाते हैं।

जीवोम के विभिन्न प्रकार हैं:

(i) वन जीवोम: वनों में पाए जाने वाले पौधे और जानवर, जैसे कि उष्णकटिबंधीय वर्षावन, शीतोष्ण वन और टैगा वन।

(ii) घास के मैदान जीवोम: घास के मैदानों में पाए जाने वाले पौधे और जानवर, जैसे कि प्रेयरी और स्टेपी।

(iii) रेगिस्तानी जीवोम: रेगिस्तानों में पाए जाने वाले पौधे और जानवर, जैसे कि कैक्टि और ऊंट।

(iv) टुंड्रा जीवोम: टुंड्रा क्षेत्रों में पाए जाने वाले पौधे और जानवर, जैसे कि आर्कटिक टुंड्रा में पाए जाने वाले पौधे और जानवर।

(v) जलीय जीवोम: जलीय पारिस्थितिकी तंत्र, जैसे कि महासागर, नदियाँ और झीलें।

(vi) पर्वतीय जीवोम: पर्वतीय क्षेत्रों में पाए जाने वाले पौधे और जानवर, जैसे कि हिमालयी क्षेत्र में पाए जाने वाले पौधे और जानवर।

2. सदाबहार वर्षावन जीवोमों की विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: सदाबहार वर्षावन जीवों की मुख्य विशेषताएं हैं: अत्यधिक जैव विविधता, घनी वनस्पति, और उच्च तापमान और वर्षा, ये वन भूमध्य रेखा के पास पाए जाते हैं और यहाँ पूरे वर्ष गर्म और आर्द्र जलवायु रहती है।

विशेषताएं:

(i) जैव विविधता: सदाबहार वर्षावन दुनिया में सबसे अधिक जैव विविधता वाले पारिस्थितिकी तंत्रों में से एक हैं। यहाँ पौधों और जानवरों की विभिन्न प्रकार की प्रजातियाँ पाई जाती हैं।

(ii) घनी वनस्पति: इन वनों में ऊंचे पेड़, झाड़ियाँ, लताएँ और अन्य पौधे बहुत घनी मात्रा में पाए जाते हैं।

(iii) उच्च वर्षा: यहाँ पूरे वर्ष बहुत अधिक वर्षा होती है, जो 2000 मिमी से अधिक हो सकती है।

(iv) उच्च तापमान: सदाबहार वर्षावन में तापमान पूरे वर्ष अपेक्षाकृत अधिक रहता है।

(v) पोषक तत्वों का पुनर्चक्रण: इन वनों में पोषक तत्वों का पुनर्चक्रण बहुत तेजी से होता है, जिससे पौधों को लगातार पोषक तत्व मिलते रहते हैं।

(vi) विभिन्न प्रकार के आवास: सदाबहार वर्षावन में जमीन, पेड़ और पानी जैसे विभिन्न प्रकार के आवास पाए जाते हैं, जो अनेक प्रकार के जीवों के लिए घर प्रदान करते हैं।

3. टुन्ड्रा और समशीतोष्ण जीवोमें में अंतर कीजिए।

उत्तर:

अंतरटुन्ड्रा जीवोमसमशीतोष्ण जीवोम
                    अर्थ टुन्ड्रा जीवोम  यह एक ठंडा और शुष्क जीवोम है जो आर्कटिक और अल्पाइन क्षेत्रों में पाया जाता है। यहाँ वनस्पति कम होती है और मुख्य रूप से घास, झाड़ियाँ और लाइकेन पाए जाते हैं।समशीतोष्ण जीवोम यह जीवोम मध्यम तापमान और वर्षा वाले क्षेत्रों में पाया जाता है। यहाँ वनस्पति विविध होती है, जिसमें पर्णपाती और सदाबहार वृक्ष शामिल हैं।
उद्देश्य टुन्ड्रा जीवोमठंडा, कम वनस्पति, आर्कटिक/अल्पाइन क्षेत्र।समशीतोष्ण जीवोम मध्यम तापमान, विविध वनस्पति, अधिक वर्षा वाले क्षेत्र।

4. जैव विविधता का क्या महत्व है?

उत्तर: जैव विविधता का महत्व निम्नलिखित है:

(i) पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता: जैव विविधता पारिस्थितिकी तंत्र की स्थायित्व और संतुलन बनाए रखने में मदद करती है।

(ii) प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण: जैव विविधता प्राकृतिक संसाधनों जैसे कि जल, मिट्टी और वायु के संरक्षण में मदद करती है।

(iii) भोजन और पोषण: जैव विविधता हमें विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ प्रदान करती है, जो हमारे स्वास्थ्य और पोषण के लिए आवश्यक हैं।

(iv) चिकित्सा और औषधि: जैव विविधता से हमें विभिन्न प्रकार की दवाएं और औषधियां मिलती हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।

(v) आर्थिक लाभ: जैव विविधता पर्यटन, वानिकी और मत्स्य पालन जैसे उद्योगों के माध्यम से आर्थिक लाभ प्रदान करती है।

(vi) सांस्कृतिक महत्व: जैव विविधता का सांस्कृतिक महत्व भी है, क्योंकि यह हमारी पारंपरिक प्रथाओं और रीति-रिवाजों से जुड़ी हुई है।

5. जैव विविधता के संरक्षण के लिए क्या प्रयास किए जा सकते हैं?

उत्तर: जैव विविधता के संरक्षण के लिए कई प्रयास किए जा सकते हैं, जिनमें शामिल हैं: वनों की कटाई को रोकना, प्राकृतिक संसाधनों का कुशल उपयोग करना, जानवरों के लिए आरक्षित क्षेत्र विकसित करना, और हानिकारक रसायनों के उपयोग को कम करना, इसके अतिरिक्त, स्थानीय प्रजातियों को बढ़ावा देना, वन्यजीवों के अवैध शिकार को रोकना, और पर्यावरण कानूनों का पालन करना भी महत्वपूर्ण है।

जैव विविधता के संरक्षण के लिए कुछ विशिष्ट प्रयास:

(i) संरक्षित क्षेत्रों का विकास: राष्ट्रीय उद्यानों, अभयारण्यों और जैवमंडल रिज़र्व जैसे संरक्षित क्षेत्रों की स्थापना और प्रबंधन करना।

(ii) इन-सीटू और एक्स-सीटू संरक्षण: प्रजातियों को उनके प्राकृतिक आवासों (इन-सीटू) और चिड़ियाघरों, वनस्पति उद्यानों तथा जीन बैंकों जैसे कृत्रिम आवासों (एक्स-सीटू) में संरक्षित करना।

(iii) वन्यजीवों का संरक्षण: अवैध शिकार, अवैध व्यापार और वनों की कटाई जैसी गतिविधियों को रोकना।

(iv) प्रदूषण को कम करना: हानिकारक रसायनों, औद्योगिक कचरे और प्लास्टिक प्रदूषण को कम करना।

(v) सतत कृषि को बढ़ावा देना: रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग को कम करना तथा जैविक खेती को बढ़ावा देना।

(vi) जागरूकता बढ़ाना: जैव विविधता के महत्व के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना।

(vii) स्थानीय प्रजातियों को बढ़ावा देना: स्थानीय पौधों और जानवरों की प्रजातियों को उगाना और उनका समर्थन करना।

(viii) समुदायों को शामिल करना: स्थानीय समुदायों को संरक्षण प्रयासों में शामिल करना और उन्हें जैव विविधता के लाभों के बारे में शिक्षित करना।

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