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NIOS Class 12 Geography Chapter 6 संघटन और संरचना; सूर्यातप
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संघटन और संरचना; सूर्यातप
Chapter: 6
TEXTUAL QUESTION ANSWER |
पाठगत प्रश्न 6.1
सही कथन के सामने ‘सत्य’ और गलत कथन के सामने ‘असत्य’ लिखिए
1. ग्लोबल वार्मिंग के लिए कार्बन डाइऑक्साइड जिम्मेदार है।
उत्तर: सत्य।
2. प्रोटीन बनाने के लिए नाइट्रोजन बहुत महत्वपूर्ण है जो अमीनो एसिड का एक अनिवार्य हिस्सा है।
उत्तर: सत्य।
3. वायुमंडलीय धूल कण मुख्य रूप से वायुमंडल के ऊपरी भाग में पाए जाते हैं।
उत्तर: असत्य
4. मीथेन एक स्थायी गैस है।
उत्तर: असत्य
पाठगत प्रश्न 6.2
1. तापमान की ‘सामान्य ह्रास दर’ वायुमंडल की किस परत से सम्बन्धित हैं? उसका नाम लिखिए।
उत्तर: क्षोभमंडल।
2. कौन-सी गैस हमें पराबैंगनी सौर विकिरण से बचाती है तथा यह वायुमंडल की किस परत में मिलती है?
उत्तर: ओजोन गैस तथा समतापमंडल।
3. आयनमंडल का क्या महत्व है?
उत्तर: आयनमंडल वायुमंडल की एक महत्वपूर्ण परत है, जो पृथ्वी की सतह से लगभग 80 किमी से 400 किमी की ऊँचाई तक फैली होती है। आयनमंडल रेडियो संचार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
4. वायुमंडल की उस परत का नाम लिखिए जहाँ घनत्व बहुत कम होता है
उत्तर: बहिर्मंडल।
पाठगत प्रश्न 6.3
1. सूर्यातप को परिभाषित कीजिये।
उत्तर: पृथ्वी पर आने वाले सौर विकिरण को सूर्यातप के रूप में जाना जाता है।
2. सूर्यातप की मात्रा को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं?
उत्तर: नति कोण, दिन की लंबाई, वायुमंडल की पारदर्शिता।
3. किस प्रक्रिया द्वारा ऊर्जा, सूर्य से पृथ्वी को स्थानांतरित होती है?
उत्तर: विकिरण।
4. संसार में किस स्थान पर वर्ष भर दिन और रात बराबर होते हैं?
उत्तर: विषुवत रेखा।
पाठगत प्रश्न 6.4
1. ‘अल्बेडो’ शब्द से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर: ‘अल्बेडो’ (Albedo) से तात्पर्य किसी सतह द्वारा गिरने वाले कुल प्रकाश या सौर ऊर्जा के प्रतिबिंबित (reflected) भाग से है। यानी, जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी या किसी अन्य सतह पर पड़ता है, तो उसका कुछ हिस्सा सतह द्वारा अवशोषित (absorbed) हो जाता है और बाकी हिस्सा वापस अंतरिक्ष में परावर्तित (reflect) हो जाता है। सतह की परावर्तन क्षमता को ही ‘अल्बेडो’ कहते हैं।
2. ‘उष्मा बजट’ क्या होता है?
उत्तर: ऊष्मा बजट सूर्यातप और पार्थिव अथवा स्थलीय विकिरण के बीच संतुलन है।
3. पृथ्वी को ऊर्जा की कितनी मात्रा प्राप्त होती है?
उत्तर: पृथ्वी की सतह तक 51% पहुँचती है, लेकिन वायुमंडल और सतह मिलाकर कुल अवशोषण लगभग 70% होता है।
4. विश्व के लिए शुद्ध वार्षिक विकिरण कितना होता है?
उत्तर: शून्य।
पाठगत प्रश्न 6.5
1. किस अक्षांश पर सूर्यातप की अधिकतम मात्रा प्राप्त होती है?
उत्तर: निम्न अक्षांश।
2. ‘सिरोको’ पवन की प्रकृति क्या है? ये विश्व के किस क्षेत्र में बहती है?
उत्तर: ‘सिरोको’ (Sirocco) एक गर्म, शुष्क और धूलभरी स्थानीय पवन है। यह आमतौर पर उत्तरी अफ्रीका के सहारा रेगिस्तान से उठती है और अत्यधिक गर्म तथा शुष्क होती है। जब यह पवन भूमध्यसागर से होकर दक्षिणी यूरोप (मुख्यतः इटली, सिसिली, माल्टा आदि) पहुँचती है, तो इसमें थोड़ी नमी भी आ जाती है, जिससे यह कभी-कभी नम और असहज भी महसूस होती है।
3. उन महीनों के नाम बताइये जो संसार में तापमान की चरम सीमाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।
उत्तर: जनवरी और जुलाई।
4. दक्षिणी गोलार्द्ध में जनवरी के महीने में कौन-सा मौसम पाया जाता है?
उत्तर: ग्रीष्म ऋतु।
पाठांत प्रश्न |
1. उष्मीय ऊर्जा के स्थानांतरण के तीन तंत्र कौन-से हैं?
उत्तर: उष्मीय ऊर्जा के स्थानांतरण के तीन मुख्य तंत्र हैं:
(i) चालन: यह वह प्रक्रिया है जिसमें ऊष्मा एक ठोस पदार्थ के माध्यम से बिना किसी स्थूल गति के स्थानांतरित होती है। उदाहरण के लिए, जब आप एक धातु की छड़ को गर्म करते हैं, तो ऊष्मा छड़ के एक सिरे से दूसरे सिरे तक स्थानांतरित होती है।
(ii) संवहन: यह वह प्रक्रिया है जिसमें ऊष्मा गर्म तरल पदार्थ या गैस की गति के माध्यम से स्थानांतरित होती है। उदाहरण के लिए, जब आप पानी गर्म करते हैं, तो गर्म पानी ऊपर उठता है और ठंडा पानी नीचे आता है, जिससे ऊष्मा पूरे पानी में फैल जाती है।
(iii) विकिरण: यह वह प्रक्रिया है जिसमें ऊष्मा विद्युत चुम्बकीय तरंगों के रूप में स्थानांतरित होती है। उदाहरण के लिए, सूर्य से पृथ्वी तक ऊष्मा विकिरण के माध्यम से पहुंचती है।
2. वायुमंडल में पाई जाने वाली महत्वपूर्ण गैसों पर एक नोट लिखिए।
उत्तर: वायुमंडल में पाई जाने वाली महत्वपूर्ण गैसें निम्नलिखित हैं:
(i) नाइट्रोजन: लगभग 78% वायुमंडलीय गैस, जो जीवन के लिए आवश्यक है।
(ii) ऑक्सीजन: लगभग 21% वायुमंडलीय गैस, जो श्वसन के लिए आवश्यक है।
(iii) कार्बन डाइऑक्साइड: लगभग 0.04% वायुमंडलीय गैस, जो पौधों के लिए आवश्यक है और ग्रीनहाउस प्रभाव में योगदान करती है।
3. एक आरेख की सहायता से वायुमंडल की विभिन्न परतों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:

I. क्षोभमंडल (Troposphere):
(i) यह पृथ्वी की सतह से लगभग 8 से 16 किलोमीटर की ऊँचाई तक फैली होती है।
(ii) इसी परत में मौसम सम्बन्धी घटनाएँ (बादल, वर्षा, तूफान आदि) घटित होती हैं।
(iii) यह सबसे घनी (dense) परत है।
II. समतापमंडल (Stratosphere):
(i) यह क्षोभमंडल के ऊपर 50 किलोमीटर तक फैली होती है।
(ii) इसी परत में ओजोन स्तर (ozone layer) पाया जाता है, जो सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करता है।
(iii) जेट विमान इसी परत में उड़ान भरते हैं।
III. मध्यवायुमंडल (Mesosphere):
(i) यह 50 से 80 किलोमीटर ऊँचाई तक फैली होती है।
(ii) इस परत में तापमान सबसे कम होता है।
(iii) उल्काएँ (meteors) इसी परत में जलकर नष्ट हो जाती हैं।
IV. आयनमंडल या तापमंडल (Thermosphere):
(i) यह 80 से 500 किलोमीटर की ऊँचाई तक फैली होती है।
(ii) इसमें तापमान बहुत अधिक हो सकता है।
(iii) इसी परत में अंतरिक्ष यान (satellites) घूमते हैं।
V. बहिर्मंडल (Exosphere):
(i) यह वायुमंडल की सबसे बाहरी परत है, जो लगभग 500 किलोमीटर के ऊपर फैली होती है।
(ii) यहाँ से वायुमंडल अंतरिक्ष में विलीन हो जाता है।
(iii) उपग्रह (satellites) इसी परत में स्थित रहते हैं।
4. उष्मा स्थानान्तरण के संवहन और विकिरण तरीकों में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: उष्मा स्थानान्तरण के संवहन और विकिरण तरीकों में अंतर निम्नलिखित:
बिन्दु | संवहन (Convection) | विकिरण (Radiation) |
परिभाषा | उष्मा का स्थानान्तरण द्रव (तरल या गैस) के कणों की गति के माध्यम से होता है। | उष्मा का स्थानान्तरण तरंगों (इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स) के माध्यम से होता है। इसमें किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती। |
माध्यम | यह केवल द्रवों (तरल एवं गैस) में संभव है। | यह निर्वात (vacuum) में भी संभव है, जैसे सूर्य की ऊष्मा पृथ्वी तक पहुँचना। |
उदाहरण | पानी गर्म करना, कमरे में पंखा चलना आदि। | सूरज की गर्मी, आग से निकलने वाली ऊष्मा। |
प्रक्रिया | इसमें कणों का स्थान परिवर्तन होता है। | इसमें ऊर्जा तरंगों के रूप में सीधी चली जाती है। |
5. ध्रुवों को सूर्यातप की कम मात्रा क्यों प्राप्त होती है?
उत्तर: ध्रुवों को सूर्यातप (सौर ऊर्जा) की कम मात्रा प्राप्त होती है क्योंकि सूर्य की किरणें ध्रुवों पर तिरछी पड़ती हैं, जबकि भूमध्य रेखा पर सीधी पड़ती हैं। इसका मतलब है कि ध्रुवों पर सूर्य की किरणें एक बड़े क्षेत्र में फैल जाती हैं, जिससे प्रति इकाई क्षेत्र में ऊर्जा की मात्रा कम हो जाती है। इसके अतिरिक्त, ध्रुवों पर सूर्य का प्रकाश वायुमंडल से अधिक गुजरता है, जिससे और अधिक ऊर्जा अवशोषित या परावर्तित हो जाती है, जिससे पृथ्वी की सतह तक पहुंचने वाली ऊर्जा की मात्रा कम हो जाती है।
ध्रुवों पर कम सूर्यातप प्राप्त होने के मुख्य कारण हैं:
(i) तिरछी किरणें: सूर्य की किरणें ध्रुवों पर सीधी न पड़कर तिरछी पड़ती हैं।
(ii) अधिक वायुमंडलीय दूरी: सूर्य की किरणें ध्रुवों पर वायुमंडल में अधिक दूरी तय करती हैं, जिससे ऊर्जा का अवशोषण और परावर्तन अधिक होता है।
(iii) पृथ्वी का गोलाकार आकार: पृथ्वी का गोलाकार आकार यह सुनिश्चित करता है कि भूमध्य रेखा की तुलना में ध्रुवों पर सूर्य का प्रकाश कम तीव्रता से प्राप्त होता है।
6. तापमान के क्षैतिज वितरण के महत्वपूर्ण कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: तापमान के क्षैतिज वितरण के महत्वपूर्ण कारक निम्नलिखित हैं:
(i) अक्षांश: अक्षांश के साथ तापमान बदलता है, ध्रुवों की ओर जाने पर तापमान कम होता है।
(ii) ऊंचाई: ऊंचाई बढ़ने के साथ तापमान कम होता है, क्योंकि वायुमंडलीय दबाव कम होता है और वायुमंडल की गर्मी कम होती है।
(iii) जलवायु: जलवायु के प्रकार के आधार पर तापमान भिन्न होता है, जैसे कि उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में अधिक तापमान होता है।
(iv) महासागरीय प्रभाव: महासागरों के पास तापमान अधिक स्थिर रहता है, क्योंकि जल की विशिष्ट ऊष्मा अधिक होती है।
(v) भूमि की प्रकृति: भूमि की प्रकृति, जैसे कि रेगिस्तान या वनस्पति, तापमान को प्रभावित करती है।
7. पृथ्वी पर ऊर्जा के अधिशेष और कमी वाले क्षेत्रों की पहचान करें।
उत्तर: पृथ्वी पर ऊर्जा के अधिशेष और कमी वाले क्षेत्र हैं। भूमध्य रेखा के आसपास के क्षेत्र ऊर्जा अधिशेष क्षेत्र हैं, जबकि ध्रुवीय क्षेत्र ऊर्जा के कमी वाले क्षेत्र हैं।
(i) ऊर्जा अधिशेष क्षेत्र: भूमध्य रेखा के आसपास के क्षेत्र, विशेष रूप से 40° उत्तरी अक्षांश से 40° दक्षिणी अक्षांश के बीच, सूर्य से अधिक ऊर्जा प्राप्त करते हैं, जिससे ऊर्जा अधिशेष बनता है।
(ii) ऊर्जा कमी वाले क्षेत्र: ध्रुवीय क्षेत्र, सूर्य से कम ऊर्जा प्राप्त करते हैं और अंतरिक्ष में अधिक ऊर्जा विकीर्ण करते हैं, जिससे ऊर्जा की कमी होती है।
(iii) ऊर्जा का स्थानांतरण: वायुमंडलीय और महासागरीय परिसंचरण, जिसे “ऊष्मा इंजन” कहा जाता है, इन ऊर्जा असंतुलनों को संतुलित करने में मदद करता है।
(iv) जलवायु पर प्रभाव: ऊर्जा असंतुलन, जलवायु, वर्षा, हवाओं और महासागरीय धाराओं को प्रभावित करता है।
8. आरेखों की सहायता से ऊष्मा बजट का वर्णन कीजिए।
उत्तर: पृथ्वी का ऊष्मा बजट, सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा और पृथ्वी से वापस अंतरिक्ष में विकिरित होने वाली ऊर्जा के बीच संतुलन को दर्शाता है। यह संतुलन पृथ्वी की जलवायु को स्थिर रखने के लिए आवश्यक है। ऊष्मा बजट को समझने के लिए, इसे दो मुख्य घटकों में विभाजित किया जा सकता है: सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा (आतपन) और पृथ्वी से विकिरित होने वाली ऊर्जा (पृथ्वी विकिरण)।
सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा (आतपन):
सूर्य से आने वाली ऊर्जा का लगभग 30% बादलों, धूल और वायुमंडल में मौजूद अन्य कणों द्वारा परावर्तित हो जाता है और अंतरिक्ष में वापस चला जाता है। शेष 70% ऊर्जा पृथ्वी की सतह और वायुमंडल द्वारा अवशोषित कर ली जाती है। अवशोषित ऊर्जा में से कुछ पृथ्वी की सतह को गर्म करती है, जबकि कुछ वायुमंडल को गर्म करती है।

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