NCERT Class 9 Science Chapter 10 कार्य तथा ऊर्जा

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NCERT Class 9 Science Chapter 10 कार्य तथा ऊर्जा

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Chapter: 10

Page no – 129 Question 

1. किसी वस्तु पर 7N का बल लगता है। मान लीजिए बल की दिशा में विस्थापन 8m है (चित्र 10.3)। मान लीजिए वस्तु के विस्थापन के समय लगातार वस्तु पर बल लगता रहता है। इस स्थिति में किया गया कार्य कितना होगा?

उत्तर: कार्य = बल × विस्थापन

W = F × S  दिया है: F = 7N, S = 8m

= 7N × 8m = 56 Nm या 56J

अतः किया गया overline 414 = 56 जूल (J)

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Page no – 130 Question 

1. हम कब कहते हैं कि कार्य किया गया है?

उत्तर: किसी वस्तु पर बल लगाने के बाद अगर उस  वस्तु का विस्थापन होता है तो हम कह सकते है की उस वस्तु पर कार्य किया गया है।

कार्य = बल विस्थापन

W = F × S

2. जब किसी वस्तु पर लगने वाला बल इसके विस्थापन की दिशा में हो तो किए गए कार्य का व्यंजक लिखिए।

उत्तर: जब किसी वस्तु पर लगने वाला बल (F) इसके विस्थापन (s) की दिशा में हो तो किए गए कार्य (W) का व्यंजक

W = F × s

3. 1J कार्य को परिभाषित कीजिए।

उत्तर: किसी वस्तु पर 1N बल लगाने से अगर बल की दिशा में वस्तु का 1m विस्थापन होता है तो वस्तु के ऊपर किए गए कार्य 1J होगा। 

4. बैलों की एक जोड़ी खेत जोतते समय किसी हल पर 140N बल लगाती है। जोता गया खेत 15m लंबा है। खेत की लंबाई को जोतने में कितना कार्य किया गया?

उत्तर: दिया है: बल F = 140N

विस्थापन s = 15m

किया गया कार्य = बल x विस्थापन

 W = F x s

W = 140 N x 15m = 2100 Nm = 2100J

अतः किया गया कार्य = 2100J

Page no – 134 Questions 

1. किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा क्या होती है?

उत्तर: किसी वस्तु में उसके गति क कारण संचित ऊर्जा को गतिज ऊर्जा कहते है। गतिज ऊर्जा किसी वस्तु के द्रव्यमान और उसकी गति क ऊपर निर्भर करता है।

 गतिज ऊर्जा Eₖ = ½ mv²

 m = द्रव्यमान

 v = वेग

2. किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा के लिए व्यंजक लिखो।

उत्तर: गतिज ऊर्जा Eₖ = ½ mv²

m = द्रव्यमान

v = वेग

3. 5ms-1 के वेग से गतिशील किसी m द्रव्यमान की वस्तु की गतिज ऊर्जा 25J है। यदि इसके वेग को दोगुना कर दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी? यदि इसके वेग को तीनगुना बढ़ा दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी?

उत्तर: दिया है:

वस्तु का द्रव्यमान = m

वस्तु का वेग v = 5 ms⁻¹

गतिज ऊर्जा Eₖ = 25J

∴ Eₖ = ½ mv²

25 = ½ m × (5)²

25 = ½ × m × 25

25 × 2/25 = ½ × m 

m = 2kg

स्थिति I: जब वेग को दोगुना कर दिया जाए।

वस्तु का द्रव्यमान = m

अर्थात् v = 5m × 2 = 10 ms⁻¹

∴ गतिज ऊर्जा (Eₖ) = ½ mv² = ½ × (2) (10)

= ½ × 2 × 100 = 100 J

स्थिति II: जब वेग को तीन गुना बढ़ा दिया जाए।

 v = 3 × 5 = 15 ms⁻¹, m = 2kg

∴ गतिज ऊर्जा Eₖ = ½ mv²

= ½ (2)(15)² = 225 J

Page no – 139 Question

1. शक्ति क्या है?

उत्तर: कार्य करने की दर या ऊर्जा रूपांतरण की दर को शक्ति कहते हैं। 

शक्ति = कार्य /समय

P = W/t

W = कार्य, t = समय

2. 1 वाट शक्ति को परिभाषित कीजिए।

उत्तर: जब कोई स्रोत 1J ऊर्जा की कार्य करने में 1 सेकेड लगता है, तब उसकी शक्ति को 1 वाट कहते है।

1 वाट = 1J/1 सेकेंड

1w = 1J/s

3. एक लैंप 1000J विद्युत ऊर्जा 10s में व्यय करता है। इसकी शक्ति कितनी है?

उत्तर: शक्ति (P) = कार्य (w)/समय (t)

P = 1000 J/10s = 100J/s = 100W

लैप का शक्ति है 100W

4. औसत शक्ति को परिभाषित कीजिए।

उत्तर: औसत शक्ति को हम कुल उपयोग की गई ऊर्जा को, कुल लिए गए समय से विभाजित कर प्राप्त कर सकते हैं।

अतः औसत शक्ति = कुल उपयोग की गई ऊर्जा/लिया गया कुल समय 

अभ्यास

1. निम्न सूचीबद्ध क्रियाकलापों को ध्यान से देखिए। अपनी कार्य शब्द की व्याख्या के आधार पर तर्क दीजिए कि इनमें कार्य हो रहा है अथवा नहीं।

(i) सूमा एक तालाब में तैर रही है।

उत्तर: सूमा किसी विशेष दिशा में बल लगाकर तैरते हुए आगे बढ़ रही है और बल की दिशा में विस्थापित हो रही है इसलिए कार्य हो रहा है।

(ii) एक गधे ने अपनी पीठ पर बोझा उठा रखा है।

उत्तर: एक गधे ने अपनी पीठ पर बोझ उठा रखा है- इस स्थिति में कोई कार्य नहीं हुआ क्योंकि गुरुत्व बल नीचे की ओर ऊर्ध्वाधर दिशा में कार्य कर रहा है परन्तु कोई विस्थापन नहीं हो रहा है।

(iii) एक पवन चक्की (विंड मिल) कुएँ से पानी उठा रही है।

उत्तर: एक पवन चक्की कुएँ से पानी उठा रही है- इस स्थिति में पवन चक्की द्वारा कार्य किया जा रहा है क्योंकि पानी कुएँ से ऊपर की ओर उठाया जा रहा है जिससे बल लगाने पर विस्थापन हुआ है।

(iv) एक हरे पौधे में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया हो रही है।

उत्तर: एक हरे पौधे में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया हो रही है- यहाँ कोई कार्य नहीं हो रहा है क्योंकि प्रत्यक्ष रूप से विस्थापन नहीं हो रहा है।

(v) एक इंजन ट्रेन को खींच रहा है।

उत्तर: एक इंजन ट्रेन को खींच रहा है- इंजन द्वारा ट्रेन को खींचकर ले जाने में कार्य हो रहा है क्योंकि वस्तु का विस्थापन बल लगाने पर बल की दिशा में हो रहा है।

(vi) अनाज के दाने सूर्य की धूप में सूख रहे हैं।

उत्तर: अनाज के दाने सूर्य की गर्मी में सूख रहे हैं- यहाँ भी कोई कार्य नहीं हो रहा है क्योंकि अनाज अपने स्थान पर स्थिर है। उसमें कोई विस्थापन नहीं होता।

(vii) एक पाल-नाव पवन ऊर्जा के कारण गतिशील है।

उत्तर: एक पाल-नाव पवन ऊर्जा के कारण गतिशील है- यहाँ पवन गतिज ऊर्जा के कारण पाल-नाव पर बल लगाती है जिससे पाल-नाव की स्थिति में विस्थापन होता है। अतः यहाँ कार्य होता है।

2. एक पिंड को धरती से किसी कोण पर फेंका जाता है। यह एक वक्र पथ पर चलता है और वापस धरती पर आ गिरता है। पिंड के पथ के प्रारंभिक तथा अंतिम बिंदु एक ही क्षैतिज रेखा पर स्थित हैं। पिंड पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया गया?

उत्तर: पथ के शुरू और अंतिम बिन्दु में पिंड एक ही क्षैतिज रेखा पर अवस्थित होते है, तो इसका विस्थापन क्षैतिज दिशा में होगा। गुरुत्वीय बल की दिशा में (ऊर्ध्वाधर नीचे) कुल विस्थापन नहीं होने की कारण पिंड पर गुरुत्व बल द्वारा कोई कार्य नहीं किया गया है।

3. एक बैटरी बल्ब जलाती है। इस प्रक्रम में होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।

उत्तर: बैट्री में उपयोग किए जाने वाले रासायनिक पदार्थों की रासायनिक ऊर्जा का सबसे पहले विद्युत ऊर्जा में रूपान्तरण होता है। बल्ब जलने पर विद्युत ऊर्जा का प्रकाश ऊर्जा में रूपान्तरण होता है।

4. 20kg द्रव्यमान पर लगने वाला कोई बल इसके वेग को 5ms-1 से 2ms-1. में परिवर्तित कर देता है। बल द्वारा किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।

उत्तर: m = 20kg

प्रारंभिक वेग u = 5ms⁻¹

अंतिम वेग v = 2ms⁻¹

किया गया कार्य = गतिज ऊर्जा में परिवर्तन = (अंतिम गतिज ऊर्जा) – (प्रारंभिक गतिज ऊर्जा)

W = ½ mv² – ½ mu²

W = ½ m (v² – u²)

 = ½ × 20 [(2)² – (5)²]

= 10 × [4 – 25]

= -210J

ऋणात्मक चिन्ह दर्शाता है कि बल वस्तु की गति के विपरीत दिशा में लग रहा है।

5. 10kg द्रव्यमान का एक पिंड मेज पर A बिंदु पर रखा है। इसे B बिंदु तक लाया जाता है। यदि A तथा B को मिलाने वाली रेखा क्षैतिज है तो पिंड पर गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य कितना होगा? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।

उत्तर: गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य शून्य है, क्योंकि A और B को मिलाने वाली रेखा क्षैतिज है। इसका मतलब यह है कि विस्थापन क्षैतिज दिशा में हो रहा है, जबकि गुरुत्वीय बल ऊर्ध्वाधर (वर्टिकल) दिशा में नीचे की ओर कार्य करता है। जब बल और विस्थापन के बीच कोण 90° होता है (यानी वे परस्पर लंबवत होते हैं), तो कार्य शून्य होता है।

6. मुक्त रूप से गिरते एक पिंड की स्थितिज ऊर्जा लगातार कम होती जाती है। क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन करती है। कारण बताइए।

उत्तर: स्वतंत्र रूप से गिरते एक हुए पिंड की स्थितिज ऊर्जा धीरे-धीरे घटती जाती है। यह ऊर्जा संरक्षण नियम के विरुद्ध नहीं है क्योंकि जब वस्तु स्वतंत्र रूप से नीचे गिरती है तो उसकी स्थितिज ऊर्जा का रूपान्तरण गतिज ऊर्जा में होता जाता है। किसी भी बिन्दु पर गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा का योग हमेशा समान रहता है। जो कि ऊर्जा संरक्षण नियम के अनुसार ही है।

7. जब आप साइकिल चलाते हैं तो कौन-कौन से ऊर्जा रूपांतरण होते हैं?

उत्तर: साइकिल में सवार हो कर बल प्रयोग करके पैडल घूमना एक यात्रिक कार्य है, जो इसके बाद गतिज ऊर्जा में परिवर्तित होता है। इसमे से कुछ गतिज ऊर्जा साइकिल की टायरों से सड़क का घर्षण बल का सामना करने में लग जाते है। इस घर्षण बल के विरुद्ध किया गया कार्य उष्मीय ऊर्जा में बादल जाता है।

8. जब आप अपनी सारी शक्ति लगा कर एक बड़ी चट्टान को धकेलना चाहते हैं और इसे हिलाने में असफल हो जाते हैं तो क्या इस अवस्था में ऊर्जा का स्थानांतरण होता है? आपके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा कहाँ चली जाती है?

उत्तर: हाँ, ऊर्जा का स्थानांतरण होता है लेकिन चट्टान में विस्थापन नहीं होने के कारण कार्य शून्य हो जाता है। हमारे द्वारा व्यय की गई ऊर्जा के कारण चट्टान में थोड़ा विरूपण होता है या ऊर्जा उसे विरूपित करने का प्रयास करती है जिससे व्यक्ति थकान महसूस करता है और अततः उष्मीय ऊर्जा में (पसीने में) रूपांतरित हो जाती है।

9. किसी घर में एक महीने में ऊर्जा की 250 ‘यूनिटें’ व्यय हुईं। यह ऊर्जा जूल में कितनी होगी?

उत्तर: एक महीने में व्यय की गई ऊर्जा = 250 यूनिट

∵ 1 यूनिट = 1 Kwh = 3.6  × 10⁶ J

∴ 250 यूनिटें = (250 × 3.6 × 10⁶ )J

= (250 × 3.6) × 10⁶) J

= 9 × 10⁸ J

अतः घर में 1 महीने में व्यय हुई ऊर्जा

= 9 × 10⁸ J

10. 40kg द्रव्यमान का एक पिंड धरती से 5 m की ऊँचाई तक उठाया जाता है। इसकी स्थितिज ऊर्जा कितनी है? यदि पिंड को मुक्त रूप से गिरने दिया जाए तो जब पिंड ठीक आधे रास्ते पर है उस समय इसकी गतिज ऊर्जा का परिकलन कीजिए। (g = 10ms-2)

उत्तर: m = 40kg

h = 5m

g = 10m/s²

स्थितिज ऊर्जा Eₚ = mgh

= 40 × 10 × 5 = 2000kgm²/s² = 2000J

जब पिंड ठीक आधी रास्ते पर है तब I = 5/2 = 2.5m

u = 0

v² – u² = 2gh

v² – 0 = 2 × 10 × 2.5 = 50

गतिज ऊर्जा Eₖ = ½ mv²

Eₖ = ½ × 40 × 50 = 1000J

जब पिंड ठीक आधे रास्ते पर है उस समय इसकी गतिज ऊर्जा 1000J

11. पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए किसी उपग्रह पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया जाएगा? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए।

उत्तर: उपग्रह के ऊपर कार्यरत गुरुत्वीय बल एवं उपग्रह का विस्थापन दिशा के बीच 90° का कोण उत्पन्न होता है। अतः पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए किसी उपग्रह पर गुरुत्व बल द्वारा कोई कार्य नही किया जाएगा।

गणितीय रूप सेः

W = F cos θ × S

= F cos 90° × S [cos 90° = 0]

= F × 0 = 0

12. क्या किसी पिंड पर लगने वाले किसी भी बल की अनुपस्थिति में, इसका विस्थापन हो सकता है? सोचिए। इस प्रश्न के बारे में अपने मित्रों तथा अध्यापकों से विचार-विमर्श कीजिए।

उत्तर: न्यूटन का गति की प्रथम सूत्र के अनुसार,

(i) जब वस्तु विरामावस्था में हो तो वाह्यिक बल की अनुपस्थि मे विरामावस्था में ही रहेगा।

(ii) जब वस्तु एक समान गति से एक सीधी रेखा में गतिशील है तो वाह्यिक बल की अनुपस्थिति में गतिशील ही रहेगा।

(iii) के अनुसार पिंड पर लगने वाले किसी भी बल की अनुपस्थिति में, इसका विस्थापन हो सकता है।

13. कोई मनुष्य भूसे के एक गट्ठर को अपने सिर पर 30 मिनट तक रखे रहता है और थक जाता है। क्या उसने कुछ कार्य किया या नहीं? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए।

उत्तर: वह व्यक्ति एक ही स्थान पर खरे रहने के कारण उसका कोई विस्थापन नहीं है, तो व्यक्ति द्वारा किया कार्य शून्य है। परंतु अधिक समय तक पेशी में खिचाव रक्त का विकृत पेशी के ओर अधिक तेजी से जाने की कारण उसका पेशीय थकान हो जाता है और ऊर्जा व्यय होते है, इसलिए वह थकान महसूस करते है।

14. एक विद्युत्-हीटर (ऊष्मक) की घोषित शक्ति 1500W है। 10 घंटे में यह कितनी ऊर्जा उपयोग करेगा?

उत्तर: विद्युत्-हीटर की शक्ति p = 1500W

= 1500/1000 kw

समय t = 10 घंटे

∴ उपभोग की गई ऊर्जा = शक्ति × लिया गया समय

∴ E = P × t

= (1.5 kw) × 10 h = 15 kwh

= 15 यूनिट

अतः 10 घंटे में उपभोग की गई ऊर्जा 15 kwh या 15 यूनिट है।

15. जब हम किसी सरल लोलक के गोलक को एक ओर ले जाकर छोड़ते हैं तो यह दोलन करने लगता है। इसमें होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों की चर्चा करते हुए ऊर्जा संरक्षण के नियम को स्पष्ट कीजिए। गोलक कुछ समय पश्चात् विराम अवस्था में क्यों आ जाता है? अंततः इसकी ऊर्जा का क्या होता है? क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन है?

उत्तर: 

सरल लोलक का प्रारंभिक स्थिति विरामवस्था थी जो की स्थिति A है। जब इसको B स्थिति तक लेकर फिर छोड़ दिया जाता है तो निम्न स्थितिया घटती है:

(i) स्थिति B पर सिर्फ स्थितिज ऊर्जा होते है।

(ii) लोलक को B से छोड़ने के तुरंत बाद ही वह A की ओर गति करता है और उसका स्थितिज ऊर्जा कम होता जाता है, गतिज ऊर्जा बढ़ता जाता है।

(iii) A पर पहुँचने पर उसमे सिर्फ गतिज ऊर्जा ही होता है।

(iv) स्थिति A से C की ओर जाने की समय उसका गतिज ऊर्जा घटती जाती है और स्थितिज ऊर्जा बढ़ने लगती है।

(v) स्थिति C पर गतिज ऊर्जा शून्य होता है।

घर्षण बल और वायु का प्रति अवरोध के कारण सरल लोलक का ऊर्जा व्यय होने लगता है और कुछ समय के बाद विरामवस्था में आ जाते है, अर्थात ऊष्मीय ऊर्जा में बदल जाता है। इसमे संरक्षण नियम का उल्लघन नहीं हो रहा है।

16. m द्रव्यमान का एक पिंड एक नियत वेग से गतिशील है। पिंड पर कितना कार्य करना चाहिए कि यह विराम अवस्था में आ जाए?

उत्तर: द्रव्यमान = m

पिंड का नियत वेग = v

पिंड की गतिज ऊर्जा Ek = ½ mv²

स्पष्टतः पिंड को विरामावस्था में लाने के लिए इसकी गतिज ऊर्जा Imv² से कम होनी चाहिए।

पिंड को विरामावस्था में लाने के लिए किया गया कार्य w = -Ex = – ½ mv²

17. 1500kg द्रव्यमान की कार को जो 60km/h के वेग से चल रही है, रोकने के लिए किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।

उत्तर: द्रण्यमान Vm = 1500 kg

v = 60 km/h

= 60 × 1000m/3600s

= 16.67ms

गतिज ऊर्जा = ½ mv²

= ½ × 1500 kg × [16.67m/s]²

= 208416.67J

18. निम्न में से प्रत्येक स्थिति में 1 द्रव्यमान के एक पिंड पर एक बल F लग रहा है। विस्थापन की दिशा पश्चिम से पूर्व की ओर है जो एक लंबे तीर से प्रदर्शित की गई है। चित्रों को ध्यानपूर्वक देखिए और बताइए कि किया गया कार्य ऋणात्मक है, धनात्मक है या शून्य है।

उत्तर: (i) पहले वाले पिंड पर किया गया कार्य शून्य है, क्योंकि बल और विस्थापन की दिशा एक दूसरे से 90° कोण उत्पन्न करता है।

(ii) दूसरे पिंड पर किया गया कार्य धनात्मक है क्योंकि विस्थापन बल की दिशा में हो रहा है।

(iii) तीसरी पिंड पर किया गया कार्य ऋणात्मक है क्योंकि विस्थापन और बल का दिशा एक दूसरे के विपरीत है।

19. सोनी कहती है कि किसी वस्तु पर त्वरण शून्य हो सकता है चाहे उस पर कई बल कार्य कर रहे हों। क्या आप उससे सहमत हैं? बताइए क्यों?

उत्तर: हाँ, हम सोनी के इस कथन से सहमत हैं। यदि किसी वस्तु पर अनेक बल कार्य कर रहे हों और उनका परिणामी बल अर्थात् नेट बल शून्य हो तो वस्तु का त्वरण शून्य होगा।

[ F = ma के अनुसार वस्तु का त्वरण = F/m (चूँकि F=0) भी शून्य होगा।)

20. चार युक्तियाँ, जिनमें प्रत्येक की शक्ति 500 W है 10 घंटे तक उपयोग में लाई जाती हैं। इनके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा जूल में परिकलित कीजिए।

उत्तर: चार युक्तियो की मिलित शक्ति = 4 × 500w = 2000w

समय = 10 घंटा

व्यय की गयी ऊर्जा = 2000 × 10 = 20000 wh = 20 kwh

चार युक्तियों द्वारा व्यय की गई ऊर्जा 20 kwh

21. मुक्त रूप से गिरता एक पिंड अंततः धरती तक पहुँचने पर रूक जाता है। इसकी गतिज ऊर्जा का क्या होता है?

उत्तर: जब कोई वस्तु स्वतंत्र रूप से नीचे गिरती है। तो उसकी स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में बदलती जाती है। जब वह भूतल से टकराती है तो संचित गतिज ऊर्जा का रूपातंरण, ऊष्मा, ध्वनि या अन्य रूप में हो जाता है।

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