NCERT Class 9 Science Chapter 9 गुरुत्वाकर्षण

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NCERT Class 9 Science Chapter 9 गुरुत्वाकर्षण

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Chapter: 9

Page no – 115 Questions

1. गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम बताइए।

उत्तर: विश्व का प्रत्येक पिंड प्रत्येक अन्य पिंड को एक बल से आकर्षित करता है, जो दोनों पिंडों के द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। यह बल दोनों पिंडों को मिलाने वाली रेखा की दिशा में लगता है।

अर्थात्, F ∝ M m तथा F∝ 1/d² 

F ∝ Mm/d²

M = पिंड A का द्रव्यमान

m = पिंड B का द्रव्यमान

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और d = पिंड A तथा B के बीच की दूरी है।

2. पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।

उत्तर: गुरुत्वाकर्षण बल = F = GmM/r²

M = पृथ्वी का द्रव्यमान।

m = वस्तु का द्रव्यमान।

r = पृथ्वी तथा वस्तु के बीच दूरी।

G = आनुपातिक स्थिराक।

Page no – 117 Question

1. मुक्त पतन से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: किसी ऊँचाई से किसी वस्तु (पिंड) का केवल गुरुत्वीय बल के कारण नीचे गिरना मुक्त पतन कहलाता है, जबकि पिंड (वस्तु) पर कोई अन्य बल कार्य नहीं कर रहा हो।

2. गुरुत्वीय त्वरण से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: कोई वस्तु पृथ्वी की ओर गिरने से पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण उस वस्तु के ऊपर एक त्वरण कार्य करता है। इस त्वरण को पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं। गुरुत्वीय त्वरण (g) का मात्रक है ms⁻².

Page no – 119 Questions

1. किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में क्या अंतर है?

उत्तर: 

द्रव्यमानभार
(i) द्रव्यमान किसी वस्तु में विद्यमान पदार्थ की मात्रा है। द्रव्यमान से वस्तु के जड़त्व की माप होती है(i) किसी वस्तु का भार वह बल है जिससे वस्तु पृथ्वी के केंद्र की ओर आकर्षित होती है।
(ii) यह एक अदिश राशि है।(ii) यह एक सदिश राशि है।
(iii) द्रव्यमान शून्य नही होता है।(iii) पृथ्वी के केंद्र पर (g = 0) भार शून्य होता है।
(iv) इसका मान पृथ्वी के सभी जगह एक समान रहता है।(iv) इसका मान एक स्थान से दूसरे स्थान पर परिवर्तन होता रहता है।
(v) SI मात्रक किलोग्राम (kg)(v) SI मात्रक न्यूटन (N)

2. किसी वस्तु का चंद्रमा पर भार पृथ्वी पर ⅙ इसके भार का गुणा क्यों होता है?

उत्तर: हम जानते हैं कि किसी वस्तु का भार ‘g’ पर निर्भर करता है। चूंकि चंद्रमा का द्रव्यमान और त्रिज्या पृथ्वी के द्रव्यमान और त्रिज्या से कम है जिसके कारण वे किसी वस्तु पर कम गुरुत्वाकर्षण बल लगाती है अर्थात् चंद्रमा पर 9 का मान = है पृथ्वी पर 9 का मान अतः चंद्रमा किसी वस्तु पर छह गुणा कम गुरुत्वाकर्षण बल लगाता है जिसके कारण चंद्रमा पर किसी वस्तु । का भार पृथ्वी पर उसके भार का गुणा होता है।

Page no – 122 Questions 

1. एक पतली तथा मजबूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है, क्यों?

उत्तर: यदि स्कूल बैग का पट्टा पतली तथा मजबूत डोरी से बना होता है तो हाथ या कंधे पर अधिक दाब लगाता है क्योंकि समान बल कम क्षेत्रफल पर अधिक दाब लगाता है।

दाब P = बल (प्रणोद) F/क्षेत्रफल A

= बैग का भार/डोरी की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल

यहाँ डोरी पतली है इसलिए दाब अधिक लगता है।

2. उत्प्लावकता से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: किसी तरल में डुबाने पर तरल द्वारा वस्तु पर ऊपर की ओर लगने वाले बल को उत्पलावन बल तथा इस क्रिया को उत्पलावकता कहा जाता है।

3. पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु क्यों तैरती या डूबती है?

उत्तर: वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से कम होने से या बराबर होने से वो वस्तु पानी पर तैरती रहेगी और अगर वस्तु का घनत्व पानी मे ज्यादा होती है तो वो पानी में डूब जाएगी।

Page no – 124 Questions

1. एक तुला (weighing machine) पर आप अपना द्रव्यमान 42 kg नोट करते हैं। क्या आपका द्रव्यमान 42 kg से अधिक है या कम?

उत्तर: वास्तव में एक तुला द्वारा लिया गया पाठ्यांक भार होता है जिसे हम द्रव्यमान मानते हैं। चूँकि हम किसी वस्तु का वजन वायु में लेते हैं इसलिए उस वस्तु पर वायु के कारण उत्प्लावन बल भी लगता है। आभासी भार = वस्तु का वास्तविक भार – उत्प्लावन बल 42 kg भार = वस्तु का वास्तविक भार उत्प्लावन बल।

स्पष्टतः 

वस्तु का वास्तविक भार = 42 kg + उत्प्लावन बल अतः उस लड़के का द्रव्यमान 42 kg से अधिक होगा।

2. आपके पास एक रुई का बोरा तथा एक लोहे की छड़ है। तुला पर मापन पर दोनों 100 kg द्रव्यमान दर्शाते हैं। वास्तविकता में एक-दूसरे से भारी है। क्या आप बता सकते हैं कि कौन – सा भारी है और क्यों?

उत्तर: रुई का बोरा लोहे से भारी है। क्षेत्रफल या आयतन के हिसाब से रुई के बोरा के आयतन लोहे की छड से अधिक है। इसलिए रुई के बोरा के ऊपर उत्प्लावन बल लोहे के ऊपर उत्प्लावन बल के मान से ज्यादा होगा और तुला पर मापने से वास्तविक भार से कम दिखेगा।

अभ्यास

1. यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल किस प्रकार बदलेगा?

उत्तर: हम जानते है कि दो वस्तुओ के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल (F) = G Mm/r²

अतः F∝ 1/r² 

जहा, दूरी को प्रदर्शित करता है।

यदि दूरी को आधा किया जाए तो r = r/2

F ∝ 1/(r/2)²

F ∝ 1/ (r²/4)

F ∝ 4/r²

अतः यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल 4 गुना हो जाएगा।

2. सभी वस्तुओं पर लगने वाला गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान के समानुपाती होता है। फिर एक भारी वस्तु हलकी वस्तु के मुकाबले तेज़ी से क्यों नहीं गिरती?

उत्तर: मुक्त पतन की स्थिति में किसी वस्तु पर कार्यरत गुरुत्वीय त्वरण का मान g = G M/R²  होता है।

जहाँ, M = पृथ्वी का द्रव्यमान,

R = पृथ्वी की त्रिज्या,

अतः पृथ्वी के पृष्ठ पर या इसके समीप रखी वस्तुओं के लिए ‘g’ का मान उस वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता है। इसलिए हलकी वस्तु और भारी वस्तु एक साथ गिरती है (जबकि वायु का प्रतिरोध नगण्य होता है)।

3. पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी 1kg की वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल का परिमाण क्या होगा ? (पृथ्वी का द्रव्यमान 6 × 1024 kg है तथा पृथ्वी की त्रिज्या 6.4 × 106 m है)। 

उत्तर: पृथ्वी तथा उसके पृष्ठ पर रखी किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल का परिमाण, 

F = G M × m/R²

जहाँ, m = 1kg, M = 6 10²⁴kg …(1)

R = 6.4 × 10⁶ m, G = 6.7 × 10⁻¹¹Nm²/kg² दिए गए मान समीकरण (1) में प्रतिस्थापित करने पर हमें प्राप्त होता है-

∴ F = 6.7 × 10⁻¹¹Nm²/kg² × 6  × 10²⁴kg × 1kg /(6.4 × 10⁶m)² 

F = 9.8N

4. पृथ्वी तथा चंद्रमा एक-दूसरे को गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं। क्या पृथ्वी जिस बल से चंद्रमा को आकर्षित करती है वह बल, उस बल से जिससे चन्द्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है बड़ा है या छोटा है या बराबर है? बताइए क्यों?

उत्तर: गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम के अनुसार दो पिंडों के बीच लगने वाला बल समान होता है। इसीलिए पृथ्वी तथा चंद्रमा एक दूसरे को जिस गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं वह दोनों बराबर होते है।

5. यदि चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है, तो पृथ्वी चंद्रमा की ओर गति क्यों नहीं करती?

उत्तर: पृथ्वी का द्रव्यमान और चंद्रमा तथा पृथ्वी के बीच में दूरी बहुत ज्यादा होने के कारण उनके बीच गुरत्त्वीय बल का मान पृथ्वी में चंद्रमा की और त्वरण उत्पन्न होने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसलिए पृथ्वी चंद्रमा की ओर गति नहीं करती।

6. दो वस्तुओं के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का क्या होगा, यदि।

(i) एक वस्तु का द्रव्यमान दोगुना कर दिया जाए?

उत्तर: गुरुत्वाकर्षण बल,

F = GmM/r²

एक वस्तु का द्रव्यमान दोगुना होगा,

M = 2M

F = G 2 Mm / r²

F = 2(GMm /r²

F = 2F

अतः गुरुत्वाकर्षण बल भी दोगुना हो जाएगा।

(ii) वस्तुओं के बीच की दूरी दोगुनी अथवा तीन गुनी कर दी जाए?

उत्तर: बीच दूरी दोगुनी कर दिए जाए तो,

r = 2r

F = Gm M/r²

F = G mM/ (2r)²

F = GmM/4r²

F = G mM/4r²

F = ¼ F

गुरुत्वाकर्षण बल का मान घटकर एक  चौथाई हो जाएगा दूरी तीन गुनी कर दिए जाए तो चौथाई हो जाएगा।

(iii) दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दोगुने कर दिए जाएँ?

उत्तर: दोनो वस्तुओ के द्रव्यमान दोगुने कर दिए जाए तो,

M = 2M

m = 2m

F = GmM/r²

F = G × 2m × 2M/r²

F = 4F

गुरुत्वाकर्षण बल भी 4 गुना हो जाएगा।

7. गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के क्या महत्व हैं?

उत्तर: गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के महत्त्व-

(i) गुरुत्वाकर्षण बल हमें पृथ्वी से बाँधे रखने वाले बल की व्याख्या करता है।

(ii) पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा की गति की व्याख्या करता है।

(iii) सूर्य के चारों ओर ग्रहों की गति की व्याख्या करता है।

(iv) चंद्रमा तथा सूर्य के कारण ज्वार-भाटा।

(v) यह अनेक ऐसी परिघटनाओं, जैसे-वर्षा होना, बर्फ़ गिरना तथा नदियों, झरनों से पानी बहने आदि की व्याख्या करता है।

8. मुक्त पतन का त्वरण क्या है?

उत्तर: जब वस्तु स्वतंत्र रूप से पृथ्वी की ओर गिरती है तब कहा जाता है कि वस्तुएं मुक्त पतन में है। इस कारण वस्तु मे त्वरण उत्पन्न होता है जिसे गुरुत्वीय त्वरण कहा जाता है। इसका मान 9.8m/s² होता है।

9. पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को हम क्या कहेंगे?

उत्तर: पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को उस वस्तु का भार कहते हैं।

10. एक व्यक्ति A अपने एक मित्र के निर्देश पर ध्रुवों पर कुछ ग्राम सोना खरीदता है। वह इस सोने को विषुवत वृत्त पर अपने मित्र को देता है। क्या उसका मित्र खरीदे हुए सोने के भार से संतुष्ट होगा? यदि नहीं, तो क्यों? (संकेतः ध्रुवों पर g का मान विषुवत वृत्त की अपेक्षा अधिक है।)

उत्तर: किसी वस्तु के भार का मान W = mg सूत्र द्वारा ज्ञात किया जाता है। चूंकि द्रव्यमान (m) का मान सभी जगहों पर एक समान रहता है इसलिए सोने के भार का मान ‘g’ पर निर्भर करेगा। इसलिए | Wₚ > Wₚ] क्योंकि ध्रुवों पर ‘g’ का मान विषुवत वृत्ते की अपेक्षा अधिक है।

अतः उसका मित्र सोने के भार से संतुष्ट नहीं होगा क्योंकि विषुवत वृत्त पर सोने का भार (W) कम हो जाएगा। 

जहाँ Wₚ = ध्रुवों पर सोने का भार Wₑ = विषुवत वृत्त पर सोने का भार

इसलिए, जब व्यक्ति A सोना ध्रुवों से खरीदकर विषुवत वृत्त पर अपने मित्र को देगा, तो उसका मित्र सोने के भार में कमी महसूस करेगा और संतुष्ट नहीं होगा।

उसका मित्र खरीदे हुए सोने के भार से संतुष्ट नहीं होगा, क्योंकि विषुवत वृत्त पर गुरुत्वीय त्वरण कम होने के कारण सोने का भार भी कम हो जाएगा।

11. एक कागज की शीट, उसी प्रकार की शीट को मरोड़ कर बनाई गई गेंद से धीमी क्यों गिरती है?

उत्तर: कागज की शीट का क्षेत्रफल उसी प्रकार की शीट को मरोड़ कर बनाई गेंद से अधिक होने के कारण वायु से प्रतिरोध का मान बनाई गेंद से ज्यादा होता है, इसलिए कागज की शीट गेद से धीमी गिरती है। 

12. चंद्रमा की सतह पर गुरूत्वीय बल, पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय बल की अपेक्षा 1/6 गुणा है। एक 10kg की वस्तु का चंद्रमा पर तथा पृथ्वी पर न्यूटन में भार क्या होगा?

उत्तर: m = 10kg

g = 9.8m/s²

पृथ्वी पर वस्तु का भार,

W = m × g

W = 10 × 9.8 = 98N

चद्रमा पर वस्तु का भार,

W = m × g

W = 10 × 9.8 ×(⅙)

W = 16.3N

(चंद्रमा की सतह पर गुरुत्वीय बल, पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय बल की अपेक्षा 1/6 गुणा है।)

13. एक गेंद ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 49m/s के वेग से फेंकी जाती है। परिकलन कीजिए-

(i) अधिकतम ऊँचाई जहाँ तक कि गेंद पहुँचती है।

उत्तर: प्रारंभिक वेग = 49m/s

अधिकतम ऊँचाई पर अंतिम वेग = 0

g = – 9.8m/s² चुकि गेंद विपरीत दिशा में जा रही है 

माना कि अधिकतम ऊँचाई = h

गति का तीसरा समीकरण

v² = u² + 2gh

0² = (49)² + 2× (- 9.8) × h

 2401 = 2 × 9.8h

122.5m = h

(ii) पृथ्वी की सतह पर वापस लौटने में लिया गया कुल समय।

उत्तर: माना अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचने में लगा समय = t

गति का पहला समीकरण-

v = u + gt

0 = 49 + (- 9.8) × t

49 = 9.8 × t

t = 49/9.8

t = 5s

अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचने में लगा समय = 5s

गेंद को वापस पृथ्वी पर पहुँचने में लगने वाला कुल समय 5 + 5 = 10s

14. 19.6m ऊँची एक मीनार की चोटी से एक पत्थर छोड़ा जाता है। पृथ्वी पर पहुँचने से पहले इसका अंतिम वेग ज्ञात कीजिए।

उत्तर: ऊँचाई (h) = 19.6m

प्रारंभिक वेग(u) = 0

गति का तीसरा समीकरण

v² = u² + 2gh

= (0)² + 2 × 9.8 × 19.6 (g = 9.8m/s⁻²)

= 2 × 9.8 × 19.6

v² = 19.6 × 19.6

v = √19.6 × 19.6

v = 19.6m/s

अतः अंतिम वेग = 19.6m/s

15. कोई पत्थर ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 40m/s के प्रारंभिक वेग से फेंका गया है। g = 10 m/s² लेते हुए ग्राफ की सहायता से पत्थर द्वारा पहुँची अधिकतम ऊँचाई ज्ञात कीजिए। नेट विस्थापन तथा पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी कितनी होगी?

उत्तर: प्रारम्भिक वेग (u) = 40m/s

g = – 10m /s²

अधिकतम ऊंचाई पर अंतिम वेग (v) = 0

गति का तीसरा समीकरण

v² = u² + 2gh

0 = 40² + 2 × (-10) × h

1600 = 20h

1600/20 = h

80m = h

अधिकतम दूरी = 80m

पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी = 80 + 80 = 160m

चूँकि पत्थर ऊपर फेंका गया परन्तु वह वापस आ गया।

अतः कुल विस्थापन = 0

16. पृथ्वी तथा सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण बल का परिकलन कीजिए। दिया है, पृथ्वी का द्रव्यमान = 6 x 1024 kg तथा सूर्य का द्रव्यमान = 2 × 1030 kg| दोनों के बीच औसत दूरी 1.5 × 10¹¹ m है।

उत्तर: पृथ्वी का द्रव्यमान (M) = 6 ×10²⁴ kg

सूर्य का द्रव्यमान (m) = 2 × 10³⁰ kg.

G सार्वत्रिक नियतांक = 6.67 × 10 ¹¹ Nm²/ kg²

दोनों के बीच की औसत दूरी d = 1.5 × 10¹¹m

F = G × (M×m )/r²

F = 6.67 × 10¹¹ × (6 ×10 ²⁴ × 2 × 10³⁰)/(1.5 × 10¹¹)²

F = 3.57 ×10²² N

पृथ्वी तथा सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण बल = 3.57 × 10²²N

17. कोई पत्थर 100m ऊँची किसी मीनार की चोटी से गिराया गया और उसी समय कोई दूसरा पत्थर 25m/s के वेग से ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंका गया। परिकलन कीजिए कि दोनों पत्थर कब और कहाँ मिलेंगे।

उत्तर: h = 100m

समय t = ?

g = + 10m/s² (अधोमुखी)

मीनार की चोटी A से बिंदु B तक की दूरी = S₁

∴ S₁ = ut + ½ gt²

∴ S₁ = 0 × t + ½ (10)t²

भूमि की सतह C से B तक की दूरी

S₂ = ut + ½ gt², u = 25 m/s (दिया है)

S₂ = 25 t + ½ (-10) t²; g = 10 m/s

∴ S₂ = 25t – 5t²

कुल दूरी (AC) = 100m

∴ S₁ + S₂ = 100m

5t² + (25t – 5t²) = 100m

25 t = 100m

t = 100/25 = 4 सेकंड

∴ S₁ = 5t² = 5 × (4)² = 80

∴ अतः 4s के पश्चातू चोटी से 80m नीचे दोनों पत्थर मिलेंगे।

18. ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंकी गई एक गेंद 6s पश्चात् फेंकने वाले के पास लौट आती है। ज्ञात कीजिए?

उत्तर: u = ?

v = 0

नीचे से ऊपर तथा वापस आने में लगा कुल समय

t = 6s

g = – 9.8 m/s² (ऊर्ध्वमुखी)

चूँकि गेंद को नीचे से ऊपर तथा ऊपर से नीचे आने में लगा कुल समय = 6 s है।

∴ नीचे से ऊपर जाने में लगा समय = 6/2 = 3s

(a) यह किस वेग से ऊपर फेंकी गई।

उत्तर: v = u + gt

0 = u + (-9.8) × 3

u = 29.4 m/s

(b) गेंद द्वारा पहुँची गई अधिकतम ऊँचाई; तथा।

उत्तर: अधिकतम ऊँचाई h = S = ?

∴ S = ut + ½ gt²

= (29.4 × 3) + ½ × (9.8) × (3)²

= 88.2 + ½ × (- 88.2)

= 88.2 -44.1

h = 44.1m

(c) 4 s पश्चात् गेंद की स्थिति।

उत्तर: चूँकि 3s में गेंद अधिकतम ऊँचाई पर पहुँच जाती है जिसके पश्चात् वह नीचे गिरेगी इसलिए हमें ज्ञात करना है कि 1s में गेंद चोटी से कितनी दूरी तय करेगी?

∴ 3s + 1s = 4s

S = ut + ½ gt²

= (0 × 1) + ½ × 9.8 × (1)² [∵ u = 0, t = 0]

= 4.9m

नीचे से गेंद की स्थिति = (44.1 – 4.9) = 39.2m अतः 4s पश्चात गेंद ऊपर से 4.9m दूरी पर होगी या नीचे से 39.2 m दूरी पर होगी।

19. किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल किस दिशा में कार्य करता है?

उत्तर: किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल हमेशा उल्टी दिशा में कार्य करता है। अतः बल ऊपर की ओर कार्य करता है।

20. पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी की सतह पर क्यों आ जाता है?

उत्तर: पानी गुटके पर ऊपर की दिशा मे बल प्रयोग करता है, जो गुटके के भार से अधिक अर्थात् उत्प्लवन बल होने की हेतु गुटके को पानी के अंदर छोड़ने के बाद भी यह पानी की सतह पर आ जाता है।

21. 50g के किसी पदार्थ का आयतन 20cm³ है। यदि पानी का घनत्व 1gcm⁻³ हो, तो पदार्थ तैरेगा या डूबेगा?

उत्तर: पदार्थ का आयतन = 20cm³

पदार्थ का द्रव्यमान = 50g

∴ पदार्थ का घनत्व = द्रव्यमान/आयतन

पदार्थ का घनत्व = 50/20 = 2.5g cm⁻³

अतः पदार्थ डूबेगा क्योंकि पदार्थ का घनत्व पानी से अधिक है।

क्योंकि पानी का घनत्व = 1g cm⁻³ होता है।

22. 500g के एक मोहरबंद पैकेट का आयतन 350cm³ है। पैकेट 1g cm⁻³ घनत्व वाले पानी में तैरेगा या डूबेगा? इस पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान कितना होगा?

उत्तर: पैकेट का आयतन (V) = 350cm³

 पैकेट का द्रव्यमान (M) = 500g

दिए गए पैकेट का घनत्व = पैकेट का द्रव्यमान/पैकेट का आयतन

= M/V

= 500/350 = 1.42g/cm³

हमें ज्ञात है: जल का घनत्व = 1g/cm³

चूँकि पैकेट का घनत्व जल के घनत्व से अधिक है इसलिए वह डूब जाएगा।

पैकेट के द्वारा विस्थापित पानी का आयतन = पैकेट क आयतन = 350cm³

∴ जल का घनत्व = जल का द्रव्यमान/जल का आयतन

1 g/cm³ = जल का द्रव्यमान/350cm³

जल का द्रव्यमान = 350 cm³ × 1g/cm³

= 350g

अतः पैकेट के द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान = 350g

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