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NCERT Class 9 Science Chapter 8 बल तथा गति के नियम
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बल तथा गति के नियम
Chapter: 8
Page no – 102 Question
1. निम्न में किसका जड़त्व अधिक है:
(a) एक रबर की गेंद एवं उसी आकार का पत्थर।
उत्तर: उसी आकार का पत्थर।
(b) एक साइकिल एवं एक रेलगाड़ी।
उत्तर: रेलगाड़ी।
(c) पाँच रुपये का एक सिक्का एवं एक रुपये का सिक्का।
उत्तर: पाँच रुपए का सिक्का।
2. नीचे दिए गए उदाहरण में गेंद का वेग कितनी बार बदलता है, जानने का प्रयास करें: “फुटबॉल का एक खिलाड़ी गेंद पर किक लगाकर गेंद को अपनी टीम के दूसरे खिलाड़ी के पास पहुँचाता है। दूसरा खिलाड़ी उस गेंद को किक लगाकर गोल की ओर पहुँचाने का प्रयास करता है। विपक्षी टीम का गोलकीपर गेंद को पकड़ता है और अपनी टीम के खिलाड़ी की ओर किक लगाता है।” इसके साथ ही उस कारक की भी पहचान करें। जो प्रत्यक अवस्था में बल प्रदान करता है।
उत्तर: उपरोक्त उदाहरण में गेंद का वेग चार बार बदलता है।
(i) प्रथम बार जब खिलाड़ी गेंद पर किक लगाकर अपनी टीम के दूसरे खिलाड़ी के पास भेजता है।
(ii) दूसरी बार जब गेंद गोल की ओर पहुँचती है और।
(iii) तीसरी बार जब दूसरी टीम का गोलकीपर उसको पकड़ता है।
(iv) चौथी बार, जब गोलकीपर गेंद को अपनी टीम के खिलाड़ी की ओर किक लगाता है।
3. किसी पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाने पर कुछ पत्तियाँ झड़ जाती हैं। क्यों?
उत्तर: जब पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाया जाता है तो शाखाएँ गति में आ जाती हैं। पत्तियाँ विरामावस्था में होती हैं और शाखाएँ गति अवस्था में। जिसके कारण पत्तियाँ शाखाओं से अलग होकर नीचे गिर जाती हैं।
4. जब कोई गतिशील बस अचानक रुकती है तो आप आगे की ओर झुक जाते हैं और जब विरामावस्था से गतिशील होती है तो पीछे की ओर हो जाते हैं, क्यों?
उत्तर: प्रथम अवस्था-गतिशील बस अचानक रूक जाने से हमारा शरीर का निचला हिस्सा जो बस के साथ साथ गतिशील था वह रुक जाता है पर ऊपरी हिस्सा गति-जड़त्व के कारण गतिशील रहना चाहते है और आगे की ओर झुक जाते हैं।
दूसरे अवस्था-बस अचानक से गतिशील हो जाने से शरीर का निचला हिस्सा जो बस के सतह से सपर्क-युक्त है, गतिशील हो जाता है, पर शरीर का ऊपरी हिस्सा विराम-जड़त्व के कारण विरामावस्था में रहना चाहते हैं और पीछे की ओर हो जाते हैं।
अभ्यास |
1. कोई वस्तु शून्य बाह्य असंतुलित बल अनुभव करती है। क्या किसी भी वस्तु के लिए अशून्य वेग से गति करना संभव है? यदि हाँ, तो वस्तु के वेग के परिमाण एवं दिशा पर लगने वाली शर्तों का उल्लेख करें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
उत्तर: हाँ, किसी वस्तु के लिए अशून्य वेग से गति करना संभव है। ऐसा निम्नलिखित स्थितियों (शर्तों) में संभव हो सकता है-
(a) जब वस्तु एक सीधी सरल रेखा में एकसमान चाल से चल रही हो।
(b) जब चाल के परिमाण में कोई परिवर्तन नहीं हो रहा हो।
(c) जब गति की दिशा में कोई परिवर्तन नहीं हो।
(d) वायु का प्रतिरोध अवश्य ही शून्य होना चाहिए।
(e) जब वस्तु की सतह तथा जमीन के बीच घर्षण बल का मान शून्य हो।
2. जब किसी छड़ी से एक दरी (कार्पेट) को पीटा जाता है, तो धूल के कण बाहर आ जाते हैं। स्पष्ट करें।
उत्तर: जब किसी छड़ी से एक दरी (कार्पेट) को पीटा जाता है, तो शुरू में धूल के कण विरामावस्था में होते है, जब दरी मे कम्पन गति होने लगती है। धूल के कण विराम-जड़त्व के कारण अपनी अवस्था को बनाए रखना चाहते है, जब कि दरी में गति होती है। अतः दरी की गति धूल के कण पर एक पीछे की ओर गति प्रयोग कर रहा है। और धूल के कण को गतिशील कर रहा है।
3. बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से क्यों बाँधा जाता है?
उत्तर: बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से बाँधा जाता है क्योंकि अचानक लगने वाले झटकों तथा सड़क पर तेजी से बस को मोड़ते समय सामान नीचे गिर सकता है। क्योंकि छत पर रखे समान का निचला हिस्सा बस के संपर्क में रहने के कारण गति में आ जाता है। लेकिन समान का उपर हिस्सा स्थिरता के जड़त्व के कारण विरामावस्था में रहता है। इसलिए ऊपरी भाग पीछे छूट जाता है तथा समान गिर जाता है। क्योंकि इसकी प्रवृत्ति अपनी मूल दिशा में लगातार गति करने की होती है। इससे बचाव के लिए सामान को रस्सी से बाँध दिया जाता है।
4. किसी बल्लेबाज द्वारा क्रिकेट की गेंद को मारने पर गेंद ज़मीन पर लुढ़कती है। कुछ दूरी चलने के पश्चात् गेंद रुक जाती है। गेंद रुकने के लिए धीमी होती है, क्योंकि-
(a) बल्लेबाज ने गेंद को पर्याप्त प्रयास से हिट नहीं किया है।
(b) वेग गेंद पर लगाए गए बल के समानुपाती है।
(c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।
(d) गेंद पर कोई असंतुलित बल कार्यरत नहीं है, अतः गेंद विरामावस्था में आने के लिए प्रयासरत है।
(सही विकल्प का चयन करें)
उत्तर: (c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।
5. एक ट्रक विरामावस्था से किसी पहाड़ी से नीचे की ओर नियत त्वरण से लुढ़कना शुरू करता है। यह 20s में 400m की दूरी तय करता है। इसका त्वरण ज्ञात करें। अगर इसका द्रव्यमान 7 टन है तो इस पर लगने वाले बल की गणना करें। (1 टन = 1000kg)।
उत्तर: प्रारभिक वेग (u) = 0 m/s
तय किए गए दूरी (s) = 400m
समय (t) = 20s
s = ut + 1/2at²
400 = ½ a (20²)
1 = ½ a
a = 2m/s²
इसका त्वरण है 2m/s²
F = m × a
7 मीटिक टन = 7 × 1000kg
F = 7000 × 2 = 14000kg. m/s²
= 14000N
इस पर लगने वाले बल होगा 14000N
6. 1kg द्रव्यमान के एक पत्थर को 20ms-1 के वेग से झील की जमी हुई सतह पर फेंका जाता है। पत्थर 50m की दूरी तय करने के बाद रुक जाता है। पत्थर और बर्फ़ के बीच लगने वाले घर्षण बल की गणना करें।
उत्तर: m = 1kg
u = 20m/s
s = 50m
v = 0
v² – u² = 2as
0 – (20)² = 2a(50)
– 400 = 100 × a
a = – 4 m/s² (ऋणात्मक मान अवमदन के लिए है)
F = 1kg × (4)m / s² = 4N
पत्थर और बर्फ के बीच लगने वाले घर्षण बल 4N
7. एक 8000kg द्रव्यमान का रेल इंजन प्रति 2000kg द्रव्यमान वाले पाँच डिब्बों को सीधी पटरी पर खींचता है। यदि इंजन 40000N का बल आरोपित करता है तथा यदि पटरी 5000N का घर्षण बल लगाती है, तो ज्ञात करें:
(a) नेट त्वरण बल तथा।
उत्तर: नेट त्वरण बल इंजन द्वारा आरोपित बल – पटरी द्वारा घर्षण बल
= 40000-5000N = 35000N
(b) रेल का त्वरण।
उत्तर: पाँच डिब्बों का कुल द्रव्यमान = 5 × 2000kg = 10000kg
F = ma
35000N = 10000kg × a
a = 35/10 = 3.5m/s²
रेल का त्वरण 3.5m/s²
8. एक गाड़ी का द्रव्यमान 1500kg है। यदि गाड़ी को 1.7ms⁻2 के ऋणात्मक त्वरण (अवमंदन) के साथ विरामावस्था में लाना है, तो गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल कितना होगा?
उत्तर: गाड़ी का द्रव्यमान, m = 1500kg
त्वरण, a = – 1.7m/s²
बल, F = ? (ज्ञात करना है।)
F = m × a (सूत्र द्वारा)
= 1500 × (- 1.7)
= – 2550N
अतः गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल – 2550N है।
9. किसी m द्रव्यमान की वस्तु जिसका वेग v है का संवेग क्या होगा?
(a) (mv)²
(b) mv²
(c) (½ ) mv²
(d) mv
(उपरोक्त में से सही विकल्प चुनें।)
उत्तर: (d) mv
10. हम एक लकड़ी के बक्से को 200N बल लगाकर उसे नियत वेग से फ़र्श पर धकेलते हैं। बक्से पर लगने वाला घर्षण बल क्या होगा?
उत्तर: चूँकि लकड़ी के बक्से को नियत वेग से फ़र्श पर धकेला जाता है। अतः 200N का बल, घर्षण बल को संतुलित करने में ही लग जाता है अर्थात् इस बल का कोई भी भाग लकड़ी के बक्से में त्वरण उत्पन्न करने में नहीं लगता है। अतः घर्षण बल = आरोपित बल = 200N.
11. गति के तृतीय नियम के अनुसार जब हम किसी वस्तु को धक्का देते हैं, तो वस्तु उतने ही बल के साथ हमें भी विपरीत दिशा में धक्का देती है। यदि वह वस्तु एक ट्रक है जो सड़क के किनारे खड़ा हैः संभवतः हमारे द्वारा बल आरोपित करने पर भी गतिशील नहीं हो पाएगा। एक विद्यार्थी इसे सही साबित करते हुए कहता है कि दोनों बल विपरीत एवं बराबर हैं जो एक – दूसरे को निरस्त कर देते हैं। इस तर्क पर अपने विचार दें और बताएँ कि ट्रक गतिशील क्यों नहीं हो पाता?
उत्तर: गति के तृतीय नियम के अनुसार, जब हम किसी वस्तु को धक्का देते हैं, तो वस्तु भी उतने ही बल के साथ हमें विपरीत दिशा में धक्का देती है। यह बल बराबर और विपरीत होते हैं। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि दोनों बल एक-दूसरे को पूरी तरह से निरस्त कर देते हैं। क्रिया और प्रतिक्रिया हमेशा भिन्न वस्तुओं पर कार्य करती हैं। इसलिए वे एक-दूसरे को नहीं काट सकतीं यदि हम एक भरे हुए ट्रक को धकेलते हैं, तो इसके टायरों के और सड़क के बीच घर्षण बल बहुत अधिक होता है, इसलिए ट्रक गति नहीं करता।
12. 200g द्रव्यमान की एक हॉकी की गेंद 10ms-1 से गति कर रही है। यह एक हॉकी स्टिक से इस प्रकार टकराती है कि यह 5ms-1 के वेग से अपने प्रारंभिक मार्ग पर वापस लौटती है। हॉकी स्टिक द्वारा आरोपित बल द्वारा हॉकी की गेंद में आये संवेग परिवर्तन के परिमाप का परिकलन कीजिए।
उत्तर: यहाँ,
m = 200g = 200/1000 kg = 0.2kg
u₁ = 10m/s
m₂ = -5 m/s
u₂ = 0
सूत्र:
संवेग में परिवर्तन = अंतिम संवेग – प्रारंभिक संवेग = m(v – u)
संवेग में परिवर्तन:
= 0.2 kg * (-5 m/s – 10 m/s)
= 0.2 kg * (-15 m/s)
= 3 kg m/s
13. 10g द्रव्यमान की एक गोली सीधी रेखा में 150ms⁻¹ के वेग से चलकर एक लकड़ी के गुटके से टकराती है और 0.03s के बाद रुक जाती है। गोली लकड़ी को कितनी दूरी तक भेदेगी? लकड़ी के गुटके द्वारा गोली पर लगाए गए बल के परिमाण की गणना करें।
उत्तर: गोली का द्रव्यमान, m = 10g = 0.01kg
u = 150m /s
v = 0
t = 0.03s
v = u + at समीकरण से पाया जाता है.
0 = 150 + a(0.03)
– 150 = 0.03a
a = – 5000m/s²
(-) चिह्न अवमदन के लिए है।
गोली का तय किए गए दूरी,
v² = u² + 2as
(v²- u²)/2a = s
H = 0 – 22500/2 × 5000
s = 2.25m
गोली लकड़ी को 2.25m दूरी तक भेदेगी।
लकड़ी के गुटके द्वारा गोली पर लगाए गए बल के परिमाण
F = ma
F = 0.01kg × 5000m/s²
F = 50N
14. एक वस्तु जिसका द्रव्यमान 1kg है, 10ms⁻¹ के वेग से एक सीधी रेखा में चलते हुए विरामावस्था में रखे 5kg द्रव्यमान के एक लकड़ी के गुटके से टकराती है। उसके बाद दोनों साथ-साथ उसी सीधी रेखा में गति करते हैं। संघट्ट के पहले तथा बाद के कुल संवेगों की गणना करें। आपस में जुड़े हुए संयोजन के वेग की भी गणना करें।
उत्तर: m₁ = 1kg
u₁ = 10m/s
m₂ = 5kg
u₂ = 0m/s
टकराने से पहले कुल संवेग = (m₁u₁ + m₂u₂)
= (1 × 10) + (5 × 0)
= 10 kg.m/s
टकराने के बाद का सवेग = (m₁ + m₂) × v
= (1 + 5) × v
6vkg.m/s
संवेग संरक्षण के नियमानुसारः
टकराने से पहले कुल संवेग = टकराने के बाद कुल सवेग
तो, 10kg.m/s = 6v
v = 1.67m/s
अतः बाद का सवेग,
6 × v = 6 × 1.67 = 10.02kg m/s
आपस में जुड़े हुए सयोजन के वेग 1.67m/s
15. 100kg द्रव्यमान की एक वस्तु का वेग समान त्वरण से चलते हुए 6s में 5ms-1 से 8ms⁻¹ हो जाता है। वस्तु के पहले और बाद के संवेगों की गणना करें। उस बल के परिमाण की गणना करें जो उस वस्तु पर आरोपित है।
उत्तर: m = 100 kg
u = 5m/s
v = 8 m/s
t = 6s
वस्तु के पहले का सवेग
P₁ = mu
P₁ = (100 × 5) = 500 kg m/s
बाद में वस्तु का सवेग
P₂ = (100 × 8) = 800kg m/s
उस बल के परिमाण
F = ma
F = 100 × [(v- u)/t]
F = 100 × [( 8-5 )/6]
F = 100 × 0.5
F = 50N
16. अख़्तर, किरण और राहुल किसी राजमार्ग पर बहुत तीव्र गति से चलती हुई कार में सवार हैं, अचानक उड़ता हुआ कोई कीड़ा, गाड़ी के सामने के शीशे से आ टकराया और वह शीशे से चिपक गया। अख़्तर और किरण इस स्थिति पर विवाद करते हैं। किरण का मानना है कि कीड़े के संवेग परिवर्तन का परिमाण कार के संवेग परिवर्तन के परिमाण की अपेक्षा बहुत अधिक है। (क्योंकि कीड़े के वेग में परिवर्तन का मान कार के वेग में परिवर्तन के मान से बहुत अधिक है।) अख़्तर ने कहा कि चूँकि कार का वेग बहुत अधिक था अतः कार ने कीड़े पर बहुत अधिक बल लगाया जिसके कारण कीड़े की मौत हो गई। राहुल ने एक नया तर्क देते हुए कहा कि कार तथा कीड़ा दोनों पर समान बल लगा और दोनों के संवेग में बराबर परिवर्तन हुआ। इन विचारों पर अपनी प्रतिक्रिया दें।
उत्तर: कीड़े के संवेग परिवर्तन का परिमाण कार के संवेग परिवर्तन के परिमाण की अपेक्षा बहुत अधिक है- किरण का यह मानना गलत है।
कार का वेग बहुत अधिक था अतः कार ने कीड़े पर अधिक बल लगाया जिसके कारण कीड़े की मौत हो गई- अख़्तर का यह विचार भी गलत है।
सही है राहुल का विचार।
संवेग संरक्षण के नियमानुसार,
कार और कीड़े दोनों पर समान बल आरोपित होगा तथा संवेग का परिवर्तन भी समान होगा। कीड़े का द्रव्यमान बहुत कम होने के कारण उसके वेग में ज्यादा परिवर्तन होता है, जिससे वह शीशे से चिपक जाता है।
17. एक 10kg द्रव्यमान की घंटी 80cm की ऊँचाई से फ़र्श पर गिरी। इस अवस्था में घंटी द्वारा फ़र्श पर स्थानांतरित संवेग के मान की गणना करें। परिकलन में सरलता हेतु नीचे की ओर दिष्ट त्वरण का मान 10ms⁻² लें।
उत्तर: प्रारंभिक वेग, u = 0
अंतिम वेग, v = ?
घंटी का द्रव्यमान, m = 10kg
दूरी (या ऊँचाई)
S = 80cm = 80/100 m = 0.8m
त्वरण, a = 10m/s²
इसलिए, गति के तीसरे समीकरण
v² – u² = 2as द्वारा
v² – 0²̇ = 2 × 10 × 0.8
v² = 16
v = √16 = 4m/s
अतः संवेग, P = mv = 10kg × 4m/s = 40kgm/s चूँकि फ़र्श को स्पर्श करने के ठीक पूर्व घंटी का संवेग 40 kg m/s है, अतः इतना ही संवेग घंटी द्वारा फ़र्श पर स्थानांतरित होगा। अर्थात् घंटी द्वारा फ़र्श पर स्थानांतरित संवेग
= 40kg ms⁻¹