NCERT Class 9 Science Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

NCERT Class 9 Science Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई Solutions, in Hindi Medium to each chapter is provided in the list so that you can easily browse through different chapters NCERT Class 9 Science Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई Notes and select need one. NCERT Class 9 Science Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई Question Answers Download PDF. NCERT Class 9 Solutions for Science in Hindi.

NCERT Class 9 Science Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

Join Telegram channel

Also, you can read the NCERT book online in these sections Solutions by Expert Teachers as per Central Board of Secondary Education (CBSE) Book guidelines. NCERT Class 9 Science Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई Textual Solutions are part of All Subject Solutions. Here we have given NCERT Class 9 Science Notes Hindi Medium. CBSE Class 9 Science Textbook Solutions for All Chapters, You can practice these here.

Chapter: 5

Page no – 56 Question 

1. कोशिका की खोज किसने और कैसे की?

उत्तर: कोशिका की खोज राॅबर्ट हुक ने की है। 

2. कोशिका को जीवन की संरचनात्मक व क्रियात्मक इकाई क्यों कहते हैं?

उत्तर: कोशिका को जीवन की संरचनात्मक व क्रियात्मक इकाई कहते हैं क्योंकि सभी सजीव कोशिका से बने होते हैं तथा उनके शरीर में होने वाली क्रियाओं का संचालन कोशिकाओं द्वारा होता है।

Page no – 58 Question

1. CO₂ तथा पानी जैसे पदार्थ कोशिका से कैसे अंदर तथा बाहर जाते हैं? इस पर चर्चा करें।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Join Now

उत्तर: कोशिका से CO2 अंदर तथा बाहर विसरण प्रक्रिया द्वारा जाते हैं। जब कोशिका के बाहरी पर्यावरण में CO2 की सांद्रता कोशिका में स्थित CO2 की सांद्रता की अपेक्षा कम होती है तो उच्च सांद्रता से निम्न सांद्रता की ओर विसरण द्वारा कोशिका से CO2 बाहर निकल जाती है। CO2 एक कोशिकीय अपशिष्ट होता है जो कोशिका में एकत्र होकर उसकी सांद्रता बढ़ाता है। पानी का भीतर तथा बाहर जाना परासरण प्रक्रिया द्वारा होता है।

जल के अणुओं की गति जब वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा हो तो उसे परासरण कहते हैं। प्लाज़्मा झिल्ली से जल कौगति जल में घुले पदार्थों की मात्रा के कारण भी प्रभावित होती है। इस प्रकार परासरण में जल के अणु वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा उच्च जुल की सांद्रता से निम्न जल की सांद्रता की ओर जाते हैं।

2. प्लैज़्मा झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली क्यों कहते हैं?

उत्तर: वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली कुछ निर्दिष्ट अनुए तथा आयनों को कोशिका के अंदर आने या बाहर जाने देती है। अवांछित पदार्थों का कोशिकाओ के अंदर आना या फिर जरूरी कणो का बाहर जाना भी रोकती है। जैविक तंत्र में प्लास्मा झिल्ली वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली जैसे कार्य करता है इसलिए प्लास्मा झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली भी कहा जाता है।

Page no – 60 Question

1. क्या अब आप निम्नलिखित तालिका में दिए गए रिक्त स्थानों को भर सकते हैं, जिससे कि प्रोकैरियोटी तथा यूकैरियोटी कोशिकाओं में अंतर स्पष्ट हो सके: 

प्रोकैरियोटी कोशिकायूकैरियोटी कोशिका
1. आकार प्रायः छोटा
(1-10 µm)
1 µm = 10-6 m
1. आकार प्रायः बड़ा (5-100 µm)
2.केंद्रकीय क्षेत्र: ____________ और उसे __________कहते हैं।2. केंद्रकीय क्षेत्र: सुस्पष्ट जो चारों ओर से केंद्रकीय झिल्ली से घिरा रहता है।
3. क्रोमोसोम: एक3. क्रोमोसोमः एक से अधिक
4. झिल्ली युक्त कोशिका अंगक अनुपस्थित4. _________________

उत्तर: 

प्रोकैरियोटी कोशिकायूकैरियोटी कोशिका
1. आकार प्रायः छोटा (1-10 µm) 1µm = 106 m1. आकार प्रायः बड़ा (5-100 µm)
2. केंद्रकीय क्षेत्र: केंद्रकीय झिल्ली की अनुपस्थिति में अस्पष्ट होते हैं।2. केंद्रकीय क्षेत्र: सुस्पष्ट जो चारों ओर से केंद्रकीय झिल्ली से घिरा होता है।
3. क्रोमोसोम: एक3. क्रोमोसोम: एक से अधिक
4. झिल्ली युक्त कोशिका अंगक अनुपस्थित4. झिल्ली युक्त कोशिका अंगक जैसे- प्लैस्टिड, माइटोकॉन्ड्रिया आदि उपस्थित होते हैं।

Page no – 63 Question

1. क्या आप दो ऐसे अंगकों का नाम बता सकते हैं जिनमें अपना आनुवंशिक पदार्थ होता है?

उत्तर: उत्तर-ऐसे दी अंगकों के नाम हैं-

(a) माइटोकॉन्ड्रिया।

(b) प्लैस्टिड। 

2. यदि किसी कोशिका का संगठन किसी भौतिक अथवा रासायनिक प्रभाव के कारण नष्ट हो जाता है, तो क्या होगा?

उत्तर: यदि किसी कोशिका का संगठन किसी भौतिक अथवा रासायनिक प्रभाव के कारण नष्ट हो जाता है तो कोशिका श्वसन, व्यर्थ पदार्थों को साफ़ करना, नए प्रोटीन बनाना, पोषण प्राप्त करना आदि कार्य करने में असमर्थ हो जाते हैं तथा अंततः कोशिका मृत हो जाती है और इसे लाइसोसोम पाचित कर देता है।

3. लाइसोसोम को आत्मघाती थैली क्यों कहते हैं?

उत्तर: लाइसोसोम एक विशेष अंगक है जो मृत तथा कार्य क्षमताहीन कोशिकायो को पचित कर देता है। लाइसोसोमे के अंदर शक्तिशाली पाचक रस मौजूद है। मृत या क्षतिग्रस्त कोशिका के उपस्थिती में लाइसोसोम फट जाते हैं और पाचक रस बाहर उन कोशिकाओं को पाचित कर देते हैं। इसलिए लाइसोसोम को कोशिका की ‘आत्मघाती थैली’ कहा जाता है।

4. कोशिका के अंदर प्रोटीन का संश्लेषण कहाँ होता है?

उत्तर: कोशिका के अंदर प्रोटीन का संश्लेषण राइबोसोम होता है।

अभ्यास

1. पादप कोशिकाओं तथा जंतु कोशिकाओं में तुलना करो।

उत्तर: 

पादप कोशिका‌जंतु कोशिका‌
1.आकार में बड़ी होते है।1. आकार में पादप कोशिका से छोटे होते हैं।
2. कोशिका के आकृति आयताकार है।2. कोशिका के आकृति गोलाकार है।
3. कोशिका भित्ति उपस्थित हैं।3. कोशिका भित्ति अनुपस्थित है।
4. रसधानियाँ आकार में बड़े होते हैं।4. रसधानियाँ आकार में छोटे होते हैं।
5. संचित खा‌द्यवस्त् है स्टार्च।5. संचित  खाद्यवस्त् है ग्लाइकोजन।

2. प्रोकैरियोटी कोशिकाएँ यूकैरियोटी कोशिकाओं से किस प्रकार भिन्न होती हैं?

उत्तर: 

प्रोकैरियोटी कोशिकायूकैरियोटी कोशिका
1. अधिकांश प्रोकैरियोट एककोशिक होते हैं।1. अधिकांश यूकैरियोट बहुकोशिक होते हैं।
2. इसका आकार प्रायः छोटा (1-10 µm) 1µm = 10-6 m होता है।2. इसका आकार प्रायः बड़ा (5-100 µm) होता है।
3. केंद्रकीय क्षेत्र: केंद्रकीय झिल्ली की अनुपस्थिति में अस्पष्ट होते है।3. केंद्रकीय क्षेत्र: सुस्पष्ट जो चारों ओर से केंद्रकीय झिल्ली से घिरा होता है।
4. प्रोकैरियोटी कोशिकाएँ जीवाणुओं तथा नीले-हरे शैवाल में पाई जाती हैं4. यूकैरियोटी कोशिकाएँ फंजाई (कवक), पादप तथा जंतु कोशिका में पाई जाती है

3. यदि प्लैज़्मा झिल्ली फट जाए अथवा टूट जाए तो क्या होगा?

उत्तर: यदि प्लैज़्मा झिल्ली फट जाए अथवा टूट जाए तो कोई भी पदार्थ अंदर और बाहर जा सकता है, कोशिका के अंदर का रासायनिक संगठन नष्ट हो जाएगा। अतः कोशिका का मृत्यु होगा।

4. यदि गॉल्जी उपकरण न हो तो कोशिका के जीवन में क्या होगा?

उत्तर: (i) यदि कोशिका में गॉल्जी उपकरण नहीं होंगे तो लाइसोसोम का बनना बंद हो जाएगा तथा कोशिका का अपशिष्ट निपटान नहीं हो पाएगा।

(ii) गॉल्जी उपकरण के बिना ER में संश्लेषित पदार्थ कोशिका के अंदर तथा बाहर विभिन्न क्षेत्रों में नहीं आ पाएँगे क्योंकि गॉल्जी उपकरण में ये पदार्थ पैक किए जाते हैं और भेजे जाते हैं।

(iii) गॉल्जी उपकरण के बिना पदार्थों का संचयन, रूपांतरण  तथा बंद करना  नहीं हो पाएगा।

5. कोशिका का कौन-सा अंगक बिजलीघर है? और क्यों?

उत्तर: कोशिका का माइटोकॉन्ड्रिया नामक अंगक बिजली घर है।

माइटोकॉन्ड्रिया में कोशिका के ऊर्जा ATP सचित रहता है, इसलिए माइटोकॉन्ड्रिया को बिजली घर कहते हैं।

6. कोशिका झिल्ली को बनाने वाले लिपिड तथा प्रोटीन का संश्लेषण कहाँ होता है?

उत्तर: (i) कोशिका झिल्ली को बनाने वाले लिपिड का संश्लेषण होता है चिकनी अतर्द्रव्यो जालिका (SER) मे। 

 (ii) कोशिका झिल्ली को बनाने वाले प्रोटीन का संश्लेषण होता हैं खुरदरी अतर्द्रव्यो जालिका (RER) मे।

7. अमीबा अपना भोजन कैसे प्राप्त करता है?

उत्तर: अमीबा भोजन कणों को कोशिका सतह पर बने अस्थायी प्रवर्ध (कूटपादों) से घेर लेता है, फिर कूटपादों के एक दुसरे से मिल जाने से भोजन का कुछ कण कुछ तरल के साथ खाद्य रसधानी के रूप में कोशारस में पहुँच जाता है। अपाच्य भाग चलनक्रिया के बीच क्रमशः शरीर के पिछले भाग में पहुँचता है और फिर उसका परित्याग हो जाता है।

8. परासरण क्या है?

उत्तर: जल के अणुओं की गति जब वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा उच्च जल की सांद्रता से निम्न जल की सांद्रता की ओर जाते हैं तो उसे परासरण कहते हैं।

9. निम्नलिखित परासरण प्रयोग करें:

छिले हुए आधे-आधे आलू के चार टुकड़े लो, इन चारों को खोखला करो जिससे कि आलू के कप बन जाएँ। इनमें से एक कप को उबले आलू में बनाना है। आलू के प्रत्येक कप को जल वाले बर्तन में रखो। अब

(a) कप ‘A’ को खाली रखो।

(b) कप ‘B’ में एक चम्मच चीनी डालो।

(c) कप ‘C’ में एक चम्मच नमक डालो तथा।

(d) उबले आलू से बनाए गए कप ‘D’ में एक चम्मच चीनी डालो।

आलू के इन चारों कपों को दो घंटे तक रखने के पश्चात् उनका अवलोकन करो तथा निम्न प्रश्नों का उत्तर दो:

(i) ‘B’ तथा ‘C’ के खाली भाग में जल क्यों एकत्र हो गया? इसका वर्णन करो।

उत्तर: ‘B’ तथा ‘C’ के खाली भाग में जल एकत्र हो गया क्योंकि परासरण के कारण जल आलू में जमा हो जाता है। चूँकि कोशिका के आस-पास के माध्यम में कोशिका की तुलना में उच्च जल की सांद्रता मौजूद है, इसलिए जल परासरण विधि द्वारा कोशिका के अंदर चला जाएगा। इस प्रकार आलू कप के खाली भाग में जल एकत्र हो जाता है।

(ii) ‘A’ आलू इस प्रयोग के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर: ‘A’ आलू इस प्रयोग में नियंत्रण व्यवस्था के रूप में कार्य करता है। ‘A’ आलू के खाली भाग में जल एकत्र नहीं होता है।

(iii) ‘A’ तथा ‘D’ आलू के खाली भाग में जल एकत्र क्यों नहीं हुआ? इसका वर्णन करो।

उत्तर: ‘A’ आलू के खाली भाग में जल एकत्र नहीं हुआ क्योंकि आलू का कप ‘A’ खाली है। ‘D’ आलू के खाली भाग में भी जल एकत्र नहीं हुआ क्योंकि इसमें उबला आलू प्रयोग किया गया है। उबालने से कोशिका झिल्ली में उपस्थित प्रोटीन विकृत हो जाता है और कोशिका झिल्ली नष्ट हो जाती है। परासरण के लिए वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली की आवश्यकता होती है, जो कि इस स्थिति में नष्ट हो चुका है। इसलिए परासरण की क्रिया नहीं होती। इस प्रकार उबले आलू के खाली भाग में जल एकत्र नहीं होता है।

10. कायिक वृद्धि एवं मरम्मत हेतु किस प्रकार के कोशिका विभाजन की आवश्यकता होती है तथा इसका औचित्य बताएं?

उत्तर: शरीर के हर एक अंग अति सुक्ष्म कोशिकाओ से बना होता है अर्थात शरीर के प्रत्येक अगों का संरचना करता है। एक अग एक विशेष कार्य करता है जैसे की श्वसन पाचन आदि। अंगो के बिना शरीर का कोई भी क्रिया सम्पन्न नहीं होगा और कोशिकाओ के बिना अंग संरचना नहीं हो सकता है। इसलिए कोशिका को जीवन की संरचनात्मक व क्रियात्मक इकाई कहा जाता है।

11. युग्मकों के बनने के लिए किस प्रकार का कोशिका विभाजन होता है? इस विभाजन का महत्व बताएं।

उत्तर: युग्मकों के बनने के लिए अर्धसूत्री विभाजन (मीओसिस) होता है, जो एक महत्वपूर्ण कोशिका विभाजन प्रक्रिया है। रॉबर्ट हुक ने 1665 में कोशिका की खोज की थी, जब उन्होंने सूक्ष्मदर्शी यंत्र की मदद से कॉर्क की पतली परत को देखा और उसमें छोटी-छोटी कोठरियाँ देखीं, जिन्हें उन्होंने “कोशिका” नाम दिया। कोशिका जैविक तंत्र की वह मूलभूत इकाई है जिसमें पाचन, श्वसन, पोषण और अन्य जैविक क्रियाएँ होती हैं। अगर कोशिका का संगठन भौतिक या रासायनिक प्रभाव से नष्ट हो जाता है, तो वह कोशिका मृत हो जाती है, और उसका कार्य रुक जाता है। मृत कोशिकाओं को नष्ट करने का कार्य लाइसोसोम नामक अंगक द्वारा किया जाता है। अर्धसूत्री विभाजन युग्मकों में गुणसूत्रों की संख्या को आधा कर देता है, जिससे अगली पीढ़ी में गुणसूत्रों की संख्या संतुलित रहती है। इसके अलावा, यह विभाजन आनुवंशिक विविधता को बढ़ावा देता है, जो प्राकृतिक चयन और विकास के लिए आवश्यक है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This will close in 0 seconds

Scroll to Top