NCERT Class 9 Science Chapter 6 ऊतक

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NCERT Class 9 Science Chapter 6 ऊतक

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Chapter: 6

Page no – 67 Question

1. ऊतक क्या है। 

उत्तर: किसी जीव के शरीर में कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहते हैं। 

2. बहुकोशिक जीवों में ऊतकों का क्या उपयोग है?

उत्तर: बहुकोशिक जीवों में प्रत्येक ऊतक एक विशेष कार्य करता है, जो जीव के जीवन प्रक्रियाओं के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। तंत्रिका कोशिकाएँ संदेशों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने का कार्य करती हैं। इसके अलावा, भोजन का पाचन, जनन और अन्य कार्य विशेष ऊतकों द्वारा सम्पन्न होते हैं, जैसे कि पाचन ऊतक पाचन क्रिया को नियंत्रित करते हैं। हर ऊतक की अपनी विशिष्ट भूमिका होती है, जो जीव की सामान्य क्रियाओं को बनाए रखने में सहायक होती है।

Page no – 73 Question 

1. सरल ऊतकों के कितने प्रकार हैं?

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उत्तर: सरल स्थायी ऊतको तीन प्रकार के होते हैं-

(a) पैरेन्काईमा ऊतक।

(b) कॉलेन्काईमा ऊतक।

(c) स्क्लेरेनकाइमा ऊतक।

2. प्ररोह का शीर्षस्थ विभज्योतक कहाँ पाया जाता है?

उत्तर: सरल ऊतक एक ही प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बना होता है। इसमें जीवित कोशिकाएँ पाई जाती है। जबकि जटिल ऊतक एक से अधिक प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बना होता है। जिसमे अधिकतर कोशिकाएँ मृत होती है।

3. नारियल का रेशा किस ऊतक का बना होता है?

उत्तर: नारियल का रेशा स्क्लेरेन्काइमा ऊतक का बना होता है।

4. फ़्लोएम के संघटक कौन-कौन से हैं?

उत्तर: फ़्लोएम के चार अवयव होते है-

(a) चालनी नलिकाए।

(b) साथी कोशिकाए।

(c) फ्लोएम पैरेन्काईमा।

(d) फ्लोएम रेशो (फ्लोएम ततु)।

Page no – 77 Question 

1. उस ऊतक का नाम बताएँ जो हमारे शरीर में गति के लिए उत्तरदायी है।

उत्तर: पेशीय ऊतक किसी भी जन्तु के शरीर में गति के लिए प्रमुख रूप से उत्तरदायी होता है।

2. न्यूरॉन देखने में कैसा लगता है?

उत्तर: तंत्रिका ऊतक के कोशिकाओ को न्यूरॉन कहा जाता है, जिसे दिखने में लंबे तंतू जैसा है। न्यूरॉन में एक कोशिकाए केंद्रक होते है और कोशिकाद्रव्य (साइटोपलास्म) देखा जाता है। इससे लंबे पतले शाखाए निकलते हुए देखा जाता है। प्रत्येक न्यूरॉन में एक एक्सोन होता है। बहुत सारे छोटी प्रवर्ध उपस्थित है, जिसे डेडराईट्स कहा जाता है। एक तंत्रिका कोशिका 1 मीटर की होती है। सारे तंत्रिका रेशे संयोजी ऊतक के द्वारा एक साथ मिलकर एक तंत्रिका का निर्माण करते हैं।

3. हृदय पेशी के तीन लक्षणों को बताएँ।

उत्तर: हृदय पेशी के तीन लक्षण है –

(i) हृदय की पेशी अनैच्छिक पेशियो से बना होता है।

(ii) पूरे जीवन लयब‌द्ध हो के सकुचन एवं प्रसारन करती है।

(iii) कोशिकाएँ बेलनाकार, एक केंद्रक और शाखा-युक्त है।

4. एरिओलर ऊतक के क्या कार्य हैं?

उत्तर: एरिओलर ऊतक के कार्य-

(i) यह अंगों के भीतर की खाली जगह को भरता है।

(ii) आंतरिक अंगों को सहारा प्रदान करता है।

(iii) ऊतकों की मरम्मत में सहायता करता है।

अभ्यास

1. ऊतक को परिभाषित करें।

उत्तर: कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहा जाता है। कोशिकाओं के इस समूह में उपस्थित सभी कोशिकाएँ संरचना तथा कार्य में एक समान होती हैं।

2. कितने प्रकार के तत्व मिलकर ज़ाइलम ऊतक का निर्माण करते हैं? उनके नाम बताएँ।

उत्तर: चार प्रकार के तत्व मिलकर ज़ाइलम ऊतक का निर्माण करते हैं।

ये चार प्रकार के तत्व निम्नलिखित है-

(i) ट्रेकीड (वाहिनिका)।

(ii) वाहिका।

(iii) ज़ाइलम पैरेन्काइमा।

(iv) ज़ाइलम फाइबर (रेशे)।

3. पौधों में सरल ऊतक जटिल ऊतक से किस प्रकार भिन्न होते हैं?

उत्तर: 

सरल ऊतकजटिल ऊतक
(i) ये एक ही कोशिकाओं से बने होता हैं।(ii) ये  एक से अधिक प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बने होता हैं। 
(ii) ये तीन प्रकार के होते हैं- पैरेन्काइमा, कॉलेन्काइमा तथा स्क्लेरेन्काइमा।(ii) ये दो प्रकार के होते हैं: फ़्लोएम तथा ज़ाइलम।
(iii) सरल ऊतक जीवित कोशिकाएँ में पाई जाती है। (iii) जटिल ऊतक में अधिकतर कोशिकाओं मृत होती हैं। 

4. कोशिका भित्ति के आधार पर पैरेन्काइमा, कॉलेन्काइमा और स्क्लेरेन्काइमा के बीच भेद स्पष्ट करें।

उत्तर: 

पैरेन्काइमाकॉलेन्काइमास्क्लेरेन्काइमा
(i) कोशिका भित्ति पतली होती है। (i) कोशिका भित्ति के बीच कि स्थान पतली होती है और कोनो पर मोटी होती है।(i) भित्ति मोटी होती है।
(ii) सेल्युलोज की बनी हई है।(ii) सेल्यूलोज तथा पेक्टिन रहता है।(ii) लिग्निन उपस्थित है।

5. रंध्र के क्या कार्य हैं?

उत्तर: रंध्र के मुख्य कार्य हैं-

(i) वायुमंडल से गैसों का आदान-प्रदान रंध्रों द्वारा होता है, जैसे-प्रकाश संश्लेषण में CO₂ तथा श्वसन क्रिया में O₂ लेना।

(ii) वाष्पोत्सर्जन क्रिया (वाष्प के रूप में पानी का निकलना) में सहायता करना।

6. तीनों प्रकार के पेशीय रेशों में चित्र बनाकर अंतर स्पष्ट करें।

उत्तर: (i) रेखित पेशी – ये पेशियाँ लम्बी एवं शाखाओ से रहित होती है। इन पेशियों को हम अपनी इच्छा के अनुसार गति करा सकते हैं या उनकी गति को रोक सकते हैं। ये पेशियाँ सामान्यतः हमारे हाथ और पैर में मौजूद होती हैं। ये सीधे कंकाल से जुड़ी होती है।

(ii) अरेखित पेशी – ये पेशियाँ लम्बी परन्तु इसके सिरे नुकीले होते है। अरेखित पेशियाँ हमारी उन गतिविधियों को नियंत्रित करती हैं जिन्हें हम स्वयं संचालित नहीं कर सकते है। ये पेशियाँ हमारी आँख की पलक, मूत्रवाहिनी आदि में पायी जाती हैं। ये हमारी आंतरिक अंगों की दीवारों में होती है।

(iii) कार्डिक (हृदयक) पेशी – कार्डिक पेशियाँ छोटी और चपटे सिरे वाली होती है। ये जीवन भर प्रसार तथा संकुचन करती रहती है। इन्हें अनैच्छिक पेशियाँ भी कहते है। ये हमारे हृदय में पायी जाती हैं और हृदय की दीवारों में पाई जाती है।

7. कार्डिक (हृदयक) पेशी का विशेष कार्य क्या है?

उत्तर: कार्डिक पेशियाँ जीवन भर लयबद्ध होकर प्रसार तथा संकुचन करती रहती हैं। इनके माध्यम से ही रक्त पूरे शरीर तक पहुंच पाता है।

8. रेखित, अरेखित तथा कार्डिक (हृदयक) पेशियों में शरीर में स्थित कार्य और स्थान के आधार पर अंतर स्पष्ट करें।

उत्तर: 

रेखित पेशियाँअरेखित पेशियाँकार्डियक (हृदयक) पेशियाँ
(i) ये ऐच्छिक पेशियाँ हैं जो शरीर को इच्छानुसार गति प्रदान करने में सहायता करती हैं।(i) ये अनैच्छिक पेशियाँ हैं अर्थात् ये जंतु की इच्छा पर संचालित नहीं होती। ये स्वतः ही पेशियों की गति को नियंत्रित करती हैं।(i) ये भी अनैच्छिक पेशियाँ हैं जो हृदय की पेशियों को बिना थके प्रसार एवं संकुचन में सहायता करती हैं।
(ii) हाथ, पैर, कंकाल पेशियों में।(ii)आहारनली रक्त नलिका का प्रसार एवं संकुचन, आँख की पलक, मूत्रवाहिनी और फेफड़ों की श्वसनी में।(ii) हृदय में अर्थात् हृदय की दीवारों में।

9. न्यूरॉन का एक चिह्नित चित्र बनाएँ।

उत्तर: 

10. निम्नलिखित के नाम लिखेंः

(a) ऊतक जो मुँह के भीतरी अस्तर का निर्माण करता है।

उत्तर: शल्की एपिथीलियम।

(b) ऊतक जो मनुष्य में पेशियों को अस्थि से जोड़ता है।

उत्तर: कंडरा।

(c) ऊतक जो पौधों में भोजन का संवहन करता है।

उत्तर: फ्लोएम।

(d) ऊतक जो हमारे शरीर में वसा का संचय करता है।

उत्तर: वसामय ऊतक।

(e) तरल आधात्री सहित संयोजी ऊतक।

उत्तर: रक्त।

(f) मस्तिष्क में स्थित ऊतक।

उत्तर: न्यूरॉन।

11. निम्नलिखित में ऊतक के प्रकार की पहचान करें:

त्वचा, पौधे का वल्क, अस्थि, वृक्कीय नलिका अस्तर, संवहन बंडल। 

उत्तर: त्वचा – चपटी एपिथीलियम ऊतक।

पौधे का वल्क – सुरक्षा ऊतक (कॉर्क)।

अस्थि – संयोजी ऊतक।

वृक्कीय नलिका अस्तर – घनाकार एपिथीलियम। 

संवहन बंडल – फ्लोएम और ज़ाइलम ऊतक।

12. पैरेन्काइमा ऊतक किस क्षेत्र में स्थित होते हैं?

उत्तर: पैरेन्काइमा ऊतक पत्तियों में पाए जाते हैं। इस स्थिति में इसे क्लोरेन्काइमा (हरित ऊतक) कहा जाता है। जलीय पौधों में बड़ी गुहिकाएँ  होती हैं। जो पौधों को तैरने के लिए उत्प्लावन बल प्रदान करती हैं। इस पैरेन्काइमा को ऐरेन्काइमा भी कहते हैं। अतः ये पत्तियों, तने तथा जड़ों में पाए जाते हैं।

13. पौधों में एपिडर्मिस की क्या भूमिका है?

उत्तर: एपिडर्मिस की निम्नलिखित मुख्य भूमिकाएँ हैं-

(i) पौधों की पूरी सतह एपिडर्मिस से ढकी रहती हैं। यह पौधों के सभी भागों की रक्षा करती है।

(ii) एपिडर्मल कोशिका पौधों की बाह्य सतह पर प्रायः एक मोम जैसी जल प्रतिरोधी परत बनाती है। यह जल हानि के विरुद्ध यांत्रिक आघात तथा परजीवी कवक के प्रवेश से पौधों की रक्षा करती है।

(iii) पत्ती के एपिडर्मिस में छोटे-छोटे छिद्र होते हैं, जिन्हें स्टोमेटा कहते हैं। गैसों का आदान-प्रदान तथा वाष्पोत्सर्जन क्रिया इसके द्वारा होती है।

(iv) मरुस्थलीय पौधों की बाहरी सतह वाले एपिडर्मिस में क्यूटिन (एक जल अवरोधक रासायनिक पदार्थ) होता है जो जल के अत्यधिक वाष्पीकरण (वाष्पण) को रोकता है।

(v) जड़ों की एपीडर्मल कोशिकाएँ पानी को सोखने का कार्य करती हैं।

14. छाल (कॉर्क) किस प्रकार सुरक्षा ऊतक के रूप में कार्य करता है?

उत्तर: जैसे-जैसे वृक्ष की आयु बढ़ती है, उसके बाह्य सुरक्षात्मक ऊतको में कुछ परिवर्तन होता है। एक दूसरे विभज्योतक की पट्टी तने के एपीडर्मिस का स्थान ले लेती है। बाहरी सतह की कोशिकाएँ अलग होके पौधों पर मोटी छाल का रूप लेता है। छालो की भित्ति पर सुबरिन रहने के कारण हवा तथा पानी के लिए अभेद्य होता हैं।

15. निम्न दी गई तालिका को पूर्ण करें:

उत्तर: 

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