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NCERT Class 9 Science Chapter 4 परमाणु की संरचना
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परमाणु की संरचना
Chapter: 4
Page no – 43 Question
1. केनाल किरणें क्या हैं?
उत्तर: केनाल किरणें धनावेशित विकिरण हैं, जो एनोड से कैथोड की ओर प्रवाहित होती हैं। इन्हें एनोड किरणें भी कहा जाता है। इन्हीं किरणों की मदद से धनावेशित अवपरमाणुक कण, प्रोटॉन, की खोज की गई।
2. यदि किसी परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटॉन है, तो इसमें कोई आवेश होगा या नहीं?
उत्तर: प्रोटॉन कणों का आवेश इलेक्ट्रॉन के आवेश के बराबर होता है, लेकिन इसका दिशा (ध्रुव) विपरीत होता है। अर्थात इलेक्ट्रॉन का आवेश ऋणात्मक होते है और प्रोटॉन का आवेश धनात्मक है। अतः यदि किसी परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटॉन है, तो इसमे कोई आवेश नही होगा।
Page no – 46 Question
1. परमाणु उदासीन है, इस तथ्य को टॉमसन के मॉडल के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: टॉमसन मॉडल के अनुसारः
(i) परमाणु धन आवेशित गोले का बना होता है। और इलेक्ट्रॉन उसमें फँसे होते हैं।
(ii) ऋणात्मक और धनात्मक आवेश परिमाण में समान होते हैं। इसलिए परमाणु वैद्युतीय रूप से उदासीन होते हैं।
2. रदरफ़ोर्ड के परमाणु मॉडल के अनुसार, परमाणु के नाभिक में कौन सा अवपरमाणुक कण विद्यमान है?
उत्तर: रदरफ़ोर्ड के परमाणु मॉडल के अनुसार परमाणु का केंद्र धनावेशित होता है, जिसे नाभिक कहा जाता है। इसलिए नाभिक में अवपरमाणुक कण प्रोटॉन विद्यमान होते हैं क्योंकि प्रोटॉन धनावेशित होता है।
3. तीन कक्षाओं वाले बोर के परमाणु मॉडल का चित्र बनाइए।
उत्तर:
4. क्या अल्फ़ा कणों का प्रकीर्णन प्रयोग सोने के अतिरिक्त दूसरी धातु की पन्नी से संभव होगा?
उत्तर: सोने की पन्नी बहुत पतली होती है, और यह केवल 1000 परमाणुओं की मोटाई के बराबर होती है। कोई अन्य धातु इतनी पतली पन्नी नहीं बना सकती। इसलिए, अल्फ़ा कणों का प्रकीर्णन प्रयोग केवल सोने की पन्नी से ही संभव है, किसी अन्य धातु की पन्नी से नहीं।
Page no – 46 Question
1. परमाणु के तीन अवपरमाणुक कणों के नाम लिखें।
उत्तर: परमाणु के तीन अवपरमाणुक कणों के नाम हैं-
(i) इलेक्ट्रॉन।
(ii) प्रोटॉन।
(iii) न्यूट्रॉन।
2. हीलियम परमाणु का परमाणु द्रव्यमान 4u है और उसके नाभिक में दो प्रोटॉन होते हैं। इसमें कितने न्यूट्रॉन होंगे?
उत्तर: हीलियम (He) Ka परमाणु द्रव्यमान = 4u
परमाणु द्रव्यमान = न्यूट्रॉन की संख्या + प्रोटॉन की सख्या
4 = न्यूट्रॉन की संख्या + 2
न्यूट्रॉन की सख्या = 4 – 2 = 2
हीलियम परमाणु मे न्यूट्रॉन की संख्या = 2 है।
Page no – 47 Question
1. कार्बन और सोडियम के परमाणुओं के लिए इलेक्ट्रान-वितरण लिखिए।
उत्तर: कार्बन परमाणु संख्या = 6
प्रोटॉनों की संख्या = 6
प्रोटॉनों की संख्या = इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 6
इलेक्ट्रॉन – वितरणः
K = 2
L = 4
सोडियम परमाणु संख्या = 11
प्रोटॉनों की संख्या = इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 11
इलेक्ट्रॉन – वितरणः
K L M
2 8 1
2. अगर किसी परमाणु का K और L कोश भरा है, तो उस परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या क्या होगी?
उत्तर: K कोश में अधिकतम 2 तथा L कोश में अधिकतम 8 इलेक्ट्रॉन रह सकते हैं। चूंकि ये दोनों कोश भरे हैं। इसलिए इस परमाणु में इलेक्ट्रानों की कुल संख्या = 2 + 8 = 10 होगी।
Page no – 48 Question
1. क्लोरीन, सल्फ़र और मैग्नीशियम की परमाणु संख्या से आप इनकी संयोजकता कैसे प्राप्त करेंगे?
उत्तर: हम जानते हैं कि परमाणु के बाह्यतम कक्ष में अष्टक बनाने के लिए जितनी संख्या में इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी या स्थानांतरण होता है, वही उस तत्त्व की संयोजकता-शक्ति अर्थात् संयोजकता होती है।
(i) क्लोरीन, परमाणु संख्या = 17
प्रोटॉन = 17, इलेक्ट्रॉन = 17
इलेक्ट्रॉनों का वितरणः
K | L | M |
2 | 8 | 7 |
चूँकि CI के बाह्यतम कोश में 7 इलेक्ट्रॉन हैं। इसलिए अष्टक पूर्ण करने के लिए 1 इलेक्ट्रॉन ग्रहण करेगा ताकि निकटतम अक्रिय गैस इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त कर सके।
CI की संयोजकता = 8 – 7 = 1 है।
(ii) सल्फ़र परमाणु संख्या = 16
इलेक्ट्रॉन 16, प्रोटॉन = 16
इलेक्ट्रॉनों का वितरणः
K | L | M |
2 | 8 | 2 |
सल्फ़र को अष्टक पूर्ण करने के लिए 2 इलेक्ट्रॉनों की आवश्यकता है। सल्फ़र 2 इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर अष्टक पूर्ण करेगा। इसलिए सल्फ़र की संयोजकता = 8 – 6 = 2
(iii) मैग्नीशियम, परमाणु संख्या = 12
इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 12 प्रोटॉनों की संख्या = 12
इलेक्ट्रॉनों का वितरणः
K | L | M |
2 | 8 | 2 |
चूँकि बाह्यतम कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 2 है, इसलिए मैग्नीशियम 2 इलेक्ट्रॉनों का परित्याग कर अष्टक पूर्ण करेंगे। मैग्नीशियम की संयोजकता = 2 है।
Page no – 49 Question
1. यदि किसी परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 8 है और प्रोटॉनों की संख्या भी 8 है तब,
(a) परमाणु की परमाणुक संख्या क्या है?
उत्तर: परमाणु की सख्या = प्रोटॉनो की सख्या
परमाणु की संख्या = 8
परमाणु का आबेश = प्रोटॉनों की सख्या – इलेक्ट्रॉनों की सख्या
= 8 – 8 = 0
(b) परमाणु का क्या आवेश है?
उत्तर: प्रोटॉनों की संख्या = 8
इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 8
चूँकि प्रत्येक प्रोटॉन का आवेश (+1) और प्रत्येक इलेक्ट्रॉन का आवेश (-1) होता है।
नेट आवेश = (+8) + (-8) = 0
अतः परमाणु पर कोई आवेश नहीं है। यह उदासीन है।
2. सारणी 4.1 की सहायता से ऑक्सीजन और सल्फ़र-परमाणु की द्रव्यमान संख्या ज्ञात कीजिए।
उत्तर: एक परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों की संख्या के योग को द्रव्यमान संख्या कहा जाता है।
अर्थात द्रव्यमान संख्या = प्रोटॉन की संख्या + न्यूट्रॉन की संख्या
ऑक्सीजनः प्रोटॉन = 8, न्यूट्रॉन = 8
द्रव्यमान संख्या = 8 + 8 = 16 u
सल्फरः प्रोटॉन = 16
न्यूट्रॉन = 16
द्रव्यमान संख्या = 16 + 16 = 32u
Page no – 50 Question
1. चिह्न H, D और T के लिए प्रत्येक में पाए जाने वाले तीन अवपरमाणुक कणों को सारणीबद्ध कीजिए।
उत्तर:
समस्थानिक | प्रोटॉन (P) | इलेक्ट्रॉन (e) | न्यूट्रॉन (n) |
प्रोटियम (¹₁H) | 1 | 1 | 0 |
ड्यूटीरियम (²₁H या D) | 1 | 1 | 1 |
ट्राइटियप (³₁H या T) | 1 | 2 | 1 |
2. समस्थानिक और समभारिक के किसी एक युग्म का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए।
उत्तर: समस्थानिक एक ही तत्त्व के परमाणु होते हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्या भिन्न-भिन्न परंतु परमाणु संख्या समान होती है। इसलिए समस्थानिकों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास भी समान ही रहते हैं।
उदाहरण-कार्बन के दो समस्थानिक ¹²₆C और ¹⁴₆C हैं।
¹²₆C का द्रव्यमान सख्या = 12
परमाणु सख्या = ¹⁴₆C का द्रव्यमान सख्या = 14
परमाणु सख्या = 6
समभारिक: अलग-अलग तत्त्वों के परमाणु, जिनकी द्रव्यमान संख्या समान लेकिन परमाणु संख्या भिन्न-भिन्न होती है, समभारिक कहलाते हैं।
उदाहरण- कैल्शियम और आर्गन समभारिक निम्नलिखित है:
कैल्शियमः ⁴⁰₂₀Ca
आर्गनः ⁴⁰₁₈Ar
⁴⁰₂₀Ca का द्रव्यमान सख्या = 40
परमाणु सख्या = 20
⁴⁰₁₈Аг Ar का द्रव्यमान सख्या = 40, परमाणु सख्या = 18
अभ्यास |
1. इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के गुणों की तुलना कीजिए।
उत्तर:
इलेक्ट्रॉन | प्रोटॉन | न्यूट्रॉन |
इलेक्ट्रॉन पर ऋणात्मक आवेश होता है। | प्रोटॉन पर धनात्मक आवेश होता है। | न्यूट्रॉन पर कोई आवेश नहीं होता है अर्थात न्यूट्रॉन उदासीन होता है। |
इलेक्ट्रॉन को ‘e’ संकेत से प्रदर्शित करते है। | प्रोटॉन को ‘p’ संकेत से प्रदर्शित करते है। | न्यूट्रॉन को ‘n’ संकेत से प्रदर्शित करते है। |
इलेक्ट्रॉन पर इकाई ऋण आवेश होता है। (- 1.602 * 10-19 * C) | प्रोटॉन पर इकाई धन आवेश होता है(+1.6 × 10⁻¹⁹) | विद्युत उदासीन होता है। (कोई आवेश नहीं) |
2. जे. जे. टॉमसन के परमाणु मॉडल की क्या सीमाएँ हैं?
उत्तर: जबकि टॉमसन के मॉडल ने परमाणु के उदासीनता को समझाने में मदद की, लेकिन इस मॉडल द्वारा अन्य वैज्ञानिकों के प्रयोगों के परिणामों को स्पष्ट नहीं किया जा सका।
उदाहरण के लिए:
(i) रदरफ़ोर्ड के α-कण प्रकीर्णन प्रयोग में तेज़ गति से चल रहे अधिकांश α-कण सोने की पन्नी से सीधे क्यों निकल गए?
(ii) कुछ α-कण पन्नी के छोटे कण से क्यों विक्षिप्त हुए?
(iii) प्रत्येक 12,000 कणों में से एक कण क्यों वापस आ गया?
इन प्रश्नों की व्याख्या करने में टॉमसन का मॉडल असफल रहा।
3. रदरफ़ोर्ड के परमाणु मॉडल की क्या सीमाएँ हैं?
उत्तर: रदरफ़ोर्ड के परमाणु मॉडल के अनुसार, परमाणु के केंद्र में स्थित नाभिक के चारों ओर इलेक्ट्रॉन वर्तुलाकार पथ पर घूमते हैं। यदि ऐसा होता, तो इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा में कमी आने लगती, जिसके परिणामस्वरूप परमाणु अस्थायी हो जाता। लेकिन हम जानते हैं कि परमाणु स्थायी होते हैं। इस प्रकार, रदरफ़ोर्ड का मॉडल परमाणु के स्थायित्व को समझाने में असफल रहा।
4. बोर के परमाणु मॉडल की व्याख्या कीजिए।
उत्तर: नील्स बोर ने परमाणु की संरचना के बारे में निम्नलिखित अवधारणाएँ प्रस्तुत कीं।
(i) परमाणु के केंद्र में एक धनावेशित नाभिक होता है। प्रोटॉन और न्यूट्रॉन नाभिक में होते हैं।
(ii) इलेक्ट्रॉन केवल कुछ निश्चित कक्षाओं में ही चक्कर लगा सकते हैं, जिन्हें इलेक्ट्रॉन की विविक्त कक्षा कहते हैं।
(iii) जब इलेक्ट्रॉन इस विविक्त कक्षा में चक्कर लगाते हैं, तो उनकी ऊर्जा का विकिरण नहीं होता।
इन कक्षाओं (या कोशों) को ऊर्जा-स्तर कहते हैं, जिन्हें K, L, M, N…..या संख्याओं 1,2,3,4,… के द्वारा दिखाया जाता है।
5. इस अध्याय में दिए गए सभी परमाणु मॉडलों की तुलना कीजिए।
उत्तर:
जे. जे. टॉमसन मॉडल | रदरफ़ोर्ड मॉडल | बोर मॉडल |
इस मॉडल के अनुसार परमाणु एक धनावेशित गोला होता है। जिसके चारों ओर धनात्मक आवेश होता है और इलेक्ट्रॉन इनमें इधर उधर धसे हुए होते है। ये धनात्मक तथा ऋणात्मक आवेश परिणाम में एक समान होते है, जिसके कारण परमाणु विद्युत उदासीन होते है। | रदरफ़ोर्ड मॉडल के अनुसार परमाणु गोलाकार परन्तु सम्पूर्ण धनावेश उसके केंद्र में होता है जिसे नाभिक कहते है। परमाणु में धनावेशित भाग बहुत कम होता है। इलेक्ट्रॉन इस नाभिक के चारो ओर चक्कर लगाते है। नाभिक परमाणु की तुलना में छोटा होता है | बोर के परमाणु मॉडल के अनुसार इलेक्ट्रॉन केवल कुछ निश्चित कक्षाओं में ही चक्कर लगा सकते हैं, इन कक्षाओं को इलेक्ट्रॉन की विविक्त कक्षा कहते है। एक निश्चित कक्षा में घूमते रहने पर उसकी ऊर्जा का विकिरण नहीं होता है। |
परमाणु के गोले धनात्मक आवेश विशिष्ट है। | परमाण के भीतर अधिकतर खाली है और केन्द्र होते है जिसे नाभिक कहते है। नाभिक धनावेशित है। | परमाणु इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन से बना है। इलेक्ट्रॉन ऋण आवेश, प्रोटॉन धन आवेश, न्यूट्रॉन उदासीन होते है। |
6. पहले अठारह तत्वों के विभिन्न कक्षों में इलेक्ट्रॉन वितरण के नियम को लिखिए।
उत्तर: परमाणुओं की विभिन्न कक्षाओं में इलेक्ट्रॉनों के वितरण के लिए बोर और बरी ने निम्नलिखित नियम प्रस्तुत किए:
(i) किसी कक्षा में उपस्थित अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या 2n2 से दर्शाया जाता है, जहाँ ‘n’ कक्षा की संख्या या ऊर्जा स्तर है।
कक्षा की संख्या या ऊर्जा स्तर (n) | कोश | इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या 2n2 |
जब n = 1 | K | 2 × 1² = 2 |
जब n = 2 | L | 2 × 2² = 8 |
जब n = 3 | M | 2 × 3² = 18 |
जब n = 4 | N | 2 × 4² = 32 |
(ii) सबसे बाहरी कोश में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या 8 हो सकती है।
(iii) किसी परमाणु के दिए गए कोश में इलेक्ट्रॉन तब तक स्थान नहीं लेते हैं जब तक कि उससे पहले वाले भीतरी कक्ष पूर्णरूप से भर नहीं जाते। इससे स्पष्ट होता है कि कक्षाएँ क्रमानुसार भरती हैं।
7. सिलिकॉन और ऑक्सीजन का उदाहरण लेते हुए संयोजकता की परिभाषा दीजिए।
उत्तर: प्रत्येक तत्व के परमाणु की एक निश्चित संयोजन-शक्ती होती है, जिसे संयोजकता कहते हैं।
सिलिकॉन का परमाणु द्रव्यमान = 14
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास:
K | L | M |
2 | 8 | 4 |
सिलिकॉन में 4 संयोजी इलेक्ट्रॉन है, जो और 4 इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके अष्टक पूर्ण करता है। तो सिलिकॉन का संयोजन शक्ति 4 है।
सिलिकॉन का संयोजकता- 4
ऑक्सीजन का परमाणु द्रव्यमान = 8
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास:
K | L |
2 | 6 |
ऑक्सीजन में 6 संयोजी इलेक्ट्रॉन है, जो और दो इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके अष्टक पूर्ण करता है। तो ऑक्सीजन का संयोजन शक्ति 2 है।
अतः सयोजकता परमाणु की संयोजन शक्ति है।
8. उदाहरण के साथ व्याख्या कीजिए- परमाणु संख्या, द्रव्यमान संख्या, समस्थानिक और समभारिक समस्थानिकों के कोई दो उपयोग लिखिए।
उत्तर: परमाणु संख्या – एक तत्त्व की परमाणु संख्या नाभिक (केंद्रक) में विद्यमान प्रोटॉनों की कुल संख्या के बराबर होती है। इसे Z के द्वारा दर्शाया जाता है। हाइड्रोजन के लिए Z = 1 क्योंकि हाइड्रोजन परमाणु के नाभिक में केवल एक प्रोटॉन होता है। इसी प्रकार, सोडियम की परमाणु संख्या Z = 11 है।
द्रव्यमान संख्या – एक परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों की कुल संख्या के योग को द्रव्यमान संख्या कहा जाता है। उदाहरण के लिए, कार्बन का द्रव्यमान संख्या 12 है। क्योंकि इसमें 6 प्रोटॉन और 6 न्यूट्रॉन होते हैं,
6u + 6 = 12u.
इसी प्रकार, फॉस्फोरस की द्रव्यमान संख्या = 31u है। क्योंकि
प्रोटॉनों की संख्या = 15,
न्यूट्रॉनों की संख्या = 16
द्रव्यमान संख्या = 15 + 16 = 31
समस्थानिक – प्रकृति में कुछ तत्त्वों के परमाणुएँ होते है जिनकी परमाणु संख्या समान लेकिन द्रव्यमान संख्या भिन्न होता है, उस परमाणुओ को आपस का समस्थानिक कहलाते है।
उदाहरण: हाइड्रोजन परमाणु के तीन परमाण्विक रूप होते हैं – प्रोटियम (¹₁H), ड्यूटेरियम (²₁H), और ट्राइटियम (³₁H)।
प्रत्यक की परमाणु संख्या समान है, लेकिन द्रव्यमान संख्या क्रमशः 1,2 और 3 है, यह तीनो एक दूसरे के समस्थानिक है।
समभारिक – अलग-अलग परमाणु संख्या वाले तत्वों को जिनकी द्रव्यमान संख्या समान होती है, उसे समभारिक कहा जाता है।
उदाहरण- कैल्शियम का परमाणु संख्या 20 और आर्गन का परमाणु संख्या 18, लेकिन दोनो तत्व की द्रव्यमान संख्या है 40। अतः कैल्शियम और आर्गन समभारिक है।
9. Na+ के पूरी तरह से भरे हुए K व L कोश होते हैं- व्याख्या कीजिए।
उत्तर: सोडियम Na की परमाणु संख्या = 11 इलेक्ट्रॉनिक विन्यासः
K | L | M |
2 | 8 | 1 |
चूँकि सोडियम के बाह्यतम कक्ष (कोश) में 1 इलेक्ट्रॉन है इसलिए यह एक इलेक्ट्रॉन का त्याग करके (Na’) आयन बनाता है और अपना अष्टक पूर्ण करता है।
Na+ में 10 इलेक्ट्रॉन होते हैं यानी K कोश में 2 तथा L कोश में 8 हम जानते हैं कि K कोश में अधिकतम = 2 x 1² = 2 तथा L कोश में अधिकतम = 2 x 2² = 8 इलेक्ट्रॉन रह सकते हैं।
अत: Na+ में K और L कोश पूर्णतः भरे हुए हैं।
10. अगर ब्रोमीन परमाणु दो समस्थानिकों (50.3%)] के रूप में है, तो ब्रोमीन परमाणु के औसत परमाणु द्रव्यमान की गणना कीजिए।
उत्तर: ब्रोमीन परमाणु का औसत
परमाणु द्रव्यमान = (79 × 49.7/100) + (81 × 50.3/100)
= (79 × 49.7) + (81 × 50.3 /100)
= 80.006 u
11. एक तत्व X का परमाणु द्रव्यमान 16.2u है तो इसके किसी एक नमूनें में समस्थानिक 816X और 818X का प्रतिशत क्या होगा?
उत्तर: माना कि समस्थानिक 816X का प्रतिशत x% है। तब समस्थानिक 818X का प्रतिशत (100 – x)% होगा।
प्रश्नानुसार-16 का x% + 18 का (100 – x)% = 16.2u
= (16u × x/100) + 18u × (100 – x /100) = 16.2u
16 x /100 + 1800 – 18x/100 = 16.2
16x + 1800 – 18x/100 = 16.2
-2x + 1800 = (16.2 × 100)
-2x = 1620 – 1800
x = -180/2 = 90
∴ ¹⁶₈X = 90%
¹⁸₈ X = 100 – 90 = 10%
12. यदि तत्व का Z = 3 हो तो तत्व की संयोजकता क्या होगी? तत्व का नाम भी लिखिए।
उत्तर: चूँकि Z = 3 है। अर्थात परमाणु संख्या = 3 है।
इलेक्ट्रॉनिक विन्यासः
K | L |
2 | 1 |
चूँकि इसके बाह्यतम कोश में 1 इलेक्ट्रॉन है अतः तत्त्व की संयोजकता = 1 होगी क्योंकि यह तत्त्व एक इलेक्ट्रॉन का त्याग कर सकता है। तथा परमाणु संख्या 3 वाले तत्त्व का नरूस लीथियम Li है।
13. दो परमाणु स्पीशीज़ के केंद्रकों का संघटन नीचे दिया गया है।
X | Y | |
प्रोटॉन | 6 | 6 |
न्यूट्रॉन | 6 | 8 |
X और Y की द्रव्यमान संख्या ज्ञात कीजिए। इन दोनों स्पीशीज़ में क्या संबंध है?
उत्तर: द्रव्यमान संख्या = (प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या)
अतः X का परमाणु द्रव्यमान = 6 + 6 = 12
X की परमाणु संख्या = प्रोटॉनों की संख्या = 6
Y को द्रव्यमान संख्या = 6 + 8 = 14
Y की परमाणु संख्या = प्रोटॉनों की संख्या = 6
चूँकि दो परमाणु स्पीशीज़ X और Y की परमाणु संख्या 6 समान है परंतु उनकी द्रव्यमान संख्या अलग-अलग 12 और 14 है।
अतः ये दोनों एक दूसरे के समस्थानिक हैं अर्थात कार्बन के समस्थानिक हैं अर्थात कार्बन के समस्थानिक [⁶₁₂C और ⁶₁₄C] हैं।
14. निम्नलिखित वक्तव्यों में गलत के लिए F और सही के लिए T लिखें।
(a) जे. जे. टॉमसन ने यह प्रस्तावित किया था कि परमाणु के केंद्रक में केवल न्यूक्लीयॉन्स होते हैं।
उत्तर: F
(b) एक इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन मिलकर न्यूट्रॉन का निर्माण करते हैं इसलिए यह अनावेशित होता है।
उत्तर: F
(c) इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान प्रोटॉन से लगभग 1/2000 गुणा होता है।
उत्तर: T
(d) आयोडीन के समस्थानिक का इस्तेमाल टिंक्चर आयोडीन बनाने में होता है। इसका उपयोग दवा के रूप में होता है।
उत्तर: F
प्रश्न संख्या 15. 16 और 17 में सही के सामने (✓) का चिह्न और गलत के सामने (x) का चिह्न लगाइए।
15. रदरफ़ोर्ड का अल्फ़ा कण प्रकीर्णन प्रयोग किसकी खोज के लिए उत्तरदायी था।
(a) परमाणु केंद्रक।
उत्तर: ✓
(b) इलेक्ट्रॉन।
उत्तर: X
(c) प्रोटॉन।
उत्तर: X
(d) न्यूट्रॉन।
उत्तर: X
16. एक तत्व के समस्थानिक में होते हैं-
(a) समान भौतिक गुण।
उत्तर: X
(b) भिन्न रासायनिक गुण।
उत्तर: X
(c) न्यूट्रॉनों की अलग-अलग संख्या।
उत्तर: ✓
(d) भिन्न परमाणु संख्या।
उत्तर: X
17. CI– आयन में संयोजकता – इलेक्ट्रॉनों की संख्या है-
(a) 16
उत्तर: X
(b) 8
उत्तर: ✓
(c) 17
उत्तर: X
(d) 18
उत्तर: X
18. सोडियम का सही इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्न में कौन सा है?
(a) 2,8
(b) 8,2,1
(c) 2,1,8
(d) 2,8,1
उत्तर: (d) 2,8,1
19. निम्नलिखित सारणी को पूरा कीजिए-
परमाणु संख्या | द्रव्यमान संख्या | न्यूट्रॉनों की संख्या | प्रोटॉनों की संख्या | इलेक्ट्रॉनों की संख्या | परमाणु स्पीशीज |
9 | – | 10 | – | – | – |
16 | 32 | – | – | – | सल्फर |
– | 24 | – | 12 | – | – |
– | 2 | – | 1 | – | – |
– | 1 | 0 | 1 | 0 | – |
उत्तर:
परमाणु संख्या | द्रव्यमान संख्या | न्यूट्रॉनों की संख्या | प्रोटॉनों की संख्या | इलेक्ट्रॉनों की संख्या | परमाणु स्पीशीज |
9 | 19 | 10 | 9 | 9 | फ्लोरीन |
16 | 32 | 16 | 16 | 16 | सल्फर |
12 | 24 | 12 | 12 | 12 | मैग्नीशियम |
1 | 2 | 1 | 1 | 1 | डयट्रियम |
1 | 1 | 0 | 1 | 0 | हाइड्रोजन |