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SCERT Class 11 Hindi Chapter 7 रजनी
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रजनी
गद्य खंड
सारांश: |
मध्यवर्गीय परिवार के फ्लैट का एक कमरा का दृश्य जहाँ एक महिला रसोई में व्यस्त हैं। उसी समय घंटी बजती है। रजनी का प्रवेश होता हैं। रजनी बाजार जाने के लिए लीला बेन के घर आती है जहाँ पता चलता है, अमित का रिजल्ट निकलने वाला हैं। अमित बहुत ही मेधावी छात्र हैं, अतः सबकी उससे बहुत उम्मीदें थी। लेकिन वह रिपोर्ट से खुश नहीं हैं, क्योंकि उसका रिजल्ट आशानरूप नहीं होता हैं। सभी विषयों में अच्छे नंबर आने पर भी गणित में सबसे कम अंक आता है जिससे उसका स्थान छठा हो जाता है। अमित बताता है, उसने पेपर सहीं किया था परन्तु ट्यूशन न लेने के कारण ऐसा हुआ। गणित के शिक्षक द्वारा बार-बार कहें जाने पर भी ट्यूशन नहीं लिया। जिससे अंक कम मिले। यह सुनकर रजनी हेडमास्टर से मिलने की बात कहती हैं, परन्तु अमित और उशकी माँ ऐसा करने रोकती हैं। क्योंकि उन्हें डर हैं कि ऐसा करने से अमित को अधिक परेशान किया जायेगा। परन्तु रजनी इस बात का विरोध करती हैं।
नया दृश्य
रजनी अमित के स्कूल के हडमास्टर के पास जाती है और अमित ईयरली एक्जाम्स की कॉपियाँ देखने की बात करती हैं परंतु हेडमास्टर कॉपियाँ न दिखाने की बात करते हैं, क्योंकि इयरली एकजाम्स की कापियाँ दिखाने का नियम नहीं हैं। तब रजनी हेडमास्टर को बताती हैं, किस तरह से बच्चों को ट्यूशन लेने के लिए मजबूर किया जाता हैं, तथा हेडमास्टर यह शिक्षक और छात्र की आपसी मामला बता कर बात को टालते हैं। जिससे रजनी उन्हें कुर्सी छोड़ देने के लिए कहती है, वहाँ से चली जाती हैं।
नया दृश्य
शाम रजनी के पति दफ्तर से आते हैं और रजनी सारी बात बताती है। परन्तु वह रजनी को इन मामलों में न पड़ने के लिए कहते हैं। परन्तु रजनी इसका विरोध करती हैं।
नया दृश्य
रजनी डायरेक्टर आफ एजुकेशन के दफ्तर उनसे मिलने जाती है। रजनी बेंच पर बैठी 1 बुलाये जाने की प्रतीक्षा कर रही हैं। परन्तु चपरासी बाद में आये लोगों से नोट लेकर ( उन्हें अंदर जाने देता। यह देखकर रजनी क्रोधित हो जाती है और चपरासी को धकेल ( कर अंदर चली जाती है। रजनी निर्देशक को अमित की सारी बातें बताती है तथा ( हेडमास्टर से मिलने वाली बात भी बताती है। इस पर निर्देशक कहते हैं, हेडमास्टर को ऐसे शिक्षक के खिलाफ एकसेन लेना चाहिए। रजनी जब उनसे इस प्रकार की घिनौने रैकेट के तोड़ने की बात कहती है, तो वह बताते हैं कि इस प्रकार की शिकायत लेकर कोई पैरेंट हमारे पास नहीं आते हैं। इसपर रजनी क्रोधित होकर कहती है, इसप्रकार की शिकायतों का ढेर लगवा दूंगी। और वहाँ से चली आती हैं।
नया दृश्य
रजनी इस मामलें को अखबार तक ले जाना चाहती हैं। इसके लिए वह घर-घर जाकर बच्चों के माँ-बाँप से मिलती हैं, उन्हें समझाती हैं। तीन चार स्त्रियों के साथ अखबार के संपादक से मिलने आती हैं। रजनी संपादक से इस इश्यू को अखबार में उठाने की बात कहती हैं। साथ ही 25 तारीख को पेरेंटस् मिटिंग की सुचना अखबार में देने की बात कहती हैं।
नया दृश्य
मीटिंग चल रही हैं, कमरा लोगों से भरा हुआ हैं। विरोध और विद्रोह का माहौल बना हुआ हैं। एक ओर प्रेस वाले भी बैठे हुए हैं। रजनी भाषण देती हुई ऐसे शिक्षक के खिलाफ सख्त सख्त कार्यवाहीं करने की माँग करती है, जो ट्यूशन के नाम पर बच्चों को परेशान करते हैं। ट्यूशन न करने पर कम नंबर देते हैं। साथ ही वहाँ उपस्थित लोगों से राय भी पूछती है। सब उसको समर्थन करते हैं।
नया दृश्य
अगले दिन अखबार में रजनी की तस्वीर छपती हैं। रजनी के पति बताते हैं कि बोर्ड ने उनके प्रस्ताव को ज्यों-का-त्यों स्वीकार कर लिया। उसी समय लीला वेन और अमित का प्रवेश होता हैं। सभी यह जान कर खुश हो जाते हैं। हँसी के साथ दृश्य समाप्त हो जाता है।
प्रश्नोत्तर
1. रजनी ने आमत के मुद्दे को गंभीरता से लिया, क्योंकि-
(क) वह अमित से बहुत स्नेह करती थी।
(ख) अमित उसकी मित्र लीला का बेटा था।
(ग) वह अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाने की सामर्थ्य रखती थी।
(घ) उसे अखबार की सुर्खियों में आने का शौक था।
उत्तर: वह अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने की सामर्थ्य रखती थी।
2. जब किसी का बच्चा कमज़ोर होता है, तभी उसके माँ-बाप ट्यूशन लगवाते हैं। अगर लगे कि कोई टीचर लूट रहा हैं, तो टीचर से न ले ट्यूशन, किसी और के पास चले जाएँ- यह कोई मजबूरी तो हैं नहीं- प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताएँ कि यह संवाद आपको किस सीमा तक सही या गलत लगता हैं, तर्क दीजिए।
उत्तर: रजनी जब प्राइवेट स्कूलों में ट्यूशन का जो सिलसिला चल रहा हैं, उसे बंद करवाने की बात कहती है, तो निर्देशक कहते है, बच्चे के कमजोर होने पर माँ बाप ट्यूशन लगवाते है। और लगे कि कोई टीचर उन्हें लूट रहा है, तो उनसे ट्यूशन न ले। इसमें मजबूरी की कोई बात नहीं है।
यह संवाद बहुत हद तक सही है। ट्यूशन लेना मजबूरी नहीं है। माँ-बाप स्वेच्छा से विषय के अनुसार ट्युशन दे सकते है। ताकि बच्चा उस विषय में अच्छा कर सके। अगर स्कूल का कोई शिक्षक ट्यूशन के लिए किसी बच्चे को मजबूर कर रहा है, तो इसके खिलाफ़ कदम उठानी चाहिए।
3. तो एक और आंदोलन का मसला मिल गया- फुसफुसाकर कही गई यह बात–
(क) किसने किस प्रसंग में कहीं?
(ख) इससे कहेन वाले की किस मानसिकता का पता चला है?
उत्तर: (क) रजनी के पति ने यहउस समय फुसफुसाकर कहा था, जब रजनी सारे टीचर्स को कम तनख्वाह दिये जाने पर संगठित होकर आंदोलन चलाने की बात कहती है।
(ख) इससे कहने वाले की की इस मानसिकता का पता चलता है कि वह आंदोलनों में विश्वास नहीं रखता है। वह अन्याय के खिलाफ़ अवाज उठाने के स्थान पर अन्याय को सहन करने में विश्वास रखता था।
4. रजनी धारावाहिक की इस कड़ी की मुख्य समस्या क्या हैं? क्या होता अगर–
(क) अमित का पर्चा का सचमुच खराब होता।
(ख) संपादक रजनीका साथ न देता।
उत्तर: वर्तमान समाज में व्यवसाय बनती शिक्षा की समस्या को ही रजनी धारावाहिक की इस कड़ी में दिखाने की कोशिश की गई है।
(क) अमित का पर्चा अगर सचमुच खराब होता तो विद्रोह नहीं किया जाता। धारावाहिक की घटनाएँ घटित नहीं होती।
(ख) अगर संपादक रजनी का साथ न देता तो ये शायद यह मामला इतना विस्तृत रूप नहीं लेती और उन्हें न्याय भी नहीं मिलता।
लघु प्रश्नोत्तर
1. ‘रजनी’ पटकथा की लेखिका कौन है?
उत्तर: ‘रजनी’ पटका की लेखिका मन्नू भंडारी है।
2. इस पटकथा में किस समस्या को दिखाया गया है?
उत्तर: इस पटकथा में व्यवसाय बनती शिक्षा की समस्या को दिखाया गया है।
3. इस पटकथा के मुख्य पात्र का नाम बताए।
उत्तर: रजनी इस पटकथा का मुख्य पात्र है।
4. गलती करने वाला तो हैं ही गुनाहगार, पर उसे बर्दाश्त करेवाला भी कम गुनाहगार नहीं होता- यह किसका कथन है?
उत्तर: यह कथन रजनी का है।
व्याख्या
1. गलती करने वाला तो हैं ही गुनाहगार, पर उसे बर्दाश्त करेवाला भी कम गुनाहगार नहीं होता जैसे लीला बेन और कांति भाई और हजारों-हज़ारों माँ बाप ।
उत्तर: प्रसंग: प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक ‘आरोह’ के ‘रजनी’ नामक पटकथा से ली गई है। इसकी लेखिका है मन्तु भण्डारी ।
संदर्भ: इसमें व्यवसाय बनती जा रही शिक्षा व्यवस्था की ओर संकेत किया गया हैं।
व्याख्या: अमित के गणित में कम अंक आने पर भी स्वयं स्कूल नहीं जाना चाहते और रजनी को भी मना करते हैं। क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे बच्चे को और भी परेशान किया जाएँगा। परन्तु रजनी इसका विरोध करते हुए हेडमास्टर से मिलती है। रजनी जब यह सारी बात अपने को बताती हैं, तो वह उसे इन मामलों में पड़ने से मना करते हैं। तो इसका विरोध करती हुई कहती है, जो गलती करता है, वह तो गुनाहगार है, ही साथ ही उसे बर्दाश्त करने वाला उससे भी बड़ा गुनाहगार होता है। लीला वेन, कान्ति भाई और हजारों हज़ारों माँ-बाप यह सब सहकर चुप बैठते हैं।