NCERT Class 9 Hindi Chapter 10 दोहे Solutions to each chapter is provided in the list so that you can easily browse through different chapters NCERT Class 9 Hindi Chapter 10 दोहे and select need one. NCERT Class 9 Hindi Chapter 10 दोहे Question Answers Download PDF. NCERT Class 9 Hindi Solutions.
NCERT Class 9 Hindi Chapter 10 दोहे
Also, you can read the NCERT book online in these sections Solutions by Expert Teachers as per Central Board of Secondary Education (CBSE) Book guidelines. CBSE Class 9 Hindi Solutions are part of All Subject Solutions. Here we have given NCERT Class 9 Hindi Chapter 10 दोहे and Textbook for All Chapters, You can practice these here.
दोहे
Chapter: 10
स्पर्श भाग – 1 (काव्य भाग)
उपर्युक्त काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर का सही उत्तर चुनकर लिखिए-
1. इस काव्यांश में किस छंद का प्रयोग किया गया है?
(क) दोहा
(ख) चौपाई
(ग) रोला
(घ) सवैया
उत्तर: (के) दीहा।
2. प्रेम के धागे के बारे में क्या बताया गया है?
(क) चटका कर नहीं तोड़ना चाहिए।
(ख) टूटने पर फिर नहीं मिलता।
(ग) मिलने पर गांठ पड़ जाती है।
(घ) उपर्युक्त सभी बातें
उत्तर: (घ) उपर्युक्त सभी बातें।
3. मन की व्यथा के बारे में रहीम की क्या सलाह है?
(क) मन की व्यथा को मन में ही छिपाकर रखना चाहिए
(ख) तुम्हारी व्यथा को कोई कम नहीं कर सकता
(ग) सुनकर लोग मजाक बनाएँगे
(घ) उपर्युक्त सभी बातें
उत्तर: (घ) उपर्युक्त सभी बातें।
4. पहले दोहे में किस अलंकार का प्रयोग है?
(क) दृष्टांत
(ख) उपमा
(ग) रूपक
(घ) यमक
उत्तर: (क) दृष्टांत।
5. पहले दोहे में क्या शिक्षा दी गई है?
(क) छोटी वस्तु का भी अपना महत्त्व होता है
(ख) बड़ा वह है जो दूसरों के काम आए
(ग) क-ख दोनों
(घ) लघु जीव का काम करो
उत्तर: (क) छोटी वस्तु का भी अपना महत्त्व होता है।
6. दूसरे दोहे में किस पर व्यंग्य किया गया है?
(क) धनी व्यक्ति पर
(ख) धनी पर कंजूस पर
(ग) पशु वृत्ति के लोगों पर
(घ) रोझने वालों पर
उत्तर: (ख) धनी पर कंजूस पर।
7. ‘पंक’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) पानी
(ख) कीचड़
(ग) कमल
(घ) जलद
उत्तर: (ख) कीचड़।
8. ‘मृग’ किस कारण शरीर दे देता है?
(क) संगीत के स्वरों पर रीझकर
(ख) शिकारी को देखकर
(ग) धन के लिए
(घ) किसी अन्य बात पर
उत्तर: (क) संगीत के स्वरों पर रीझकर।
9. दोहे की क्या विशेषता होती है?
(क) इसमें अक्षर कम होते हैं
(ख) इसमें अर्थ गहरा समाया होता है
(ग) दोनों (क) और (ख)
(घ) छोटा छंद
उत्तर: (ग) दोनों (क) और (ख)।
10. कवि अपनी बात के समर्थन में किसका उदाहरण देता है?
(क) नट का
(ख) कुंडली का
(ग) कूदने का
(घ) चढ़ने का
उत्तर: (क) नट का।
11. इस दोहे के रचयिता कौन है?
(क) कबीर
(ख) रहीम
(ग) जायसी
(घ) तुलसी
उत्तर: (ख) रहीम।
12. ‘दीरघ दोहा’ में कौन-सा अलंकार है?
(क) अनुप्रास
(ख) यमक
(ग) श्लेप
(च) रूपक
उत्तर: (क) अनुप्रास।
13. दूसरों के नाम आने वाले व्यक्ति को कवि क्या मानता है?
(क) धन्य
(ख) महान
(ग) कायर
(घ) आलसी
उत्तर: (के) धन्य।
14. उदधि किसे कहते है?
(क) कीचड
(ख) समुद्र
(ग) वर्षा
(घ) जल
उत्तर: (ख) समुद्र।
15. किसके जल को धन्य कहा गया है?
(क) कोछड़
(ख) सागर
(ग) नदी
(घ) तालाव
उत्तर: (क) कोछड़।
16. समुद्र के जल को क्या कहा गया है?
(क) धन्य
(ख) व्यर्थ
(ग) महान
(घ) नौरस
उत्तर: (क) व्यर्थ।
17. हिरण किससे खुश होकर अपना शरीर न्योछावर कर देता है?
(क) संगीत के सुर
(ख) इंसान
(ग) पशु
(घ) वातावरण
उत्तर: (क) संगीत के सुर।
18. नाद कैसा शब्द है?
(क) तहभव
(ख) देशज
(ग) तत्ताम
(घ) विदेशी
उत्तर: (ग) तत्ताम।
19. परोपकार के लिए धन न देने वाले व्यक्ति क्या कहलाते हैं?
(क) कंजूस
(ख) स्वार्थी
(ग) अमीर
(घ) दोनों (क) और (ख)
उत्तर: (घ) दोनों (क) और (ख)।
20. मृग के माध्यम से कवि किस पर कटाक्ष करता है?
(क) मृग
(ख) सिंह
(ग) वनराज
(घ) मयूर
उत्तर: (क) मृग।
दोहों पर आधारित विषय बोध, अर्थ बोध और सराहना संबंधी प्रश्न
प्रश्न 1. इस दोहे के रचयिता कौन हैं?
उत्तर: इस दोहे के रचयिता कवि रहोम हैं।
प्रश्न 2. कवि ने प्रेम का स्वरूप स्पष्ट करने के लिए किसका उदाहरण दिया है?
उत्तर: कवि रहीम ने प्रेम का स्वरूप स्पष्ट करने के लिए धागे का उदाहरण दिया है। इस प्रेम के धागे को कभी भी चटकाकर नहीं तोड़ना चाहिए। प्रेम-संबंध भी बड़ा नाजुक होता है।
प्रश्न 3. कवि मन की व्यथा के बारे में क्या सलाह दे रहा है?
उत्तर: कवि यह सलाह दे रहा है कि मन की व्यथा को अपने मन में ही छिपाकर रखना चाहिए।
प्रश्न 4. लोग दूसरों की व्यथा को सुनकर क्या प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं?
उत्तर: सामान्यतः लोग दूसरों की व्यथा को सुनकर उनका मजाक उड़ाते हैं। वे उन्हों को मूर्ख ठहराते हैं।
प्रश्न 5. क्या कोई किसी के दुख को बाँटता है?
उत्तर: नहीं, कोई किसी के दुख को नहीं बाँटता।
प्रश्न 6. कवि दोहे की पहली पंक्ति में किसको साधने की बात कह रहा है?
उत्तर: कवि एकेश्वरवाद का समर्थक जान पड़ता है। उसके मतानुसार केवल एक ही ईश्वर है और हमें उसी को साधना करनी चाहिए।
प्रश्न 7. ‘सब साधे, सब जाए’ का अर्थ स्पष्ट करो।
उत्तर: जो व्यक्ति अनेक देवी-देवताओं की पूजा करने में लग जाते हैं, ये कहाँ के भी नहीं रहते। उन्हें ईश्वर को प्राप्ति नहीं होती।
प्रश्न 8. दूसरी पंक्ति में कवि क्या सलाह दे रहा है?
उत्तर: कवि सलाह दे रहा है कि भरपूर फल-फूल पाने के लिए पौधे को जड़ को सोचना चाहिए,फूल-फलों को नहीं। इसी प्रकार एक ही ईश्वर को उपासना करनी चाहिए तभी फल प्राप्ति होगी।
प्रश्न 9. चित्रकूट की क्या विशेषता बताई गई है?
उत्तर: चित्रकूट की यह विशेषता बताई गई है कि यहाँ के कण-कण में अवध नरेश भगवान राम रमे हुए हैं।
प्रश्न 10. इस देश (क्षेत्र) में किसको आना ही पड़ता है?
उत्तर: जिस पर विपदा अर्थात् मुसीबत पड़ती है उसे इस देश (क्षेत्र) में आना ही पड़ता है।
प्रश्न 11. चित्रकूट में कौन रहे थे?
उत्तर: बनवास की अवधि में रामचंद्र, सीता और लक्ष्मण कुछ समय तक चित्रकूट में रहे थे।
प्रश्न 12. दोहे की क्या विशेषता बताई गई है?
उत्तर: दोहा एक छंद है। इसकी विशेषता यह होती है कि इसमें अक्षर तो कम होते हैं, पर अर्थ गहरा निकलता है।
प्रश्न 13. अनुप्रास अलंकार का एक उदाहरण छाँटकर लिखिए।
उत्तर: ‘दीरप दोहा….’ (‘द’ वर्ण की आवृत्ति)।
प्रश्न 14. ‘नट’ के उदाहरण में किस अलंकार का प्रयोग है?
उत्तर: ‘दृष्टात अलंकार’ का प्रयोग है।
प्रश्न 15. कवि किस व्यक्ति को धन्य मानता है?
उत्तर: कवि उस व्यक्ति को धन्य मानता है जो किसी दूसरे के काम आता है, भले ही वह कितना भी छोटा क्यों न हो।
प्रश्न 16. कवि ‘पक के जल’ को धन्य क्यों कहता है?
उत्तर: पक अर्थात् कीचड़ में भरा पानी (छोटे तालाब का पानी) मो इसलिए धन्य है क्योंकि उसे पोकर छोटे-छोटे जीवों को प्यास बुझती है।
प्रश्न 17. मृग (हिरन) किस पर रीझ कर अपना शरीर दे देता है?
उत्तर: मृग (हिरन) संगीत के स्वर सुनकर इतना मुग्ध हो जाता है कि बधिक को अपना शरीर दे देता है। संगीत की म उसे बेसुध कर देती है और ऐसी अवस्था में अधिक उसे पकड़ लेता है।
प्रश्न 18. मृग के माध्यम से कवि किस पर कटाक्ष करता है?
उत्तर: मृग के माध्यम से कवि ऐसे व्यक्ति पर कटाक्ष करता है जो धनी होते हुए भी किसी पर रोझकर कुछ नहीं देते।
प्रश्न 19. दोहे की पहली पंक्ति में क्या शिक्षा दी गई है?
उत्तर: दोहे की पहली पंक्ति में यह शिक्षा दी गई है कि हमें बढ़ी चौज को देखकर छोटी चीज को व्यर्थ का समझकर फेंक नहीं देना चाहिए। छोटी चीज या छोटे व्यक्ति का भी अपना महत्त्व होता है।
प्रश्न 20. इस दोहे में क्या नीतिगत बात कही गई है?
उत्तर: इस दोहे में यह नीतिगत बात कही गई है कि आदमी को बढ़े व्यक्ति के सम्पर्क में आकर छोटे व्यक्ति को भुला नहीं देना चाहिए।
प्रश्न 21. कवि के अनुसार किस स्थिति में कोई भी हमारा सहायक नहीं होता?
उत्तर: जब हमारे पास धन-सम्पत्ति नहीं होती तब कोई भी हमारा सहायक नहीं होता।
प्रश्न 22. इस दोहे में किसका महत्त्व बताया गया है?
उत्तर: इस दोहे में निज (अपनी ) धन-सम्पत्ति का महत्त्व बताया गया है। इसके बिना कोई नहीं पूछता।
प्रश्न 23. इस दोहे में किस पानी को रखने की बात कही गई है?
उत्तर: इस दोहे में ‘पानी’ मान-सम्मान, इज्जत को बनाए रखने की बात कही गई है।
प्रश्न 24. पानी के बिना यह संसार कैसा है?
उत्तर: पानी के बिना यह संसार सूना है।
काव्यांश 3 और 4 को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर का सही उत्तर चुनकर लिखिए-
(i) रहीम किसको साधने की बात कह रहे हैं?
(क) एक ही ईश्वर को
(ख) एक देवता को
(ग) सभी देवताओं को
(घ) किसी को नहीं
उत्तर: (क) एक ही ईश्वर को।
(ii) सभी देवताओं को साधना कैसा रहता है?
(क) कारगर
(ख) व्यर्थ
(ग) फूल
(घ) जड़
उत्तर: (ख) व्यर्थ।
(iii) चित्रकूट में कौन रमे हुए हैं?
(क) अवध नरेश
(ख) श्रीराम
(ग) ईश्वर
(घ) देवता
उत्तर: (ख) श्रीराम।
(iv) यहाँ व्यक्ति कब आता है?
(क) मुसीबत में
(ख) सुख में
(ग) दुख में
(घ) कभी भी
उत्तर: (क) मुसीबत में।
दोहों पर आधारित विषय बोध अर्थ बोध और सराहना संबंधी प्रश्न
प्रश्न 1. बात के बिगड़ जाने पर कौन-सी युक्ति काम आती है?
उत्तर: बात के बिगड़ जाने पर कोई भी युक्ति काम नहीं आती है।
प्रश्न 2. क्या फटे दूध को मथने से मक्खन निकाला जा सकता है?
उत्तर: नहीं, फटे दूध को चाहे कितना भी मथ लो, पर उससे मक्खन नहीं निकाला जा सकता।
काव्याश 8 और 9 को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर का सही उत्तर चुनकर लिखिए-
(i) क्या बिगड़ी बात पुनः बन सकती है?
(क) डॉ
(ख) नहीं
(ग) बिल्कुल नहीं
(घ) शायद
उत्तर: (ख) नहीं।
(ii) फटे हुए दूध को मचने पर क्या मक्खन निकल सकता है?
(क) नहीं
(ख) हाँ
(ग) थोड़ा बहुत
(घ) बिल्कुल नहीं
उत्तर: (क) नहीं।
(iii) बड़ी चोट को पाकर छोटी बीच का क्या करना चाहिए?
(क) फेंक देना चाहिए
(ख) नहीं फेंकना चाहिए
(ग) छोटी चीज काम आ सकती है
(घ) सभी का महत्त्व है
उत्तर: (ख) नहीं फेंकना चाहिए।
(iv) सुई क्या काम करती है?
(क) कपड़े सिलती है।
(ख) कपड़े फाड़ देती है।
(ग) कुछ नहीं करती।
(घ) चुभ जाती है।
उत्तर: (क) कपड़े सिलती है।
काव्याश 10 और 11 को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर का सही उत्तर चुनकर लिखिए-
प्रश्न (i) विपत्ति में कौन काम आती है?
(क) अपनी संपत्ति
(ख) दूसरे को संपत्ति
(ग) दूसरा व्यक्ति
(घ) कोई नहीं
उत्तर: (क) अपनी संपत्ति।
(ii) क्या पानी के अभाव में सूर्य कमल को खिला सकता है?
(क) हाँ
(ख) नहीं
(ग) पता नहीं
(घ) शायद
उत्तर: (ख) नहीं।
(iii) पानी का क्या अर्थ है?
(क) जल
(ख) मान-सम्मान
(ग) दोनों (क) और (ख)
(घ) अन्य
उत्तर: (ग) दोनों (क) और (ख)।
(iv) पानी के बिना कौन नहीं उबर पाता?
(क) मोती
(ख) मनुष्य
(ग) चून
(घ) ये सभी
उत्तर: (घ) ये सभी।
प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर)
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भाँति क्यों नहीं हो पाता?
उत्तर: प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भाँति इसलिए नहीं हो पाता, क्योंकि उसमें गाँठ पड़ जाती है। प्रेम-संबंध यदि एक बार टूट जाए तो फिर पहली वाली स्थिति लौटकर नहीं आती। बीच में छोटी-मोटी दरार रह ही जाती है।
(ख) हमें अपना दुःख दूसरों पर क्यों नहीं प्रकट करना चाहिए? अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार कैसा हो जाता है?
उत्तर: हमें अपना दुःख दूसरों पर इसलिए प्रकट नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसका कोई लाभ नहीं है । कोई हमारा दुख बाँटता नहीं अपितु लोग हमारे दुख को सुनकर हमारा मजाक उड़ाते हैं।
(ग) रहीम ने सागर जल की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है?
उत्तर: रहीम ने सागर के जल को व्यर्थ इसलिए कहा है क्योंकि यह पीने के काम नहीं आता। सागर के जल के होने पर भी लोग प्यासे मरते हैं। इसकी तुलना में पंक-जल गंदा होते हुए भी इसलिए धन्य है, क्योंकि इसे पीकर छोटे-छोटे जीवों की प्यास बुझती है। इस जल का कुछ उपयोग तो है जबकि सागर के जल का कोई उपयोग नहीं है।
(घ) एक को साधने से सब कैसे सध जाते हैं?
उत्तर: एक ईश्वर की साधना करने से अन्य सभी देवता स्वयं सध जाते हैं; क्योंकि ये देवता भी उसी ईश्वर की साधना करते हैं अर्थात् हमें मूल ईश्वर की उपासना करनी चाहिए।
(ङ) जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी क्यों नहीं कर पाता?
उत्तर: जलहीन यानी पानी के बिना कमल की रक्षा सूर्य भी नहीं कर सकता, यद्यपि सूर्य ही कमल को खिलाता है। वही कमल खिलेगा जो पानी के मध्य स्थित है अर्थात् दूसरा भी हमारी मदद तभी कर पाता है जब हमारे पास कुछ होता है। साधनहीन की कोई मदद नहीं करता।
(च) अवध नरेश को चित्रकूट क्यों जाना पड़ा?
उत्तर: अवध नरेश को चित्रकूट इसलिए जाना पड़ा, क्योंकि वहाँ के कण-कण में राम समाए हुए हैं। विपत्ति की घड़ी में व्यक्ति को वहाँ आना ही पड़ता है, चाहे कोई कितना भी बड़ा क्यों न हो।
(छ) ‘नट’ किस कला में सिद्ध होने के कारण ऊपर चढ़ जाता है?
उत्तर: नट कुंडली मारने की कला में सिद्ध होने के कारण ऊपर चढ़ जाता है। वह कुंडली में सिमट जाता है और छलाँग मारकर रस्सी के ऊपर चढ़ जाता है।
(ज) ‘मोती, मानुष, चून’ के संदर्भ में पानी के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: ‘मोती’ के संदर्भ में पानी ही उसमें चमक लाता है। इसी चमक से वह कीमती बनता है। ‘मानुष’ के संदर्भ में ‘पानी’ इज्जत, मान-सम्मान का प्रतीक बनकर आता है। इसी से मनुष्य का समाज में स्थान तय होता है।
‘चून’ के संदर्भ में पानी ही उसे गूंधने के योग्य बनाता है और तभी इससे खाना पकता है।
2. निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए:
(क) टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।
उत्तर: एक बार टूटने से फिर उसमें पहले जैसी सामान्य स्थिति नहीं आ पाती है। धागे के टूटने पर जोड़ते समय उसमें गाँठ पड़ जाती है। यही स्थिति प्रेम-संबंधों की भी है। उनमें हल्की दरार तो आ ही जाती है।
(ख) सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय।
उत्तर: (ख) आपके दुख को सुनकर दूसरे लोग आपका मजाक ही उड़ाते हैं। आपके दुख को बाँटने वाला कोई नहीं होता। अतः अपना दुख किसी के सम्मुख प्रकट नहीं करना चाहिए।
(ग) रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय।
उत्तर: रहीमदास का कहना है कि हमें मूल तत्त्व को पकड़ना चाहिए। उसी को सींचने से इच्छित वस्तु या लक्ष्य की प्राप्ति होती है। अन्य सभी बातें तो गौण होती हैं। उनकी ओर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है।
(घ) दीरघ दोहा अरथ के, आखर थोरे आहिं।
उत्तर: दोहे में अक्षर भले ही कम होते हों, पर उसमें अर्थ , की गंभीरता अवश्य रहती है। सदा अच्छी वस्तु मात्रा में कम ही होती है।
(ङ) नाद रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत।
उत्तर: त्याग की भावना पशु में मनुष्य से अधिक होती है। मृग संगीत-प्रेम के कारण अपने शरीर तक की परवाह नहीं करता, जबकि मनुष्य धन की बहुत अधिक परवाह करता है।
(च) जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तरवारि।
उत्तर: छोटी वस्तु का अपना विशेष महत्त्व होता है। उसे व्यर्थ की समझकर फेंक नहीं देना चाहिए। सुई की जगह सुई ही काम आएगी, तलवार नहीं।
(छ) पानी गए न ऊबरै मोती, मानुष, चून।
उत्तर: इस संसार में पानी का बहुत अधिक महत्त्व है। उसके अभाव में कोई नहीं उबर पाता। मोती, मनुष्य और चून (आटे) पर इसके प्रभाव को प्रत्यक्ष देखा जा सकता है।
3. निम्नलिखित भाव को पाठ में किन पंक्तियों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है-
(क) जिस पर विपदा पड़ती है वही इस देश में आता है।
उत्तर: जा पर बिपदा पड़त है, सो आवत यह देस।
(ख) कोई लाख कोशिश करे पर बिगड़ी बात फिर बन नहीं सकती।
उत्तर: बिगरी बात बनै नहीं, लाख करौ किन कोय।
(ग) पानी के बिना सब सूना है, अतः पानी अवश्य रखना चाहिए।
उत्तर: रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।
4. उदाहरण के आधार पर पाठ में आए निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित रूप लिखिए:
उदाहरण : कोय – कोई, जे जो
ज्यों, नहि, धनि, जिय, होय, तरवार, मूलहिं, पिआसो, आवे, ऊबरै, बिथा, परिजाय
उत्तर:
ज्यों – जैसे
नहि – नहीं
धनि – धन्य
जिय – जी
होय – होना
तरवार – तलवार
मूलहिं – मूल को
पिआसो – प्यासा
आवे – आए
ऊबरै – उबरना
बिथा – व्यथा
परिजाय – पड़ जाए।
योग्यता-विस्तार
1. ‘सुई की जगह तलवार काम नहीं आती’ तथा ‘बिन पानी सब सून’ इन विषयों पर कक्षा में परिचर्चा आयोजित कीजिए।
उत्तर: छात्र-छात्री स्वयं करें।
2. ‘चित्रकूट’ किस राज्य में स्थित है, इसकी जानकारी प्राप्त कीजिए।
उत्तर: छात्र-छात्री स्वयं करें।
परियोजना-कार्य
नीति संबंधी अन्य कवियों के दोहे/कविता एकत्र कीजिए और उन दोहों/कविताओं को चार्ट पर लिखकर भित्ति-पत्रिका पर लगाइए।
उत्तर:
नीति संबंधी अन्य दोहे
1. जे गरीब पर हित करै, ते रहीम बड़ लोग।
कहा सुदामा बापुरी, कृष्ण मिताई जोग॥
2. कहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीत।
बिपति कसौटी जे कसे, ते ही साँचे मीत॥
3. जो रहीम उत्तम प्रकृत्ति, का करि सकत कुसंग।
चंदन विष व्यापत नहिं लिपटे रहत भुजंग॥
4. गहि सरनागति राम की, भवसागर की नाव।
रहिमन जगत उधार कर, और कछू उपाव॥
5. रहिमन येहि संसार में सबसों मिलिए धाय।
ना जानै केहि रूप में, नारायण मिल जाय॥
6. रामनाम मनि दीप धरु, जीह देहरी द्वार।
तुलसी भीतर बाहिरौ, जौ चाहत उजियार॥
7. नर और नीर की गति एकै कर जान।
जेते नीचे ह्वै चले, तेते ऊँचे जान॥
परीक्षा उपयोगी अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
(क) लघुत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1. लाख कोशिश करने पर भी बिगड़ी बात क्यों नहीं बन पाती?
उत्तर: लाख कोशिश करने पर भी बिगड़ी बात इसलिए नहीं बन पाती, क्योंकि जिस प्रकार फटे दूध से मक्खन नहीं निकाला जा सकता, उसी प्रकार बात को पुनः पहली वाली स्थिति में नहीं लाया जा सकता। बात को बिगड़ने से पहले ही सावधानी बरतनी चाहिए।
प्रश्न 2. ‘बिन पानी सब सून’ का अर्थ क्या है?
उत्तर: इसका अर्थ यह है कि पानी के बिना सारा संसार सूना है। पानी का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है। पानी के अर्थ तो अनेक हैं, पर सभी का तात्पर्य यही है कि पानी के अभाव में कोई व्यक्ति या वस्तु नहीं उबर सकती। पानी अत्यंत महत्त्वपूर्ण वस्तु है।
प्रश्न 3. रहीम ने अपने मन की व्यथा को बाँटने के लिए क्यों मना किया है?
उत्तर: रहीम ने अपने मन की व्यथा को दूसरों के साथ बाँटने के लिए इसलिए मना किया है, क्योंकि इसका लाभ तो कुछ होता नहीं, हानि की ही संभावना रहती है। हमारी व्यथा से किसी को सहानुभति नहीं होती, बल्कि इसे सुनकर लोग हमारा मजाक ही उड़ाते हैं, दुःख को कोई नहीं बाँटता।
प्रश्न 4. रहीम ने एक को साधने की बात क्यों कही है?
उत्तर: एक ही ईश्वर (ब्रह्म) को साधने से अन्य सभी देवी-देवता स्वयं सध जाते हैं। जब हम सभी की शरण में जाने का उपक्रम करते हैं तब हम कहीं के नहीं रहते। हमें पेड़ की जड़ को ही सींचना चाहिए। फूल-पत्तों में पानी स्वयं पहुँच जाता है।
प्रश्न 5. प्रेम का धागा क्यों नहीं तोड़ना चाहिए?
अथवा
प्रेम रूपी धागे की क्या विशेषता है?
उत्तर: प्रेम के धागे को चटका कर नहीं तोड़ना चाहिए, क्योंकि यह पुनः पूर्व स्थिति में कभी नहीं आ पाता। जुड़ने पर गाँठ तो पड़ ही जाती है। प्रेम रूपी धागा बड़ा नाजुक होता है। किसी भी प्रकार की गलतफहमी इसे चटकाकर तोड़ देती है। एक बार प्रेम संबंध टूट जाए तो प्रयास करने पर भी पहले वाली स्थिति नहीं आ पाती।
प्रश्न 6. दोहे की किस विशेषता की ओर कवि ने संकेत किया है?
उत्तर: दोहे की इस विशेषता की ओर कवि ने संकेत किया है कि इसमें शब्द तो थोड़े ही होते हैं, पर इसके अर्थ में गहराई छिपी रहती है। इसे ‘गागर में सागर’ कहा जा सकता है।
प्रश्न 7. कवि रहीम के अनुसार विपत्ति में हमारा सहायक कौन होता है?
उत्तर: कवि रहीम के अनुसार विपत्ति में हमारा संचित धन ही हमारा सहायक होता है, अन्य कोई नहीं।
प्रश्न 8. ‘ते रहीम पशु से अधिक रीझेहु कछु न देत’ – कवि ने ऐसा क्यों कहा है?
अथवा
रहीम ने पशु से भी तुच्छ किसे माना है और क्यों?
उत्तर: रहीम ने उन लोगों को पशु से भी तुच्छ माना है, जो किसी की आर्थिक मदद नहीं करते। ऐसे व्यक्ति कंजूस किस्म के होते हैं। वे किसी पर रीझकर भी किसी की मदद नहीं करते, जबकि हिरन संगीत पर रीझकर अपनी जान तक दे देता है।
प्रश्न 9. रहीम सागर की बड़ाई करने के पक्ष में क्यों नहीं है?
उत्तर: रहीम सागर की बड़ाई करने के पक्ष में इसलिए नहीं हैं क्योंकि उसके जल का कोई उपयोग नहीं है। उसमें विशाल जल-भंडार होते हुए भी जग प्यासा रह जाता है। इससे तो तालाब का जल ही जीवों के लिए उपयोगी होता है।
प्रश्न 10. एक उदाहरण देकर सिद्ध कीजिए कि रहीम के दोहे आज भी प्रासंगिक हैं।
उत्तर: रहीम के दोहे आज भी प्रासंगिक हैं। इसे इस उदाहरण द्वारा सिद्ध किया जा सकता है-
अपनी संपत्ति के बिना विपत्ति में कोई भी सहायक नहीं होता, जिस प्रकार जल के बिना कमल की रक्षा सूर्य भी नहीं कर पाता। आज के युग में भी यह बात पूरी तरह प्रासंगिक है।
प्रश्न 11. रहीम के अनुसार ‘निज सम्पत्ति’ क्यों आवश्यक है?
उत्तर: रहीम के अनुसार निज सम्पत्ति इसलिए आवश्यक है क्योंकि वही विपत्ति की घड़ी में सहायक बनती है। उसके अभाव में अन्य कोई सहायता को आगे नहीं आता।
प्रश्न 12. मृग संगीत में मग्न होकर क्या करता है?
उत्तर: संगीत सुनकर मृग (हिरण) इतना अधिक मोहित हो जाता है कि वह अपनी सुध-बुध खो बैठता है और अपना शरीर तक देता है। सुध-बुध अवस्था में बधिक उसे पकड़ लेता है और वह मारा जाता है।
(ख) निबंधात्मक प्रश्न
प्रश्न 1. रहीम के दोहों की क्या-क्या विशेषताएँ हैं?
उत्तर: रहीम के दोहे नीति परक हैं। इनमें सरल भाषा में नीति की बातें समझाई गई हैं। दोहे की एक पंक्ति में नीति की बात है तो दूसरी पंक्ति में उदाहरण देकर उसकी पुष्टि की गई है। इन दोहों में वे एक ओर पाठकों को यह शिक्षा देते हैं कि दूसरों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए, वहीं यह भी बताते हैं कि मानव को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। उनका कहना है कि अपने मन की व्यथा को अपने तक ही सीमित रखना चाहिए। लोगों को उसे सुनाना अपनी हँसी उड़वाना है। वे ईश्वर के संबंध में यह बताते हैं कि एक ही ईश्वर की भक्ति करनी चाहिए, वही पर्याप्त है। वे परोपकार की बात भी कहते हैं। उस छोटे तालाब को धन्य मानते हैं जिससे जीव पानी पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं, उसकी तुलना में विशाल समुद्र बेकार रह जाता है। उनका कहना यह भी है कि परोपकार में धन दान देना चाहिए। बात को बिगड़ने देने से पूर्व ही सँभाल लेना चाहिए। बड़ी चीज को देखकर छोटी चीज के महत्त्व को नकारना नहीं चाहिए। अपने मान-सम्मान को बनाए रखना चाहिए।