NCERT Class 7 Hindi Durva Chapter 10 हम धरती के लाल

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NCERT Class 7 Hindi Durva Chapter 10 हम धरती के लाल

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हम धरती के लाल

Chapter: 10

दूर्वा भाग–२

1. कविता से:

नीचे लिखी पंक्तियाँ पढ़कर उत्तर दो।

(क) “नया संसार बसाएँगे, नया इंसान बनाएँगे।”

तुम्हारे विचार से नया संसार बसाने और नया इंसान 

बनाने की ज़रूरत है या नहीं? कारण भी बताओ।

उत्तर: मेरे विचार से नया संसार बसाने और नया इंसान बनाने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि संसार इंसान से बनता है। यदि बदलाव की आवश्यकता है, तो वह केवल इंसान के विचारों और व्यवहार में है। जब इंसान अपने भीतर सुधार लाएगा और नैतिक मूल्यों को अपनाएगा, तो संसार अपने आप बेहतर और नया बन जाएगा। नया संसार या नया इंसान बनाने की कोई गारंटी नहीं है कि वहाँ समस्याएँ और असमानताएँ नहीं होंगी। हर समाज और व्यक्ति में अच्छाइयाँ और कमियाँ होती हैं, जिन्हें समझदारी और संवेदनशीलता से सुधारने की जरूरत है। इसलिए हमें बाहरी बदलाव के बजाय अपने भीतर परिवर्तन लाने पर ध्यान देना चाहिए, ताकि यह संसार अपने मूल स्वरूप में ही सुंदर और आदर्श बन सके।

(ख) “रोज त्योहार मनाएँगे।”

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तुम्हारे विचार से क्या रोज त्योहार मनाना उचित है? क्यों?

उत्तर: मेरे विचार से रोज त्योहार मनाना उचित नहीं है। त्योहार विशेष अवसरों पर मनाए जाते हैं और इनका उद्देश्य जीवन में उत्साह, उमंग और खुशी लाना होता है। यदि हम रोज त्योहार मनाएँगे, तो त्योहारों का महत्व कम हो जाएगा और वे साधारण दिन जैसे लगने लगेंगे। त्योहार न केवल खुशी मनाने का मौका देते हैं, बल्कि वे हमारी संस्कृति, परंपराओं और सामाजिक एकता को भी मजबूत करते हैं।

(ग) “सौ सौ स्वर्ग उतर आएँगे, सूरज सोना बरसाएँगे।

दूध पूत के लिए बदल देंगे तारों की चाल”

क्या ऊपर लिखी बातें संभव हो सकती हैं? कारण भी पता करो?

उत्तर: कवि की ये बातें प्रतीकात्मक रूप में संभव हो सकती हैं। इन पंक्तियों में कवि ने अतिशयोक्ति का प्रयोग करके यह दर्शाया है कि यदि इंसान के मन में सच्ची लगन, प्रेम और इच्छाशक्ति हो, तो वह असंभव को भी संभव बना सकता है। “सौ सौ स्वर्ग उतर आएँगे” का अर्थ है कि मनुष्य अपने परिश्रम और ईमानदारी से अपने जीवन को स्वर्ग के समान सुंदर और सुखमय बना सकता है। इसी प्रकार, “सूरज सोना बरसाएँगे” का तात्पर्य है कि मेहनत और समर्पण से जीवन में समृद्धि और खुशहाली लाई जा सकती है। “दूध पूत के लिए बदल देंगे तारों की चाल” से कवि यह बताता है कि माता-पिता अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए हर संभव प्रयास करने को तैयार रहते हैं, चाहे वह कितना भी कठिन क्यों न हो। 

(घ) कवि ‘हम धरती के लाल’ ही क्यों कहना चाहते हैं?

उत्तर: कवि हम धरती के लाल इसलिए कहना चाहते हैं ताकि वह मनुष्य का गहरा संबंध धरती से व्यक्त कर सकें। कवि धरती को माँ के समान मानते हैं और मनुष्यों को उसकी संतान के रूप में देखते हैं। जैसे एक संतान का यह कर्तव्य होता है कि वह अपने माता-पिता के प्रति आदर, प्रेम और कृतज्ञता व्यक्त करे, वैसे ही मनुष्यों का भी यह कर्तव्य बनता है कि वे धरती के प्रति सम्मान और देखभाल का भाव रखें। जब हम धरती को माँ के रूप में स्वीकार करते हैं, तो उससे हमारा भावनात्मक संबंध और भी मजबूत हो जाता है। यह संबंध हमें हमारी जिम्मेदारियों की याद दिलाता है कि हमें धरती की रक्षा करनी है, उसे स्वच्छ और हरा-भरा बनाए रखना है और उसके संसाधनों का सही उपयोग करना है। इस प्रकार कवि यह संदेश देना चाहते हैं कि मनुष्यों को धरती के प्रति कर्तव्यनिष्ठ और जिम्मेदार बनना चाहिए।

2. वाक्य बनाओ:

‘सुख-स्वप्नों के स्वर गूँजेंगे।’

इसमें ‘स’ अक्षर बार-बार आया है।

तुम भी नीचे लिखे वर्णों से वाक्य बनाओ। ध्यान रखो कि उस वर्ण से शुरू होने वाले तीन शब्द तुम्हारे वाक्य में हों।

(क) क…………………………………।

उत्तर: कमल का कलेजा  ठंड से काँप रहा है।

(ख) त………………………………….।

उत्तर: तोता ताजे तरबूज खा रहा है।

(ग) द…………………………………..।

उत्तर: दादी ने देहरी पर दीप जलाया।

3. शब्द-सज्जा:

(क) ‘हम नया भूगोल बनाएँगे।’ 

ऊपर लिखी पंक्ति में ‘भूगोल’ शब्द की जगह और कौन-कौन से शब्द आ सकते हैं? 

नीचे दिए गए बॉक्स में से छाँटो और कुछ शब्द स्वयं सोचकर लिखो।

संसार, कल्पना, इंसान, पौधा, चेतना, ज़माना, दुनिया, इतिहास।

उत्तर: संसार, इंसान, दुनिया, इतिहास, विश्व, राष्ट्र।

(ख) नीचे लिखे शब्दों को तुम्हारे घर की भाषा में क्या कहते हैं?

(क) देश…………….।

उत्तर: देश-देश।

(ख) धरती……………..।

उत्तर: धरती- पृथ्वी।

(ग) दूध……………..।

उत्तर: दूध-दूध।

(घ) जनता………….।

उत्तर: जनता-जनता।

(ङ) त्योहार…………।

उत्तर: त्योहार-उत्सव।

(च) इंसान…………..।

उत्तर: इंसान-मानव।

4. सोचो और बताओ।

(क) कवि एक नया संसार बसाना चाहता है जहाँ मानव की मेहनत पूजी जाए, जहाँ जनता में एकता हो, जहाँ सब समान हों, जहाँ सभी सुखी हों। तुम्हें अपने संसार में ऊपर लिखी बातें नज़र आती हैं या नहीं? इन बातों के होने या न होने का क्या कारण है?

उत्तर: हाँ, मुझे अपने संसार में ये बातें नज़र आती हैं। हमारे संसार में मानव की मेहनत को सम्मान दिया जाता है, क्योंकि जो लोग अपने परिश्रम और लगन से आगे बढ़ते हैं, वे समाज के लिए प्रेरणा बनते हैं। उनकी सफलता यह साबित करती है कि मेहनत का महत्व हमेशा स्वीकार किया जाता है। इसके अलावा, हमारे समाज में एकता भी दिखाई देती है। लोग कठिन समय में एक-दूसरे की मदद के लिए आगे आते हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि समाज में सहयोग और भाईचारे की भावना मौजूद है। हालाँकि, कहीं-कहीं असमानता और भेदभाव दिखाई देते हैं, लेकिन धीरे-धीरे इन समस्याओं को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। आज दुनिया के देश आपस में व्यापारिक संबंध बनाए रखते हैं और एक-दूसरे की संस्कृति और सभ्यता को अपनाने के लिए तत्पर रहते हैं। 

(ख) तुम भी अपने संसार के बारे में कल्पनाएँ ज़रूर करते होंगे। अपने सपनों की दुनिया के बारे में बताओ।

उत्तर: मैं अपने सपनों की दुनिया को एक ऐसा स्थान मानता हूँ जहाँ प्रेम, शांति और सौहार्द का वातावरण हो। मेरी कल्पना का संसार ऐसा होगा जहाँ कोई भेदभाव, असमानता या हिंसा न हो। वहाँ सभी लोग समान होंगे और एक-दूसरे का सम्मान करेंगे। इस दुनिया में मेहनत और ईमानदारी की कद्र की जाएगी, और हर व्यक्ति को उसकी मेहनत का पूरा फल मिलेगा।

मेरी सपनों की दुनिया में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ सबके लिए सुलभ होंगी, ताकि कोई भी व्यक्ति अवसरों से वंचित न रहे। वहाँ प्रकृति से प्रेम होगा, पेड़-पौधों की रक्षा की जाएगी, और नदियाँ स्वच्छ और निर्मल बहेंगी। लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक होंगे और धरती को हरा-भरा बनाए रखेंगे।

इस दुनिया में हर बच्चा खुश रहेगा, खेल-कूद और पढ़ाई में आगे बढ़ेगा। वहाँ युद्ध, लालच और स्वार्थ की जगह सहयोग,दया और भाईचारे का भाव होगा। मेरी कल्पना की यह दुनिया एक आदर्श समाज की तस्वीर है, जहाँ सभी सुखी और संतुष्ट होंगे, और जहाँ हर दिन एक त्योहार की तरह होगा।

5. कैसे?

बताओ तुम ये काम कैसे करोगे? शिक्षक से भी सहायता लो।

(क) समय को राह दिखाना।

उत्तर: मैं समय को राह दिखाने के लिए एक समय सारणी बनाकर अपने कार्यों को योजनाबद्ध तरीके से पूरा करूँगा। अनुशासन और नियमितता का पालन करूँगा और समय का सही उपयोग करूँगा। किसी कठिनाई पर मैं अपने शिक्षक से मार्गदर्शन लेकर आगे बढ़ूँगा।

(ख) जनता को एक करना।

उत्तर: मैं जनता को एक करने के लिए प्रेम, भाईचारे और एकता का संदेश फैलाऊँगा। सभी के बीच समानता और सहयोग की भावना बढ़ाने का प्रयास करूँगा। आवश्यकता पड़ने पर मैं अपने शिक्षक से मार्गदर्शन लेकर समाज में एकता और सामंजस्य बनाए रखने के लिए काम करूँगा।

(ग) तारों की चाल बदल देना।

उत्तर: मैं तारों की चाल बदल देने जैसे असंभव कार्य को अपने संकल्प, मेहनत और नई सोच के द्वारा प्रतीकात्मक रूप से पूरा करने का प्रयास करूँगा। अपने ज्ञान और विज्ञान के प्रयोग से नई खोजें करूँगा और असंभव को संभव बनाने की दिशा में कार्य करूँगा। आवश्यकता पड़ने पर मैं अपने शिक्षक से मार्गदर्शन लूँगा और उनकी सहायता से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करूँगा।

(घ) नया भूगोल बनाना।

उत्तर: मैं नया भूगोल बनाने का कार्य शिक्षा, ज्ञान और विज्ञान के माध्यम से करूँगा। पर्यावरण की रक्षा, नई खोजों और संसाधनों के सही उपयोग द्वारा मैं धरती को अधिक सुंदर, सुरक्षित और विकसित बनाने का प्रयास करूँगा। इसके लिए मैं अपने शिक्षक से मार्गदर्शन लेकर योजनाएँ बनाऊँगा और लोगों को जागरूक करूँगा।

(ङ) नया इंसान बनाना।

उत्तर: मैं नया इंसान बनाने के लिए आत्म-सुधार, अच्छे विचार और सकारात्मक दृष्टिकोण को अपनाऊँगा। अपने कार्यों में ईमानदारी, मेहनत और दूसरों की मदद करने की भावना रखूँगा। इसके लिए मैं अपने शिक्षक से मार्गदर्शन लूँगा और अपने आसपास के लोगों को भी इसी दिशा में प्रेरित करने का प्रयास करूँगा।

6. यह भी करो:

ऐसी ही एक और कविता खोजकर अपनी कॉपी में लिखो। तुम स्वयं भी कविता की रचना कर सकते हो।

उत्तर: विद्यार्थी इस प्रश्न का उत्तर स्वयं करें।

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