NCERT Class 7 Hindi Chapter 9 चिड़िया की बच्ची

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NCERT Class 7 Hindi Chapter 9 चिड़िया की बच्ची

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चिड़िया की बच्ची

Chapter: 9

वसंत भाग – 2 

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

प्रश्न- 1. माधवदास ने किसका निर्माण करवाया? 

उत्तर: माधवदास ने एक संगमरमर की कोठी और उसके सामने सुहावने बगीचे का निर्माण करवाया।

2. माधवदास किस स्वभाव के व्यक्ति है?

उत्तर: माधवदास कला-प्रेमी और सुंदर अभिरुचि वाले हैं।

3. वे शाम को कहीं, किस प्रकार बैठते हैं? 

उत्तर: वे शाम को कोठी के बाहर चबूतरे पर तख्त डलवाकर मसनद के सहारे गलोचे पर बैठते हैं।

4. उन्हें किसमें तृप्ति मिलती है?

उत्तर: उन्हें प्रकृति की छटा निहारने में तृप्ति मिलती है।

5. उस दिन संध्या को क्या हुआ?

उत्तर: उस दिन संध्या के समय एक चिड़िया गुलाब की डोली पर आ बैठी।

6. चिड़िया कैसी थी?

उत्तर: चिड़िया बहुत सुंदर थी। उसकी गरदन लाल थी। उसके पंख चमकदार थे; शरीर पर चित्रकारी थी।

7. चिड़िया को क्या पता नहीं था?

उत्तर: चिड़िया को माधवदास की सत्ता का कुछ पता नहीं था।

8. वह कैसी मालूम देती थी?

उत्तर: चिड़िया बहुत खुश मालूम देती थी।

9. माधवदास ने चिड़िया से क्या कहा?

उत्तर: माधवदास ने चिड़िया से कहा-तुम बड़ी भोली हो। तुम्हें देखकर मेरा मन खुश हो जाता है।

10. माधवदास का महल कैसा है?

उत्तर: माधवदास का महल सूना है। वहाँ कोई भी चहकता नहीं।

11. माधवदास ने चिड़िया से क्या प्रार्थना की?

उत्तर: माधवदास ने चिड़िया से अपने महल में ही रहने की प्रार्थना की।

12. चिड़िया क्या नहीं जानती?

उत्तर: चिड़िया यह नहीं जानती कि सामने वाला व्यक्ति सेठ है। यह सेठ को भी नहीं जानती।

12. चिड़िया ने माँ के बारे में क्या कहा?

उत्तर: चिड़िया ने कहा कि उसकी माँ उसे बहुत प्यार करती है और वह उसकी प्रतीक्षा करती होगी। 

13. मालामाल किसे कहते हैं?

उत्तर: मालामाल धनी व्यक्ति को कहते हैं।

14. चिड़िया को क्या बोध हुआ?

उत्तर: चिड़िया को बोध हुआ कि किसी का कठोर स्पर्श उसके शरीर को छू रहा है।

15. कठोर स्पर्श पर चिड़िया ने क्या प्रतिक्रिया दो?

उत्तर: उस कठोर स्पर्श से चिड़िया चीखी और चिचियाई। 

15. वह उड़ती हुई कहाँ जा पहुंची?

उत्तर: वह चिड़िया उड़ती हुई एक साँस में माँ की गोद में जा गिरी।

बहुविकल्पी प्रश्न

सही उत्तर चुनकर लिखिए–

1. माधवदास की कोठी किससे बनी है?

(क) लाल पत्थर से।

(ख) संगमरमर से।

(ग) सोमेंट से।

(घ) सफेद पत्थरों से।

उत्तर: (ख) संगमरमर से।

2. माघवदास के पास धन की-

(क) कमी है।

(ख) कमी नहीं है।

(ग) दिक्कत है।

(घ) स्थिति पता नहीं।

उत्तर: (ख) कमी नहीं है।

3. उनके पास समय-

(क) काफी है।

(ख) कम है।

(ग) अच्छा है।

(घ) पता नहीं।

उत्तर: (क) काफी है।

4. चिड़िया कहाँ आ बैठी थी?

(क) गुलाब की डाली पर।

(ख) नीम की डाली पर।

(ग) कदंब के पेड़ पर।

(घ) पीपल के पेड़ पर।

उत्तर: (क) गुलाब की डाली पर।

5. चिड़िया की गरदन कैसी थी?

(क) लाल।

(ख) गुलाबी।

(ग) नीली।

(घ) स्याह।

उत्तर: (क) लाल।

6. चिड़िया क्या कर रही थी?

(क) पर हिला रही थी। 

(ख) कभी फुदकती थी।

(ग) दोनों काम।

(घ) कुछ नहीं।

उत्तर: (ग) दोनों काम।

7. ‘भोली चिड़िया’ में रेखांकित शब्द क्या है?

(क) संज्ञा।

(ख) विशेषण।

(ग) क्रिया।

(घ) सर्वनाम।

उत्तर: (ख) विशेषण।

8. ‘तुम प्यारी हो।’ -रेखांकित शब्द क्या है?

(क) संज्ञा।

(घ) सर्वना।

(ग) विशेषण।

(घ) क्रिया।

उत्तर: (ख) सर्वनाम।

9. माधवदास कौन है?

(क) एक सेठ।

(ख) एक कला प्रेमी।

(ग) दोनों।

(घ) कोई नहीं।

उत्तर: (ग) दोनों।

10. चिड़िया स्वयं को कैसा बताती है?

(क) समझदार।

(ख) अनसमझ।

(ग) प्यारो।

(घ) मूर्ख।

उत्तर: (ख) अनसमझ।

11. क्या चिड़िया मालामाल होना चाहती थी?

(क) हाँ।

(ख) नहीं।

(ग) पता नहीं।

(घ) कुछ-कुछ।

उत्तर: (ख) नहीं।

12. चिड़िया की राह कौन देख रही होगी?

(क) माँ।

(ख) सखी।

(ग) पड़ोसन।

(घ) कोई नहीं।

उत्तर: (क) माँ।

13. ‘कठोर स्पर्श’ में रेखांकित शब्द क्या है? 

(क) संज्ञा।

(ख) सर्वनाम।

(ग) विशेषण।

(घ) क्रिया।

उत्तर: (ग) विशेषण।

14. यह कठोर स्पर्श किसका हो सकता है?

(क) सेठ का।

(ख) माधवदास का।

(ग) नौकर का।

(घ) किसी का भी।

उत्तर: (ग) नौकर का।

15. माँ की गोद में चिड़िया क्या करने लगी? 

(क) रोने।

(ख) सुत्रकने।

(ग) हँसने।

(घ) सोने।

उत्तर: (ख) सुत्रकने।

प्रश्न-अभ्यास

>> कहानी से

प्रश्न 1. किन बातों से ज्ञात होता है कि माधवदास का जीवन संपन्नता से भरा था और किन बातों से ज्ञात होता है कि वह सुखी नहीं था?

उत्तर: निम्नलिखित बातों से ज्ञात होता है कि माधवदास का जीवन संपन्नता से भरा था-

– माधवदास ने संगमरमर की नई कोठी बनवाई है। 

– उसके पास धन की कोई कमी नहीं है।

– वह चिड़िया से कहता है– “मेरे पास बहुत-सा सोना-मोती है। सोने के एक बहुत सुंदर घर मैं तुम्हें बना दूँगा, मोतियों की झालर उसमें लटकेगी।” 

– मेरी कोठियों पर कोठियाँ हैं, बगीचों पर बगीचे हैं।

निम्नलिखित बातों से प्रतीत होता है कि वह सुखी नहीं था:

– खयाल-ही-खयाल में संध्या को स्वप्न की भाँति गुजार देते हैं।

– जी भरकर भी कुछ खाली -सा रहता है।

– मेरा महल भी सूना है। वहाँ कोई भी चहकता नहीं। 

– मेरा दिल वीरान है। वहाँ कब हँसी सुनने को मिलती है?

प्रश्न 2. माधवदास क्यों बार-बार चिड़िया से कहता है कि यह बगीचा तुम्हारा ही है? क्या माधवदास निःस्वार्थ मन से ऐसा कह रहा था? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: माधवदास चिड़िया से बार-बार ऐसा इसलिए कहता है क्योंकि उसे चिड़िया बहुत सुंदर और प्यारी लगी। उसे देखकर उसका मन प्रफुल्लित हो गया। वह उसे देखते रहना चाहता था। इससे उसके मन का एकाकीपन दूर होता था।

माधवदास का ऐसा कहना पूरी तरह से नि:स्वार्थ मन से नहीं था। चिड़िया को देखने से उसके मन को संतुष्टि का अनुभव हो रहा था। वह अपने मन के सुख के लिए चिड़िया को अपने बगीचे में रखना चाहता था।

प्रश्न 3. माधवदास के बार-बार समझाने पर भी चिड़िया सोने के पिंजरे और सुख-सुविधाओं को कोई महत्त्व नहीं दे रही थी। दूसरी तरफ़ माधवदास की नज़र में चिड़िया की ज़िद का कोई तुक न था। माधवदास और चिड़िया के मनोभावों के अंतर क्या-क्या थे? अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर: चिडिया और माधवदास के मनोभावों में भारी अंतर था। माधवदास अभी भी अपनी धन-दौलत को सभी कुछ समझ रहा था। उसका विचार था कि सोने, चाँदी, महल आदि से सभी को वश में किया जा सकता है। जबकि चिड़िया प्रकृति प्रेमी है। उसे अपनी स्वच्छंदता प्यारी है। वह धन-दौलत को कुछ नहीं समझती। उसे अपनी माँ की गोद सबसे मूल्यवान और प्यारी प्रतीत होती है। यही कारण है कि चिड़िया माधवदास के बार-बार समझाने पर भी सोने के पिंजरे और सुख-सुविधाओं के लालच में नहीं आती।

प्रश्न 4. कहानी के अंत में नन्हीं चिड़िया का सेठ के नौकर के पंजे से भाग निकलने की बात पढ़कर तुम्हें कैसा लगा? चालीस-पचास या इससे कुछ अधिक शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया लिखिए।

उत्तर: कहानी के अंत में चिड़िया सेठ के नौकर के पंजे के चंगुल से भाग निकलती है और उड़कर सीधी माँ की गोद में जाकर सुबकने लगती है।

इस बात को पढ़कर हमें बहुत अच्छा लगा। हाँ, यदि सेठ का नौकर उसे पकड़ कर पिंजरे में डाल देता तो हमें बहुत बुरा लगता। उसके भाग निकलने से उसकी स्वच्छंदता कायम रहती है। पक्षी को बंधन में रहना कतई पसंद नहीं होता। वह किसी भी लोभ में नहीं फँसता। उसे तो प्रकृति में स्वच्छंद उड़ान भरना प्रिय लगता है। वह घोंसले में रहकर और माँ का सान्निध्य पाकर खुश रहता है।

प्रश्न 5. ‘माँ मेरी बाट देखती होगी’-नन्हीं चिड़िया बार-बार इसी बात को कहती है। आप अपने अनुभव के आधार पर बताइए कि हमारी जिंदगी में माँ का क्या महत्त्व है?

उत्तर: हमारी जिंदगी में भी माँ का बहुत महत्त्व है। जिस प्रकार चिड़िया बार-बार माँ के पास जाने की रट लगाए रहती है, उसी प्रकार हम भी अपनी माँ के पास जाने की चाह रखते हैं। माँ हमें जन्म देती है, हमारा पालन-पोषण करती है, हमें सभी सुख-सुविधाएँ उपलब्ध कराती है तथा दुःख की घड़ी में हमें ढाढस बँधाती है। हम माँ के ऋण से उऋण नहीं हो सकते। माँ हमारे सुख की सच्ची साथी होती है।

प्रश्न 6. इस कहानी का कोई और शीर्षक देना हो तो आप क्या देना चाहेंगे और क्यों? 

उत्तर: हम इस कहानी का यह शीर्षक देना चाहेंगे- ‘सुखी कौन?’

इसका कारण यह है कि सुख धन-दौलत में नहीं मिलता। सुखी वह है जो प्रकृति की गोद में रहकर स्वच्छंद जीवन बिताता है। सेठ सुखी नहीं है जबकि चिड़िया सुखी है।

>> कहानी से आगे

1. इस कहानी में आपने देखा कि वह चिड़िया अपने घर से दूर आकर भी फिर अपने घोंसले तक वापस पहुँच जाती है। मधुमक्खियों, चींटियों, ग्रह-नक्षत्रों तथा प्रकृति की अन्य विभिन्न चीज़ों में हमें एक अनुशासनबद्धता देखने को मिलती है। इस तरह के स्वाभाविक अनुशासन का रूप आपको कहाँ-कहाँ देखने को मिलता है? उदाहरण देकर बताइए।

* इस प्रकार का स्वाभाविक अनुशासन का रूप हमें प्रकृति के विभिन्न रूपों में मिलता है- सूर्य अपने नियत समय पर निकलता है और छिपता है। वह एक दिन के लिए भी छुट्टी नहीं करता। चंद्रमा की भी यही स्थिति है।

ऋतुचक्र भी अनुशासन का पालन करता है।

2. सोचकर लिखिए कि यदि सारी सुविधाएँ देकर एक कमरे में आपको सारे दिन बंद रहने को कहा जाए तो क्या आप स्वीकार करेंगे? आपको अधिक प्रिय क्या होगा- ‘स्वाधीनता’ या ‘प्रलोभनोंवाली पराधीनता’? ऐसा क्यों कहा जाता है कि पराधीन व्यक्ति को सपने में भी सुख नहीं मिल पाता? नीचे दिए गए कारणों को पढ़ें और विचार करें-

(क) क्योंकि किसी को पराधीन बनाने की इच्छा रखनेवाला व्यक्ति स्वयं दुखी होता है, वह किसी को सुखी नहीं कर सकता। 

(ख) क्योंकि पराधीन व्यक्ति सुख के सपने देखना ही नहीं चाहता।

(ग) क्योंकि पराधीन व्यक्ति को सुख के सपने देखने का भी अवसर नहीं मिलता। 

* हमें अपनी स्वाधीनता पसंद है। हम किसी भी कीमत पर पराधीनता को स्वीकार नहीं करेंगे। यह बिल्कुल सही है कि पराधीन व्यक्ति को सपने में भी सुख नहीं मिल पाता।

>> अनुमान और कल्पना

• आपने गौर किया होगा कि मनुष्य, पशु, पक्षी-इन तीनों में ही माँएँ अपने बच्चों का पूरा-पूरा ध्यान रखती हैं। प्रकृति की इस अद्भुत देन का अवलोकन कर अपने शब्दों में लिखिए।

* मनुष्य को अपनी माँ से अत्यधिक प्रेम होता है। माँ भी अपने बच्चों का पूरा-पूरा ध्यान रखती है। 

पशुओं को भी अपने बच्चे प्रिय होते हैं। 

पक्षी भी अपने बच्चों का बहुत ध्यान रखते हैं। वे उनके भोजन की तलाश में दूर-दूर तक भटकते हैं। उनकी सुरक्षा की पूरी व्यवस्था करते हैं।

उत्तर: छात्र-छात्री स्वयं करें।

>> भाषा की बात

1. पाठ में पर शब्द के तीन प्रकार के प्रयोग हुए हैं- 

(क) गुलाब की डाली पर एक चिड़िया आन बैठी। 

(ख) कभी पर हिलाती थी।

(ग) पर बच्ची काँप-काँप कर माँ की छाती से और चिपक गई।

• तीनों ‘पर’ के प्रयोग तीन उद्देश्यों से हुए हैं। इन वाक्यों का आधार लेकर आप भी ‘पर’ का प्रयोग कर ऐसे तीन वाक्य बनाइए जिनमें अलग-अलग उद्देश्यों के लिए ‘पर’ के प्रयोग हुए हों।

– पर : उसने मुझसे चलने के लिए बहुत कहा पर मैं गया नही।

पर : मेज़ पर पुस्तक रखी है। 

पर : पक्षियों के पर सुंदर लगते हैं।

2. पाठ में तैंने, छनभर, खुश करियो-तीन वाक्यांश ऐसे हैं जो खड़ी बोली हिंदी के वर्तमान रूप में तूने, क्षणभर, खुश करना लिखे-बोले जाते हैं लेकिन हिंदी के निकट की बोलियों में कहीं-कहीं इनके प्रयोग होते हैं। इस तरह के कुछ अन्य शब्दों की खोज कीजिए।

अइयो : आओमन्नैं : मैंने
करियो : करनाआन : आकर।

कुछ करने को: 

बनाओ

एक बगीचे का चित्र। इसमें एक पेड़ पर बैठी चिड़िया दर्शाओ।

लिखो- (सर्जनात्मक गतिविधि)

‘स्वतंत्रता का महत्त्व’ विषय पर एक अनुच्छेद लिखो

उत्तर: छात्र-छात्री स्वयं करें।

परीक्षोपयोगी अन्य आवश्यक प्रश्नोत्तर

बहुविकल्पी प्रश्न

1. ‘चिड़िया की बच्ची’ पाठ के लेखक कौन हैं? 

(क) प्रयाग शुक्ल।

(ख) बालकृष्ण शर्मा नवीन।

(ग) भवानी प्रसाद मिश्र।

(घ) जैनेंद्र कुमार।

उत्तर: (घ) जैनेंद्र कुमार।

2. शाम के वातावरण में क्या-क्या परिवर्तन होने जाता है?

(क) गर्मी कम हो जाती है।

(ख) हवा चलने लगती है।

(ग) आसमान रंग-बिरंगा हो जाता है।

(घ) (क) और (ग)।

उत्तर: (घ) (क) और (ग)।

3. माधवदास चिड़िया से क्या चाहता था?

(क) वह वहाँ खूब गाए। 

(ख) वह पेड़ों पर झूमें।

(ग) वह वहीं रह जाए।

(घ) वह वहाँ से भाग जाए।

उत्तर: (ग) वह वहीं रह जाए।

4. माधवदास चिड़िया को किसका प्रलोभन दे रहे थे?

(क) सोने के पिंजरे का।

(ख) पेड़ की डालियों का।

(ग) घोंसले का।

(घ) अपनी धन/दौलत का।

उत्तर: (घ) अपनी धन/दौलत का।

5. बगीचे में चिड़िया कहाँ आकर बैठी थी?

(क) जमीन पर।

(ख) फव्वारे पर।

(ग) गुलाब की टहनी पर।

(घ) टीले के पास।

उत्तर: (ग) गुलाब की टहनी पर।

6. चिड़िया की गर्दन का रंग कैसा था?

(क) लाल।

(ख) पीला।

(ग) हरा। 

(घ) काला।

उत्तर: (क) लाल।

7. माधवदास अपना बहुत कुछ भूल गए। उन्होंने ऐसा क्या देखा?

(क) चिड़िया की सुंदरता।

(ख) खिले-खिले फूल।

(ग) चिड़िया की थिरकन।

(घ) फव्वारों से उछलता पानी। 

उत्तर: (ग) चिड़िया की थिरकन।

8. चिड़िया अपने घर से क्यों निकली थी?

(क) फूलों से बाते करने।

(ख) सूरज की धूप खाने।

(ग) हवा से खेलने।

(घ) उपर्युक्त सभी।

उत्तर: (घ) उपर्युक्त सभी।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. सेठ का नाम क्या था?

उत्तर: सेठ का नाम माधवदास था।

प्रश्न 2. सेठ ने क्या काम किया था?

उत्तर: सेठ ने अपनी नई कोठी बनवाई थी।

प्रश्न 3. सेठ में क्या-क्या गुण थे?

उत्तर: सेठ में कोई व्यसन नहीं था। वे कला प्रेमी थे तथा सुंदर अभिरुचि वाले व्यक्ति थे।

प्रश्न 4. सेठ माधवदास को चिड़िया कैसी लगी? 

उत्तर: सेठ माधवदास को चिड़िया बहुत सुंदर पर मनमानी लगी।

प्रश्न 5. सेठ के प्रस्ताव का चिड़िया पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर: सेठ के प्रस्ताव पर चिड़िया सकुचा गई।

प्रश्न 6. सेठ चिड़िया को क्या देना चाहता था? 

उत्तर: सेठ चिड़िया को सुंदर घर तथा काफी धन देना चाहता था।

प्रश्न 7. चिड़िया को सबसे प्यारी कौन लगती थी? 

उत्तर: चिड़िया को अपनी माँ सबसे प्यारी लगती थी।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. माधवदास ने चिड़िया को क्या-क्या प्रलोभन दिए?

उत्तर: माधवदास ने चिड़िया को ये प्रलोभन दिए–

– मैं तुम्हें एक सुंदर घर बनवाकर दूँगा।

– उसमें मोतियों की झालर लटकेगी।

– तुम्हें सोना-मोती दूँगा ।

– यह बगीचा उसी का होगा।

प्रश्न 2. चिड़िया ने सेठ के प्रस्ताव को ठुकराते हुए क्या कहा? 

उत्तर: चिड़िया ने सेठ के प्रस्ताव को ठुकराते हुए यह कहा कि उसकी समझ में सेठ की बातें नहीं आतीं। उसकी माँ के घोंसले के बाहर बहुत-सी धूप बिखरी रहती है। उसकी माँ उसे प्यार करती है। 

प्रश्न 3. चिड़िया को अंत में क्या बाघ हुआ तथा वह कहाँ जा पहुँची?

उत्तर: चिड़िया को अंत में किसी व्यक्ति के कठोर स्पर्श का बोध हुआ। जैसे ही किसी ने उसके शरीर को छुआ वह चीखी और चिंचिया कर उड़ गई। वह उड़ती हुई एक ही साँस में माँ के पास पहुँच गई तथा माँ की गोद में सिसकने लगी।

प्रश्न 4. माधवदास ने जीवन के अकेलेपन की दूर करने की क्या तरकीब निकाली?

उत्तर: जीवन के अकेलेपन को दूर करने के लिए एक दिन अपने बगीचे में बैठा था कि एक सुंदर चिड़िया आई उसके सौंदर्य व स्वच्छंदता से थिरकने पर वह मुग्ध हो गया। वह चिड़िया को अपने पास रखकर अपने जीवन का सूनापन दूर करना चाहता था, क्योंकि उसे ऐसा लगा कि चिड़िया यदि उसके पास रहेगी तो उसकी कोठी व बगीचे में उसकी चहचहाहट से चहल-पहल बनी रहेगी।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. एक दिन संध्या के समय सेट माधवदास ने अपने बगीचे में क्या दृश्य देखा?

उत्तर: एक दिन सेठ जी ने देखा कि संध्या समय उनके देखते-देखते सामने की गुलाब की डाली पर एक चिड़िया आन बैठी। चिड़िया बहुत सुंदर थी। उसकी गरदन लाल थी और गुलाबी होते-होते किनारों पर जरा-जरा नीली पड़ गई थी। पंख ऊपर से चमकदार स्याह थे। उसका नन्हा-सा सिर तो बहुत प्यारा लगता था और शरीर पर चित्र-विचित्र चित्रकारी थी। चिड़िया को मानो माधवदास की सत्ता का कुछ पता नहीं था और मानो तनिक देर का आराम भी उसे नहीं चाहिए था। कभी पर हिलाती थी, कभी फुदकती थी। वह खूब खुश मालूम होती थी। अपनी नन्ही-सी चोंच से प्यारी-प्यारी आवाज़ निकाल रही थी।

प्रश्न 2. एक उदाहरण देते हुए यह समझाओ कि नन्हीं चिड़िया अपनी माँ से बहुत प्रेम करती है।

उत्तर: नन्ही चिड़िया अपनी माँ से बहुत प्रेम करती है। माधवदास के प्रलोभनों से भयभीत वह किसी भी तरह वहाँ रुकने को तैयार नहीं है। उसे लगता है, जैसे उसने वहाँ आकर बहुत बड़ी गलती कर दी है। वह अपनी माँ के पास लौट जाना चाहती है। उसकी माँ उसकी राह देख रही होगी। उसके लिए खाने के दाने लाई होगी।। चिड़िया कहती है कि मैं किसी और की नहीं हूँ। मैं तो अपनी माँ की हूँ।

माधवदास कहता है, “भोली चिड़िया, तुम कहाँ रहती हो? तुम मुझे नहीं जानती हो?”

“मैं माँ को जानती हूँ, भाई को जानती हूँ, सूरज को और उसकी धूप को जानती हूँ। तुम कौन हो? मैं तुम्हें नहीं जानती।” इस उदाहरण से स्पष्ट होता है कि चिड़िया अपनी माँ से बहुत प्रेम करती है।

मूल्यपरक प्रश्न

प्रश्न: इस कहानी से आपको किस जीवन-मूल्य का बोध होता है?

उत्तर: इस कहानी से हमें अपनी स्वतंत्रता का पता चलता है। हमें किसी भी प्रकार के प्रलोभन में फँस कर अपनी स्वतंत्रता नहीं खोनी चाहिए। धन-दौलत हमें कभी सच्ची प्रसन्नता नहीं दे ‘सकते। माँ के स्नेह को किसी भी वस्तु से तौला नहीं जा सकता। हमें हर कीमत पर अपनी स्वतंत्रता की रक्षा करनी चाहिए।

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