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NCERT Class 7 Hindi Chapter 8 शाम: एक किसान
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शाम: एक किसान
Chapter: 8
वसंत भाग – 2
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
प्रश्न 1. कौन, किस रूप में बैठा है?
उत्तर: पहाड़ एक किसान के रूप में बैठा है। उसने सिर पर साफा बाँध रखा है तथा चिलम पी रहा है।
2. नदी किसके समान प्रतीत होती है?
उत्तर: पहाड़ के नीचे की नदी किसान के घुटनों पर पड़ी चादर के समान प्रतीत होती है।
3. किसे दहकती अँगीठी बताया गया है?
उत्तर: पलाश के लाल-लाल फूलों को दहकती अंगीठी बताया गया है।
4. अंधकार कैसा लग रहा है?
उत्तर: अंधकार दूर सिमटा भेड़ों के गल्ले के समान लग रहा है।
5. इस कविता के रचयिता कौन हैं?
उत्तर: इस कविता के रचयिता सर्वेश्वरदयाल सक्सेना हैं।
6. इस कविता में किस वातावरण का चित्रण है?
उत्तर: इस कविता में जाड़े की एक संध्या के वातावरण का चित्रण है।
7. दृश्य में क्या परिवर्तन आ जाता है?
उत्तर: मोर के बोलते ही अर्थात् संध्या के होते ही सारा प्राकृतिक वातावरण बदल जाता है-सूरज डूब जाता है, रात का अँधेरा छाने लगता है। लगता है, चिलम औंधी हो गई है, आग बुझ गई है।
बहुविकल्पी प्रश्न
सही उत्तर चुनकर लिखिए–
1. इस कविता के रचयिता कौन है?
(क) सर्वेश्वरदयाल सक्सेना।
(ख) सुमित्रानंदन पंत।
(ग) रघुवरदयाल सक्सेना।
(घ) मैथिलीशरण गुप्त।
उत्तर: (क) सर्वेश्वरदयाल सक्सेना।
2. पहाड़ किस रूप में है?
(क) किसान के रूप में।
(ख) साफा बांधे हुए।
(ग) चिलम खींचता।
(घ) से सभी रूप।
उत्तर: (घ) से सभी रूप।
3. कौन-सी अँगीठी दहक रही है?
(क) पलाश के जंगल की।
(ख) कोयले की।
(ग) लकड़ी की।
(घ) प्रकृति की।
उत्तर: (क) पलाश के जंगल की।
4. ‘भेड़ों के गल्ले सा’ में कौन-सा अलकार है?
(क) अनुप्रास।
(ख) उपमा।
(ग) रूपक।
(घ) यमक।
उत्तर: (ख) उपमा।
5. अचानक कौन बोल उठा?
(क) मोर।
(ख) किसान।
(ग) तोता।
(घ) किसान की पत्नी।
उत्तर: (क) मोर।
6. ‘चिलम आँधी होना’ किसका प्रतीक है?
(क) सूरज डूबने का।
(ख) सूरज चमकने का।
(ग) दिन छपने का।
(घ) रात होने का।
उत्तर: (क) सूरज डूबने का।
7. कौन-सा शब्द ‘सूरज ‘ का पर्यायवाची नहीं है-
(क) रवि।
(ख) दिनकर।
(ग) भास्कर।
(घ) राशि।
उत्तर: (घ) शशि।
प्रश्न-अभ्यास
>> कविता से
प्रश्न 1. इस कविता में शाम के दृश्य को किसान के रूप में दिखाया गया है-यह एक रूपक है। इसे बनाने के लिए पाँच एकरूपताओं की जोड़ी बनाई गई है। उन्हें उपमा कहते हैं। पहली एकरूपता आकाश और साफे में दिखाते हुए कविता में ‘आकाश का साफा’ वाक्यांश आया है। इसी तरह तीसरी एकरूपता नदी और चादर में दिखाई गई है, मानो नदी चादर-सी हो। अब आप दूसरी, चौथी और पाँचवीं एकरूपताओं को खोजकर लिखिए।
• इस प्रकार की दूसरी एकरूपता दिखाने वाली उपमाओं को कविता से खोजकर सूची बनाइए।
उत्तर: एकरूपता दिखाने वाली उपमाएँ-
1. पहाड़ – किसान
2. नदी – चादर
3. पलाश का जंगल – दहकती अँगीठी
4. अंधकार – भेड़ों का गल्ला।
प्रश्न 2. शाम का दृश्य अपने घर की छत या खिड़की से देखकर बताइए-
(क) शाम कब से शुरू हुई?
उत्तर: सायं छह बजे शुरू हुई।
(ख) तब से लेकर सूरज डूबने में कितना समय लगा?
उत्तर: आधे घंटे का समय लगा।
(ग) इस बीच आसमान में क्या-क्या परिवर्तन आए?
उत्तर: आसमान में लालिमा छा गई, आकाश पीला-पीला हो गया और अंत में सूरज आँखों से ओझल हो गया।
प्रश्न 3. मोर के बोलने पर कवि को लगा जैसे किसी ने कहा हो- ‘सुनते हो? आगे दिए गए पक्षियों की बोली सुनकर उन्हें भी एक या दो शब्दों में बाँधिए-
कबूतर | कौआ | मैना |
तोता | चील | हंस |
उत्तर:
कबूतर- गुटरगूँ
कौआ- काँव-काँव
चील- चें-चें
तोता- टें, टें,
मैना- कुहू कुहू
हंस- कुट-कुट
उत्तर: छात्र-छात्री स्वयं करें।
>> कविता से आगे
प्रश्न 1. इस कविता को चित्रित करने के लिए किन-किन रंगों का प्रयोग करना होगा?
उत्तर: पीला, सुनहरा, सफेद, लाल रंगों का प्रयोग करना होगा।
प्रश्न 2. शाम के समय ये क्या करते हैं, पता लगाइए और लिखिए-
पक्षी | खिलाड़ी | फलवाले | माँ |
पेड़-पौधे | पिताजी | किसान | बच्चे |
उत्तर: पक्षी घोंसलों की ओर लौट जाते हैं।
खिलाड़ी : खेलना बंद कर देते हैं।
फल वाले : फल बेचते हैं।
माँ : बच्चों के लिए खाना पकाने की तैयारी करती है।
पेड़-पौधे : सोने लगते हैं।
पिताजी : घर लौट आते हैं।
किसान : खेतों से लौट आते हैं। गाय-भैंसों का दूध निकालते हैं।
बच्चे : गृह कार्य करते हैं, टी.वी. देखते है।
प्रश्न 3. हिंदी के एक प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत ने संध्या का वर्णन इस प्रकार किया है-
संध्या का झुटपुट | कौओं का झुटपुट |
चहक रही है चिड़ियाँ | टीवी टी टुर-टुर |
• ऊपर दी गई कविता और सर्वेश्वरदयाल की कविता में आपको क्या मुख्य अंतर लगा? लिखिए।
उत्तर: सर्वेश्वरदयाल सक्सेना ने संध्याकालीन दृश्य का किसान के रूप में रूपक बाँधकर प्रस्तुत किया है जबकि कवि पंत ने संध्याकाल में विभिन्न पक्षियों की आवाज़ों को सुनवाया है।
>> अनुमान और कल्पना
• शाम के बदले यदि आपको एक कविता सुबह के बारे में लिखनी हो तो किन-किन चीज़ों की मदद लेकर अपनी कल्पना को व्यक्त करेंगे, नीचे दी गई कविता की पंक्तियों के आधार पर सोचिए।
पेड़ों के झुनझुने
बजने लगे,
लुढ़कती आ रही है
सूरज की लाल गेंद
उठो मेरी बेटी, सुबह हो गई।
(सर्वेश्वरदयाल सक्सेना)
उत्तर:
* सवेरा होने लगा है
लगता है सूरज की लाल गेंद
धरती की ओर लुढ़कती चली आ रही है।
पेड़ों के झुनझुने
बजने लगे हैं
सुबह हो गई,
उठो मेरी प्यारी बेटी, उठो।
बेटी कहती है,
अभी और सोने दो माँ
>> भाषा की बात
प्रश्न 1. नीचे लिखी पंक्तियों में रेखांकित शब्दों को ध्यान से देखिए :
(क) घुटनों पर पड़ी है नदी चादर-सी
(ख) सिमटा बैठा है भेड़ों के गल्ले-सा
(ग) पानी का पर्दा-सा मेरे आसपास था हिल रहा
(घ) मँडराता रहता था एक मरियल-सा कुत्ता आसपास
(ङ) दिल है छोटा-सा छोटी-सी आशा
(च) घास पर फुदकती नन्ही-सी चिड़िया
• इन पंक्तियों में सा/सी का प्रयोग व्याकरण की दृष्टि से कैसे शब्दों के साथ हो रहा है? क्या सा/सी का प्रयोग अलग अर्थों में दिया गया है? यदि हाँ, तो अर्थ के इस अंतर को बताइए।
उत्तर: ‘सा-सी’ का प्रयोग उपमा अलंकार के प्रयोग को दर्शाता है। इसमें दो चीजों में समानता दर्शाई जाती है। ‘सा-सी’ वाचक शब्द (समानता दर्शाने वाले शब्द) हैं।
(क), (ख), (ग) में ऐसा ही प्रयोग है।
(घ) कुत्ते की मरियल दशा बताने के अर्थ में।
(ङ) छोटी-सी- (स्त्रीलिंग-आशा)।
(च) नन्ही-सी- (स्त्रीलिंग-चिड़िया)।
प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों का प्रयोग आप किन संदर्भों में करेंगे? प्रत्येक शब्द के लिए दो-दो संदर्भ (वाक्य) रचिए :
• आँधी
• दहक
• सिमटा
उत्तर:
आँधी : 1. कल बहुत तेज़ आँधी आई थी।
2. मेरे मन में विचारों की आँधी चल रही थी।
दहक : 1. अँगीठी दहक उठी।
2. मैं बदले की आग में दहक रहा हूँ।
सिमटा : 1. मैं अपना कारोबार सिमटा रहा हूँ।
2. वह घर में सिमटा बैठा है।
कुछ करने को:
बनाओ
एक मोर का चित्र बनाकर उसमें रंग भरो।
लिखो – ‘सूर्यास्त का दृश्य’ पर एक अनुच्छेद लिखो।
उत्तर: छात्र-छात्री स्वयं करें।
परीक्षोपयोगी अन्य आवश्यक प्रश्नोत्तर
बहुविकल्पी प्रश्न
1. ‘शामः एक किसान’ कविता के रचयिता कौन हैं?
(क) भवानीप्रसाद मिश्र।
(ख) सर्वेश्वरदयाल सक्सेना।
(ग) नागार्जुन।
(घ) शिवप्रसाद सिंह।
उत्तर: (ख) सर्वेश्वरदयाल सक्सेना।
2. पहाड़ को किन रूपों में दर्शाया गया है?
(क) संध्या के रूप में।
(ख) किसान के रूप में।
(ग) एक पहरेदार के रूप में।
(घ) एक बच्चे के रूप में।
उत्तर: (ख) किसान के रूप में।
3. चिलम के रूप में किसका चित्रण किया गया है?
(क) पहाड़ का।
(ख) पलाश का।
(ग) अँगीठी का।
(घ) सूर्य का।
उत्तर: (घ) सूर्य का।
4. पहाड़ के चरणों में बहती नदी किस रूप में दिखाई देती है?
(क) चादर के रूप में।
(ख) साफ़े के रूप में।
(ग) रूमाल के रूप में।
(घ) किसान की धोती के रूप में।
उत्तर: (क) चादर के रूप में।
5. कौन-सी अँगीठी दहक रही है?
(क) कोयले की।
(ख) लकड़ी की।
(ग) पलाश के जंगल की।
(घ) प्रकृति की।
उत्तर: (ग) पलाश के जंगल की।
6. ‘चिलम आधी होना’ किसका प्रतीक है?
(क) सूरज के डूबने का।
(ख) सूरज के चमकने का।
(ग) दिन खपने का।
(घ) रात होने का।
उत्तर: (क) सूरज के डूबने का।
7. भेड़ों के झुंड-सा अंधकार कहाँ बैठा है?
(क) पूरब दिशा में।
(ख) पश्चिम दिशा में।
(ग) उत्तर दिशा में।
(घ) दक्षिणा दिशा में।
उत्तर: (क) पूरब दिशा में।
8. सूरज डूबते ही क्या हुआ?
(क) तेज़ प्रकाश।
(ख) चारों ओर अंधकार।
(ग) शाम हो गई।
(घ) चारों ओर प्रकाश फैल गया।
उत्तर: (ख) चारों ओर अंधकार।
9. किसान के घुटनों पर किसकी चादर पड़ी है?
(क) सागर की।
(ख) झील की।
(ग) नाले की।
(घ) नदी की।
उत्तर: (घ) नदी की।
10. शाम रूपी किसान ने किसका साफा बाँधा हुआ है?
(क) नदी का।
(ख) आकाश का।
(ग) फूलों का।
(घ) पलाश का।
उत्तर: (ख) आकाश का।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. कविता में पहाड़ को किस रूप में दर्शाया गया है?
उत्तर: कविता में पहाड़ को साफा बाँधे किसान के रूप में दर्शाया गया है।
प्रश्न 2. इस किसान के घुटनों पर क्या है?
उत्तर: इस किसान के घुटनों पर चादर है।
प्रश्न 3. किसे अँगीठी बताया गया है और क्यों?
उत्तर: पलाश के जंगल को अँगीठी बताया गया है क्योंकि पलाश के लाल-लाल फूल आग की तरह दहकते प्रतीत होते हैं।
प्रश्न 4. ‘भेड़ों के गल्ले सा’ किसे कहा गया है?
उत्तर: अँधकार को भेड़ों के गल्ले सा कहा गया है।
प्रश्न 5. मोर की आवाज कैसी लगी?
उत्तर: जैसे किसी के कहा हो ‘सुनते हो?’
प्रश्न 6. दूर फैला अंधकार कैसा दिख रहा है?
उत्तर: दूर फैला अंधकार झुंड में बैठी भेड़ों जैसा दिख रहा है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. किसको किस रूप में चित्रित किया गया है?
पहाड़, नदी, पलाश के जंगल को, डूबते सूरज को, आकाश को
उत्तर: पहाड़ को : किसान के रूप में
नदी को : चादर के रूप में
पलाश के जंगल को : दहकती अँगीठी के रूप में।
डूबते सूरज को : चिलम के रूप में।
आकाश को : किसान के साफे के रूप में।
प्रश्न 2. चिलम आँधी क्यों हो गई?
उत्तर: सूरज चिलम के रूप में था। अंधकार होते ही सूरज डूब गया और इसके साथ चिलम का आकार भी गायब हो गया। इससे ऐसा लगा कि किसान की चिलम औंधी हो गई है।
प्रश्न 3. किसे अँगीठी बताया गया है और क्यों?
उत्तर: पलाश के जंगल को अँगीठी बताया गया है, क्योंकि पलाश के लाल-लाल फूल आग की तरह प्रतीत होते हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. कविता में चित्रित शाम और सूर्यास्त के दृश्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर: इस कविता के माध्यम से कवि ने पर्वतीय प्रदेश सायंकालीन प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाने का प्रयास किया है। शाम को किसान के रूप में बताया है। पहाड़ किसान के रूप में घुटने मोड़े बैठा है। उसके सिर पर आकाश का साफा बँधा है और घुटनों पर नदी की चादर पड़ी है। सूरज चिलम यो रहा है। साथ ही में पलाश के जंगल की अँगीठी दहक रही है और दूर पूरब में अंधकार भेड़ों के झुंड के रूप में धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। उसी समय, मोर की आवाज़ आती है जैसे कह रहा हो सुनते हो। उसकी आवाज़ से लगता है शाम रूपी किसान हड़-बड़ा कर उठ गया जिससे चिलम उलट गई और चारों तरफ धुआँ फैल गया यानी अँधेरा छा गया। सूरज के डूबने से शाम बीत गई और रात हो गई।
प्रश्न 2. शाम एक किसान’ कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए?
उत्तर: प्रस्तुत कविता में कवि ने किसान के रूप में जाड़े की शाम के प्राकृतिक दृश्य का बड़ा ही सुंदर चित्रण किया है। इस प्राकृतिक दृश्य में पहाड़ बैठे हुए एक किसान की तरह दिखाई दे रहा है एवं आकाश उसके सिर पर बँधे साफे के समान है। पहाड़ के नीचे जो नदियाँ बह रही हैं, वे घुटनों पर रखी चादर के समान हैं। पलाश के पेड़ों पर खिले लाल-लाल फूल जलती अँगीठी के समान हैं तथा पूर्व क्षितिज पर घना होता अंधकार झुंड में बैठी भेड़ों जैसा दिखाई दे रहा है। पश्चिम दिशा में डूबता सूरज चिलम पर सुलगती आग की भाँति दिख रहा है। यह पूरा दृश्य शांत है। अचानक कोई मोर बोल उठता है, जैसे- ‘सुनते हो’ उसकी आवाज से लगता है शाम रूपी किसान हड़बड़ाकर उठा हो, जिससे उसकी चिलम उल्टी हो गई और चारों ओर धुआँ उठने लगा। अंधकार छा गया और शाम चली गई।
मूल्यपटक प्रश्न
प्रश्न. क्या आपने कभी सूर्यास्त का दृश्य देखा है? यदि हाँ तो कहाँ? वर्णन करो।
उत्तर: हाँ, हमने सूर्यास्त का दृश्य देखा है। यह हमने माउंट आबू में सनसेट पाइंट पर देखा है। पहले सूरज चमकते गोले के रूप में दिखाई देता है, जैसे-जैसे दिन छिपता सूरज की चमक फीकी पड़ती जाती है और नीचे की ओर उतरता प्रतीत होता है। थोड़ी देर में वह पूरी तरह अस्त हो जाता है।