NCERT Class 7 Hindi Chapter 16 भोर और बरखा

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NCERT Class 7 Hindi Chapter 16 भोर और बरखा

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भोर और बरखा

Chapter: 16

वसंत भाग – 2 

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

प्रश्न 1. कौन, किसको जगाने का उपक्रम कर रही है?

उत्तर: माता यशोदा बालक कृष्ण को नींद से जगाने का उपक्रम कर रही हैं।

2. जगाने वाली रात बीतने का क्या-क्या संकेत बता रही है?

उत्तर: जगाने वाली कवयित्री बालक कृष्ण को रात बीतने का संकेत ये बता रही है-

• घर-घर के दरवासों के किवाड़ खुल गए हैं।

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• गोपियाँ दही मचने लगी हैं, उनके कंगनों की झनकार सुनाई पड़ रही है।

• दरवाजे पर सुर-नर खड़े हैं।

3. ग्वाल-बाल क्या कर रहे हैं?

उत्तर: ग्वाल-बाल कोलाहल कर रहे हैं और जय-जय का उद्घोष कर रहे हैं. उनके हाथ में माखन रोटी है।

4. श्रीकृष्ण की शरण में आने पर क्या होता है?

उत्तर: जो भी श्रीकृष्ण की शरण में आता है, श्रीकृष्ण उसका उद्धार कर देते हैं अर्थात् बेड़ा पार कर देते हैं।

5. ‘बरस बदरिया’ में किस ऋतु और किस मास के बारे में बताया गया है?

उत्तर: इसमें वर्षा ऋतु और उसके प्रमुख मास सावन के बारे में बताया गया है। 

6. किसका मन उमंग गया है और क्यों?

उत्तर: कवयित्री के मन में उमंग है क्योंकि उसे हरि (कृष्ण) के आने की भनक पड़ गई है।

7. पद के आधार पर प्राकृतिक वातावरण का चित्रण कीजिए।

उत्तर: वर्षा ऋतु में चारों ओर बादल उमड़-घुमड़ रहे हैं, बिजली चमक रही है, नन्ही-नन्ही बूँदें पड़ रही हैं, शीतल वायु चल रही है।

बहुविकल्पी प्रश्न

सही उत्तर चुन कर लिखिए-

1. इस पद में किसको जगाया जा रहा है?

(क) बालक कृष्ण को।

(ख) कवयित्री को।

(ग) ग्वाल-बालों को।

(घ) ग्वालों को।

उत्तर: (क) बालक कृष्ण को।

2. वही कौन मथ रहा है?

(क) गोपियों।

(ख) राधा।

(ग) लालजी।

(घ) माता यशोदा।

उत्तर: (क) गोपियों।

3. माखन-रोटी कहाँ है?

(क) ग्वालों के हाथ में।

(ख) ग्वालों के मुँह में।

(ग) कवयित्री के पास।

(घ) बाल कृष्ण के पास।

उत्तर: (घ) बाल कृष्ण के पास।

4. ‘भोर भयो’ में किस अलकार का प्रयोग है?

(क) अनुप्रास।

(ख) समक।

(ग) श्लेष।

(घ) पुनरुक्ति।

उत्तर: (क) अनुप्रास।

5. बरस बदरिया’ में कौन-सा अलंकार है?

(क) अनुप्रास।

(ख) यमक।

(ग) श्लेप।

(घ) पुनरुक्ति।

उत्तर: (क) अनुप्रास।

6. इस पब में किस मास का उल्लेख है?

(क) आषाढ़।

(ख) सावन।

(ग) कार्तिक।

(घ) फागुन।

उत्तर: (ख) सावन।

7. इस पद की रचना किसने की है?

(क) मीराबाई ने।

(ख) सूरदास ने।

(ग) कबीर ने।

(घ) रहीम ने।

उत्तर: (क) मीराबाई ने।

प्रश्न-अभ्यास

>> कविता से

प्रश्न 1. ‘बंसीवारे ललना’, ‘मोरे प्यारे’, ‘लाल जी’ कहते हुए यशोदा किसे जगाने का प्रयास करती हैं और वे कौन-कौन सी बातें कहती हैं?

उत्तर: इन शब्दों का प्रयोग करते हुए यशोदा बाल कृष्ण को जगाने का प्रयास करती हैं। वह यह भी कहती हैं: 

– रात बीत गई है, सवेरा हो गया है।

– घर-घर के किवाड़ खुल गए हैं।

– गोपियाँ दही बिलो रही हैं, उनके कंगन झनक रहे हैं।

– दरवाज़े पर लोग खड़े हैं।

– बालक शोर मचा रहे हैं। जय-जय शब्द का उच्चारण कर रहे हैं।

– उन्होंने हाथ में माखन-रोटी ले रखी है। 

प्रश्न 2. नीचे दी गई पंक्ति का आशय अपने शब्दों में लिखिए-

‘माखन-रोटी हाथ मँह लीनी, गउवन के रखवारे। ‘

उत्तर: ग्वाल-बालों ने अपने हाथों में माखन-रोटी ले रखी है। वे गायों को चराने ले जा रहे हैं। वे उनके रखवाले हैं। वे तुम्हारी प्रतीक्षा कर रहे हैं।

प्रश्न 3. पढ़े हुए पद के आधार पर ब्रज की भोर का वर्णन कीजिए।

उत्तर: सुबह होते ही ब्रज के घरों के दरवाज़ों के किवाड़ खुल जाते हैं और लोगों का आना-जाना शुरू हो जाता है। सुबह होते ही ब्रज के घरों में गोपियाँ दही मथना प्रारंभ कर देती हैं। वे मक्खन निकालती हैं। उनके हाथों के कंगनों की झनकार झनकने लगती है। नंद बाबा के घर के दरवाज़े पर लोग खड़े होने लगते हैं। ग्वाल-बाल कोलाहल करना प्रारंभ कर देते हैं और कृष्ण की जय-जयकार शुरू हो जाती है। बाल कृष्ण हाथ में माखन-रोटी ले लेते हैं।

प्रश्न 4. मीरा को सावन मनभावन क्यों लगने लगा? 

उत्तर: मीरा को सावन मनभावन इसलिए लगने लगा क्योंकि सावन की फुहारों में मन उमंग लेने लगता है। इस मास में बिजली चमकती है तथा झर-झर कर वर्षा होती है। नन्हीं-नहीं बूँदे बड़ी अच्छी प्रतीत होती है।

प्रश्न 5. पाठ के आधार पर सावन की विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर: सावन मास अत्यंत मनमोहक होता है। सावन की बदरिया बरस कर तन-मन को हर्षित कर देती है। इस मास में मन उमंग भरने लगता है। वर्षा ऋतु में चारों दिशाओं से बादल उमड़-घुमड़ कर आते हैं, बिजली चमकती है और बूँदों की झड़ी लग जाती है। नन्हीं-नन्हीं बूँदें पड़ती हैं और शीतल वायु चलने लगती है। ऋतु अत्यंत सुहावनी हो जाती है। यह ऋतु तन-मन को हर्षित कर देती है।

>> कविता से आगे

प्रश्न 1. मीरा भक्तिकाल की प्रसिद्ध कवयित्री थीं। इस काल के दूसरे कवियों के नामों की सूची बनाइए तथा उनकी एक-एक रचना का नाम लिखिए।

उत्तर: कबीरदास – रचना बीजक 

सूरदास – रचना सूरसागर 

तुलसीदास – रचना रामचरितमानस 

जायसी – रचना पद्मावत

प्रश्न 2. सावन वर्षा ऋतु का महीना है, वर्षा ऋतु से संबंधित दो अन्य महीनों के नाम लिखिए। 

उत्तर: आषाढ़, भादो।

>> अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1. सुबह जगने के समय आपको क्या अच्छा लगता है?

उत्तर: सैर करने जाना, सूर्य की लालिमा को देखना, पक्षियों की चहचहाहट सुनना।

प्रश्न 2. यदि आपको अपने छोटे भाई-बहन को जगाना

पड़े, तो कैसे जगाएँगे?

उत्तर: उनके कान के पास घड़ी का अलार्म बजाएँगे, उनके बालों को सहलाएँगे।

प्रश्न 3. वर्षा में भीगना और खेलना आपको कैसा लगता है?

उत्तर: वर्षा में भीगना और खेलना मुझे बहुत अच्छा लगता हैं।

प्रश्न 4. मीराबाई ने सुबह का चित्र खींचा है। अपनी कल्पना और अनुमान से लिखिए कि नीचे दिए गए स्थानों की सुबह कैसी होती है – 

(क) गाँव, गली या मुहल्ले में

उत्तर: इन स्थानों पर लोगों की चहल-पहल शुरू हो जाती है। गाँव में गायें रंभाने लगती हैं, पक्षी चहचहाने लगते हैं।

(ख) रेलवे प्लेटफॉर्म पर।

उत्तर: रेलवे स्टेशन पर गाड़ियों का आवागमन होने लगता है। सवारियाँ उतरती – चढ़ती रहती हैं, सफाई कर्मचारी झाडू देने लगते हैं। 

(ग) नदी या समुद्र के किनारे।

उत्तर: इन स्थानों पर शांति होती है, कुछ लोग सैट करते दिखाई देते हैं।

(घ) पहाड़ों पर।

उत्तर: पहाड़ों पर सूर्य का गोला चमकता प्रतीत होता है, वहाँ ‘सनराइज’ का दृश्य बड़ा मनमोहक होता है।

>> भाषा की बात

प्रश्न 1. कृष्ण को ‘गठवन के रखवारे’ कहा गया है जिसका अर्थ है-गौओं का पालन करनेवाले। इसके लिए एक शब्द दें।

उत्तर: ग्वाला या गोपाल।

प्रश्न 2. नीचे दो पंक्तियाँ दी गई हैं। इनमें से पहली पंक्ति में रेखांकित शब्द दो बार आए हैं और दूसरी पंक्ति में भी दो बार। इन्हें पुनरुक्ति (पुनः +उक्ति ) कहते हैं। पहली पंक्ति में रेखांकित शब्द विशेषण हैं और दूसरी पंक्ति में संज्ञा।

‘नन्ही-नन्ही बूँदन मेहा बरसे’

‘घर-घर खुले किंवारे’

• इस प्रकार के दो-दो उदाहरण खोजकर वाक्य में प्रयोग कीजिए और देखिए कि विशेषण और संज्ञा की पुनरुक्ति के अर्थ में क्या अंतर है?

जैसे: मीठी-मीठी बातें, फूल-फूल महके।

उत्तर: विशेषण पुनरुक्ति

छोटे-छोटे बच्चे गीत गाते हैं

सुंदर-सुंदर फूल खिले हैं।

संज्ञा पुनरुक्ति।

छोटे-छोटे भी दौड़ रहे हैं।

• मैंने कोना-कोना ढूँढ मारा।

कुछ करने को: 

कृष्ण को ‘गिरधर’ क्यों कहा जाता है? इनके पीछे कौन-सी कथा है? पता कीजिए और कक्षा में बताइए। 

उत्तर: कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उगली पर धारण किया था, इसलिए उन्हें गिरयर कहा जाता है। ऐसा करके उन्होंने गोवर्धनवासियों को इन्द्र के कोप से बचाया था। 

– इस प्रसग का नाट्य रूपांतरण करके कक्षा या बालसभा में अभिनय कीजिए।

बनाइए-

कृष्ण का एक चित्र भी बनाइए।

परीक्षोपयोगी अन्य आवश्यक प्रश्नोत्तर

बहुविकल्पी प्रश्न

1. ‘भोर और बरखा’ कविता की रचयिता हैं:

(क) सुभद्रा कुमारी चौहान।

(ख) मीराबाई।

(ग) महादेवी वर्मा।

(घ) विनीता पाण्डेय।

उत्तर: (ख) मीराबाई।

2. इस कविता में किसको जगाने का प्रयास किया जा रहा है?

(क) ग्वाल-बाल को।

(ख) बालक कृष्ण को।

(ग) राधा को।

(घ) कवयित्री को।

उत्तर: (ख) बालक कृष्ण को।

3. दही कौन बिलो रही है?

(क) राधा।

(ख) यशोदा।

(ग) गोपियाँ

(घ) ग्वाल-बाल।

उत्तर: (ग) गोपियाँ।

4. कृष्ण को जगाने के लिए द्वार पर कौन खड़े हैं?

(क) सारे ग्वाल-बाल। 

(ख) यशोदा।

(ग) राधा।

(घ) देव और दानव।

उत्तर: (घ) देव और दानव।

5. ग्वाल-बालकों के हाथ में क्या है?

(क) मक्खन।

(ख) रोटी-मक्खन।

(ग) रोटी।

(घ) मिसरी।

उत्तर: (ख) रोटी-मक्खन।

6. मीरा को किसके आने की भनक मिली?

(क) ग्वाल-बालों के आने की। 

(ख) गोपियों के आने की।

(ग) श्रीकृष्ण के आने की।

(घ) माँ यशोदा के आने की।

उत्तर: (ग) श्रीकृष्ण के आने की।

7. इस कविता में किस ऋतु का वर्णन है?

(क) सर्द ऋतु का।

(ख) ग्रीष्म ऋतु का।

(ग) वर्षा ऋतु का।

(घ) वसंत ऋतु का।

उत्तर: (ग) वर्षा ऋतु का।

8. किसके आने की आहट सुनकर मीरा प्रसन्न हो गई?

(क) गोपियों की।

(ख) ग्वाल-बालों की।

(ग) श्रीकृष्ण की।

(घ) सखियों की।

उत्तर: (ग) श्रीकृष्ण की।

9. ‘बंसीवारे’ किसे कहा गया है?

(क) बंसी बजाने वाले को। 

(ख) श्रीकृष्ण को।

(ग) बसी बेचने वाले को।

(घ) श्रीकृष्ण के साथियों को।

उत्तर: (ख) श्रीकृष्ण को।

10. आसमान को घेरने वाले बादल आए:

(क) पूरब दिशा से।

(ख) पश्चिम दिशा से।

(ग) उत्तर दिशा से।

(घ) चारों दिशाओं से।

उत्तर: (घ) चारों दिशाओं से।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. मीरा की भक्ति किसके प्रति थी?

उत्तर: मीरा की भक्ति कृष्ण के प्रति थी।

प्रश्न 2. गोपियाँ दही क्यों मथ रही हैं?

उत्तर: गोपियाँ दही मथकर मक्खन निकलना चाह रही हैं।

प्रश्न 3. ग्वालों ने हाथ में क्या वस्तु ले रखी है?

उत्तर: ग्वालों ने हाथ में माखन-रोटी ले रखी है।

प्रश्न 4. कवयित्री का मन क्यों उमग रहा है? 

उत्तर: क्योंकि कवयित्री को हरि (कृष्ण) के आने की भनक लग गई है।

प्रश्न 5. कैसी बूँदें पड़ रही हैं?

उत्तर: नन्ही-नन्ही बूँदें पड़ रही हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. मीरा ने सावन का वर्णन किस प्रकार किया है?

उत्तर: मीरा बताती है कि सावन की बदली बरस रही है।

चारों ओर से बादल उमड़-घुमड़ कर आ रहे हैं, बिजली चमक रही है, नन्ही-नन्ही बूँदें पड़ रही हैं तथा शीतल वायु चल रही है। 

प्रश्न 2. माता यशोदा अपने ललना को किस प्रकार जगाती हैं?

उत्तर: माता यशोदा अपने ललना कृष्ण को तरह-तरह के संकेत देकर जगाती हैं। वह कहती हैं-रात बीत गई है, घरों के किवाड़ खुल गए हैं, ग्वाल-बाल कोलाहल कर रहे हैं, ग्वालों ने हाथों में माखन-रोटी ले रखी है अर्थात् वे गायों को लेकर वन जाने की तैयारी में हैं।

प्रश्न 3. मीराबाई का एक अन्य पद लिखिए। 

उत्तर: मीराबाई द्वारा रचित एक अन्य पद  

पायो जी म्हैं तो राम रतन धन पायो। 

वस्तु अमोलक दी मेरे सतगुरु, किरपा कर अपनायो।।

जनम-जनम की पूँजी पाई, जग में सभी खोवायो।

खरचैं नहिं कोइ चोर न लेवै, दिन-दिन बढ़त सवायौ।।

सत की नाव खेवटिया सतगुरु, भव-सागर तर आयो।।

मीरा के प्रभु गिरधर नागर, हरख- हरख जस गायो।।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. पाठ के आधार पर सावन का वर्णन लिखो। 

उत्तर: सावन के महीने में आकाश में बादल छाए हुए होते हैं। चारों तरफ से बादल घुमड़-घुमड़कर आते हैं। रिमझिम रिमझिम वर्षा होने लगती है। ठंडी-ठंडी हवा बहने लगती है। हवा के साथ बूँदों की फुहारें मन को आनंदित करने वाली होती हैं। ऐसे वातावरण में मोर केका करने लगते हैं। बिजली की चमक और बादलों की गर्जन से प्रत्येक प्राणी का मन-मयूर नाचने लगता है। वृक्षों पर पड़ने वाली बूँदों की रिमझिम से ऐसा लगता है जैसे प्रकृति नृत्य कर रही हो। शीशम के पेड़ों पर आई फलियाँ बूँद पड़ने से झन-झन की आवाज़ करती हैं। मेढ़कों का टर्राना, झींगुरों का बोलना, कोयल का कुहकना वातावरण को सुवासित कर देता है।

मूल्यपरक प्रश्न

प्रश्न: आप मीरा की कृष्ण भक्ति के बारे में क्या जानते हैं?

उत्तर: हमें पता है कि कवयित्री मीरा कृष्ण भक्त थीं। वे कृष्ण को अपना पति मानकर भक्ति करती थीं। उन्होंने कृष्ण भक्ति के लिए अपना घर-बार तक त्याग दिया था। वे मंदिरों में घूम-घूम कर कृष्ण-भक्ति के पद गाती फिरती थीं। वे कृष्ण की अनन्य भक्त थीं। इसके लिए उन्होंने संसार की लोक-लाज की भी परवाह नहीं की।

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