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NCERT Class 12 Economics Chapter 9 उत्पादन तथा लागत
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उत्पादन तथा लागत
Chapter: 9
व्यष्टि अर्थशास्त्र एक परिचय
अभ्यास
1. उत्पादन फलन की संकल्पना को समझाइए।
उत्तर: एक फर्म का उत्पादन फलन उपयोग में लाए गए आगतों तथा फर्म द्वारा उत्पादित निर्गतों के मध्य का संबंध है। उपयोग में लाए गए आगतों की विभिन्न मात्राओं के लिए यह निर्गत की अधिकतम मात्रा प्रदान कर सकता है, जिसका उत्पादन किया जा सकता है।
उत्पादन फलन को इस प्रकार लिखा जाता हैं:
q = f(L,K)
जहाँ,
q = उत्पन्न गेहूँ की मात्रा है।
L = श्रम।
K = पूंजी।
(i) अल्पकालीन उत्पादन फलनः वह स्थिति जहाँ उत्पादन के कुछ साधन स्थिर होते हैं।
(ii) दीर्घकालीन उत्पादन फलन: वह स्थिति है जहाँ उत्पादन के सभी साधनों की मात्रा परिवर्तनशील होती है।
2. एक आगत का कुल उत्पाद क्या होता है?
उत्तर: जब हम किसी एक आगत में परिवर्तन करते हैं, और अन्य सभी आगतों को स्थिर रखते हैं, तो उस आगत के विभिन्न स्तरों से हमें निर्गत के भी विभिन्न स्तर प्राप्त होते हैं। इस प्रक्रिया में, परिवर्तित किए गए आगत और उससे प्राप्त हुए निर्गत के बीच जो संबंध बनता है, उसे कुल उत्पाद कहा जाता है। अर्थात् यहा दिखाया जाता है कि जब केवल एक आगत को बढ़ाया जाता है और बाकी सभी आगतों को स्थिर रखा जाता है, तो उस आगत से कुल कितना उत्पादन होता है।
3. एक आगत का औसत उत्पाद क्या होता है?
उत्तर: किसी भी उत्पादन प्रक्रिया में किसी एक इनपुट जैसे(श्रम या भूमि) से प्राप्त उत्पादन को औसत उत्पाद कहा जाता है।
औसत उत्पाद निर्गत की प्रति इकाई परिवर्ती आगत के रूप में परिभाषित किया जाता है।
हम इसकी गणना इस प्रकार करते हैं:
4. एक आगत का सीमांत उत्पाद क्या होता है?
उत्तर: एक आगत का सीमांत उत्पाद, प्रति इकाई आगत में परिवर्तन के कारण जो निर्गत में परिवर्तन होता है, जब सभी अन्य आगत स्थिर रखा जाता है, उसे उस आगत का सीमांत उत्पाद कहा जाता है।
श्रम का सीमांत उत्पाद होता है-
5. एक आगत के सीमांत उत्पाद तथा कुल उत्पाद के बीच संबंध समझाइए।
उत्तर: एक आगत के सीमांत उत्पाद तथा कुल उत्पाद के बीच संबंध निचे उल्लेख किया गया है-
(i) जब कुल उत्पाद बढ़ती दर से बढ़ता है, तब सीमान्त उत्पाद भी बढ़ता है।
(ii) जब कुल उत्पाद धीमी दर से बढ़ता है, तब सीमान्त उत्पाद घटने लगता है।
(iii) जब कुल उत्पाद अधिकतम होता है , तब सीमान्त उत्पाद शून्य हो जाता है।
(iv) जब कुल उत्पाद में गिरावट आने लगती है, तब सीमान्त उत्पाद ऋणात्मक होता है।
6. अल्पकाल तथा दीर्घकाल के संकल्पनाओं को समझाइए।
उत्तर: अल्पकाल तथा दीर्घकाल के संकल्पनाएं निचे उल्लेख किए गए हैं-
(i) अल्पकाल: अल्पकाल में कम से कम एक कारक, श्रम अथवा पूँजी में परितर्वन नहीं किया जा सकता अतः वह स्थिर रहता है। उदाहरण: यदि पूँजी स्थिर है और केवल श्रम में बदलाव किया जा सकता है, तो पूँजी स्थिर कारक और श्रम परिवर्ती कारक कहलाता है।
(ii) दीर्घकाल: दीर्घकाल वह समय अवधि है जब उत्पादन के सभी कारकों में परिवर्तन लाया जा सकता है। एक फर्म निर्गत के विभिन्न स्तरों का उत्पादन करने के लिए, दीर्घकाल में दोनों कारकों में साथ-साथ परिवर्तन ला सकती है। अतः दीर्घकाल में कोई भी स्थिर कारक नहीं है।
7. हासमान सीमांत उत्पाद का नियम क्या है?
उत्तर: हासमान सीमांत उत्पाद के नियम के अनुसार, जब हम किसी आगत के प्रयोग में वृद्धि करते हैं, तब अन्य आगत स्थिर हों, तो एक समय के बाद ऐसी स्थिति आयेगी कि प्राप्त होने वाला अतिरिक्त आगत में गिरावट आने लगेगी।
उदाहरण स्वरुप में: मान लीजिए एक उत्पादन प्रक्रम में सभी आगत दोगुने हो जाते हैं। परिणामस्वरूप यदि निर्गत दोगुना हो जाता है, उत्पादन फलन स्थिर अनुमापी प्रतिफल को प्रदर्शित करता है। यदि निर्गत दोगुने की तुलना में कम है तो ह्रासमान अनुमापी प्रतिफल लागू होता है तथा यदि यह दोगुना से अधिक है तो वर्धमान अनुमापी प्रतिफल लागू होता है।
8. परिवर्ती अनुपात का नियम क्या है?
उत्तर: परिवर्ती अनुपात का नियम बताता है कि एक आगत कारक का सीमान्त उत्पाद प्रारंभ में बढ़ता है और एक निश्चित रोज़गार के स्तर पर पहुंचकर, गिरने लगता है।
9. एक उत्पादन फलन स्थिर पैमाना का प्रतिफल को कब संतुष्ट करता है?
उत्तर: यदि उत्पादन के सभी साधनों को दुगना करने पर उत्पादन भी ठीक दुगना हो जाए, तो उत्पादन फलन स्थिर पैमाना का प्रतिफल संतुष्ट करता है।
10. एक उत्पादन फलन वर्धमान पैमाना का प्रतिफल को कब संतुष्ट करता है?
उत्तर: यदि उत्पादन आगतों को दुगना करने पर कुल उत्पाद दुगने से अधिक हो जाए तो, उत्पादन फलन वर्धमान प्रतिफल की पैमाने की स्थिति को दर्शाता है।
11. एक उत्पादन फलन ह्रासमान पैमाना का प्रतिफल को कब संतुष्ट करता है?
उत्तर: जब सभी उत्पादन आगतों को दुगना करने पर कुल उत्पादन दुगने से कम होता है, तब उत्पादन फलन हासमान प्रतिफल के पैमाने को संतुष्ट करता है।
12. लागत फलन की संकल्पनाओं को संक्षिप्त में समझाइए।
उत्तर: लागत तथा उत्पादन के बीच के कार्यात्मक संबंध को उत्पादन फलन कहा जाता है।
इसे एक सूत्र के रूप में इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है-
C = F(Q)
जहाँ C = लागत, Q = उत्पादन।
13. एक फर्म का कुल स्थिर लागत, कुल परिवर्ती लागत तथा कुल लागत क्या है, वे किस प्रकार संबंधित है?
उत्तर: कुल लागत (T) = कुल स्थिर लागत (TFC) + कुल परिवर्ती लागत (TVC)
TFC उत्पादन की मात्रा के साथ नहीं बदलती, जबकि TVC उत्पादन बढ़ने पर बढ़ती है। TC, दोनों का योग होता है।
कुल स्थिर लागत – यह उन साधनों की लागत का
योग है जो उत्पादन की मात्रा पर निर्भर नहीं करते अपितु स्थिर रहते हैं।
कुल लागत – यह किसी वस्तु के उत्पादन पर किए गए सभी प्रकार के खर्चों का कुल योग होता है।
कुल परिवर्ती लागत – यह उन साधनों की लागत का योग है जो उत्पादन की मात्रा बढ़ने पर बढ़ते हैं
तथा उत्पादन की मात्रा कम होने पर कम होते हैं।
14. एक फर्म की औसत स्थिर लागत, औसत परिवर्ती लागत तथा औसत लागत क्या है, वे किस प्रकार संबंधित हैं?
उत्तर: एक फर्म की औसत स्थिर लागत, औसत परिवर्ती लागत तथा औसत लागत निचे उल्लेख किया गया है-
(i) औसत स्थिर लागत (AFC): यह कुल स्थिर लागत को उत्पादित इकाइयों की संख्या से विभाजित करके प्राप्त की जाती है। स्थिर लागतें वे लागतें हैं जो उत्पादन के स्तर के साथ नहीं बदलती हैं, जैसे कि किराया या वेतन।
(ii) औसत परिवर्ती लागत (AVC): यह लागत प्रति इकाई उत्पादन पर होने वाली परिवर्ती लागत को दर्शाती है। इसे कुल परिवर्ती लागत को कुल उत्पादित इकाइयों की संख्या से विभाजित करके प्राप्त किया जाता है। परिवर्ती लागतें वे होती हैं जो उत्पादन के साथ बढ़ती या घटती हैं, जैसे कच्चे माल की लागत।
(iii) औसत कुल लागत (ATC): यह प्रति इकाई उत्पादन पर होने वाली कुल लागत को दर्शाती है। इसे कुल लागत को कुल उत्पादित इकाइयों की संख्या से विभाजित करके निकाला जाता है। कुल लागत में स्थिर लागत और परिवर्ती लागत दोनों शामिल होती हैं।
उदाहरण स्वरुप में:
AC (औसत लागत) = AFC (औसत स्थिर लागत) + AVC (औसत परिवर्ती लागत)
जहाँ,
AFC = TFC/Q
AVC = TVC/Q
AC = TC/Q
15. क्या दीर्घकाल में कुछ स्थिर लागत हो सकती है? यदि नहीं तो क्यों?
उत्तर: दीर्घकाल में कोई स्थिर लागत नहीं होती है। क्योंकि सभी इनपुट परिवर्ती हो जाते हैं।
16. औसत लागत वक्र कैसा दिखता है? यह ऐसा क्यों दिखता है?
उत्तर: औसत लागत वक्र ‘U’ आकार के होते हैं।
दीर्घकालीन सीमांत लागत वक्र ‘U’ आकार का होता है क्योंकि प्रारंभ में पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं के कारण लागत घटती है, लेकिन एक बिंदु के बाद पैमाने की प्रतिकूलताएँ लागत को बढ़ा देती हैं।
शुरुआत में जैसे-जैसे उत्पादन बढ़ता है, संसाधनों का बेहतर उपयोग होता है, जिससे सीमांत लागत घटती है। यह वक्र नीचे की ओर झुकता है। परंतु जब उत्पादन एक निश्चित स्तर के बाद बढ़ाया जाता है, तो संसाधनों पर दबाव बढ़ता है, जिससे लागत पुनः बढ़ने लगती है और वक्र ऊपर की ओर मुड़ जाता है।
चित्र में बिंदु q1 पर दीर्घकालीन औसत लागत न्यूनतम होती है, और इसी बिंदु पर दीर्घकालीन सीमांत लागत, दीर्घकालीन औसत लागत को काटती है।
17. अल्पकालीन सीमांत लागत, औसत परिवर्ती लागत तथा अल्पकालीन औसत लागत वक्र कैसे दिखाई देते हैं?
उत्तर: अल्पकालीन सीमांत लागत, औसत परिवतीं लागत तथा अल्पकालीन औसत लागत वक्र ‘U’ आकार के होते हैं।
18. क्यों अल्पकालीन सीमांत लागत वक्र औसत परिवर्ती लागत वक्र को काटता है, औसत परिवर्ती लागत वक्र के न्यूनतम बिंदु पर?
उत्तर: अल्पकालीन सीमांत लागत वक्र औसत परिवर्ती लागत वक्र को काटता है क्योंकि-
(i) जब तक औसत लागत घटता है तो सीमान्त लागत औसत लागत से कम होता है। अर्थात् MC < AVC होता है, तो AVC घटता है; जब MC > AVC होता है।
(ii) जब औसत लागत बढ़ता है तो सीमान्त लागत औसत लागत से अधिक होता है।
(iii) अतः औसत लागत और सीमान्त लागत तभी बराबर हो सकते हैं, जब औसत लागत स्थिर हो जो उसके न्यूनतम बिंदु पर होता है।
19. किस बिंदु पर अल्पकालीन सीमांत लागत वक्र अल्पकालीन औसत लागत को काटता है। अपने उत्तर के समर्थन में कारण बताइए।
उत्तर: अल्पकालीन सीमांत लागत (SMC) वक्र, अल्पकालीन औसत लागत (SAC) वक्र को अल्पकालीन औसत लागत (SAC) के न्यूनतम बिंदु पर काटता है क्योंकि जब दोनों अल्पकालीन औसत लागत (SAC) वक्र तथा अल्पकालीन सीमांत लागत (SMC) वक्र दोनों नीचे गिरते है तब अल्पकालीन सीमांत लागत (SMC) वक्र अल्पकालीन औसत लागत (SAC) वक्र की तुलना में तेज़ी से गिरता है। ऊपर उठते हुए अल्पकालीन सीमांत लागत (SMC) वक्र, अल्पकालीन औसत लागत (SAC) वक्र को उसके न्यूनतम बिंदु पर काटता है। जैसे जैसे उत्पादन बढ़ जाता है, दोनों ही वक्र ऊपर उठते है परन्तु अल्पकालीन सीमांत लागत (SMC) वक्र तेज़ी से ऊपर उठता है।
20. अल्पकालीन सीमांत लागत वक्र ‘U’ आकार का क्यों होता है?
उत्तर: अल्पकालीन सीमांत लागत, औसत परिवतीं लागत तथा अल्पकालीन औसत लागत वक्र ‘U’ आकार के होते हैं। दीर्घकालीन सीमांत लागत वक्र ‘U’ आकार का होता है क्योंकि प्रारंभ में पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं के कारण लागत घटती है, लेकिन एक बिंदु के बाद पैमाने की प्रतिकूलताएँ लागत को बढ़ा देती हैं।
शुरुआत में जैसे-जैसे उत्पादन बढ़ता है, संसाधनों का बेहतर उपयोग होता है, जिससे सीमांत लागत घटती है। यह वक्र नीचे की ओर झुकता है। परंतु जब उत्पादन एक निश्चित स्तर के बाद बढ़ाया जाता है, तो संसाधनों पर दबाव बढ़ता है, जिससे लागत पुनः बढ़ने लगती है और वक्र ऊपर की ओर मुड़ जाता है।
21. दीर्घकालीन सीमांत लागत तथा औसत लागत वक्र कैसे दिखते हैं?
उत्तर: दीर्घकालीन सीमांत लागत तथा औसत लागत वक्र ‘U’ आकार के होते हैं, लेकिन वे अधिक समतल होते हैं क्योंकि सभी इनपुट परिवर्ती होते हैं।
22. निम्नलिखित तालिका, श्रम का कुल उत्पादन अनुसूची देती है। तदनुरूप श्रम का औसत उत्पाद तथा सीमांत उत्पाद अनुसूची निकालिए।
L | कुल उत्पादL |
0 | 0 |
1 | 15 |
2 | 35 |
3 | 50 |
4 | 48 |
5 | 58 |
उत्तर:
श्रम | 0 | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 |
कुल उत्पादन | 0 | 15 | 35 | 50 | 40 | 48 |
औसत उत्पादन | 0 | 15 | 17.5 | 16.66 | 10 | 9.6 |
सौमानत उत्पादन | 0 | 15 | 20 | 15 | -10 | 8 |
23. नीचे दी हुई तालिका, श्रम का औसत उत्पाद अनुसूची बताती है। कुल उत्पाद तथा सीमांत उत्पाद अनुसूची निकालिए, जबकि श्रम प्रयोगता के शून्य स्तर पर यह दिया गया है कि कुल उत्पाद शून्य है।
L | औसत उत्पादL |
1 | 2 |
2 | 3 |
3 | 4 |
4 | 4.25 |
5 | 4 |
6 | 3.5 |
उत्तर:
L | AP | TP | MC |
1 | 2 | 2 | 2 |
2 | 3 | 6 | 4 |
3 | 4 | 12 | 6 |
4 | 4.25 | 17 | 5 |
5 | 4 | 20 | 3 |
6 | 4.35 | 21 | 1 |
24. निम्नलिखित तालिका श्रम का सीमांत उत्पाद अनुसूची देती है। यह भी दिया गया है कि श्रम का कुल उत्पाद शून्य है। प्रयोग के शून्य स्तर पर श्रम के कुल उत्पाद तथा औसत उत्पाद अनुसूची की गणना कीजिए।
L | सीमांत उत्पादL |
1 | 3 |
2 | 5 |
3 | 7 |
4 | 5 |
5 | 3 |
6 | 1 |
उत्तर:
L | APL | TPL | MPL |
1 | 3 | 3 | 3 |
2 | 5 | 8 | 4 |
3 | 7 | 15 | 5 |
4 | 5 | 20 | 5 |
5 | 3 | 23 | 4.6 |
6 | 1 | 24 | 4 |
25. नीचे दी गई तालिका एक फर्म की कुल लागत अनुसूची दर्शाती है। इस फर्म का कुल स्थिर लागत क्या है। फर्म के कुल परिवर्ती लागत, कुल स्थिर लागत, औसत परिवर्ती लागत, अल्पकालीन औसत लागत तथा अल्पकालीन सीमांत लागत अनुसूची की गणना कीजिए।
Q | कुल लागत |
0 | 10 |
1 | 30 |
2 | 45 |
3 | 55 |
4 | 70 |
5 | 95 |
6 | 120 |
उत्तर:
Q | MC | TVC | TFC | TC | AVC | AFC | ATC |
0 | 0 | 100 | 100 | ||||
1 | 500 | 500 | 100 | 600 | 500 | 100 | 600 |
2 | 300 | 800 | 100 | 900 | 400 | 50 | 450 |
3 | 200 | 1000 | 100 | 1100 | 333.33 | 33.33 | 366.66 |
4 | 300 | 1300 | 100 | 1400 | 325 | 25 | 350 |
5 | 500 | 1800 | 100 | 1900 | 360 | 20 | 380 |
6 | 800 | 2600 | 100 | 2700 | 433.33 | 16.66 | 450 |
26. निम्नलिखित तालिका एक फर्म के लिए कुल लागत अनुसूची देती है। यह भी दिया गया है कि औसत स्थिर लागत निर्गत की 4 इकाइयों घर 5 रुपए है। कुल परिवर्ती लागत, कुल स्थिर लागत, औसत परिवर्ती लागत औसत स्थिर लागत, अल्पकालीन औसत लागत, अल्पकालीन सीमांत लागत अनुसूची फर्म के निर्गत के तद्नुरूप मूल्यों के लिए निकालिए।
Q | कुल लागत |
1 | 50 |
2 | 65 |
3 | 75 |
4 | 95 |
5 | 130 |
6 | 185 |
उत्तर:
Q | TC | TFC | TVC | ATC | AFC | AVC |
1 | 50 | 20 | 30 | 50 | 20 | 30 |
2 | 65 | 20 | 45 | 32.5 | 10 | 22.5 |
3 | 75 | 20 | 55 | 25 | 6.66 | 18.33 |
4 | 95 | 20 | 75 | 23.75 | 5 | 18.75 |
5 | 130 | 20 | 110 | 26 | 4 | 22 |
6 | 185 | 20 | 165 | 30.85 | 3.33 | 27.5 |
27. एक फर्म का अल्पकालीन सीमांत लागत अनुसूची निम्नलिखित तालिका में दिया गया है। फर्म की कुल स्थिर लागत 100 रुपए है। फर्म के कुल परिवर्ती लागत, कुल लागत, औसत परिवर्ती लागत तथा अल्पकालीन औसत लागत अनुसूची निकालिए।
Q | कुल लागत |
0 | |
1 | 500 |
2 | 300 |
3 | 200 |
4 | 300 |
5 | 500 |
6 | 800 |
उत्तर:
Q | TC | TFC | TVC | ATC |
1 | 50 | 20 | 30 | 50 |
2 | 65 | 20 | 45 | 32.5 |
3 | 75 | 20 | 55 | 25 |
4 | 95 | 20 | 75 | 23.75 |
5 | 130 | 20 | 110 | 26 |
6 | 185 | 20 | 165 | 30.85 |
28. मान लीजिए, एक फर्म का उत्पादन फलन है,
निकालिए, अधिकतम संभावित निर्गत जिसका उत्पादन फर्म कर सकती है 100 इकाइयाँ L तथा 100 इकाइयाँ K द्वारा।
उत्तर:
29. मान लीजिए, एक फर्म का उत्पादन फलन है, Q = 2L2k2 अधिकतम संभावित निर्गत ज्ञात कीजिए, जिसका फर्म उत्पादन कर सकती है, 5 इकाइयाँ L तथा 2 इकाइयाँ K द्वारा। अधिकतम संभावित निर्गत क्या है, जिसका फर्म उत्पादन कर सकती है शून्य इकाई L तथा 10 इकाई K द्वारा?
उत्तर:
30. एक फर्म के लिए शून्य इकाई L तथा 10 इकाइयाँ K द्वारा अधिकतम संभावित निर्गत निकालिए, जब इसका उत्पादन फलन हैं:
Q = 5L + 2K
उत्तर:

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