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NCERT Class 12 Economics Chapter 8 उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत
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उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत
Chapter: 8
व्यष्टि अर्थशास्त्र एक परिचय
अभ्यास
1. उपभोक्ता के बजट सेट से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: बजट सेट उन वस्तुओं के सभी बंडलों का संग्रह है, जिन्हें उपभोक्ता प्रचलित बाजार कीमत पर अपनी आय से खरीद सकता है।
2. बजट रेखा क्या है?
उत्तर: बजट रेखा उन सभी बंडलों का प्रतिनिधित्व करती है जिन पर उपभोक्ता की सम्पूर्ण आय व्यय हो जाती है। बजट रेखा की प्रवणता ऋणात्मक होती है। यदि कीमतों या आय दोनों में से किसी एक में परिवर्तन आता है, तो बजट सेट में परिवर्तन आ जाता है।
3. बजट रेखा की प्रवणता नीचे की ओर क्यों होती है? समझाइए।
उत्तर: बजट रेखा की प्रवणता नीचे की ओर झुकी होती है क्योंकि इस पर स्थित हर बिंदु ऐसे वस्तु-बंडल को दर्शाता है, जिस पर उपभोक्ता अपनी पूरी आय खर्च करता है। यदि उपभोक्ता वस्तु 1 की 1 इकाई अधिक लेना चाहता है, तब वह ऐसा तभी कर सकता है जब वह दूसरी वस्तु की कुछ मात्रा छोड़ दे। वस्तु 1 की मात्रा कम किये बिना वह वस्तु 2 की मात्रा बढ़ा नहीं सकता। वस्तु 1 की एक अतिरिक्त इकाई पाने के लिए उसे वस्तु 2 की कितनी इकाई छोड़नी होगी यह दो वस्तुओं की कीमत पर निर्भर करेगा।
4. एक उपभोक्ता दो वस्तुओं का उपभोग करने के लिए इच्छुक है। दोना वस्तुओं की कीमत क्रमशः 4 रुपए तथा 5 रुपए हैं। उपभोक्ता की आय 20 रुपए है:
(i) बजट रेखा के समीकरण को लिखिए।
उत्तर:
(ii) उपभोक्ता यदि अपनी सम्पूर्ण आय वस्तु 1 पर व्यय कर दे, तो वह उसकी कितनी मात्रा का उपभोग कर सकता है?
उत्तर:
(iii) यदि वह अपनी सम्पूर्ण आय वस्तु 2 पर व्यय कर दे, तो वह उसकी कितनी मात्रा का उपभोग कर सकता है?
उत्तर:
(iv) बजट रेखा की प्रवणता क्या है?
उत्तर:
5. यदि उपभोक्ता की आय बढ़कर 40 रुपए हो जाती है, परन्तु कीमत अपरिवर्तित रहती है तो बजट रेखा में क्या परिवर्तन होता है?
उत्तर: आय बढ़ने का अर्थ होता है कि उपभोक्ता अधिक वस्तुएँ खरीद सकता है।
उदाहरण:
6. यदि वस्तु 2 की कीमत में एक रुपए की गिरावट आ जाए परन्तु वस्तु 1 की कीमत में तथा उपभोक्ता की आय में कोई परिवर्तन नहीं हो, तो बजट रेखा में क्या परिवर्तन आएगा?
उत्तर:
7. अगर कीमतें और उपभोक्ता की आय दोनों दुगुनी हो जाए, तो बजट सेट कैसा होगा?
उत्तर:
8. मान लीजिए कि कोई उपभोक्ता अपनी पूरी आय का व्यय करके वस्तु 1 की 6 इकाइयाँ तथा वस्तु 2 की 8 इकाइयाँ खरीद सकता है। दोनों वस्तुओं की कीमतें क्रमशः 6 रुपए तथा 8 रुपए हैं। उपभोक्ता की आय कितनी है?
उत्तर:
9. मान लीजिए, उपभोक्ता दो ऐसी वस्तुओं का उपभोग करना चाहता है जो केवल पूर्णांक इकाइयों में उपलब्ध हैं। दोनों वस्तुओं की कीमत 10 रुपए के बराबर ही है तथा उपभोक्ता की आय 40 रुपए है।
(i) वे सभी बंडल लिखिए, जो उपभोक्ता के लिए उपलब्ध है।
उत्तर:
(ii) जो बंडल उपभोक्ता के लिए उपलब्ध हैं, उनमें से वे बंडल कौन से हैं जिन पर उपभोक्ता के पूरे 40 रुपए व्यय हो जाएँगे।
उत्तर:
10. ‘एकदिष्ट अधिमान’ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: “एकदिष्ट अधिमान” का अर्थ है कि उपभोक्ता हमेशा किसी वस्तु की अधिक मात्रा को कम मात्रा की तुलना में अधिक पसंद करता है। इसका परिणाम यह होता है कि उसकी अनाधिमान वक्र की प्रवणता सदैव नीचे की ओर होती है। यदि उपभोक्ता का अधिमान एकदिष्ट है, तो वह संयोजन (4, 5) की अपेक्षा संयोजन (5, 5) या (4, 6) को प्राथमिकता देगा, क्योंकि इन संयोजनों में किसी एक वस्तु की मात्रा अधिक है।
11. यदि एक उपभोक्ता के अधिमान एकदिष्ट हैं, तो क्या वह बंडल (10, 8) और बंडल (8, 6) के बीच तटस्थ हो सकता है?
उत्तर: नहीं, यदि एक उपभोक्ता के अधिमान एकदिष्ट हैं तो वह बंडल (10, 8) को (8, 6) से अधिक प्राथमिकता देगा।
12. मान लीजिए, कि उपभोक्ता के अधिमान एकदिष्ट हैं। बंडल (10, 10), (10, 9) तथा (9, 9) पर उसके अधिमान श्रेणीकरण के विषय में आप क्या बता सकते हैं?
उत्तर: वह (10, 10) को (10, 9) से अधिक तथा (10, 9) को (9, 9) से अधिक प्राथमिकता देगा यानि U(10, 10) > U(10, 9) > U(9, 9)
13. मान लीजिए कि आपका मित्र, बंडल (5, 6) तथा (6, 6) के बीच तटस्थ है। क्या आपके मित्र के अधिमान एकदिष्ट है?
उत्तर: नहीं, यदि उसके अधिमान एकदिष्ट होते तो वह (6, 6) को (5, 6) से अधिक प्राथमिकता देता।
14. मान लीजिए कि बाज़ार में एक ही वस्तु के लिए दो उपभोक्ता हैं तथा उनके माँग फलन इस प्रकार हैं:
d₁ (p) = 20 – p किसी भी ऐसी कीमत के लिए जो 20 से कम या बराबर हो तथा = d1 (p) = 0 किसी ऐसी कीमत के लिए जो 20 से अधिक हो।
d, (p) = 30 – 2p किसी भी ऐसी कीमत के लिए जो 15 से कम या बराबर हो और d₁ (p) = 0 किसी ऐसी कीमत के लिए जो 15 से अधिक हो।
बाज़ार माँग फलन को ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
15. मान लीजिए, वस्तु के लिए 20 उपभोक्ता हैं तथा उनके माँग फलन एक जैसे हैं:
d(p) = 10 – 3p किसी ऐसी कौमत के लिए जो 10/3 से कम हो अथवा बराबर हो तथा
d1(p) = 0 किसी ऐसी कीमत पर 10/3 से अधिक है। बाज़ार माँग फलन क्या है?
उत्तर:
16. एक ऐसे बाज़ार को लीजिए, जहाँ केवल दो उपभोक्ता हैं तथा मान लीजिए वस्तु के लिए उनकी माँगें इस प्रकार हैं:
P | d¹ | d² |
1 | 9 | 24 |
2 | 8 | 20 |
3 | 7 | 18 |
4 | 6 | 16 |
5 | 5 | 14 |
6 | 4 | 12 |
वस्तु के लिए बाजार माँग की गणना कीजिए।
उत्तर:
P | d¹ | d² | बाज़ार माँग(d1 + d2) |
1 | 9 | 24 | 33 |
2 | 8 | 20 | 28 |
3 | 7 | 18 | 25 |
4 | 6 | 16 | 22 |
5 | 5 | 14 | 19 |
6 | 4 | 12 | 16 |
17. सामान्य वस्तु से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: सामान्य वस्तु वह होती है, जिस वस्तु का आय के साथ धनात्मक संबंध हो अर्थात् जब उपभोक्ता की आय में वृद्धि होती है, तो वह वस्तु अधिक मात्रा में खरीदी जाती है, जिससे उसकी माँग बढ़ जाती है। इसके विपरीत, उपभोक्ता की आय कम होने पर जिस वस्तु की माँग बढ़ती हो तथा उपभोक्ता की आय कम होने पर जिस वस्तु की माँग कम होती हो वह सामान्य वस्तु कहलाती है।
18. निम्नस्तरीय वस्तु को परिभाषित कीजिए। कुछ उदाहरण दीजिए।
उत्तर: निम्नस्तरीय वस्तुएँ ऐसी वस्तुओं को कहा जाता है जिनका उपभोक्ता की आय के साथ विपरीत दिशा में संबंध होता है अर्थात जब उपभोक्ता की आय बढ़ती है और किसी वस्तु की माँग घट जाती है, तथा उपभोक्ता की आय कम होने पर जिस वस्तु की माँग बढ़ती है, ऐसी वस्तु को निम्नस्तरीय वस्तु कहलाती है। कोई वस्तु सामान्य है या निम्नस्तरीय, यह पूरी तरह उपभोक्ता की पसंद और प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है। जो वस्तु एक उपभोक्ता के लिए सामान्य है वह किसी अन्य के लिए निम्नस्तरीय हो सकती है फिर भी साधारणतः जो वस्तुएँ निम्नस्तरीय वस्तु की श्रेणी में आती हैं उनके उदाहरण हैं-ज्वार, बाजरी, साप्ताहिक बाजारों में बिकने वाला माल, टोन्ड दूध आदि।
19. स्थानापन्न को परिभाषित कीजिए। ऐसी दो वस्तुओं के उदाहरण दीजिए जो एक-दूसरे के स्थानापन्न हैं।
उत्तर: स्थानापन्न वस्तुएं वे वस्तुएं होती हैं जिनका उपयोग एक-दूसरे के स्थान पर किया जा सकता है, जैसे चाय और कॉफ़ी, बालपेन तथा स्याही वाला पेन। इन वस्तुओं में से एक वस्तु की कीमत बढ़ने पर दूसरी की माँग बढ़ जाती है तथा कीमत काम होने पर दूसरी वस्तु की माँग कम हो जाती है।
उदाहरण के लिए, यदि कॉफ़ी की कीमत बढ़ जाती है, तो लोग इसके स्थान पर चाय का अधिक सेवन करने लगते हैं, जिससे चाय की माँग बढ़ जाती है।
20. पूरकों को परिभाषित कीजिए। ऐसी दो वस्तुओं के उदाहरण दीजिए, जो एक-दूसरे के पूरक हैं।
उत्तर: पूरक वस्तुएँ वे होती हैं जिनका प्रयोग किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए साथ-साथ किया जाता है। “वे वस्तुएँ जो किसी मानव की आवश्यकता या इच्छा की पूर्ति के लिए एक साथ उपयोग की जाती हैं, पूरक वस्तुएँ कहलाती हैं। उदाहरण- समोसा और चटनी, मोबाइल फोन और सिम, बिजली और बिजली उपकरण।
21. माँग की कीमत लोच को परिभाषित कीजिए।
उत्तर: किसी वस्तु की कीमत में परिवर्तन होने पर उस वस्तु की माँग की जाने वाली मात्रा के संख्यात्मक माप को माँग की कीमत लोच कहा जाता है। दूसरे शब्दों में, माँग की कीमत लोच वस्तु की माँग की गई मात्रा में प्रतिशत परिवर्तन और वस्तु की कीमत में प्रतिशत परिवर्तन का अनुपात है।
22. एक वस्तु की माँग पर विचार करें। 4 रुपये की कीमत पर इस वस्तु की 25 इकाइयों की माँग है। मान लीजिए वस्तु की कीमत बढ़कर 5 रुपये हो जाती है तथा परिणामस्वरूप वस्तु की माँग घटकर 20 इकाइयाँ हो जाती है। कीमत लोच की गणना कीजिए।
उत्तर:
ed = (वस्तु के लिए माँग में प्रतिशत परिवर्तन/वस्तु की कीमत में प्रतिशत परिवर्तन)
अतः इस उदहारण में माँग की लोच 0.8 या इकाई से कम (ed < 1) या कम लोचदार है।
23. माँग वक्र D(p) = 10 – 3p को लीजिए। कीमत 5/3 पर लोच क्या है?
उत्तर:
24. मान लीजिए किसी वस्तु की माँग की कीमत लोच -0.2 है। यदि वस्तु की कीमत में 5% की वृद्धि होती है, तो वस्तु के लिए माँग में कितनी प्रतिशत कमी आएगी?
उत्तर: माँग की कीमत लोच (Price Elasticity of Demand) का सूत्र है:
माँग में प्रतिशत परिवर्तन/कीमत में प्रतिशत परिवर्तन
यहाँ,
माँग की कीमत लोच = -0.2
कीमत में परिवर्तन = +5% (वृद्धि)
सूत्र में मान रखकर:
माँग में प्रतिशत परिवर्तन/5 = -0.2
माँग में प्रतिशत परिवर्तन = -0.2 × 5 = -1%
अतः, वस्तु की कीमत में 5% वृद्धि होने पर माँग में 1% की कमी आएगी।
25. मान लीजिए, किसी वस्तु की माँग की कीमत लोच -0.2 है। यदि वस्तु की कीमत में 10% वृद्धि होती है, तो उस पर होने वाला व्यय किस प्रकार प्रभावित होगा?
उत्तर: eD (माँग की कीमत लोच) = -0.2
eD = (वस्तु के लिए माँग में प्रतिशत परिवर्तन)/(वस्तु की कीमत में प्रतिशत परिवर्तन)
-0.2 = (वस्तु के लिए माँग में प्रतिशत परिवर्तन)/(10) वस्तु के लिए माँग में प्रतिशत परिवर्तन = -0.2 × 10 = -2 क्योंकि ep < 1, यह एक बेलोचदार माँग की स्थिति हैं।
हम देख सकते हैं कि एक वस्तु की कीमत में 10 प्रतिशत की वृद्धि हो रही हैं, जबकि वस्तु की माँगी गई मात्रा में 10 प्रतिशत से कम गिरावट हो रही है। अतः कुल व्यय बढ़ेगा।
26. मान लीजिए कि किसी वस्तु की कीमत में 4% की गिरावट होने के परिणामस्वरूप उस पर होने वाले व्यय में 2% की वृद्धि हो गई। आप माँग की लोच के बारे में क्या कहेंगे?
उत्तर: दिया हुआ हैं,
कीमत में कमी = 4 प्रतिशत
व्यय में वृद्धि = 2 प्रतिशत
चूँकि व्यय (P × Q) में 4 प्रतिशत से कम वृद्धि हुई है,
इसलिए माँगी गई मात्रा में भी 4 प्रतिशत से कम वृद्धि हुई है।
अतः माँग बेलोचदार 0 < ep < 1 है।

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